Tuesday, 30 January 2024

पाकीज़ा कौन थी ? अधिकतर दर्शक यही समझते हैं - इस सिनेमा में मीना कुमारी ही पाकीज़ा हैं - बल्की कहानी कुछ और है - बकौल कमाल अमरोही के पुत्र :

पाकीज़ा कौन थी ? 
अधिकतर दर्शक यही समझते हैं - इस सिनेमा में मीना कुमारी ही पाकीज़ा हैं - बल्की कहानी कुछ और है - बकौल कमाल अमरोही के पुत्र : 

सिनेमा के अंतिम दृश्यों में - जब राजकुमार मीना कुमारी को इज्जत के साथ विदा कर के ले जाते हैं - उसी दृश्य में - एक छोटी सी टीनएजर लड़की पर कैमरा फोकस करता है - वो लड़की बारात को देख बहुत खुश होती है - उसे लगता है एक दिन उसके लिए भी बारात आयेगी और वो भी मीना कुमारी की तरह हंसी खुशी विदा लेगी - पर ऐसा नहीं है - वो लड़की अब बस चंद दिनों में कोठे पर नाचने को थी । 
इस सिनेमा के एडिटर डी एन पाई ने लगभग इस दृश्य को उड़ा दिया था - जब कमाल अमरोही को पता चला - वो पाई साहब को समझाए - पाई साहब बोले - "यही लड़की पाकीज़ा है ..यह बात कौन समझेगा ? " कलाम अमरोही बोले - " अगर एक आदमी भी समझ गया - यही लड़की पाकीज़ा है - समझो मेरी मेहनत पुरी हुई - दिल को तसल्ली मिलेगी " .. 
लगभग एक साल बाद - कमाल अमरोही को एक दर्शक का ख़त आया - जिसमे उस मासूम लड़की के पाकीज़ा होने का ज़िक्र था ! कमाल आरोही ने पाई साहब को बुलाया और ख़त दिखाया ...:) फिर उस दर्शक को पुरे देश के सिनेमा हॉल के लिए एक फ्री पास जारी किया ...अब वो दर्शक पुरे भारत के किसी भी सिनेमा हॉल में कमाल अमरोही के ख़ास गेस्ट बन पाकीज़ा को जब चाहें और जितनी बार चाहें देख सकते थे  ! 
◆ सन 2015 के आस पास जब मैने इस असल कहानी को लिखा तो पाठकों ने असल पाकीज़ा को देखने की इच्छा जाहिर की तो मुझे इस सिनेमा के अंतिम दृश्य तक जा कर इस लड़की की चंद सेकेंड में से इस दृश्य का स्क्रीन शॉट लेना पड़ा 

   कोई भी क्रिएटीव इंसान अपनी क्रिएटिविटी में कुछ अलग सन्देश देना चाहता है - जिसे बहुत कम लोग समझ पाते हैं - क्योंकी हर कोई उस नज़र से ना पढता है और ना ही देखता है ...और उसको असल मेहताना उसी दिन पूरा मिलता है - जिस दिन कोई उसके सन्देश को सचमुच में समझता है ... 
◆ यह सिनेमा कई मायने में एक तहलका थी । सिनेमा को बनने में ही 17 साल लग गए । गीत ऐसे ही जैसे स्त्री मनोभाव को हर गीत में डूबा दिया गया हो । पिछले दो पीढ़ी की महिलाओं का सबसे पसंदीदा गीत : चलते चलते के साउंड रिकॉर्डिंग के लिए ट्रेन की असल सीटी की आवाज के लिए कई भोर यूनिट को जागना पड़ा । 
   सबसे महत्वपूर्ण की पूरा सिनेमा राजकुमार के उस डायलॉग पर चलती है : आपके पांव देखे  उसके बाद मीना कुमारी का क्या हाल होता है , बस यही सिनेमा है  दुर्भाग्य की अपनी सिनेमा की सफलता देखने के पूर्व ही मीना कुमारी चल बसी । 
◆ मेरा यह पुरजोर मानना है की सिनेमा ही एक ऐसा पटल है जहां कला के सभी नदियों का संगम होता है । लेकिन उन लेखकों का क्या कहना जब वो ऐसी कहानी पहली बार सोचते हैं  अदभुत 
साभार : रंजन ,दालान

((On the set of Pakeezah 1962))

Sunday, 28 January 2024

डरपोक #अकबर ने 7 फ़ीट 8 इंची बहलोल खान को भेजा था महाराणा प्रताप का सर लाने, कभी नहीं हारा था बहलोल --------

डरपोक #अकबर ने 7 फ़ीट 8 इंची बहलोल खान को भेजा था महाराणा प्रताप का सर लाने, कभी नहीं हारा था बहलोल --------
मुगली अकबर का सबसे खतरनाक वाला एक सेना नायक हुआ . . . नाम - बहलोल खां . . . . कहा जाता है कि हाथी जैसा बदन था इसका . . . और ताक़त का जोर इतना कि नसें फटने को होती थीं . . . ज़ालिम इतना कि तीन दिन के बालक को भी गला रेत-रेत के मार देता था . . . . बशर्ते वो हिन्दू का हो . . . . . एक भी लड़ाई कभी हारा नहीं था अपने पूरे करियर में ये बहलोल खां ॥
काफी लम्बा था, 7 फुट 8 इंच की हाइट थी, कहा जाता है की घोडा उसने सामने छोटा लगता था ॥ बहुत चौड़ा और ताकतवर था बहलोल खां, अकबर को बहलोल खां पर खूब नाज था, लूटी हुई औरतों में से बहुत सी बहलोल खां को दे दी जाती थी ॥
फिर हल्दीघाटी का युद्ध हुआ, अकबर और महाराणा प्रताप की सेनाएं आमने सामने थी, अकबर महाराणा प्रताप से बहुत डरता था इसलिए वो खुद इस युद्ध से दूर रहा ॥
अब इसी बहलोल खां को अकबर ने भिड़ा दिया हिन्दू-वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप से . . . . . लड़ाई पूरे जोर पर और मुगलई गंद खा-खा के ताक़त का पहाड़ बने बहलोल खां का आमना-सामना हो गया अपने प्रताप से ॥
अफीम के ख़ुमार में डूबी हुई सुर्ख नशेड़ी आँखों से भगवा अग्नि की लपट सी प्रदीप्त रण के मद में डूबी आँखें टकराईं और जबरदस्त भिडंत शुरू. . . कुछ देर तक तो राणा यूँ ही मज़ाक सा खेलते रहे मुगलिया बिलाव के साथ . . . .
और फिर गुस्से में आ के अपनी तलवार से एक ही वार में घोड़े सहित . . हाथी सरीखे उस नर का पूरा धड़ बिलकुल सीधी लकीर में चीर दिया . . . ऐसा फाड़ा कि बहलोल खां का आधा शरीर इस तरफ और आधा उस तरफ गिरा ॥
ऐसे-ऐसे युद्ध-रत्न उगले हैं सदियों से भगवा चुनरी ओढ़े रण में तांडव रचने वाली मां भारती ने...
जय राजपूताना 

#इतिहास #history #thehistorybuff #theviralbuff

Wednesday, 24 January 2024

🙏👋🕉️हर हर महादेव 🕉️🙏👋🙏🙏जय श्री फूल मुक्तेश्वराए नमः 🙏🙏🕉️🌅🌄 *सुप्रभातम्* 🌅🌄🕉️ *[ श्री भरत चरित -5]* *!! उस रात- निषादराज और भरत !!* लुबुध् मधुप इव तजहिं न पासु... ( श्रीरामचरितमानस )

🙏👋🕉️हर हर महादेव 🕉️🙏👋
🙏🙏जय श्री फूल मुक्तेश्वराए नमः 🙏🙏

🕉️🌅🌄 *सुप्रभातम्* 🌅🌄🕉️

               *[ श्री भरत चरित -5]* 

 *!! उस रात- निषादराज और भरत !!* 

लुबुध् मधुप इव तजहिं न पासु... 
( श्रीरामचरितमानस )

मित्र ! बताओ ना मित्र ! मेरे प्रभु श्री राम और मेरे अनुज लक्ष्मण ने क्या किया ?
जब समस्त अयोध्यावासियों की खाने पीने और सोने की व्यवस्था हो गई... और सबको सुला कर भरत यहाँ अकेले बैठे हैं... तब उनके पास निषादराज आये... भरत ने निषाद के हाथों को पकड़ कर बड़े भावुक हृदय से पूछा... मेरे प्रभु श्री राम और अनुज ने क्या किया ?
कैसे रहे यहाँ ? 
आपने कैसे उनका आतिथ्य किया ? भरत को इस तरह अधीर होकर पूछते देखकर निषाद ने कहा... मेरे जैसा अधम क्या सेवा कर सकता है भला !

लेकिन आपके जो बड़े भाई हैं... वो अधम जनों का ही ध्यान रखते हैं... मैं इसका साक्षी हूँ... भरत जी !

मैंने जो कन्द मूल फल दिए... उसे उन्होंने इतने प्रेम से खाया... जैसे वो कन्द न हों... कोई पकवान... या मेवा हो । ओह ! उनकी करुणा... !

तभी शत्रुघ्न भी वहाँ पर आगये थे... और भरत के पीछे जाकर शान्त भाव से बैठ गए । शत्रुघ्न ! सब ठीक तो है ना ? माँ सो गयीं ? कौशल्या और सुमित्रा माँ ठीक हैं ना ?
भैया ! कैकेयी माँ के रोने की आवाज पूरे वन प्रान्त में गूंज रही है...  फल तो भोगना ही पड़ेगा उसे शत्रुघ्न ! ये सब उसी का किया है ना ! भरत ने कहा ।

भैया ! माँ कौशल्या ने मुझे भेजा है... एकाएक उठ गयीं और बोलीं... मेरा भरत कहाँ है ? फिर मुझसे उन्होंने कहा... शत्रुघ्न ! जा बेटा ! भरत की चिन्ता हो रही है मुझे... कहीं भावावेश में आकर... गंगा जी में कूद न जाए... जा ! देख तो कहाँ है मेरा भरत !

भैया ! सब सो गए हैं... थके हैं ना... बस माँ कौशल्या और कैकेयी माँ... ये नहीं सोये... माँ कौशल्या ने चुप कराया कैकेयी को... पर वो... शत्रुघ्न इतना ही बोले । पर भरत को कैकेयी के विषय में कोई रूचि ही नहीं है ।

फिर क्या किया मेरे प्रभु श्री राम ने ?
भरत को केवल श्री राम से ही मतलब है... ।
निषाद राज ने कहा...... सुबह होते ही मुझ से वट के वृक्ष का दूध मंगाया, प्रभु ने ।
फिर ? भरत ने पूछा ।
प्रभु ने उस वट के दूध से अपनी जटा बनाई ।
ओह ! भरत जी बोले... घुंघराली लटें... सुंदर केशों को जटा बना दिया... !
फिर आगे ? भरत जी पूछते हैं ।

वल्कल ( वृक्षों की छाल से तैयार किया गया वस्त्र, जिसे वन के ऋषि मुनि पहनते हैं ) धारण किया श्री राम ने !
वल्कल ? 
अपार कष्ट हुआ भरत को... इतने कोमल शरीर में वल्कल धारण किया !
कष्ट इतना हुआ कि... भरत जी अचेत ही हो गए... शत्रुघ्न ने जैसे तैसे सम्भाला... ।
कुछ जल का छींटा मुख पर जब दिया शत्रुघ्न ने भरत के... तब कुछ होश आया था भरत को ।
मैं भी जटा बनाऊंगा... मेरे लिए भी वट का दूध ला दो ..मित्र !
और ये राजसी पोशाक... ?
धिक्कार है भरत तुझे... तेरे स्वामी वल्कल पहन रहे हैं... और तू ये रेशमी वस्त्र पहन कर चल रहा है... भरत की स्थिति ऐसी हो गयी कि... वस्त्र उतार कर फेंक दिए भरत ने ।

मैं भी वल्कल धारण करूँगा ।
अच्छा ! निषाद राज ! मेरे प्रभु श्री राम और मेरी पूज्या भाभी श्री मैथिली ने कहाँ रात्रि शयन किया ?
भरत ने पूछा ।

मैंने बहुत कहा... मेरे कुटीर में रुकिए... पर प्रभु नहीं मानें ।

निषादराज ने कहा... लक्ष्मण जी ने स्वयं व्यवस्था देखी... पाकर के विशाल वृक्ष के नीचे... लक्ष्मण ने पत्ते बिछाए... 
उसी मध्य में अपना धनुष रखकर... प्रभु श्री राम और माता मैथिली वहीं सो गए ?
भरत का हृदय भर आया... 
आपने कभी राज महल देखा है ?

निषाद राज ने कहा... हाँ... अवध का ही राज महल देखा है... पर बाहर से... आपने प्रभु का कक्ष देखा है अवध का ?
कहाँ... हमारे इतने सौभाग्य कि हम प्रभु के कक्ष को देखें !
निषाद राज ने कहा ।

रेशमी गद्दे में शयन करते हैं प्रभु !
और यहाँ ! पत्तों में... ? 

भरत ने कुछ देर बाद फिर कहा...... क्या वो स्थान मुझे आप दिखा सकते हैं ?
हाँ... चलिये... निषाद राज उठे... भरत के साथ शत्रुघ्न भी उठे थे ।

और निषाद राज आगे आगे... भरत और शत्रुघ्न उनके पीछे... ।

चारों ओर सैनिक लगा दिए हैं उस स्थान की सुरक्षा के लिए निषाद राज ने... ।
अगर निषाद राज गुह साथ में न हों... तो ये सैनिक भरत को यहाँ आने भी न देते ।
ये स्थान है... जहाँ मेरे प्रभु शयन किये थे ।
भरत ने देखा उस स्थान को... नेत्र बरस पड़े । जिन पत्तों को बिछाया गया था वो सूख गए थे... पर वो पत्ते उड़े नही थे... इसके लिए निषाद राज ने व्यवस्था बनाई थी ।

घुटनों के बल बैठ गए भरत...... देखा ! 
कोई कोई पत्ते प्रभु श्री राम के सोने और करवट बदलने के कारण मुड़ गए थे... फिर देखा उस बगल में... जहाँ मैथिली सोई थीं ।

ध्यान से देखा... कुछ कनक बिंदु गिरे हुए थे... ।

ओह ! नेत्रों से पनारे बह चले... हिलकियाँ छूट गयीं भरत की... 
 त्रिभुवन वन्दनीय... और त्रिभुवन कोमल मात मैथिली के साथ इन पत्तों पर सोये मेरे प्रभु !

कुछ होश नहीं रहा भरत को... अपना सिर पटकने लगे जोर जोर से उस स्थान में... सब मेरे कारण हुआ है... मित्र ! सच भरत का जन्म लेना ही गलत था... मेरे कारण मेरे प्रभु यहाँ सोये... ।

अनुज शत्रुघ्न ! मुझे इस स्थान की परिक्रमा करनी है... मुझे सहारा दो... अनुज ने हाथ पकड़ कर भरत को उठाया... निषाद राज ने भी सहायता की ।
उस स्थान की 108 परिक्रमा की... भरत ने ।

फिर निषाद राज से कहा... मित्र ! अगर आपकी आज्ञा हो... तो ये स्वर्ण बिंदु मैं उठा लूँ... ?

इस तरह निषाद से याचना कर रहे हैं भरत... जैसे कोई कंगाल याचना करता है... ।
हाथ पकड़ लिया निषाद ने... और कहा... आप ऐसे न कहें... आप को जो उठाना है... जैसा करना है आप करें... आप मेरे पूज्यवर है ।

आनन्दित हो गए भरत... श्री जानकी जी के वस्त्रों से कुछ स्वर्ण बिंदु गिर गए थे... प्रसन्नता से... भरत ने उन्हें उठाया... और अपने घुँघराले बालों में उसे छुपा लिया ।
वहाँ... लक्ष्मण जी सोये थे... सोये क्या थे... बस मुझे गुरु मिल गया था लक्ष्मण के रूप में... रात भर बस सत्संग होता रहा... लक्ष्मण जी और मेरा ।
आनन्दित होकर बताया निषाद राज ने ।
कहाँ ? कहाँ सोया था मेरा लक्ष्मण ? 
भरत जी उसी ओर चल दिए... ।
यहाँ... इस वृक्ष के नीचे ।
उस स्थान को प्रणाम करते हुए फिर बिलख पड़े... भरत... धन्य हो लक्ष्मण ! तुम धन्य हो... कैसे सुकृत होंगे तुम्हारे कि प्रभु के चरणों से अलग होते ही नहीं हो... जय हो ।

वो थोड़ा तेज़ है मेरा अनुज लक्ष्मण... 

कुछ कह रहा था ?... भरत ने पूछा ।

हाँ... मुझे उपदेश दिया ।
भरत ने पूछा... क्या उपदेश ?

