*22 दिसंबर एक अद्भुत भौगोलिक दिन धरती पर 22 दिसंबर का दिन अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन दुनिया में सबसे बड़ी रात और सबसे छोटा दिन होता है वास्तव में पहले जब दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की खोज नहीं हुई थी तब उत्तरी गोलार्ध को ही पूरी दुनिया माना जाता था अब ऑस्ट्रेलिया अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी गोलार्ध में आ जाने के कारण 22 दिसंबर को सबसे बाद रात उत्तरी गोलार्ध के लिए पूरी तरह सही है जबकि सबसे छोटा दिन दक्षिणी गोलार्ध के लिए इस दिन सही है*
*हमारी धरती पर चार दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं जो 21 जून और 22 दिसंबर तथा 21 मार्च और 23 सितंबर हैं 22 दिसंबर को सबसे बड़ी रात और सबसे छोटा दिन तथा जेड का समय होता है जबकि इस समय दक्षिणी गोलार्ध में गर्मी का समय होता है और वहां सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात होती है और 21 जून को ठीक इसका उल्टा होता है जब उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन और गर्मी की ऋतु होती है और दक्षिणी गोलार्ध में सबसे छोटा दिन और ठंड का समय होता है जबकि 21 मार्च और 23 सितंबर को सारी दुनिया में दिन-रात बराबर होते हैं और सर्दी गर्मी भी बराबर बसंत के रुचि जैसा मौसम रहता है*
*22 दिसंबर को 1 महीने पहले जाडा शुरू होता है और 1 महीने बाद अर्थात 22 जनवरी से जाडा कम होने लगता है इस प्रकार नवंबर दिसंबर और जनवरी महीना ठंड का महीना माना जाता है जबकि 21 जून की 1 महीने पहले अर्थात मई में गर्मी चरम पर पहुंच जाती है और जुलाई में गर्मी धीरे-धीरे कम होने लगती है इस प्रकार मैं जून जुलाई गर्मी के महीने कहे जाते हैं जबकि फरवरी मार्च और अप्रैल में बसंत ऋतु होती है इसी प्रकार अगस्त सितंबर और अक्टूबर महीने में ठंडी और गर्मी दोनों काम रहता है और यह प्रत्येक वर्ष होता है अगर हिंदी के महीना के हिसाब से देखा जाए तो फागुन चैत्र वैशाख बसंत का महीना होता है और जेठ आषाढ़ सावन गर्मी का महीना और आषाढ़ सावन भादो वर्षा का जबकि कार्तिक अगहन और पूछ ठंड का महीना होता है*
[12/21, 2:45 PM] drdileepsingh768: *22 दिसंबर के दिनजौनपुर और आसपास 13 घंटे 30 की रात और 10 घंटे 30 मिनट का दिन होता है जबकि कश्मीर और आसपास 14 घंटे की रात और 10 घंटे का दिन होता है चीन मंगोलिया दक्षिणी यूरोप में 22 घंटे की रात और 2 घंटे का दिन होता है जबकि फिनलैंड नार्वे और सोवियत संघ के उत्तरी भागों कनाडा और ग्रीनलैंड में लगातार 3 महीने सूरज डूबता ही नहीं और दक्षिणी ध्रुव पर हमेशा 6 महीने इस समय रात रहती है और उत्तरी ध्रुव पर 6 महीने लगातार दिन रहता है रामायण काल में वर्णित कुंभकरण यहीं पर जाकर 6 महीने लगातार सोया करता था*
*अब सबसे बड़ा महत्वपूर्ण प्रश्न है कि आखिर 21 जून 22 दिसंबर 23 सितंबर और 21 मार्च को ऐसी स्थितियां क्यों उत्पन्न होती है इसका कारण है पृथ्वी की सूर्य के चारों ओर गति और अपनी दूरी पर घूमने जिसे कम से परिभ्रमण और परिक्रमण कहते हैं जब पृथ्वी लड्डू की तरह अपनी धुरी पर घूमती है तो वह परिक्रमण कहा जाता है जिससे रात और दिन होता है जबकि सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने के कारण मौसम और ऋतु में बदलती हैं इसी कारण हर वर्ष में चार ऐसे भौगोलिक दिन आते हैं जब यह अद्भुत भौगोलिक स्थितियां उत्पन्न होती हैं डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि और निर्देशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान और विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर*
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