Sunday, 31 March 2024

विवाह के पश्चात पुरूषों की ऐसी मनोस्थितियाँ जो स्त्रियां कभी समझ नहीं पाती ।

विवाह के पश्चात पुरूषों की ऐसी मनोस्थितियाँ जो स्त्रियां कभी समझ नहीं पाती ।

1- जिस माता पिता ने जन्म देकर पाला पोसा जब उसे छोड़ने के लिए पत्नी दबाव डालती है तो पुरुष के हृदय की पीड़ा स्त्री नहीं समझती।

2- जब ऑफिस से एक पुरुष आता है और माँ व पत्नी लड़ते हुए एक दूसरे पर आरोप लगाती हैं, तब सैंडविच पुरुष का बनता है तब उसकी मानसिक पीड़ा का अंदाज़ा दोनो स्त्रियां नहीं लगाती।

3- जब लड़का किसी लड़की से प्रेम कर विवाह करता है, व माता को असुरक्षा महसूस होती है कि बेटा मेरे हाथ से गया। कुछ न कुछ बेटों को जब बोलती है तो बेटे का हृदय दुखता है तो यह अंदाजा माँ को नहीं हो पाता।

4- अच्छे पुरुष जो अपनी पत्नी से सच्चे दिल से प्रेम करते हैं, जब पत्नी उनकी आय की लिमिट न समझते हुए डिमांड करती है, तब पति की मनःस्थिति नहीं समझती।

5- अच्छे लड़के जिन्हें लड़कियां प्रेम के नाम पर उनसे अपना कार्य करवाती हैं, वो सब जानते हुए प्रेम में बेवकूफ़ बनते हैं तो उनकी मनःस्थिति लड़की नहीं समझती।

6- बुरे लड़के जब किसी लड़की को फंसाने के लिए मकड़ी की तरह प्रेमजाल बुनते हैं, तब लड़की उनके धोखे को नहीं समझ पाती।

7- व्यभिचारी लड़के जब अच्छी पत्नी के प्रेम व सेवा की उपेक्षा कर बाहर सम्बन्ध बनाते हैं। तो उनकी इस मनःस्थिति को पत्नी नहीं समझ पाती।

8- सीधे शर्मीले लड़कों को जब ऑफिस या कॉलेज में लड़कियों के समूह द्वारा तंज कसा जाता है, तब उसकी मनःस्थिति व पीड़ा का अंदाजा लड़कियों को नहीं होता।

9- जब एक लड़का पुत्री का पिता बनता है, बेटी की बड़ी डिमांड को पूरी नहीं कर पाता, बेटी झल्लाती है तब पिता के दर्द को बेटी नहीं समझ पाती।

10- विवाह के बाद अपनी जान के टुकड़े बेटी को विदा करते हुए असीम पीड़ा पिता के हृदय को होती है वह बेटी नहीं समझ पाती।

11- अच्छा भाई जब बहन को किसी बात के लिए समझाता है व बहन उसे उल्टा सीधा बोलकर निकल जाती है। तब भाई के हृदय की पीड़ा को वह नहीं समझ पाती।

12- अच्छा भाई जब रक्षाबंधन पर अपनी बहन का इंतज़ार करता है, और रंग में भंग जब भाई बहन के बीच जब उसकी पत्नी डालती है, तब वह खून के घूंट पीकर रह जाता है। तब उसके हृदय की पीड़ा पत्नी नहीं समझती।

Saturday, 30 March 2024

ब्रेकिंग प्रतापगढ़-----------**दबंगई से काटा जरा हरा पेड़ न्यायलय के आदेश का अनुपालन नहीं करवा पर रही कुंडा पुलिस*

*ब्रेकिंग प्रतापगढ़-----------*

*दबंगई से काटा जरा हरा पेड़ न्यायलय के आदेश का अनुपालन नहीं करवा पर रही कुंडा पुलिस*

*मामला कुंडा थाना क्षेत्र के रहवाई पनाह नगर गाँव का है जहां न्यायलय के आदेश का अनुपालन नहीं करवा पर रही है पुलिस*

*पीड़ित राम बहादुर का कहना है की न्यायलय ने दौराने मुकदमा पेड़ काटने समेत किसी भी काम के लिए किया है मनाही*

*उपजिलाधिकारी कुंडा ने भी न्यायोचित कार्यवाई करने के लिए पुलिस को आदेश दिया है लेकिन दबंग नहीं मान रहे कोई आदेश*

*अब सवाल ये है की न्यायलय और उपहिलाधिकारी के आदेशों का अनुपालन कराने मे विफल क्यों हो रही है पुलिस*

*पीड़ित काट रहा न्यायलय और थानेआ का चक्कर लेकिन उसकी नहीं हो रही सुनवाई सरकार को बदनाम करने मे जूते सरकारी आमुलाजिम*

*अनुराग तिवारी*
     *अमृत प्रभात*
         *भारत। 24*
                *कुंडा*

*एक ऐसा गांव जहाँ एक एक बूंद पानी के लिए तड़प रहे इंसान व जानवर।*

**एक ऐसा गांव जहाँ एक एक बूंद पानी के लिए तड़प रहे इंसान व जानवर।* 

सरकार किसी की हो सभी सरकारें या प्रत्याशी ये दावा करते हैं कि हमारी सरकार ने विकास की नदियां बहा दी हैं और आगे भी हमारी सरकार विकास की नदियाँ बहा देंगे लेकिन भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य के उन्नाव जिले के बीघापुर तहसील के सुमेरपुर ब्लॉक के कल्यानपुर प्रथम ग्राम सभा में एक चिकन्दरपुर ऐसा गांव है। जोकि उन्नाव लालगंज हाइवे 31 के दोनो तरह बसा हुआ है और इस गांव विकास की नदियों की बात छोड़ो इन्सान से लेकर जानवर तक एक एक बूंद पानी के लिए तड़प रहे हैं। पता नही सरकारें जो विकास का डंका बजा रही हैं वो विकास कहाँ पर हो रहा है। यहां तक कि लगभग 10 साल पहले यहाँ पर पानी की टंकी बनाई गई थी कि गांव में पानी की समस्या खतम होगी लेकिन गांव के मुखिया यानी की ग्राम प्रधान जो उस समय थे पानी की 6 इंची पाइपे बेंच कर ढाई इंची पाइपे डलवा दी तथा पानी खराब होने के कारण अधिकारियों ने ठेकेदार को रीबोर कराने के लिए कहा उसके बाद चुनाव हो गया और अगले प्रधान ने ठेकेदार से सांठगांठ करके फ्लोराइड पानी युक्त टंकी को पास करके अपने अंडर में ले लिया। और वही फ्लोराइड पानी ही गांव की जनता को देने लगे मजबूर जनता वही पानी पीने लगी इससे भी प्रधान को चैन नही मिला तो उन्होंने ग्राम सभा की गरीब जनता को उसी फ्लोराइड पानी प्रति माह 50 रुपये चार्ज बांध दिया। जबकि जानकारी के अनुसार पूरे जिले में कहीं भी नगर पंचायत या ग्राम पंचायत में टंकी के पानी का इतना चार्ज प्रति माह नही लिया जाता है। नगर पंचायतों का पानी का चार्ज आज भी केवल 30 रुपये लिया जाता है। उसके बाद ये पानी की टंकी किसी तरह 5 साल चली और दोबारा प्रधानी का चुनाव हो गया बनने वाले मौजूद प्रधान पानी की टंकी से पूरी तरह मुंह फेर लिया बोलते हैं इसका चार्ज हमारे पास नही है न इसका जीओ हमको मिला है और न ही कोई कागज मतलब कि शायद इसका जीओ भी कहीं खो दिया गया है जिससे इसमें हुए भ्रष्टाचार को किसी को पता ही न चले तथा मौजूदा प्रधान से इस टंकी के पानी के बारे में बोलो तो कहते हैं कि कोई पैसा ही नही देता है क्या सरकार जो गांवों में रीबोर का पैसा देती थी वो बंद कर दिये हैं लेकिन जानकारी के अनुसार पिछले पांच साल में 3 लाख रुपये रीबोर का पैसा निकाला गया था और मौजूद प्रधानी में भी रीबोर का भरपूर पैसा निकाला जा रहा है लेकिन पिछले 10 सालों से कोई नल रीबोर नही कराया जा रहा है। सारे नल ध्वस्त पड़े हैं यहां तक कि मौजूद प्रधान के दरवाजे जो सरकारी नल लगा हुआ था उसमें उन्होंने मोटर डलवा कर खुद पूरे मजे ले रहे हैं शुरू से आज तक ये टंकी कभी भी 6 माह सही से नही चल पायी है और अभी भी लगभग 15 दिन से बंद पड़ी है। देश में इस समय सबसे बड़ा चुनाव होने जा रहा है लेकिन राजनीति के आगे किसी भी प्रत्याशी को इस गांव की दुर्दशा नही दिखाई देती है। ब्लॉक अधिकारी फोन उठाने से कतराते हैं क्योंकि हो रहे भ्रष्टाचार में उनका भी बराबर का हिस्सा लगता है।

