Friday, 30 September 2022

जज की कुर्सी के पास न्यायालय कर्मी कर रहे जमकर लूट खसोट !




जज की कुर्सी के पास न्यायालय कर्मी कर रहे जमकर लूट खसोट !
नजीबाबाद में स्थित सिविल जज जूनियर डिविजन की अदालत में कार्यरत प्रेम कुमार मुकदमे की तारीख देने के बदले में 20 रूपए से लेकर 50 रूपए तक प्रति व्यक्ति वसूल रहा है !
कमाल की बात यह है कि वह यह काम जज की कुर्सी के पास में बैठ कर कर रहा है !
प्रत्येक कार्य दिवस में सैकड़ों फाइलों पर सुनवाई होती है !
पीड़ित बब्बन ज़ैदी

मुकदमे से जुड़े सैकड़ों वादी / प्रतिवादी अदालत में हाज़िर होते हैं !
भारत टॉकीज़ के निकट अदालत के पुराने भवन में भी यह काम लगातार जारी था , और अब साहनपुर बाईपास पर स्थित अदालत के नए भवन में भी लूट खसोट का यह काम लगातार जारी है !
अदालत में तारीख पर पेश होने वाले शमशाद अहमद , मोहम्मद फहीम , दयावती, दिनेश कुमार, भारत सिंह सहित अनेक लोगों ने बताया कि उनसे जबरदस्ती यह पैसे वसूले जाते हैं !
अनुमान है कि प्रत्येक कार्य दिवस में कई हज़ार रुपए लोगों से वसूले जाते हैं !
सवाल यह पैदा हो रहा है कि आखिर प्रेम कुमार इतने पैसे किसके लिए वसूल रहा है ?
 क्या वसूले गए पैसों को वह खुद अपने पास रखता है या नीचे से लेकर ऊपर तक इन पैसों की बंदरबांट होती है ?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि इंसाफ के इस पवित्र मंदिर में यह घिनौना काम सरेआम हो रहा है ?
पीड़ितों का यह भी कहना है कि पैसे लेने के बदले में उन्हें किसी प्रकार की कोई रसीद नहीं दी जाती ?
इससे साफ जाहिर है कि यह पैसा राजकीय कोष में भी जमा नहीं होता ?

अफजलगढ़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत सीरवासुचंद मे एक बीमार गाय व उसका बच्चा ग्राम पंचायत सीरवासुचन्द के मुख्य बाजार मे अंसारी मेडिकल स्टोर के सामने दिनांक 27/9/22 से भूखी प्यासी बैठी है।

अफजलगढ़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत सीरवासुचंद  मे एक बीमार गाय व उसका बच्चा ग्राम पंचायत सीरवासुचन्द के मुख्य बाजार मे अंसारी मेडिकल स्टोर के सामने दिनांक 27/9/22 से भूखी प्यासी बैठी है।
Aum news में खबर लगने के बाद पहुंचे  डॉक्टर


 ओर बीमार गाय सरकारी मदद व गौ रक्षको की राह देख रही है। लेकिन इसकी मदद के लिए कोई संगठन या समाज सेवी आज दिनांक 29/9/22 तक सामने नही आया है। आज मुख्य बाजार से राम बारात भी निकलनी है जिससे गाय व उसके बछड़े के जीवन को खतरा बना हुआ है। बछड़ा अपनी मां के प्यार मे उसके पास से हटने को तैयार नही है। ओर बीमारी मां बीमारी के कारण कही आने जाने से मजबूर है। देखना है कि इन मां बेटो पर किसी को दया आती है के नही। चौबीसो घन्टे चलने वाले इस मार्ग पर भारी वाहनो की आवाजाही है जिस कारण गाय व उसके बच्चे को क्षति पहुचने का खतरा बना है।

सोमवार की साम भाकियू टिकैत की एक सदयता पंचायत छेत्र के ग्राम स्वाहेड़ी में अंकुर चौधरी के आवास पर आयोजित की गयी,

सोमवार की साम भाकियू टिकैत की एक सदयता पंचायत छेत्र के ग्राम स्वाहेड़ी में अंकुर चौधरी के आवास पर आयोजित की गयी, 

जिसकी अध्यक्षता प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष सोमदेव सिंह एवम संचालन अचल शर्मा ने किया बैठक में मुख्य अतिथि के तौर पर भाकियू सुप्रीमो नरेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत के साथ भाकियू प्रदेश उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह, मंडल अध्यक्ष बाबूराम तोमर समेत सैकड़ो किसान उपस्थित रहे, बैठक में राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन छोड़कर आये सैकड़ो कार्यकर्ताओ को भाकियू की सदस्यता दिलाई गयी। जिसमे अंकुर चौधरी को जिला उपाध्यक्ष, अचल शर्मा को जिला संयोजक आईटी सेल, राजीव चौधरी को जिला सचिव का पद सौप गया। पंचायत में बोलते हुए गौरव टिकैत ने युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने के साथ खेती मव ही रोजगार तलाशने पर जोर दिया, बैठक में  जयपाल प्रधान, मनीष, पवन, गब्बर अमरीश कुमार बिट्टू चौधरी गाजीपुर ओमपाल भगत जी विवेक चौहान अरशद भाई साकिर भाई दानवीर सिंह ब्रह्मपाल सिंह विजय प्रधान जी मोहम्मद इरफान मोहित कुमार आदि अनेकों ग्राम से आए अपने समर्थकों के साथ  सैकड़ो कार्यकर्ताओ ने भाकियू की सदस्यता ग्रहण की।

लिंटर गिरने से दो मजदूरों की मौत-पुराना लिंटर को तोड रहे थे मजदूर

लिंटर गिरने से दो मजदूरों की मौत
-पुराना लिंटर को तोड रहे थे मजदूर

बुधवार की दोपहर को थाने के करीब पुराने लिंटर को कुछ मजदूर तोड़ रहे थे तोड़ते समय लिंटर नीचे गिर गया जिस पर काम कर रहे दो मजबूर लिंटर के नीचे दब गए दोनों मजदूरों की मौत हो गई
पुराने मकान का लिंटर तोड़ते समय दो मजदूर की लिंटर में दवने से मौत हो गई, मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी श्यामवीर सिंह व नजीबाबाद सीओ गजेंद्र पाल सिंह ने घटना स्थल पर पहुंचकर मुआयना किया। नांगल सोती  शहजादपुर निवासी मुफिद अहमद अपने पुराने मकान को गिरवा रहा था मजदूर मकान का लिंटर तोड़ रहे थे तभी अचानक लिंटर गिर गया 2 मजदूर लिंटर में दब गए जिसमें शहजादपुर निवासी 45 वर्षीय मजदूर वकील पुत्र मिद्दु की घटना स्थल पर ही मौत हो गई जबकि 25 वर्षीय मोनू पुत्र कलवा गंभीर रूप से घायल हो गए मोनू को समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समीपुर पहुंचकर दम तोड़ दिया। मजदूरों को निकालने के लिएपुलिस व गांव के लोगों ने काफी मशक्कत के बाद मजदूरों को निकाला। गया 2 मजदूर मकान में दबने की सूचना सुनते ही सीओ गजेंद्र पाल सिंह व थाना प्रभारी श्यामवीर सिंह पुलिस बल  मौके पर पहुंचे और मौके पर मुआयना किया

बूस्टर डोज का लगाया गया कैप

बूस्टर डोज का लगाया गया कैप


मंडावर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चंदक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष में चल रहे। सेवा पखवाड़े के अंतर्गत बूस्टर डोज मेले का उद्घाटन करते हुए भाजपा जिला अध्यक्ष सुभाष बाल्मीकि भाजपा जिला उपाध्यक्ष वेद प्रकाश विश्वकर्मा  सहकारिता प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ बीरबल भाजपा जिला मंत्री ओबीसी वर्ग मोर्चा भुवन प्रकाश विश्वकर्मा मंडल महामंत्री मंडावर मंडल पुष्पेंद्र चौधरी मंडल मंत्री मनोज चौधरी चंद्रपाल  कुसुम पाल  डॉ महावीर यशपाल धनीराम कश्यप अनिल महेश लव कुश गुज्जर आदि भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।

हल्दौर। नगर में ऐतिहासिक रामलीला कमेटी ने आज श्री रामचंद्र जी की बरात की शोभा यात्रा नगर में परम्परागत रास्तों से बड़े ही हर्षोल्लास के साथ निकाली गई

हल्दौर। नगर में ऐतिहासिक रामलीला कमेटी ने आज श्री रामचंद्र जी की बरात की शोभा यात्रा नगर में परम्परागत रास्तों से बड़े ही हर्षोल्लास के साथ निकाली गई
               शुक्रवार को‌ श्री रामलीला कमेटी  की ओर से रामचंद्र जी की बरात की शोभा यात्रा नगर में मुख्य रास्तों से बड़े ही धूम-धाम के साथ निकाली गई शोभा यात्रा का विधिवत रूप से उद्घाटन जे0पी0ऑटोमोबाइल्स के प्रोपराइटर संदीप कुमार शर्मा ने किया और शोभा यात्रा को हरी झंडी दिखाकर प्रारंभ कराया जिसमें रथ पर श्री रामचंद्र जी एवं सीता जी विराजमान रही इनकी बरात में अनेकों झांकियां शामिल रही जैसे श्री गणेश भगवान, माता सरस्वती जी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, पवनसुत हनुमान, भोले शंकर, आदि दर्जनों झांकियों से सुसज्जित शोभा यात्रा रही इस शोभायात्रा में  कमेटी के संयोजक अभिषेक चौहान, मोहित कुमार अध्यक्ष, गौतम कुमार महामंत्री, कुलदीप राणा कोषाध्यक्ष, डॉक्टर महिपाल सिंह, संदीप शर्मा, अवनीश कुमार, राजेंद्र सिंह, योगेश कुमार, आदि कमेटी कार्यकर्ता के अलावा नगर के गणमान्य लोग भी शामिल रहे। और शोभायात्रा में थाना अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह अपने पुलिस फोर्स के साथ ड्यूटी पर मुस्तैद रहे।

बिजनौर पुलिस का सराहनीय कार्य।

ब्रेकिंग न्यूज़ बिजनौर

 बिजनौर पुलिस का सराहनीय कार्य।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने फांसी पर लटकी महिला की बचाई जान।

समय रहते पुलिस ने चंद सेकंड में बचाई महिला की जान।

पुलिस के इस सराहनीय कार्य से चारों ओर हो रही प्रशंसा।

बिजनौर थाना कोतवाली शहर के काकरान वाटिका इलाके का मामला

मदन पाल सिंह जिला न्यायाधीश व दिनेश सिंह, पुलिस अधीक्षक, जनपद बिजनौर द्वारा जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान सीसीटीवी कैमरा, बैरक, भोजनालय, हॉस्पिटल आदि का निरीक्षण किया गया तथा कारागार में निरुद्ध बन्दियों की मूलभूत सुविधाओं के सम्बन्ध में सम्बन्धित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। निरीक्षण के दौरान जेल अधीक्षक व अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

मदन पाल सिंह जिला न्यायाधीश व  दिनेश सिंह, पुलिस अधीक्षक, जनपद बिजनौर द्वारा जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया गया। 



इस दौरान सीसीटीवी कैमरा, बैरक, भोजनालय, हॉस्पिटल आदि का निरीक्षण किया गया तथा कारागार में निरुद्ध बन्दियों की मूलभूत सुविधाओं के सम्बन्ध में सम्बन्धित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। निरीक्षण के दौरान जेल अधीक्षक व अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