भरत जी ! मैंने लक्ष्मण से जब कहा... भैया ! कैकेयी कितनी गलत है ना... उसने... प्रभु श्री राम को वनवास दे दिया... ओह ! कितना गलत किया... ।
फिर क्या कहा लक्ष्मण ने ?
भरत ने पूछा ।

मित्र निषाद ! मैं भी पहले यही सोचता था कि कैकेयी ने गलत किया... पर पता है ! मेरी माँ सुमित्रा ने मुझे समझाया... पुत्र ! किसी को दोष मत दो... किसी का दोष भी नहीं है... जो होना होता है वह होकर ही रहता है... बेचारी कैकेयी तो विधाता के हाथों का खिलौना बन गयी ।
किसका दोष पुत्र ?... अगर तुम ध्यान से देखोगे ना... तो पाओगे कि जो भी होता है वो ऊपर से बन कर ही आता है ।

कैकेयी का क्या दोष ?
पर कैकेयी की बुद्धि बिगाड़ी मन्थरा ने... पर पुत्र ! मन्थरा का भी क्या दोष ? लक्ष्मण जी ने मुझे समझाया... और कहा... कि माँ सुमित्रा ने ये सब उन्हें शिक्षा दी थी ।

मन्थरा का भी क्या दोष ? सरस्वती ने मन्थरा की बुद्धि बिगाड़ी... और सरस्वती का भी क्या दोष ?... देवताओं की यही इच्छा थी कि... राम वन में जाएँ... और राक्षस समाज का उद्धार करें... ।

पर पुत्र ! क्या तुम्हें लगता है... देवताओं की इच्छा से... वन मिला राम को ? 
नही... मुख्य रूप से तो ईश्वर की ही जो इच्छा होती है... वही होता है... ।

भरत जी ! यहीं... इसी स्थान में बैठकर रात्रि भर मुझे उपदेश दिया था... लक्ष्मण जी ने ।

और यहाँ से देखिये... भरत जी ! यहीं से हम दोनों... शयन करते हुए प्रभु को देखते रहे थे... बातें करते... फिर दर्शन करते शयन का... मुस्कुराता हुआ मुख मण्डल प्रभु का... प्रसन्न मुख मण्डल ।
भरत जी ! मुझ से लक्ष्मण जी ने कहा था... निषाद राज जी !
मैंने प्रभु को रेशम के कोमल कोमल गद्दों में भी शयन करते हुए देखा है... और आज यहाँ पत्तों पर शयन कर रहे हैं प्रभु !

पर निषाद राज जी ! जो प्रसन्नता रेशम में सोते समय इन के मुख मण्डल पर दिखाई देता था... आज पत्तों पर सो रहे हैं... पर वही प्रसन्नता है... वैसे ही हैं मेरे प्रभु ।
भरत के साथ चर्चा करते हुए रात्रि बीत गयी... 
सुबह की वेला हुयी... सब उठे... 

और जब अयोध्या की प्रजा ने ये सुना कि... भरत उस स्थान पर हैं... जहाँ श्री राम शयन किये थे... पूरी प्रजा वहीं आगयी ।
सबने उस स्थान की परिक्रमा की... जय जयकार किया ।
इस स्थान से मैं अपनी पादुका त्याग रहा हूँ... भरत ने कहा ।
नहीं... पुत्र ! नहीं... कौशल्या माँ दौड़ पड़ीं... भरत तू ऐसा नहीं करेगा ..।माँ ! मेरे लिए आप ऐसे दुःखी हो रही हो... सोचो ! मेरे प्रभु श्री राम कब से नंगे चरण ही चल रहे हैं... माँ ! मुझे तो इस जमीन में पैर भी नहीं रखने चाहियें जहाँ मेरे श्री राम ने अपने चरण रखे... मुझे तो सिर के बल चलना चाहिए माँ !... चरण में गिर कर रो रहे हैं भरत ।

माँ ! अब मैं यहाँ से रथ में नहीं चलूँगा... पैदल... और बिना पादुका के... ।

कौशल्या ने समझाया... पर भरत नहीं माने ।

भरत गंगा स्नान करने के लिए चल दिए थे... 
भरत ! 

आवाज आई पीछे से ।
मुड़कर देखा भरत ने... कैकेयी रो रही थी... पादुका पहन ले पुत्र !

भरत ने देखा कैकेयी की ओर... और बिना कुछ बोले चल दिए गंगा स्नान को ।
कैकेयी अपने पुत्र भरत को देखकर रोती रही ।

साधकों ! मैं पागल बाबा से मिला... मैंने उनके चरण रज को माथे से लगाया ..।

गौरांगी से मिला... वो कुछ रुष्ट सी थी मुझ से... उसका कहना था कि क्यों इधर उधर भटकते रहते हो... श्री धाम वृन्दावन में ही रहो ना ।

हाँ... मुझे भी अब इच्छा नहीं होती... ज्यादा तीर्थों में भी जाने की।

और सच है... जहाँ हमारा मन लगे... मन स्थिर हो... वहीं रहना चाहिए... ज्यादा भटकने से मन भटकता है... आँखें देखती हैं बाहरी दृश्य को... और चित्त में वो सब छप जाता है ।

सबसे बढ़िया है... अपने एक प्रियतम में मन लगाओ...और उनके ही धाम में रहो... बस ।

भरत चरित्र को पागलबाबा भी पढ़ रहे हैं... मुझे गौरांगी ने बताया... इससे ज्यादा मुझे और क्या चाहिये... है ना !

शेष कल............6

हर हर महादेव


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श्री भरत चरित-6 ]* *!! भरत चले प्रयाग की ओर !!* प्रेम भक्ति अनपायनी, देहु हमहीं श्री राम...( श्रीरामचरितमानस )

🙏👋🕉️हर हर महादेव 👋🕉️🙏
🙏🙏जय श्री फूल मुक्तेश्वराए नमः 🙏🙏

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             *[ श्री भरत चरित-6 ]* 

 *!! भरत चले प्रयाग की ओर !!* 

प्रेम भक्ति अनपायनी, देहु हमहीं श्री राम...
( श्रीरामचरितमानस )

धन्य भरत ! 

भरत जैसा कौन हुआ... जिसनें प्रेम की एक अलग ही परिभाषा गढ़ दी ।

सबसे बड़ा धर्म है, सेवा... सबसे बड़ी भक्ति है... सेवक की ।

अपने आपको मिटाना पड़ता है... अपना "आपा" खोना पड़ता है… तब जाकर ये तमगा प्राप्त होता है... कि "तुम सेवक हो" ।

स्वामी का स्वार्थ ही सेवक का स्वार्थ है... स्वामी जिसमें प्रसन्न हैं ..सेवक उसी में राजी है... अपना अहं तो कब का मिटा चुका है... वो सेवक... ।

भरत जब प्रयाग की ओर चलते हैं... तब वह अपनी माँ कौशल्या जी से जो कहते हैं... श्री रामचरितमानस में... वह दृष्टव्य है... 

"सबते सेवक धर्म कठोरा"

माँ ! मेरे पादुका न पहनने की वजह से तुम दुःखी क्यों हो रही हो ?

अरे ! तेरा बेटा जिस धर्म पर चल रहा है... वह सेवक धर्म बहुत कठोर है... स्वामी ने जहाँ अपने चरण रखें हैं... सेवक को वहाँ अपना सिर रखना चाहिए... !

उफ़ ! क्या विलक्षण प्रेम है भरत का !

आगे भरत श्री राम के चरण चिन्हों को जब धरती में देखते हैं तब वहीं बैठ जाते हैं... और रोने लगते हैं... 

नाथ ! ये भरत तो जन्म जन्मों का अपराधी है... नख से शिख तक अपराधों से भरा हुआ है... अब क्या करोगे ?

आपको ऐसा सेवक मिल गया है... जो अपराध ही नहीं करता... अपराध की पोटरी अपने सिर में रख कर चलता है... ।

नाथ ! मैं तो आपको मुँह दिखाने लायक भी नहीं हूँ... फिर भी इस बेशर्म भरत को तो देखो... मुँह उठाये चला आरहा है आपके पास !

साधकों ! यही दैन्यता ही तो प्रेमी का श्रृंगार है... सेवक भाव उच्च भाव है... सेवक और सेव्य... यहाँ सेवक भाव के प्रतीक हैं भरत जी... और उनके सेव्य हैं... श्री राम ।

चलिये... "भरत चरित्र" रूपी प्रेम के सागर में डुबकी लगाएं... मन निर्मल होगा... चित्त की शुद्धि होगी ।

पाँच हजार नौका मंगवाई थीं... निषाद राज ने ।
मतलब जितनी नावें मंगवा सकते थे... उतनी नावें मंगवाई गयीं ।

गुरुदेव वशिष्ठ जी और उनके साथ विप्र गणों को बैठाया... 

एक नाव में माँ कौशल्या और सुमित्रा ही बैठीं... 

कैकेयी जल्दी जल्दी बैठने जा रही थी... पर भरत ने जानबूझ कर उस नौका को आगे बढ़ा दिया ।
आम नर नारियों के साथ कैकेयी बैठी... ।

हाथियों ने गंगा पार किया ।

रथ और घोड़ों के लिए विशेष बड़े बड़े नाव थे... ।
**** आप आगे मार्ग दिखाते हुए चलें... निषाद राज से भरत ने कहा... 

क्यों कि आप इस मार्ग के जानकार हैं... ।

भरत जी !  मेरे सेवक आगे चल रहे हैं... वो मार्ग दिखाएँगे... ।

पर मैं आपके साथ चलूँगा... आपके साथ एक अलग ही आनन्द आता है... और ऐसा आनन्द आता है कि... प्रभु श्री राम के साथ भी ऐसा आनन्द नहीं आया था ।

ये कहते हुए भरत को छुआ निषाद राज ने ।

सारी नावें जा चुकी थीं... अब शत्रुघ्न निषाद और भरत ही रह गए थे... सुमन्त्र जी साथ चलने के इच्छुक थे... पर भरत ने उन्हें ये कहकर आगे भेज दिया कि... आप ही हैं जो प्रजा के सुख दुःख को समझते हैं... आप मन्त्री हैं... आप आगे जाएँ... और किसी को कोई कष्ट न होने पाये... ये ध्यान रखियेगा ।
सिर झुका कर महामन्त्री सुमन्त्र आगे चले गए ।

अब तो आप अपनी पट्टी खोल लीजिये... 

वन प्रान्त में हल्ला है कि... प्रभु श्री राम के भाई भरत आये हैं... और कल ही हमारे यहाँ की मालती के पति उनके दर्शन करके आये... वो कह रहे थे... बिल्कुल प्रभु जैसे ही हैं... शक्ल सूरत बिलकुल प्रभु श्री राम से ही मेल खाती है... ।

और स्वभाव भरत का तो प्रभु श्री राम से भी ज्यादा प्रेमपूर्ण है... ये बातें हमारे राजा निषाद बता रहे थे ।

प्रभु श्री राम में फिर भी कुछ दूरी लगती है... पर ये तो अपने ही लगते हैं... और अपनों की तरह ही प्रेम बरसा रहे हैं... ।

देखो ना !... अब खोल लो ! अपनी पट्टी... आँखों की पट्टी ।

केवट की पत्नी ने अपने पति केवट को आग्रह किया ।
नहीं... मेरी प्रतिज्ञा है कि... प्रभु श्री राम जब मेरे सामने होंगे तभी ये पट्टी खुलेगी ।

केवट जिद्दी है... इतनी जल्दी कैसे माने !

केवट ! ओ केवट !

निषाद राज भरत को लेकर उसकी झोपड़ी में ही आगये थे ।
गंगा के किनारे ही तो थी इसकी झोपड़ी ।

हाँ... महाराज ! 

पत्नी का हाथ पकड़े केवट आया बाहर ।

भरत जी ! ये है श्री राम भक्त केवट... इसी ने गंगा पार करवाया था अपनी नाव से प्रभु को... ।

और पता है... भरत जी ! पार छोड़ कर जब ये वापस आया तो इसने अपनी आँखों में पट्टी ही बाँध ली... कहने लगा था... जिन आँखों से राजीव नयन को देखा हो... उन आँखों से मैं संसार को देखूंगा !... नहीं ।

भरत ने देखा केवट को... ओह ! इसके आँखों की पट्टी में ये लाल लाल क्या है ?

भरत ने पूछा ।

ये दिन रात रोते रहे थे प्रभु श्री राम को पार करके जब वापस आये तब... खूब रोते रहे... कई दिनों तक... इनके आँसू ही नहीं रुके... पर एक दिन... इनके आँखों से रक्त निकलने लगा था... 
केवट की पत्नी ने बताया ।

ओह !... इतना प्रेम ?

भरत दौड़े और केवट को गले से लगा लिया ।

अरे ! ये तो मेरे प्रभु हैं !... हाथों से छूने लगा केवट भरत को ।

इनका स्पर्श तो मेरे प्रभु का ही स्पर्श है...... इनके देह से जो सुगन्ध निकल रही है... वो तो मेरे प्रभु राम के देह से निकलती है ।

भैया केवट ! भरत बोले ।

ओह ! ये तो आवाज भी... वही मीठी आवाज !

अपने आँखों की पट्टी निकाल कर फेंक दी... 

और जब देखा केवट ने... वही सांवला दिव्य देह... मुखारविन्द श्री राम के जैसा ही... नाच उठा केवट ।

भरत ने फिर आगे बढ़कर आलिंगनबद्ध किया केवट को ।

केवट के आनन्द का आज ठिकाना नहीं है... ।

ए केवट ! ये भरत जी, प्रभु श्री राम के पास जा रहे हैं... अन्य लोग निकल चुके हैं... हजारों लोग हैं साथ पर... पर हम लोग तुम्हारी नाव में ही बैठेंगे ।

निषाद राज ने केवट से कहा ।

ना !... मैं बिना उतराई के आप लोगों को पार नहीं लगाऊँगा ।

फिर शरारत में उतर आया ये केवट ।

केवट की पत्नी ने कहा... आप पागल हो गए हो... महाराज निषाद स्वयं आये हैं... और आपके स्वामी प्रभु श्री राम के भाई भरत जी हैं साथ में... उनसे आप उतराई लोगे ?

मैंने तो अपने स्वामी श्री राम से भी उतराई ली थी… फिर इनसे क्यों नहीं ?

देखो ! मैं साफ साफ कह देता हूँ... उतराई तो मुझे चाहिए... केवट बोला ।

भरत ने अब मन्द मुस्कुराते हुए पूछा... स्वामी श्री राम से आपने क्या उतराई ली थी ?

केवट ने कहा... मैंने उनसे लिया था... जैसे मैं मुफ़्त में इस गंगा से आपको पार कर रहा हूँ... ऐसे ही मुझे भी मुफ़्त में (बिना किसी साधना के)... उस "भव सागर" से पार कर देना... बस ।
भरत भावुक हो गए... केवट जी ! अब हमसे क्या चाहिए उतराई में ?

केवट ने कहा... बस यही उतराई चाहिए कि... हमें भी अपने साथ चित्रकूट ले चलिए... केवट भरत के चरणों में गिर गया... पर भरत ने तुरन्त उठाकर उसे अपने हृदय से लगा लिया था ।

हाँ... चलो ! चित्रकूट चलो... केवट से भरत बोले... मैं तो अधम हूँ... अपावन हूँ... आप लोग कितने सरल और सहज हैं... मेरे स्वामी श्री राम आप लोगों की सुनते हैं... तो आप लोग चलेंगे तो मेरा भी काम सध जाएगा... चलिए ।

केवट नाच उठा... और अपनी नाव में भरत शत्रुघ्न और निषाद को बैठाकर गंगा की धारा में चल दिया ।

पुत्र ! पादुका पहन ले !... 

गंगा को पार किया... और जब चलने लगे भरत... तब पीछे से फिर आवाज आई... 

अकेली कैकेयी पीछे है... जब उसने देखा कि... काँटों से बिद्ध हो गए हैं भरत के पाँव... तो रहा नहीं गया उससे... और बोल पड़ी ।

तेरे ही कारण ये कांटें चुभ रहे हैं... कैकेयी !

मेरे ही नहीं... सभी लोगों के हृदय में शूल पैदा कर दी है ..तेरी करनी ने ।

कैकेयी भरत से ऐसा सुनकर हिलकियों से फिर रो पड़ी... ।

ये कौन हैं ? ये कहाँ जा रहे हैं ?
इतने हाथी घोड़े !... क्या किसी राज्य पर आक्रमण करने ये लोग जा रहे हैं ?

रास्ते में नर नारी जो भी देखता वो सब यही पूछते ।

पर ये दोनों तो राम और लक्ष्मण की तरह लग रहे हैं ना ?
एक ने कहा ।

दूसरे ने उत्तर दिया... लग रहे हैं... पर हैं नहीं... 

इनका मुख मण्डल दुःखी है... इसलिए ये श्री राम नहीं हैं ।

पर ये हैं कौन ? मार्ग के पथिक पूछते हैं ।

भरत... श्री राम के भाई भरत ।

कहाँ जा रहे हैं ? कहीं अपने राज्य के कण्टक श्री राम को ही मारने तो नहीं जा रहे ?

तब दूसरा कहता... ऐसा बोलना भी पाप है... ये तो अपने भाई का राज्याभिषेक करने जा रहे हैं... चित्रकूट ।

ओह !... धन्य भरत !

जो जो ये सुनता... वो आनन्दित हो जाता... ।

ऐसा भ्रातृ प्रेम कहाँ देखने को मिलता है... अरे ! ऐसा भरत जैसा भाई !... जिसको राज्य मिला था अयोध्या का... पर स्वीकार नहीं किया... राज्य सत्ता मैं अपने बड़े भाई को ही दूंगा... ये कहकर भरत जा रहे हैं... चित्रकूट ।

मार्ग में चल रहे लोग भी भरत की सराहना करते हुए... भरत की जय बोलते हुए जा रहे हैं ।

पर भरत का कहाँ मन है इन सारी बातों में... कि लोग प्रशंसा कर रहे हैं या गाली दे रहे हैं... इनके मन में तो स्वामी श्री राम बसे हैं ।

"सीता राम" सीता राम" सीता राम"

बस यही नाम जप निरन्तर चल ही रहा है... मार्ग में चलते हुए लोग भरत को प्रणाम करते हैं... पर भरत का ध्यान... बस "सीता राम"... नाम जपने में ही लगा हुआ है... ।

नाम जपते हुए दोनों भाई... तेज़ चाल से चलते जा रहे हैं... एक तरह से दौड़ रहे हैं... भरत और शत्रुघ्न... पीछे पीछे... निषाद राज... और केवट... ।

बाकी लोगों को आगे भेज दिया है भरत ने ।

धूल से मुख मण्डल सन गया है... कुछ म्लान सा है मुख ।

पाँव में छाले पड़ गए हैं... छाले फूट जाते हैं तो रक्त निकल रहा है... पर इस राम प्रेमी को क्या चिन्ता ?