Tuesday, 26 March 2024

एक सुन्दर महिला ने विमान में प्रवेश किया और अपनी सीट की तलाश में नजरें घुमाईं

एक सुन्दर महिला ने विमान में प्रवेश किया और अपनी सीट की तलाश में नजरें घुमाईं। उसने देखा कि उसकी सीट एक ऐसे व्यक्ति के बगल में है। जिसके दोनों ही हाथ नहीं है। महिला को उस अपाहिज व्यक्ति के पास बैठने में झिझक हुई। वह 'सुंदर' महिला, एयरहोस्टेस से बोली " मै इस सीट पर सुविधापूर्वक यात्रा नहीं कर पाऊँगी। क्योंकि साथ की सीट पर जो व्यक्ति बैठा हुआ है उसके दोनों हाथ नहीं हैं।" उस सुन्दर महिला ने एयरहोस्टेस से सीट बदलने हेतु आग्रह किया। असहज हुई एयरहोस्टेस ने पूछा, "मैम क्या मुझे कारण बता सकती है..?"
'सुंदर' महिला ने जवाब दिया "मैं ऐसे लोगों को पसंद नहीं करती। मैं ऐसे व्यक्ति के पास बैठकर यात्रा नहीं कर पाउंगी।"दिखने में पढी लिखी और विनम्र प्रतीत होने वाली महिला की यह बात सुनकर एयरहोस्टेस अचंभित हो गई। 

महिला ने एक बार फिर एयरहोस्टेस से जोर देकर कहा कि "मैं उस सीट पर नहीं बैठ सकती। अतः मुझे कोई दूसरी सीट दे दी जाए।"एयरहोस्टेस ने खाली सीट की तलाश में चारों ओर नजर घुमाई, पर कोई भी सीट खाली नहीं दिखी।

एयरहोस्टेस ने महिला से कहा कि "मैडम इस इकोनोमी क्लास में कोई सीट खाली नहीं है, किन्तु यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखना हमारा दायित्व है। अतः मैं विमान के कप्तान से बात करती हूँ। कृपया तब तक थोड़ा धैर्य रखें।" ऐसा कहकर होस्टेस कप्तान से बात करने चली गई।

कुछ समय बाद लोटने के बाद उसने महिला को बताया, "मैडम! आपको जो असुविधा हुई, उसके लिए बहुत खेद है | इस पूरे विमान में, केवल एक सीट खाली है और वह प्रथम श्रेणी में है। मैंने हमारी टीम से बात की और हमने एक असाधारण निर्णय लिया। एक यात्री को इकोनॉमी क्लास से प्रथम श्रेणी में भेजने का कार्य हमारी कंपनी के इतिहास में पहली बार हो रहा है।"

'सुंदर' महिला अत्यंत प्रसन्न हो गई, किन्तु इसके पहले कि वह अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करती और एक शब्द भी बोल पाती। एयरहोस्टेस उस अपाहिज और दोनों हाथ विहीन व्यक्ति की ओर बढ़ गई और विनम्रता पूर्वक उनसे पूछा "सर, क्या आप प्रथम श्रेणी में जा सकेंगे..? क्योंकि हम नहीं चाहते कि आप एक अशिष्ट यात्री के साथ यात्रा कर के परेशान हों। यह बात सुनकर सभी यात्रियों ने ताली बजाकर इस निर्णय का स्वागत किया। वह अति सुन्दर दिखने वाली महिला तो अब शर्म से नजरें ही नहीं उठा पा रही थी।

तब उस अपाहिज व्यक्ति ने खड़े होकर कहा, "मैं एक भूतपूर्व सैनिक हूँ। और मैंने एक ऑपरेशन के दौरान कश्मीर सीमा पर हुए बम विस्फोट में अपने दोनों हाथ खोये थे। सबसे पहले, जब मैंने इन देवी जी की चर्चा सुनी, तब मैं सोच रहा था। की मैंने भी किन लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली और अपने हाथ खोये..?लेकिन जब आप सभी की प्रतिक्रिया देखी तो अब अपने आप पर गर्व महसूस हो रहा है कि मैंने अपने देश और देशवासियों की खातिर अपने दोनों हाथ खोये।"और इतना कह कर, वह प्रथम श्रेणी में चले गए।

'सुंदर' महिला पूरी तरह से शर्मिंदा होकर सर झुकाए सीट पर बैठ गई।
अगर विचारों में उदारता नहीं है तो ऐसी सुंदरता का कोई मूल्य नहीं है ।
(साभार)

मैं नास्तिक क्यों हूँ" ---- भगत सिंहमैं सर्वशक्तिमान परमात्मा के अस्तित्व को मानने से इंकार करता हूं!....

"मैं नास्तिक क्यों हूँ"
    ---- भगत सिंह

मैं सर्वशक्तिमान परमात्मा के 
अस्तित्व को मानने से इंकार करता हूं!....

मैं नास्तिक इसलिए नहीं बना!
कि मैं अभिमानी हूं!
पाखण्डी या निरर्थक हूं!
मैं न तो किसी का अवतार हूं!
न ईश्वर का दूत!
औऱ न ही खुद परमात्मा!