माता राजबाला त्यागी की स्मृति में डॉo कविबन्धु त्यागी ने किया कंबल वितरण

माता राजबाला त्यागी की स्मृति में डॉo कविबन्धु त्यागी ने किया कंबल वितरण
स्योहारा। दुनिया में तमाम बेटे ऐसे भी होते हैं जो खुद अपने माँ बाप या तो बेसहारा छोड़ देते हैं या उनको वृद्धा आश्रम छोड़ आते हैं लेकिन कुछ नेक  इंसान क्षेत्र के ग्राम बुढेरन निवासी डॉ कविबन्धु त्यागी जैसे भी होते हैं  जिन्होंने अपनी माता का न केवल ज़िन्दा रहते आदर सत्कार किया बल्कि अब उनके संसार मे न रहने के बाद भी उनकी याद में हर पुण्यतिथि पर सेकड़ो ज़रूरतमंदों को वो कम्बल वितरित करते हैं ताकि लोगो की दुआएं उनकी माता जी को सदा मिलती रहें। इसी के अंतर्गत आज माता राजबाला त्यागी की दूसरी पुण्यतिथि के मौके पर डॉ कविबन्धु त्यागी ने सेकड़ो ज़रूरतमंदों को कम्बल देकर उनकी दुआएं हासिल की।
इस मौके पर  डॉ कवि बन्धु त्यागी ने सभी से अपील करते हुए कहा कि हर इंसान का नया जीवन केवल उनके माँ बाप की श्रद्धा और मेहनत का फल होता है माँ बाप अपने पेट को भूखा रखकर अपने बच्चों को पालते हैं पढ़ाते हैं औऱ बड़ा करते हैं इसलिए हम सबको भी बड़े होकर अपने उन्ही मा बाप की सेवा, उनका सम्मान और उनका सत्कार भगवान की ही तरह करना चाहिए। इस मौके पर डॉ अंजू बाला,एड.रवि बन्धु त्यागी, नीलम त्यागी, सूर्यांश बन्धु त्यागी, शुभ, वेषणी, देश बधू त्त्यागी, गुड्डू, फ़िरोज़, डॉo अहमद, पूर्व सभासद मुस्तकीम अहमद,आदि भी मौजूद रहे।

संवाददाता मुकेश कुमार की रिपोर्ट

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह का डॉ मनोज कुमार वर्मा के मेटरनिटी नर्सिंग होम पर भव्य स्वागत!!

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह का डॉ मनोज कुमार वर्मा के मेटरनिटी नर्सिंग होम पर भव्य स्वागत!!

स्योहारा( डॉ उस्मान ज़ैदी):भाजपा सरकार के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह का यहां क्षेत्र के जाने माने समाजसेवी डॉक्टर मनोज वर्मा के निवास पर हुआ जोरदार स्वागत। प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह का जिले में अनेक स्थानों पर जोरदार स्वागत किया मुरादाबाद की ओर जाते समय प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह नगर के वरिष्ठ समाजसेवी डॉ मनोज वर्मा के निवास पर रुके जहां पर उनका फूल मालाओं के ढोल नगाड़ों के साथ में जोरदार स्वागत किया गया।
 इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा है आज इस दौरे से जिले भर के सभी विभागों का भी निरीक्षण किया गया है आम जनता को सरकार की ओर से मिलने वाली सभी योजनाओं के बारे में जागरूक किया गया है तो कई महत्त्वपूर्ण योजनाओं का लोकापर्ण भी हुआ।
 वही इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह को नगर के वरिष्ठ समाजसेवी डॉ मनोज वर्मा ने हाथ से बनी उनकी तस्वीर देकर सम्मानित किया तो वही डॉक्टर मनोज वर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष का आभार व्यक्त कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह जी की ये सादगी और उनका बड़प्पन है कि तमाम व्यवस्था होने के बावजूद भी हमारे बीच आए और नगर क्षेत्र की समस्या को जानकर उन्हें दूर करने का आश्वासन दिया। साथ ही डॉ मनोज वर्मा ने कहा है अब यकीनन चौधरी भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में प्रदेश भर में भाजपा और मजबूत होते हुए संगठन का विस्तार करेगी ।साथ ही मनोज वर्मा ने नगर की तमाम बड़ी समस्याओं से प्रदेश अध्यक्ष को अवगत कराया।
इस मौके पर  सीपी सिंह,राजीव वर्मा,अरुण कुमार वर्मा,सुरेंद्र उर्फ राजू अरोड़ा, कुँवर राणा प्रताप सिंह, शेंकि रस्तोगी,डॉ आसिफ अंसारी, डॉ .राज बहादुर शर्मा,अविनाश जोशी,पीयूष रस्तोगी,पँकुल रस्तोगी,अनिल कुशवाहा, अनिल जुनेजा,अजय राणा,कृष्ण कुमार ढाका,आदि सहित सेकड़ो लोग शामिल रहे।

फरहत अली खान (हॉकी), Rampur: * *चरमपंथी संगठन का विरोध क्यों होना चाहिए ?**

 फरहत अली खान (हॉकी), Rampur: * *चरमपंथी संगठन का विरोध क्यों होना चाहिए ?** 
       "एक मानव समाज के रूप में हमें ऐसी हानिकारक और बेशर्म बुराइयों का विशेष विरोध करने के लिए सतर्क और सावधान रहना चाहिए जो कि ना ही इस्लाम धर्म  द्वारा और ना ही तर्क द्वारा उचित हों"...............
शेख सालेह अल- लुहैदन, अध्यक्ष सुप्रीम न्यायिक परिषद, सउदी अरब।

     अट्ठारह करोड़ मुसलमान ने बटवारे के दौरान भारत में रहने का चुनाव किया। उन्होंने यहाँ की संस्कृति और परंपरा को पसंद किया और चरमपंथी सिद्धांतों को खारिज कर दिया जो कि वैमनस्य को बढ़ा रहे थे। जब मोहम्मद पैगम्बर के साथी किसी भी शहर को जीतते थे तो वो सभी नागरिकों को उनके घरों में रहने की आजादी देते थे और मुसलमान शासन और सुरक्षा में रहकर उन्हें पूरी मज़हबी आज़ादी प्राप्त थी। भारतीय मुसलमान जो कि अल्पसंख्यक है, अतीत के गौरवपूर्ण इतिहास से सबक लेकर गैर मसलमानों के साथ त्योहार मनाते हैं और शांतिपूर्वक रहकर एक समधर्मी समाज का निर्माण करते हैं।
        भारत सरकार ने हाल ही में धारा 370 हटाई है। आम धारणा के विपरीत भारतीय मुसलमान की संयुक्त राय थी कि कश्मीरी मुसलमान को भारत के साथ रहना चाहिए और यहाँ मोहब्बत, अमन एवं भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए। यह सलूक उन लोगों के गाल पर ज़ोरदार तमाचा है जो कि भारतीय मुसलमान की निष्ठा पर निरंतर सवाल उठाते थे। यह उजागर करता है कि भारतीय मुसलमान ऐसे किसी आंदोलन का साथ नहीं देंगे जो कि भारत की आत्मा के खिलाफ होगा। गौ-रक्षा की माँग पर एक चरमपंथी समूह द्वारा एक मुसलमान की हत्या की निंदा मुस्लिम समुदाय द्वारा की गई परंतु उन्होंने कभी एकत्रित होकर हिंसा और दरार पैदा करने की कोशिश नहीं की। वे भारतीय संविधान जिसने उन्हें सम्मान, अधिकार व अवसर प्रदान किया है, पर विश्वास रखते हैं ।
     इस पृष्ठभूमि में आइए एक कट्टरपंथी हिंसक संगठन पी. एफ.आई. के बारे में बात की जाए। कुछ साल पहले तक उत्तर भारत के राज्यों में मुश्किल से ही किसी कोई पी. एफ.आई. के बारे में जनता था। पी. एफ.आई. मूलतः केरल आधारित एक अल्पसंख्यक केन्द्रित संगठन था जो कि चरमपंथियों के प्रतिशोधक घटनाओं से सुर्खियां बटोरने की कोशिश करता है। हालांकि 2012 में केरल सरकार ने केरल उच्च न्यायालय में शपथ पत्र दायर कर पी. एफ.आई. पर 27 लोगों की हत्या में संलिप्त होने का दावा किया था ।  इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के हेट स्पीच के उजागर होने के बाद जाँच एजेंसियों ने पी.एफ.आई और जाकिर नाइक के संबंध होने का दावा किया। केरल आधारित 127 मुसलमानों ने पी. एफ.आई साहित्य से प्रभावित होकर कई अल्पसंख्यक अंतरराष्ट्रीय संगठन आई.एस.आई.एस के अभियान से जुड़ गए। दिसम्बर 2019 तक उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल व झारखण्ड जैसे राज्यों के पास पर्याप्त सबूत थे जिससे कि गृह मंत्रालय से पी.एफ.आई पर प्रतिबंध की माँग की जा सके। लेकिन ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया था। ऐसे चरमपंथी संगठन पर गृह मंत्रालय की निष्क्रियता पर सवाल उठने लगे ।
       गृह मंत्रालय ने चुनौती को स्वीकारा और अंततः संगठन पर प्रतिबंध की घोषणा की। जैसे ही प्रतिबंध की घोषणा की गई पी.एफ.आई ने बढ़िया तरीके से मुसलमान शोषण का कार्ड खेलना शुरू कर दिया है। बहुत से भोले-भाले भारतीय पी.एफ.आई की वास्तविक गतिविधियों से अपरिचित हैं और उनके प्रपंच में फंस सकते हैं हालांकि उन लोगों को यह पता रहना चाहिए कि अफवाह पर विशवास करना इस्लाम में पूरी तरह निषेध है ।
जैसा कि पवित्र कुरान कहता है।

      ऐ लोगों, जो ईमान लाए हो यदि कोई अवज्ञाकारी तुम्हारे पास कोई खबर लेकर आए तो उसकी छानबीन कर लिया करो। कहीं ऐसा न हो कि तुम किसी गिरोह को अनजाने में तकलीफ और नुकसान पहुँचा बैठो, फिर अपने किए पर पछताओ। 49.6

       मोहम्मद पैगम्बर के उत्तराधिकारी होने के नाते यह मुसलमानों की जिम्मेदारी है कि वो शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखें। एक समय था जब गैर मुसलमान एक मुसलमान की ईमानदारी और इस्लाम की शांतिपूर्ण प्रवृति के गवाह थे। पी.एफ.आई जैसे संगठन ऐसी धारणा को बदनाम कर रहे हैं।  अब यह मुसलमान की जिम्मेदारी है कि इस कदम को सही ठहराएँ और सूफियों की विरासत को आगे बढाएँ ।
[ फरहत अली खान (हॉकी), Rampur: लेखक फरहत अली खान m.a. गोल्ड मेडल अध्यक्ष मुस्लिम महासंघ

Thursday, 29 September 2022

मौसम की भविष्यवाणी जल्दी ही होगा मौसम में परिवर्तन और एक बार फिर 3 अक्टूबर 4 अक्टूबर और 5 अक्टूबर को मौसम है अंकल रूप से बदलेगा और लखनऊ से काठमांडू भुनेश्वर से पूर्वोत्तर भारत पटना और वाराणसी से लेकर तमिलनाडु तक होगी माध्यम से घनघोर वर्षा*

