Wednesday, 6 March 2024

महाशिवरात्रि के दिन स्नान करके श्वेत वस्त्र या हल्के वस्त्र पहने स्त्रियां लाल वस्त्र पहने इसके बाद बेलपत्र भांग धतूरा कनेर और मदार के फूल गाय का दूध दही और घी मिट्टी का बना शिवलिंग रखकर गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें यह सामान्य विधि है वैसे तो आप इसके साथ-साथ दूध से दही से गुड से बने हुए रस से मिश्री से मसान की भस्म से और घी से भी अभिषेक कर सकते हैं अगर पास में शिव जी का मंदिर है तो शिवलिंग बनाने की आवश्यकता नहीं है वहीं जाकर पूजा पाठ करना चाहिए भगवती पार्वती के लिए श्रृंगार और सुहाग की चीज भी रख ले तो और अच्छा होगा ओम नमः शिवाय 108 बार पढें मनोकामना पूरी होगी इसके अलावा शुद्ध और सच्चे मन से केवल श्रद्धा से 108 बार ओम नमः शिवाय पढ़ने पर भी संपूर्ण फल प्राप्त होगा*

[3/6, 7:33 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: [6/3, 6:52 am] drdileepsingh768: भविष्यवाणियों का मूल्यांकन और आने वाली भविष्यवाणी डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह

*जब हमारे केंद्र के द्वारा जुलाई 2023 में यह भविष्यवाणी किया गया थकी इस वर्ष के भीषण ठंड देश-विदेश के सभी कीर्तिमान को तोड़कर सैकड़ो वर्ष की सबसे लंबी भीषण ठंड सिद्ध होगी तब बड़े-बड़े धीर धुरंधर  सरकारी मौसम वैज्ञानिकों गैर और वैज्ञानिकों ने इसकी हंसी उड़ाई थी उनसे बढ़कर तमाम बड़े मीडिया के पालतू तथा कथित मौसम वैज्ञानिकों ने कहा था यह असंभव है लेकिन मुझे पूरा विश्वास था कि इस वर्ष 2023 में सितंबर से ठंड शुरू होगी जो 15 मार्च 2024 तक लगातार 6 महीने तक चलेगी और वह पूरी तरह ईश्वर की कृपा से सत्य सिद्ध हो गई इस वर्ष का मार्च महीना सैकड़ो वर्ष में सबसे ठंडा सिद्ध हुआ इसके पहले कभी भी जौनपुर और आसपास मार्च महीने में न्यूनतम तापमान 7 से 9 डिग्री के बीच नहीं दर्ज किया गया था यहां तक की उत्तरी भारत में भी रिकॉर्ड ठंडक दर्ज की गई यह हाल मध्य भारत महाराष्ट्र मुंबई का भी रहा*