मैं अपना जीवन एक मक़सद के लिए 
न्यौछावर करने जा रहा हूं!
औऱ इससे बड़ा आश्वासन 
भला क्या हो सकता है!

ईश्वर में विश्वास रखने वाला 
एक हिन्दू पुनर्जन्म में एक राजा 
बनने की आशा कर सकता है!
एक मुसलमान एक ईसाई को स्वर्ग में 
भोग बिलास की इच्छा हो सकती है!
अपने कष्ट औऱ कुर्बानियों के बदले 
पुरुष्कृत होने की कामना हो सकती है!
लेकिन मुझे क्या आशा करनी चाहिए!

मैं जानता हूं!
कि जिस पल रस्सी का फंदा 
मेरे गले में लगेगा!
औऱ मेरे पैरों के नीचे से तख्ता हटेगा!
वो मेरा अंतिम क्षण होगा!

किसी स्वार्थ भावना के बिना!
यहां या यहां के बाद 
किसी पुरुष्कार की इच्छा किये बिना!
मैंने अनासक्त भाव से अपने जीवन को 
आजादी के नाम कर दिया है!

हमारे पूर्वजों को जरूर किसी 
सर्वशक्तिमान में आस्था रही होगी!
कि उस विश्वास के सच या 
उस परमात्मा के अस्तित्व को 
जो भी चुनौती देता है!
उसे काफिऱ या पाखण्डी कहा जाता है!
चाहे उस व्यक्ति के तर्क इतने 
मज़बूत क्यों न हो!
कि उसे ईश्वर के प्रकोप का डर 
दिखाकर भी झुकाया नहीं जा सकता!
औऱ इसलिए ऐसे व्यक्ति को 
अभिमानी कहकर उसकी निंदा की जाती है!

मैं घमण्ड की बजह से नास्तिक नहीं बना!
ईश्वर पर मेरे अविश्वास ने आज सभी 
परिस्थितियों को मेरे प्रतिकूल बना दिया है!
औऱ ये स्थिति औऱ भी ज़्यादा 
बिगड़ सकती है!
जऱा सा अध्यात्म इस स्थिति को 
काव्यात्मक मोड़ दे सकता है!
लेकिन अपने अंत से मिलने के लिए 
मैं कोई तर्क नहीं देना चाहता!

मैं यथार्थवादी व्यक्ति हूं!
अपने व्यवहार पर मैं सिर्फ 
तर्कशील होकर विजय पाना चाहता हूं!
भले ही मैं हमेशा इन कोशिशों में 
कामयाब नहीं रहा हूं!
लेकिन ये मनुष्य का कर्तव्य है!
कि वो कोशिश करता रहे!
क्योंकि सफलता तो 
संयोग औऱ हालात पर निर्भर करती है!

आगे बढ़ते रहने वाले 
प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी है कि 
वो पुरानी आस्था के सभी 
सिद्धांतों में दोष ढूंढ़े!
उसे एक एक कर पुरानी 
मान्यताओं को चुनौती देनी चाहिए!
सभी बारीकियों को 
परखना औऱ समझना चाहिए!

अगर कठोर तर्क वितर्क के बाद 
वह किसी धारणा तक पहुंचता है!
तो उसके विश्वास को सराहना चाहिए!
उसके तर्कों को गलत या झूठा भी 
समझा जा सकता है!
पर संभव है कि 
उसे सही ठहराया जायेगा!
क्योंकि तर्क ही जीवन का मार्गदर्शक है!

लेकिन विश्वास!
बल्कि मुझे कहना चाहिए कि 
अंधविश्वास बहुत घातक है!
वो एक व्यक्ति की सोच समझ की 
शक्ति को मिटा देता है!
और उसे सुधार विरोधी बना देता है!

जो भी व्यक्ति खुद को 
यथार्थवादी कहने का दावा करता है!
उसे पुरानी मान्यताओं के सच को 
चुनौती देनी होगी!
और यदि आस्था तर्क के प्रहार को 
सहन न कर पाये!
तो वो बिखऱ जाती है!

यहां अंग्रेज़ों का शासन इसलिए नहीं है!
क्योंकि ईश्वर ऐसा चाहता है!
बल्कि इसलिए है!
क्योंकि उनके पास ताकत है!
औऱ हममें उसका विरोध करने का 
साहस नहीं है!
अंग्रेज़ ईश्वर की मदद से 
हमें काबू में नहीं रख रहे हैं!
बल्कि वो बंदूकों पुलिस और सेना 
के सहारे ऐसा कर रहे हैं!
और सबसे ज़्यादा!
हमारी बेपऱवाही की बजह से!

मेरे एक दोस्त ने मुझसे 
प्रार्थना करने को कहा!
जब मैंने उससे अपने नास्तिक 
होने की बात कही!
तो उसने कहा!
जब तुम्हारे आखिरी दिन नजदीक आयेंगे!
तब तुम भी यकीन करने लगोगे!
मैंने कहा!
नहीं मेरे प्यारे मित्र!
ऐसा कभी नहीं होगा!
मैं इसे अपने लिए अपमानजनक 
और नैतिक पतन की बजह समझता हूं!
ऐसी स्वार्थी बजह से 
मैं कभी प्रार्थना नहीं करूंगा!

#भगतसिंह की जेल डायरी से |

Saturday, 23 March 2024

मदरसा शिक्षा बोर्ड पर हाई कोर्ट के निर्णेय का स्वागत लेकिन पुना विचार की भी जरुरत* : *फरहत अली खान क्यू*

*मदरसा शिक्षा बोर्ड पर हाई कोर्ट के निर्णेय का स्वागत लेकिन पुना विचार की भी जरुरत* : *फरहत अली खान क्यू* 
अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत खान ने कहा कि मानिए हाईकोर्ट ने मदरसा शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन और कानून को धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ बताते हुए 16512 जिसमें सरकार से अनुदानित पास 560 और 8500  गैर मान्यता प्राप्त मदारिस हैं , जो कि राज्य सरकार की स्तर पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा किए जाने के औचित्तय पर सवाल उठाए गए थे । 2023 में जांच के लिए एस आई टी का गठन किया गया था । जांच में 13000 मदारिस में गड़बड़ियां पाई गई । कई के अवैध रूप से संचालन के प्रमाण मिले । इनको बंद करने की तैयारी चल रही है । हाईकोर्ट ने मदरसा छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार में उन्हें सरकारी स्कूलों में समायोजित कर शिक्षा के मुख्य धारा से जोड़ने का निर्देश दिया है । माननीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय से इतना निवेदन है कि जिन लोगों ने मदारिस से शिक्षा प्राप्त कर डिग्रियां प्राप्त कर ली हैं , उनकी डिग्रियों को निरस्त नहीं किया जाना चाहिए । जो लोग मदारिस के अतिरिक्त नौकरियां कर रहे हैं उन्हें भी यथावत रहने दिया जाना चाहिए । मदारिस में पढ़ने वाले अधिक तर शिक्षार्थी निर्धन और अनाथ होते हैं उनके लिए उचित प्रबंधन की जरूरत है, अन्यथा यह बच्चे मदारिस से तो वंचित हो जाएंगे साथ में यह स्कूल भी नहीं जा पाएंगे। इनके लिए विशेष प्रबंध जरूरी है । उन्होंने कहा कि भारत में ऐसे भी विद्यालय चलते हैं जिसमें मुस्लिम या अन्य समाज के बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जाता है और उनके प्रबंधन में भी कोई गैर समुदाय या धर्म का व्यक्ति नहीं रखा जाता, जहां धर्मनिरपेक्षता का पूरा उल्लंघन होता है । जिस पर हमें कोई आपत्ति नहीं । माननीय उच्च न्यायालय और सरकार को मदारिस के विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर अत्यंत गंभीर होने की जरूरत है क्योंकि मुस्लिम समाज किसी बोर्ड के खत्म होने पर निर्भर नहीं बल्कि शिक्षा पर निर्भर होना चाहता है। मुस्लिम महासंघ इस हाईकोर्ट के निर्णय का स्वागत करता है। मुस्लिम समाज से अपील करता है मानिए हाईकोर्ट के निर्णय का सभी स्वागत कर,शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करें। चाहें वह मदारिस में हो या व्धियाले में।
फरहत अली खान
राष्ट्रीय अध्यक्ष मुस्लिम महासंघ

