Friday, 29 August 2025

जौनपुर की बेटी बिटानू परी वैष्णवी सिंह ने मुंबई में लहराया परचम, शिक्षा और खेल में जीता स्वर्ण पदक* /22 अगस्त 2025 को रयान इंटरनेशनल स्कूल में जौनपुर निवासी वैष्णवी सिंह ने जिले का नाम किया रोशन,


*👉वो कहते पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते है।यह कहावत जौनपुर की इस बिटिया पर चरितार्थ होती है।* 


 👉*जौनपुर की बेटी बिटानू परी वैष्णवी सिंह ने मुंबई में लहराया परचम, शिक्षा और खेल में जीता स्वर्ण पदक* 
जौनपुर । जौनपुर की माटी से निकली एक नन्ही सितारा, बिटानू परी वैष्णवी सिंह, ने अपनी प्रतिभा से मुंबई जैसे महानगर में भी अपनी पहचान बना ली है। जौनपुर की रहने वाली और फिलहाल मुंबई में पढ़ाई कर रही वैष्णवी ने न केवल अपनी पढ़ाई में बल्कि खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए जिले का नाम रोशन किया है।
 पद्मा दिलीप सिंह की पौत्री और  पूनम दिव्येंदु सिंह  की सुपुत्री वैष्णवी सिंह ने अपनी सफलता का सफर एलकेजी से ही शुरू कर दिया था। अपनी लगन और मेहनत के दम पर उन्होंने लगातार स्वर्ण पदक और "सर्वश्रेष्ठ छात्रा" जैसे पुरस्कार अपने नाम किए हैं।
हाल ही में, 22 अगस्त 2025 को, मुंबई के प्रतिष्ठित रयान इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित एक समारोह में वैष्णवी को एक बार फिर सम्मानित किया गया। इस बार उन्हें "सर्वश्रेष्ठ आज्ञाकारी," "सर्वश्रेष्ठ परोपकारी," और "सर्वश्रेष्ठ पढ़ने वाली लड़की" का सम्मान मिला। यह सम्मान उनकी बहुमुखी प्रतिभा और विनम्र स्वभाव को दर्शाता है।
इससे पहले भी, वैष्णवी "सर्वश्रेष्ठ छात्रा," "सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक कार्यक्रम," और "सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी" जैसे कई स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। उनकी यह सफलता सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण है कि सही मार्गदर्शन और परिवार के सहयोग से छोटे बच्चे भी बड़ी ऊंचाइयों को छू सकते हैं।
वैष्णवी की इस शानदार सफलता पर उनके परिवार को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। इस नन्ही प्रतिभा ने यह साबित कर दिया है कि अगर मन में कुछ कर दिखाने का जुनून हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। जौनपुर को अपनी इस बेटी पर गर्व है, जो लगातार सफलता की नई इबारतें लिख रही है।
 अभी 22 अगस्त 2025 को रयान इंटरनेशनल स्कूल में वैष्णवी सिंह ने सर्वश्रेष्ठ आज्ञाकारी सर्वश्रेष्ठ परोपकारी और सर्वश्रेष्ठ पढ़ने वाली लड़की का सम्मान प्राप्त किया है इसके पहले वह सर्वश्रेष्ठ छात्रा सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक कार्यक्रम और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का स्वर्ण पदक जीत चुकी है

मेरी और पद्मा सिंह की पौत्री दिव्येंदु सिंह और पूनम सिंह की सुपुत्री बिटानू परी वैष्णवी सिंह जौनपुर का नाम महाराष्ट्र मुंबई में जाकर रोशन कर रही है और स्वर्ण पदक सर्वश्रेष्ठ छात्रा का पुरस्कार एलकेजी से ही जीतते हुए शिक्षा और खेल तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सर्वश्रेष्ठ स्थान ईश्वर की कृपा आप सब के शुभ आशीर्वाद और शुभकामनाओं से पा रही है डॉ दिलीप कुमार सिंह

जनपद बिजनौर के समस्त गन्ना उत्पादक किसान भाइयों को अवगत कराते हुए सूचित किया जाता है कि वर्तमान समय में गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग (Red Rot Disease) का प्रकोप देखा जा रहा है। यह रोग गन्ने की उत्पादन क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, यदि समय पर इसका नियंत्रण न किया जाए।---

प्रेस विज्ञप्ति

(निःशुल्क प्रकाशनार्थ)

गन्ना उत्पादक किसान भाइयों हेतु महत्वपूर्ण सूचना

जनपद बिजनौर के समस्त गन्ना उत्पादक किसान भाइयों को अवगत कराते हुए सूचित किया जाता है कि वर्तमान समय में गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग (Red Rot Disease) का प्रकोप देखा जा रहा है। यह रोग गन्ने की उत्पादन क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, यदि समय पर इसका नियंत्रण न किया जाए।
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रोग के लक्षण

1. प्रारंभ में प्रभावित पौधों की पत्तियों पर लाल रंग के धब्बे दिखाई देते हैं।

2. समय के साथ यह धब्बे पीले होकर सूखने लगते हैं।

3. प्रभावित गन्ने की बीच की फांक लाल रंग की हो जाती है।

4. गन्ने के तनों से सिरके जैसी दुर्गंध आती है।

यदि इस रोग का नियंत्रण शीघ्र नहीं किया गया तो गन्ने की पैदावार में अत्यधिक हानि हो सकती है।

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नियंत्रण हेतु कृषकों को परामर्श

किसान भाइयों से अपेक्षा की जाती है कि वे निम्नलिखित वैज्ञानिक विधियों का उपयोग अवश्य करें—

1. प्रभावित खेतों में ब्लिटॉक्स पाउडर का छिड़काव करें।

2. ब्लिटॉक्स पाउडर के साथ कार्बेन्डाजिम 18.2% + डायफेनोकोनाजोल 11.4% एससी का घोल तैयार करें।

3. छिड़काव हेतु प्रति लीटर पानी में 1 मिली घोल का प्रयोग करें।

4. छिड़काव सुबह या शाम के समय करें और लगातार 15 दिन के अंतराल पर पुनः उपचार करें, यदि आवश्यकता हो।

5. प्रभावित पौधों को काटकर खेत से बाहर निकालें एवं नष्ट करें, ताकि रोग अन्य पौधों में न फैले।

6. आगामी बोआई के लिए केवल रोग-मुक्त एवं प्रमाणित बीज का ही उपयोग करें।
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किसानों से अपील

किसान भाई इन उपायों को अपनाकर अपनी फसल को लाल सड़न रोग से सुरक्षित रखें और अधिक उत्पादन सुनिश्चित करें। यह रोग समय पर नियंत्रण में आ सकता है, बशर्ते किसान जागरूकता एवं वैज्ञानिक तरीकों का पालन करें।
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आदेशानुसार
जिला कृषि रक्षा अधिकारी
जनपद बिजनौर

Wednesday, 27 August 2025

संविधान निर्माण में मुस्लिम दूरदर्शी: समावेशी भारत के निर्माता

संविधान निर्माण में मुस्लिम दूरदर्शी: समावेशी भारत के निर्माता
भारतीय संविधान का निर्माण केवल एक विधायी प्रक्रिया नहीं थी, बल्कि यह विविध समुदायों के बीच एक नैतिक अनुबंध था, जो उपनिवेशवाद की साझा पीड़ा और एक संप्रभु, समावेशी राष्ट्र के साझा स्वप्न से जुड़ा था। ऐसे समय में जब उपमहाद्वीप विभाजन और एकता के चौराहे पर खड़ा था, कई मुस्लिम नेताओं ने सांप्रदायिक अलगाव के बजाय संवैधानिक लोकतंत्र का मार्ग चुना। संविधान सभा में बैठे इन दूरदर्शी लोगों ने धर्मनिरपेक्षता, न्याय और समान अधिकारों को प्रतिष्ठित करने वाले एक कानूनी ढाँचे को आकार देने में मदद की। निष्क्रिय भागीदार होने के बजाय, वे एक आधुनिक, बहुलवादी भारत के सक्रिय निर्माता थे। उनका योगदान हमें याद दिलाता है कि भारत की अवधारणा कभी किसी एक धर्म या विचारधारा से नहीं, बल्कि स्वतंत्रता और एकता के लिए प्रतिबद्ध विचारों के एक गठबंधन से बनी थी।
इन दूरदर्शी लोगों में सबसे प्रमुख थे मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, एक विद्वान, स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री। संविधान सभा में उनकी उपस्थिति प्रतीकात्मक और महत्वपूर्ण दोनों थी। एक कट्टर मुसलमान और कट्टर राष्ट्रवादी, आज़ाद ने लंबे समय से द्वि-राष्ट्र सिद्धांत को खारिज किया था। अपने भाषणों में, उन्होंने दोहराया कि भारत का भाग्य धार्मिक अलगाव पर नहीं, बल्कि साझा इतिहास, आपसी सम्मान और एक साझा भविष्य पर आधारित हो सकता है। आज़ाद की बौद्धिक गंभीरता और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता ने संविधान के कई प्रमुख प्रावधानों को प्रभावित किया। उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देने वाले अनुच्छेद 25 और अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन के अधिकारों की रक्षा करने वाले अनुच्छेद 30 का पुरजोर समर्थन किया। ये सिर्फ़ संवैधानिक धाराओं से कहीं ज़्यादा, नैतिक आश्वासन थे, खासकर उन मुसलमानों के लिए जिन्होंने विभाजन के बाद भारत में रहने का विकल्प चुना था।
आज़ाद ने भारत की शिक्षा नीति को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) की नींव रखी, और सभी जातियों और समुदायों में वैज्ञानिक सोच और आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा दिया। उनके लिए, किसी राष्ट्र की प्रगति केवल संवैधानिक आदर्शों पर नहीं, बल्कि प्रबुद्ध नागरिकों पर निर्भर करती है। उन्होंने एक बार प्रसिद्ध रूप से कहा था, "मन से दी गई शिक्षा समाज में क्रांति ला सकती है।"

संविधान सभा में एक अन्य महत्वपूर्ण मुस्लिम हस्ती बेगम ऐज़ाज़ रसूल थीं, जो इस ऐतिहासिक संस्था का हिस्सा बनने वाली एकमात्र मुस्लिम महिला थीं। उनकी उपस्थिति ने ही रूढ़ियों को चुनौती दी और एक गहरे पितृसत्तात्मक समाज में बाधाओं को तोड़ा। बेगम रसूल लैंगिक अधिकारों और अल्पसंख्यक सुरक्षा की प्रबल समर्थक थीं। उनकी आवाज़ ने एक एकीकृत चुनावी प्रणाली बनाने के संकल्प को मज़बूत किया, जो आज भी भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रीढ़ है।

असम के पूर्व प्रधानमंत्री सैयद मोहम्मद सादुल्लाह एक अन्य प्रमुख व्यक्ति थे जिनकी अंतर्दृष्टि ने संघीय और अल्पसंख्यक हितों के बीच संतुलन बनाने में मदद की। नागरिकता और अल्पसंख्यक सुरक्षा उपायों पर बहस में उनके हस्तक्षेप ने भारत के बहुलवादी स्वरूप की परिपक्व समझ को प्रतिबिंबित किया। उन्होंने कानूनी समानता और सामाजिक सामंजस्य पर ज़ोर दिया, विशेषाधिकारों की नहीं, बल्कि ऐसे संरक्षणों की वकालत की जो हर भारतीय को, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, फलने-फूलने का अवसर प्रदान करें।

ये मुस्लिम नेता अलग-थलग आवाज़ें नहीं थीं। वे मुस्लिम देशभक्ति के एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा थे जिसने इस विचार को खारिज कर दिया कि धर्म को राष्ट्रीय निष्ठा निर्धारित करनी चाहिए। आज़ादी से पहले और बाद के वर्षों में, जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसे संगठनों और खान अब्दुल गफ्फार खान जैसे व्यक्तियों (हालांकि संविधान सभा में शामिल नहीं थे) ने भारत की एकता और संवैधानिक मूल्यों का पुरज़ोर समर्थन किया। उनकी सामूहिक उपस्थिति सांप्रदायिक दुष्प्रचार का खंडन और भारत के लोकतांत्रिक भविष्य में विश्वास की पुनः पुष्टि थी।
जब हम भारतीय संविधान के निर्माण पर विचार करते हैं, तो हमें उन मुस्लिम नेताओं को याद करना चाहिए जो इसके निर्माण में सबसे आगे रहे, एक समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में नहीं, बल्कि एक राष्ट्र के दूरदर्शी के रूप में। उनकी विरासत केवल संविधान के पन्नों में ही नहीं, बल्कि उन अधिकारों और स्वतंत्रताओं में भी समाहित है जिनका हम आज आनंद लेते हैं। ये कहानियाँ हमें याद दिलाती हैं कि आधुनिक भारत की नींव सभी धर्मों के लोगों ने रखी थी। संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि यह उन पुरुषों और महिलाओं के साहस, दूरदर्शिता और देशभक्ति का प्रमाण है जिन्होंने विभाजन के बजाय एकता को चुना। और उस पवित्र सभा में, मुस्लिम आवाज़ हाशिये से नहीं, बल्कि भारत के हृदय से गूँजी।
फरहत अली खान 
एम ए गोल्ड मेडलिस्ट

Tuesday, 26 August 2025

भगवान गणेश और गणेश चतुर्थी - डॉ दिलीप कुमार सिंह

 भगवान गणेश और गणेश चतुर्थी - डॉ दिलीप कुमार सिंह 

भगवान गणेश विद्या और बुद्धि के देवता हैं सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूज्य हैं क्योंकि उन्होंने सारे लोगों की परिक्रमा करने की जगह अपने माता-पिता की तीन बार परिक्रमा करके स्वयं को सबसे बुद्धिमान और चतुर सिद्ध किया था इसलिए तो पृथ्वी के स्वर्ग हिमालय के बर्फ से ढके हुए कश्मीर से लेकर हरी नीली हिंद महासागर की जल राशि जो समुद्र का स्वर्ग है वर्षा और हरियाली के स्वर्ग आश्रम चेरापूंजी की पहाड़ियों से लेकर शुष्कता वीरानी और वीरता के स्वर्ग तक फैले राजस्थान के कण -कण में भगवान गणेश जी की पूजा होती है और उनकी चतुर्थी भादों महीने के शुक्ल पक्ष चतुर्थी को पूरे देश में मनाई जाती है 

भगवान गणेश की यश कीर्ति दिगदिगन्त में व्याप्त हैं उनकी सवारी चूहा के आकार वाला दिव्य विमान है जिसकी गति अनंत है उनको लड्डू पीली चीज और पीली मिठाइयां बहुत प्रिय हैं और उनका दिन बुधवार है एक बार अपने माता-पिता के कहे के अनुसार उन्होंने भगवान परशुराम को भीतर नहीं जाने दिया और उनसे हुए घनघोर रोमांचकारी युद्ध में गणेश जी का एक दांत टूट गया था इसलिए उनको एक दंत कहा गया दूसरी कथा है कि ब्रह्म ऋषि वेदव्यास जी के बोलने पर महाभारत लिखते समय उनकी कलम टूट गई तो उन्होंने अपने दांत को तोड़कर उसी से लिखना प्रारंभ कर दिया था इसी तरह एक बार अपने माता भगवती पार्वती के आदेश के अनुसार वह अपने परम पूज्य पिता आदि देव भगवान शिव से ही भिड़ गए और भगवान ने क्रोध में आकर गणेश जी का सिर काट दिया बाद में पार्वती जी को प्रसन्न करने के लिए गणेश जी को हाथी का सर लगाकर फिर से जीवित किया गया। रिद्धि और सिद्धि को उनकी पत्नी माना जाता है भगवान गणेश की अनंत कहानी धर्म ग्रंथो में वेद पुराणों में प्रख्यात हैं जब-जब देवताओं पर संकट आया तब तक उन्होंने अपनी बुद्धि बल चातुर्य से उसको हल किया 