* *हमारे केंद्र के द्वारा यह भी कहा गया था कि इस वर्ष जाड़े में हर महीने लगातार वर्षा होने से फसलों को सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़ेगी जिनका विश्वास करने वालों को हर एक खेती किसानी वालों को हजारों से लाखों रुपए तक का फायदा हुआ जैसा की दुनिया में होता है हमारे गिनती के मुट्ठी भर चंद और आलोचक आस्तीन के सांप शत्रु के वश में छिपे मित्रों और सगे संबंधियों बाहर से मित्र अंदर से शत्रु बने लोगों ने इन तमाम पोस्ट को सुरक्षित कर लिया था जिससे भविष्यवाणी गलत होने पर जमकर आलोचना किया जा सके जैसा कि वह हमेशा कृपा करते रहते हैं *प्रख्यात राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियां ईर्ष्या तू न गई मेरे मन से* उनके ऊपर पूरी तरह सही बैठती है क्योंकि उनको लगा था कि यह सब होना संभव है लेकिन सच को आज नहीं हो सकती जैसा की 47 वर्षों से लगातार होता रहा है और सभी भविष्यवाणी 47 वर्षों से 99 % के अदभुत आश्चर्यजनक औसत के साथ-साथ हो रही है जबकि कीरो नास्ट्रेडेमोंस बाबा बेंगा और अन्य भीषण भयंकर भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी मुश्किल से औसतन 30 से 40% सही होती है अब इन सभी महान आलोचकगण शत्रु गण तथा कुछ सगे संबंधी रिश्तेदारों को सोच नहीं रहा है कि क्या है ऊपर से चारों तरफ भविष्यवाणियों के सच होने की चर्चा से बहुतों को भीषण हर्ट अटैक होने का खतरा हो गया है*
 *अब आगे क्या होगा मौसम में हमारे जुलाई 2023 की भविष्यवाणी के अनुसार 15 मार्च तक ठंड लगातार कायम रहेगी जिसमें 2 मार्च से लेकर 12 मार्च तक ठंड बहुत अधिक रहेगी दिन में मौसम सुहावना रहेगा 15 मार्च के बाद मौसम में गर्मी बुलेट ट्रेन की रफ्तार से आगे बढ़ेगी और मार्च बिताते बीते या 40 डिग्री सेल्सियस के भयानक स्तर को पार कर लेगी अभी 15 मार्च तक वर्षा की कोई विशेष संभावना नहीं है इसलिए खेती किसानी का काम किया जा सकता है छुटपुट बूंदाबांदी भले हो अप्रैल में जून में भयंकर ठंडी गर्मी ठंड की तरह सभी कीर्तिमान तोड़ देगी और जौनपुर सहित प्रदेश में गर्मी में 47 से 49 डिग्री और भारत में 49से51 डिग्री का तापमान दर्ज किया जाएगा हमारे जैसे कुछ असली भारतीय ज्योतिष परंपरा के लोगों के कारण लोगों का ज्योतिष पंचांग वास्तु रत्न और भारतीय दर्शन पर अटूट विश्वास फिर से बढ़ता जाएगा*
[6/3, 7:14 am] drdileepsingh768: *इस वर्ष गर्मी का मौसम बहुत ही भयानक और प्रलयंकारी रहेगा तेज तूफान चक्रवाती हवाई आंधी काली आंधी लंगडी आंधी बहुत ही विनाशकारी सिद्ध होगी और अरब सागर बंगाल की खाड़ी के महा चक्रवात भी भीषण धन जनहानि करेंगे गर्मियों में देश का भाग्य पूरी तरह बदल जाएगा और एक अप्रत्याशित स्थिति वाली सरकार बिल्कुल नए सिरे से काम करना शुरू कर देगी लोगों को विश्वास नहीं होगा देश विदेश में ढेर सारे परिवर्तन आंधी तूफान चक्रवात ज्वालामुखी विस्फोट जल थल नभ दुर्घटनाओं में भयंकर वृद्धि होगी अप्राध्य अपराध घोष करी भ्रष्टाचार लाल पिता शाही संवेदनहीनता पर थोड़ा बहुत अंकुश लगेगा अपार दौलत कमाई भ्रष्टाचारी घूसखोरी भाजपा में शामिल होते जाएंगे जून जुलाई तक बहुत से अधिकारी कर्मचारी नेता भ्रष्टाचार घूसखोरी में पकड़े जाएंगे आतंकवादी उग्रवाद विदेशी षड्यंत्र और विदेशी वस्तु प्रेस पर भी नए सिरे से कम होगा सनातन धर्म का प्रचार प्रसार और तेज हो जाएगा अनेक सनातनी धर्म स्थान सुरक्षा से सनातन धर्म को सौंप दिए जाएंगे लेकिन महंगाई और भ्रष्टाचार पुलिस प्रशासन की घूसखोरी पर अंकुश नहीं लग पाएगा प्रेस पत्रकारिता और मीडिया का महत्व और उपयोगिता बढ़ेगी और उनके लिए कुछ योजनाएं सरकार चालू करेगी लोग नए सिरे से गंभीरता से देसी जड़ी बूटियां आयुर्वेद के बारे में घर के बने भोजन के बारे में सोचना शुरू कर देंगे और दुराचारी स्त्री पुरुषों की संख्या घटेगी क्योंकि लोगों को महत्व ज्ञात हो जाएगा की घर से बाहर का बना भोजन और जूठन चाटने से ही अधिकांश रोग बीमारियां होती हैं यही हाल दुराचारी स्त्री पुरुषों का भी होता है देश-विदेश में ऐसे ऐसे आश्चर्यजनक घटनाएं घटेंगे की लोग हाहाकर कर उठेंगे परग्रही एलियंस और अंतरिक्ष के ऐसे ऐसे राज खुलेंगे की दुनिया आश्चर्यचकित हो जाएगी भारत अर्थ वित्त सैनिक शक्ति में बहुत तेजी से आगे बढ़ेगा और जून तक यह विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था हो जाएगा लेकिन इसका लाभ सामान्य जनता को ना मिलकर कुछ चुनिंदा लोगों को ही मिलेगा भारत के अंतरिक्ष अभियान एक को छोड़कर सभी सफल होंगे जून जुलाई तक चीन और पाकिस्तान के साथ भयानक झड़प हो सकती है लेकिन दुनिया में कोई भी विश्व युद्ध और परमाणु युद्ध नहीं होगा चीन रूस अमेरिका पूरी दुनिया को लड़ा कर हथियार बेचकर मालामाल होते रहेंगे और यूक्रेन इजरायल युद्ध में अपने सभी नवीनतम टेक्नोलॉजी का परीक्षण कर लेंगे भाजपा गठबंधन 335 से 375 सीटों के बीच रहेगा जौनपुर में भाजपा एक सीट पाएगी उत्तर प्रदेश में 67 से 71 सीटों के बीच रहेगी डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर*
[3/6, 7:33 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: *महाशिवरात्रि और भगवान शिव की अनंत महिमा डॉक्टर दिलीप कुमार सिं*

 मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक भगवान शिव और भगवती पार्वती की महिमा अनंत है जड़ चेतन चर अचर काल और कालातीत हर जगह भगवान शिव भगवती पार्वती एक-एक कण परमाणु इलेक्ट्रान न्यूट्रॉन प्रोटोन फोटोन और प्रकाश की लहरों में विद्यमान है इसीलिए भगवान शिव को आदि देव और माता पार्वती को आदि देवी कहा जाता है सृष्टि के पहले जब कुछ नहीं था तब भी भगवान शिव भगवती पार्वती विद्यमान थे आज भी है और समस्त ब्रह्मांडों का महा प्रलय हो जाने पर भी विद्यमान रहेंगे सृष्टि की हर सभ्यता हर धर्म में भगवान शिव विद्यमान है कहीं मक्केश्वर महादेव है तो कहीं शिवलिंग के रूप में है तो कहीं अन्य रूप में विद्यमान है*
[3/6, 7:33 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: *भगवान शिव के नाम और उनकी महिमा दोनों अनंत है वह परम विस्मयकारी है अश्चार्य का केंद्र है उनके समस्त कार्यों में सही प्राचंद विरोधाभाष है एक तरफ संसार में सबसे सुंदर स्वरूप दूसरी तरफ चिता में भस्म लपेट कर सामासन में रहने वाले सिर पर अमृत वर्षा करने वाला चंद्रमा तो गले में पूरे ब्रह्माण्ड का सबसे भयानक हलाहल विष एक ओर स्वामी कार्तिकेय का वाहन मोर तो दूसरी तरफ गले में नाग की माला वहीं गणेश जी का वाहन चूहा सब एक दुसरे के परम शत्रु हैं एक तरफ बैल की सवारी तो दूसरी तरफ देवी पर्वती की सिंह की सवारी शरीर पर बाघंबर तो त्रिशूल और डमरू जैसे महान दिव्यास्त्र और वाद्य यंत्र जिनके बजाने से तीनों लोकों में निनाद होता है और उस कंपन के फल स्वरूप ब्रह्माण्ड में हलचल मच जाती है तारागण टूट टूट कर गिरने लगते हैं सारे विश्व में महा प्रलय मच जाती है और एक तरफ अल्फा बीटा गामा किरणों से युक्त उनके मस्तक के तीनों नेत्र तो दूसरी ओर लेजर और क्वासर की शक्तियों से युक्त उनकी अनंत शक्ति वे समस्त संसार में परम ब्लैक होल अर्थात महाकाली का नियंत्रण करने वाले व्हाइट होल अर्थात श्वेत विवर हैं जब महाकाली सब का वध करते हुए अपनी जिह्वा निकाल कर समग्र विश्व को जलाना चाहती हैं तब भगवान शिव उनके पैरों के नीचे लेट कर उनको अपने में समाहित कर लेते हैं*