Thursday, 21 March 2024

*होली से पूर्व फूलों की होली एक मिसाल* *फरहत अली खान*अखिल

*होली से पूर्व फूलों की होली एक मिसाल* *फरहत अली खान*
अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ एक दशक से ज्यादा हर वर्ष अंबेडकर पार्क खेलते है फूलों की होली राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खान ने कहा कि हमारे भारतवर्ष में फूलों की होली खेलने की परंपरा हमें सूफी संतों से मिलती है होली ही एक ऐसा त्यौहार है जो अलग अलग रंगों को एक रंग कर देता है आज देश में जन-जन को एक रंग हो जाना चाहिए उन्होंने कहा कि *हमारा पैगाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे* इस अवसर पर मुकेश पाठक ने कहा कि रामपुर ही एक ऐसी मिसाल है जो हमेशा से अमन शांति भाईचारे प्रतीक बना हुआ है  जो यह संदेश फूलों की होली खेल कर देता है नदीम खान ने कहा कि हमें भारतीय परंपराओं को निभाते हुए ऐसी खुशी होती है कि हम फूल न समाते प्रमोद आहूजा बोले कोई भी धर्म हो हमेशा एकता का संदेश देता है और फूलों की होली खेल कर हम पूरे देश को यही संदेश देना चाहते हैं इस अवसर पर यासीन अहमद असालत अली खान हसनत फातिमा मशीयत फातिमा नैना साहनी  जय प्रकाश अर्जुन रस्तोगी फिरोज बुरहान अनस खान बड़ी संख्या में हिंदू मुस्लिम समाज के प्रभावशाली  व्यक्ति मौजूद रहे ।

Thursday, 14 March 2024

*सी ए ए उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए नागरिकता का सही मार्ग फरहत अली खान*

*सी ए ए उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए नागरिकता का सही मार्ग फरहत अली खान*
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सी. ए. ए.) दिसंबर 2019 में लागू होने के बाद से गरमागरम चर्चा का विषय रहा है। भारत में धर्मनिरपेक्षता और समावेशिता पर इसके प्रभाव पर राय व्यापक रूप से भिन्न है। पूरी तस्वीर को समझने के लिए, अधिनियम के प्रावधानों, इसके ऐतिहासिक संदर्भ और इससे सीधे प्रभावित लोगों की आवाज़ में गहराई से जाना आवश्यक है। सी. ए. ए. का उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए नागरिकता में तेजी लाना है। विशेष रूप से, यह उन हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनों, पारसियों और ईसाइयों को लक्षित करता है जो इन देशों में धार्मिक उत्पीड़न से भाग गए थे। यह कानून उत्पीड़ितों के लिए एक सुरक्षित भूमि के रूप में भारत की ऐतिहासिक भूमिका को स्वीकार करता है।
आलोचकों का तर्क है कि सी. ए. ए. धार्मिक पहचान के आधार पर चुनिंदा रूप से नागरिकता देकर भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को कमजोर करता है। हालांकि, एक जांच से पता चलता है कि अधिनियम धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक सिद्धांत के साथ संरेखित होता है। यह राज्य धर्मों वाले देशों में धार्मिक उत्पीड़न को संबोधित कर कमजोर अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करता है। कुछ समूहों का बहिष्कार बोधगम्य अंतर पर आधारित है, जो उत्पीड़न के विशिष्ट रूपों को संबोधित करने के लिए एक लक्षित दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है। सी. ए. ए. से सीधे प्रभावित लोगों की कथाएँ इसके मानवीय महत्व को रेखांकित करती हैं। उत्पीड़न से भाग रहे व्यक्तियों और भारत में शरण लेने की कहानियाँ कमजोर समुदायों की रक्षा के लिए विधायी उपायों की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती हैं। हालाँकि, यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि भारत सरकार के पास किसी भी समुदाय/व्यक्ति को नागरिकता देने या अस्वीकार करने का विशेषाधिकार है जो उपमहाद्वीप में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत की लंबे समय से चली आ रही प्रतिबद्धता के आधार पर तय किया जाता है
नागरिकता संशोधन अधिनियम भारत के धर्मनिरपेक्षता, समानता और संवेदनशीलता के लोकाचार का प्रतीक है। उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए नागरिकता का मार्ग प्रदान करके, यह भारतीय संविधान में निहित सिद्धांतों को बनाए रखता है और उत्पीड़ितों के लिए एक शरण के रूप में देश की स्थिति की पुष्टि करता है। जैसा कि राष्ट्र जटिल सामाजिक-राजनीतिक वास्तविकताओं से जूझ रहा है, सी. ए. ए. सभी के लिए न्याय और समावेशिता के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
फरहत अली खान 
अध्यक्ष मुस्लिम महासंघ

Wednesday, 13 March 2024

1764 के अक्टूबर में लड़ा गया बक्सर का युद्ध हिंदुस्तान के इतिहास का एक बड़ा टर्निंग पॉइंट था। इस जंग में, हेक्टर मुनरो की अगुवाई वाली अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी का मुकाबला मुगल बादशाहत, बंगाल के नवाब और अवध के नवाब की मिली हुई फौज से हुआ था।

1764 के अक्टूबर में लड़ा गया बक्सर का युद्ध हिंदुस्तान के इतिहास का एक बड़ा टर्निंग पॉइंट था। इस जंग में, हेक्टर मुनरो की अगुवाई वाली अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी का मुकाबला मुगल बादशाहत, बंगाल के नवाब और अवध के नवाब की मिली हुई फौज से हुआ था।

हालांकि अंग्रेजों की संख्या कम थी, फिर भी वो जीत गए। ये कुछ हद तक भारतीय राजाओं के आपस में तालमेल न बिठा पाने की वजह से हुआ था। ये लड़ाई 1765 में इलाहाबाद के एक समझौते (Treaty) पर मुहर लगने के साथ खत्म हुई। इस समझौते ने ईस्ट इंडिया कंपनी को बहुत बड़ा फायदा दिला दिया। उन्हें बंगाल, बिहार और उड़ीसा में टैक्स वसूलने का हक मिल गया, यानी वो इन इलाकों के खजाने पर कब्जा कर सकते थे।