*मौसम की भविष्यवाणी जल्दी ही होगा मौसम में परिवर्तन और एक बार फिर 3 अक्टूबर 4 अक्टूबर और 5 अक्टूबर को मौसम है अंकल रूप से बदलेगा और लखनऊ से काठमांडू भुनेश्वर से पूर्वोत्तर भारत पटना और वाराणसी से लेकर तमिलनाडु तक होगी माध्यम से घनघोर वर्षा*

*अभी तो जौनपुर और जौनपुर के आसपास के जनपदों और पूर्वांचल में तथा बंगाल बिहार उड़ीसा मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में बिल्कुल सूखा गर्म और धूप वाला मौसम चल रहा है लेकिन जल्दी ही एक भयंकर विक्षोभ संघनन और वाष्पन तथा हिमालय और तिब्बत के पठार ओं की क्रिया के फलस्वरूप बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव पैदा होगा*

*जिसके चलते 3 अक्टूबर से 5 अक्टूबर 2022 के बीच उपर्युक्त सभी क्षेत्रों में जौनपुर और वाराणसी पिंडरा जलालपुर मिर्जापुर सोनभद्र प्रयागराज सुल्तानपुर अयोध्या अकबरपुर अंबेडकर नगर मऊं जमानिया सैदपुर गाजीपुर बस्ती बलिया गोरखपुर गाजीपुर चंदौली मुगलसराय इत्यादि जनपद में सामान्य से मध्यम और कहीं-कहीं भारी से भारी वर्षा होगी जोकि धान और आगामी फसलों के लिए बहुत ही लाभदायक होगी मौसम में होने वाले परिवर्तन को ध्यान में रखकर उसका काफी लाभ उठाया जा सकता है*


*और इसी वर्षा के साथ जो ठंड 15 सितंबर से रात में और सुबह में शुरू हुई है वहां ठंड तेजी से बढ़ जाएगी और फिर जाड़े का मौसम लगातार बढ़ता चला जाएगा इसी बीच पश्चिम उत्तर भारत और जम्मू तथा कश्मीर पंजाब हरियाणा राजस्थान गुजरात और राजस्थान के अधिकांश भाग सूखे और ठंडे रहेंगे डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि और निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी बाल गोपाल शिवानी ज्योतिष मौसम और विज्ञान अनुसंधान केंद्र साथ में पद्मा सिंह सुरेश कुमार वर्मा राजकुमार मौर्य डॉ श्वेता सिंह डॉ मानवेंद्र कन्हैयालाल पांडे एसके उपाध्याय के राय तथा मनीष कुमार पांडे मोबाइल नंबर 94 15 62 35 83*

पीएफआई, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा: भारत, एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश अपनी गंगा जमुनी तहजीब और समन्वित संस्कृति के लिए जाना जाता है।

[पीएफआई, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा: भारत, एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश अपनी गंगा जमुनी तहजीब और समन्वित संस्कृति के लिए जाना जाता है। 

 लेकिन,  हाल के वर्षों में, देश के शांतिपूर्ण माहौल को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) नामक एक कट्टरपंथी संगठन देश के सांप्रदायिक और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को परेशान करने में लिप्त थी।  यह अपनी कट्टरपंथी विचारधारा को आगे बढ़ाकर और भारत में राजनीतिक इस्लाम की स्थापना का आह्वान करके राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर रहा था। 

 हिंसक गतिविधियों में शामिल होना:  पीएफआई का हिंसक इतिहास रहा है।  यूएपीए, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और आईपीसी की अन्य धाराओं सहित देश भर में पीएफआई और उसके सहयोगियों के कैडरों के खिलाफ 1400 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे।  पीएफआई गुप्त रूप से प्रशिक्षण अभ्यास, सैन्य जैसे अभ्यास आयोजित करता है, जिसमें प्रतिभागियों को कुछ धार्मिक समूहों के खिलाफ आपराधिक बल और हिंसा का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जिन्हें इस्लाम के दुश्मन के रूप में माना जाता है।  स्थापना के बाद से, हिंदू संगठनों / नेताओं के खिलाफ प्रतिरोध पीएफआई के एजेंडे में मुख्य मुद्दा बना हुआ है।   पीएफआई ने अक्सर भारतीय मुस्लिम समुदाय के उत्थान के लिए काम करने वाली एक सामाजिक संस्था होने का दावा किया है।  इसके उलट पीएफआई की जमीनी कार्रवाई कुछ और ही कहानी बयां करती है।  हाल ही में (26 जुलाई) बेल्लारे शहर में प्रवीण नेट्टारू  (भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य) की हत्या ने एक बार फिर पीएफआई के हिंसक चरित्र को उजागर कर दिया जिसकी लिस्ट काफी लंबी है।

 विस्फोटकों की जब्ती।   जून 2021 में, केरल में, पदम वन क्षेत्र (जिला कोल्लम) से विस्फोटक और जिहादी साहित्य बरामद किया गया था, जो पीएफआई का एक सैन्य प्रशिक्षण स्थल था।    इससे पहले, केरल पुलिस ने नारथ (जिला कन्नूर) में हथियार प्रशिक्षण स्थल से हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद (अप्रैल 2013) की थी।  एनआईए द्वारा मामले की जांच की गई और 41 पीएफआई कैडरों को दोषी ठहराया गया ।  

सरकार के विरोध में शामिल होना :  पीएफआई लगातार सरकार विरोधी दुष्प्रचार में शामिल था और इस आख्यान को फैला रहा था कि भारत में मुसलमानों को सताया जा रहा है।  संगठन के वरिष्ठ नेताओं के सोशल मीडिया खातों का अनुसरण अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा किया जा रहा था जो अक्सर भारतीय सरकार की नीतियों की आलोचना करते थे, जैसे कि भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद।   पीएफआई ने दिसंबर 2019 - मार्च 2020 के दौरान सीएए विरोधी विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का बीड़ा उठाया था।   पीएफआई के नेतृत्व वाला मंच, संविधान सुरक्षा आंदोलन, सीएए विरोधी आंदोलनों का समन्वय करने वाले प्रमुख आम प्लेटफार्मों में से एक था। 

 पीएफआई का पैन-इस्लामिक लिंक: वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ पीएफआई के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के कई उदाहरण हैं।  पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता, विशेष रूप से केरल से, आईएसआईएस में शामिल हो गए थे और सीरिया, इराक और अफगानिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में भाग लिया था, जो इसके कैडरों के निरंतर कट्टरपंथीकरण का परिणाम था।  इसके अलावा, पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश के साथ संबंध थे।  

  जकात का पैसा गलत हाथ में चला जाता है: दिल्ली दंगों के बाद जांच के दौरान पीएफआई के एकाउंटेंट ने खुलासा किया कि दिल्ली के शाहीन बाग में पीएफआई के मुख्यालय ने करोड़ों का बेहिसाब पैसा रखा, जिसका वे बिना किसी जवाबदेही के उपयोग करते हैं।  पीएफआई के खिलाफ विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा हवाला धन लेनदेन के कई मामलों की जांच की जा रही थी।  रमज़ान के पवित्र महीने के दौरान भारतीय मुसलमानों द्वारा दान की गई राशि की किसी भी गणना से पता चलता है कि हर साल सैकड़ों करोड़ ज़कात के रूप में एकत्र किए जाते थे।  मुस्लिम समुदाय के दानदाताओं को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उनकी गाढ़ी कमाई का इस्तेमाल इंटरनेशनल फाइनेंशियल फुटप्रिंट्स ऑफ पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठनों द्वारा किया जा रहा था।

फरहत अली खान (हॉकी), Rampur: फरहत अली खान m.a. गोल्ड मेडलिस्ट
 अध्यक्ष मुस्लिम महासंघ   फरहत अली खान (हॉकी), Rampur

Tuesday, 27 September 2022

एन सी सी के छात्र छात्राओं ने गंगा नदी साफ सफाई और स्वच्छ रखने के लिए रेली निकालकर जनता को जागरूक किया

एन सी सी के छात्र छात्राओं ने गंगा नदी साफ सफाई और स्वच्छ रखने के लिए रेली निकालकर जनता को जागरूक किया
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 थाना मंडावर क्षेत्र गांव  शहबाजपुर  आदर्श विद्या निकेतन इंटर कॉलेज में आज 30 यूपी बटालियन एन सी सी  बिजनौर के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आर एस चौहान के निर्देशन में आज दिनांक 27/9 2022को आदर्श विद्या निकेतन इंटर कॉलेज शहबाजपुर में पुनीत सागर अभियान के अंतर्गत एनसीसी कैडेट्स द्वारा रैली निकाली गई जिसमें जनमानस को गंगा नदी का महत्व बताते हुए नदियों की साफ सफाई व स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य  गिरिराज सिंह और  सभी अध्यापक लेफ्टिनेंट    दिवेश कुमार राजपूत संदीप कुमार पूनम रानी उपासना सभी अध्यापक  और क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे

बिजली विभाग और बाग स्वामी की लापरवाही से हो सकता है बहुत बड़ा हादसा

बिजली विभाग और बाग स्वामी की लापरवाही से हो सकता है बहुत बड़ा हादसा
थाना मंडावर क्षेत्र गांव  शह बाजपुर से  मोहोंडिया रोड पर नहरके समीप आम केबाग में पेड़ के बीच में से 11000 की लाइन निकल रही है अगर कोई भी व्यक्ति चारा काटने के लिए या आम की लकड़ियां लेने के लिए जाता है तो उसके साथ बहुत बड़ा हादसा हो सकता है आपको बताते चलें कि एक माह पहले गांव टीम ला के समीप नहर पर एक महिला पेड़ पर चढ़कर लकड़ी काट रही थी जिसमें 33000 की लाइन से टकराकर करंट लग गया था जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी मगर बिजली विभाग यह नहीं देख पा रहा है कि तारों से टकराए हुए पेड़ किसी को भी  मौत का शिकार बना सकते हैं ऐसी लापरवाही बिजली विभाग मंडावर कर्मचारियों की चल रही है आंख बंद करके बैठ गए हैं बिजली विभाग के कर्मचारी कोई बड़े हादसे के इंतजार  हैं!