देहातीत हो गए हैं भरत... ।

धूप तेज़ हो जाती है... तो पसीने निकलने लग जाते हैं... 

पर प्रेमियों का साथ प्रकृति भी देती है... बादल छा जाते हैं... 

गर्मी न हो जाए इन राम भक्त को कहकर... बादल नन्ही नन्ही बूंदें बरसाने लग जाता है... ।

वृक्षों से, लताओं से फूल गिरकर मार्ग में आगये हैं... और मार्ग में फूल फैल गए हैं... मानो इस प्रेमी के लिए प्रकृति ने पाँवड़े बिछा दिए हों... ।

कोयल का स्वर गूंज रहा है... मोर नाचते हुए मिल रहे हैं मार्ग में ।

पपीहे का कोमल सम्बोधन... पीऊ ! पीऊ !... भ्रमरों का गान... सब चल रहा है... प्रकृति भी श्री राम के सेवक की सेवा में हाज़िर हो गयी है... ।

पर भरत की दृष्टि अपने लक्ष्य पर है... 

अपने स्वामी श्री राम पर... जल्दी से जल्दी पहुँचना चाहते हैं ये चित्रकूट ।

पर आज प्रयाग में ही पहुँचे हैं... 

और यहाँ आकर सबने विश्राम करने की सोची ।

साधकों ! साधना में इधर उधर अगर भटके... तो लक्ष्य कभी नहीं मिलेगा... 

इसलिए सबसे पहले लक्ष्य निर्धारित करो... कि तुम पाना क्या चाहते हो... और क्यों पाना चाहते हो ?

फिर उसे पाने के लिए प्राण प्रण से लग जाओ ।

हे मेरे स्वामी ! मैं केवल तुम्हें पाना चाहता हूँ... केवल तुम्हें ।

अब तो कह दो ना नाथ... एवमस्तु !

जिनके होंठों में हँसी, और पांवों में छाले होंगे 
हे प्रभु ! वही तुझे ढूंढने वाले होंगे... 

शेष कल.......

हर हर महादेव


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*आज का न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया अधिकतम तापमान 17 से 18 डिग्री सेल्सियस होने की आशा है घने कोहरे और बादलों के साथ दिन में हल्की धूप होगी वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से 350 रहेगी जो बहुत ही हानिकारक है और गंभीर है सापेक्षिक आद्रता 70 से 90% रहेगी आज पूरे ठंड के मौसम का सबसे प्रचंड और ठंडा दिन रहेगा इसके बाद धीरे-धीरे राहत मिलेगी कल के मौसम के बारे में अनुमान है कि अधिकतम तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस वृद्धि होगी कोहरा बादल तेज हवा जारी रहेगी 27 जनवरी से मौसम में आशिक और 1 फरवरी से पूरी राहत मिलेगी डॉ दिलीप कुमार सिंह *

*आज का न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया अधिकतम तापमान 17 से 18 डिग्री सेल्सियस होने की आशा है घने कोहरे और बादलों के साथ दिन में हल्की धूप होगी वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से 350 रहेगी जो बहुत ही हानिकारक है और गंभीर है सापेक्षिक आद्रता 70 से 90% रहेगी आज पूरे ठंड के मौसम का सबसे प्रचंड और ठंडा दिन रहेगा इसके बाद धीरे-धीरे राहत मिलेगी कल के मौसम के बारे में अनुमान है कि अधिकतम तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस वृद्धि होगी कोहरा बादल तेज हवा जारी रहेगी 27 जनवरी से मौसम में आशिक और 1 फरवरी से पूरी राहत मिलेगी  डॉ दिलीप कुमार सिंह *

लखनऊ- 50 हजार का इनामी हिस्ट्रीशीटर अशोक गिरफ्तार, STF ने अमरोहा से बदमाश को किया गिरफ्तार, हापुड़ जिले का हिस्ट्रीशीटर हत्या केस में वांछित था, गिरफ्तारी के बाद STF कर रही बदमाश से पूछताछ. कुत्‍तों ने भाई-बहन को दौड़ाया, मालगाड़ी से कटकर दोनों की दर्दनाक मौत*

*शाम 7 बजे की बड़ी खबरें...................*

लखनऊ- 50 हजार का इनामी हिस्ट्रीशीटर अशोक गिरफ्तार, STF ने अमरोहा से बदमाश को किया गिरफ्तार, हापुड़ जिले का हिस्ट्रीशीटर हत्या केस में वांछित था, गिरफ्तारी के बाद STF कर रही बदमाश से पूछताछ.

➡नोएडा - नोएडा में मेंहदी हसन हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई, पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी ने मामले में की कार्रवाई, सेक्टर-49 थाना प्रभारी को सस्पेंड किया गया, थाना प्रभारी समेत 5 पुलिसकर्मियों को किया सस्पेंड, बरौला चौकी इंचार्ज भी लापरवाही के चलते सस्पेंड , 2 लोगों ने मेंहदी हसन पर चाकुओं से किया था हमला, हमला कर पैर में रस्सी बांधकर गांव में घुमाया था, दर्दनाक हत्याकांड का वीडियो भी आया था सामने, थाना प्रभारी रामप्रकाश गौतम को सस्पेंड किया गया, चौकी इंचार्ज नितिन जावला समेत 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड.

➡अयोध्या- राम जन्मभूमि परिसर में सीएम योगी की बैठक, अफसरों के साथ बैठक कर रहे हैं सीएम योगी, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद बैठक में मौजूद, स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार भी बैठक में मौजूद, अयोध्या प्रशासन के आला अधिकारी बैठक में मौजूद, व्यवस्थाओं को लेकर निर्देश दे रहे हैं सीएम योगी, CM ने मंदिर परिसर का हेलीकॉप्टर से जायजा लिया, सीएम योगी ने राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था देखी.

➡गोरखपुर- शाहपुर पुलिस,STF यूनिट गोरखपुर को सफलता, बैंक का करोड़ों रूपये गबन करने वाला गिरफ्तार, 4 करोड़ 45 लाख रुपये गबन करने वाला अरेस्ट, वांछित अभियुक्त रुद्रांश पांडेय को किया गिरफ्तार, कूटरचित दस्तावेजों के जरिये करोड़ों का गबन किया, 1 फॉर्च्यूनर गाड़ी, लैपटॉप, 25 चेक बुक हुई बरामद, 8 मोबाइल, 10 पैन कार्ड और अन्य सामान बरामद, शाहपुर क्षेत्र से हुई अभियुक्त की हुई गिरफ्तारी.

➡जालौन- जालौन पहुंची मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, मंत्री भानुप्रताप वर्मा की पत्नी के निधन पर परिजनों से मिली, साध्वी निरंजन ज्योति ने परिवार को सांत्वना , केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति का बयान, अब त्रेतायुग की हो चुकी है शुरुआत- साध्वी निरंजन, मंदिर में जाने को किसी को मनाही नहीं है- मंत्री, मंदिर आस्था का केंद्र होता है राजनीति का नहीं- मंत्री, हमारी भी यात्रा रोकी गई लेकिन हम लोगों ने हिंसा नहीं की, यात्रा रोके जाने पर तोड़फोड़, हिंसा उचित नहीं- मंत्री.

➡आगरा - आगरा में लापता बच्ची को पुलिस ने किया बरामद , बच्ची के लापता होने की पुलिस को मिली थी सूचना , ग्वालियर से सकुशल बच्ची को पुलिस ने किया बरामद, पुलिस टीम को DCP सिटी ने 10 हजार का दिया इनाम, आगरा के थाना ताजगंज क्षेत्र का मामला.

➡एटा - भारत समाचार की खबर का बड़ा असर, गलत इंजेक्शन से बच्चे की मौत का मामला, मामले में स्वास्थ्य विभाग ने लिया संज्ञान, ACMO सर्वेश कुमार ने क्लीनिक किया सील, गलत इंजेक्शन लगाने से बच्चे की मौत-परिजन, थाना मारहरा क्षेत्र के सुरेश के क्लीनिक की घटना.

➡पीलीभीत- पति द्वारा पत्नी को जिंदा जलाने का मामला, इलाज के दौरान 1 महीने के बाद महिला की मौत, परिजनों ने 1 माह पूर्व जिंदा जलाने की दी थी तहरीर, पुलिस ने तहरीर के बाद भी दर्ज नहीं किया मुकदमा , दहेज की मांग पूरी न होने पर जिंदा जलाने का आरोप , थाना बरखेड़ा इलाके के गंगा पूरी गांव का मामला.

➡संभल - मिट्टी खुदाई के दौरान निकले सोने, चांदी सिक्के, मोहम्मद शाह जफर के शासन काल के सिक्के, मजदूरों और ग्रामीणों में मची सिक्कों की लूट, ठेकेदार 100 से अधिक सिक्के लूटकर भागा, ग्राम प्रधान ने ठेकेदार के खिलाफ दी तहरीर, पुलिस लूटे गए सिक्कों की बरामदगी में जुटी, जुनावई थाना क्षेत्र के हरगोविंद पुर का मामला.

➡गाजीपुर- सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयान, स्वामी प्रसाद ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को पाखंड बताया, परिवार के लोगों की भी प्राण प्रतिष्ठा करनी चाहिए- स्वामी, ऐसे तो परिवार के लोग हमेशा जिंदा रहेंगे- स्वामी प्रसाद, प्राण प्रतिष्ठा से मुर्दा क्यों नहीं चल सकता- स्वामी प्रसाद, हम इंसान की क्या हैसियत कि प्राण प्रतिष्ठा करें- स्वामी.

➡एटा - एटा में ग्राम प्रधान पति की दिखी गुंडई, स्कूल की प्रधानाध्यापिका के साथ की मारपीट, प्राथमिक शिक्षक संघ ने थाने में दी तहरीर, ग्राम प्रधान के पति के खिलाफ दी तहरीर, अज्ञात व्यक्ति की द्वारा की गई थी शिकायत, शौचालय में हो रहे घटिया निर्माण की शिकायत, शिकायत से आगबबूला प्रधान पति ने मारपीट की, शीतलपुर के प्राथमिक विद्यालय सिंगपुर की घटना.

➡अलीगढ़ - प्लाई से भरा ट्रक अनियंत्रित होकर पलटा, ट्रक के नीचे दबकर दो बच्चियों की मौत, आक्रोशित लोगों ने सड़क पर लगाया जाम, पुलिस और रेस्क्यू टीम ने शव निकाले बाहर, क्रेन की मदद से पलटे ट्रक को उठाया गया, जवां थाना इलाके के गांव तेजपुर की घटना.

➡रायबरेली- शराबियों ने दुकानदार को दी मारने की धमकी, सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया में हुआ वायरल, शराबियों ने कपड़े के शोरूम में उतपात मचाया, पीड़ित ने तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई , गदागंज थाना क्षेत्र के दीन शाह गौरा का मामला.

➡बदायूं- बदायूं में व्यक्ति की हत्या से मचा हड़कंप, दो पक्षों के विवाद में व्यक्ति की हुई हत्या, एक व्यक्ति की लाठी मारकर हत्या की गई, घूरे के गड्ढे में मिट्टी डालने को लेकर विवाद , विवाद में 1 महिला और 1 पुरुष भी घायल, मौके पर पहुंची दो थानों की पुलिस फोर्स , वजीरगंज थाना क्षेत्र के धीमरपूरा का मामला.

➡अम्बेडकरनगर- अम्बेडकरनगर में भीषण सड़क हादसे में 2 की मौत, दर्शन कर वापस जा रहे श्रद्धालु हुए हादसे का शिकार, श्रद्धालुओं से भरी स्कॉर्पियो गाड़ी बाइक से टकराई, बाइक सवार 1 महिला,कार सवार 1 व्यक्ति की मौत, बसखारी थानाक्षेत्र के गन्नीपुर हाइवे के पास हादसा.

➡फतेहपुर - कार सवार संदिग्धों को पुलिस ने दौड़ाया, एक गांव में घुसे कार सवार को दौड़ाया, ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची थी पुलिस, वाहन छोड़कर सरसों के खेत में घुसे शातिर, बिना नंबर की स्कार्पियो सहित 2 गिरफ्तार, पुलिस कर रही पूरे मामले की जांच पड़ताल, थरियांव थाना क्षेत्र के मुरांव के पास का मामला.

➡देहरादून- 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे विपक्षी दल, कांग्रेस मुख्यालय में इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की अध्यक्षता में बैठक हुई , 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर हुआ मंथन, बैठक में सपा, CPI समेत कई दलों के नेता हुए शामिल.

➡हरिद्वार - बुधवार को हरिद्वार के स्कूल रहेंगे बंद, शीतलहर को देखते हुए जिलाधिकारी ने दिए आदेश, कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12वीं तक रहेगा अवकाश, मौसम विभाग ने कल के लिए येलो अलर्ट जारी किया, हरिद्वार के समस्त स्कूलों में कल रहेगा अवकाश .

➡दिल्ली- PM मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखा पत्र, पीएम ने प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अनुभव साझा किए, अयोध्या कभी मुझसे दूर नहीं हो सकती- पीएम मोदी, PM ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अनुभव साझा किए, हम सभी प्रभु राम के जीवन से प्रेरणा लेते हैं- पीएम, पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद को एक तीर्थ यात्री बताया, पीएम मोदी ने कहा, मन में अयोध्या लेकर लौटा हूं.

➡दिल्ली- 4 फरवरी को अयोध्या जाएंगे अमित शाह, गृहमंत्री अमित शाह 4 फरवरी को अयोध्या जाएंगे, परिवार के साथ रामलला के दर्शन करेंगे अमित शाह, अमित शाह का कल का अयोध्या दौरा रद्द हुआ, अब 4 फरवरी को परिवार के साथ अयोध्या जाएंगे शाह.





[1/20, 10:26 PM] +91 73984 94028: *कुत्‍तों ने भाई-बहन को दौड़ाया, मालगाड़ी से कटकर दोनों की दर्दनाक मौत*
*Aum tv न्यूज*
*जोधपुर* : पालतू कुत्‍तों के कारण दो मासूमों की जान चली गई। मामला राजस्‍थान के जोधपुर का है। यहां के बनार इलाके में दो स्‍कूली बच्‍चों को कुत्‍तों ने ऐसा दौड़ाया कि वह दौड़ते-दौड़ते मालगाड़ी की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई। घटना उस वक्त हुई, जब बच्चे कुत्तों से बचने के लिए भाग रहे थे। दोनों बच्चे चचेरे भाई-बहन थे और स्कूल से लौट रहे थे, तभी रास्ते में एक घर के कुछ पालतू कुत्तों ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया। बच्‍चे डरकर भागने लगे और रेलवे ट्रैक पर चढ़ गए। घटना की जानकारी के बाद बच्चों के परिजन मौके पर पहुंचे तो शव देख कोहराम मच गया। 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बनाड़ के रहने वाले अनन्या और युवराज सिंह आर्मी चिल्ड्रन एकेडमी में पांचवीं और सातवीं क्लास में पढ़ते थे। दोनों अपने अन्य तीन साथियों के साथ स्कूल से घर लौट रहे थे। उसी दौरान रास्ते में कुछ कुत्ते पीछे पड़ गए, जिससे बच्चे डरकर भागने लगे। भागते-भागते तीन बच्चे रेलवे ट्रैक (railway track) पर पहुंच गए। इस दौरान पटरी पर ट्रेन आने से अनन्या और युवराज मालगाड़ी की चपेट में आ गए और मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। अनन्या और युवराज रिश्ते में भाई बहन हैं।
हादसे की जानकारी मिलने पर बच्ची अनन्या के पिता प्रेम सिंह व अन्य परिजन मौके पर पहुंचे तो चीख पुकार मच गई। सूचना के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जायजा लिया। युवराज के पिता मदन सिंह कर्नाटक में बिजनेस करते हैं। बच्ची अनन्या के पिता प्रेम सिंह ने पेट डॉग्स के मालिक ओमप्रकाश राठी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ओमप्रकाश राठी का एक डॉग जर्मन शेफर्ड और दूसरा पामेलियन ब्रीड का था। इस घटना के बाद नगर निगम की टीम ने कुत्तों को पकड़ लिया। इसके बाद परिजन शव लेने को राजी हुए। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर मामला कायम कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। एडीसीपी जोधपुर नाजिम अली ने कहा कि पुलिस इस पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही है।
[1/20, 10:26 PM] +91 73984 94028: *अजब -गजब ‐---------------------*
*जवानी में नौकरी के लिए किया अप्लाई*,
*बुढ़ापे में मिला ऑफर लेटर; तीन लोग इंतजार में चल बसे*
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*नई दिल्ली* जब तक आप अपने सपनों की पूर्ति के लिए जीवन जीते हैं, तब तक आप जवान हैं. ऐसा ही एक अनोखी कहानी आई है हुगली के कुछ बुजुर्गों की, जो नौकरी के लिए थे बेताब। कुछ यही हुआ पश्चिम बंगाल के कुछ बुजुर्गों के साथ जिन्हें उम्र के उस पड़ाव पर सरकारी नौकरी का ऑफर लेटर मिला, जब उन्हें जॉब की नहीं बल्कि रिटायरमेंट बेनिफिट्स की जरूरत है.
दरअसल हुगली के फुरफुरा शरीफ के रहने वाले तुषार बनर्जी को पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन से हाल में मिले ऑफर लेटर मिला. जिसमें उन्हें सरकारी स्कूल में टीचर के पद पर नियुक्त करने की जानकारी दी गई. अप्वाइंटमेंट लेटर मिलने के बाद वो खुश होने की बजाय स्तब्ध रह गए, क्योंकि उम्र के इस पड़ाव में शिक्षा विभाग ने उनके दिलोदिमाग पर लगा जख्म हरा कर दिया.
1980 के दशक में नौकरी प्राप्त करना कोई आसान कार्य नहीं था. हजारों लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया, लेकिन कुछ को ही सफलता मिली. इसमें शामिल थे तुषार बनर्जी भी, जो 40 साल पहले नौकरी के लिए कटिबद्ध हुए थे। तुषार बनर्जी और सैकड़ों लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें 1983 में अदालत जाना पड़ा। अदालती कार्रवाई के बाद, हुगली के शिक्षा विभाग ने 66 लोगों को नौकरी का ऑफर लेटर जारी किया। इस लिस्ट में तीन लोग अब इस दुनिया में नहीं है. बाकी लोगों का कहना है कि उन्हें ये पत्र नहीं बल्कि पेंशन और अन्य मदों का भुगतान मिलना चाहिए, जो उन सभी का वाजिब हक है.
इस मुद्दे पर हुगली जिला प्राथमिक शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष शिल्पा नंदी ने सफाई देते हुए कहा- ‘यह असहज करने वाली स्थिति इसलिए उत्पन्न हुई क्योंकि अदालती दस्तावेज में अभ्यर्थियों के नाम और पता लिखा था, उम्र नहीं लिखी थी. चूंकि कोलकाता हाईकोर्ट के दिसंबर 2023 के आदेश में लिखा है कि सभी को शिक्षक माना जाना चाहिए इसलिए हमें ये कार्रवाई पूरी करनी पड़ी. अदालत ने सभी को 2014 से शिक्षक माना जाने का आदेश दिया, इसलिए नियुक्ति पत्र भेजना जरूरी था.’
आपको बताते चलें कि जब ये लोग कोर्ट गए थे तब उनकी उम्र 30 से 36 वर्ष के बीच थी. अब कोई 71 साल का है तो कोई 76 साल का। ऐसे में अब नौकरी नही बल्कि सब को इंतजार है कि कोर्ट के उक्त आदेश पर जिसमे जल्द से जल्द सभी को आर्थिक हितलाभ मिलें जिसके वो हकदार थे।

