Sunday, 20 August 2023

राजनीतिक अस्थिरता की भेट चढ़ता एक और प्रदेश*👉 *अपराधी बेलगाम*🤔👉 *बिहार की कानून एवं व्यवस्था*👉 *बिहार में अपराधी एवं माफिया तत्व जिस तरह

👉🤔 *राजनीतिक अस्थिरता की भेट चढ़ता एक और प्रदेश*
👉 *अपराधी बेलगाम*🤔
👉 *बिहार की कानून एवं व्यवस्था*
👉 *बिहार में अपराधी एवं माफिया तत्व जिस तरह जधनय घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, उससे यदि कुछ स्पष्ट हो रहा है!! तो यही कि इस राज्य में कानून एवं व्यवस्था को खुली चुनौती दी जा रही है!! अभी चंद दिन पहले पशु तस्करों ने एक दरोगा  की गोली मारकर हत्या कर दी थी और अब ओररिया में दैनिक जागरण के पत्रकार विमल कुमार यादव को अपराधियों ने उनके घर जाकर उन्हें गोलियों से भून दिया!!🤔 वह अपने भाई की हत्या के मामले में इकलौते गवाह थे !! यह मानने के अच्छे भले कारण हैं कि उनके भाई के हत्यारो ने ही उनकी जान ली !!🤔 कायदे से उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराई जानी चाहिए थी, लेकिन कोई नहीं जानता कि इसकी मांग करने के बावजूद उन्हें सुरक्षा क्यों प्रदान नहीं की गई!!❓🤔 हाल के दिनों में बिहार में अपराधी तत्व जिस तरह बेखौफ हुए हैं और उन्होंने अपने दुस्साहस का जैसा परिचय दिया है , उससे राज्य की कानून एवं व्यवस्था लचर ही दिखने लगी है!! इस पर हैरानी नहीं की हत्या और लूट की बढ़ती घटनाओं के चलते विपक्षी दलों के नेता बिहार में जंगल राज की वापसी की बात कर रहे हैं*!!
👉 *यह एक विडंबना ही है की बिहार में अपराधी तत्वों की बढ़ती गतिविधियों के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह कह रहे हैं की विरोधी दलों के नेता कानून एवं व्यवस्था की खराब होती स्थिति को लेकर फर्जी दावे कर रहे हैं!!?❓🤔 उनका आकलन कुछ भी हो, गंभीर अपराध की बढ़ती घटनाएं कुछ और ही बयां कर रही है!!🤔 बिहार में केवल पशु तस्करी में लिपत माफिया ही बे लगाम नहीं है ,🤔बल्कि खनन माफिया के साथ-साथ शराब माफिया भी बेखोफ हैं!!🤔 बिहार सरकार कुछ भी दावा  करें, शराब माफिया ने शराबबंदी को पूरी तरह विफल कर दिया है!! राज्य में अवैध तरीके से शराब बिक्री का एक पूरा नेटवर्क  बन गया है!! एक तथ्य यह भी है कि बेलगाम अपराधी पुलिस को भी निशाना बना रहे हैं!! हाल में बिहार के अपर महानिदेशक ने स्वीकार किया था की पुलिस पर हमले के मामले बढ़े हैं!!🤔 उन्होंने माना कि यह हमले तब अधिक होते हैं जब पुलिस किसी बड़े अपराधी को पकड़ने जाती है या फिर शराब माफिया के खिलाफ छापेमारी होती है!!🤔 एक समय था जब नीतीश कुमार का शासन सुशासन के लिए जाना जाता था ,लेकिन आज ऐसी स्थिति नहीं है !!🤔इसके पीछे के कारणों की न केवल पहचान करनी होगी, बल्कि उनका निवारण भी करना होगा !!वास्तव में बिहार ही नहीं, अन्य अनेक राज्यों को भी कानून एवं व्यवस्था के प्रति और अधिक सजग सक्रिय होना होगा!!🤔 कानून एवं व्यवस्था पूरी तरह राज्यों का विषय है, इसलिए उसे ठीक रखना भी राज्य सरकारों का ही दायित्व है!! बिहार समेत जिन भी राज्यों में अपराधी तत्व कानून एवं व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं, वहां के शासको को यह समझना ही होगा कि जब ऐसा होता है तो आम लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ती ही है !!🤔आर्थिक प्रगति भी बाधित होती है*!!🤔
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👉 *जिंदगी से खिलवाड़* 🤔
👉 *यदि किसी निजी अस्पताल में पूर्णकालिक डॉक्टर नहीं है , तो उसकी मान्यता रद्द की जानी चाहिए* !!
👉 *यह प्रशासनिक स्तर की लापरवाही और उदासीनता ही है की राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मानकों के विपरीत निजी अस्पतालों के खिलाफ जोर-शोर से अभियान चलाया गया ,🤔लेकिन स्थिति में सुधार न हो सका !! यह तो बहुत ही गंभीर मामला है की एक निजी अस्पताल में इंटर पास छात्राएं अस्पताल चलाती मिली !!🤔 वस्तुत: यह सिर्फ राजधानी का यह हाल नहीं है, प्रदेश के अन्य नगरों में भी कई अस्पतालों ने नामी डॉक्टरों की नेम प्लेट और उनकी डिग्रीया तो लटकी रखी है,🤔 लेकिन उनकी उपस्थिति नहीं होती!!🤔 मानकों के पालन के प्रति भी कोई गंभीरता नहीं पाई जाती!! लखनऊ में सीएमओ की टीम ने जांच की तो 2 अस्पतालों में किसी पूर्णकालिक डॉक्टर की नियुक्ति तक नहीं पाई गई और मरीज भर्ती थे!!?❓🤔 निश्चित तौर पर यह मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ है!! यदि किसी निजी अस्पताल में पूर्णकालिक डॉक्टर नहीं है ,तो उन की मान्यता रद्द की जानी चाहिए !!🤔कुछ माह पहले   (❓ स्टिंग ऑपरेशन❓)   में भी ऐसे कई निजी अस्पतालों के बारे में भी बताया गया था जो ट्रामा सेंटर का बोर्ड लगाकर संचालित किए जा रहे थे ,🤔लेकिन वहां चिकित्सीय सुविधाएं सामान्य क्लिनिको जैसी भी नहीं थी*!!🤔 
👉 *निजी अस्पतालों पर शिकंजा कैसे जाने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की मशीनरी को भी और सक्रिय की जाने की जरूरत है ताकि लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े!! एटा में 15 बार एंबुलेंस सेवा 102 को फोन करने के बाद एक गर्भवती महिला को टेंपो से अस्पताल जाने के लिए मजबूर होने की घटना विभागीय कार्यशैली पर बहुत बड़ा सवाल है!!❓🤔 लोगों को चिकित्सीय सुविधा सहजता से उपलब्ध कराने के लिए ही राज्य सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है, लेकिन कुछ कर्मचारियों की लापरवाही पूरे विभाग को शर्मसार करती है!!🤔 रायबरेली में डलमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीज से अभद्रता का प्रकरण भी सामने आया!!🤔 उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए हैं,🤔 लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसा दोबारा ना हो!!?❓🤔 मरीजों के प्रति स्वास्थ्य कर्मियों का व्यवहार संवेदना पूर्ण होना चाहिए!! 🤔 उनसे दुर्व्यवहार तो कतई अनुचित कृतय है*
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