बिजनौर-भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी पहुंचे बिजनोर।

बिजनौर-भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी पहुंचे बिजनोर।

PWD गेस्ट हाऊस में प्रदेश अध्यक्ष ने की प्रेस वार्ता।

2024 लोकसभा चुनाव में यूपी की 80 सीट जीतने का किया दावा-भूपेंद्र

MLC व नगर निकाय चुनाव में हर वार्ड में भाजपा उतारेगी कैंडीडेट-भूपेंद्र 

जन जन तक सरकार की कल्याण कारी योजनाओं को दी जाएगी जानकारी ।

बिजनोर के पीडब्लूडी गेस्ट हॉउस में पहुँचे प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी।

हिंदी भाषा और इसके साथ किया गया भयानक षड्यंत्र*हमको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है हम नर नहीं हैं पशु निरा रा हैं और मृतक समान हैं*

 *हिंदी भाषा और इसके साथ किया गया भयानक षड्यंत्र*हमको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है हम नर नहीं हैं पशु निरा रा हैं और मृतक समान हैं*

*सभी राजनीतिक दलों और सभी राजनेताओं द्वारा हिंदी के विनाश करने का भयंकर काला नंगा सच डॉक्टर जयंती प्रसाद नौटियाल ने अपने भाषा शोध संस्थान से संपूर्ण विश्व की भाषाओं का अध्ययन करके यह बता दिया है कि हिंदी 137 करोड़ों लोगों की भाषा होने के साथ दुनिया की सबसे बड़ी भाषा है जबकि अंग्रेजी बोलने वालों की संख्या दुनिया में 127 करोड़ और चीनी भाषा जिसे मंदारिन भाषा कहते हैं उसे बोलने वालों की संख्या 113 करोड़ है लेकिन न तो भारत के लोग और ना भारत की केंद्र सरकार और ना यहां के प्रधानमंत्री इस सच को जानते हैं मानते हैं और नए इसे जानने का प्रयास करते हैं*

*यह सुनने में परम विचित्र और अटपटा जरूर लगता है लेकिन यह सच है कि इस देश की कोई भी राजनीतिक पार्टी और अपवादों को छोड़कर कोई भी बड़ा राजनेता यह नहीं चाहता है कि हिंदी देश की राष्ट्रभाषा राजभाषा कार्यालय की भाषा और संयुक्त राष्ट्र संघ में विश्व भाषा के रूप में आसीन हो इसका कारण चाहे जो भी हो लेकिन बंद पर्दे में सभी दलों के सभी बड़े बड़े राजनेता यह निश्चित कर चुके हैं कि तमाम अड़ंगा लगाकर हिंदी को ना तो राष्ट्रभाषा बनाना है और ना संयुक्त राष्ट्र संघ के स्थाई भाषा बनने देना है*

*इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि सत्ता के हस्तांतरण में 1947 में कुछ ऐसे गुप्त प्रावधान रहे हो जिसमें भारत को एक औपनिवेशिक गुलाम देश माना गया और आज भी भारत राष्ट्रमंडल का सदस्य है और उन देशों में अपने उच्चयुक्त अर्थात हाई कमिश्नर नियुक्त करता है और अभी हाल में रानी एलिजाबेथ की मृत्यु पर भारत में राष्ट्रीय शोक पता नहीं किस आधार पर मनाया गया और तो और स्वयं राष्ट्रपति महोदया का वहां जाना और मातम मनाना समझ के परे है जबकि भारत में किसी प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति की मृत्यु या हत्या पर भी वहां से कोई  राजा रानी नहीं आया था*

*इसके अलावा हिंदी को राष्ट्रभाषा और विश्व भाषा बनने में कोई भी परेशानी नहीं है लेकिन जब भारत की केंद्र सरकार और सभी बड़े दलों के राजनेता बंद कमरों में मिली मार और नूरा कुश्ती के अंतर्गत हिंदी को पूरी तरह मिटाने में लगे हैं और अंग्रेजी को पूरी तरह बढ़ाने में लगे हैं तो फिर हिंदी कैसे राष्ट्रभाषा और विश्व भाषा बनेगी जितने भी तर्क हिंदी को राष्ट्रभाषा और विश्व भाषा बनने के विरुद्ध दिए जाते हैं वह सब न केवल खोखले बल्कि हास्यास्पद भी हैं और यह दिखाते हैं कि हमारे देश के राजनेता और राजनीतिक दल मन वचन कर्म से विदेशी सभ्यता विदेशी भाषा और विदेशी सरकारों के कितने गुलाम हैं पहले कक्षा 6 से अंग्रेजी पढ़ाई जाती थी अब शुरू से पढ़ाई जाती है और पहले हिंदी में बीएससी की विज्ञान की किताबें पढ़ाई जाती थी आज हिंदी का नामोनिशान नहीं है*

*जबकि डेढ़ हजार वर्षों से अधिक समय से संपूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे बड़ी भाषा के रूप में हिंदी पढ़ी-लिखी बोली जा रही है आदि सिद्ध कब सराफा से लेकर अब्दुल रहमान मलिक मोहम्मद जायसी  चंद्रवरदाई जगनिक तुलसी कबीर सूरदास मीरा रहीम रसखान बिहारी घनानंद मतराम प्रसाद पंत निराला महादेवी वर्मा भारतेंदु हरिश्चंद्र मैथिलीशरण गुप्त हरि ओम सहित दुनिया के सभी बड़े बड़े महानतम कवि साहित्यकार हिंदी भाषा में ही हुए हैं हिंदी भाषा का सिद्ध साहित्य भक्ति साहित्य साहित्य आधुनिक साहित्य और संसार की सभी विधाओं जैसे कहानी नाटक उपन्यास निबंध और पृथ्वीराज रासो पद्मावत रामचरितमानस कामायनी जैसे अनगिनत महान ग्रंथ विश्व भाषा के किसी भी कविता कहानी एकांकी उपन्यास महाकाव्य एकांकी से श्रेष्ठ और उच्च स्तर के हैं*

*हिंदी संपूर्ण वैज्ञानिक और कंप्यूटर तथा इंटरनेट की भाषा के रूप में दुनिया की हर भाषा से सर्वश्रेष्ठ है इसमें हर शब्द के लिए उचित वर्ण हैं जबकि अंग्रेजी उर्दू अरबी सहित अधिकांश भाषाओं में बहुत अधिक भरम और संदेह है और किसी भी भाषा का व्याकरण हिंदी के सम्मान उन्नत और प्रामाणिक नहीं है हिंदी भाषा साहित्य में ऐसा कोई भी श्रेष्ठ तत्व नहीं है जो दुनिया की अन्य भाषाओं में ना हो*

*फिल्मों के बाद सोशल मीडिया पर भी हिंदी भाषा का डंका बज रहा है आज हिंदी भाषा पर इंटरनेट सोशल मीडिया कंप्यूटर की भाषा के रूप में प्रयोग करने वालों की संख्या पूरी दुनिया में तीसरे नंबर पर है और जल्दी ही पहले क्रमांक पर आ जाएगी यदि भाषा के आधार पर संविधान संशोधन करके भाषावाद राज्य बनाए जा सकते हैं तो राष्ट्रभाषा के लिए संविधान में संशोधन करके हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने कौन सी बड़ी बात है ऐसा भी नहीं कि अगर सरकार चाहे तो ऐसा ना कर सके लेकिन उनकी इच्छा ही ऐसी नहीं है क्योंकि भारत ऐसा देश है जहां अनुसूचित जाति जनजाति के लिए संविधान में संशोधन हो सकता है लेकिन भगवान श्री राम के मंदिर के लिए कट्टर से कट्टर सनातनी नेता और राजनीतिक दल अपने हाथ खड़े कर लेते हैं*
*अगर 137 करोड़ों लोगों की भाषा होने के बाद भी दुनिया के 200 विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जाने के बाद भी दुनियाभर के 173 देशों में इसका प्रचार प्रसार होने के बाद और 15 देशों में या प्रमुख भाषा के रूप में स्थापित होने पर भी राष्ट्रभाषा और विश्व भाषा नहीं बन रही है तो इसके लिए केवल केंद्र सरकार पक्ष विपक्ष की सभी राजनीतिक पार्टियां और मन वचन कर्म से विदेशी भाषा विदेशी सभ्यता के गुलाम हमारे बड़े बड़े पदों पर आसीन लोग हैं कितनी लज्जा की बात है कि आज भी सर्वोच्च न्यायालय उच्च न्यायालय सहित ऐसे तमाम स्थान है जहां पर हिंदी को मान्यता ही नहीं दी गई है इतना ही नहीं जिन जिन तथ्यों को बताकर राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी को हटाया गया वह हमारे देश के सभी दलों के राजनेताओं की पोल पट्टी खोल देता है*

*अरबी स्पेनिश फ्रेंच रूसी भाषा बोलने वालों की संख्या 30 करोड़ से भी कम है और वह संयुक्त राष्ट्र संघ के स्थाई भाषा और विश्व की भाषा के रूप में प्रतिष्ठित हो गई हैं भला उन में कौन सा ऐसा गुण था जो जवाहरलाल नेहरू इंदिरा गांधी नरसिंह राव अटल बिहारी वाजपेई और मोदी जी में नहीं है इसका अर्थ है यह सभी लोग खोखले नेता हैं और विश्वास पर पर इनका कोई भी मान सम्मान नहीं है इतना ही नहीं 113 करोड़ों लोगों की चीनी भाषा और 127 करोड़ों लोगों की अंग्रेजी भाषा विश्व के भाषा रूप में प्रतिष्ठित है अगर भारत को निकाल दिया जाए तो अंग्रेजी बोलने वालों की संख्या 100 करोड़ से भी कम है लेकिन लगता है यही है कि यह बात सच है कि भारत को एक गुप्त समझौते के तहत सत्ता सौंपी गई जिसमें अभी प्रतिबंध रहा होगा कि हिंदी को कभी भी राष्ट्रीय भाषा नहीं बनाई जाए*

*जिस हिंदी के उग्र और हिंसक विरोध की बात करके हिंदी को बार-बार राष्ट्रभाषा होने से रोका गया वह विरोध जनता द्वारा नहीं बल्कि राजनेताओं द्वारा भड़का कर भाड़े के लोगों से कराया गया है आप पूरे देश में घूम कर चले आइए किसी भी स्टेशन दुकान संस्थान विभाग बस अड्डों पर ऐसा कोई नहीं मिलेगा जिसे हिंदी भाषा की जानकारी नहीं हो हिंदी के सबसे प्रबल विरोधी कहे जाने वाले तमिलनाडु की जनता हिंदी विरोधी नहीं है बल्कि वहां की अन्नाद्रमुक और द्रमुक पार्टी यही हिंदी की घोर विरोधी हैं क्योंकि उत्तर भारत और हिंदी का विरोध करके वह सत्ता पर काबिज हैं इसके बावजूद भी हिंदी पूरे तमिलनाडु और चेन्नई में बढ़ती चली जा रही हैं*

*मैंने पूरे देश का खुद कई कई बार भ्रमण किया है केरल कर्नाटक गोवा उड़ीसा आंध्र प्रदेश तेलंगाना महाराष्ट्र गुजरात सिक्किम अरुणाचल प्रदेश असम नागालैंड मिजोरम त्रिपुरा पश्चिम बंगाल जम्मू और कश्मीर पंजाब अंडमान निकोबार लक्ष्यदीप दादरा और नगर हवेली जैसे सभी  प्रदेशों में हिंदी बोलने वाले बहुत बड़ी संख्या में हैं इसके अलावा सारी दुनिया में हर देश में हिंदीभाषी हैं जिसमें नेपाल भूटान बांग्लादेश पाकिस्तान अफगानिस्तान मारीशस मालदीव सूरीनाम जमैका हवाना क्यूबा जैसे तमाम देश तो ऐसे हैं जहां भारत के लोग ही अधिक संख्या में बसे हुए हैं अगर आज भारत की सरकार हिंदी को भाषा बना दे तो इन सभी देशों की भाषा हिंदी हो जाएगी रूस और अमेरिका तथा चीन में हिंदी की लोकप्रियता भयंकर गति से बढ़ रही है कहने का अर्थ यह है कि सरकार और पार्टियां जिन चीजों का दावा करती हैं वैसा हिंदी विरोध दुनिया में और देश में कहीं नहीं है*

*अब इसके असली कारण पर आते हैं 99% राजनेताओं सांसदों विधायकों मंत्रियों धनकुबेर लोगों माफिया और बड़े-बड़े अधिकारियों के बच्चे पूरी तरह विदेशी माहौल में और अंग्रेजी भाषा में रचे बसे हैं और अब तो कमेंट और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के अनुसार छुट्टियां भी होने लगी हैं पहले जुलाई में प्रवेश परीक्षा होती थी अब मार्च में ही होने लगी है और उसी हिसाब से अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग भी होने लगे हैं यह सब एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है जिसको भारत की जनता समझ नहीं पा रही है यह लोग अपना एक छोटा वर्ग बनाकर अंग्रेजों की तरह काले अंग्रेज बन कर भारत पर राज करने की लंबी अभिलाषा पाले हुए हैं*

