Saturday, 25 February 2023

पुणे में कसबा विधानसभा के 26 फरवरी को होने वाले उपचुनाव के लिए शरद पवार ने घटिया मुस्लिम राजनीति करते हुए कहा है कि मोदी RSS को हराने के लिए 100% मुसलमानों के वोट करने और दुबई से भी मुस्लिम वोटर लाने की जरूरत है -

मराठा छत्रप शरद पवार की 
कथित “चाणक्य नीति” उद्धव को 
बर्बाद करने और भाजपा को 
झटका देने की थी -
असली चाणक्य तो अमित शाह ही हैं -

पुणे में कसबा विधानसभा के 26 फरवरी को होने वाले उपचुनाव के लिए शरद पवार ने घटिया मुस्लिम राजनीति करते हुए कहा है कि मोदी RSS को हराने के लिए 100% मुसलमानों के  वोट करने और दुबई से भी मुस्लिम वोटर लाने की जरूरत है -

अभी उद्धव सेना को बर्बाद करने का प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद भी खतरनाक खेल खेलना चाहते हैं शरद पवार जिसकी मंशा थी कि उद्धव को जबरदस्ती मुख्यमंत्री बना कर उसे असफल साबित कर दिया जाए जिससे उद्धव की शिवे सेना ख़त्म हो और सेना के वोट शेयर पर शरद पवार का कब्ज़ा हो जाए - शरद पवार एक तरफ उद्धव को कह रहे हैं कि नए चुनाव चिन्ह पर आगे बढ़ो और दूसरी तरफ चुनाव आयोग को भी कोस रहे हैं तीर कमान शिंदे को देने के लिए -

लेकिन शरद पवार का खेल ख़त्म हो गया क्योंकि शिव सेना तो ख़त्म हो गई परंतु शिंदे की शिव सेना उद्धव सेना के वोट शेयर पर कब्ज़ा कर लेगी, अलबत्ता पवार के हाथ में बस मुस्लिम वोट का ही झुनझुना रह जाएगा जिसके लिए कांग्रेस भी पापड़ बेलेगी और ओवैसी भी तो है -

उद्धव को ख़त्म करके शरद पवार ने बालासाहब ठाकरे द्वारा अपमानित किए जाने का बदला लिया है - 1999 में बालासाहब ने एक इंटरव्यू में कहा था “Won’t go with scoundrel” और यह कह कर उन्होंने एनसीपी के साथ गठबंधन करने से मना कर दिया था - दरअसल बालासाहब ठाकरे अटलबिहारी वाजपेयी / भाजपा का साथ शरद पवार के लिए छोड़ना नहीं कहते थे और इसलिए उन्होंने पवार को scoundrel तक कह दिया था - 

बालासाहेब ठाकरे का वह शब्द scoundrel शरद पवार के दिल में चुभ रहा था और उद्धव को तबाह करके पवार ने उस शब्द का बदला लेने का काम किया जिसे उद्धव समझ नहीं पाए - 
जिस तरह शरद पवार ने अपने “शागिर्द” संजय राउत के जरिए उद्धव की बर्बादी की पटकथा लिखी और हर गलत काम करवाया, वह केवल यह सोच कर किया कि उससे पवार का फायदा होगा - यहां तक उद्धव को हिंदुत्व के मार्ग से भी विमुख करा दिया -

उद्धव के 55 में से 40 विधायकों को शिंदे के नेतृत्व में ढाई साल के समय में आभास हो गया था कि अगले चुनाव में उनका भविष्य अंधकार में होगा क्योंकि मुस्लिम तो वोट देगा नहीं और हिन्दू भी दूर हो जायेगा - इसलिए शिवसेना का साथ छोड़ना ही समझदारी होगी और भाजपा के साथ मिलकर यह “अस्थाई व्यवस्था” की गई कि शिवसेना को पूरा कब्जे में लेने तक शिंदे मुख्यमंत्री रहेंगे और उसके बाद देवेंद्र फडणवीस को कुर्सी दे दी जाएगी -

देवेंद्र फडणवीस ने रहस्य खोला है कि 23 नवंबर, 2019 को उनके CM और अजीत पवार के DY CM बनने के बारे में शरद पवार को पूरी जानकारी थी - इसके जवाब में पवार कह रहे हैं कि हर बात बताने के लिए तो नहीं होती, मतलब मान रहे हैं कि उनकी मर्जी से फडणवीस और अजीत पवार ने शपथ ली - लेकिन उसके बाद जो केंद्र में मोदी से चाहते थे, लगता है मोदी जी ने वह देने से मना कर दिया और अजीत पवार को सरकार से हटने पर मजबूर कर दिया -

शरद पवार को अब केवल मुस्लिम कार्ड के भरोसे चुनाव लड़ना पड़ेगा, चाहे वो BMC हो, या लोकसभा और या फिर विधानसभा - उद्धव के मुख्यमंत्री बनने पर कहा गया था भाजपा का चाणक्य फेल हो गया, मराठा चाणक्य से मात दे दी अमित शाह को - किसी को क्या पता था अमित शाह के तरकश में कौन कौन से बाण हैं जो शरद पवार को चित कर देंगे -

(सुभाष चन्द्र)
"मैं वंशज श्री राम का"
24/02/2023


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