इस वर्ष विश्व विख्यात गणेश चतुर्थी का महापर्व 27 अगस्त बुधवार के दिन से प्रारंभ होगा जो 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन तक 10 दिन तक चलेगा बुधवार के दिन शुरू होने के कारण यह और भी शुभ और प्रभावकारी हो गया है यद्यपि 26 अगस्त को ही चतुर्थी की तिथि दोपहर 1:54 से लग रही है लेकिन उदय तिथि के अनुसार 27 अगस्त बुधवार के दिन से उनकी पूजा और स्थापना होगी गणेश जी की स्थापना का मुहूर्त 27 अगस्त को सुबह 11:05 से दोपहर 1:40 तक है जो 2 घंटे 34 मिनट का है उनकी मूर्ति स्थापित करके विधि विधान से पूजा करने पर मनोवांछित कामनाएं प्राप्त होती है
[8/26, 9:59 PM] Dr  Dileep Kumar singh: भगवान गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन इस वर्ष 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन बड़ी धूमधाम से किया जाएगा प्रतिमा विसर्जन के लिए तीन समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है पहले सुबह 7:36 से सुबह 9:10 दूसरा दोपहर में 12:19 से शाम को 5:02 और तीसरा रात 6:37 से रात 8:02 तक है इस वर्ष गणेश चतुर्थी के दिन अनेक शुभ मुहूर्त और योग मिल रहे हैं जिसमें शुक्ल योग सर्वार्थ सिद्ध योग रवि योग्य लक्ष्मी नारायण योग बुध आदित्य योग प्रमुख हैं ।

पहले त्यौहार विशेष रूप से महाराष्ट्र और मुंबई में मनाया जाता था लेकिन आज यह पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है छठ पर्व की तरह यह भी आज पूरे भारत में मनाया जाता है इस दिन मुंबई में सबसे विशाल झांकी और जुलूस निकलता है जहां करोड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर घरों के ऊपर यहां तक की पेड़ पौधों पर भी चढ़कर इस भव्य और विराट जुलूस में शामिल होते हैं और सारा वातावरण **गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ** के गगनभेदी नारों से ध्वनित प्रति ध्वनित हो उठता है। अनेक जगह पर दहीहंडी और मटकी फोड़ प्रतियोगिताएं भी आयोजित होती हैं

अब गणेश जी की पूजा पाठ का विधान भी जान लेना अति आवश्यक है सबसे पहले घर की सफाई इसके बाद शरीर और अंतरात्मा और मन की शुद्धि के साथ गणेश जी की प्रतिमा स्वच्छ चौकी पर स्थापित करें और उन्हें दूध दही मधु शक्कर और घी से अभिषेक करें इसके बाद उन्हें दूब अक्षत पीले फूल लड्डू और दूब चढ़ाकर मन वचन कर्म से उनकी पूजा करें और सदाचारी नैतिक बनने का प्रयास करें शुद्ध मन और चित्र से इस प्रकार गणेश जी की पूजा पाठ करने से वह निश्चित रूप से आप सभी पर कृपा करेंगे

Monday, 25 August 2025

अत्यंत कठिन हरितालिका तीज और माता पार्वती -डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह

अत्यंत कठिन हरितालिका तीज और माता पार्वती -डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह 

हरितालिका तीज भादों महीने के शुक्ल पक्ष त्रृतीया को मनाया जाता है उसको तीज भी कहते हैं यह हस्त नक्षत्र के समय पड़ता है यह भगवती माता पार्वती के लिए समर्पित व्रत है अत्यंत कठिन निर्जला व्रत करके भगवान शिव से विवाह करने का माता पार्वती को सौभाग्य मिला था तभी से व्रत मनाया जाता है ‌

 इस बार यह तिथि 26 अगस्त के दिन पड़ रही है यह व्रत करने वाली महिलाओं को पुत्र रत्न की प्राप्ति और इच्छानुसार वरदान मिलता है और उनका सुहाग सुरक्षित रहता है यह व्रत निर्जला होता है अर्थात बिना चंद्रमा का दर्शन हुए पानी भी नहीं पी सकते हैं विवाहित महिलाओं के अलावा कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत को कर सकती हैं जो अच्छे पति की चाह रखती हैं यद्यपि हरतालिका तीज की तिथि 25 अगस्त को दोपहर 12:34 पर लग रही है और इसका समापन 26 अगस्त को दोपहर 1:54 पर होगा लेकिन सूर्य के उदया तिथि के अनुसार यह 26 अगस्त को ही मनाया जाएगा 


इस व्रत में एक और बात है कि यदि एक बार व्रत रखा तो हमेशा के लिए रखना पड़ता है यदि कभी व्रत रहने वाली महिला गंभीर स्थिति में हो तो दूसरी महिला या पति उसके स्थान पर व्रत रख सकता है इस व्रत को रखने वाली महिला को दिनभर सोने का निषेध है और रात को जागरण भी करना पड़ता है 


इसका विधि विधान है कि सुबह स्नान करके श्रद्धा भक्ति के साथ व्रत के बाद सुहागिन महिला को श्रृंगार सामग्री कपड़े खाने पीने की वस्तु में फल और मिठाई आभूषण अपने शक्ति के अनुसार जो चरित्रवान हो उसको दान देते हैं ।

वैसे तो भगवती माता पार्वती की कथा हर कोई जानता है लेकिन जब वह सती के रूप का त्याग करके अग्नि में भस्म होकर हिमाचल के घर पार्वती के रूप में जन्म ली तब बचपन में उन्होंने अन्न जल का सेवन भी छोड़ दिया और पत्ते खाकर एक पैर के अंगूठे पर खड़ी होकर घनघोर तपस्या करने लगी इसके बाद उन्होंने पत्ते भी खाना छोड़ दिया फिर हवा पीकर तब किया इसके बाद उसे भी छोड़ दिया उनकी बहुत प्रकार से परीक्षा भगवान शिव जी के द्वारा ली गई अंत में वह एक गुफा में जाकर हजारों वर्ष घनघोर तपस्या की और रेत से शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की तपस्या में लीन होकर रात्रि का जागरण किया और भगवान शिव ने उन्हें हस्त नक्षत्र में दर्शन दिया और उन्हें अपनी पत्नी स्वीकार किया यही इस व्रत की कथा है ।

हरतालिका तीज में पूजा के लिए थाल में सूखा नारियल कलश बेलपत्र शमी का पत्ता केले का पत्ता धतूरे का फल गाय का घी मधु गुलाल चंदन  सुगंधित इत्र पांच फल सुपारी अक्षत धूप दीप कपूर गंगाजल दूब और बेलपत्र रखकर पूजा करते हैं और माता पार्वती को सिंदूर बिंदी कुमकुम मेहंदी बिछिया काजल चूड़ी कंघी महावर साड़ी इत्यादिभेंट करते हैं दान करने वाली और पहनने वाली साड़ी का रंग  हरा गुलाबी लाल होना चाहिए लेकिन काला नहीं होना चाहिए । सूर्योदय से पहले  उठकर नहा धोकर श्रृंगार करें केले के पत्ते का मंडप बनाकर शिव पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें माता पार्वती की चर्चा उनकी कथाएं करें तीन बार आरती करें और शिव पार्वती विवाह की कथा सुनें और सबसे सरल मंत्र है ओम शिव पार्वत्यै नमो नमः मंत्र का जाप करें और भी मंत्र पढ़ सकते हैं।

इस बार इस व्रत का पारण 27 अगस्त को सूर्योदय के बाद किया जाएगा यदि कष्ट बीमारी रोग हो तो यह कठिन व्रत नहीं करना चाहिए अगर किसी कारण से व्रत के कालखंड में तबीयत बिगड़ने लगे तो चंद्रमा को अर्घ देकर पानी पीकर फलाहार किया जा सकता है याद रखें बालक वृद्ध रोगी महिलाओं को हर व्रत में विशेष प्रकार की छूट दी गई है इस प्रकार यह हरतालिका तीज का व्रत जो भगवती माता पार्वती को समर्पित है हर इच्छाओं को पूरा करने वाला है

Saturday, 23 August 2025

मौसम की भविष्यवाणी हमारे केंद्र के द्वारा 14 अगस्त को जौनपुर जौनपुर के पड़ोसी जनपद रोड पूर्वांचल सहित उत्तर भारत के अधिकांश भागों में 21 से 25 अगस्त तक झमाझम घनघोर वर्ष की भविष्यवाणी पूरी तरह से सच हो रही हैं

मौसम की भविष्यवाणी 
हमारे केंद्र के द्वारा 14 अगस्त को जौनपुर जौनपुर के पड़ोसी जनपद रोड पूर्वांचल सहित उत्तर भारत के अधिकांश भागों में 21 से 25 अगस्त तक झमाझम घनघोर वर्ष की भविष्यवाणी पूरी तरह से सच हो रही हैं 

इसी क्रम में कल रात को 25 मिलीलीटर वर्षा हुई रात 11:00 से सुबह 6:00 तक वर्षा होती रहे आज भी लगातार अंतराल देकर वर्ष जारी रहेगी और 20 से 30 मिली लीटर वर्षा होने की प्रबल संभावना है 

आज का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रहा इस तरह भर में और सुबह अच्छी खासी ठंड रहे और दिन में मौसम सुहावना रहेगा वायु गुणवत्ता सूचकांक और हवा की मात्रा उत्तम रही हवा की दिशा पूर्वी दक्षिणी पूर्वी और गति 5 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा रही 

कल का अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहेगा और कल भी  झमाझम घनघोर वर्षा जारी रहेगी और यह कर्म 25 अगस्त तक चलेगा इसके बाद भी वर्षा होगी लेकिन उसका वेग कम हो जाएगा 

5 दिनों में जौनपुर में विभिन्न स्थानों पर 100 से 150 मिलीलीटर वर्षा होगी जबकि  जौनपुर नगर क्षेत्र में 100 से 110 मिली लीटर वर्षा होगी यह वर्ष इस वर्ष 25 सितंबर से 1 अक्टूबर तक जाएगी इसके बाद मानसून समाप्त हो जाएगा इस वर्ष सुख में होने वाले और नामी में होने वाली दोनों फैसले बहुत अच्छी हुई।

 चलते-चलते चेतावनी के रूप में बताने की इस वर्ष ठंड भी जल्दी सितंबर के आखिरी हफ्ते से शुरू हो जाएगी जो सामान्य तौर पर अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में शुरू होती है इतना ही नहीं इस वर्ष जनवरी से अगस्त 2025 तक अरब सागर या बंगाल की खाड़ी में कोई भी चक्रवात या महा चक्रवात न आने की भविष्यवाणी भी पूरी तरह सही हुई सितंबर और अक्टूबर में इन दोनों स्थानों पर भीषण चक्रवात बनने की प्रबल संभावना की भविष्यवाणी भी महीनों पहले कर दे रहा हूं

तो हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान और विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर से जुड़े रहें देश-विदेश की वर्षा तूफान सुनामी लहरों चक्रवात की राजनीति खेलों की अंतरिक्ष विज्ञान की समय से पहले पूरी तरह प्रामाणिक और 99% सही होने वाली 48 वर्षों की तरह आगे भी सही भविष्यवाणियों से अवगत होते रहे डॉ दिलीप कुमार सिंह डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक

Tuesday, 19 August 2025

मुंबई नालासोपारा वसई विरार पालघर रोड पुणे ठाणे नवी मुंबई कल्याण महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के लोग कृपया हमें बताएं कि 14 अगस्त से 24 अगस्त तक इन सभी जगह पर भारी से भरी और मूसलाधार वर्षा की सही हो रही है वैसे तो 24 अगस्त के बाद भी वर्ष जारी रहेगी लेकिन उसका बैग कम हो जाएगा डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुरमौसम का आकलन और भविष्यवाणी कैसा रहेगा आज और कल का मौसम

मौसम का आकलन और भविष्यवाणी कैसा रहेगा आज और कल का मौसम
मुंबई नालासोपारा वसई विरार पालघर रोड पुणे ठाणे नवी मुंबई कल्याण महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के लोग कृपया हमें बताएं कि 14 अगस्त से 24 अगस्त तक इन सभी जगह पर भारी से भरी और मूसलाधार वर्षा की सही हो रही है वैसे तो 24 अगस्त के बाद भी वर्ष जारी रहेगी लेकिन उसका बैग कम हो जाएगा डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर

हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र के द्वारा 14 अगस्त को ही यह भविष्यवाणी कर दी गई थी कि जौनपुर पूर्वांचल और जौनपुर जनपद के सभी पड़ोसी जनपदों में 20 अगस्त बुधवार से मौसम बदल जाएगा और यह मौसम बदल भी चुका है अब शाम तक वर्षा की भविष्यवाणी सही होने की ओर सभी की निगाहें टिकी हैं और वह भी निश्चित रूप से होकर रहेगी 

आज का अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहेगा हवा की गति 20 से लेकर 40 किलोमीटर रहेगी अर्थात कभी-कभी बहुत तेज आंधी अंधड़ का सामना करना पड़ेगा जो प्रारंभ भी हो चुका है जैसे-जैसे समय बीतेगा वैसे-वैसे हवा की गति बादलों का घनत्व बढ़ता जाएगा और दोपहर तक बूंदाबांदी शुरू हो जाएगी जो शाम तक हल्की मध्यम वर्षा में बदल जाएगी वायु गुणवत्ता सूचकांक 90 से 110 पराबैंगनी किरणों की तीव्रता 2 से 5 प्रदूषण और गंदगी की मात्रा मध्यम रहेगी 

कल के मौसम के बारे में अनुमान है कि अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस रहेगा इस तरह आज शाम से लोगों को मौसम सुहावना और आनंददायक प्रतीत होता और 5 6 दिनों की भयंकर गर्मी उमस पसीना और सुख का मौसम समाप्त हो जाएगा 

14 अगस्त को ही मैंने मुंबई से चर्चगेट नालासोपारा वसई विरार से थाने पूरे कांदिवली डोंबिवली पनवेल नवी मुंबई सपोले पालघर संपूर्ण महाराष्ट्र गुजरात दक्षिण भारत में 24 अगस्त तक घनघोर मूसलाधार वर्षा और बाढ़ की जो भविष्यवाणी किया था वह पूरी तरह सही हो रही है वाहन तेज तूफानी हवा ऑन के साथ 14 अगस्त से लगातार वर्षा जारी है इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत बंगाल उड़ीसा और हिमालय क्षेत्र में भी भारी वर्षा हो रही है गोमती नदी में बाढ़ न आने की भविष्यवाणी भी पूरी तरह सही हुई है 

यह वर्ष 20 अगस्त से जौनपुर जौनपुर के सभी पड़ोसी जिलों पूर्वांचल और उत्तर भारत में अंतराल देकर जारी रहेगी औरबहुत अच्छी वर्षा होने की प्रबल संभावना है कहीं कहीं घनघोर घोंसलाधर वर्षा बिजली की गरज और चमक वज्रपात और भीषण ध्वनि के साथ आंधी तूफान झंझा झकोर  घन गर्जन तड़ित और बारिदमाला और विद्युत की चकाचौंध के साथ जारी रहेगी डॉ दिलीप कुमार सिंह डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर 7017713978

न्यायालय संख्या - 49,मामला: जनहित याचिका (पीआईएल) संख्या 1118/2025*याचिकाकर्ता: गौरी शंकर सरोजप्रतिवादी: उत्तर प्रदेश राज्य एवं 5 अन्ययाचिकाकर्ता के वकील: विष्णु कांत तिवारीप्रतिवादी के वकील: भूपेंद्र कुमार त्रिपाठी, सी.एस.सी., धर्मेंद्र कुमार निरंकारीमाननीय जे.जे. मुनीर, जे.

