एक स्त्री ऐसी भी है-
जो भाग जाती है..
पचास साल की उम्र में,
अपने किसी
अज्ञात-प्रेमी के साथ..
पति ढूँढ़ता रहता है,
उसका ठिकाना-
शहर-दर-शहर..
इस स्टेशन..उस स्टेशन..
भटकते हुए..लाचार होकर..!
बीस-बीस..
पच्चीस-पच्चीस साल के
हो गए,बेटे...
अब
उसका परिचय देते हुए
पी लेते हैं-
ख़ून के घूँट..
किसी के कुछ पूछने पर..!
चुप हो जाते हैं ..
या
फिर कह देते हैं-
"चली गयी..
अच्छा ही हुआ..!
घर नरक हो गया था..!"
क्या कहें-
"हाँ..!
मेरी माँ(?) ही थीं?"
एक स्त्री ऐसी भी है-
जो
ब्याह के
आठ-नौ साल बाद
ग़ायब होकर...
आकर बैठ गयी है
सामने के ही घर में..,
कुछ दिन बाद..
पूरी निर्लज्जता..
पूरे स्वाभिमान के साथ..!
उस
क्रूर-हृदया को देखकर
छोटे-छोटे..अबोध बच्चे..
आज भी कहते हैं,आपस में..
रोते हुए-
"अम्मा
अभी दिखीं थीं-छत पर
फिर चलीं गयीं..!"
बाप
नाक पोंछता है..!
टट्टी-पेशाब करवाता है..!
कपड़े धुलता है..!
जानवरों को खिलाता है..!
फिर
बैठा ले जाता है,सबको-
साइकिल के कैरियर पर..!
तपती-धूप में
भट्ठे पर ईंट पाथने..!
एक स्त्री ऐसी भी है-
जो पति से
तनिक
कोई बात होने पर
देने लगती है,धमकी..
पूरे घर को-
"ऐसा सबक़ सिखाऊँगी
ज़िन्दगी-भर
याद रखोगे,सब लोग..!"
एक स्त्री ऐसी भी है-
जो गाली देती है,फ़ोन पर..!
मन का कुछ न होने पर
मारती है,थप्पड़..
अपने पति-परमेश्वर को..!
एक स्त्री ऐसी भी है-
जो ससुर के साथ
मायके से
ससुराल लौटते समय
उतर जाती है..
पानी लेने के लिये
ट्रेन से..स्टेशन पर..!
दस साल बाद
पता चलता है-
वह चली गयी थी..
गाँव के ही
एक आदमी के साथ..
जो बाहर रहकर कमाता है..!
एक स्त्री ऐसी भी होती है-
जो ब्याह कर घर आते ही
भाई-भाई को तोड़ने...
आँगन में
दीवार खड़ी करने में देती है,
अपना पूरा योगदान..
हरसम्भव..
सबसे पहले..!
एक स्त्री ऐसी भी होती है..
सास-बहू के रूप में-
जिनके
दो पाटों के बीच पिसकर
धूल हो जाता है...
अपने मन को पत्थर करके
सब कुछ सहता
मूक-बधिर पुरुष-
"हमारे एक भी शब्द
बीच में बोल देने से
कुछ भी हो सकता है..!"
एक स्त्री ऐसी भी होती है-
जिसके
दहेज़ के झूठे
मुकदमे के कारण
हो जाता है-
पुरुष के जीवन में...
गहरा अँधेरा..,
सलाख़ों के पीछे..
नारकीय-यन्त्रणा में
अभिशप्त होकर...!
एक स्त्री ऐसी भी है-
जो
पुरुषों की नक़ल में
उड़ाती है..,
चौराहे पर खड़ी होकर..
सिगरेट के धुएँ के छल्ले..!
लटकी रहती है...
अपनी बारी के इंतज़ार में..
बियर-शॉप के काउण्टर पर..!
एक स्त्री ऐसी भी है
जो लेती है..
अपने
दुधमुँहे-शिशु के साथ-सेल्फ़ी..
फिर दबा देती है-गला..
पूरी नृशंसता से..! #photography
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