भगवान शिव अत्यंत सी तीनों लोकों में भगवान शिव सबसे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और वरदान देने में सबसे आगे हैं इसीलिए उनको आशुतोष शिव शंकर भोला भंडारी अवढरदानी कहा जाता है अत्यंत ही सुंदर सोने से बनी लंका रावण को दान कर दिया भस्मासुर को अपने ही भस्म होने का वरदान दे दिया जालंधर सहित तारकासुर और अनंत बल विक्रमवाली राक्षस और दानववीरों का संघार किया संसार को राक्षसी अत्याचारों से मुक्ति दिलाई महा ऋषि मार्कंडेय को यमराज से बचकर उन्हें अमर कर दिया वही क्रोध आने पर वीरभद्र और महाकाली के द्वारा आतंक और अन्य की प्रतिरूप दक्ष का सिर काटकर उनके यज्ञ का विध्वंस कर दिया तीनों लोकों में कोई भी उनकी रक्षा नहीं कर पाया

दुनिया के सभी तिरस्कृत और बहिष्कृत लोग उनके गण हैं जिनकी विचित्र वेशभूषा है और जो भगवान शिव के लिए हमेशा मर मिटने को तैयार रहते हैं नदी और भृंगी महाकाली और भैरव तथा वीरभद्र जैसे तीनों लोकों का विनाश करने वाले अनंत बलशाली योद्धा हैं भगवान शिव ने ही संसार के सभी दिव्यास्त्र त्रिशूल डमरू हर प्रकार के गीत संगीत वाद्य यंत्रों और कला कौशल का निर्माण किया है एक से बढ़कर एक दिव्य अस्त्र-शस्त्र भगवान विष्णु ब्रह्मा देव और देवी देवताओं को प्रदान किया है जब-जब संसार पर विपत्ति पड़ी है तब तक उन्होंने संसार का उद्धार किया है जब हलाहल विष के प्रभाव से तीनों लोक जलने लगा तब उन्होंने उसे हलाल विश्व को पी लिया वह देश काल जीवन मृत्यु दिशा और हर प्रकार से हर चीजों से परे हैं उनके मोहिनी रूप को देखकर भगवान विष्णु भी मोहित हो गए थे