*न्यायालय संख्या - 49,मामला: जनहित याचिका (पीआईएल) संख्या 1118/2025*
याचिकाकर्ता: गौरी शंकर सरोज

प्रतिवादी: उत्तर प्रदेश राज्य एवं 5 अन्य

याचिकाकर्ता के वकील: विष्णु कांत तिवारी

प्रतिवादी के वकील: भूपेंद्र कुमार त्रिपाठी, सी.एस.सी., धर्मेंद्र कुमार निरंकारी

माननीय जे.जे. मुनीर, जे.

इस जनहित याचिका में कल का दृश्य अत्यंत गमगीन और विचलित करने वाला था। जनहित याचिका दायर करने वाले, एक अत्यंत वृद्ध, नब्बे वर्षीय व्यक्ति और उनके पोते के घर पुलिस ने दौरा किया और उन्हें इस जनहित याचिका के अभियोजन से हटने की धमकी दी। याचिकाकर्ता और उनके पोते इस न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए और पुलिस के आचरण, जिसमें उन्हें जनहित याचिका वापस लेने की धमकी दी गई, और उससे भी बढ़कर, याचिकाकर्ता के पोते को गिरफ्तार करने का प्रयास किया गया, जिसे कथित तौर पर रिश्वत लेने के बाद रिहा करने से पहले, एक वाहन पर जबरन कुछ दूरी तक ले जाया गया, को देखते हुए, इस न्यायालय ने याचिकाकर्ता से वर्तमान रिट कार्यवाही में अपना बयान दर्ज कराने का अनुरोध किया। हमने याचिकाकर्ता के बयान को शब्दशः दर्ज किया और उनसे खुले प्रश्न पूछे। इसी प्रकार, उनके पोते का बयान भी दर्ज किया गया।

हमारे संज्ञान में लाए गए सभी घटनाक्रमों और तथ्यों का विस्तृत विवरण देते हुए, हमने 8 जुलाई को एक आदेश पारित किया, जिसमें पुलिस अधीक्षक, जौनपुर को उन्हीं आरोपों पर अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई पूर्व जाँच को खारिज करते हुए, एक नई जाँच करने का निर्देश दिया गया।

आज, जौनपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ द्वारा एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया गया है। उन्होंने जो भी पाया है, वह याचिकाकर्ता के उस रुख की पुष्टि करता है जो उन्होंने हमारे समक्ष रखा था। भले ही पुलिस अधीक्षक को याचिकाकर्ता का रुख ऐसा न लगा हो, फिर भी इस न्यायालय में हुई कार्यवाही में याचिकाकर्ता और उसके पोते के बयानों के बाद उनकी राय का कोई खास महत्व नहीं रह जाता। खुशी की बात है कि पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट रूप से पूछताछ की है।
उन्होंने मामले की जाँच की और पाया कि उनके लोग पूरी तरह से दोषी हैं। उन्हें कई बातें मिलीं और उन्हें पुलिस अधीक्षक के अपने हलफनामे में लिखे शब्दों में सबसे अच्छी तरह व्यक्त किया जा सकता है। ये शब्द इस प्रकार हैं:

"5. तदनुसार, अभिसाक्षी द्वारा स्वयं एक विस्तृत जांच की गई और याचिकाकर्ता, उसके परिवार के सदस्यों और स्थानीय निवासियों सहित संबंधित गवाहों के बयान दर्ज किए गए। माननीय न्यायालय के अवलोकनार्थ, दिनांक 10.07.2025 की रिपोर्ट की प्रति, जिसमें जांच के साथ-साथ अभिसाक्षी द्वारा की गई कार्रवाई और संबंधित तस्वीरें शामिल हैं, इस हलफनामे के साथ अनुलग्नक संख्या 1 के रूप में यहां दाखिल की जा रही है।

6. उपलब्ध साक्ष्यों और बयानों के आधार पर, यह पाया गया कि 17.05.2025 को, पंकज मौर्य और नितेश कुमार गौड़ नाम के दो पुलिस कांस्टेबल, हल्का लेखपाल के साथ, कथित तौर पर एक नागरिक विवाद के संबंध में याचिकाकर्ता के परिवार के सदस्य के घर गए और उसके बाद, यह आरोप लगाया गया है कि याचिकाकर्ता के पोते रजनीश सरोज को पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा था, और 2000 रुपये की रिश्वत लेने के बाद उसे छोड़ दिया गया।

7. प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि पुलिस कर्मियों का आचरण अवैध था और इसे टाला जा सकता था, विशेषकर वैध वारंट या उचित प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों के अभाव में।

8. उपरोक्त को गंभीरता से लेते हुए, अभिसाक्षी ने दोनों कांस्टेबलों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई प्रारंभ कर दी है और उन्हें दिनांक 08.07.2025 के आदेश द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। माननीय न्यायालय के अवलोकनार्थ, अभिसाक्षी द्वारा पारित दिनांक 08.07.2025 के निलंबन आदेश की प्रति इस शपथपत्र के अनुलग्नक संख्या 2 के रूप में संलग्न करके प्रस्तुत की जा रही है।

9. थाना प्रभारी, पुलिस थाना मुंगरा बादशाहपुर, जौनपुर द्वारा की गई शिथिलता एवं लापरवाही के कारण उन्हें भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। माननीय न्यायालय के अवलोकनार्थ, थाना प्रभारी, पुलिस थाना मुंगरा बादशाहपुर, जौनपुर के दिनांक 09.07.2025 के निलंबन आदेश की प्रति इस शपथ पत्र के अनुलग्नक संख्या 3 के रूप में संलग्न की जा रही है।

10, यह भी उल्लेखनीय है कि विभागीय कार्यवाही भी प्रारम्भ कर दी गयी है तथा विभागीय जांच अपर पुलिस अधीक्षक (नगर), जौनपुर को सौंपी गयी है।

11. याचिकाकर्ता श्री गौरी शंकर सरोज की तहरीर पर, दिनांक 09.07.2025 को थाना मुंगरा बादशाहपुर, जौनपुर में कांस्टेबल पंकज मौर्य, कांस्टेबल नितेश कुमार गौड़, क्षेत्रीय लेखपाल विजय शंकर और शिव गोविंद के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 61(1), 352, 351(2) एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 तथा एससी/एसटी अधिनियम की धारा 3(2)(va) के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट मुकदमा अपराध संख्या 0175/2025 पंजीकृत की गई है और इसकी विवेचना क्षेत्राधिकारी मछलीशहर, जौनपुर को सौंपी गई है। माननीय न्यायालय के अवलोकनार्थ, दिनांक 09.07.2025 की प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति प्रस्तुत की जा रही है।

इस शपथ पत्र के साथ संलग्न तथा अनुलग्नक संख्या 4 के रूप में अंकित है।

12. क्षेत्रीय लेखपाल के विरुद्ध पंजीकृत उपरोक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 09.07.2025 के आलोक में, अभिसाक्षी द्वारा जिला मजिस्ट्रेट, जौनपुर को दिनांक 09.07.2025 को एक अनुरोध पत्र प्रेषित कर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ करने का अनुरोध किया गया है। माननीय न्यायालय के अवलोकनार्थ, अभिसाक्षी द्वारा जिला मजिस्ट्रेट, जौनपुर को लिखे गए दिनांक 09.07.2025 के पत्र की प्रति इस शपथपत्र के अनुलग्नक संख्या 5 के रूप में संलग्न कर प्रस्तुत की जा रही है।

13. अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), जौनपुर द्वारा जाँच में की गई ढिलाई के एवज़ में उन्हें कड़ी चेतावनी जारी की गई है, इस शर्त के साथ कि भविष्य में ऐसा कृत्य दोबारा न किया जाए। माननीय न्यायालय के अवलोकनार्थ, अभिसाक्षी द्वारा जारी आदेश दिनांक 09.07.2025 की प्रति इस शपथपत्र के अनुलग्नक संख्या 6 के रूप में संलग्न करके प्रस्तुत की जा रही है।

14. यहाँ यह भी उल्लेख करना समीचीन होगा कि अभिसाक्षी द्वारा दिनांक 09.07.2025 को जिले में तैनात सभी अधिकारियों को निर्देश/आदेश जारी किया गया है कि कोई भी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी, किसी भी परिस्थिति में, सक्षम न्यायालय के निर्देश के बिना, दीवानी या संपत्ति संबंधी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा, अन्यथा उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। माननीय न्यायालय के अवलोकनार्थ, अभिसाक्षी द्वारा जारी दिनांक 09.07.2025 के निर्देश/आदेश की प्रति इस शपथपत्र के अनुलग्नक संख्या 7 के रूप में संलग्न करके यहां प्रस्तुत की जा रही है।

उपरोक्त हलफनामे को पढ़ते हुए, हमें लगा कि आखिरकार उस याचिकाकर्ता के साथ न्याय हुआ जिसने एक जनहित के लिए आवाज़ उठाई थी। लेकिन, हमारी राहत बहुत कम समय के लिए थी।

याचिकाकर्ता के विद्वान वकील, श्री विष्णु कांत तिवारी ने खड़े होकर अदालत को सूचित किया कि पुलिस ने 9 तारीख की देर शाम उनके घर पर छापा मारा और उनका ठिकाना पूछा। उन्होंने उनके पिता के साथ दुर्व्यवहार किया और उनसे पूछा कि याचिकाकर्ता जौनपुर मुख्यालय क्यों गए थे। याचिकाकर्ता का घर ग्राम- बड़ागांव में स्थित है, जिस गांव से यह जनहित याचिका संबंधित है। विद्वान वकील के अनुसार, पुलिस के पहुंचने से पहले, उनके मोबाइल फोन पर स्टेशन हाउस ऑफिसर, पुलिस स्टेशन- मुंगराबादशाहपुर, दिलीप सिंह, एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया था, जिनकी पहचान ट्रूकॉलर ऐप पर "दिलीप सिंह एस.ओ. (मुंगरा)" के रूप में बताई गई है। मोबाइल फोन नंबर 9839284848 है। यह दरोगा इस अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता के विद्वान वकील, श्री तिवारी से पुलिस स्टेशन आने का आग्रह कर रहा था

पुलिस को उनसे कुछ सवाल पूछने पड़े। याचिकाकर्ता के विद्वान वकील श्री विष्णु कांत तिवारी ने अपना हलफनामा दाखिल किया है और उक्त हलफनामे के पैराग्राफ 5 और 6 में यह कहा गया है:

"5. दिनांक 08.07.2025 को रात्रि में लगभग 10:30 बजे क्षेत्र प्रभारी, जिनका नाम वह नहीं जानता, उन्हें फोन करना शुरू करते हैं, प्रार्थी फोन काट देता है, क्षेत्र प्रभारी तीन बार और फोन करते हैं। प्रार्थी कॉल को अनसुना कर देता है। उसके बाद मुंगरा बादशाहपुर के थाना प्रभारी दिलीप कुमार सिंह के नंबर से कॉल आना शुरू हो जाता है। जब वह फिर भी फोन नहीं उठाते हैं, तो वे सीधे बल के साथ उनके घर पर आ जाते हैं। कुछ दूर जाकर गाड़ी रोककर 2 पुलिसकर्मी उतरते हैं और पहले उनके घर के पीछे खड़े हो जाते हैं, उसके बाद थाना प्रभारी और कुछ अन्य व्यक्ति उनके साथ थे, उनके पिता गाड़ी के पास जाते हैं और उनसे पूछते हैं कि वकील साहब कहां हैं, तब उनके पिता बताते हैं कि वह जौनपुर गए हैं, वह कहते हैं कि रात में जौनपुर जाने की क्या जरूरत थी, उन्होंने कहा कि मिलने के लिए कहा था, पिता ने कहा कि अगर मिलने के लिए कहा होता तो वे मिलते, उसके बाद यह लोग चले जाते हैं, वे बल के साथ उनके घर पर छापेमारी कर रहे हैं, ताकि रात में उन्हें गिरफ्तार करने का दबाव बना सकें। एक फोटो कॉल विवरण की प्रति यहां दाखिल की जा रही है तथा इसे इस हलफनामे के अनुलग्नक संख्या 1 के रूप में चिह्नित किया गया है।

6. मामले के तथ्य और परिस्थितियों को देखते हुए, न्याय के हित में यह आवश्यक है कि यह माननीय न्यायालय पुलिस स्टेशन मुंगरा बादशाहपुर, जिला जौनपुर के पुलिस कर्मियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने की कृपा करे।

हाल ही में देश भर में यह चलन देखा गया है कि वकीलों की अदालत में बहस के दौरान उनके खिलाफ जाँच की जा रही है। यह न्यायिक व्यवस्था के अस्तित्व पर ही आघात है और इतना गंभीर है कि अगर यह साबित हो जाए तो आपराधिक अवमानना के तहत कड़ी से कड़ी सज़ा दी जानी चाहिए। इसे बहुत सख्ती से रोका जाना चाहिए।

यह उचित ही है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ को इस रिट याचिका में पक्षकार प्रतिवादी के रूप में शामिल किया जाए, जो कि याचिकाकर्ता के विद्वान वकील दिन के दौरान करेंगे।

इससे पहले कि हम इस मामले में आगे बढ़ें, हम अपर मुख्य सचिव (गृह) और पुलिस अधीक्षक, जौनपुर से अपने-अपने हलफनामे दाखिल करने की अपेक्षा करना उचित समझते हैं, जो उन्हें करना ही होगा। वे अगले मंगलवार यानी 15.07.2025 तक ऐसा करेंगे।
इस मामले को 15.07.2025 को दोपहर 2.00 बजे भोजनावकाश के बाद प्रथम मामले के रूप में प्रस्तुत करें।

याचिकाकर्ता, श्री विष्णु कांत तिवारी के विद्वान वकील द्वारा उनकी और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा और स्वतंत्रता के बारे में व्यक्त की गई सभी परिस्थितियों और आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए, हम पुलिस को, चाहे वह किसी भी संस्था की हो, श्री विष्णु कांत तिवारी, अधिवक्ता, या उनके परिवार के किसी भी सदस्य से टेलीफोन पर संपर्क करने, उन्हें किसी भी तरह से धमकाने या परेशान करने, उन्हें कहीं भी गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने, श्री तिवारी के घर में घुसने, या उन्हें या उनके परिवार के किसी भी सदस्य को आवश्यक कार्य हेतु घर से बाहर निकलते समय टोकने से रोकते हैं। यदि पुलिस को श्री तिवारी से मिलने या उनसे बात करने की आवश्यकता पड़ती है, तो वे इस न्यायालय की पूर्व अनुमति के बिना ऐसा नहीं करेंगे।

यह आदेश रजिस्ट्रार (अनुपालन) द्वारा विद्वान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ के माध्यम से अपर मुख्य सचिव (गृह), उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ को तथा विद्वान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जौनपुर के माध्यम से पुलिस अधीक्षक, जौनपुर को तत्काल प्रेषित किया जाए।

आदेश दिनांक: 11.7.2025

प्रशांत डी.