Tuesday, 23 January 2024

मीडिया* *सीईओ कार्यालय, दिल्ली द्वारा जारी दिनांक 19/01/2024 के एक पत्र का हवाला देते हुए आ रही हैं, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि क्या 16/04/2024 लोकसभा चुनाव 2024 के लिए संभावित मतदान दिवस है।*

*प्रेस नोट (स्पष्टीकरण)*

*नई दिल्ली*

*दिनांक: 23.01.2024*

*मीडिया* *सीईओ कार्यालय, दिल्ली द्वारा जारी दिनांक 19/01/2024 के एक पत्र का हवाला देते हुए आ रही हैं, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि क्या 16/04/2024 लोकसभा चुनाव 2024 के लिए संभावित मतदान दिवस है।*

 *इस संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले, चुनाव से संबंधित बड़ी संख्या में गतिविधियों की योजना बनाना और उन्हें पूरा करना आवश्यक है।  ईसीआई प्लानर ऐसी सभी महत्वपूर्ण गतिविधियों को सूचीबद्ध करता है और उन गतिविधियों को शुरू करने और पूरा करने के लिए संदर्भ बिंदु के रूप में एक काल्पनिक मतदान तिथि के संदर्भ में आरंभ तिथि और समाप्ति तिथि प्रदान करता है।*
*चूंकि, अधिकांश गतिविधियां सभी जिला चुनाव अधिकारियों/रिटर्निंग अधिकारियों के स्तर पर की जानी हैं, इसलिए चुनाव योजना के अनुसार गतिविधियों को समय पर शुरू करने और पूरा करने के लिए उन्हें संवेदनशील बनाने के लिए, सीईओ दिल्ली के कार्यालय ने एक पत्र जारी किया है। सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिनांक 19.01.2024, जिसमें 16.04.2024 को आगामी लोकसभा आम चुनाव 2024 से संबंधित गतिविधियों की अग्रिम योजना, तैयारियों और समापन के उद्देश्य से एक अस्थायी मतदान तिथि के रूप में दर्शाया गया है।*

*इसलिए, पत्र में अस्थायी मतदान तिथि के रूप में उल्लिखित दिनांक 16.04.2024 केवल चुनाव अधिकारियों के लिए ईसीआई के चुनाव योजना के अनुसार गतिविधियों की योजना बनाने के लिए संदर्भ उद्देश्य के लिए थी और इसका चुनाव के वास्तविक कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ता है जिसे ईसीआई द्वारा घोषित किया जाएगा।  एक उचित समय पर*


आज का न्यूनातम तपमैन 3.1 डिग्री सेल्सियस रहा अधितकम तपमान 17 से 18 डिग्री सेल्सियस होने की आशा है कल के बारे में अनुमान है की न्यूनतम तपमान और कम होगा जबकी अधितकम तपमान में थोड़ी सी वृद्धि होगी घना कोहरा बादल छाया रहेगा हल्की धूप होगी*

 *आज का न्यूनातम तपमैन 3.1 डिग्री सेल्सियस रहा अधितकम तपमान 17 से 18 डिग्री सेल्सियस होने की आशा है कल के बारे में अनुमान है की न्यूनतम तपमान और कम होगा जबकी अधितकम तपमान में थोड़ी सी वृद्धि होगी घना कोहरा बादल छाया रहेगा हल्की धूप होगी*

 *मौसम के मुख्य बिंदु 23 जनवरी तक महाभयंकर ठंड का पहला चक्र आज बीत जाएगा दूसरे चक्कर में 24 जनवरी से 31 जनवरी तक न्यूनतम तापमान लगभग स्थिर रहेगा जबकि अधिकतम तापमान में लगातार वृद्धि होगी 1 फरवरी से सहन करने लायक मौसम हो जाएगा*


 कारण हिमालय हिमाचल क्षेत्र से लगातार ठंडी सूखी पछुआ हवाओं का चलना इस समय हिमालय तिब्बत और हिंदू कुश पर्वत क्षेत्र में भयंकर सूखी ठंड पड़ रही है और सूखी हवाएं चल रही हैं इसके कारण ठंड और गलन चरम पर पहुंच गई है

उत्तरी ध्रुव अमेरिका कनाडा यूरोप रूस चीन जापान मंगोलिया और हिमालय क्षेत्र में लगातार प्रचंड बर्फबारी का होना और बर्फीले तूफानों का चलना जिसके कारण संपूर्ण उत्तरी गोलार्ध में ठंड शीतलहर और गलन चरम पर पहुंच गए हैं और अमेरिका यूरोप रूस चीन जापान कोरिया मंगोलिया तिब्बत अरब देशों में तो हाल बहुत ही खराब है जहां पर वह  याकूट्स ओमिकोव जैसे जगह में तापमान- 55 से - 75 डिग्री सेल्सियस के भयानक स्तर तक गिर चुका है और वह महा शीत की चादर चारों ओर फैल रही है और हाहाकार मचा हुआ है

 वर्षा का लगातार ना होना जिससे वातावरण में प्रदूषण और शुष्कता बढ़ गई है वर्षा होने पर प्रदूषण और गंदगी साफ हो जाती है जिससे कोहरा भी छत जाता है और सूर्य की किरणें धरती पर सीधे पड़ती हैं लेकिन इस बार वर्ष लगभग नहीं के बराबर होने से प्रचंड ठंड और शीतलहर और भी भयानक हो गई है

बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के ऊपरी सतह  का लगातार गर्म बना रहना और दक्षिण भारत में लगातार धूप का होते रहना जिस हवा का प्रवाह इस दिशा में हो रहा है इस वजह से समुद्र की हवा मैदानी क्षेत्रों में नहीं आ रही है जिससे हिमालय और उत्तरी ध्रुव की उत्तर पश्चिम की हवाएं उड़ीसा बंगाल और पूर्वोत्तर भारत तक भैरव टॉप पहुंच रही हैं

कोहरे का वायुमंडल के ऊपरी सतह में जमा हो जाना जिससे सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंच रही है सूर्य में लगातार तप नाभिकीय क्रियाओं का कमजोर होने से सूर्य के ताप का घटना और आकाशगंगा में पृथ्वी का सौर परिवार के साथ ठंडे स्थान में चक्कर काटना जो 31 जनवरी तक जारी रहेगा यह सभी स्थितियां 31 जनवरी तक रहेंगे इसके बाद मौसम में सुधार होना शुरू हो जाएगा इसलिए 26 जनवरी तक कीर्तिमान बनाने वाली ठंड और शीतलहर गैलन में कोई भी कमी नहीं होगी दोपहर में थोड़ी सी गर्मी बढ़ेगी

*आज की रात और कल का सुबह इस पूरे जाड़े के वर्ष का अर्थात दिसंबर जनवरी का सबसे ठंडा दिन और रात हो सकती है जब तापमान एक बार फिर 3 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे गिर जाएगा और संभावना है कि कल आधी रात के बाद तापमान 2.8 डिग्री के भयानक स्तर पर पहुंच जाएगा यदि अधिकतम तापमान में थोड़ा वृद्धि होगी और यह 18 से 19 डिग्री सेल्सियस हो जाएगा कोहरा और बादल प्रचंड ठंड और गलन तथा शीतलहर चरम पर पहुंच जाएंगे*

Monday, 22 January 2024

भगवान श्री राम के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर

 फरहत अली खान (हॉकी), Rampur: भगवान श्री राम के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मोहल्ला जोशियां शुद्ध खाना चौराहे पर भक्त जनों को प्रसाद देते हुए मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खान और पंडित विशाल शर्मा एवं अन्य भक्तजन
फरहत अली खान (हॉकी), Rampur: श्रीमान अभय गुप्ता जी श्रीमान फरहत अली खान अली खान विशाल पंडित पप्पन जोशी रवि जोशी रूप किशोर जोशी अंकित जोशी विपिन जोशी अजय जोशी कपिल जोशी राजा जोशी शिवम जोशी तरुण जोशी

Saturday, 20 January 2024

श्री राम मंदिर के बारे में कुछ तथ्य :**मुख्य वास्तुकार* - चंद्रकांत सोमपुरा, निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा।

*श्री राम मंदिर के बारे में कुछ तथ्य :*

*मुख्य वास्तुकार* - चंद्रकांत सोमपुरा, निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा।

*डिजाइन सलाहकार* - आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी चेन्नई, आईआईटी बॉम्बे, एनआईटी सूरत, 
सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रूड़की, 
नेशनल जियो रिसर्च इंस्टीट्यूट हैदराबाद,
और 
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मैकेनिक्स।

*निर्माण कंपनी* - लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) प्रोजेक्ट

*प्रबंधन कंपनी* - टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड (टीसीईएल)

*मूर्तिकार* - अरुण योगीराज (मैसूर), गणेश भट्ट और सत्यनारायण पांडे.

*कुल क्षेत्रफल* - 70 एकड़ (70% हरित क्षेत्र)

*मंदिर क्षेत्र* - 2.77 एकड़

*मंदिर का आयाम* - लंबाई - 380 फीट.
चौड़ाई - 250 फीट. ऊँचाई - 161 फीट.

*स्थापत्य शैली* - भारतीय नागर शैली

वास्तुकला की मुख्य विशेषताएं - 3 मंजिलें (फर्श), 
392 खंभे, 
44 दरवाजे

यह मंदिर आधुनिक चमत्कार जैसा भी होगा :

मंदिर परिसर में स्वयं की कई *स्वतंत्र संरचनाएँ* शामिल हैं,
जो हैं  -
 1. सीवेज उपचार संयंत्र
 2. जल उपचार संयंत्र
 3. अग्निशमन सेवा
 4. स्वतंत्र पावर स्टेशन.
 5. तीर्थयात्रियों को चिकित्सा सुविधाएं और लॉकर सुविधाएं प्रदान करने के लिए 25,000 क्षमता का तीर्थयात्री सुविधा केंद्र।
 6. स्नान क्षेत्र, वॉशरूम, वॉशबेसिन, खुले नल आदि के साथ अलग ब्लॉक.
 7. मंदिर की संरचना को तड़ित बिजली से बचाने के लिए उसके ऊपर 200 KA लाइट अरेस्टर लगाए गए हैं।
 8. भगवान राम और रामायण से संबंधित कलाकृतियों को प्रदर्शित करने वाला संग्रहालय.  

इस प्रकार  राम मंदिर की कल्पना सिर्फ एक धार्मिक केंद्र से अधिक, एक सांस्कृतिक और शैक्षणिक केंद्र के रूप में भी साकार की गई है।

*अन्य आकर्षक बातें:* 
 1. मंदिर के ठीक नीचे जमीन से लगभग 2,000 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा गया है।  कैप्सूल में एक तांबे की प्लेट है जिस पर राम मंदिर, भगवान राम और अयोध्या के संबंध में प्रासंगिक जानकारी अंकित है।
इस टाइम कैप्सूल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मंदिर की पहचान समय के साथ बरकरार रहे ताकि भविष्य में इसे भुलाया न जाए।

2. मंदिर एक भूकंप प्रतिरोधी संरचना है, जिसकी अनुमानित आयु हज़ार वर्ष है।

3. मूर्तियाँ 60 मिलियन वर्ष पुरानी शालिग्राम चट्टानों से बनी हैं, जिन्हें गंडकी नदी (नेपाल) से लाया गया था.

4. घंटा,  अष्टधातु (सोना, चांदी, तांबा, जस्ता, सीसा, टिन, लोहा और पारा) से बना है.
वजन 2100 कि.ग्रा. है,
जिस की आवाज 15 KM तक सुनी जा सकती है।

आने वाले समय में हम केवल यह देखकर मंत्रमुग्ध हो जायेंगे कि  यह कैसे सनातन धर्म के नाम पर केवल समृद्धि लाता है !!

*जय श्री राम.*

अगर भारत के किसी राज्य में 22 जनवरी को कोई राज्य सरकार जानबूझकर अवकाश नहीं घोषित करती हैं तो सभी को चाहिए की अनिवार्य रूप से उसे दिन छुट्टी ले लें और कोई भी कार्य करने के लिए ना जाएं क्योंकि छोटे-छोटे दो कौड़ी के लोगों के लिए अवकाश घोषित करना और विश्व के सर्वश्रेष्ठ योग पुरुष मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर किसी राज्य में अवकाश घोषित न होना विशेष कर न्यायपालिका में यह देश सनातन धर्म और श्री राम का घनघोर अपमान है इसलिए उसे दिन सब लोग अपने-अपने घर रेहकर श्री राम का भजन कीर्तन करें या फिर उत्तराखंड का पाठ करें जय श्री राम डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह

 *अगर भारत के किसी राज्य में 22 जनवरी को कोई राज्य सरकार जानबूझकर अवकाश नहीं घोषित करती हैं तो सभी को चाहिए की अनिवार्य रूप से उसे दिन छुट्टी ले लें और कोई भी कार्य करने के लिए ना जाएं क्योंकि छोटे-छोटे दो कौड़ी के लोगों के लिए अवकाश घोषित करना और विश्व के सर्वश्रेष्ठ योग पुरुष मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर किसी राज्य में अवकाश घोषित न होना विशेष कर न्यायपालिका में यह देश सनातन धर्म और श्री राम का घनघोर अपमान है इसलिए उसे दिन सब लोग अपने-अपने घर रेहकर श्री राम का भजन कीर्तन करें या फिर उत्तराखंड का पाठ करें जय श्री राम डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह*
[20/1, 10:01 pm] drdileepsingh768: *भगवान श्री राम की कृपा से और सनातनी जनता के प्रबल इच्छा शक्ति के चलते देश में कार्यपालिका विधायिका ने अवकाश घोषित किया और विवश होकर सर्वोच्च न्यायालय को भी जनता के दबाव में समस्त न्यायालय बंद करने का आदेश देना पड़ा इस प्रकार यह सिद्ध हो गया कि कोई भी सरकारी तंत्र जनता के आगे बेकार है और उसे झुकना ही पड़ेगा जय श्री राम दो दिन सब लोग श्री राम का कीर्तन भजन करो उत्तराखंड का पाठ करो और कुछ ना हो तो केवल हनुमान चालीसा का पाठ करो और यह काम केवल सनातनी हिंदू सिख जैन बौद्ध गुफा वासी नास्तिक आदिवासी वनवासी ही नहीं बल्कि सभी ईसाई मुसलमान यहूदी भी करें यह सभी लोग केवल नाम के ही गैर सनातनी है इनकी नसों में दौड़ने वाला खून शुद्ध सनातनी है अपने पाप धोने का और फिर से सनातन धर्म में आने का यही परम पवित्र अवसर है जय श्री राम डॉ दिलीप कुमार सिंह* और पक्का विश्वास रखो कि 22 जनवरी प्राण प्रतिष्ठा के दिन भगवान श्री राम किसी न किसी रूप में हर घर में आएंगे केवल पहचान की देरी है

मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरणों में दिए अर्पित कर खुशी का इजहार करते हुए कहा की *प्रभु आए हमारे घर हमारी किस्मत।।।। कभी हम प्रभु को कभी अपने घर को देखते हैं*

मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरणों में दिए अर्पित कर खुशी का इजहार करते हुए कहा की *प्रभु आए हमारे घर  हमारी किस्मत।।।। कभी हम प्रभु को कभी अपने घर को देखते हैं*
*मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का भव्वे मंदिरमें प्राण प्रतिष्ठा  होते देखना हर धर्म संप्रदाय और इस धरती के हर जीव के लिए ऐतिहासिक वह लम्हा है जिसे केवल खुशनसीब नसीब आंखें ही देख सकती हैं* फरहत अली खान ने कहा कि अब *स्वर्ग मिले या नरक जीवन मिले या मृत्यु हम  खुशी से स्वीकार करते हैं* उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरणों में दिए अर्पित करते हुए कहा 
कि *हम इस्लाम को मानने वाले सनातनी मुसलमान है जो अपनी परंपराओं सभ्यताओं पूर्वजों और  आस्थाओं के हर जश्न को हर्ष उल्लास के साथ मनाएंगे* और हम सभी भारतवासी जय श्री राम जय श्री राम का नारा लगाएंगे हम यह नहीं भूलना चाहिए कि हम भारतीय मुसलमान हैं *उन्होंने कहा कुदरत ने जो मुझे दिया वह दिया मैंने मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरणों में सजा दिया*।।
फरहत अली खान
 राष्ट्रीय अध्यक्ष
 अखिल भारतीय मुस्लिम महासमुंद

एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये!

एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये!

हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ?? 

यहाँ न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं यहाँ तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा !

भटकते-भटकते शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज की रात बीता लो, सुबह हम लोग हरिद्वार लौट चलेंगे !

रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुके थे, उस पर एक उल्लू बैठा था।

वह जोर से चिल्लाने लगा।

हंसिनी ने हंस से कहा- अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते।

ये उल्लू चिल्ला रहा है। 

हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ??

ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही।

पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों की बातें सुन रहा था।

सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई, मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझे माफ़ करदो।

हंस ने कहा- कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद! 

यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा 

पीछे से उल्लू चिल्लाया, अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहे हो।

हंस चौंका- उसने कहा, आपकी पत्नी ??

अरे भाई, यह हंसिनी है, मेरी पत्नी है,मेरे साथ आई थी, मेरे साथ जा रही है!

उल्लू ने कहा- खामोश रहो, ये मेरी पत्नी है।

दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पूरे इलाके व समाज के लोग एकत्र हो गये। 

कई गावों की जनता बैठी। पंचायत बुलाई गयी। 

पंचलोग भी आ गये!

बोले- भाई किस बात का विवाद है ??

लोगों ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है!

लम्बी बैठक और पंचायत के बाद पंच लोग किनारे हो गये और कहा कि भाई बात तो यह सही है कि हंसिनी हंस की ही पत्नी है, लेकिन ये हंस और हंसिनी तो अभी थोड़ी देर में इस गाँव से चले जायेंगे।

हमारे बीच में तो उल्लू को ही रहना है। 

इसलिए फैसला उल्लू के ही हक़ में ही सुनाना चाहिए! 

फिर पंचों ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि सारे तथ्यों और सबूतों की जाँच करने के बाद यह पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी उल्लू की ही पत्नी है और हंस को तत्काल गाँव छोड़ने का हुक्म दिया जाता है!

यह सुनते ही हंस हैरान हो गया और रोने, चीखने और चिल्लाने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया। 

उल्लू ने मेरी पत्नी ले ली!

रोते- चीखते जब वह आगे बढ़ने लगा तो उल्लू ने आवाज लगाई - ऐ मित्र हंस, रुको!

हंस ने रोते हुए कहा कि भैया, अब क्या करोगे ?? 

पत्नी तो तुमने ले ही ली, अब जान भी लोगे ?

उल्लू ने कहा- नहीं मित्र, ये हंसिनी आपकी पत्नी थी, है और रहेगी! 

लेकिन कल रात जब मैं चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ उल्लू रहता है! 

मित्र, ये इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है।

यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ पर ऐसे पंच रहते हैं जो उल्लुओं के हक़ में फैसला सुनाते हैं!

शायद इतने साल की आजादी के बाद भी हमारे देश व समाज की दुर्दशा का मूल कारण यही है कि हमने उम्मीदवार व नेतृत्वकर्ता की योग्यता व गुण आदि न देखते हुए, हमेशा , ये हमारे परिवार का है,ये हमारा नजदीकी है, ये हमारी पार्टी का है, ये हमारे एरिया का है, के आधार पर  हमेशा अपना फैसला उल्लुओं के ही पक्ष में सुनाया है, देश क़ी बदहाली और दुर्दशा के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार है!

जागो तो एकबार हिन्दू जागो तो...✊

#हिंदु_भाई_संभलो  #जय_सियाराम 
#जागो_हिंदुओं_जागो_एकजुट_हो_जाओ 
#सनातनधर्म_का_पुनरुत्थान 🛕🚩
#सनातन_धर्म_ही_सर्वश्रेष्ठ_है 🪔

Friday, 19 January 2024

कौन है ये चम्पतराय. ??*

*कौन है ये चम्पतराय. ??*

1975 इँदिरा गाँधी द्वारा थोपे आपातकाल के समय बिजनौर के धामपुर स्थित आर एस एम डिग्री कॉलेज में एक युवा प्रोफेसर चंपत राय, बच्चों को फिजिक्स पढ़ा रहे थे, तभी उन्हें गिरफ्तार करने वहां पुलिस पहुंची क्योंकि वह संघ से जुड़े थे। अपने छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय चंपत राय जानते थे कि उनके वहाँ गिरफ्तार होने पर क्या हो सकता है। पुलिस को भी अनुमान था कि छात्रों का कितना अधिक प्रतिरोध हो सकता है।

प्रोफ़ेसर चंपत राय ने पुलिस अधिकारियों से कहा, आप जाइये मैं बच्चों की क्लास खत्म कर थाने आ जाऊँगा। पुलिस वाले इस व्यक्ति के शब्दों के वजन को जानते थे अतः वे लौट गए। क्लास खत्म कर बच्चों को शांति से घर जाने के लिए कह कर प्रोफेसर चंपत राय घर पहुँचे, माता पिता के चरण छू आशीर्वाद लिया और लंबी जेल यात्रा के लिए थाने पहुंच गए।

18 महीने उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में बेहद कष्टकारी जीवन व्यतीत कर जब बाहर निकले तो इस दृढ़प्रतिज्ञ युवा के आत्मबल को संघ के सरसंघचालक श्री रज्जू भैया ने पहचाना और श्री राममंदिर की लड़ाई के लिए अयोध्या जी को तैयार करने का जिम्मा उनके कंधों पर डाल दिया।

चंपत राय ने अपनी सरकारी नौकरी को लात मार दी और राम काज में जुट गए। वे अवध के गाँव गाँव गये हर द्वार खटखटाया। स्थानीय स्तर पर ऐसी युवा फौज खड़ी की जो हर स्थिति से लड़ने को तत्पर थी। अयोध्या के हर गली कूँचे ने चंपत राय को पहचान लिया और हर गली कूंचे को उन्होंने भी पहचान लिया। उन्हें अवध के इतिहास, वर्तमान, भूगोल की ऐसी जानकारी हो गई कि उनके साथी उन्हें "अयोध्या की इनसाइक्लोपीडिया" उपनाम से बुलाने लगे।

बाबरी ध्वंस से पूर्व से ही चंपत राय जी ने राम मंदिर पर "डॉक्यूमेंटल एविडेंस" जुटाने प्रारम्भ किये। लाखों पेज के डॉक्यूमेंट पढ़े और सहेजे, एक एक ग्रंथ पढ़ा और संभाला उनका घर इन कागजातों से भर गया, साथ ही हर जानकारी उंन्हे कंठस्थ भी हो गई। के. परासरण जी और अन्य साथी वकील जब जन्मभूमि की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में उतरे तो उन्हें अकाट्य सबूत देने वाले यही व्यक्ति थे।

6 दिसंबर 1992 को मंच से बड़े बड़े दिग्गज नेता कारसेवकों को अनुशासन का पाठ पढ़ा रहे थे। तमाम निर्देश दिए जा रहे थे। बाबरी ढांचे को नुकसान न पहुँचाने की कसमें दी जा रहीं थीं, उस समय चंपत राय जी मंच से कुछ दूर स्थानीय युवाओं के साथ 
थे। एक पत्रकार ने चंपत राय से पूछा "अब क्या होगा ?" उन्होंने हँस कर उत्तर दिया "ये राम की वानर सेना है, सीटी की आवाज पर पी टी करने यहां नहीं आयी है। ये जो करने आयी है करके ही जाएगी।"

इतना कह उन्होंने एक बेलचा अपने हाथ में लिया और बाबरी ढांचे की ओर बढ़ गये, फिर सिर्फ जय श्री राम का नारा गूंजा और... इतिहास रचा गया। 

आदरणीय चंपत राय को 
यूं ही राम मंदिर ट्रस्ट का सचिव नहीं बना दिया गया है। उन्होंने रामलला के श्रीचरणों में अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पित किया है। प्यार से उन्हें लोग "रामलला का पटवारी" भी कहते हैं।
यह व्यक्ति सनातन का योद्धा है। कोई मुंह फाड़ बकवास करता कायर नहीं...

बाबरी ध्वंस के मुकदमों में कल्याण सिंह जी के बाद चंपत राय ने ही अदालत और जनसामान्य दोनों के सामने सदैव खुल कर उस घटना का दायित्व अपने ऊपर लिया। चम्पत राय 
जी कह चुके हैं, जैसे ही राममंदिर का शिखर देख लेंगे युवा पीढ़ी को मथुरा की ज़िम्मेदारी निभाने को प्रेरित करने में जुट जाएंगे"।

चंपत राय जी धर्म की छोटी से छोटी चीजों का ध्यान रखने वाले तपस्वी और विद्वान हैं। एक बार वे किसी काम से काशी में किन्हीं के यहां रुके, तब रात्रि में देखा तो पाया कि बैड का डायरेक्शन कुछ ऐसा था कि सोते हुए पैर दक्षिण की तरफ हो रहे थे, उन्हें एक रात को भी यह स्वीकार नहीं था, रात में ही उन्होंने बैड का डायरेक्शन ठीक करवाया, तभी सोए। जो धोती कुर्ता पहनकर भारत का गाँव गाँव नापने वाला व्यक्ति अपने निजी जीवन में हिन्दू जीवनचर्या की छोटी छोटी बातों का हठ के साथ पालन करता है वह श्रीराममंदिर के संदर्भ में किस हद तक विचारशील और जुझारू होगा, समझा जा सकता है। 
*वास्तव में इन पर उंगली उठाने वाले इनके पाँव की धूल के समान भी नहीं हैं ...*
🙏जय जय श्री राम 🙏
कृपया यह जानकारी सभी सनातनी हिन्दू भाईयों को होनी चाहिए 🙏

Wednesday, 17 January 2024

मौसम की भविष्यवाणी 31 जनवरी तक जारी रहेगी ठंड जिसमें प्रचंड ठंड कोर बादल 26 जनवरी तक जारी रहेगा और धूप बिल्कुल नहीं होगी या नाम मात्र की धूप होगी इसलिए तापमान 14 डिग्री से 18 डिग्री अधिकतम होगा और यह बहुत भयानक स्थिति है न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस से 5 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा*

*मौसम की भविष्यवाणी 31 जनवरी तक जारी रहेगी ठंड जिसमें प्रचंड ठंड कोर बादल 26 जनवरी तक जारी रहेगा और धूप बिल्कुल नहीं होगी या नाम मात्र की धूप होगी इसलिए तापमान 14 डिग्री से 18 डिग्री अधिकतम होगा और यह बहुत भयानक स्थिति है न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस से 5 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा*

*आज सभी अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम और विज्ञान अनुसंधान केंद्र की भविष्यवाणी सत्य करते हुए न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया जो शिमला दिल्ली से भी अधिक ठंडा था अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि इंटरनेट और मौसम विज्ञान वाले जो इंटरनेट देखकर मौसम बताते हैं उनका तापमान 4 से 5 डिग्री और अधिकतम तापमान 16 से 17 डिग्री सेल्सियस  तापमान बता रहे हैं और दिखा रहे हैं जो पूरी तरह गलत है आज बर्फीली हवाएं सारे कीर्तिमान को तोड़कर नया कीर्तिमान बना दी इस तरह 14 से लेकर 23 तक लगातार महा भयंकर प्रायाणांयकारी ठंड पड़ने की हमारे केंद्र की भविष्यवाणी पूरी तरह सही हुई अभी 23 जनवरी तक ठंड में गलन में कोई भी कमी होने वाली नहीं है इसलिए सब लोग बहुत बच बचा कर रहे  वरना बिस्तर पर पड़ जाएंगे जौनपुर के इतिहास में जौनपुर का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री लिखा है वही आधार मानकर मौसम विभाग इंटरनेट वाले भविष्यवाणी करते हैं औसत तापमान 9 डिग्री रहने से बहुत ही घनघोर भयंकर स्थिति पैदा हो गई है और ऐसा लगता है कि चारों ओर बर्फ ही बर्फ फैली हुई है इस बारे में एक और चीज बता दें की तापमान अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग रहता है जैसे कल कमरे के अंदर का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस था छठ का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस था और बाहर का तापमान 3 डिग्री सेल्सियस था इस प्रकार इंटरनेट और मौसम विभाग कमरे के अंदर का तापमान बताता है जिससे लोगों के खतरे में पड़ जाने का संकट बरकरार रहता है*

 *23 जनवरी के बाद मौसम में धीरे-धीरे सुधार होगा 26 जनवरी तक मौसम में हल्का सुधार होगा जबकि 31 जनवरी के बाद ठंड से राहत मिलनी शुरू होगी यह सब बातें 4 महीने पहले भी हमारे केंद्र ने लोगों को सावधान करने के तौर पर किया था और फिर से कर रहा है ताकि लोग किसी चक्रव्यूह और भूल भुलैया में ना पड़े और सुरक्षित रहें सावधान रहें डॉ दिलीप कुमार सिंह कल का तापमान 3 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे जा सकता है हवा की गति धीमी हो जाने वायुमंडल के ऊपरी परत में कोहरा जम जाने उत्तरी ध्रुव में बर्फ का विस्फोट होने तिब्बत और हिमालय की और पश्चिम की बहुत ही सुखी और ठंडी हवाएं इसको और भी भयानक और जहरीला बना रहे हैं इन्हीं सब कर्म से हमारे हैं पहले विवाह चैत्र से लेकर आषाढ़ तक और केवल अगहन में ही होते थे आज हर जगह मनमानी है इसलिए जो लोग मंगलिक समझ कर रहे हैं वह स्वयं तो विपत्ति में पड़े ही हैं लोगों को भी भयंकर स्थिति में डाल रहे हैं अपने पूर्वजों की बात न माने और अपनी शुद्ध चीजों को त्याग देने मशीन पर निर्भर होने का यही भयानक दुष्परिणाम होता है*

*मुंबई के लोगों सावधान मुंबई में भी ठंड तेजी से उत्तर भारत की तरफ से बढ़ रही थी इसका अर्थ यह होगा कि 18 जनवरी से 25 जनवरी तक मुंबई पालघर नवी मुंबई ठाणे पूरे बाय अंदर वसई विरार नालासोपारा पालघर बोईसर उमरगांव पुणे वापी वलसाड दहानू रोड कल्याण और आसपास के क्षेत्र में भी न्यूनतम तापमान गिरकर 15 डिग्री सेल्सियस आ जाएगा जो मुंबई के लिए अभूतपूर्व स्थिति है अधिकतम तापमान हालांकि 30 से 32 डिग्री सेल्सियस होने से दिन और रात में बहुत अच्छा मौसम रहेगा दोपहर में गर्मी रहेगी इन भागों में भी हल्के फुल्के बादल होते रहेंगे दक्षिण भारत में तमिलनाडु आंध्र केरल के कई भागों में हल्की वर्षा भी संभव है*


*भारत के अलावा पूरी दुनिया में कैसा रहेगा मौसम भारत के अलावा हिमालय पर्वत से लेकर अफगानिस्तान अरब देश और चीन जापान कोरिया रूस संपूर्ण यूरोप आइसलैंड ग्रीनलैंड संपूर्ण उत्तरी अमेरिका मेक्सिको को छोड़कर प्रचंड शीट लहर और भयंकर रूप से बर्फीली आंधी तूफान से ग्रस्त रहेगा और यहां  वैंक्वार मोंट्रियल और इकुर्टस्क  ओमिकोव बर्खोयांस्क अलास्का जैसे अनेक स्थानों में तपमैन- 50 से लेकर माइनस 85 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा जो अभूतपूर्व स्थिति होगी एशिया यूरोप और अमेरिका में सैकड़ो वर्षों के महान शीतलहर और बर्फबारी का कीर्तिमान टूट सकता है इन सभी स्थानों पर केवल बर्फ की सफेद चादर ही दिखेगी जिससे वाहन पर अभूतपूर्व स्थितियों और संकट उत्पन्न होगा और अभूतपूर्व अघोषित आपातकाल जैसी स्थितियां होंगी ऑस्ट्रेलिया दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में इस समय गर्म मौसम रहेगा ऑस्ट्रेलिया में तो कई जगहों पर तापमान 45 से 50 डिग्री सेल्सियस तक आ सकता है*


*दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश तेलंगाना तमिलनाडु केरल कर्नाटक और गोवा में रात में सुहाना मौसम रहेगा दिन में गर्मी रहेगी यहां का तापमान न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर अधिकतम 35 डिग्री सेल्सियस रहेगा जबकि उड़ीसा के कुछ भागों में प्रचंड शीत लहर होगी यहां तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा बंगाल और पूर्वोत्तर भारत तथा बांग्लादेश में मौसम हाल का ठंडा सुहावना रहेगा जबकि नेपाल भूटान सिक्किम अरुणाचल प्रदेश उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश लेह लद्दाख कारगिल और पर्वतीय क्षेत्रों में मां भयंकर ठंड पड़ेगी यहां तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा पंजाब हरियाणा दिल्ली गुजरात मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बहुत ही घना कोहरा प्रचंड ठंड और उसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के कारण बादल कहीं-कहीं बूंदाबांदी हल्की वर्षा होगी इस प्रकार मौसम में परिवर्तन पूरी तरह 31 जनवरी के बाद ही संभव है तब तक भयानक ठंड  कोहरा के अलावा कोई चारा नहीं है यद्यपि 26 जनवरी के बाद धीरे-धीरे धूप होने लगेगी और मौसम में सुधार होगा इन मैदानी क्षेत्रों में तापमान- 3 डिग्री सेल्सियस चूरू सीकर गंगानगर में रहेगा जबकि सामान्य रूप से एक डिग्री सेल्सियस से लेकर 15 डिग्री सेल्सियस तापमान रहेगा जबकि मौसम विभाग और मोबाइल इंटरनेट उल्टी सीधी बातें बताते रहेंगे गलती उनकी भी नहीं है क्योंकि वह पूरी तरह से उपग्रह इंटरनेट पर निर्भर रहते हैं अपना विवेक नहीं लगते जिस तरह से दवा एक ही होती है लेकिन योग्य चिकित्सक स्थिति स्थिति देखकर जवान वृद्धि और बालक स्वस्थ और निर्बल को देखकर दवा की मात्रा तय करते हैं वैसे ही मौसम विज्ञानी को देशकाल पर स्थित देखकर खुद के लगाए हुए यंत्रों की जांच करके ही कोई भविष्यवाणी अंतिम रूप से करनी चाहिए मशीन कभी भी मानव से बड़ी नहीं हो सकती है डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर*

Tuesday, 16 January 2024

आजमगढ़ के शिया जमींदार फतेह हुसैन के घर शायरी की महफ़िल जमी हुई थी। फतह हुसैन का 10-11 साल का बेटा अतहर हुसैन रिज़वी मेहमानों के पानी-पान लाने का काम बड़ी सेवा भाव से करता था।

आजमगढ़ के शिया जमींदार फतेह हुसैन के घर शायरी की महफ़िल जमी हुई थी। फतह हुसैन का 10-11 साल का बेटा अतहर हुसैन रिज़वी मेहमानों के पानी-पान लाने का काम बड़ी सेवा भाव से करता था।

एक दिन महफ़िल में एक मिसरा उठा और तमाम लोग बगलें झांकने लगे। मिसरा था,'- इतना हंसो कि आंख से आंसू निकल पड़ें...
अतहर हुसैन के सभी बड़े भाई चुप थे कि मासूम अतहर ने ग़ज़ल पूरी कर दी,'
इतना तो ज़िन्दगी में किसी की खलल पड़े... हंसने से हो सुकून, ना रोने कल पड़े..
जिस तरह से हंस रहा हूं मैं, पी-पी के अश्केगम, यूं दूसरा हंसे तो कलेजा निकल पड़े.!

इस ग़ज़ल ने मुशायरा लूट लिया, अब्बा दंग रह गए। तुरंत एक पार्कर पेन, एक शेरवानी के साथ एक तखल्लुस(उपनाम) "कैफ़ी" भी दे डाला। आगे चल के ये लड़का अतहर "कैफ़ी आज़मी" के नाम से जाना गया और आजमगढ़ समेत देश की आला शख्सियतों में शुमार हो गया। 

कैफ़ी आज़मी 14 जनवरी को आजमगढ़ के छोटे से गांव मिजवां में पैदा हुए। उनकी उम्र जब 19 बरस थी, तब वे कम्युनिस्ट पार्टी में शरीक हो गए। उन्होंने पार्टी के अख़बार ‘क़ौमी जंग’ के लिए लिखना शुरू किया और अपनी सलाहियतों के लिए एक बड़े कैनवास की तलाश में मुंबई पहुंच गए। देशभर के मुशायरों में जब एक नौजवान शायर के तौर पर कैफ़ी के नाम की धूम मच रही थी, उस वक्त वे कम्यूनिस्ट पार्टी मेंबर के रूप में मज़दूर और किसानों के हक़ की आवाज़ बुलंद कर रहे थे। सन 47 में कैफ़ी ने शौकत से शादी की जिसके बाद अपने घर के बढ़ते खर्चो को देख कैफी आजमी ने फिल्मी गीत लिखने का निश्चय किया, क्यूंकि फिल्मों में लिखने पर पैसे अच्छे मिलते थे। बंटवारे पर बनी सबसे बेहतरीन फिल्म ‘गरम हवा’ की कहानी, पटकथा, संवाद कैफ़ी आज़मी ने लिखे थे जिसके लिए उन्हें तीन-तीन फिल्म फेयर अवॉर्ड और राष्ट्रीय अवार्ड भी दिए गए।

1970 में आई फ़िल्म 'हीर-रांझा' ने भी इतिहास कायम कर दिया था। पूरी फ़िल्म शायरी में लिखी गई थी। ऐसा हिन्दी सिनेमा के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था। इस फ़िल्म के गीतों ने भी ख़ूब धूम मचाई। गरम हवा, कागज़ के फूल, मंथन, कोहरा, सात हिन्दुस्तानी, बावर्ची, पाकीज़ा, हँसते ज़ख्म, अर्थ, रज़िया सुल्तान सरीख़ी फिल्मों ने कैफ़ी को अमर कर दिया।

- कैफ़ी आज़मी ने सईद मिर्ज़ा की फिल्म 'नसीम' (1997) में अभिनय भी किया। यह किरदार पहले दिलीप कुमार निभाने वाले थे।
- कैफ़ी आज़मी केवल 'मॉन्ट ब्लॉक पेन' से लिखते थे। उनके पेन की सर्विसिंग न्यूयॉर्क में होती थी। मौत के वक्त उनके पास अट्ठारह मॉन्ट ब्लॉक पेन थे।
- कैफ़ी आज़मी की जन्मतिथि उनकी अम्मी को याद नहीं थी। उनके मित्र डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर सुखदेव ने उनकी जन्मतिथि 14 जनवरी रख दी थी।
- उन्हें 'सात हिन्दुस्तानी' (1969) के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार के 'राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
- भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था। इसके अलावा उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
- कैफ़ी आज़मी ने कुल 80 हिन्दी फ़िल्मों में गीत लिखे हैं।
- 1975 में कैफ़ी आज़मी आवारा सिज्दे पर साहित्य अकादमी पुरस्कार और सोवियत लैंड नेहरू अवॉर्ड से सम्मानित किए गए।
- अमीर परिवार से आई शौकत ने कैफ़ी आज़मी के लिए जितना समर्पण दिखाया,वो वाकई रुला देने वाला है। ग़रीबी में भी शबाना आज़मी और बाबा आज़मी की परवरिश की, घर संभाला और कैफ़ी को कभी एक लफ्ज़ तक नहीं कहा। यूं तो कैफ़ी से जुड़े ढेरों किस्से, ढेरों बातों और उपलब्धियां है, जिन्हें कितना भी लिख दें.. लिखने के लिए पोस्ट कम पड़ जाएगी।

#KaifiAzmi #azamgarh

Frank Joseph

Monday, 15 January 2024

रात को जब हम सोते है तो हम किस तरह की करवट लें यह हमें पता नहीं होता है। कभी हम दाई ओर करवट लेते है तो कभी बाई ओर तो कभी औधें मुंह ले जाते है। जिससे हमें लगता है कि आराम मिल रहा उस तरफ हम करवट करके लेट जाते है।

*♦️ शुभ रात्रि कहने के पहले जानते हैं,,,,,,,*
*बाएं  करवट सोने से फायदे*
     🌷रात को जब हम सोते है तो हम किस तरह की करवट लें यह हमें पता नहीं होता है। कभी हम दाई ओर करवट लेते है तो कभी बाई ओर तो कभी औधें मुंह ले जाते है। जिससे हमें लगता है कि आराम मिल रहा उस तरफ हम करवट करके लेट जाते है।
      आपको यह बात पता है कि रात को जब हम सोते है तो हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारे इस करवट से हमारे शरीर के अंगों के साथ-साथ दिमाग में भी फर्क पडता है।
    विशेषज्ञों के अनुसार बाएं ओर करवट लेकर सोने से आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इससे आप कई बीमारियों से बच जाएगे। लेकिन कई बार रात को सोत वक्त खुद न पता होता है कि हम किस पोजीशन में लेते है। इसलिए कोशिश करें कि बाई ओर पोजीशन पकड़कर सोए। इससे हमें पेट संबंधी कई समस्याओं से निजात मिलेगा साथ ही आपका दिमाग सुचारु रूप से काम करेगा।
1- अगर आपको पेट संबंधी जैसे पेट का फूलना, गैस बनना, एसिडिटी की समस्या आदि है तो इससे आपुको फायदा मिल सकता है। डॉक्टरों के अनुसार माना जाता है कि बाएं ओर करवट लेकर सोने से शरीर में जमा होने वाले टॉक्सिन धीरे-धीरे लसिका तंत्र द्वारा निकल जाते हैं,
क्योंकि बाई ओर सोने से हमारे लीवर पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं पड़ता, इसलिए यह टॉक्सिन शरीर से बाह निकलने में सफल हो जाते हैं। जिससे आप कई बीमारियों से बच जाते है।
2- बाएं ओर सोने के कारण ग्रेविटी, भोजन को छोटी आंत से बड़ी आंत तक आराम से पहुंचाने में मदद करती है। जिसके कारण आपका सुबह आपका पेट आसानी से साफ हो जाता है।
3- आप जानते है कि हमारे शरीर में सबसे ज्यादा गंदगी हमारे लीवर और किडनियों में पाई जाती है। इसी कारण रात को सोते समय इसमें ज्यादा प्रेशर पडता है। जिसके कारण हमें एसिडिटी की समस्या हो जाती है। बाएं ओर करवट कर के सोने से ये दोनों ही अपने काम ठीक प्रकार से करते हैं। इससे ज्यादा बाइल जूस निकलता है जिससे वसा ठीक प्रकार से पचता है। साथ ही लीवर में फैट जमा नहीं हो पाता।
*🕉️🔱🚩जय मां भुवनेश्वरी 🚩🔱🕉️
      *‼️‼️ शुभ रात्रि ‼️‼️*

Sunday, 14 January 2024

देवराज इंद्र और धर्मात्मा तोते की कथा

देवराज इंद्र और धर्मात्मा तोते की कथा
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देवराज इंद्र और धर्मात्मा तोते की यह कथा महाभारत से है। कहानी कहती है, अगर किसी के साथ ने अच्छा वक्त दिखाया है तो बुरे वक्त में उसका साथ छोड़ देना ठीक नहीं। एक शिकारी ने शिकार पर तीर चलाया। तीर पर सबसे खतरनाक जहर लगा हुआ था। पर निशाना चूक गया। तीर हिरण की जगह एक फले-फूले पेड़ में जा लगा। पेड़ में जहर फैला। वह सूखने लगा। उस पर रहने वाले सभी पक्षी एक-एक कर उसे छोड़ गए। पेड़ के कोटर में एक धर्मात्मा तोता बहुत बरसों से रहा करता था। तोता पेड़ छोड़ कर नहीं गया, बल्कि अब तो वह ज्यादातर समय पेड़ पर ही रहता। दाना-पानी न मिलने से तोता भी सूख कर कांटा हुआ जा रहा था। बात देवराज इंद्र तक पहुंची। मरते वृक्ष के लिए अपने प्राण दे रहे तोते को देखने के लिए इंद्र स्वयं वहां आए।

धर्मात्मा तोते ने उन्हें पहली नजर में ही पहचान लिया। इंद्र ने कहा, 'देखो भाई इस पेड़ पर न पत्ते हैं, न फूल, न फल। अब इसके दोबारा हरे होने की कौन कहे, बचने की भी कोई उम्मीद नहीं है। जंगल में कई ऐसे पेड़ हैं, जिनके बड़े-बड़े कोटर पत्तों से ढके हैं। पेड़ फल-फूल से भी लदे हैं। वहां से सरोवर भी पास है। तुम इस पेड़ पर क्या कर रहे हो, वहां क्यों नहीं चले जाते?' तोते ने जवाब दिया, 'देवराज, मैं इसी पर जन्मा, इसी पर बढ़ा, इसके मीठे फल खाए। इसने मुझे दुश्मनों से कई बार बचाया। इसके साथ मैंने सुख भोगे हैं। आज इस पर बुरा वक्त आया तो मैं अपने सुख के लिए इसे त्याग दूं? जिसके साथ सुख भोगे, दुख भी उसके साथ भोगूंगा, मुझे इसमें आनंद है। आप देवता होकर भी मुझे ऐसी बुरी सलाह क्यों दे रहे हैं?' यह कह कर तोते ने तो जैसे इंद्र की बोलती ही बंद कर दी। तोते की दो-टूक सुन कर इंद्र प्रसन्न हुए, बोल, 'मैं तुमसे प्रसन्न हूं, कोई वर मांग लो।' तोता बोला, 'मेरे इस प्यारे पेड़ को पहले की तरह ही हरा-भरा कर दीजिए।' देवराज ने पेड़ को न सिर्फ अमृत से सींच दिया, बल्कि उस पर अमृत बरसाया भी। पेड़ में नई कोंपलें फूटीं। वह पहले की तरह हरा हो गया, उसमें खूब फल भी लग गए। तोता उस पर बहुत दिनों तक रहा, मरने के बाद देवलोक को चला गया। युधिष्ठिर को यह कथा सुना कर भीष्म बोले, 'अपने आश्रयदाता के दुख को जो अपना दुख समझता है, उसके कष्ट मिटाने स्वयं ईश्वर आते हैं। बुरे वक्त में व्यक्ति भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाता है। जो उस समय उसका साथ देता है, उसके लिए वह अपने प्राणों की बाजी लगा देता है। किसी के सुख के साथी बनो न बनो, दुख के साथी जरूर बनो। यही धर्मनीति है और कूटनीति भी।
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अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के चुनाव में भारत की बड़ी जीत*____________________________________

*अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के चुनाव में भारत की बड़ी जीत*
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*ब्यूरोक्रेसी aum tv Moradabad Uttar Pradesh 
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दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी की चाणक्य कूटनीति से विश्व मंच पर ब्रिटेन की हार, यह इस बात का बड़ा उदाहरण है कि पीएम मोदी ने दुनिया भर में कैसे रिश्ते बनाए हैं।

*भारत के न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में चुना गया है।*

भारत के न्यायमूर्ति दलवीर सिंह को 193 में से 183 वोट (प्रत्येक देश से एक प्रतिनिधित्व) प्राप्त हुए और उन्होंने ब्रिटेन के न्यायमूर्ति क्रिस्टोफर ग्रीनवुड को हराया। उन्होंने इस पद पर ब्रिटेन के 71 साल के एकाधिकार को तोड़ दिया।

इसे हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्रालय पिछले 6 महीने से कड़ी मेहनत कर रहे हैं!  सभी 193 देशों के प्रतिनिधियों से संपर्क करना और ब्रिटिश उम्मीदवार, जिसका आसानी से जीतना निश्चित था, पर भारत की स्थिति स्पष्ट करना बहुत कठिन कार्य था।

*11वें दौर की वोटिंग में जस्टिस दलवीर भंडारी को महासभा के 193 में से 183 वोट और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से 15 वोट मिले।*

न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी 9 साल की अवधि के लिए इस पद पर रहेंगे।  इन 183 देशों ने भारत के लिए वोट किया, इनमें से कोई भी "अंध मोदी भक्त" नहीं!  वे सभी विचारशील हैं, यह इस बात का बड़ा उदाहरण है कि आजादी के 70 साल बाद हमारे प्रधान मंत्री मोदीजी ने दुनिया भर के देशों के साथ कितने विनम्र, सम्मानजनक और अच्छे संबंध बनाए हैं।

भारतीय समाचार मीडिया इतनी बड़ी उपलब्धि प्रसारित नहीं करता,उन्हें मोदी के ख़िलाफ़ ख़बरें चाहिए, वही ढूंढते और प्रसारित करते हैं।

निवेदन- अपने अन्य मित्रों को भी भेजें।

जय हिंद-जय भारत माता। 💪💪💪

मांस का मूल्य मगध सम्राट बिन्दुसार ने एक बार अपनी सभा मे पूछा…देश की खाद्य समस्या को सुलझाने के लिए,सबसे सस्ती वस्तु क्या है ?