बक्सर के युद्ध के बाद भारत में बहुत बड़े बदलाव आए। इस लड़ाई ने मुगल साम्राज्य को कमजोर कर दिया और अंग्रेजों की बादशाहत को मजबूत कर दिया। ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत की दौलत को हड़पना शुरू कर दिया, जिससे यहां के लोगों में गुस्सा बढ़ता गया। आखिरकार ये गुस्सा 1857 के सिपाही विद्रोह जैसी लड़ाइयों में फूट पड़ा, जिसने अंग्रेजों के राज को चुनौती दी।

कुल मिलाकर, बक्सर का युद्ध एक ऐसा मोड़ था जिसने भारत की तकदीर बदल दी। इसके बाद करीब दो सौ सालों तक भारत अंग्रेजों के राज के अधीन रहा।

इमेज एआई जेनरेटेड है रियल नहीं है
#इतिहास_की_एक_झलक
#historical

असंतुलित पित्त से होने वाले रोग, लक्षण और उपायक्या आपके शरीर से भी बहुत तेज दुर्गंध आती है? या आप बहुत जल्दी गुस्सा हो जाते हैं तो जान लें कि ये सारे लक्षण पित्त प्रकृति के हैं। ऐसे लोग जिनमें पित्त दोष ज्यादा पाया जाता है वे पित्त प्रकृति वाले माने जाते हैं। इस लेख में हम आपको पित्त प्रकृति के गुण, लक्षण और इसे संतुलित करने के उपायों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

*पित्त दोष क्या है :*


असंतुलित पित्त से होने वाले रोग, लक्षण और उपाय
क्या आपके शरीर से भी बहुत तेज दुर्गंध आती है? या आप बहुत जल्दी गुस्सा हो जाते हैं तो जान लें कि ये सारे लक्षण पित्त प्रकृति के हैं। ऐसे लोग जिनमें पित्त दोष ज्यादा पाया जाता है वे पित्त प्रकृति वाले माने जाते हैं। इस लेख में हम आपको पित्त प्रकृति के गुण, लक्षण और इसे संतुलित करने के उपायों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

Pitta Dosha

Contents

1 पित्त दोष क्या है?
2 पित्त के प्रकार :
3 पित्त के गुण :
4 पित्त प्रकृति की विशेषताएं :
5 पित्त बढ़ने के कारण:
6 पित्त बढ़ जाने के लक्षण :
7 पित्त को शांत करने के उपाय :
7.1 विरेचन :
8 पित्त को संतुलित करने के लिए क्या खाएं :
9 पित्त प्रकृति वाले लोगों को क्या नहीं खाना चाहिए :
10 जीवनशैली में बदलाव :
11 पित्त की कमी के लक्षण और उपचार :
12 साम और निराम पित्त :
पित्त दोष क्या है?
पित्त दोष ‘अग्नि’ और ‘जल’ इन दो तत्वों से मिलकर बना है। यह हमारे शरीर में बनने वाले हार्मोन और एंजाइम को नियंत्रित करता है। शरीर की गर्मी जैसे कि शरीर का तापमान, पाचक अग्नि जैसी चीजें पित्त द्वारा ही नियंत्रित होती हैं। पित्त का संतुलित अवस्था में होना अच्छी सेहत के लिए बहुत ज़रूरी है। शरीर में पेट और छोटी आंत में पित्त प्रमुखता से पाया जाता है।

ऐसे लोग पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कि कब्ज़, अपच, एसिडिटी आदि से पीड़ित रहते हैं। पित्त दोष के असंतुलित होते ही पाचक अग्नि कमजोर पड़ने लगती है और खाया हुआ भोजन ठीक से पच नहीं  पाता है। पित्त दोष के कारण उत्साह में कमी होने लगती है साथ ही ह्रदय और फेफड़ों में कफ इकठ्ठा होने लगता है। इस लेख में हम आपको पित्त दोष के लक्षण, प्रकृति, गुण और इसे संतुलित रखने के उपाय बता रहे हैं।

पित्त के प्रकार :
शरीर में इनके निवास स्थानों और अलग कामों के आधार पर पित्त को पांच भांगों में बांटा गया है.

पाचक पित्त
रज्जक पित्त
साधक पित्त
आलोचक पित्त
भ्राजक पित्त
केवल पित्त के प्रकोप से होने वाले रोगों की संख्या 40 मानी गई है।

पित्त के गुण :
चिकनाई, गर्मी, तरल, अम्ल और कड़वा पित्त के लक्षण हैं। पित्त पाचन और गर्मी पैदा करने वाला व कच्चे मांस जैसी बदबू वाला होता है। निराम दशा में पित्त रस कडवे स्वाद वाला पीले रंग का होता है। जबकि साम दशा में यह स्वाद में खट्टा और रंग में नीला होता है। किसी भी दोष में जो गुण पाए जाते हैं उनका शरीर पर अलग अलग प्रभाव पड़ता है और उसी से प्रकृति के लक्षणों और विशेषताओं का पता चलता है.

पित्त प्रकृति की विशेषताएं :
पित्त प्रकृति वाले लोगों में कुछ ख़ास तरह की विशेषताओं पाई जाती हैं जिनके आधार पर आसानी से उन्हें पहचाना जा सकता है। अगर शारीरिक विशेषताओं की बात करें तो मध्यम कद का शरीर, मांसपेशियों व हड्डियों में कोमलता, त्वचा का साफ़ रंग और उस पर तिल, मस्से होना पित्त प्रकृति के लक्षण हैं। इसके अलावा बालों का सफ़ेद होना, शरीर के अंगों जैसे कि नाख़ून, आंखें, पैर के तलवे हथेलियों का काला होना भी पित्त प्रकृति की विशेषताएं हैं।

पित्त प्रकृति वाले लोगों के स्वभाव में भी कई विशेषताए होती हैं। बहुत जल्दी गुस्सा हो जाना, याददाश्त कमजोर होना, कठिनाइयों से मुकाबला ना कर पाना व सेक्स की इच्छा में कमी इनके प्रमुख लक्षण हैं। ऐसे लोग बहुत नकारात्मक होते हैं और इनमें मानसिक रोग होने की संभावना ज्यादा रहती है।

पित्त बढ़ने के कारण:
जाड़ों के शुरूआती मौसम में और युवावस्था में पित्त के बढ़ने की संभावना ज्यादा रहती है। अगर आप पित्त प्रकृति के हैं तो आपके लिए यह जानना बहुत ज़रूरी है कि आखिर किन वजहों से पित्त बढ़ रहा है। आइये कुछ प्रमुख कारणों पर एक नजर डालते हैं।

चटपटे, नमकीन, मसालेदार और तीखे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन
ज्यादा मेहनत करना, हमेशा मानसिक तनाव और गुस्से में रहना
अधिक मात्रा में शराब का सेवन
सही समय पर खाना ना खाने से या बिना भूख के ही भोजन करना
ज्यादा सेक्स करना
तिल का तेल,सरसों, दही, छाछ खट्टा सिरका आदि का अधिक सेवन
गोह, मछली, भेड़ व बकरी के मांस का अधिक सेवन
ऊपर बताए गए इन सभी कारणों की वजह से पित्त दोष बढ़ जाता है। पित्त प्रकृति वाले युवाओं को खासतौर पर अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए और इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