मुस्लिम बुद्धिजीवी और एक नए भारत का उदय

मुस्लिम बुद्धिजीवी और एक नए भारत का उदय

राष्ट्र निर्माण केवल युद्धभूमि में सैनिकों या संसद में सांसदों का ही काम नहीं है, बल्कि यह विचारकों, वैज्ञानिकों, उद्यमियों और सुधारकों की भी उपलब्धि है जो किसी देश के बौद्धिक और आर्थिक भविष्य को आकार देते हैं। आज़ादी के बाद से, मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने भारत को आधुनिकता, प्रगति और आर्थिक मजबूती की ओर ले जाने में एक शांत लेकिन निर्णायक भूमिका निभाई है। उनका योगदान विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, उद्योग, लोक नीति और सामाजिक कल्याण के क्षेत्रों में फैला हुआ है। प्रयोगशालाओं, बोर्डरूम और कक्षाओं में, उन्होंने एक मज़बूत, आत्मनिर्भर और समावेशी भारत के विज़न को आगे बढ़ाया है। उनकी कहानी सिर्फ़ व्यक्तिगत सफलता की नहीं है; यह इस बारे में है कि कैसे प्रतिभा और देशभक्ति, जब एक साथ मिलकर, एक राष्ट्र को बदल सकते हैं।
भारत के मुस्लिम बुद्धिजीवियों में शायद सबसे ज़्यादा प्रशंसित व्यक्ति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम हैं, जिन्हें "मिसाइल मैन" और बाद में "जनता के राष्ट्रपति" के रूप में जाना जाता है। वैश्विक ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक, कलाम भारत के मिसाइल विकास कार्यक्रमों और पोखरण-II परमाणु परीक्षणों में एक केंद्रीय व्यक्ति थे। अपनी तकनीकी उपलब्धियों के अलावा, कलाम की विरासत उनके 'भारत 2020' के दृष्टिकोण में निहित है, जो विज्ञान, नवाचार और युवा सशक्तिकरण के माध्यम से भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने का एक खाका है। उनके भाषणों और पुस्तकों ने लाखों लोगों को सीमाओं से परे सपने देखने के लिए प्रेरित किया, भारतीयों को याद दिलाया कि ज्ञान और ईमानदारी प्रगति के दो इंजन हैं।
व्यापार और परोपकार के क्षेत्र में, विप्रो के पूर्व अध्यक्ष, अजीम प्रेमजी, नैतिक उद्यमिता के प्रतीक के रूप में खड़े हैं। उनके नेतृत्व में, विप्रो एक वैश्विक आईटी महाशक्ति के रूप में परिवर्तित हो गया, जिसने भारत को प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक प्रतिस्पर्धी शक्ति के रूप में स्थापित किया। लेकिन प्रेमजी का प्रभाव कॉर्पोरेट सफलता से कहीं आगे तक जाता है। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के माध्यम से, उन्होंने ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में शिक्षा में सुधार के लिए अरबों डॉलर समर्पित किए हैं, जिससे अगली पीढ़ी को गरीबी के चक्र को तोड़ने के साधन मिल रहे हैं।
आर्थिक नीति को सैयद ज़फर महमूद जैसे मुस्लिम बुद्धिजीवियों की अंतर्दृष्टि से भी लाभ हुआ है, जो समावेशी विकास के लिए एक मजबूत आवाज रहे हैं, और एम. ए. चिदंबरम, एक उद्योगपति जिन्होंने भारत के शुरुआती औद्योगिक विकास में योगदान दिया। शिक्षा जगत में, कई दिग्गजों ने भारत के समृद्ध अतीत को संरक्षित और व्याख्यायित किया है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि हमारे राष्ट्र की गाथा पूर्वाग्रहों के बजाय तथ्यों पर आधारित रहे।
भारत की वैज्ञानिक प्रगति विशिष्ट क्षेत्रों में काम करने वाले मुस्लिम विद्वानों की देन है। ई. श्रीधरन को भारत का "मेट्रो मैन" कहा जा सकता है, लेकिन उनके नेतृत्व में काम करने वाले इंजीनियरों, परियोजना प्रबंधकों और नीति नियोजकों में कई मुस्लिम पेशेवर शामिल थे, जिन्होंने तकनीकी विशेषज्ञता को राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के साथ जोड़ा। अंतरिक्ष अनुसंधान में, अग्रणी समुद्री जीवविज्ञानी डॉ. सैयद ज़हूर कासिम ने भारत के अंटार्कटिक अभियानों की नींव रखी, जिससे पता चला कि वैज्ञानिक अन्वेषण भी राष्ट्र सेवा का एक रूप है। मुस्लिम बुद्धिजीवी कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में भी प्रमुख भूमिका निभाते रहे हैं। पूर्व विदेश सचिव सलमान हैदर जैसी हस्तियों ने विश्व मंच पर भारत का गरिमा और रणनीतिक कौशल के साथ प्रतिनिधित्व किया है। उनके काम ने यह सुनिश्चित किया है कि वैश्विक व्यापार, शांति और सुरक्षा के मामलों में भारत की आवाज़ सुनी जाए।
महत्वपूर्ण बात यह है कि ये योगदान केवल अभिजात वर्ग तक ही सीमित नहीं हैं। पूरे भारत में, अनगिनत मुस्लिम शिक्षक, समाज सुधारक और ज़मीनी स्तर के नवप्रवर्तक साक्षरता दर में सुधार, स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने और रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिए प्रतिदिन काम कर रहे हैं। वे इस बात के प्रमाण हैं कि बौद्धिक नेतृत्व के लिए किसी उच्च पद की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि राष्ट्र कल्याण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। ज्ञान और सेवा का यह एकीकरण एक गहरी देशभक्ति को दर्शाता है, जो इस संकीर्ण धारणा को चुनौती देता है कि वफ़ादारी केवल नारों या प्रतीकों से मापी जा सकती है। उनके लिए, भारत के प्रति प्रेम की सबसे सच्ची अभिव्यक्ति उसके नागरिकों की प्रगति के लिए निरंतर प्रयास है।
एक नए भारत का उदय किसी एक समुदाय, क्षेत्र या विचारधारा का काम नहीं है, यह अनगिनत दिमागों के समर्पण पर आधारित एक साझा विजय है। मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने अपने नवाचारों, सुधारों और नेतृत्व के माध्यम से वैश्विक क्षेत्र में भारत का स्थान सुरक्षित करने में मदद की है। उन्होंने साबित किया है कि शिक्षा रक्षा का एक रूप है, उद्यमिता राष्ट्र निर्माण का एक कार्य हो सकती है, और बौद्धिक श्रम सैन्य सेवा जितना ही देशभक्तिपूर्ण हो सकता है। उनके योगदान को याद करते हुए, हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि भारत की ताकत उसके विचारकों की विविधता में उतनी ही निहित है जितनी कि उसके लोगों की विविधता में। भारत में मुस्लिम बौद्धिक परंपरा कभी भी अलगाव की नहीं रही, बल्कि हमेशा एकीकरण, प्रगति और सेवा की रही है।
फरहत अली खान 
एम ए गोल्ड मेडलिस्ट

मौसम का आकलन और भविष्यवाणी

मौसम का आकलन और भविष्यवाणी 
आज 19 अगस्त को मौसम में  धूप छांव बहुत ही तेज हवाएं अंधड़ चलेगी वर्षा होने की हल्की  संभावना जौनपुर और पड़ोसी जनपदों कुछ  स्थानों में है ज्यादा स्थानों में तेज गर्मी और धूप रहेगी।अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस  के साथ मौसम गर्म उमस पसीना युक्त रहेगा कुछ भाग्यशाली स्थानों पर जौनपुर और आसपास अचानक गरज चमक के साथ  हल्की फुहार बूंदाबांदी या झी़सी पड़ सकती है दिन में  गर्मी और उमस रहेगी । लेकिन कल 20 अगस्त से मौसम  पूरी तरह परिवर्तित हो रहा है । 

कल 20 अगस्त का मौसम जौनपुर और आसपास के जनपदों में तेजी से बदल जाएगा और बादल बरसात शुरू हो जाएगीअधिकतम तापमान घटकर 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस हो जाएगा पराबैंगनी किरणों की तीव्रता 2 से5 के बीच रहेगी वायु गुणवत्ता सूचकांक 80 से 110 के बीच रहेगी हवा की दिशा पूर्वी और गति 25 से 45 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी इस प्रकार बदले हुए मौसम में स्वतंत्रता दिवस और भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी पूरी तरह सूखे मौसम में मनाई जा चुकी हैं कल से जौनपुर और जनपद के आसपास के जिलों में कई स्थानों पर बूंदाबांदी हल्की मध्यम वर्षा की संभावना बन रही है

21 से 25 अगस्त के आसपास  जौनपुर और उसके पड़ोसी जनपदों एवं पूर्वांचल सहित उत्तर भारत में दूर-दूर तक अच्छी वर्षा होगी इन नाओ में हमेशा के भांति 12 से 15 घंटे का अंतर अधिक से अधिक हो सकता है ‌डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि

Monday, 18 August 2025

नेताजी सुभाष चंद बोस की पुण्यतिथि पर उनकी शौर्यगाथा*

*नेताजी सुभाष चंद बोस की पुण्यतिथि पर उनकी शौर्यगाथा*   
राजनीति के अद्भुत खिलाड़ी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की पुण्यतिथि 180अगस्त है ।बोस एक ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे जिनके आदर्शों को जो मान लेगा उसका जीवन सफल हो जाएगा। वे जो चाहते थे वह करते थे।भारत के इतिहास में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के समान कोई व्यक्तित्व दूसरा नहीं हुआ, जो एक महान सेनापति, वीर सैनिक, राजनीति के अद्भुत खिलाड़ी और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नेताओं के समकक्ष बैठकर कूटनीति तथा चर्चा करने वाला हो। आइए जानें नेताजी के बारे में 28 खास बातें-
 
1) 1897- नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जन्‍म 23 जनवरी, 1897 को जानकी नाथ बोस और श्रीमती प्रभावती देवी के घर में हुआ था।
 
2).1913- उन्‍होंने 1913 में अपनी कॉलेज शिक्षा की शुरुआत की और कलकत्‍ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया।
 
3) 1915- सन् 1915 में उन्‍होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्‍तीर्ण की।
 
4).1916- ब्रिटिश प्रोफेसर के साथ दुर्व्‍यवहार के आरोप में उन्हें निलंबित कर दिया गया।

 
5).1917- सुभाषचंद्र ने 1917 में स्‍कॉटिश चर्च कॉलेज में फिलॉसफी ऑनर्स में प्रवेश लिया।
 
6).1919- फिलॉसफी ऑनर्स में प्रथम स्‍थान अर्जित करने के साथ आईसीएस परीक्षा देने के लिए इंग्‍लैंड रवाना हो गए।

 
7).1920- सुभाषचंद्र बोस ने अंग्रेजी में सबसे अधिक अंक के साथ आईसीएस की परीक्षा न केवल उत्‍तीर्ण की, बल्‍कि चौथा स्‍थान भी प्राप्‍त किया।
 
8).1920- उन्‍हें कैंब्रिज विश्‍वविद्यालय की प्रतिष्‍ठित डिग्री प्राप्‍त हुई।

 
9).1921- अंग्रेजों ने उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया।
 
10) .1922- 1 अगस्‍त, 1922 को वे जेल से बाहर आए और देशबंधु चितरंजनदास की अगुवाई में गया कांग्रेस अधिवेशन में स्‍वराज दल में शामिल हो गए।
 
11).1923- सन् 1923 में वे भारतीय युवक कांग्रेस के अध्‍यक्ष चुने गए। इसके साथ ही बंगाल कांग्रेस के सचिव भी चुने गए। उन्‍होंने देशबंधु की स्‍थापित पत्रिका ‘फॉरवर्ड’ का संपादन करना शुरू किया।

 
12).1924- स्‍वराज दल को कोलकाता म्‍युनिसिपल चुनाव में भारी सफलता मिली। देशबंधु मेयर बने और सुभाषचंद्र बोस को मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी मनोनीत किया गया। सुभाष के बढ़ते प्रभाव को अंग्रेज सरकार बरदाश्‍त नहीं कर सकी और अक्‍टूबर में ब्रिटिश सरकार ने एक बार फिर उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया।
 
13).1925- देशबंधु का निधन हो गया।
 
14) 1927- नेताजी, जवाहरलाल नेहरू के साथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के साधारण सचिव चुने गए।

 
15).1928- स्‍वतंत्रता आंदोलन को धार देने के लिए उन्‍होंने भारतीय कांग्रेस के कलकत्‍ता अधिवेशन के दौरान स्‍वैच्‍छिक संगठन गठित किया। नेताजी इस संगठन के जनरल ऑफिसर-इन-कमांड चुने गए।
 
16).1930- उन्‍हें जेल भेज दिया गया। जेल में रहने के दौरान ही उन्‍होंने कलकत्‍ता के मेयर का चुनाव जीता।
 
17).1931- 23 मार्च, 1931 को भगतसिंह को फांसी दे दी गई, जो कि नेताजी और महात्‍मा गांधी में मतभेद का कारण बनी।
 
18).1932.1936- नेताजी ने भारत की आजादी के लिए विदेशी नेताओं से दबाव डलवाने के लिए इटली में मुसोलिनी, जर्मनी में फेल्‍डर, आयरलैंड में वालेरा और फ्रांस में रोमा रोनांड से मुलाकात की।
 
19).1936.13 अप्रैल, 1936 को भारत आने पर उन्‍हें बंबई में गिरफ्तार कर लिया गया।
 
20).1936.37- रिहा होने के बाद उन्‍होंने यूरोप में ‘इंडियन स्‍ट्रगल’प्रकाशित करना शुरू किया।
 
21).1938- हरिपुर अधिवेशन में कांग्रेस अध्‍यक्ष चुने गए। इस बीच शांति निकेतन में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने उन्‍हें सम्‍मानित किया।

 
22).1939 - महात्‍मा गांधी के उम्‍मीदवार सीतारमैया को हराकर एक बार फिर कांग्रेस के अध्‍यक्ष बने। बाद में उन्‍होंने फॉरवर्ड ब्‍लॉक की स्‍थापना की।
 
23).1940 - उन्‍हें नजरबंद कर दिया गया। इस बीच उपवास के कारण उनकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
 
24.)1941 - एक नाटकीय घटनाक्रम में वे 7 जनवरी, 1941 को गायब हो गए और अफगानिस्‍तान और रूस होते हुए जर्मनी पहुंचे।
 
25).1941- 9 अप्रैल, 1941 को उन्‍होंने जर्मन सरकार को एक मेमोरेंडम सौंपा जिसमें एक्‍सिस पॉवर और भारत के बीच परस्‍पर सहयोग को संदर्भित किया गया था। सुभाषचंद्र बोस ने इसी साल नवंबर में स्‍वतंत्र भारत केंद्र और स्‍वतंत्र भारत रेडियो की स्‍थापना की।

 
26).1943 - वे नौसेना की मदद से जापान पहुंचे और वहां पहुंचकर उन्‍होंने टोकियो रेडियो से भारतवासियों को संबोधित किया। 21 अक्‍टूबर, 1943 को उन्होंने आजाद हिन्‍द सरकार की स्‍थापना की और इसकी स्‍थापना अंडमान और निकोबार में की गई, जहां इसका 'शहीद और स्‍वराज' नाम रखा गया।
 
27) .1944 _ आजाद हिन्‍द फौज अराकान पहुंची और इम्फाल के पास जंग छिड़ी। फौज ने कोहिमा (इम्फाल) को अपने कब्‍जे में ले लिया।

28 ) 1945- दूसरे विश्‍वयुद्ध में जापान ने परमाणु हमले के बाद हथियार डाल दिए। इसके कुछ दिनों बाद 18 अगस्त 1945 को नेताजी की हवाई दुर्घटना में मारे जाने की खबर आई और स्वतंत्र भारत की अमरता का जयघोष करने वाले नेताजी राष्ट्रप्रेम की दिव्य ज्योति जलाकर अमर हो गए। 

ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद बोस ताईवान के ताईहोकु में विमान दुर्घटना में बुरी तरह घायल हुए, बाद में एक सैन्य अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई... हालांकि उनकी मृत्यु का रहस्य आज तक बरकरार.....

