कितना मुश्किल है औरत के लिए एक अच्छे पुरुष से दोस्ती करना, उसको अपने दिल की बात कहना, समाज मे तो औरत किसी एक पुरूष पर विश्वास करती है ये सोचकर कि शायद ये मेरे अंतर्मन की बात सुनेगा और बहुत बार औरत का फैंसला गलत भी साबित हो जाता है क्यूंकि हजारों में से एक पुरुष बुद्ध होता है जो असली में औरत के मर्म को समझता है, अधिकतर पुरुष तो औरत में अपने खालीपन को भरना चाहते हैं, बिल्कुल एक तरह की विचारधारा के दो लोगों का मिलना बहुत मुश्किल हो जाता है, कुछ पुरुष भी स्त्री में एक अच्छे सच्चे मित्र की तलाश करते हैं जो उनके मन को भी समझे परन्तु स्थिति सभी जगह लगभग एक जैसी होती है।
इसका एक ही उपाय है कि हम ख़ुशी अपने अंदर ही खोजे, बाहर खुशी तलाशने के भरोसे में न रहे।
यही जीवन का मूल मंत्र है।🌹🌹
कामुकता का खुलेपन या नग्नता से बहुत ज्यादा संबंध नहीं है ये सही है कि फैशनेबल औरतें बोल्ड होती हैं लेकिन जरूरी नहीं कि उनमें कामुकता भी भरी हो। कामुकता का संबंध देह से अधिक दिमाग से होता है चाहे वो औरत हो या मर्द।
एक पर्दे में रहने वाली औरत भी कामुक हो सकती है और होती भी है.
कामुकता का खुलेपन या नग्नता से बहुत ज्यादा संबंध नहीं है ये सही है कि फैशनेबल औरतें बोल्ड होती हैं लेकिन जरूरी नहीं कि उनमें कामुकता भी भरी हो। कामुकता का संबंध देह से अधिक दिमाग से होता है चाहे वो औरत हो या मर्द।
एक पर्दे में रहने वाली औरत भी कामुक हो सकती है और होती भी है.
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