Wednesday, 23 August 2023

कैसे होगी बदमाशों की निगरानी, पिहानी की तीसरी आंख मोतियाबिंद की शिकारपिहानी की तीसरी आंख खराब: दस लाख रुपए से लगे सीसीटीवी कैमरे बने शोपीस, वारदात होने पर निजी कैमरों का लेना पड़ता है सहारा

 पिहानी को जल्द मिलेगी अर्बन हेल्थ सेंटर सौगात --मुख्य चिकित्सा अधिकारी

 पिहानी (हरदोई)

विशेष संवाददाता - नवनीत कुमार 'राम जी'

 कस्बे के एक लाख से अधिक लोगों को जल्द ही अर्बन पीएचसी की सौगात मिलने वाली है। मोहल्ला मिश्राना में शिब्बू मिश्रा नवनिर्मित भवन में अर्बन पीएचसी खुलेगा। जिसका स्थलीय निरीक्षण बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने किया। इस दौरान सीएमओ ने अस्पताल का भी निरीक्षण किया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर जितेंद्र श्रीवास्तव ने ओपीडी में मरीजों की संख्या अधिक होने व डॉक्टरों की कमी होने पर सीएमओ से डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की मांग की । सीएमओ ने बताया कि अर्बन हेल्थ सेंटर पर ओपीडी से लेकर दवा, टीकाकरण और जांच की यहां व्यवस्था होगी। रोटेशन के आधार पर डाक्टर और नर्स की ड्यूटी लगाई जाएगी। सीएमओ  ने बताया कि विभाग में कर्मचारियों और अधिकारियों की कमी के बावजूद रोटेशन के आधार पर सभी की ड्यूटी लगाई जाएगी। पीएचसी की सभी सुविधाएं अस्पताल में मौजूद रहेगी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि अब नई पीएचसी खुलने से लोगों को और सहूलियत होगी। उन्हें इलाज के लिए लंबी दौड़ नहीं लगानी होगी।  बताया कि अर्बन पीएचसी खोलने का प्रस्ताव एनएचएम को भेजा गया है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को मुफ्त और अच्छा इलाज मिल सके, इस पर जोर दिया जा रहा है।
योजना के तहत 50 हजार की आबादी पर एक अर्बन पीएचसी स्थापित की जाएगी। इनके खुलने से बड़े अस्पतालों में मरीजों की भीड़ भी कम होगी। हर अर्बन पीएचसी पर चार बेड होंगे और डे केयर की सुविधा मरीजों को दी जाएगी। यहां ओपीडी सुबह के साथ-साथ शाम को भी चलेगी। मरीजों को एक रुपये के पर्चे पर चिकित्सीय परामर्श दिया जाएगा। दवाएं मुफ्त में दी जाएंगी। खून के साथ-साथ अन्य पैथोलाजी जांच की सुविधा होगी। बच्चों व महिलाओं के टीकाकरण की भी सुविधा होगी।

 
फोटो परिचय-- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिहानी का निरीक्षण करते सीएमओ व साथ में अधीक्षक डॉक्टर जितेंद्र श्रीवास्तव


: कैसे होगी बदमाशों की निगरानी, पिहानी  की तीसरी आंख मोतियाबिंद की शिकार

पिहानी  की तीसरी आंख खराब: दस लाख रुपए से लगे सीसीटीवी कैमरे बने शोपीस, वारदात होने पर निजी कैमरों का लेना पड़ता है सहारा

पिहानी (हरदोई)

विशेष संवाददाता - नवनीत कुमार 'राम जी'

पिहानी नगर पालिका ने लाखों रुपए खर्च कर नगर में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगवाए, लेकिन कैमरे पूरी तरह खराब हो चुके हैं। जब बात किसी वारदात के बाद सीसीटीवी चेक करने की आती है, तो पुलिस को आम लोगों के घरों पर लगे कैमरों का सहारा लेना पड़ता है। जबकि नगर पालिका ने दस लाख रुपए खर्च कर यह सीसीटीवी कैमरे लगवाए। जिन्हें कहने को तो  5 वर्ष हो गए हैं, लेकिन लगता नहीं है कि वह 1 वर्ष भी सही से चले होंगे। इस समय चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं। कहीं-कहीं तो शो पीस भी नहीं रह गए हैं।

आपको बता दें कि शहर के प्रमुख चौराहों और बाजारों में अपराध नियंत्रण और वारदातों पर अंकुश लगाने के साथ-साथ शहर की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। जिससे आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों की पहचान हो सके और वारदात को अंजाम देकर भागने वाले बदमाशों के फुटेज सीसीटीवी कैमरे में कैद हो सके।

ऐसी सोच के साथ लगभग 5 वर्ष पहले नगर पालिका परिषद ने शहर के प्रमुख चौराहों और बाजारों में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। लेकिन इसे जिम्मेदारों की लापरवाही ही कहा जाएगा कि शहर की निगरानी के लिए लाखों रुपए खर्च कर लगाई गई, तीसरी आंख की रोशनी भ्रष्टाचार के चलते खराब हो गई।

आज तक कैद नहीं हुआ जरूरी फुटेज

शहर के हर चौराहे पर लगे यह सीसीटीवी कैमरे शहर के सुरक्षा तंत्र की मजबूती की गवाही तो दे रहे हैं, लेकिन आम जनता को अनभिज्ञ है कि उनकी सुरक्षा के लिए नगर पालिका ने जो कैमरे लगवाए हैं, वह बेकार है। इसका प्रमुख कारण यह है कि कैमरे लगने के बाद आज तक इन कैमरा में ऐसा कोई फुटेज कैद नहीं हुआ। जिससे पुलिस को अपराधी तक पहुंचने का सुराग हाथ लगा हो।

इन जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे

अपराध नियंत्रण एंव शहर की निगरानी के लिए शहर के प्रमुख चौराहों और रास्तों सीसटीवी कैमरे लगवाए थे। यह कैमरे बंदर पार्क, पुरानी पुलिस चौकी ,जामा मस्जिद, रौजा गेट,गौपामऊ चुंगी, कस्बा पुलिस चौकी, कंजड तिराहा, बस स्टैंड आदि स्थानों पर लगवाए थे।

पुलिस को लेना पड़ता है निजी कैमरों का सहारा

नगर के प्रमुख चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे देखने से तो ऐसा लगता है, जैसे हर घटना को यह कैद कर रहे हो पर जब कोई वारदात होती है। तब पता लगता है कि नगर पालिका ने लगाए सभी कैमरे खराब हो चुके हैं।कुछ दिन पूर्व हुई वारदात में पुलिस को निजी कैमरों का सहारा लेना पड़ा था, यदि नगरपालिका के कैमरे सही होते तो सभी अपराधियों के चेहरे बहुत आसानी से कैद हो चुके होते।

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