सुभाष चन्द्र बोस जो नेता जी के नाम से भी जाने जाते है, भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे। 

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ो के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होने जापान के सहयोग से "आज़ाद हिन्द फौज" का गठन किया था। 

उनके द्वारा दिया गया "जय हिन्द" का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा, बन गया है। 

"तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन मे आया।

नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है।
जहाँ जापान मे प्रतिवर्ष 18 अगस्त को उनका शहीद दिवस धूमधाम से मनाया जाता है वही भारत मे रहने वाले उनके परिवार के लोगो का आज भी यह मानना है कि सुभाष की मौत 1945 मे नही हुई। वे उसके बाद रूस मे नज़रबन्द थे। यदि ऐसा नही है तो भारत सरकार ने उनकी मृत्यु से सम्बंधित दस्तावेज़ अब तक सार्वजनिक क्यो नही किये ? अगर सार्वजनिक हो जाए तो लाल बहादुर शास्त्री की तरह तमाम बड़े-बड़े लोगों के मुंह कालिख पुत सकती है
🙏🙏

सनातनी समाज जब तक गाजी मियां पीर फकीर कब्र मजार मस्जिद इमामबाड़ा अर्थात साइ बाबा संतोषी माता और राधा रानी शैतान छांगुर बाबाऐसे लोगों से छुटकारा नहीं पा लेता है तब तक उसका कल्याण असंभव है

सनातनी समाज जब तक गाजी मियां पीर फकीर कब्र मजार मस्जिद इमामबाड़ा अर्थात साइ बाबा संतोषी माता और राधा रानी शैतान छांगुर बाबाऐसे लोगों से छुटकारा नहीं पा लेता है तब तक उसका कल्याण असंभव है

 जिस धर्म में नदी नाले ब्रिज पहाड़ पत्थर सहित कन-कन में भगवान है वह मरी हुई कब्र में हड्डियां पूजता है बलात्कार और अपमान का शिकार होता है सवा लाख सनातनी हिंदुओं को मार कर उन्हें मुस्लिम बनाने वाले गाजी मिया की बहराइच मैं जाकर उनकी पूजा करता है 

यहां तक की कुछ महा मूर्ख सनातनी लोग रोजा भी रखते हैं और ताजिया में भी शामिल होते हैं लोगों को विनाश के अलावा कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ इन मूर्खों को अभी नहीं मालूम की इस्लाम में पूजा हराम होती है

 कहीं भी राधा रानी का आज से 1000 वर्ष पहले वर्णन नहीं मिलता है उनको जबरदस्ती इस तरह सनातन धर्म में घुसा दिया गया जैसे संतोषी माता राधा स्वामी पंथ के लोग चांद मियां और तमाम अन्य लोग घुसा दिए गए हैं और अगर राधा रानी को भगवान कृष्ण आध्यात्मिक शक्ति मान भी लिया जाए तो क्या राधा जी का वेश बनाकर नाचना गाना और तमाम लफंगों के साथ स्टेज पर उनका प्रदर्शन करना किसी भी दृष्टि से उचित लगता है अभी कितना गिरेगा यह सनातनी समाज डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह

जब तक सनातन धर्म था उनको माता-पिता घर के लोग बाबा दादा दादी नाना नानी सनातनी देवी देवताओं के किस्से कहानियां सुनाते थे तब तक बेटियां घर की आन बान शांति और जैसे ही क्रिश्चियन भाषा और उनका फैशन अपना कर लोग पापा मम्मी हो गए वैसे ही पापा की परियां हर जगह गुल खिलने लगी है और इतना गुल खिला है कि उसकी दुर्गंध से जीना मुश्किल हो गया है इसलिए एक बार फिर मैं यही कहूंगा कि जैसे ही बेटियां 18 वर्ष की और बेटे 21 वर्ष के हों सारा काम छोड़कर पहले उनका विवाह कर दो

उसके बाद उन्हें जज कलेक्टर कप्तान बना दुनिया जानती है पांच प्रतिशत लड़के लड़कियों के अलावा लोग बाहर जाकर कोचिंग करके कौन सी पढ़ाई पढ़ते हैं और हर बाप और माता यह जानता है कि 12 वर्ष से 18 वर्ष तक उनके बेटे बेटियां क्या चाहते हैं 

दिन रात हर जगह समझ में बढ़ रही भयानक दुर्घटनाएं और लव जिहाद को देखते हुए यह बहुत आवश्यक हो गया है की लड़कियों के विवाह की उम्र घटकर 16 वर्ष और लड़कों की 19 वर्ष कर दिया जाए नहीं तो कुछ दिन बाद विवाह के 1 वर्ष के अंदर सनातनी धर्म के लड़के लड़कियों का 95% विवाह विच्छेद हो जाएगा 

और भी बहुत कुछ होगा जिसका लिखा जाना उचित नहीं है इसलिए अगर कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को 25 वर्ष 30 वर्ष बिना विवाह के रखकर उन्हें बाहर भेजता है और पढ़ाई करता है तो आसान समझ ले कि अपना और अपने परिवार का विनाश करता है 

इसी तरह विवाह के बाद पति और पत्नी को अलग मत करो कम से कम 5 साल उन्हें एक साथ रहने दो इसे मैं सनातन धर्म की घर परिवार की ओर समाज की भलाई है इससे अधिक लिखने पर अश्लीलता और निर्लज्जता हो जाएगी जो सर्वेक्षण आए हैं वह बहुत भयानक हैं 20 वर्ष के 90% लड़के लड़कियां वह सब कुछ कर ले रहे हैं जो उन्हें विवाह के बाद करना चाहिए


अपने दादा दादी माता-पिता बच्चन की सेवा करने में इन कुत्ता प्रेमियों को घिन आती है और कुत्तों को इस तरह पालकर चुम्मा चाटी करते हैं कि मानो उनका सगा बेटा या सगा प्रेमी हो कुछ नपुंसक प्रकृति के लोग तो इन गंदे कुत्तों को अपने पास बिस्तर में भी सुलाते हैं मैं तो ऐसे घर का पानी भी नहीं पीता यहां कुत्ते पाले जाते हैं और बिस्तर में सुलाई जाते हैं वहां खाना पीना रुकना तो दूर की बात है 


जैसे-जैसे समाज में कुत्ता प्रकृति के लोग बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे कुत्ता प्रकृति और कुत्ते भी बढ़ते जा रहे हैं यह बहुत बड़ा विदेशी षड्यंत्र है जिसमें हर स्थान में एक दो लोगों को पैसे देकर विदेशी कुत्ते पालकर देसी कुत्तों को समाप्त करने का इस तरह षड्यंत्र चल रहा है जैसे जर्सी गायों के द्वारा देशी गायों को और डंकल बीज के द्वारा देशी बीजों को समाप्त कर दिया गया


 विदेशी कुत्ते कितने महंगे और खर्चीले हैं और किसी भी काम के या किसी भी लाभ के नहीं है कि उनको पालने से देश की सारी अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है और खतरा बढ़ता जा रहा है सरकार भी कम नहीं है अगर छुट्टा पशु आवारा जानवर नीलगाय और काटने वाले कुत्तों को संभाल पाना उसके बस में नहीं है तो जनता को अधिकार दें एक ही महीने में सब कुछ साफ हो जाएगा डॉ दिलीप कुमार सिंह

सनातनी समाज जब तक गाजी मियां पीर फकीर कब्र मजार मस्जिद इमामबाड़ा अर्थात साइ बाबा संतोषी माता और राधा रानी शैतान छांगुर बाबाऐसे लोगों से छुटकारा नहीं पा लेता है तब तक उसका कल्याण असंभव है

 सनातनी समाज जब तक गाजी मियां पीर फकीर कब्र मजार मस्जिद इमामबाड़ा अर्थात साइ बाबा संतोषी माता और राधा रानी शैतान छांगुर बाबाऐसे लोगों से छुटकारा नहीं पा लेता है तब तक उसका कल्याण असंभव है

 जिस धर्म में नदी नाले ब्रिज पहाड़ पत्थर सहित कन-कन में भगवान है वह मरी हुई कब्र में हड्डियां पूजता है बलात्कार और अपमान का शिकार होता है सवा लाख सनातनी हिंदुओं को मार कर उन्हें मुस्लिम बनाने वाले गाजी मिया की बहराइच मैं जाकर उनकी पूजा करता है 

यहां तक की कुछ महा मूर्ख सनातनी लोग रोजा भी रखते हैं और ताजिया में भी शामिल होते हैं लोगों को विनाश के अलावा कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ इन मूर्खों को अभी नहीं मालूम की इस्लाम में पूजा हराम होती है

 कहीं भी राधा रानी का आज से 1000 वर्ष पहले वर्णन नहीं मिलता है उनको जबरदस्ती इस तरह सनातन धर्म में घुसा दिया गया जैसे संतोषी माता राधा स्वामी पंथ के लोग चांद मियां और तमाम अन्य लोग घुसा दिए गए हैं और अगर राधा रानी को भगवान कृष्ण आध्यात्मिक शक्ति मान भी लिया जाए तो क्या राधा जी का वेश बनाकर नाचना गाना और तमाम लफंगों के साथ स्टेज पर उनका प्रदर्शन करना किसी भी दृष्टि से उचित लगता है अभी कितना गिरेगा यह सनातनी समाज डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह
[8/18, 7:00 AM] Dr  Dileep Kumar singh: जब तक सनातन धर्म था उनको माता-पिता घर के लोग बाबा दादा दादी नाना नानी सनातनी देवी देवताओं के किस्से कहानियां सुनाते थे तब तक बेटियां घर की आन बान शांति और जैसे ही क्रिश्चियन भाषा और उनका फैशन अपना कर लोग पापा मम्मी हो गए वैसे ही पापा की परियां हर जगह गुल खिलने लगी है और इतना गुल खिला है कि उसकी दुर्गंध से जीना मुश्किल हो गया है इसलिए एक बार फिर मैं यही कहूंगा कि जैसे ही बेटियां 18 वर्ष की और बेटे 21 वर्ष के हों सारा काम छोड़कर पहले उनका विवाह कर दो

उसके बाद उन्हें जज कलेक्टर कप्तान बना दुनिया जानती है पांच प्रतिशत लड़के लड़कियों के अलावा लोग बाहर जाकर कोचिंग करके कौन सी पढ़ाई पढ़ते हैं और हर बाप और माता यह जानता है कि 12 वर्ष से 18 वर्ष तक उनके बेटे बेटियां क्या चाहते हैं 

दिन रात हर जगह समझ में बढ़ रही भयानक दुर्घटनाएं और लव जिहाद को देखते हुए यह बहुत आवश्यक हो गया है की लड़कियों के विवाह की उम्र घटकर 16 वर्ष और लड़कों की 19 वर्ष कर दिया जाए नहीं तो कुछ दिन बाद विवाह के 1 वर्ष के अंदर सनातनी धर्म के लड़के लड़कियों का 95% विवाह विच्छेद हो जाएगा 

और भी बहुत कुछ होगा जिसका लिखा जाना उचित नहीं है इसलिए अगर कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को 25 वर्ष 30 वर्ष बिना विवाह के रखकर उन्हें बाहर भेजता है और पढ़ाई करता है तो आसान समझ ले कि अपना और अपने परिवार का विनाश करता है 

इसी तरह विवाह के बाद पति और पत्नी को अलग मत करो कम से कम 5 साल उन्हें एक साथ रहने दो इसे मैं सनातन धर्म की घर परिवार की ओर समाज की भलाई है इससे अधिक लिखने पर अश्लीलता और निर्लज्जता हो जाएगी जो सर्वेक्षण आए हैं वह बहुत भयानक हैं 20 वर्ष के 90% लड़के लड़कियां वह सब कुछ कर ले रहे हैं जो उन्हें विवाह के बाद करना चाहिए

Sunday, 17 August 2025

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में दो के बजाए एक जमानतदार के होने पर भी कैदी को जेल से रिहा करने का दिया आदेश*

*बड़ी खबर* 

 *इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में दो के बजाए एक जमानतदार के होने पर भी कैदी को जेल से रिहा करने का दिया आदेश* 

*कोर्ट ने कहा कि कई ऐसे मामले संज्ञान में आए हैं कि धनाभाव के चलते तमाम कैदी दो जमानदार की व्यवस्था न कर पाने के कारण लंबे समय तक जेल में रहते हैं बंद*

*इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सामाजिक और आर्थिक स्थिति की वजह से दो जमानतदारों की व्यवस्था नहीं कर पाने पर कई वर्षों से जेल में बंद रहने के कई मामलों का संज्ञान लेकर दिया  यह फैसला* ...... *न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की एकल पीठ ने गोरखपुर की बच्ची देवी की अर्जी पर दिया है यह आदेश* ......

 *कोर्ट ने कहा है कि मजिस्ट्रेट या संबंधित न्यायालय आरोपी की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को देखते हुए संतुष्टि पर अब दो के बजाय केवल एक ही जमानतदार पर जमानत करें स्वीकृत साथ ही जमानत बॉन्ड राशि आरोपी की वित्तीय क्षमता के अनुसार की जाए तय* ......

*कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि यदि कोई अभियुक्त सात दिनों के भीतर जमानती पेश नहीं कर पाता है तो जेल अधीक्षक को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को करना होगा सूचित इसके बाद उसकी रिहाई के लिए एक वकील की की जाएगी व्यवस्था, ताकि वह बाहर आ सके*.....

 *अगर किसी अभियुक्त पर कई राज्यों में कई मामले दर्ज हैं तो अदालत गिरीश गांधी बनाम भारत संघ के मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार उसे तुरंत  करेगी रिहा* .....

*कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया है कि वह मुख्य न्यायाधीश के समक्ष इस आदेश की एक प्रति रखें ताकि नए दिशानिर्देश जारी करने पर  किया जा सके विचार साथ ही कोर्ट ने रजिस्ट्रार (अनुपालन) को निर्देश दिया है कि इस आदेश की एक प्रति सभी जिला न्यायाधीशों, पुलिस महानिदेशक, अपर महानिदेशक (अभियोजन ) और निदेशक, न्यायिक प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान, लखनऊ को भेजी जाए ...... इन अधिकारियों को सुनिश्चित करना होगा कि यह निर्देश प्रभावी ढंग से हो लागू* ......
 
*इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक और महत्वपूर्ण फैसला में उन आरोपियों को सीधे न्यायिक हिरासत (जेल) में भेजने पर लगा दी है रोक जिन्हें पुलिस ने जांच के दौरान  नहीं किया था गिरफ्तार ..... साथ ही निर्देश दिया कि यदि आरोप पत्र गिरफ्तारी के बिना दायर किया गया है तो ट्रायल कोर्ट अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में भेजने के बजाय सीधे जमानत बॉन्ड पर  कर सकता है रिहा* ......
*अभियुक्त को अलग से जमानत आवेदन दायर करने की नहीं होगी आवश्यकता* .....

*गिरीश गांधी पर 13 अलग-अलग मुकदमे थे दर्ज ..... सभी में जमानत मिल गई लेकिन वह केवल दो जोड़ी जमानतदार ही ला पाया.....बाकी मुकदमों के लिए 22 अन्य जमानतदार नहीं ला पाया और उसे जेल में ही रहना पड़ा*...... 
*इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 13 मुकदमों में दो जोड़ी जमानतदार पर ही रिहा करने का दिया आदेश* ......

*गोरखपुर के शांति नगर के बिछिया में याची की कृष्णा हार्डवेयर पेंट्स सेंटर नाम से दुकान है..... अधिकृत कंपनी के अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान उनकी दुकान से नकली एशियन पेंट्स हुआ था बरामद* ...
*2021 में उन पर धोखाधड़ी, कॉपीराइट अधिनियम सहित कई आरोप में मुकदमा किया गया दर्ज  .....चार्जशीट का संज्ञान लेकर ट्रायल कोर्ट ने समन आदेश किया था जारी* ......

 *याची ने समस्त कार्यवाही को रद्द करने की मांग कर हाईकोर्ट में अर्जी की थी दाखिल...... कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में उपस्थित होकर बेल बॉन्ड भरने का दिया आदेश ..... साथ ही कहा कि जब तक विशेष परिस्थितियां न हो हिरासत में न लिया जाए*......

मुंबई में चर्चगेट से लेकर दहानू रोड तक बोईसर पालघर सब खोलें विरार नालासोपारा वसई भयंदर मीरा रोड नयागांव दही कर नवी मुंबई बोरीवली कांदिवली अंधेरी बांद्रा ठाणे कल्याण पनवेल पुणे और आसपास के लोगों को एक साथ खुशखबरी और परेशानी खुशखबरी है कि मैंने परसों ही चेतावनी दिया था कि 15 अगस्त से 20 अगस्त तक धुआंधार गणगौर वर्षा होगी और वैसा ही हो रहा है

[8/16, 10:29 PM] Dr  Dileep Kumar singh: मुंबई में चर्चगेट से लेकर दहानू रोड तक बोईसर पालघर सब खोलें विरार नालासोपारा वसई भयंदर मीरा रोड नयागांव दही कर नवी मुंबई बोरीवली कांदिवली अंधेरी बांद्रा ठाणे कल्याण पनवेल पुणे और आसपास के लोगों को एक साथ खुशखबरी और परेशानी खुशखबरी है कि मैंने परसों ही चेतावनी दिया था कि 15 अगस्त से 20 अगस्त तक धुआंधार गणगौर वर्षा होगी और वैसा ही हो रहा है 

15 से अधिक 16 16 से अधिक 17 और 17 से अधिक 18 अगस्त तक घनघोर धुआंधार वर्ष लगभग दिन-रात होती रहेगी सारा जीवन हस्त व्यस्त हो जाएगा इसके बाद भी वर्षा होगी लेकिन धीरे-धीरे कम होकर 21 या 22 अगस्त तक काफी कम हो जाएगी या समाप्त हो जाएगी 

तब तक के लिए मुंबई के हमारे सभी इष्ट मित्र परिचित सगे संबंधी एवं सामान्य जन सावधान रहें सतर्क रहें और अनावश्यक रूप से बाहर आने जाने से बचें उन सबके हित के लिए हमारा अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर से यह चेतावनी भविष्यवाणी और आकलन जारी कर रहा है जितनी वर्षा जौनपुर में साल भर में होती है उतनी मुंबई में एक हफ्ते में ही हो जाएगी

डॉ दिलीप कुमार सिंह
[8/17, 8:21 AM] Dr  Dileep Kumar singh: मौसम का आकलन और भविष्यवाणी 

आज 17 अगस्त अर्थात भगवान श्री कृष्ण की परम पवित्र जयंती के एक दिन बाद मौसम में तैज खुली और खिली धूप रहेगी वर्षा होने की हल्की  संभावना विशेष कर लक्ष्मी जौनपुर और कुछ अन्यभागों में है अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस रहेगा कुछ भाग्यशाली स्थान पर जौनपुर और आसपास अचानक गरज चमक के साथ  हल्की फुहार बूंदाबांदी या झी़सी पड़ सकती है दिन में तेज गर्मी और उमस रहेगी इस प्रकार मौसम पूरी तरह परिवर्तित होता चला जा रहा है और यह केवल और केवल मनुष्य के कारण है 

कल का मौसम भी जौनपुर और आसपास के जनपदों में आज की तरह ही रहेगा अधिकतम तापमान घटकर 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस हो जाएगा पराबैंगनी किरणों की तीव्रता भयानक 8 से 10 के बीच रहेगी वायु गुणवत्ता सूचकांक 80 से 110 के बीच रहेगी हवा की दिशा पूर्वी और गति 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी इस प्रकार बदले हुए मौसम में स्वतंत्रता दिवस और भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी पूरी तरह सूखे मौसम में मनाई जा चुकी हैं कल जौनपुर और जनपद के आसपास के जिलों में कई स्थानों पर बूंदाबांदी हल्की वर्षा की संभावना बन रही है डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि
[8/17, 8:21 AM] Dr  Dileep Kumar singh: जहां तक आने वाले मौसम की बात है दो-तीन दिनों तक जौनपुर और आसपास के जिलों में धूप और सुख का मौसम बीच-बीच में कुछ भाग्यशाली स्थान पर बूंदाबांदी हल्की वर्षा का योग है लेकिन तीन-चार दिन बाद 21 अगस्त से यह इसके आसपासमौसम फिर बदल जाएगा और दो-तीन दिनों तक अच्छी वर्षा जौनपुर जनपद और गंगा के मैदान तथा सभी पड़ोसी जनपदों में होने की प्रबल संभावना बन रही है हमारे केंद्र की भविष्यवाणी में 12 से 15 घंटे का अंतर अधिक से अधिक हो सकता है 

देश के अन्य भागों की बात करें तो केरल से लेकर कर्नाटक गोवा मुंबई वसई विरार पालघर दहानू रोड नवी मुंबई कल्याण ठाणे संपूर्ण दक्षिण भारत चेन्नई बेंगलुरु आंध्र प्रदेश तेलंगाना पांडिचेरी लक्षद्वीप अंडमान निकोबार दीप समूह उड़ीसा और पूर्वोत्तर भारत में धुआंधार मूसलाधार वर्षा होगी सबसे प्रचंड और भीषण वर्षा चेन्नई से लेकर उड़ीसा और कर्नाटक गोवा से लेकर मुंबई गुजरात तक होगी और यह वर्ष चार-पांच दिनों तक होगी सबसे खराब हालत मुंबई से लेकर दहानू रोड तक होगी 

वर्षा चक्र के इस क्रम में 21 से 25 अगस्त तक उत्तरी भारत पश्चिम उत्तर भारत और मध्य भारत में भी माध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है यह सारी भविष्यवाणी 14 अगस्त को की गई थी एक बार फिर से दोहराई जा रही है डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि

Saturday, 16 August 2025

टॉप-10 कंपनियों में 5 की वैल्यू ₹60,677 करोड़ बढ़ी, SBI सबस/बिटकॉइन न केवल एक करेंसी है, बल्कि आज यह टेक्नोलॉजी, निवेश और आजादी का प्रतीक बन चुका है।

[8/16, 11:11 PM] +91 99365 56921: STOCK MARKET UPDATE : 

टॉप-10 कंपनियों में 5 की वैल्यू ₹60,677 करोड़ बढ़ी, SBI सबसे आगे

मुंबई। देश के शेयर बाजार में पिछले हफ्ते तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स 740 अंक चढ़कर बंद हुआ, जिसका सीधा असर टॉप-10 कंपनियों की मार्केट कैप पर पड़ा। इनमें से 5 कंपनियों की वैल्यू मिलाकर ₹60,677 करोड़ बढ़ गई।

सबसे ज्यादा फायदा SBI को

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का मार्केट कैप सबसे ज्यादा बढ़ा।

SBI की वैल्यू हफ्तेभर में ₹20,446 करोड़ बढ़कर ₹8.64 लाख करोड़ पर पहुंच गई।


किन कंपनियों को फायदा हुआ

1. SBI – ₹20,446 करोड़ की बढ़त


2. HDFC बैंक


3. ICICI बैंक


4. भारती एयरटेल


5. LIC



इन पांच कंपनियों ने मिलकर ₹60,677 करोड़ का इजाफा किया।

बाकी कंपनियों को नुकसान

रिलायंस इंडस्ट्रीज, TCS, इंफोसिस, ITC और हिंदुस्तान यूनिलीवर के मार्केट कैप में गिरावट आई।

बाजार का हाल

सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में हफ्तेभर तेजी बनी रही।

विदेशी निवेश और बैंकों के मजबूत नतीजों से बाजार को सपोर्ट मिला।


कुल मिलाकर, बैंकिंग और टेलीकॉम सेक्टर की कंपनियों ने पिछले हफ्ते निवेशकों को बड़ा मुनाफा दिलाया।
[8/16, 11:11 PM] +91 99365 56921: ट्रम्प का बड़ा बयान: रूस से तेल लेने वाले देशों पर कोई प्रतिबंध नहीं

वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक अहम बयान देते हुए कहा है कि रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। ट्रम्प के इस बयान ने वैश्विक स्तर पर ऊर्जा बाजार और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर नई चर्चा छेड़ दी है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका अपनी नीतियों के तहत अब इस तरह की पाबंदियां नहीं लगाएगा। हालांकि, ट्रम्प ने यह भी साफ किया कि भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ की वजह से रूस को एक बड़ा ग्राहक खोना पड़ा है। रूस के लिए भारत तेल खरीद में सबसे महत्वपूर्ण देशों में से एक रहा है, लेकिन अतिरिक्त शुल्क की वजह से व्यापार प्रभावित हुआ है।

ट्रम्प के इस बयान को लेकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में हलचल मच गई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाता तो इसका सीधा असर वैश्विक तेल कीमतों और सप्लाई चेन पर पड़ेगा।

भारत की ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए यह फैसला अहम माना जा रहा है। हालांकि, अमेरिका और यूरोपीय देशों की मौजूदा नीतियों से यह साफ है कि रूस पर दबाव बनाने की रणनीति जारी रहेगी।

इस बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि ट्रम्प अगर भविष्य में सत्ता में लौटते हैं तो वे ऊर्जा और व्यापार के मुद्दों पर मौजूदा अमेरिकी नीतियों से अलग रास्ता अपना सकते हैं।
[8/16, 11:12 PM] +91 99365 56921: भारत विभाजन पर NCERT का नया कंटेंट: कांग्रेस, जिन्ना और माउंटबेटन को ठहराया जिम्मेदार

नई दिल्ली। NCERT (नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) ने भारत विभाजन को लेकर नया कंटेंट जारी किया है, जिसमें कांग्रेस, मोहम्मद अली जिन्ना और लॉर्ड माउंटबेटन को जिम्मेदार बताया गया है। हालांकि, यह नया कंटेंट रेगुलर सिलेबस का हिस्सा नहीं होगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए अध्याय में कहा गया है कि भारत का विभाजन केवल हिंदू-मुस्लिम के बीच टकराव का नतीजा नहीं था, बल्कि इसमें कांग्रेस नेताओं के फैसले, जिन्ना की जिद और माउंटबेटन की जल्दबाजी अहम कारण बने। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि विभाजन ने देश को गहरे जख्म दिए, जिनके असर आज भी समाज में देखे जा सकते हैं।

NCERT अधिकारियों का कहना है कि यह कंटेंट रेफरेंस मैटेरियल के तौर पर तैयार किया गया है, जिससे छात्र स्वतंत्रता आंदोलन और विभाजन की वास्तविकताओं को और गहराई से समझ सकें। यह पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा नहीं होगा, लेकिन शिक्षक और छात्र चाहें तो इसका अध्ययन कर सकते हैं।

कांग्रेस की ओर से इस बदलाव पर आपत्ति जताई जा रही है, जबकि कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह प्रयास घटनाओं की विस्तृत और वस्तुनिष्ठ समझ देने की दिशा में उपयोगी साबित हो सकता है।

इस नए कंटेंट के सामने आने के बाद शिक्षा और राजनीति दोनों ही हलकों में बहस तेज हो गई है।
[8/16, 11:13 PM] +91 99365 56921: *₹0 से 1 करोड़ तक पहुंचा बिटकॉइन – रहस्यमयी सफर और गुमनाम निर्माता की कहानी* 

नई दिल्ली। दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन आज अपनी कीमत से लेकर रहस्यमयी इतिहास तक चर्चा में है। कभी शून्य से शुरुआत करने वाला यह डिजिटल कॉइन अब 1 करोड़ रुपए के पार पहुंच चुका है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसे किसने बनाया और वह क्यों गुमनाम है?

बिटकॉइन की शुरुआत

बिटकॉइन को 2008 में "सतोशी नाकामोतो" (Satoshi Nakamoto) नाम से एक शख्स या समूह ने बनाया। हालांकि, आज तक किसी को नहीं पता कि यह असली इंसान हैं, किसी टीम का नाम है या महज एक छद्म पहचान।

क्यों है रहस्य?

बिटकॉइन का निर्माता कभी सामने नहीं आया।

माना जाता है कि नाकामोतो के पास शुरुआती 10 लाख से ज्यादा बिटकॉइन हैं।

अगर वे उन्हें बेच दें तो मार्केट क्रैश हो सकता है, इसलिए वे गुमनाम रहे।


कैसे काम करता है बिटकॉइन?