मांस का मूल्य 

मगध सम्राट बिन्दुसार ने एक बार अपनी सभा मे पूछा…

देश की खाद्य समस्या को सुलझाने के लिए,

सबसे सस्ती वस्तु क्या है ?

मंत्री परिषद् तथा अन्य सदस्य सोच में पड़ गये! चावल, गेहूं, ज्वार, बाजरा आदि तो बहुत श्रम के बाद मिलते हैं और वह भी तब, जब प्रकृति का प्रकोप न हो, ऐसी हालत में अन्न तो सस्ता हो ही नहीं सकता।

तब शिकार का शौक पालने वाले एक सामंत ने कहा :
हे राजन

सबसे सस्ता खाद्य पदार्थ मांस (Meat) है।

इसे पाने मे मेहनत कम लगती है और पौष्टिक वस्तु खाने को मिल जाती है। सभी ने इस बात का समर्थन किया, लेकिन प्रधान मंत्री चाणक्य चुप थे। 

तब सम्राट ने उनसे पूछा : 
आपका इस बारे में क्या मत है? 

चाणक्य ने कहा : राजन, मैं अपने विचार कल आपके समक्ष रखूंगा…

रात होने पर प्रधानमंत्री उस सामंत के महल पहुंचे, सामंत ने द्वार खोला, इतनी रात को गये प्रधानमंत्री को देखकर घबरा गया।

प्रधानमंत्री ने कहा 
शाम को महाराज एकाएक बीमार हो गये हैं, राजवैद्य ने कहा है कि किसी बड़े आदमी के हृदय का दो तोला मांस मिल जाए तो राजा के प्राण बच सकते हैं, इसलिए मैं आपके पास आपके हृदय ❤️ का सिर्फ दो तोला मांस लेने आया हूं। इसके लिए आप एक लाख स्वर्ण मुद्रायें ले लें।

यह सुनते ही सामंत के चेहरे का रंग उड़ गया, उसने प्रधानमंत्री के पैर पकड़ कर माफ़ी मांगी।

और उल्टे एक लाख स्वर्ण मुद्रायें देकर कहा कि इस धन से वह किसी और सामन्त के हृदय का मांस खरीद लें।

प्रधानमंत्री बारी-बारी सभी सामंतों, सेनाधिकारियों के यहां पहुंचे और 

सभी से उनके हृदय का दो तोला मांस मांगा, लेकिन कोई भी राजी न हुआ, उल्टे सभी ने अपने बचाव के लिये प्रधानमंत्री को एक लाख, दो लाख, पांच लाख तक स्वर्ण मुद्रायें दे दी।

इस प्रकार करीब दो करोड़ स्वर्ण मुद्राओं का संग्रह कर प्रधानमंत्री सवेरा होने से पहले वापस अपने महल पहुंचे और समय पर राजसभा में प्रधानमंत्री ने राजा के समक्ष दो करोड़ स्वर्ण मुद्रायें रख दी। 

सम्राट ने पूछा 
यह सब क्या है ?

तब प्रधानमंत्री ने बताया कि दो तोला मांस खरीदने के लिए इतनी धनराशि इकट्ठी हो गई फिर भी दो तोला मांस नही मिला।

राजन  अब आप स्वयं विचार करें कि मांस कितना सस्ता है?

जीवन अमूल्य है, हम यह न भूलें कि जिस तरह हमें अपनी जान प्यारी है, उसी तरह सभी जीवों को भी अपनी जान उतनी ही प्यारी है। लेकिन वो अपनी जान बचाने में असमर्थ हैं।

और मनुष्य अपने प्राण बचाने हेतु हर सम्भव प्रयास कर सकता है। बोलकर, रिझाकर, डराकर, रिश्वत देकर आदि आदि । 

पशु न तो बोल सकते हैं, न ही अपनी व्यथा बता सकते हैं। 

तो क्या बस इसी कारण उनसे जीने का अधिकार छीन लिया जाए?

शुद्ध आहार, शाकाहार..
मानव आहार, शाकाहार.. ❤️

आज ही मांस खाना छोडें 

अगर ये लेख आपको अच्छा लगे तो हर व्यक्ति तक जरुर भेजें।
ताकि दैत्य लक्षण से मुक्त हो सनातन


आपका धन्यवाद…

*पूरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ सनातन धर्म संस्कृति जो विज्ञान और अध्यात्म की दृष्टि से भी सर्वश्रेष्ठ हैं और जिसमें सारी दुनिया के वे लोग शामिल हैं जो मुसलमान ईसाई और यहूदी नहीं है के महा वैज्ञानिक महापर्व मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर आज दिनांक 15 जनवरी 2024 तक अनुसार पूस महीने की शुक्ल पक्ष चतुर्थी को भगवान सूर्य के दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश करने की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह श्रीमती पद्मा सिंह*भगवान श्री राम के मंदिर पर जितने भी विवाद विपक्ष और उनके द्वारा पालतू संत महंत द्वारा खड़े किए जा रहे हैं सब फालतू हैं क्योंकि ज्योतिष विशेषज्ञ और वास्तविक पंचांग कार्य जानते हैं कि किसी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा बना रहे मंदिर में भी हो सकती है और बनाने के बाद भी शर्त केवल इतनी ही है कि अगर बन रहे मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा होती है तो उसमें कलश नहीं स्थापित किया जाता है और पूर्ण बने मंदिर में कलश स्थापना किसी सदाचारी विद्वान सन्यासी द्वारा ही संभव है इसलिए इसमें कहीं कोई मतभेद नहीं है*

*भगवान श्री राम के मंदिर पर जितने भी विवाद विपक्ष और उनके द्वारा पालतू संत महंत द्वारा खड़े किए जा रहे हैं सब फालतू हैं क्योंकि ज्योतिष विशेषज्ञ और वास्तविक पंचांग कार्य जानते हैं कि किसी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा बना रहे मंदिर में भी हो सकती है और बनाने के बाद भी शर्त केवल इतनी ही है कि अगर बन रहे मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा होती है तो उसमें कलश नहीं स्थापित किया जाता है और पूर्ण बने मंदिर में कलश स्थापना किसी सदाचारी विद्वान सन्यासी द्वारा ही संभव है इसलिए इसमें कहीं कोई मतभेद नहीं है* 

*अगली बात यह है कि बना रहे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो सकती है बशर्ते प्राण प्रतिष्ठा का कक्ष पूरी तरह ढका हो और उसमें दरवाजे लग चुके हो इस हिसाब से भी कोई भी प्रश्न नहीं उठाया जा सकता क्योंकि प्रथम तल बनकर तैयार है उसमें सोने के फाटक भी लग चुके हैं रही बात 22 जनवरी की तो उसमें देशकाल स्थिति ग्रह नक्षत्र कल सब कुछ 75 सेकंड तक एकदम पूर्ण है इसलिए धर्म का मार्ग न जाने वाले और तन मन से विदेशी और अधार्मिक देश को बताकर बर्बाद करने वाले हिंदू मुस्लिम और सनातन धर्म को आपस में लड़ने वाले कुर्सी और वोट के लिए कुछ भी करने वाले सड़कों पर गाय का मांस काट कर खाने वाले विपक्षी कांग्रेसी वामपंथी राहुल और उनके द्वारा पैसों से राजाओं की तरह जीवन बिता रहे संत महंत लोगों की बात पर ध्यान मत दीजिए* 


*और सबसे बढ़कर मेरा तो यह मानना है कि भगवान श्री राम देशकाल पंचांग काल दिशा सबसे परे हैं याद कीजिए रामेश्वरम का वह मंदिर जहां खुले आसमान में भगवान श्री राम ने स्वयं भगवान शिव के मंदिर की स्थापना रेत पर ही कर दिया था बाद में वहां रामेश्वरम मंदिर बना* 


*लेकिन इंटरनेट और उधर के ज्ञान पर आधारित लोगों को ज्योतिष पंचांग और ज्योतिष विज्ञान का मार्ग कहां समझ में आने वाला है जब देश में 99 % कुंडली और विवाह के मुहूर्त 99% लोग कंप्यूटर और इंटरनेट से निकल रहे हैं तो ज्ञान विज्ञान बचेगा कहां भगवान श्री राम का मंदिर मोदी जी द्वारा योगी जी के साथ परम विद्वानों के नेतृत्व में विधि-विधान से प्राण प्रतिष्ठा किया जाना पूरी तरह से न्याय संबंध है और धर्म सम्मत भी है* 

*योगी तो एक जन्मजात महायोगी सिद्ध संत हैं ही मोदी जी एक संत होने के साथ-साथ कर्मयोगी और सच्चे सिद्ध साधक भी हैं इसमें भी कोई संदेह नहीं है वैसे भी विपक्ष आगामी चुनाव में केवल अपने विधर्मी नेताओं के साथ 100 सीटों पर सिमट जाने वाला है 



डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह*




आज का अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस सरकार कल के मौसम के बारे में अनुमान है कि बेहद ठंडक5 या 6 डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ घने बादल और कहीं-कहीं बूंदाबादी होने की संभावना है

: आज का अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस सरकार कल के मौसम के बारे में अनुमान है कि बेहद ठंडक5 या 6  डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ घने बादल और कहीं-कहीं बूंदाबादी होने की संभावना है
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 मौसम का सारांश अभी जौनपुर और आसपास एक सप्ताह तक तो भयंकर ठंड से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है इसी बीच हल्का कोहरा घने बादल बूंदाबांदी पश्चिमी विक्षोभ हिमालय पर बर्फबारीक और उत्तरी ध्रुव पर बर्फीली आंधी और बर्फ का विस्फोट स्थितियां और भी खराब कर सकते हैं तापमान न्यूनतम 4 से 7 डिग्री और अधिकतम 17 से 21 डिग्री सेल्सियस के बीच में बना रहेगा बेहद खराब और अल्ट्रावायलेट किरणों की तीव्रता मध्यम रहेगी
[14/1, 7:14 pm] drdileepsingh768: यही हालत पूरे उत्तरी भारत का है पूर्वोत्तर भारत और उड़ीसा तक ठंड का विस्तार होगा जो गुजरात महाराष्ट्र तक में फैल सकता है पंजाब हरियाणा दिल्ली पश्चिमी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश लेह लद्दाख कारगिल नेपाल भूटान सिक्किम अत्यंत भयानक ठंड की चपेट में रहेंगे
[14/1, 7:15 pm] drdileepsingh768: अमेरिका कनाडा ग्रीनलैंड आइसलैंड संपूर्ण यूरोप सोवियत रूस मंगोलिया चीन जापान कोरिया तिब्बत और तुर्की तक आर्कटिक विस्फोट अर्थात उत्तर ध्रुव में प्रचंड बर्फ की हवाएं और शीत लहर के चलते सैकड़ो वर्षों का कीर्तिमान टूट सकता है सोवियत संघ में माइंस 80 और अमेरिका में माइंस 78 डिग्री का तापमान हो सकता है
[14/1, 7:15 pm] drdileepsingh768: कुल मिलाकर इस प्रकार की ठंड थोड़े बहुत अंतर के साथ 26 जनवरी तक चलती रहेगी

Thursday, 11 January 2024

सूर्य और प्रकृति का महापर्व मकर संक्रांति मकर संक्रांति डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह ज्योतिष शिरोमणि मौसम विज्ञानी

सूर्य और प्रकृति का महापर्व मकर संक्रांति मकर संक्रांति  डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह ज्योतिष शिरोमणि मौसम विज्ञानी

 सनातन धर्म और भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है यह मकर संक्रांति जिसे माघी खिचड़ी उत्तर संक्रांति तिल संक्रांति उत्तरायण और संक्रांति  पोंगल बिहू नाम से भी जानी जाती है इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन है इस समय सूर्य कर्क राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है और भारत एवं उत्तरी गोलार्ध में ठंड समाप्त होती है और बसंत की ऋतु आती है 


शनि देव सूर्य के पुत्र माने जाते हैं और जब कोई पिता अपने पुत्र के घर जाता है तो वह अत्यंत महत्वपूर्ण समय होता है इसका मुख्य उद्देश्य प्रकृति में परिवर्तन स्नान दान सूर्य भगवान की पूजा गुड़ तिल और दनक इत्यादि को रितु कल के अनुसार ग्रहण करना पितरों को तर्पण देना है जगह-जगह मिले इत्यादि भी लगे रहते हैं यह भारत के अलावा नेपाल भूटान दक्षिण पूर्वी एशिया और अन्य तमाम देशों में भी मनाया जाता है 


मकर संक्रांति का समय बदलता रहता है 18वीं शताब्दी में यह 12 और 13 जनवरी को मनाएंगे इसके बाद 19वीं और 20वीं शताब्दी में यह 14 और 15 दिन जनवरी के दिन मनाई जाती थी


 लंबे समय तक 14 जनवरी को ही मनाये जाने से कुछ लोगों को यह भ्रम हो गया था कि यह 14 जनवरी को ही पड़ती है हर वर्ष सूर्य धनुष से मकर राशि में 20 मिनट के पश्चात प्रवेश करता है इस प्रकार प्रत्येक 3 वर्ष में एक घंटा और हर 72 वर्ष के बाद एक दिन विलंब से मकर संक्रांति को मकर राशि में प्रवेश करता है इसके अनुसार अब 70 से 75 वर्षों तक मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी धर्म कथाओं और पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान संक्रांति ने शंकरासुर को परास्त किया और इस दिन देवी ने राक्षस किंकरासुर का वध किया था 


ज्ञात हो कि पहले नया वर्ष जनवरी माह में ही प्रारंभ होता था जो अब धीरे-धीरे मार्च अप्रैल में खिसक गया है लेकिन इसका सबसे बड़ा प्रामाणिक कारण यह है कि इस महापर्व का श्री गणेश पूरे विश्व के सर्वश्रेष्ठ ब्रह्म ऋषि विश्वामित्र के द्वारा किया गया था महाभारत के काल में पांडवों ने भी मकर संक्रांति मनाई थी इस दिन लोग पवित्र नदियों में तालाबों में झील सरोवर में या घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करते हैं 


मकर संक्रांति एक पवित्र और धार्मिक महापर्व है इसलिए इस दिन मांस मछली मदिरा प्याज लहसुन से बचना चाहिए और सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए शुद्ध मन से स्नान दान करने पर नकारात्मक एवं गंदे विचार समाप्त हो जाते हैं इस काल में जितने भोजन ग्रहण किए जाते हैं का विधान है वैसा भोजन ग्रहण करने पर पाचन तंत्र भी सही हो जाता है जैसे कि काला या सफेद तिल से बने लड्डू तिल की बनी मिठाई खिचड़ी दही गुड़ चीनी और अन्य मिठाइयां इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है


 इस वर्ष 2024 में मकर संक्रांति 15 जनवरी को रवि योग के सुख पूर्ण शुभ काल में मनाया जाएगा सूर्योदय होने तक स्नान कर लेना चाहिए 15 जनवरी को ही खरमास भी समाप्त हो जाएगा और शुभ मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे भगवान सूर्य देव धनु राशि से सुबह 7:15 पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे सूर्य के उत्तरायण के 6 महीने देवताओं के दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात माना जाता है 


इस दिन तांबे के पत्र में जल के साथ काला तिल गुड़ लाल चंदन लाल फूल अक्षत अर्थात बिना टूटा हुआ चावल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए और विद्वान सदाचारी और वास्तविक जरूरतमंदों को दान पूर्ण करना चाहिए तिल के दान का विशेष महत्व है खिचड़ी में भी तिल डालना चाहिए या गुड़ के साथ तिल का सेवन करना चाहिए 


इस दिन मकर संक्रांति अर्थात इस वर्ष 15 जनवरी को सुबह 7:15 से साइन कल 6:21 तक है जो बहुत लंबी है लेकिन स्नान दान का सबसे उत्तम पूर्ण अकाल सुबह 7:15 से संध्या और रात्रि में 9:06 तक है जहां तक वस्त्र की बात है तो पीले हल्के पीले वस्त्र का प्रयोग करें ओम सूर्य देवाय नमः मंत्र का जाप करें इन सभी कार्यों से तन मन शुद्ध होगा ही सूर्य देव की कृपा भी प्राप्त होगी डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह*