*जब हिंदी राजभाषा बनने से 1 वोट से रह गई थी तब अगर नेहरू सहित किसी भी नेता ने चाहा होता तो आसानी से एक वोट मिल जाता लेकिन मिली मार नूरा कुश्ती के तहत जानबूझकर 1 वोट से हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित होने से रोका गया था कहने के लिए तो गांधी नेहरू अटल बिहारी इंदिरा नर्सिंगराव मोदी जी सभी घनघोर हिंदी समर्थक हैं लेकिन उसका कोई फायदा कहीं नहीं दिखता है इधर तो मोदी जी भी हिंदी छोड़कर घनघोर अंग्रेजी बोलने लगे हैं सच बड़ा नंगा कड़वा है लेकिन इस का काला सच यही है*

*जहां तक विरोध की बात है तो राजनीति में और आरक्षण पर इतने घन घोर विरोध हुए जिसके आगे हिंदी का विरोध कुछ नहीं है बंगाल और वामपंथी प्रदेशों में जितना खून की होली खेली जा रही है नक्सली जितने लोगों को मार रहे हैं आतंकी जितना आतंक मचा रहे हैं क्या हुआ ऐसा विरोध हिंदी के नाम पर कभी देश में हुआ कश्मीर दिल्ली महाराष्ट्र की रक्त रंजित घटनाएं और गुजरात के नरसंहार कांड से ज्यादा हिंदी का विरोध कभी हुआ जिसका उत्तर नहीं है अर्थात सत्ता पक्ष या विपक्ष का कोई भी नेता हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में देखना नहीं चाहता क्योंकि इससे सभी राजनेताओं का भयंकर नुकसान होने की आशा है*

*जिस एक अखंड और स्वदेशी भारत की हम कल्पना करते हैं क्या वह बिना हिंदी के संभव है और आज जो राजनेता हिंदी का विरोध करके अपने प्रदेश की जनता को भ्रमित किए हुए हैं उनको यह नहीं मालूम है कि हिंदी का विनाश होते ही तमिल तेलुगू कन्नड़ मलयालम मराठी गुजराती बंगाली असमिया पहाड़ी भाषाएं डोगरी भाषा है उर्दू अपने आप समाप्त हो जाएंगे जैसे भारत में अगर जनता ने राजपूतों का साथ दिया होता तो विदेशी कभी नहीं आते लेकिन जब लड़ने वाले राजपूत समाप्त हो गए तो अपने आप लोगों को विवश होकर विधर्मी बनना पड़ा आज इस भयानक नंगे सच का विरोध करना बहुत जरूरी है*

*हिंदी का व्याकरण इसका शब्दकोश दुनिया में सबसे बड़ा है यह इतनी लचीली भाषा है कि लगभग दुनिया के हर भाषाओं के शब्द इसके अंदर समा गए हैं और एक सामान्य हिंदी भाषी सब हिंदी शब्द बोलने पर 20 विदेशी शब्द अपने आप बोल लेता है इसमें अंग्रेजी उर्दू अरबी फारसी चीनी पुर्तगाली स्पेनी जर्मन फ्रेंच रूसी सभी भाषाएं शामिल है इसके बावजूद भी विभिन्न कारण बेशर्म होकर हमारी सरकार और राजनेताओं द्वारा गिने जाते हैं निश्चित रूप से देश के और हिंदी के गद्दार हैं जब एक वर्ग के तुष्टीकरण के लिए अथवा व्यक्तिगत अहंकार की पूर्ति के लिए संविधान के मूल ढांचे को ही बदला जा सकता है 42वां और 44 में संशोधन करके और भी ना जाने कितने संशोधन हुए तो क्या एक संशोधन संविधान में हिंदी भाषा के लिए नहीं किया जा सकता है*

*हिंदी को सामान्य मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग ने ही अपनाया हुआ है जो जरा सा धनी हुआ या बड़े पद पर पहुंचा या सांसद विधायक मंत्री हुआ उसमें से अधिकांश तत्काल ही विदेशी भाषा और अंग्रेजी अपनाकर अपने को अन्य जनता से विशिष्ट दिखाते हैं और खुद को जनता का सेवक चौकीदार और न जाने क्या-क्या लज्जा रहित होकर कहते हैं अगर आप में इच्छाशक्ति है तो 1 दिन में हिंदी राजभाषा हो सकती है और राष्ट्रभाषा भी आप सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में हर जगह हिंदी का प्रयोग अनिवार्य कर दो जो विरोध करते हैं उनके लिए विदेशी भाषा या अपनी राज्य की भाषा अनिवार्य कर दो कभी भी कहीं भी कोई भी विरोध नहीं होगा लेकिन जानबूझकर ऐसा नहीं किया जा रहा है आने वाले कुछ ही दिनों में भारत को हिंदी मुक्त और अंग्रेजी वाला देश घोषित होने की कोशिश हो रही है यद्यपि ऐसा कभी नहीं होगा क्योंकि भारत के लोग लाख प्रयास करके भी अंग्रेजी को पढ़ लिख बोल और समझ नहीं पाएंगे पूरी दुनिया के सामने ही समस्या है क्योंकि अंग्रेजी का निश्चित व्याकरण है और ना इसका कोई उच्चारण है न यह विज्ञान के अनुरूप है शेक्सपियर के समय तक अंग्रेजी को जंगली भाषा कहा जाता था*

*यह कहना बहुत आसान है कि जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है और यह कि निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल इसका उद्धरण नेहरू इंदिरा नरसिंहाराव मनमोहन सिंह अटल बिहारी और मोदी जी सब देते हैं लेकिन जब कार्य रूप में परिणत करने की बात आती है तो सब की हिम्मत जवाब दे जाती है हिंदी के प्रबल समर्थक भारत रत्न स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमय हत्या के पीछे भी एक कारण यही था कि उन्होंने आते ही हिंदी को राष्ट्रभाषा अनिवार्य कर दिया जिसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष ने उनके साथ घनघोर छल कपट करते हुए दंगे फसाद करा दिए फिर भी अगर वे जीवित रहते तो आज हिंदी देश की राष्ट्रभाषा और संयुक्त राष्ट्र संघ की अस्थाई भाषा होती कितने गए बीते हमारे राजनेता हैं जो विदेशी भाषा में अपनी उन्नति देखते हैं और उनको जरा भी लज्जा या शर्म नहीं आती है जानबूझकर रेडियो टेलीविजन अखबारों में विज्ञापनों में हिंदी भाषा के साथ विदेशी शब्द अनावश्यक रूप से घुसाकर हिंदी को विकृत करने का सफल प्रयास किया जा रहा है*

*राजनेताओं के भरोसे ही भारत कभी भी हिंदू राष्ट्र नहीं घोषित हुआ ना कभी यहां एक समान नागरिक संहिता बन पाई नया का राष्ट्रगान बना और नहीं यहां एक समान नागरिकता दी गई न जनसंख्या की कोई नीति बनाई गई सभी दलों के सभी राजनेताओं के विश्वास पर रहने के कारण ही 9000000 सनातनी हिंदू 1947 के अनावश्यक विभाजन में मारे गए और देश कई टुकड़ों में बट गया और वे अंतिम क्षण तक कहते रहे की बटवारा उनकी लाश पर होगा आज भी अन्यथा उसी प्रकार के हैं जरा भी बदले नहीं है* 

*जितने भी प्रहार किए गए सब सनातन धर्म के ऊपर ही किए गए और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला माखनलाल चतुर्वेदी प्रसाद पंत भारतेंदु हरिश्चंद्र आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी आचार्य रामचंद्र शुक्ल सहित जॉर्ज ग्रियर्सन प्रोफेसर  वारानीकोव डॉक्टर कामिल बुल्के अभिमन्यु अनत जैसे करो विद्वानों ने जिन्होंने हिंदी के लिए अथक प्रयास और संघर्ष किया उनको भुला दिया गया निराला तो नेहरु से इतने नाराज थे कि अंत तक में नेहरू से मिलने नहीं गए क्योंकि उन्हीं के कारण हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं बन पाई थी दक्षिण भारत के अधिकांश लोग हिंदी के प्रबल समर्थक थे इस चित्र में हिंदी के अध्यापक प्राध्यापक भी बहुत अधिक दोषी हैं जो अपने बच्चों को हिंदी के माध्यम में ना डालकर अंग्रेजी माध्यम में पालते हैं जिसकी खाते हैं उसी में छेद करते हैं उसकी भी परवाह नहीं करते हैं*

*संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी भी भाषा के वहां की कामकाजी भाषा बनाने के लिए केवल 2 शर्ते हैं 196 देशों में से 130 देशों का अर्थात दो तिहाई देशों का समर्थन होना चाहिए और 1 वर्ष तक उस भाषा पर आने वाला खर्च वहन करना चाहिए इसी शर्त पर स्पेनिश रूसी और अरबी भाषाएं संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रवेश पा सकी थी अगर मोदी जी खुद को विश्व के सबसे बड़े नेताओं में मानते हैं तो क्यों नहीं यह दोनों कार्य पूरा करते आंकड़ों से ज्ञात होता है कि 66 करोड रुपए 1 वर्ष हिंदी के खर्च के लिए चाहिए और इसका कई सौ गुना घपला घोटाला तो केवल एक एक राजनेता और धन कुबेर कर रहे हैं हमारे उच्चतर स्तर के राजनेताओं को उस समय जरा भी लज्जा नहीं आती जब वह अपने को संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न गणराज्य का कर भी बाहर जाकर हिंदी की जगह विदेशी भाषा मैं बोलते हैं*

*मैं संपूर्ण भारत वासियों से आग्रह करूंगा कि वह काले अंग्रेज और विदेशी गुलाम ना बने हिंदी को हृदय से अपनाएं क्योंकि हिंदी के नष्ट होने पर भारत की सभी राज्यों की भाषाएं अपने आप नष्ट हो जाएंगे राजनेताओं के चक्कर में ना पड़ें यह लोग केवल कुर्सी वोट और अपार धन दौलत चाहते हैं जिन्हें आप कट्टर हिंदी के समर्थक राजनेता समझते हैं वह भी अंदर ही अंदर पूरी तरह काले अंग्रेज हैं और मौका पाते ही धुआंधार अंग्रेजी बोल कर इस असलियत को प्रकट कर देते हैं इन राजनीतिक दलों के नेताओं से आग्रह है कि वह इंग्लैंड में जाकर एमपी एमएलए मंत्री प्रधानमंत्री हो जाएं और जी भरकर अंग्रेजी भाषा दिन-रात बोलेऔर जितने हिंदी भाषी राज्य हैं उनसे भी निवेदन है कि वह अंग्रेजी सीखने के बजाय अन्य प्रदेशों की भाषाओं को सीखने का प्रयास करें इसी में उनकी भलाई है रही बात हिंदी की तो उसे राष्ट्रीय भाषा और विश्व भाषा बनने से कोई भी राजनेता कोई भी राजनीतिक पार्टी कभी नहीं रोक सकती सभी दलों के सभी राजनेताओं के लिए अंत में मैं यही कहना चाहूंगा तुम आज समय के सैलाबो को मत रोको खुशहाल हवाओं में खिड़कियां बंद करो यदि तूने ऐसा किया कभी तो याद रहे इतिहास में तुमको माफ करेगा याद रहे पीढ़ियां तुम्हारी करनी पर पछताएंगे भारत की लाली में कालिख पुत जाएगी डॉ दिलीप कुमार सिंह*
[9/20, 7:44 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: *23 सितंबर दुनिया में अद्भुत भौगोलिक दिन 2,3 सितंबर और 21मार्च दुनिया के लिए बहुत अद्भुत दिन होते हैं क्योंकि इस समय सारी दुनिया में (अब उत्तरी गोलार्ध में क्योंकि पहले दक्षिणी गोलार्ध की खोज नहीं हुई थी और उत्तरी गोलार्ध को ही दुनिया माना जाता था और वैसे भी आज भी आस्ट्रेलिया अंटार्कटिका दक्षिणी अमेरिका और अफ्रीका में जनसंख्या बहुत कम है) दिन और रात गर्मी और सर्दी औसत रूप से बराबर रहती हैं*,,,