यह एक डिजिटल करेंसी है, जिसे किसी बैंक या सरकार का कंट्रोल नहीं है।

इसके लेन-देन का रिकॉर्ड ब्लॉकचेन नामक तकनीक पर होता है।

इसे माइनिंग के जरिए बनाया जाता है, जिसमें कंप्यूटर जटिल गणनाएं हल करते हैं।


सफर – शून्य से करोड़ों तक

2009 में बिटकॉइन की कोई कीमत नहीं थी।

2010 में पहली बार इसका इस्तेमाल एक पिज्जा खरीदने के लिए हुआ, जिसकी कीमत 10,000 बिटकॉइन थी।

2017 में इसकी वैल्यू तेजी से बढ़ने लगी और लोगों ने इसे डिजिटल सोना कहना शुरू कर दिया।

आज एक बिटकॉइन की कीमत 1 करोड़ रुपए से ज्यादा है।


विवाद और भविष्य

बिटकॉइन को लेकर कई देशों में पाबंदियां और विवाद भी रहे हैं। कुछ देशों ने इसे कानूनी मान्यता दी, तो कई ने इसे बैन कर रखा है। लेकिन इसके बावजूद निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है।

बिटकॉइन न केवल एक करेंसी है, बल्कि आज यह टेक्नोलॉजी, निवेश और आजादी का प्रतीक बन चुका है।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त के दिन स्वर्गीय बाबू बैजनाथ प्रसाद शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान छितौना जलालपुर जौनपुर में एक भव्य और रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन स्वतंत्रता दिवस के बारे में किया

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त के दिन स्वर्गीय बाबू बैजनाथ प्रसाद शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान छितौना जलालपुर जौनपुर में एक भव्य और रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन स्वतंत्रता दिवस के बारे में किया गया इस अवसर पर मुख्य अतिथि मुरलीपाल प्रांत कार्यवाहक काशी क्षेत्र संस्था के अध्यक्ष डॉ विनोद कुमार एवं डॉ श्रीमती अंजू अशोक कुमार कनौजिया संचालक डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल मोहम्मद असलम अध्यक्ष जिला शासकीय विशिष्ट अतिथिगण अधिवक्ता लाल बहादुर पाल पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी आशुतोष चतुर्वेदी वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक मिश्रा और राहुल कुमार तिवारी आपूर्ति निरीक्षक सतीश कनौजिया जयप्रकाश मिश्रा सेवा भारती सुदर्शन सिंह किसान मोर्चा डॉक्टर वंश राज आनंद आर डी चौधरी सहित पत्रकार पंकज पांडेय अमर उजाला कृपा शंकर यादव हिंदुस्तान प्रदीप कुमार सिंह दैनिक जागरण और डॉक्टर भगवान दास बृजराज पटेल यदुनाथ दुबे राजबहादुर सिंह बबलू तिलकधारी वर्मा डॉक्टर श्याम शंकर पटेल हीरालाल लालता प्रसाद अरुण कुमार पटेल क्षेत्र के संबंध एवं मानिंद लोग विद्यालय परिवार के लोग उपस्थित रहे

इस अवसर पर अध्यक्ष डॉ विनोद कुमार एवं डॉ श्रीमती अंजू ने अपने विद्यालय की उपलब्धियां पर प्रकाश डाला और छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना किया और स्वर्गीय बाबू बैजनाथ प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि दिए और बताया कि उनकी संस्था के 45 से अधिक बच्चों का चयन नौकरी के लिए हो चुका है भविष्य में उन्होंने और भी अधिक सुविधाएं बढ़ाने तथा विद्यालय को विकसित करने पर बल दिया और क्षेत्र के लोगों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया
मुख्य अतिथि मुरली पाल ने देश की स्वतंत्रता आंदोलन एवं देश प्रेम और राष्ट्र प्रेम पर विस्तार से महत्व डालते हुए देश की एकता अखंडता के प्रति विस्तार से उद्बोधन किया 

कार्यक्रम का भाव संचालन करते हुए डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल जनपद न्यायालय जौनपुर ने भारत देश के इतिहास और स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि विष्णु पुराण और वेद तथा रामायण महाभारत में भारत का विस्तार ईरान से लेकर इंडोनेशिया और अजरबैजान तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक बताया गया है और इस भूखंड पर रहने वाले सभी लोग भारतीय हैं उन्होंने देश के लिए बलिदान हुए वीरों उन्हें जन्म देने वाली माता और देश की सुरक्षा कर रहे हैं सैनिकों के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला 

इस अवसर पर सतीश कुमार कनौजिया पंकज पांडे यदुनाथ दुबे डॉक्टर श्याम शंकर पटेल और अन्य वक्ताओं ने भी स्वतंत्रता दिवस पर अपने उधर व्यक्त किया महाविद्यालय के शिक्षक और प्रशिक्षण विभाग की छात्राओं के द्वारा एक से बढ़कर एक भव्य और रंगारंग कार्यक्रम जो देश भक्ति और सामाजिक जागरूकता से ओतप्रोत थे का बड़ा ही सुंदर और सजीव प्रदर्शन किया गया कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष मोहम्मद असलम राष्ट्रपति पुरस्कार द्वारा सम्मानित के अध्यक्ष भाषण में स्वतंत्रता दिवस पर उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त किया गया

भारत की देसी कहावतें पश्चिम के विज्ञान और टेक्नोलॉजी और खगोल अंतरिक्ष विज्ञान से लाख गुना उत्तम और श्रेष्ठ हैं चाहे वह किसी भी क्षेत्र में कही गई है लड़के के लिए पश्चिम विज्ञान 22 जून से दिन छोटा होना प्रारंभ करते हैं जबकि ऐसा कुछ नहीं होता है बल्कि दिन पूरे जुलाई भर बढ़ता रहता है

भारत की देसी कहावतें पश्चिम के विज्ञान और टेक्नोलॉजी और खगोल अंतरिक्ष विज्ञान से लाख गुना उत्तम और श्रेष्ठ हैं चाहे वह किसी भी क्षेत्र में कही गई है लड़के के लिए पश्चिम विज्ञान 22 जून से दिन छोटा होना प्रारंभ करते हैं जबकि ऐसा कुछ नहीं होता है बल्कि दिन पूरे जुलाई भर बढ़ता रहता है 

इसी तरह पश्चिम विज्ञान और क्रिश्चियन सभ्यता 24 दिसंबर से दिन का बढ़ना बताती है जो पूरी तरह झूठ है 25 को उनका बड़ा दिन क्रिसमस भी इसीलिए बनाया जाता है यह भी पूरी तरह से छूट है क्योंकि 13 जनवरी तक दिन का मन स्थिर रहता है 

अब जरा सनातनी भारतीय देसी कहावतें पर ध्यान दीजिए जिसमें कहा गया है रोट से दिन छोड़ खिचड़ी से दिन बड़ा 
माघ तिलै तिर बाढ़ै
फागुन में गोड़ा काढ़ै
चैत्र में पांव पसारै
वैशाख मास में विस्तारै
जेठ में बाढ़त जाये
आषाढ़ में थाहे आये
सावन से दिन छोटा
भादो में दिन मोटा 
कुवार चूल्ही के दुवार  कार्तिक बात कहानी
बात में दिन बीत जाती 
अगहन हांड़ी अदहन 
पूस काना टूस।
माघ तिलै तिल बाढ़ै
फागुन में गोड़ा काढ़ै 

अर्थात सावन महीने में जब रोट का त्यौहार अर्थात बड़ा मंगलवार या बुढ़वा मंगलवार पड़ता है उसी दिन से दिन छोटा होने लगता है और खिचड़ी अर्थात मकर संक्रांति से दिन बाद होने लगता है माघ महीने में धीरे-धीरे अर्थात तिल तिल करके बढ़ता है और फागुन में अपना पैर निकाल लेता है अर्थात और बड़ा हो जाता है

जिस तरह गहरी ठंड में लोग धीरे से अपना पर निकाल लेते हैं देखने के लिए की ठंडक कितनी है वही हाल फाल्गुन महीने में गर्मी और जाड़ा नापने के लिए किया जाता है जिस तरह लोग गर्मी बढ़ने पर अपना पर पूरी तरह रजाई में से बाहर निकाल लेते हैं इस तरह वैशाख महीने में गर्मी पूरी तरह से फैल जाती है अर्थात पसर जाती है 

जेठ महीने में गर्मी का लंबा रूप बहुत भयानक होता है और दिन इतना बड़ा हो जाता है कि बीतने का नाम नहीं लेता लेकिन आषाढ़ महीना आते-आते यह अपनी औकात पर आ जाता है अर्थात इसकी वृद्धि रुक जातीहैं भादो महीना आते-आते गर्मी मोटी हो जाती है अर्थात सिकुड़ने लगती है और कौन महीना आते आते दिन इतना छोटा हो जाता है कि केवल रसोई और चूल्हे में ही सारा दिन बीत जाता है कार्तिक महीने में चार लोग बैठकर बातें करते-करते दिन बिता देते हैं

अगहन महीने में दिन इतना छोटा हो जाता है की हांडी में अदहन चढ़ते चढ़ते दिन बीत जाता है चावल यादव बनाने के लिए डाला गया पानी जब खोलना लगता है तब उसे अदहन कहा जाता है अर्थात ऊपरी कंडा आग जलाने से लेकर लड़ी लगाने और पानी गर्म होने तक में ही दिन बीत जाता है उसमें चावल बीनते बीनते किनकी और कंकड़ पत्थर निकालना और सूप से उसे पछोरने केराने मेंदिन बीत जाता है 

इस प्रकार आपने देखा कि जो पश्चिम में बड़े-बड़े वैज्ञानिक नोबेल पुरस्कार विजेता ग्रह उपग्रह बड़े-बड़े यंत्रों की सहायता से नहीं कर पाए वह हमारे देश की गृहस्थ औरतों ने कर दिखाया अब आप खुद ही समझ जाइए की भारतीय पद्धति महान और श्रेष्ठ है या पश्चिमी पद्धति या आपके ऊपर छोड़ देता हूं अगले अंक में किस महीने में क्या खाना चाहिए और क्या करना चाहिए यह लिखेगा डॉ दिलीप कुमार सिंह

भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी के बारे में संपूर्ण जानकारी

भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी के बारे में संपूर्ण जानकारी

 जन्माष्टमी कब है इसे कैसे मनाया जाता है और किस प्रकार पूजा पाठ करने पर आपको इच्छित फल की प्राप्ति हो यह सभी इस वीडियो में बना बताया गया है

 फिर भी अलग से कुछ बातें लिख दी जा रही हैं आज पूरे भारत में शैव और वैष्णव दोनों लोगों की जन्माष्टमी है मथुरा-वृंदावन में इस्कॉन मंदिर और पूरे भारत में एक साथ श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी 

जन्माष्टमी मनाया जाने का समय रात में 12:04 से 12:45 पर 43 मिनट तक पूजा पाठ का शुभ मुहूर्त है आज चंद्रमा का उदय 11:,32पर है  आज की जन्माष्टमी में रोहिणी नक्षत्र और जन्माष्टमी का मेल नहीं होगा क्योंकि रोहिणी नक्षत्र चल 17 अगस्त को भोर  4:38 से है 

शुद्ध मन से आलस्यविहीन होकर पूजा पाठ कीजिए और अपनी मनोवांछित फल प्राप्त कीजिए अगर दान देना चाहते हैं तो सदाचारी और विद्वान व्यक्ति को ही दान दीजिए 

नहीं तो उसका कोई भी फल नहीं मिलेगा श्री कृष्ण भगवान की पूजा में दूध दही घी मक्खन मधु और शक्कर की आवश्यकता होती है इसके साथ तुलसी का पत्र पीला फूल धूप दीप रोली चंदन नारियल का फल बांसुरी और उनके साथ-साथ पिसी हुई धनिया नारियल को मिलाकर पंजीरी बना कर मंत्र जाप करें पूजा करके आरती करें और प्रसाद को अधिक से अधिक लोगों में बांट देते हैं अगर निराहार निर्जल व्रत है तो कल 17 तारीख को सूर्योदय के बाद पारण करें अगर फलाहारी और दूध के साथ व्रत किए हैं तो पूजा पाठ करके भोजन ग्रहण करें जय श्री कृष्ण डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर अगर कोई प्रश्न या शंका है तो 70 177 13978 पर फोन करें

Friday, 15 August 2025

भारत में फिर से आज गीता के गाने वाले सोतीं को फिर जाग जा मुरली बजाने वाले मुर्दों को फिर जगा जा गिरवर उठाने वाले और धर्म फिर जाग जा चक्र को चलाने वाले कोई नहीं है तुझ बिन मोहन भारत का रखवाला राक्षस तभी सुधर पाएंगे जब पड़ेगा चक्र से पाला - डा दिलीप कुमार सिंह

 आज उन भगवान श्री कृष्ण की परम पावन जन्माष्टमी का महापर्व है जिन्होंने भारत भूमि को शैतान और राक्षसों और म्लेच्छों से पूरी तरह मुक्त किया धर्म की स्थापना की और महाभारत के युद्ध में समस्त पपिया का विनाश कर दिया एक हाथ में गीता जैसा महानतम ग्रंथ तो दूसरे हाथ में पूरे ब्रह्मांड को नष्ट करने वाला सुदर्शन चक्र लेकर दिखाया कि जितना जरूरी ज्ञान है उतना जरुरी भयानक हथियार भी है घर समाज देश और धर्म की रक्षा करने के लिए संसार में मानव को क्या होना चाहिए तो भगवान श्री राम ने मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप धारण करके दिखाया लेकिन कैसे रहना चाहिए यह द्वापर में भगवान श्री कृष्ण ने सिखाया दोनों ने एक ही काम किया शैतानी और राक्षसी शक्तियों का विकास और धर्म की स्थापना दोनों ही भगवान श्री हरि विष्णु के अवतार थे इसीलिए तो कहा जाता है जग में सुंदर है दो नाम चाहे कृष्ण कहो या रामऐसे 64 कलाओं से युक्त योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण की जयंती पर आप सभी को हमारी तरफ से अनंत बधाई और शुभकामनाएं जय श्री कृष्ण डॉ दिलीप कुमार सिंह श्रीमती पद्मा सिंह
भारत में फिर से आज गीता के गाने वाले 
सोतीं को फिर जाग जा मुरली बजाने वाले 
मुर्दों को फिर जगा जा गिरवर उठाने वाले 
और धर्म फिर जाग जा चक्र को चलाने 
वाले कोई नहीं है तुझ बिन मोहन 
भारत का रखवाला राक्षस तभी सुधर पाएंगे 
जब पड़ेगा चक्र से पाला - डा दिलीप कुमार सिंह

सनातनी वर्ष और मीना तथा पंचांग के अनुसार आज हमारे परमप्रिय नाती बाल गोपाल अनिरुद्ध सिंह का शुभ और पावन जन्मदिन है

इसका जन्मदिन इसलिए कभी नहीं भूलता की यह भी घनी अंधेरी काली रात में भयानक वज्रपात भयंकर वर्षा झंझा झकॊर घन गर्जन और तड़ित तथा वारिदमाला आंख को चक्र चंद कर देने वाली बिजली की चमक और दिल दहला देने वाली गरज के बीच उन्हीं परिस्थितियों में पैदा हुआ था जिन परिस्थितियों में भगवान श्री कृष्ण मथुरा में कंस के कारागार में पैदा हुए थे

 आज से 5 वर्ष पहले रात को घनघोर भयंकर मूसलाधार वर्षा हो रही थी और तब राम अवध और शकुंतला  यादव के अस्पताल में जाने के लिए घुटनों पर पानी भरा हुआ था पूरा शहर जल मार्ग में था भगवान श्री कृष्ण को तो वासुदेव प्राण रक्षक के लिए गोकुल लेकर चले गए थे 


मौसम का आकलन और भविष्यवाणी आज 16 अगस्त अर्थात भगवान श्री कृष्ण की परम पवित्र जयंती पर मौसम में खुली और खिली धूप रहेगी वर्षा होने की कोई संभावना नहीं है अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस रहेगा कुछ भाग्यशाली स्थान पर जौनपुर और आसपास अचानक गलत चमक के साथ हल्की वर्षा या हल्की फुहार बूंदाबांदी या झी़सी पड़ सकती है दिन में गर्मी और उमस रहेगी इस प्रकार मौसम पूरी तरह परिवर्तित होता चला जा रहा है और यह केवल और केवल मनुष्य के कारण है 