विश्व की जितनी सभ्यताएं और जितने धर्म हैं सब में किसी न किसी रूप में भगवान शिव की पूजा होती है चाहे वह सनातनी धर्म हो मुस्लिम हो क्रिश्चियन हो या यहूदी धर्म हो सिंधु घाटी चीन यूनान रोम मिश्र मेंसोपोतामियां अफ्रीका अजतेक माया सभ्यता हर जगह भगवान शिव माता पार्वती को ही पूजनीय माना गया है वैदिक सभ्यता से लेकर पुराण और आधुनिक काल तक भगवान शिव परम बंदनीय हैं उनके 11 अवतार हैं
[3/6, 7:33 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: जिस तरह भगवान शिव भोला भंडारी है उसी प्रकार उनकी पूजा भी अत्यंत सरल है शुद्ध मन से केवल भगवान शिव को पुकार लेने पर ही वे साक्षात प्रकट हो जाते हैं अगर व्यक्ति अपने पाप बुराई छोड़कर भगवान शिव का आवाहन करता है तो उसे तत्काल परम पद की प्राप्ति होती है वह बेल के पात्र बर भांग और धतूरा भांगजैसी चीजों से ही परम प्रसन्न हो जाते हैं वैसे तो उनको श्वेत वस्त्र और श्वेत पुष्प बहुत ही प्रिया हैं क्योंकि सभी रंगों को मिलने पर श्वेत रंग बनता है वैसे ही सारी पूजा अर्चना यज्ञ हवन अनुष्ठान अंत में भगवान शिव में ही समाहित हो जाती है वैसे तो सबसे बड़ी पूजा महा रुद्राभिषेक माना जाता है जो भगवान शिव की ही पूजा है दुनिया भर की जो चीज कोई नहीं छूता वही भगवान शिव को पूजा में चढ़ाया जाता है धतूरा और कनेर का फूल भी उनको अत्यंत ही प्रिय है
[3/6, 7:33 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: जिस तरह भगवान शिव परम आश्चर्य के केंद्र हैं इस तरह भगवती पार्वती भी परम आश्चर्य के स्रोत में से हैं जिनका कोई आदि अंत नहीं है शक्ति के बिना शिव और शिव के बिना शक्ति अधूरे हैं अपनी परम तपस्या द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करके उन्होंने भगवान शिव की अर्धांगिनी बनने का गौरव प्राप्त किया और भगवान कार्तिकेय और भगवान गणेश जैसे पुत्रों की मां बनी आठों सिद्धि और नव निधि इनके रूप हैं नौ देवियां भी इन्हीं की रूप हैं जो काम त्रिदेव और सभी देवी देवताओं के लिए असंभव हो जाता है वह काम माता पार्वती कभी दुर्गा जी कभी महाकाली कभी चंडमुंडविनाशिनी का रूप धारण करके पूरा करते हैं
[3/6, 7:33 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: भगवान शिव सरल से सरल और अत्यंत गन से गुण हैं उनमें ही सामग्र ब्रह्मांड मटर एंटीमैटर एनर्जी एंटी एनर्जी ब्लैक होल व्हाइट होल यूनिवर्स एंटी यूनिवर्स इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन न्यूट्रॉन अल्फा बीटा गामा सब कुछ समाहित है उनके डमरू में जहां क्वांटम किरणें निकलते हैं वही उनके पास पाठ अस्त्र से सामग्र विश्व का विनाश हो जाता है जाता झूठ धारी आकाशगंगा से गिरती हुई गंगा के अनंत वेज को संभालने वाले सर पर गंगा और हृदय पर पार्वती जी को धारण करने वाले रावण का मान मर्दन करने वाले और उसे वरदान देने वाले भगवान श्री राम के भक्त और भगवान श्री राम के द्वारा वंदनीय भगवान भोलेनाथ को जो मन वचन कर्म से याद करता है यह शुद्ध मन से उनकी पूजा पाठ करता है उसको भगवान शिव के शिवलोक की प्राप्ति होती है हिमालय पर्वत पर स्थित कैलाश शिखर और मानसरोवर झील का रहस्य आज तक ना कोई जान पाया है और ना इसका था पता ले पाया है इसीलिए तो उन्हें देवों के देव आदि देव महादेव कहा जाता है भगवान शिव भोलेनाथ आशुतोष कैलाशपति भोला भंडारी रूद्र महारुद्र महाकाल कालांतक  त्रिपुरारी जैसे उनके असंख्य नाम है जो हर प्रकार की ऊर्जा और बंधन से मुक्त हैं अपने में ही ली है और उनके अंदर सब कुछ ली है*
[3/6, 11:14 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: *महाशिवरात्रि के दिन स्नान करके श्वेत वस्त्र या हल्के वस्त्र पहने स्त्रियां लाल वस्त्र पहने इसके बाद बेलपत्र भांग धतूरा कनेर और मदार के फूल गाय का दूध दही और घी मिट्टी का बना शिवलिंग रखकर गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें यह सामान्य विधि है वैसे तो आप इसके साथ-साथ दूध से दही से गुड से बने हुए रस से मिश्री से मसान की भस्म से और घी से भी अभिषेक कर सकते हैं अगर पास में शिव जी का मंदिर है तो शिवलिंग बनाने की आवश्यकता नहीं है वहीं जाकर पूजा पाठ करना चाहिए भगवती पार्वती के लिए श्रृंगार और सुहाग की चीज भी रख ले तो और अच्छा होगा ओम नमः शिवाय 108 बार पढें मनोकामना पूरी होगी इसके अलावा शुद्ध और सच्चे मन से केवल श्रद्धा से 108 बार ओम नमः शिवाय पढ़ने पर भी संपूर्ण फल प्राप्त होगा*

No comments:

Post a Comment