*सौरमंडल में हमारी धरती अद्भुत और परम विचित्र ग्रह है क्योंकि एक तो यह अंतरिक्ष से नीली और हल्की सफेद दिखती है दूसरे अभी तक की ज्ञात अनंत ब्रह्मांड में केवल धरती पर ही जीव जंतु और वनस्पतियां प्रत्यक्ष रूप से पाई गई है यहां पर चार तिथियां अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं 21 मार्च और 23 सितंबर 1 जून और 22 दिसंबर आते हैं*

*ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी अपनी धुरी पर बहुत तेजी से घूमती हुई सूर्य के चारों तरफ 106000 किलोमीटर प्रति घंटा के भयंकर वेग से प्रदक्षिणा करती रहती है और इसका एक दिन रात मिलाकर 23 घंटे 55 मिनट 41 सेकंड के बराबर होता है और यह अपने अक्ष पर साढे 23 अंश झुकी हुई है इसीलिए धरती पर दिन और रात तथा सूर्य का उदय और अस्त एक समान नहीं होता है*

*पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमने से जहां दिन और रात होते हैं वहीं पर सूर्य के चारों ओर इसके परिक्रमा करने से ऋतु में परिवर्तन होता है सामान्य रूप से पृथ्वी की इस गति को परिभ्रमण और परिक्रमण कहा जाता है अगर धरती तेइस सही एक बटे दो अंश झुकी नहीं होती और पूरी तरह गोल होती तो सारी धरती पर दिन और रात बराबर होते हैं और सर्दी गर्मी भी बराबर होती लेकिन ऐसा इसलिए नहीं है कि धरती अपने अक्ष पर 23/1/2 अंश झुकी हुई है*

*इस भौगोलिक परिवर्तन का एक और कारण है की पृथ्वी पूरी तरह गोल न होकर नाशपाती अथवा संतरा की तरह अपने दोनों ध्रुवों पर चिपटी है जैसे जैसे हम दोनों ध्रुवों की ओर बढ़ते हैं वैसे वैसे दिन और रात का अंतर बढ़ता जाता है यहां तक कि उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर छह छह महीने के दिन और रात होते हैं*

*परिक्रमण के कारण ही धरती पर सर्दी गर्मी और वर्षा ऋतु होती है 21 जून को उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन और दक्षिणी गोलार्ध में सबसे छोटी रात होती है जबकि 22 दिसंबर को उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ी रात और सबसे छोटा दिन होता है 22 दिसंबर के 2 महीने बाद तक उत्तरी गोलार्ध में भयंकर ठंड पड़ती है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में भयंकर गर्मी पड़ती है जबकि 21 जून को उत्तरी गोलार्ध में सबसे भयंकर गर्मी और दक्षिणी गोलार्ध में सबसे भयंकर ठंड पड़ती है इस समय उत्तरी ध्रुव पर बसंत और दक्षिणी ध्रुव अर्थात अंटार्कटिका पर घनघोर प्रचंड ठंड पड़ती है यहां तक कहा जाता है कि रामायण का भीम भयंकर पात्र कुंभकरण उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर 6 महीने सोया करता था*


*अगर आपका कोई परिचित ऑस्ट्रेलिया दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में होगा तो आपने देखा होगा कि उनके यहां अवकाश जून में होता है जैसे अपने यहां पर 24 दिसंबर से शीत अवकाश होता है दिसंबर मैं ही हमारे भारत से और सभी उत्तरी गोलार्ध के देशों द्वारा इसी कारण अंटार्कटिक अभियान शुरू किया जाता है क्योंकि तब वहां पर बसंत ऋतु होती है और अगर गर्मियों में यहां से शोध के लिए जहाज और मानव भेजे जाएं तो उस समय वहां महा भयंकर तापमान  - 80 से -95 के बीच रहता है हो जाता है और ऐसे समय में कोई भी शोध अनुसंधान संभव नहीं है*


*23 सितंबर और 21 मार्च को धरती पर बसंत ऋतु होती है दिन रात बराबर होते हैं सर्दी गर्मी भी बराबर होती है इस प्रकार धरती का परिभ्रमण और परिक्रमण जीव जंतु और वनस्पतियों के तथा पृथ्वी के चक्कर को पूरा करने का एक मुख्य कारण है और इसीलिए उपर्युक्त चारों तिथियों अर्थात 21 मार्च 23 सितंबर 21 जून और 22 दिसंबर को धरती का अद्भुत भौगोलिक दिन माना जाता है डॉ दिलीप कुमार सिंह निदेशक अलका शिप्रा बाल गोपाल ज्योतिष मौसम और विज्ञान अनुसंधान केंद्र*
[9/20, 7:44 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: *पितृ विसर्जन कब और कैसे पितृ विसर्जन एक महापर्व है जो भादो मास की पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या को समाप्त हो जाता है जो इस वर्ष 25 सितंबर को अंग्रेजी तिथि के अनुसार रविवार के दिन पढ़रहा है अगर किसी ने पूरे पितृपक्ष के दौरान पित्रों को जल अंजलि न दिया हो तो केवल अमावस्या के दिन ही जल अंजलि पिंडदान और तर्पण करने से उसको सारे फल प्राप्त हो जाते हैं क्योंकि इस दिन सारे पितर अपने घर पर आकर अपने मुक्ति के लिए और अपने परिजनों को देखने के लिए द्वार पर बैठे रहते हैं और ऐसा मानना जा चाहिए किसी भी रुप में आ सकते हैं*

*फिर विसर्जन श्रद्धांजलि और तर्क कार्यक्रम वैदिक काल से आज तक चला रहा है स्वयं भगवान श्री राम लक्ष्मण और भगवती सीताद्वारा सम्राट दशरथ के पिंडदान का महत्व पर उनके साथ और पारण का कार्य किया गया था यह सभी सनातन धर्मी लोग करते हैं पांडवों के द्वारा महाभारत के अंत में किया गया पिंडदान विसर्जन और उसमें भी विशेष रूप से करण के लिए किया गया पिंड दान इस संदर्भ में उल्लेखनीय है पिंडदान पाने के बाद ही कर्ण  की मुक्ति हुई थी*

*तर्पण श्राद्घ और जल अंजलि पितृ पक्ष मात्रि पक्ष एवं अज्ञात पक्ष के लिए श्रद्धा सहित किया जा सकता है इस वर्ष यह पितृ विसर्जन का महापर्व रविवार के दिन पढ़ रहा है जब मित्रों का पूरे सम्मान के साथ दूर चावल और तिल का मन हुआ पेन बनाकर उनकी विदाई करते हैं और अगले वर्ष के लिए सादर आमंत्रित करते हैं*

*श्राद्ध का अर्थ है देश काल परिस्थितियों के अनुसार अपनी क्षमता के अनुसारभगवान से पित्रों को लक्ष्य करके ईश्वर द्वारा उनकी मुक्ति की कामना करते हुए किसी भी सदाचारी सुपात्तर एवं विद्वान व्यक्ति को दान देना श्राद्ध कहा जाता है ध्यान रखें कि अगर सदाचारी नैतिक और नशे से दूर रहने वाले विद्वान या ब्राह्मण ना मिले तो श्राद्ध और पिंडदान की क्रिया स्वयं करनी चाहिए अत्यंत ही सरल है चावल पका कर उसने तिल और गुड़ मिलाकर पिंडी बनाकर दक्षिण मुंह करके उसको दान कर देना चाहिए*

*विसर्जन के तीन प्रकार होते हैं इसमें प्रेत विसर्जन पितृ विसर्जन देव विर्सजन आता है पित्रों के लिए तिलक अक्षत और फूल तथा गुड गंगाजल जौ एवं मिलाकर जान जल्दी और केवल पुष्प एवं जल के द्वारा जो विसर्जन किया जाता है जबकि पिंडों डो पर जल डालकर उनका विसर्जन किया जाता है*

*वैसे तो जल अंजलि तर्पण और श्राद्ध तथा पिंडदान नदी सरोवर तालाब के पास करना चाहिए लेकिन नदी और तालाब कुएं न होने तथा इनका जल दूषित होने से अब इसको घर पर ही विधि विधान से किया जा सकता है श्रद्धा सहित कोई भी व्यक्ति किसी का भी श्राद्ध कर सकता है लेकिन अगर किसी ने मृतक की संपत्ति लिया है तो उसे श्राद्ध अवश्य ही करना चाहिए* 

*महाभारत में पृथ्वी सम्राट मांधाता और इंद्र के संबंध में इसका वर्णन है जिसमें यवन कीरात और  दस्यु जैसे लोग भी श्राद्ध कर सकते हैं और दान दे सकते हैं बाय पुराण ने तो मलेचछों को भी श्राद्ध करने की योग्यता प्रधान किया है पुत्र इन पत्नी को पति द्वारा पिंड नहीं दिया जाना चाहिए पिता द्वारा पुत्र को और बड़े भाई द्वारा छोटे भाई को विपिन नहीं देना चाहिए वैसे तो विशेष श्रद्धा होने पर कोई किसी के लिए दान और श्राद्ध  कर सकता है*

*श्राद्ध का लौकिक धार्मिक और अध्यात्म पक्ष तो है लेकिन इसका दार्शनिक और वैज्ञानिक महत्व भी है हमारे वेद पुराण वेदांत दर्शन और महाकाव्य में इस पर विस्तृत वर्णन किया गया है जन्म लेने वाले की मृत्यु होना और मरे हुए व्यक्ति का फिर से जन्म लेना प्रकृति का शाश्वत नियम है क्योंकि नष्ट शरीर होता है आत्मा नहीं जैसे पदार्थ और उर्जा नष्ट नहीं होते बल्कि एक दूसरे में बदल जाते हैं श्राद्ध में प्रेतक्रिया और पितृ क्रिया दोनों होती है पहले 1 वर्ष में श्राद्ध किया जाता था लेकिन फिर गरुड़ पुराण के अनुसार इसे 6 महीने से 12 दिन का करके तेरहवें दिन किया जाने लगा है क्योंकि कलयुग में व्यक्तियों की आयु तथा स्वास्थ अच्छी हो जाता है*


 *मरने के बाद दाह संस्कार तक आत्मा प्रेत के रूप में रहती है और परिक्रमा करके जलाने के साथ ही अन्न मय कोश मनोमय कोश में बदल जाता है और प्रेत पितृ के रूप में बदल जाता है तो गया नाशिक और हरिद्वार में पितरों कातर्पण अधिक श्रद्धा से किया जाने वाला विधि विधान के अनुरूप कार्य श्राद्ध कहा जाता है जल में दूध अक्षत काला तिल और फूलसफेद कुश डालकर हो सके तो जौ और गंगाजल भी डाल देना चाहिए क्योंकि आत्मा की तृप्ति स्कूल भोजन से नहीं होती बल्कि दिए गए भोजन से निकलने वाले ऊर्जा का ही वे पान करते हैंडॉ दिलीप कुमार सिंह ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक ज्योतिष मौसम और विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर*

गैरतदार है तो विधानसभा छोड़ कर दिखाएं आजम खान* मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खान ने कहा कि आजम खान मैं जरा सी भी गैरत है तो बाप और बेटे विधानसभा से इस्तीफा दें !

