Wednesday, 13 November 2024

सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत जारी किया सुप्रीम गाइड लाइंस*__

_*सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत जारी किया सुप्रीम गाइड लाइंस*__ 

*नई दिल्ली -- देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय संविधान 1950 के अनुच्छेद 142 के तहत दिशा निर्देश जारी किया गया है, जिसमेें निम्नलिखित बिंदु को दर्शाया गया है। देश की जनता को अब बुलडोजर जस्टिस से मिलेगी राहत। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बुलडोजर न्याय पर बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर से लोगों के घर गिराए जाने को असंवैधानिक बताया है। अदालत ने कहा कि यदि कार्यपालिका किसी व्यक्ति का मकान केवल इस आधार पर गिरा देती है कि वह अभियुक्त है, तो यह कानून के शासन का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा की यहां तक कि गंभीर अपराधों के आरोपी और दोषी के खिलाफ भी बुलडोजर की कार्रवाई बिना नियम का पालन किए नहीं की जा सकती। कोर्ट ने कहा, कानून का शासन ,नागरिकों के अधिकार और प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत आवश्यक शर्त है। अगर किसी संपत्ति को केवल इसलिए ध्वस्त कर दिया जाता है क्योंकि व्यक्ति पर आरोप लगाया गया है तो यह पूरी तरह से असंवैधानिक है।*

1. *यदि ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया जाता है, तो इस आदेश के विरुद्ध अपील करने के लिए समय दिया जाना चाहिए।*

2. *बिना अपील के रात भर ध्वस्तीकरण के बाद महिलाओं और बच्चों को सड़कों पर देखना सुखद दृश्य नहीं है।*

3. *बिना कारण बताओ नोटिस के ध्वस्तीकरण नहीं।*

4. *मालिक को पंजीकृत डाक द्वारा नोटिस भेजा जाएगा और संरचना के बाहर चिपकाया जाएगा।*

5. *नोटिस से 15 दिनों का समय नोटिस तामील होने के बाद से होगा।*

6. *तामिला होने के बाद कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सूचना भेजी जाएगी।*

7. *कलेक्टर और डीएम नगरपालिका भवनों के ध्वस्तीकरण आदि के प्रभारी नोडल अधिकारी एक महीने के भीतर नियुक्त करेंगे।*

8. *नोटिस में उल्लंघन की प्रकृति, व्यक्तिगत सुनवाई की तिथि और किसके समक्ष सुनवाई तय की गई है, डिजिटल पोर्टल उपलब्ध कराया जाएगा।जहां नोटिस और उसमें पारित आदेश का विवरण उपलब्ध होगा।*

9. *प्राधिकरण व्यक्तिगत सुनवाई सुनेगा और मिनट को भी रिकॉर्ड किया जाएगा और उसके बाद अंतिम आदेश पारित किया जाएगा। इसमें यह उत्तर दिया जाना चाहिए कि क्या अनधिकृत संरचना समझौता योग्य है और अगर ऐसा नहीं है तो गिराया जाना ही एक मात्र विकल्प क्यों है ?*

10. *इससे जुड़ा आदेश डिजिटल पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा।*

11. *आदेश के 15 दिनों के भीतर मालिक को अनधिकृत संरचना को ध्वस्त करने या हटाने का भी अवसर दिया जाएगा और अगर अपीलीय निकाय ने आदेश पर रोक नहीं लगाई है तभी गिराने की कार्रवाई की जाएगी।*

12. *विध्वंस की कार्यवाही की वीडियोग्राफी की जाएगी। वीडियो को संरक्षित किया जाना चाहिए। उक्त विध्वंस रिपोर्ट नगर आयुक्त को भेजी जानी चाहिए।*

13. *सभी निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए और इन निर्देशों का पालन न करने पर अवमानना ​​और अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी और उन अधिकारियों को मुआवजे के साथ ध्वस्त संपत्ति की लागत वापस करने के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा।*
14. *सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिए जाने चाहिए।*

15. *जिले का DM आज से एक महीने के भीतर गिराए जाने वाली संपत्तियों से निपटने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा*

16. *प्रत्येक स्थानीय प्राधिकरण को तीन महीने के भीतर एक डिजिटल पोर्टल बनना होगा जिसमें नोटिस का विवरण होगा।*
17. *तोड़फोड़ की कार्यवाही की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए। तोड़फोड़ की रिपोर्ट डिजिटल पोर्टल पर प्रदर्शित की जानी चाहिए।*

 _*उक्त तमाम बिंदु से जनता के उपद्रवी वर्ग को अब मिलेगी बड़ी राहत जिससे जनता विशेष में ख़ुशी का माहौल है। चूंकि फैसला उनके पक्ष में है इसलिए न्याय पालिका पर पूर्व की तरह भरोसा बना हुआ है।*_

*Aumtv Moradabad Uttar Pradesh India Editor K Kumar 

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