पित्त बढ़ जाने के लक्षण :
जब किसी व्यक्ति के शरीर में पित्त दोष बढ़ जाता है तो कई तरह के शारीरिक और मानसिक लक्षण नजर आने लगते हैं। पित्त दोष बढ़ने के कुछ प्रमुख लक्षण निम्न हैं।

बहुत अधिक थकावट, नींद में कमी
शरीर में तेज जलन, गर्मी लगना और ज्यादा पसीना आना
त्वचा का रंग पहले की तुलना में गाढ़ा हो जाना
अंगों से दुर्गंध आना
मुंह, गला आदि का पकना
ज्यादा गुस्सा आना
बेहोशी और चक्कर आना
मुंह का कड़वा और खट्टा स्वाद
ठंडी चीजें ज्यादा खाने का मन करना
त्वचा, मल-मूत्र, नाखूनों और आंखों का रंग पीला पड़ना
अगर आपमें ऊपर बताए गये लक्षणों में से दो या तीन लक्षण भी नजर आते हैं तो इसका मतलब है कि पित्त दोष बढ़ गया है। ऐसे में नजदीकी चिकित्सक के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं।


पित्त को शांत करने के उपाय :
बढे हुए पित्त को संतुलित करने के लिए सबसे पहले तो उन कारणों से दूर रहिये जिनकी वजह से पित्त दोष बढ़ा हुआ है। खानपान और जीवनशैली में बदलाव के अलावा कुछ चिकित्सकीय प्रक्रियाओं की मदद से भी पित्त को दूर किया जाता है।

विरेचन :
बढे हुए पित्त को शांत करने के लिए विरेचन (पेट साफ़ करने वाली औषधि) सबसे अच्छा उपाय है। वास्तव में शुरुआत में पित्त आमाशय और ग्रहणी (Duodenum) में ही इकठ्ठा रहता है। ये पेट साफ़ करने वाली औषधियां इन अंगों में पहुंचकर वहां जमा पित्त को पूरी तरह से बाहर निकाल देती हैं।

पित्त को संतुलित करने के लिए क्या खाएं :
अपनी डाइट में बदलाव लाकर आसानी से बढे हुए पित्त को शांत किया जा सकता है. आइये जानते हैं कि पित्त के प्रकोप से बचने के लिए किन चीजों का सेवन अधिक करना चाहिए.

घी का सेवन सबसे ज्यादा ज़रुरी है।
गोभी, खीरा, गाजर, आलू, शिमला मिर्च और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
सभी तरह की दालों का सेवन करें।
एलोवेरा जूस, अंकुरित अनाज, सलाद और दलिया का सेवन करें।
और पढ़े: पित्त मे चीकू के फायदे

पित्त प्रकृति वाले लोगों को क्या नहीं खाना चाहिए :
खाने-पीने की कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनके सेवन से पित्त दोष और बढ़ता है। इसलिए पित्त प्रकृति वाले लोगों को इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

मूली, काली मिर्च और कच्चे टमाटर खाने से परहेज करें।
तिल के तेल, सरसों के तेल से परहेज करें।
काजू, मूंगफली, पिस्ता, अखरोट और बिना छिले हुए बादाम से परहेज करें।
संतरे के जूस, टमाटर के जूस, कॉफ़ी और शराब से परहेज करें।
जीवनशैली में बदलाव :
सिर्फ खानपान ही नहीं बल्कि पित्त दोष को कम करने के लिए जीवनशैली में भी कुछ बदलाव लाने ज़रूरी हैं। जैसे कि

ठंडे तेलों से शरीर की मसाज करें।
तैराकी करें।
रोजाना कुछ देर छायें में टहलें, धूप में टहलने से बचें।
ठंडे पानी से नियमित स्नान करें।
पित्त की कमी के लक्षण और उपचार :
पित्त में बढ़ोतरी होने पर समस्याएँ होना आम बात है लेकिन क्या आपको पता है कि पित्त की कमी से भी कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं? शरीर में पित्त की कमी होने से शरीर के तापमान में कमी, मुंह की चमक में कमी और ठंड लगने जैसी समस्याएं होती हैं। कमी होने पर पित्त के जो स्वाभाविक गुण हैं वे भी अपना काम ठीक से नहीं करते हैं। ऐसी अवस्था में पित्त बढ़ाने वाले आहारों का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा ऐसे खाद्य पदार्थों और औषधियों का सेवन करना चाहिए जिनमें अग्नि तत्व अधिक हो।

साम और निराम पित्त :
हम जो भी खाना खाते हैं उसका कुछ भाग ठीक से पच नहीं पता है और वह हिस्सा मल के रुप में बाहर निकलने की बजाय शरीर में ही पड़ा रहता है। भोजन के इस अधपके अंश को आयुर्वेद में “आम रस’ या ‘आम दोष’ कहा गया है।

जब पित्त, आम दोष से मिल जाता है तो उसे साम पित्त कहते हैं। साम पित्त दुर्गन्धयुक्त खट्टा, स्थिर, भारी और हरे या काले रंग का होता है। साम पित्त होने पर खट्टी डकारें आती हैं और इससे छाती व गले में जलन होती है। इससे आराम पाने के लिए कड़वे स्वाद वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

जब पित्त, आम दोष से नहीं मिलता है तो उसे निराम पित्त कहते हैं। निराम पित्त बहुत ही गर्म, तीखा, कडवे स्वाद वाला, लाल पीले रंग का होता है। यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है। इससे आराम पाने के लिए मीठे और कसैले पदार्थों का सेवन करें।

पित्त प्रकृति के लोगों को पित्त को बढ़ने से रोकने के लिए ऊपर बताए गए नियमों का पालन करना चाहिए। यदि समस्या ठीक ना हो रही हो या गंभीर हो तो किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें।

🪷 _ 🪷 _ 🪷 _ 🕉️ _ 🪷 _ 🪷 _ 🪷
*🪷🪷।। शुभ वंदन ।।🪷🪷*
*🪷🪷प्रेषक: डॉ दर्शन बांगिया🪷🪷*
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः।
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु।
मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
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Sunday, 10 March 2024

बिस्तर पर पुरुष चाहिएबच्चा जन्म देने के लिए पुरुष चाहिएआजीवन सुरक्षा के लिए पिता भाई पति बेटा चाहिए शादी के लिए पैसे वाला लड़का, कमाऊ लड़का चाहिएलेकिन पुरुषों का हर वक्त विरोध करनाजिसकी खाना उसके ही खिलाफ हर वक्त जहर उगलनाऐसी है कुछ महिला जात

बिस्तर पर पुरुष चाहिए
बच्चा जन्म देने के लिए पुरुष चाहिए
आजीवन सुरक्षा के लिए पिता भाई पति बेटा चाहिए 
शादी के लिए पैसे वाला लड़का, कमाऊ लड़का चाहिए
लेकिन पुरुषों का हर वक्त विरोध करना
जिसकी खाना उसके ही खिलाफ हर वक्त जहर उगलना
ऐसी है कुछ महिला जात