*गैरतदार है तो विधानसभा छोड़ कर दिखाएं आजम खान* मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खान ने कहा कि आजम खान मैं  जरा सी भी गैरत है तो बाप और बेटे विधानसभा से इस्तीफा दें ! दिखावे के लिए सुरक्षा हटा कर वह अब जनता की नजर में कोई भी हमदर्दी हासिल नहीं कर सकते ! भला ही अभी अदालतों ने उन्हें चोर साबित नहीं किया हो लेकिन जनता अपनी नजर में उन्हें साबित कर चुकी है ! यह हाईटेक जमाना है इस जमाने में कोई भी बहरूपिया किसी बच्चे को भी धोखा नहीं दे सकता!मौजूदा सरकार व्यक्ति विशेष पर अंकुश नहीं लगा रही है वह उस भ्रष्टाचारी और चोर पर अंकुश लगा रही है , जिसने *गरीबों पर जुल्म और बेइज्जत करके एक डरावना इतिहास रचा था* ! हम प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हैं की वह मजलूमो की फरियाद सुन रहा है ! अगर आजम खान मे जरा सी भी नैतिकता है तो नैतिक आधार पर अपना और अपने बेटे का विधानसभा से त्यागपत्र दे ,और अपने गुनाहों को कुबूल करें !फरहत अली खान 
राष्ट्रीय अध्यक्ष 
मुस्लिम महासंघ

Monday, 26 September 2022

मंडावर में राम बरात का भव्य आयोजन

मंडावर में राम बरात का भव्य आयोजन
मंडावर। कस्वा मंडावर में सोमवार को राम बरात का आयोजन किया गया।राम बरात में आए बैंड व झाकियों ने कस्वे वाशियो का मन मोह्य आयोजको ने थाना प्रभारी व समिति के सदस्यो का पगड़ी बांध कर सम्मान किया।
कस्वा मंडावर में सोमवार की देर शाम सनातन धर्मशाला में थाना प्रभारी संजय कुमार व रामलीला कमेटी के सदस्यो को पगड़ी बांध कर सम्मानित कर राम बरात का शुभारम किया गया। राम बरात में जनता राजू बैंड ब अखाड़े के खलीफा अशोक सक्सेना के नेतृत्व में अखाड़े का आयोजन किया गया। राम बरात में काली मां राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न माता सीता भगवान शिव शंकर,शेरो वाली माता सहित अनेक झाकियों ने कस्बे वाशियो का मन मोह लिया। राम बरात सनातन धर्मशाला से शुरू होकर झंडा पार्क शाविलायत मालियां पीतम सिंह द्वार मेन बस स्टेंड से होती हुई सनातन ध्रमशाल पर जाकर समाप्त हुई।राम बरात के आयोजन में रामलीला परिषद के अध्यक्ष प्रशांत गुप्ता उर्फ मोनू, बोबी सक्सेना ,विपुल गुप्ता प्रिंश गुप्ता सहित समस्त पद अधिकारियों का सहयोग रहा।

सहकारी समिति मे सोसायटी जमा करने आये सदस्य सूर्यदेव सिंह से की6500/रूपये की मांग

सहकारी समिति मे सोसायटी जमा करने आये सदस्य सूर्यदेव सिंह से की
6500/रूपये की मांग 
थाना मंडावर क्षेत्र के निवासी गांव माचकी के सूर्यदेव सिंह पुत्र हुकुम सिंह, सहकारी समिति मंडावर के सदस्य है जो की 14/09/2022 को
अपनी सोसायटी जमा करने गया था लेकिन मुझसे अन्य सदस्यों द्वारा 6500/ रूपये की मांग की गई मैंने जब मना किया तो मेरी सोसायटी जमा कर ली गई और पुनः मेरे जाने पर लगातार 10 दिनों तक भिन्न भिन्न
प्रकार से प्रताड़ित किया गया,23/09/2022 को सहकारी समिति मे जाने पर वहाँ के समस्त स्टाफ जगदीश व एम डी द्वारा उसके साथ गाली ग्लोच की गई व अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया, जिससे उसके सम्मान को ठेस पहुंची है, जिसकी शिकायत लिखित रूप मे सहायक आयुक्त प्रबंधक को कर रहा हूं और इंसाफ की गुहार लगा रहा हूं, पिछले गेहूं के सीजन मे भी इस समिति की शिकायत किसान का गेहूं ना खरीद लेने को थी, जिससे किसान सुबह से शाम तक अपनी गेंहू से भरी ट्रेक्टर ट्राली लेकर समिति मे पड़ा रहा था लेकिन एम डी द्वारा किसान का गेंहू नहीं तोला गया था,

स्योहारा (डॉ•उस्मान ज़ैदी): नगर की जानी-मानी इंडियन बेकरी के प्रोपराइटर मोहम्मद अकरम अंसारी पिछले लंबे समय से भाजपा के लिए समर्पित रहे हैं!

स्योहारा (डॉ•उस्मान ज़ैदी): नगर की जानी-मानी इंडियन बेकरी के प्रोपराइटर मोहम्मद अकरम अंसारी पिछले लंबे समय से भाजपा के लिए समर्पित रहे हैं! 

इन्होंने {2014} में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी! वर्तमान मैं भी भाजपा से जुड़े हुए हैं! भाजपा द्वारा दिए जाने वाले मान सम्मान से यह संतुष्ट हैं! इनकी कर्मठता' संघर्षशीलता, के आधार पर इनका विशेष स्थान है! इसी सप्ताह में इनके सुपुत्र मोहम्मद अदनान अंसारी को युवा समाजसेवी ने माननीय मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा मंडल अध्यक्ष डॉक्टर नेपाल सिंह के माध्यम से भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई गई! इनके साथ साथ भारी संख्या में इनसे संबंधित युवाओं ने भी भाजपा का दामन थामा मोहम्मद अदनान अंसारी घर घर जाकर भाजपा की योजनाओं नीतियों व उपलब्धियों को बता रहे हैं! इस युवा नेता को क्षेत्रवासी गंभीरता से लेते हुए भाजपा से जुड़ रहे हैं! भाजपा का प्रचार प्रसार किए जाने को चौतरफा सराहा जा रहा है!!

Sunday, 25 September 2022

मंडावर समाधान दिवस में पहुंचे जिला अधिकारी पुलिस अधीक्षक

मंडावर समाधान  दिवस में पहुंचे जिला अधिकारी पुलिस अधीक्षक

मुकेश कुमार 

मंडावर थाना दिवस शनिवार को जिलाधिकारी उमेश मिश्रा जिला पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार समाधान दिवस के अवसर पर थाना मंडावर में पहुंच कर जन शिकायतों की सुनवाई की  गई। तथा शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण व समयबद्ध विधिक निस्तारण करने हेतु संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित किया गया। और उसके बाद गंगा किनारे कटान क्षेत्र का जायजा लिया गया और आए लोगों की शिकायतें सुनकर निस्तारण किया समाधान दिवस में थानाअध्यक्ष मंडावर संजय कुमार सहित मंडावर थाने में तैनात सम्मत थाना स्टाफ मौजूद रहा। इसके अलावा क्षेत्रीय लेखपाल व ग्राम प्रधान आदि लोग मौजूद रहे।

सिचाई विभाग द्वारा गंगा किनारे लगाई गई बल्लियाँ को तोड़ गंगा ने किया कटान

सिचाई विभाग द्वारा गंगा किनारे लगाई गई बल्लियाँ को तोड़ गंगा ने किया कटान
मुकेश कुमार 



थाना मंडावर क्षेत्र ग्राम मिर्जापुर के पास गंगा  ने फिर से रौद्र रूप धारण किया है और जहां पर सिंचाई विभाग के द्वारा बलिया लगाई गई थी वहां पर बहुत तेजी से गंगा कटान कर गंगा ने लगी बल्लियो को अपनी गोद मे समा लिया है जिसके कारण गांव मिर्जापुर पर फिर से खतरा मंडराने लगा गया है, अगर समय रहते हुए प्रशाशन का इस ध्यान नहीं गया तो गांव को बचा पाना मुश्किल हो जायेगा दिन प्रति दिन गंगा के कटान की गति तीर्व होती दिखाई पड़ रही है जिससे ग्रामीणों के मन मे डर बना हुआ है

दूध का कारोबार करने वाले व्यक्ति के दिलों में कोई जज्बात कोई मानवता व कोई इंसानियत नहीं बची, गौमाता को बीमार होने पर वहां छोड़ दिया और वह मौत के आगोश में समा गई*

*निशू धीमान जैसे मानवता भरे कार्य को अंजाम देने वाले को दिल से सलाम*


*दूध का कारोबार करने वाले व्यक्ति के दिलों में कोई जज्बात कोई मानवता व कोई इंसानियत नहीं बची, गौमाता को बीमार होने पर वहां छोड़ दिया और वह मौत के आगोश में समा गई*

*क्या ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.??*

मुज़फ्फरनगर।आए दिन सड़क हादसों में गौमाताओं की जान चली जाती है और इसके अलावा बहुतसे गोवंश समय पर इलाज न मिलने के कारण तड़पकर मर जाते हैं तथा कुछ लोग गोवंश को  जब तक पालते हैं जब तक वह दूध देती हैं और इसके बाद अगर वह बीमार हो जाती हैं तो उसको सड़क पर छोड़ देते हैं जिस कारण वह बगैर इलाज के मौत के आगोश में चली जाती हैं।एक ऐसा ही मामला शहर कोतवाली क्षेत्र के चरथावल मदरसे के  सामने नजर आया जिस पर एक प्लॉट में एक गौमाता बगैर इलाज के मौत के मुंह में समा गई लेकिन जिसकी यह गाय थी उसने एक बार भी मुड़कर नही देखा कि जिस गौ माता का वह दूध बेच कर अपना जीवन सुखद बना रहा था और उसके बीमार होने पर उसे सड़क पर छोड़कर चला गया। बताया जा रहा है कि यह गौ माता तांगा स्टैंड से ऊपर छोटी सी गली में रहने वाले एक दूध डेरी चलाने वाले की बताई जा रही है उसके पास बहुत सी गाय और भैंस भी हैं जो दूध का कारोबार करता हैं लेकिन इस व्यक्ति के दिल में कोई जज्बात कोई मानवता व कोई इंसानियत नहीं है इसने गौमाता को बीमार होने पर वहां छोड़ दिया और वह मौत के आगोश में समा गई।क्या ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए जो गौमाताओं का दूध बेच कर अपना जीवन तो सुखद बना रहें लेकिन मानवता नही दिखा रहें हैं।लेकिन एक ऐसा समाजसेवी निशू धीमान भी है जो बेसहारा गायों को सहारा देने के लिए एक अनूठी पहल चलाये हुए हैं और आज भी गौमाता की जानकारी मिलते ही वह चरथावल रॉड प्लाट पर पहुंचकर गौमाता की मौत होने पर पूजन कर गौ समाधि विधि से अंतिम संस्कार कर गड्ढा खुदवाकर दबाया।