कल का मौसम भी जौनपुर और आसपास के जनपदों में आज की तरह ही रहेगा अधिकतम तापमान घटकर 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस हो जाएगा पराबैंगनी किरणों की तीव्रता भयानक 8 से 10 के बीच रहे गुणवत्ता सूचकांक 80 से 110 के बीच रहेगी हवा की दिशा पूर्वी और गति 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी इस प्रकार बदले हुए मौसम में स्वतंत्रता दिवस और भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी पूरी तरह सूखे मौसम में मनाई जा रही हैं


लेकिन बाल गोपाल अनिरुद्ध की पुराण रक्षा के लिए 21 दिनों तक डॉक्टर तेज सिंह के अस्पताल में अत्यंत सघन कक्ष में रखना पड़ा था एक ही अंतर था कि भगवान श्री कृष्णा छतरी कल में पैदा हुए और यादवों ने उनकी रक्षा किया लेकिन बाल गोपाल अनिरुद्ध यादव के अस्पताल में पैदा हुआ और उसकी रक्षा क्षत्रिय वंश के डॉक्टर तेज सिंह ने किया

हम पूरी आशा रखते हैं कि भगवान श्री कृष्ण की कृपा से और आप सब लोगों के स्नेह प्रेम और शुभकामनाओं से आने वाले भारत में बाल गोपाल अनिरुद्ध भगवान श्री कृष्ण के पद चिह्नों पर चलते हुए देश को राक्षसी और शैतानी शक्तियों से मुक्त करने में सक्षम होंगे डॉ दिलीप कुमार सिंह श्रीमती पदमा सिंह

Thursday, 14 August 2025

15 अगस्त के शुभ अवसर पर जनपद न्यायाधीश अनिल कुमार वर्माएवं सचिव अतिरिक्त जिला जज प्रशांत कुमार सिंहके साथ झंडारोहण और प्रभात फेरी निकालने का सौभाग्य प्राप्त हुआ

आज 15 अगस्त के स्वतंत्रता दिवस के समाचार पर अपने परम मित्र और सहपाठी वर्तमान में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बांदा श्री छोटे लाल यादव से भेंट हुई इनके सौजन्य जन से ही हम लोगों ने अयोध्या श्री राम जन्मभूमि और सरयू नदी का विधिवत दर्शन प्राप्त किया था साथ में परम मित्र लक्ष्मी यादव जी भी हैं


15 अगस्त के शुभ अवसर पर जनपद न्यायाधीश अनिल कुमार वर्माएवं सचिव अतिरिक्त जिला जज प्रशांत कुमार सिंहके साथ झंडारोहण और प्रभात फेरी निकालने का सौभाग्य प्राप्त हुआ

भगवान श्री कृष्ण और जन्माष्टमी -डॉ दिलीप कुमार सिंह

भगवान श्री कृष्ण और जन्माष्टमी -डॉ दिलीप कुमार सिंह 

इस वर्ष भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी 16 अगस्त शनिवार के दिन मनाई जाएगी ग्रह नक्षत्र पंचांग और लोक व्यवहार सभी के अनुसार इस वर्ष 16 अगस्त शनिवार के दिन ही जन्माष्टमी पड़ रही है और इस जन्माष्टमी को शैव वैष्णव स्मार्त सभी एक साथ मनाएंगे और सबसे बड़ी बात इस वर्ष मथुरा वृंदावन इस्कान के मंदिर सहित संपूर्ण भारत में एक साथ जन्माष्टमी इसी दिन मनाई जाएगी यह भगवान श्री कृष्ण का 5252 वां जन्मदिन है इसी दिन वह कंस के कारागार में ठीक आधी रात को प्रकट हुए थे इसे वासुदेव ने तत्काल ही गोकुल पहुंचा दिया था
[8/14, 2:17 PM] Dr  Dileep Kumar singh: इस वर्ष जन्माष्टमी 15 अगस्त को रात 11:49 पर लग रही है और 16 अगस्त को रात 9:34 पर समाप्त हो रही है जबकि रोहिणी नक्षत्र 17 अगस्त को भोर में 4:38 पर लगेगी और 18 अगस्त को 3:17 पर समाप्त हो जाएगी अर्थात इस वर्ष जन्माष्टमी और रोहिणी नक्षत्र का मेल नहीं हो पाएगा इस वर्ष जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त रात में 12:04 से रात में 12:45 है इस प्रकार कुल 43 मिनट मध्य रात्रि की पूजा पाठ के प्राप्त हो रहे हैं पूजा के समय की मध्य रात्रि 12:25 पर है और इस दिन चंद्रमा का उदय रात में 11:32 पर होगा 12:04 से भगवान श्री कृष्ण की पूजा पाठ शुरू हो जाएगी और इसके बाद उनका हवन और आरती होगी इस प्रकार निराहार रहने वालों का पारण 17 अगस्त में भोर में 5:52 के बाद कभी भी हो सकता है 

भगवान श्री कृष्ण का व्रत करने वाले शुद्ध मन से केवल उनका नाम भी ले सकते हैं लेकिन जो विधि विधान से पूजा पाठ करना चाहे उनके लिए मैं कुछ रामबाण  मंत्र लिख दे रहा हूं जिसमें पहला है "अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम रामनारायणं जानकी वल्लभम" दूसरा है *ओम देवकी सुतं वासुदेवाय नमः तीसरा मंत्र है *ओम नमो भगवते वासुदेवाय* और चौथा मंत्र है #ओम देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:#

भगवान श्री कृष्ण का व्रत दो रंग से रखा जाता है एक वे होते हैं जो बिल्कुल निर्जल निराहार रहकर पूजा पाठ करके ही जल ग्रहण करते हैं और अगले दिन अन्न को ग्रहण करते हैं जबकि दूसरे फल और दूध एवं उनसे बने पदार्थ का सेवन करते हुए व्रत रहते हैं और पूजा करके अन्न जल ग्रहण करते हैं दोनों ही अपने-अपने स्थान पर सही हैं गृहस्थ के लिए दूसरा व्रत सर्वश्रेष्ठ है इस दिन व्यक्ति को आलस्य रहित होना चाहिए तामसिक भोजन मांस मछली मदिरा किसी भी प्रकार के नशे का पराई स्त्री प्याज लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए क्रोध चुगली गाली गलौज नहीं करना चाहिए और किसी को पीड़ा नहीं देना चाहिए जहां तक भगवान श्री कृष्ण के प्रसाद की बात है तो प्रसाद में दूध दही मक्खन मिश्री तुलसी का पत्ता पीला फल और फूल तथा सफेद रंग का मीठा और पंजीरी जो ज्यादातर धनिया से बनती है चढ़ाया जाता है प्रसाद को अधिक से अधिक बांटना चाहिए और यदि दान देने की इच्छा है तो अच्छे सुपात्र और सदाचारी व्यक्ति को ही दान देना चाहिए अन्यथा उसका कोई फल नहीं मिलता है।

पूजा करने का विधि विधान बहुत सरल है भगवान श्री कृष्ण की पूजा मंदिर में भी होती है और घर में भी होती है अगर घर में पूजा करनी है तो भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति रख कर उनको मक्खन मिश्री खीर पंजीरी तुलसी का पत्र पीला फल फूल सफेद मीठा गंगाजल चढ़ाना चाहिए और भगवान श्री कृष्ण की आरती करना चाहिए यदि मंदिर में पूजा पाठ कर रहे हैं तो प्रयुक्त चीजों के साथ दूध दही घी मधु और जल का पंचामृत बनाकर भगवान का अभिषेक करना चाहिए अगर उसमें यमुना जी का जल मिला दिया जाए तो और भी अच्छा है इस दिन गाय को चारा अन्न रोटी मीठा इत्यादि खिलाना चाहिए और ईश्वर का दिया हुआ है तो गौशाला में इन चीजों का दान करना चाहिए ।

इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी में बहुत से अच्छे-अच्छे योग लग रहे हैं जिसमें धन योग वृद्धि योग ध्रुव योग गज लक्ष्मी योग आदित्य योग सर्वार्थ सिद्धि योग अमृत सिद्धि योग प्रमुख हैं जो मनोकामना को पूरा करने वाले और इच्छित फल देने वाले हैं इस प्रकार गंगा जल पंचामृत तुलसी दल पीला फूल धूप दीप रोली अक्षत फल नारियल बांसुरी मोर पंख पान के पत्ते और खड़ी सुपारी से भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने पर इच्छित फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा भी इस वर्ष अनेक सिद्ध मुहूर्त और योग मिल रहे हैं उनके कारण या जन्माष्टमी और अधिक महत्वपूर्ण और फलदाई हो गई है।

 अब हम भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय की परिस्थितियों पर आते हैं उसे समय लगभग यही परिस्थितियों थी जैसे आज भारत की हैं ईरान से लेकर इंडोनेशिया कजाकिस्तान अज़रबैजान तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक फैला हुआ विराट भारतवर्ष टुकड़ों में बात हुआ था पांडव सूरसेन चेदि चोर पांड्य गांधार मथुरा मगध विराट कश्मीर मणिपुर कामरूप अंग बंग उत्कल जैसे शक्तिशाली राज्य और और चारों ओर राक्षसी शक्तियों का प्रभुत्व था जब कि सीमा पर कोल किरात पहलव शक यवन शक्तियां बहुत शक्तिशाली हो रही थी इसमें भी कालयवन नाम का म्लैच्छ शासन बहुत ही बलवान भीम भयंकर और भारी भरकम डीलडौल वाला अजेय योद्धा था भारत में कंस जरासंध शाल्व कीचक शिशुपाल रुक्मी हिडिंब जयद्रथ जैसे दुराचारी तानाशाह प्रकृति के भयानक अत्याचारी और अहंकारी शासक थे जिसे सारी धरती कराह रही थी परिस्थितियों इतनी खराब थी कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ और उस रात में महा भयंकर मूसलाधार वर्षा हो रही थी यमुना नदी अपनी जल धारा तोड़कर पूरे उफान पर थे झंझा झकॊर गान गर्जन तड़ित और वारिद माला की काली घटाओं का घनघोर प्रलयंकारी दृश्य था भीषण वज्रपात हो रहा था बिजलियां चमक कर संपूर्ण धरती को प्रकाशित कर रही थीं इन परिस्थितियों में भगवान श्री कृष्ण का उनके पिता वसुदेव के द्वारा भयंकर यमुना को पैदल सुख में रखकर पर करना और शेषनाग जी का उनके लिए छत्र बन जाना यमुना जी का कृष्ण के चरण पकड़ना किसी चमत्कार से कम नहीं था गोकुल जाकर और उनकी बेटी को सकुशल ले जाकर जेल में आना भी चमत्कार था जो के साथ फाटक के बीच अंतिम फाटक में स्थित था हर फाटक पर पहरेदारी इसीलिए तो भगवान श्री कृष्ण का जीवन ही नहीं भगवान श्री कृष्ण स्वयं में दुनिया के सबसे बड़े चमत्कार थे।

इसके बाद संक्षेप में साड़ी कथाएं भारत के जन-जन को मालूम है किस तरह से मथुरा में पहले बड़े बलराम और ग्वाल वालों के साथ खेल कूद कर उतना बकासुर अघासुर शकटासुर और और कालिय नाग का दमन किया गोपियों के साथ शुद्ध अंतःकरण से प्रेम किया फिर मथुरा चले गए और 11 वर्ष की आयु में ही राक्षस कंस का वध करके गोकुल मथुरा और आसपास के क्षेत्र को निष्कंटक किया परम बलशाली दीर्घ जीवी महायुद्ध जामवंत को हराकर उनकी पुत्री से विवाह किया और बर्बरीक को महाभारत युद्ध के पहले ही मार गिराया। अत्याचारी अटाई शैतान राक्षसों और छल कपट वालों को कभी भी न्याय और धर्म से नहीं जीता जा सकता यह भगवान श्री कृष्णा नहीं सिखाया इनके साथ हर करम करना बिल्कुल सही है बस उनका विनाश होना चाहिए।इसके बाद पांडव लोगों से उनकी मित्रता और उनकी सहायता से जरासंध और अन्य राक्षसों का वध सम्राट मुकुंद की सहायता से विराट शैतानी योद्धा कालयवन का वध करना उनके चमत्कारों में से एक था।

गोकुल छोड़ने के बाद कभी भी वह गोकुल वृंदावन वापस नहीं आए धीरे-धीरे उनकी कीर्ति दिग दिगंत में फैलती चली गई और रुक्मिणी सत्यभामा जामवंती अनेक रानियों से विवाह किया भयंकर विमानों का लड़ाकू बेड़ा रखने वाले शाल्व को मार गिराया बाणासुर को परास्त किया और राजसूय यज्ञ में मर्यादा की सारी सीमाएं पार करने वाले शिशुपाल को सुदर्शन चक्र से मार गिराया  परम क्रोधी दुर्वासा ऋषि को उनकी सीमा बताई और महाभारत में अधर्मी और धर्म का साथ देने वालों का संघार कर कर धरती को पाप से मुक्त कर दिया । अपने गुरु के बच्चों को यमराज की पुरी से वापस लेकर आएफिर पांडव पक्ष को राजपाट और प्रेम वैस अर्जुन के सारथी बने द्रोपदी की लज्जा बचाई। दिया द्वारका नगरी का और अपना अंत समय जानकर मूसल युद्ध में सभी अत्याचारी अन्याई और निरंकुश हो चुके मदिरा पीने वाले यादव लोगों का जड़ से संघार कर दिया जिससे उनके जाने के बाद धरती पर राक्षसी शक्तियां सिर ना उठा सके गीता में महाभारत के ब्रह्माण्ड  व्यापी युद्ध के बीच शांति का और कर्म का उनका दिया गया उपदेश संपूर्ण संसार में अद्वितीय है । उनके बैकुंठ लोक जाने के बाद ही कलयुग इस धरती पर शुरू हो गया

भगवान श्री कृष्णा पर अनगिनत ग्रंथ लिखे गए महाभारत भागवत पुराण गीता तो स्वयं श्री कृष्ण मय है ही और श्री कृष्ण भारत भूमि के कण-कण में समाए हुए हैं वह साक्षात श्री हरि विष्णु के अवतार और 64 कलाओं से पूर्ण योगीराज श्री कृष्णा है भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम है तो श्री कृष्ण भगवान सभी मर्यादाओं की सीमा से परे हैं और अगर वर्तमान समय में रहना है तो भगवान श्री कृष्ण बनकर जीना होगा इसलिए कहा गया है कि जग में सुंदर है दो नाम चाहे कृष्ण कहो या राम ।

आज भारत भूमि बहुत ही विकट परिस्थितियों में है भगवान श्री कृष्ण की कूटनीति युद्ध नीति राजनीति उनके जीवन शैली उनका योग उनकी रणनीति बुद्धि चातुर्य अपना कर ही भारत को राक्षसी शक्तियों से बचाया जा सकता है और ऐसा भगवान श्री कृष्ण के पद चिन्हों पर चलने वाला व्यक्ति ही कर सकता है जिस तरह हरि अनंत हरि कथा अनंता है वैसे ही भगवान श्री कृष्ण अनंत हैं और किसी एक लेख में उनके जीवन का वर्णन करना पूरी तरह असंभव है आज तो देश का कण-कण भगवान श्री कृष्ण को पुकारते हुए कह रहा है कोई नहीं है तुम बिन मोहन भारत का रखवाला बड़ी देर भई नंदलाला। डॉ दिलीप कुमार सिंह