सास बहू की लड़ाई
ननद भौजाई की लड़ाई
देवरानी जेठानी को लड़ाई
महिला ही महिला की दुश्मन पर विक्टिम बनकर पुरुष को टार्गेट करना हमेशा
ऐसी है कुछ महिला जात

जो बेटा, भाई कल तक परिवार बिना रह नहीं सकता था,
शादी करके आते ही पति का घर तोड़ो
पति को उसके ही घर वालों से लड़ा कर अलग करो
ऐसी है कुछ महिला जात

स्वतंत्रता के नाम पर अंग प्रदर्शन करना
डांस के नाम पर स्तन और नितम्ब हिलाना
अपनी हवस मिटाने के लिए bf संग होटल में जाना
पर जब कुछ भी आउट ऑफ कंट्रोल हो तो पुरुष पर झूठे आरोप लगा पुरुष पर दोष मढ देना
ऐसी है कुछ महिला जात

अब कुछ को मिर्ची लगेगी तो ज्ञान देने मत आ जाना मुझे भी पता है सब एक जैसी नहीं होती इसलिए अगर आप ऐसी नहीं हो तो दिल पर मत लेना ।

Saturday, 9 March 2024

किसी गीतकार का कथन है कि अगर आपको अपने जीवन में एक समझदार पत्नी मिल गयी तो आप इस संसार के सबसे खुशकिस्मत और समृद्ध व्यक्ति हैं।

किसी गीतकार का कथन है कि अगर आपको अपने जीवन में एक समझदार पत्नी मिल गयी तो आप इस संसार के सबसे खुशकिस्मत और समृद्ध व्यक्ति हैं।

सचिन के जीवन में अंजलि मेहता वही थीं, सचिन पूरा करियर खेलते रहे, सचिन पर आने वाली तमाम जिम्मेदारियों को भी अंजलि ने झेल लिया। इसके लिए अंजली ने न केवल अपना निजी करियर दांव पर लगाया बल्कि सचिन को उनका करियर बनाने में पूरी मदद की।

सचिन तो इतने शर्मीले थे कि अपने विवाह की बात भी अपने माता पिता से नही कर सके, यह काम भी अंजलि ने ही किया।

लेकिन सचिन इतने भ्रातप्रेमी थे कि उन्होंने एक बात सबसे पहले कही कि आपको मेरे परिवार में आने से पहले अजीत भाई की सहमति बहुत जरूरी है.. बिना उनकी सहमति के आपका आना सम्भव नही, सचिन ने सबसे पहले अपने बड़े भाई अजित से मिलवाया। अजित ने हाँ की तब अंजलि से उनकी बात आगे बढ़ी..

सचिन कहते हैं कि उन्होंने कभी किसी लड़की को डेट नही किया। क्योंकि जीवन में क्रिकेट इतना पहले आ गया कि जवानी उसी क्रिकेट में खपी..  और अंजलि भी सही वक्त पर आ गयी थीं।

सचिन की डेटिंग भी इस तरह चली कि बाहरी दुनिया को कुछ पता नही चला, बहुत दिनों तक उनके घर वालों को भी नही पता था.. छः छः महीने बाद फोन पर बात होती थी, ऐसा भी नही था कि वो सचिन के ग्लैमर के पीछे पागल थीं, अंजलि को क्रिकेट पसन्द भी नही था, और वो उस वक्त सचिन की हैसियत से हजारो गुना ज्यादा ऊपर थीं.. 
उनके पिता ब्रिज के नैशनल चैंपियन रह चुके थे।

लेकिन उनको आने वाले वक्त की आहट तो थी ही.. एक सोलह सत्रह साल का लड़का जिसके बारे में अखबारों में खबरें नाच रहीं थी, जिसके बारे में लोग बात करना शुरू कर दिए थे.. 

 जब उनकी भाभी को शक हुआ तो सचिन ने एक बार अंजलि को घर बुलाया था लेकिन वो रिपोर्टर बनकर आईं थीं।
कुछ दिन बाद सचिन ने अपने बड़े भाई को अंजलि के बारे में बताया।

सचिन ने पांच साल डेट करके 
21वें जन्मदिन के दिन अंजलि से इंगेजमेंट कर ली। और बाद में वही उनकी अर्धांगिनी बनी।

सचिन कहते हैं कि मुझे क्या पता कि परिवारिक जिमीदरियाँ क्या होती हैं.. माता पिता के पीछे लगना क्या होता है, उनकी सेवा क्या होता है.. सारा और अर्जुन की पालन पोषण कैसे हुआ? 

सचिन कहते हैं एक बार मुझे याद आया कि अर्जुन अब मेरी लंबाई के बराबर हो गया था।

मैं अपने जीवन में इतना कुछ अचीव कर पाया उसके पीछे अंजलि थीं, आज सचिन हूँ तो अंजलि की वजह से हूँ..
मुझको क्या पता पब्लिक लाइफ क्या होती है, बीच पर बैठकर नारियल पानी पीना क्या होता है, और पत्नी के साथ गोलगप्पे खाना क्या होता है, इन सबका त्याग अंजलि ने मेरे लिया किया था।

#vipin_ayodhya

कोठे में किया काम, मुंबई पहुंची तो बरसने लगा सोना, बनीं देश की पहली करोड़पति सिंगर, गांधीजी ने मांगी थी मदद..

कोठे में किया काम, मुंबई पहुंची तो बरसने लगा सोना, बनीं देश की पहली करोड़पति सिंगर, गांधीजी ने मांगी थी मदद...

बॉलीवुड में 100 साल पहले 1 ऐसी सुपरस्टार सिंगर रही हैं जो देश की पहली करोड़पति सिंगर बनीं थीं. कोठे से शुरू हुई संगीत की ये यात्रा सिंगर को ग्रामोफोन क्वीन बना गई. जब सोना 20 रुपये तोला बिका करता तब ये सिंगर 3 हजार रुपयों से ज्यादा की फीस लिया करती. आज की कहानी में हम बताएंगे गौहर जान की कहानी जो संगीत की दुनिया का चमकता सितारा बन गईं...