नारायणपुर गांव में रामलीला का फीता काटकर उद्घाटन किया गया

नारायणपुर गांव में रामलीला का फीता काटकर उद्घाटन किया गया

मंडावर थाना क्षेत्र बालावाली चौकी के गांव नारायणपुर में रामलीला का फीता काटकर उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रिंस चौधरी युवा भाजपा नेता द्वारा किया गया उपस्थित रहे। थाना प्रभारी संजय कुमार बालावाली चौकी इंचार्ज संदीप कुमार ग्राम प्रधान पति संजीव प्रजापति सुपाल सिंह घसीटा सैनी नरेंद्र शर्मा जितेंद्र कुमार विकास कुमार राजकुमार सैनी मंगल पांडे दीपक कुमार अमोद कुमार मंडावर मंडल महामंत्री युवा मोर्चा आकाश कुमार व समस्त रामलीला कमेटी के सदस्य एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे।
मंडावर बिजनौर से संवाददाता मुकेश कुमार की रिपोर्ट

Friday, 23 September 2022

पत्रकार राजकुमार पाल के परिजनों को ढांढस देने पहुंचे थाना प्रभारी संजय कुमार

पत्रकार राजकुमार पाल के परिजनों को ढांढस देने पहुंचे थाना प्रभारी  संजय कुमार


मंडावर थाना प्रभारी संजय कुमार ने दिवंगत पत्रकार राजकुमार उर्फ नन्हे के घर पहुंचकर शोकाकुल परिजनों का ढांढस बंधाया। थाना प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार ने दिवंगत आत्मा के प्रति शोक संवेदना प्रकट की और मृतक की माता और बच्चों का ढांढस बंधाया। उल्लेखनीय है कि बीमारी के चलते राजकुमार उर्फ नन्हे का असामयिक मृत्यु हो गई थी। मृतक पत्रकार का बाल वाली गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। उनके जेष्ठ पुत्र अक्षय ने चीता को मुखाग्नि दी और दाह संस्कार कराया आज दिन शुक्रवार दिवंगत पत्रकार राजकुमार उर्फ नन्हे का तिजा था। जिसमें शोकाकुल परिजनों ने बाल दान किए।

गंगा का जल स्तर बढ़ा थाना प्रभारी संजय कुमार द्वारा लोगो को गंगा पार ना जाने की डी हिदायत

गंगा का जल स्तर बढ़ा थाना प्रभारी संजय कुमार द्वारा लोगो को गंगा पार ना जाने की डी हिदायत 

मंडावर थाना क्षेत्र राजा रामपुर देवलगढ़  एसपी के दिशा निर्देश पर मडावर पुलिस गंगा किनारे बसे ग्रामीणों को जागरूक कर रही है। वह पहुंचे अपनी पुलिस टीम के साथ थाना प्रभारी संजय कुमार ने गंगा का जलस्तर बढ़ता देख गंगा के किनारे बसे गांव के लोगों को अलर्ट किया। और थाना प्रभारी संजय कुमार ने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति गंगा में नाव द्वारा जानवरों के लिए चारा लेने गंगा के उस पार न जाए। और जो भी लोग गंगा के उस पार है उन्हें सभी को वापस बुला ले।

सयैद अताउल्लाह शाह बुखारी*

*सयैद अताउल्लाह शाह बुखारी*

सैयद अता उल्लाह शाह बुखारी (२३ सितंबर १८९२- २१ अगस्त १९६१). भारतीय उपमहाद्वीप के एक मुस्लिम हनफ़ी विद्वान, धार्मिक और राजनीतिक नेता थे। वह मजलिस-ए-अहरार-ए-इस्लाम के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उनके जीवनी लेखक, आगा शोरिश कश्मीरी कहते हैं कि बुखारी का सबसे बड़ा योगदान भारतीय मुसलमानों के बीच मजबूत ब्रिटिश विरोधी भावनाओं अंकुरण था। वह अहरार आंदोलन के सबसे उल्लेखनीय नेताओं में से एक है जो मुहम्मद अली जिन्ना के विरोध और एक स्वतंत्र पाकिस्तान की स्थापना के विरोध के साथ-साथ अहमदिया आंदोलन के विरोध से जुड़े थे। उन्हें एक पौराणिक बयानबाजी के रूप में माना जाता है, जिसने उन्हें मुसलमानों के बीच प्रसिद्ध बना दिया।

उन्होंने 1916 में अपने धार्मिक और राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उनके भाषणों में गरीबों के दुखों और कष्टों को चित्रित किया गया था, और अपने दर्शकों से वादा किया था कि उनके कष्टों का अंतः ब्रिटिश शासन के अंत के साथ होगा। अपने राजनीतिक जीवन के पहले चरण के रूप में, उन्होंने 1921 में कोलकाता से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आंदोलनों में भाग लेना शुरू किया, जहां उन्होंने एक भरा हुआ भाषण दिया और उस भाषण के कारण 27 मार्च 1921 को गिरफ्तार कर लिया गया। वह प्रशासन के लिए एक आँख बन गया, और उसके बारे में एक आधिकारिक दृष्टिकोण ने कहा अताउल्लाह शाह एक ऐसा व्यक्ति है, जिसके साथ बातचीत करने की तुलना में कांग्रेस नेताओं से दूर जेल में बंद होना बेहतर है। उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा राजद्रोह का प्रचार करने में बिताया है। वह एक मनोरंजक वक्ता हैं, जो भीड़ को प्रभावित कर सकते हैं।

नेहरू रिपोर्ट के बाद बुखारी ने मजहर अली अजहर, चौधरी अफजल हक, हबीब उर रहमान लुधियानवी, हिसाम-उद-दीन, मास्टर ताज-उज-दीन के साथ अखिल भारतीय मजलिस-ए-अहरार-ए इस्लाम बनाया। 29 दिसंबर 1929 को अंसारी और जफर अली खान बाद में प्रमुख ब्रेलवी वक्ता सैयद फैज-उल हसन शाह भी उनके साथ शामिल हो गए। वह भारत में भारतीय राष्ट्रवादी मुस्लिम राजनीतिक आंदोलन मजलिस-ए-अहरार के संस्थापक पिता भी थे। 1943 में, अहरार ने भारत के विभाजन के विरोध में एक प्रस्ताव पारित किया और अपनी प्रतिष्ठा को बदनाम करने के प्रयास में जिन्ना को एक काफिर के रूप में चित्रित करके अपनी आपत्तियों में एक सांप्रदायिक तत्व का परिचय दिया।" उन्होंने अहमदियों के खिलाफ एक आंदोलन का नेतृत्व किया और एक अहरार तबलीग का आयोजन किया। २१-२३ अक्टूबर १९३४ में कादियान में सम्मेलन १९४९ में उन्होंने आलमी मजलिस तहफफुज खतम-ए-नुबुव्वत की स्थापना की और पहले अमीर के रूप में सेवा की बुखारी १९५३ के खत्मे नबुव्वत आंदोलन में एक केंद्रीय व्यक्ति थे, जिसने उस सरकार की मांग की थी। पाकिस्तान ने अहमदियों को गैर मुसलमान घोषित किया।

२१ अगस्त १९६१ को बुखारी की मृत्यु हो गई। उन्हें पाकिस्तान के मुल्तान में तरीन रोड पर गुल्टेक्स शोरूम के पास चिल्ड्रन कॉम्प्लेक्स के पास दफनाया गया है।

Thursday, 22 September 2022

मंडावर मे बैंक चेकिंग के दौरान बुजुर्ग महिला की पेंशन ना आने पर थाना प्रभारी संजय कुमार ने की मदद

मंडावर मे बैंक चेकिंग के दौरान बुजुर्ग महिला की पेंशन ना आने पर थाना प्रभारी संजय कुमार ने की मदद 

मुकेश कुमार 

मंडावर के थाना प्रभारी संजय कुमार ने आज इंसानियत का परिचय देते हुए बैंक मे एक बुजुर्ग महिला की मदद की
आपको बताते चले की आज भारतीय स्टेट बैंक मे चेकिंग के दौरान एक बुजुर्ग महिला से जानकारी करने पर बताया की मेरी पेंशन नहीं आई है तो थाना प्रभारी संजय कुमार ने कहा की कोई बात नहीं माता जी हम खाकी वाले आप के साथ है और हर सम्भव आपकी सहायता की जायेगी और थाना प्रभारी द्वारा बुजुर्ग महिला को कुछ पैसे देकर उनको सहायता की और कहा की अगर आपको कोई परेशानी हो आप मुझे बताना आपकी हर प्रकार से मदद की जायेगी थाना प्रभारी के इस कार्य की क्षेत्र मे बहुत प्रशंशा की जा रही है

बिजौरी में श्री राम शोभायात्रा का फीता काट कर शुभारंभ।

बिजौरी में श्री राम शोभायात्रा का फीता काट कर शुभारंभ।

नजीबाबाद तहसील क्षेत्र के घनी आबादी वाले चर्चित गांव बिजौरी में एक सप्ताह पूर्व से चल रही श्री रामलीला के समापन के अवसर पर एक भव्य श्री राम शोभायात्रा का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्र के हजारों लोगों ने भाग लिया। मुझे इस पुनीत कार्य श्री राम शोभायात्रा के लिए मुख्य अतिथि के रूप में फीता काट कर शुभारंभ करने का आतिथ्य निमंत्रण मिला। गांव के संभ्रांत लोगों की उपस्थिति में श्री राम शोभायात्रा का फीता काट कर शुभारंभ कर यात्रा को गांव में भ्रमण करने के लिए रवाना किया गया।

इस अवसर-  भाजपा कार्यकारिणी सदस्य कमल सैनी, भाजपा नेता क्षेत्र पंचायत सदस्य पूर्व भाजपा जिला महामंत्री चौधरी विक्रम सिंह खोबे, भाजपा युवा मोर्चा मंडल मंत्री ओमकार शर्मा, भाजपा कार्यकर्ता शकील अहमद, भाजपा मंडल उपाध्यक्ष किमो संकोच कुमार, भाजपा बूथ अध्यक्ष हेमेंद्र सिंह, समाजसेवी अरुण कुमार,सरदार हरविंदर सिंह,सरदार सतेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, एडवोकेट राजेंद्र सिंह,सौरव कुमार, अरविंद कुमार, ग्राम प्रधान जोगेंद्र सिंह, नंदराम, दयाराम, अनिल कुमार,आशू कुमार, विकास कुमार,नेतराम सिंह, राजेंद्र कश्यप, महेंद्र जीत सिंह आदि अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे,

अस्पताल मे बीमारी के चलते पत्रकार की मौत

अस्पताल मे बीमारी के चलते पत्रकार की मौत
मुकेश कुमार 

मंडावर बीमारी के चलते पत्रकार की मौत घर में मचा कोहराम कस्बे वासियों और पत्रकारों में छाया गम का माहौल।
मंडावर थाना कस्बे के पत्रकार राजकुमार उर्फ नन्हे पुत्र तुलाराम मोहल्ला मंगल बाजार निवासी का बीमारी के चलते बुधवार की देर रात निजी अस्पताल में मौत हो गई। उनकी मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। जिससे पत्रकारों और कस्बे वासियों में भी गम का माहौल छा गया। बृहस्पतिवार को उनका  अंतिम संस्कार बालावाली गंगा घाट पर किया गया वह अपने पीछे अपना परिवार और दो बच्चों को रोता विकलता छोड़ गए। जिससे परिवार में गम का माहौल बना हुआ है।

संवाददाता मुकेश कुमार की रिपोर्ट