हल्की सोच की मारी यह शिक्षा हमारी*

*हल्की सोच की मारी यह शिक्षा हमारी*

        भारत में शिक्षा के दो मॉडल हैं । मैकाले मॉडल और गुरुकुल मॉडल। 1858 में अंग्रेजों ने भारतीय शिक्षा अधिनियम बनाकर हमारे सर्वोच्च गुरुकुल मॉडल को खत्म कर मैकाले का कॉन्वेंट मॉडल लागू कर दिया था। दुर्भाग्य से आजादी के बाद भी वही अधिनियम और वही मॉडल अत्यंत गतिशीलता के साथ भारत में चल रहा है। मैकाले मॉडल जनमानस के मनो मस्तिष्क में ऐसा छा गया है कि वे सीबीएसई, को ऐड, अंग्रेजी माध्यम के बिना अन्य किसी तरह की शिक्षा की कल्पना ही नहीं करते। जबकि इस  मैकाले मॉडल की शिक्षा के दुष्परिणाम भी हम प्रत्यक्ष भुगत रहे हैं।
        गुरुकुल का नाम आते ही जन सामान्य को लगता है कि गुरुकुल में तो पंडित या क्रियाकांडी बनाने की शिक्षा दी जाती है। ज्यादा हुआ तो थोड़े बहुत संस्कार दे  देंगे  ................... वगैरह.........वगैरह। दूसरा यह भी कि गुरुकुल में तो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के गरीब बच्चे ही पढ़ते हैं और धनाढ्य लोग उनकी व्यवस्था के लिए थोड़ा सा दान करके पुण्य कमाते हैं। 
           इसमें समाज का कोई दोष नहीं है। दरअसल वर्तमान में जो गुरुकुल चल रहे हैं, उन्होंने नाम भले ही गुरुकुल रखा है परंतु काम तो मैकाले मॉडल पर ही हो रहा है।
        समाज को आगामी पीढ़ी संस्कारवान, सेवानिष्ठ चाहिए लेकिन शिक्षा मैकाले मॉडल की ही देना चाहेंगे। भला मैकाले मॉडल से कभी महापुरुष पैदा हुए हैं। यह मॉडल तो हमारे बच्चों को माइकल जैक्सन बनाने के लिए था। जबकि इतिहास गवाह है कि हमारे समस्त महापुरुष, सर्वज्ञ, महामुनि, चंद्रगुप्त जैसे सम्राट और चाणक्य जैसे महा मनीषी शिक्षक गुरुकुलों से ही निकाल कर आए हैं।
       *श्री विद्यासागर गुरुकुलम् भोपाल* भी गुरुकुल मॉडल पर ही काम कर रहा है। हम केवल लौकिक शिक्षा या मात्र किताबी ज्ञान नहीं देते बल्कि ज्योतिष, वास्तु, आयुर्वेद, कुश्ती, शस्त्र विद्या, धर्मशास्त्र, अंग्रेजी, संस्कृत, प्राकृत भाषाएं, मलखम, घुड़सवारी, तैराकी, संगीत, वस्त्र निर्माण,गोपालन, कृषि सहित अनेकों विधाओं में बचपन से ही पारंगत करते हैं। प्रकृति के बीच शुद्ध हवा,पानी और जैविक भोजन ग्रहण करने का ही परीणाम है कि विगत सत्र में हमारे विद्यार्थियों को दवाओं और डॉक्टर की एक बार भी जरूरत नहीं पड़ी।
  गुरुकुल क्या होते हैं। एक बार आकर भ्रमण कीजिए। *बच्चों का प्रवेश भी प्रारंभ हो चुका है।*

 *संपर्क करें*- 9009 631008 7049512101

बिना परमिट काटे देशी आम के पेड़ों की जड़ें खुदवाने में जुटा वन विभाग

बिना परमिट काटे देशी आम के पेड़ों की जड़ें खुदवाने में जुटा वन विभाग

राकेश मौर्य 
जिला संवाददाता 

लखीमपुर खीरी। मैगलगंज रेंज की बेहजम वन चौकी क्षेत्र के रारी गांव में बीते दिन हुए अवैध कटान की खबर वायरल होने के बाद वन विभाग व शातिर लकडकट्टों में खलबली मच गई है। इस खबर से कड़ाके की ठंड में भी बेहजम वन चौकी के दरोगा रविकांत व वन रक्षक उमेश के पसीने छूट रहे हैं। वहीं शातिर लकडकट्टे भी खुद को कार्रवाई से बचाने के लिए कड़ाके की ठंड में जेसीबी मशीन से अवैध रूप से काटे गए देशी आम के पेड़ों की जड़ें खुदवाने में जुटे हुए हैं। सूत्रों की मानें तो इस अवैध कटान की खबर प्रकाशित होने के बाद वन दरोगा रविकांत इतना बौखला गए हैं कि उन्होंने  क्षेत्र के लगभग सभी ठेकेदारों को अपने पास बुलाकर उनके मोबाइलों की कॉल डिटेल तक चेक कर डाली है। वन दरोगा रविकांत को आशंका है कि क्षेत्र के ही किसी ठेकेदार ने इस अवैध कटान की खबर पत्रकारों को दी है।

जानकारी के मुताबिक दक्षिण खीरी वन प्रभाग की मैगलगंज रेंज के में सक्रिय शातिर लकडकट्टे कल्लू ने बेहजम वन चौकी के दरोगा रविकांत व वन रक्षक उमेश को मोटी रकम देकर रारी गांव निवासी इकबाल के देशी आम के पांच प्रतिबंधित पेड़ों का बिना परमिट अवैध कटान करा लिया था। इस अवैध कटान को लेकर वन विभाग में शिकायत की गई, लेकिन वन विभाग ने शातिर लकडकट्टे कल्लू के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। लखनऊ से प्रकाशित दैनिक सद्भावना का प्रतीक अखबार में इस अवैध कटान को लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई। इस खबर के प्रकाशित होते ही मैगलगंज रेंज कार्यालय में खलबली मच गई तथा इस बाबत बेहजम वन चौकी के दरोगा रविकांत से पूछताछ की गई। जिस पर वन दरोगा रविकांत को सटीक जवाब नहीं दे सके। हालांकि खबर प्रकाशित होने की बात पता चलते ही वन दरोगा रविकांत व वन रक्षक उमेश ने क्षेत्र के सभी लकड़ी ठेकेदारों को अपने पास बुलाया तथा उनके मोबाइलों की कॉल डिटेल व व्हाट्सअप चैट चेक की। बताते है कि भ्रष्टाचार में संलिप्त वन दरोगा रविकांत को आशंका है कि क्षेत्र के ही किसी ठेकेदार ने दैनिक सद्भावना के प्रतीक अखबार के पत्रकार को इस अवैध कटान की खबर तथा फोटो दिये है। लेकिन वन दरोगा रविकांत को खबर लीक होने का कोई सुराग नहीं मिल पाया। तब वन दरोगा रविकांत ने रारी गांव में अवैध कटान कराने वाले लकडकट्टे कल्लू को अवैध रूप से काटे गए देशी आम के पेड़ों की जड़ों को खोद कर गायब कर देने का हुक्म दनदना दिया। वन दरोगा रविकांत का हुक्म मिलते ही शातिर लकडकट्टे कल्लू ने जेसीबी मशीन से देशी आम के पेड़ों की जड़ों को खुदवाना शुरू कर दिया है।
सूत्रों की मानें तो बेहजम वन चौकी के दरोगा रविकांत व वन रक्षक उमेश ने क्षेत्र की दर्जनों देशी आम की बागों को कलमी आम दर्शाकर कटवा दिया है। अगर कोई पत्रकार इन अवैध कटानों पर सवाल करता है तो वन दरोगा रविकांत इन पेड़ों को कलमी आम बताकर टरका देता है। इसी फार्मूले की आंड में वन दरोगा रविकांत व वन रक्षक उमेश ने अवैध कटान करा कर लाखों रूपयों का काला धन एकत्रित कर लिया है। 
ऐसे में वन विभाग के वरिष्ठ अफसरों को अपने विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों की समय समय जांच करानी चाहिए तथा दोषी पाए जाने पर उनके विरुद्ध कड़ा एक्शन लेना चाहिए। 
फिलहाल अब देखना यह है कि रारी गांव में देशी आम के पांच पेड़ों के अवैध कटान में दक्षिण खीरी वन प्रभाग के डीएफओ संजय विश्वाल अपने विभाग के भ्रष्ट अफसरों व कर्मचारियों के विरुद्ध क्या एक्शन लेते हैं ?

अभियुक्त नें प्रेम प्रसंग खुलनें के डर से युवक को उतारा मौत के घाट*

*अभियुक्त नें प्रेम प्रसंग खुलनें के डर से युवक को उतारा मौत के घाट*

श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय सुलतानपुर द्वारा अपराध एव अपराधियो के विरूद्ध चलाए गये अभियान के तहत अपर पुलिस अधीक्षक एव क्षेत्राधिकारी बल्दीराय के निर्देशन मे बल्दीराय पुलिस टीम द्वारा थाना बल्दीराय पर पंजीकृत मु0अ0सं0 314/2023 धारा 363 भा0द0वि0 बनाम अज्ञात की विवेचना मे अपहृत अमित कुमार चौरसिया का शव मिलने के उपरान्त मुकदमा उपरोक्त मे  धारा 302/201 भा0द0वि0 की बढ़ोत्तरी किया गया तथा  विवेचना से 4 नफर अभियुक्त का नाम प्रकाश मे आया तथा प्रकाश मे आये अभियुक्त 1.परशुराम तिवारी उर्फ सुधीर तिवारी पुत्र अर्जुन तिवारी निवासी ग्राम बीही निदूरा थाना बल्दीराय जनपद सुलतानपुर को बहुरावां मोड़ से आज दिनांक 11.01.2024 को हिरासत पुलिस मे लिया गया। जिसके निशा देही  पर अन्य प्रकाश मे आये तीन बालअपचारी को भी पुलिस हिरासत मे लिया गया तथा अभियुक्त परशुराम तिवारी उर्फ सुधीर  तिवारी के निशा देही पर मृतक अमित कुमार चौरसिया का दूध का डल्लू भी बरामद गिया गया । मु0अ0सं0 314/23 धारा 363/302/201/120B/34 भा0द0वि0 मे सभी को जेल भेजा जा रहा है । 

*घटना का संक्षित विवरण – परशुराम तिवारी उर्फ (सुधीर) का प्रेम प्रसंग गाँव की ही एक लडकी के साथ चल रहा था । एक दिन अपनी प्रेमिका के साथ रेस्टोरेंट में चाउमीन खाने गया था हम दोनों को रास्ते में गाँव के ही (मृतक) अमित कुमार चौरसिया ने देख लिया । हमारी प्रेमिका ने कहा अब यह अमित पूरे गाँव में हम दोनों की बात फैला देगा। इस लिये हमनें अपनें दोस्तों को अमित कुमार चौरसिया को जान से मारनें का प्लान बनाया। एक हमारे दोस्त की समोसे की दुकान बल्दीराय में है उसकी सूचना पर प्लान बनाया गया। अमित कुमार चौरसिया रोजाना दूध  बल्दीराय डेयरी पर देने जाता था। प्लान के मुताबिक दूध देकर बापस आते समय हम रास्ते में अमित कुमार चौरसिया के साथ साइकिल में बैठ गये आगे मेरा दोस्त खडा था हम दोनों नें मिल कर अमित को मार कर शव को शारदा नहर पर फेक दिया। घर वालों को मुझ पर शक न हो इस लिये परिजनों के साथ में उसकी खोजबीन में लग गया। मौका देखते ही मैं ननिहाल जा कर वहाँ से सूरत जानें वाला था। तभी परिजनों को शक हुआ तो परशुराम तिवारी को हिरासत में लिया गया पूछताछ करनें पर घटना का खुलासा किया गया। इस घटना में कुल 04 व्यक्ति सम्मिलित थे। 01 अभियुक्त परशुराम तथा 02 नाबालिग दोस्त व प्रेमिका के विरुध्द सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत विधिक कार्यवाही की जा रही है।*
*नाम पता गिरफ्तार अभियुक्त /बालअपचारी–* 
1. परशुराम तिवारी उर्फ सुधीर तिवारी पुत्र अर्जुन तिवारी निवासी ग्राम बीही निदूरा थाना बल्दीराय जनपद सुलतानपुर उम्र 20 वर्ष 
2.  बाल अपचारी ….. 3 नफऱ
*बरामदगी-* मृतक अमित कुमार चौरसिया  का एक अदद दूध का डल्लू
*अभियुक्त की गिरफ्तारी का स्थान -* बहुरावां बाजार मोड़ व ग्राम बीही निदूरा थाना बल्दीराय सुलतानपुर
*अभियुक्त की गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम -*
1.प्र0नि0  आर0बी0 सुमन थाना बल्दीराय सुलतानपुर
2.उ0नि0 चन्द्रशेखर सोनकर थाना बल्दीराय सुलतानपुर
3.हे0का0 पवन यादव थाना बल्दीराय सुलतानपुर
4. हे0का0 इकराम उल्ला थाना बल्दीराय सुलतानपुर
5. का0 रविशंकर मौर्या थाना बल्दीराय सुलतानपुर
6.का0 पवन कुमार थाना बल्दीराय सुलतानपुर
7.म0का0 अनीता मौर्या थाना बल्दीराय सुलतानपुर

भारत और दुनिया के जलवायु को अधिकतर मौसम विज्ञानी वैज्ञानिक और सुपर कंप्यूटर तथा मौसम विभाग इसलिए नहीं समझ पाते हैं क्योंकि यह केवल देश या धरती

 Dileep Singh Rajput Jounpur: एक सप्ताह तक रहेगी शीत लहर जैसी स्थिति और तेज हवाएं आज से एक सप्ताह तक तेज उत्तर पश्चिम हवाओं के कारण शीतलहर जैसी स्थिति बनी रहेगी एक सप्ताह तक दिन में अधिकतम तापमान 19 से 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से लेकर 8 डिग्री सेल्सियस बना रहेगा यह स्थिति आगे बढ़ सकती है इस बीच हवाओं की गति 15 से लेकर 30 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है जिसके कारण साफ मौसम और धूप भी बेअसर रहेगी और ठंडी शुष्क हवाएं शरीर में शीत लहर जैसा प्रभाव डालेंगी इस कालखंड में अर्थात एक सप्ताह वर्षा होने की संभावना के बराबर है लेकिन पूरे विश्व में लगातार बदल रहे स्थितियों के कारण कुछ भी हो सकता है आज अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रहा कल न्यूनतम तापमान गिरकर पांच अक्षर डिग्री सेल्सियस तक चला आएगा *

Dileep Singh Rajput Jounpur: *भारत और दुनिया के जलवायु को अधिकतर मौसम विज्ञानी वैज्ञानिक और सुपर कंप्यूटर तथा मौसम विभाग इसलिए नहीं समझ पाते हैं क्योंकि यह केवल देश या धरती का ही चक्र नहीं है यह सीधे-सीधे संपूर्ण सौरमंडल और सूर्य चंद्रमा ग्रह नक्षत्र से जुड़ा हुआ है इस प्रकार भारत या विश्व या जौनपुर के मौसम के लिए स्थानीय हवाएं मानसूनी हवाएं पश्चिमी उत्तर पश्चिमी हवाएं समुद्र से चलने वाली हवाएं हिमालय और तिब्बत का पठार दक्षिण भारत का खुला पत्थर समुद्र में उठने वाला ज्वार भाटा और सुनामी पृथ्वी और सूर्य की लगातार बदलती स्थिति और चंद्रमा का घटना बढ़ाना आकाशगंगा में सूर्य का अचानक गर्म  या ठंडे स्थान में पहुंच जाना सूर्य में लगातार हो रही नाभिकीय क्रियाएं सौर ज्वालाएं और सौर विस्फोट उत्तर और दक्षिण ध्रुवों की हवाएं अचानक आने वाले आंधी तूफान बवंडर और बड़े-बड़े उल्का खंडों  की बरसात वनों का काटना पेड़ पौधे हरियाली का लगातार काम होते चले जाना उद्योग धंधों का लगातार बढ़ता उनसे उत्पन्न प्रदूषण नदियों तालाबों झीलों समुद्री का लगातार प्रदूषित होना इसके साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक कूड़ा कचरा युद्ध रेल बस हवाई जहाज और उपग्रह से उत्पन्न होने वाले अंतरिक्ष के कचरे सब के सब धरती पर प्रभाव डालकर हरित गृह प्रभाव अर्थात ग्रीनहाउस इफेक्ट पैदा करके गर्मी सर्दी बरसात की तीव्रता बढ़ा रहे हैं और धरती को असंतुलित कर रहे हैं जिसके कारण प्रचंड ज्वालामुखी विस्फोट सुनामी लहरें और भूकंप धरती और मौसम की दशा और दिशा बदलने में भयानक भूमिका निभा रहे हैं उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में पर्वतों पर लगातार मनुष्यों की आवाजाही बढ़ने से भी वातावरण परिवर्तित हो रहा है जिसका कारण मौसम में अचानक जो परिवर्तन होता है उसे 99% लोग नहीं समझ पाते हैं अगर सच्चाई और ईमानदारी से कहा जाए तो वर्तमान समय में सामान्य मनुष्य से लेकर दुनिया भर की सरकार धन कुबेर और बुद्धिजीवी जितने काम कर रहे हैं वह सभी मौसम पारिस्थितिक तंत्र को बिगाड़ कर प्रदूषण बढ़ाकर सारी धरती को महा विनाश के कगार पर ले जा रहे हैं सबसे दुखद स्थिति तो यह है कि आजकल के लोग यंत्र मा यंत्र संगणक और यंत्र मानव पर इतना अधिक विश्वास करने लगे हैं कि वह सही गलत जो कह देता है बिना उसके विश्लेषण किया उन पर विश्वास कर लेते हैं इसीलिए मौसम सहित सारी भविष्यवाणी और आकलन अधिकतर गलत होते हैं*
Dileep Singh Rajput Jounpur: *जौनपुर और आसपास और पूरे देश की स्थिति और ठंड की स्थिति जनवरी के अंत तक बनी रह सकती हैं क्योंकि उत्तरी उत्तरी गोलार्ध में अमेरिका कनाडा ग्रीनलैंड आइसलैंड संपूर्ण यूरोप रूस मंगोलिया तिब्बत चीन जापान कोरिया में हो रही कल्पना से कर की भयंकर बर्फबारी और महा चक्रवर्ती बर्फीली हवाओं के कारण ठंड की स्थिति और भी विकराल हो सकती हैं या तो हिमालय पर्वत है जो प्रचंड सीट से देश को बचाए हुए हैं एक बार फिर 20 जनवरी से 30 जनवरी के बीच वर्ष की संभावना बन रही है जो गरज चमक और तेज हवाओं के साथ होगी*