गायकी की दुनिया मानव सभ्यता के विकास के साथ ही फलती-फूलती रही है. समय बदला, तरीके बदले और माध्यमों के साथ गायकी ने नए-नए रूप अख्तियार किए. करीब 100 साल पहले गायकी की दुनिया में रिकॉर्डिंग का चलन बढ़ा था।

भारत में एक ऐसी सुपरस्टार सिंगर भी रहीं हैं, जिन्होंनेअपनी सुरीली आवाज से पहली रिकॉर्डिंग टेप में कैद कराई थी. साल 1903 में देश का पहला रिकॉर्ड गाना रिलीज हुआ था. अब 111 साल बाद रिकॉर्डिंग की दुनिया विकास के अपने चरम पर है. ये रिकॉर्डिंग तत्कालीन सुपरस्टार सिंगर गौहर जान की आवाज से नवाजी गई थी।

गौहर जान, गायकी की दुनिया का ऐसा चमकता सितारा जिसके निधन के 96 साल बाद भी उनकी आवाज की झनकार लोगों के कानों में गूंजती रहती है. गौहर जान गायकी की दुनिया की इतनी बड़ी सुपरस्टार रही हैं, कि जब सोना 20 रुपये तोला हुआ करता था, तब गौहर जान 3 हजार रुपये अपने शो की फीस लिया करती थीं. गौहर जान जहां भी जाती सोने-चांदी की बरसात करा देतीं।

गौहर की आवाज में ऐसा जादू था, कि बड़े-बड़े राजा महराजा उनके दीवाने हो जाते. खास बात ये है कि गौहर जान ने संगीत की तालीम कोठे में ली और यहीं रियाज कर अपनी आवाज में धार चमकाई. इसी आवाज ने गौहर जान को बॉलीवुड की पहली महिला करोड़पति बना दिया. गौहर जान इकलौती ऐसी कलाकार रहीं हैं, जिससे मदद के लिए राष्ट्रपति महात्मा गांधी भी उनके पास पहुंचे थे।

देश का पहला गाना रिकॉर्ड किया और ग्रामोफोन क्वीन कहलाई

18 साल में 600 से ज्यादा गानों को रिकॉर्ड करने वाली गौहर जान का जन्म 26 जून 1873 में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ शहर में हुआ था. गौहर के पिता आर्मेनिया देश के रहने वाले थे. गौहर की मां का नाम भी विक्टोरिया था। गौहर के पिता ने उनकी मां का साथ छोड़ा तो मां ने खुर्शीद नाम के मुस्लिम व्यक्ति से शादी रचा ली. गौहर की मां कोठे पर महफिल सजाया करती थीं. यहां रोजाना शाम को गाना बजाना और आराम का माहौल रहता. अपनी मां के साथ कोठे पर ही गौहर जान की संगीत की तालीम शुरू हो गई. बचपन से ही सुरों की मल्लिका होने के कारण गौहर की मां ने उन्हें देशभर के बेहतरीन संगीत शिक्षकों से उनकी तालीम कराई।

कोठे से उठीं और बन गईं देश की पहली करोड़पति सिंगर

कोठे से तालीम लेकर जब गौहर जान ने अपनी महफिल सजाना शुरू किया तो उनकी आवाज का जादू पूरे देश में फैल गया. बड़े-बड़े राजा महाराजा गौहर की महफिल में आते और उनकी आवाज पर फिदा होकर सोने-चांदी की बरसात कर देते. जब गौहर 14 साल की थीं तो कोलकाता में एक महफिल में गा रहीं थीं. यहां दरभंगा के महाराज भी मौजूद थे. गौहर की गायकी पर फिदा होकर दरभंगा के महाराज ने जमकर पैसा लुटाया. देखते ही देखते गौहर खान संगीत की दुनिया की सुपरस्टार बन गईं. गौहर खान ने हर महफिल के लिए 3 हजार रुपयों की फीस तय कर दी. ये वो दौर था जब सोने के दाम 20 रुपये प्रति तोला हुआ करते थे।

ग्रामोफोन को पहली आवाज देने वाली सिंगर बनीं गौहर जान

साल 1903 में गौहर जान की आवाज को पहली बार किसी ग्रामोफोन पर रिकॉर्ड किया गया. इससे पहले तक आम लोगों को गौहर खान की आवाज सुनने का नसीब नहीं मिला करता था. गौहर जान ने इस रिकॉर्डिंग में आम लोगों को अपनी आवाज की धमक सुनाई और दीवानगी की सारी हदें पार करा दीं. गौहर जान की रिकॉर्डिंग मार्केट में आते ही लोगों ने इसकी डिमांड बढ़ा दी. इसके बाद 1902 से लेकर 1920 तक गौहर जान ने 600 से ज्यादा गानों को अपनी आवाज से नवाजा. इन गानों में कई भाषाओं के गाने शामिल रहे।

1930 में हमेशा के लिए गुम हो गई गौहर की आवाज

गौहर जान भारत की पहली सिंगर थीं जो करोड़पति बनीं थीं. गौहर जान उस दौर में देश की सबसे अमीर लोगों में गिनी जाने लगीं थीं. इतना ही नहीं महात्मा गांधी ने भी देश की आजादी की लड़ाई में गौहर जान से खास मदद भी मांगी थी. साल 1920 में महात्मा गांधी ने स्वराज आंदोलन की शुरुआत की थी. इस आंदोलन के लिए महात्मा गांधी ने पूरे देश की तवायफों से मदद मांगी थी. गौहर जान का निधन 7 जनवरी 1930 को हो गया था. लेकिन आज भी गौहर जान लोगों के जहन में जिंदा हैं।

प्रश्न : ससुराल में एक बहू को बेटी की तरह क्यों नहीं माना जाता है?उत्तर

प्रश्न :  ससुराल में एक बहू को बेटी की तरह क्यों नहीं माना जाता है?

उत्तर
मेरी पोस्ट उन तमाम लड़कियों के लिए है जिनको ये शिकायत है कि हमको ससुराल में बेटी नही समझा जाता.......

पहले ये जानना जरूरी है कि बेटी थी तब क्या रोल था आपका घर में.....

.

आप आराम से उठती थी देर तक सोती रहती थी...

खाना चाय नाश्ता सब मम्मी बना देती थी और बाकी काम मेड करती थी कभी कभार आप घर के काम मे हाथ बंटाती थी....

अब बताएं कि आप की मम्मी भी यदि यही सोचती की मैं भी ससुराल में बेटी की तरह रहूंगी तो क्या आपको ये आराम मिलता .....नही....

.

शादी से पहले आप मां बाप की जिम्मेदारी है इसलिए वो आपकी गलतियों को नज़र अंदाज़ करते है...

.

शादी के बाद आपके ऊपर भी आपकी माँ की तरह जिम्मेदारी आती है तो आपको भी वो करना होगा जो माँ घर मे करती थी हमने लोग अपनी शादी से पहले की ज़िंदगी खूब ऐश के साथ काटकर आते है अब जब हम पर जिम्मेदारी आयी तो घबराना क्यों....

क्यों शिकायत करना....

.

अब मुझे बताएं यदि आप पीहर आएं आपकी भाभी देर तक सोती रहे मम्मी रसोई में काम करें तो क्या आप उस भाभी की तारीफ करेंगी....कभी नहीं .....

ब्लकि आप मां से कहेंगी की आप क्यो रसोई में खटती है भाभी को करने दिया करो....

कौन लड़की ऐसी है जो भाभी से ये कहे कि भाभी आप खूब आराम करो मम्मी सब कर लेगी....

अब एक बात जो वो कहती है कि हम सिर्फ सास ससुर पति और अपने बच्चों का करेंगे दूसरों का नही ...

मतलब..... देवर ननद जेठ ......

अब इसका मुझे जवाब दें कि आपके भाई की शादी पहले हो गयी और भाभी आ गयी वो सब का खाना बनाए और आपका नही तो क्या आप या आपके मां बाप को सहन होगा ....

बिल्कुल नहीं...

इसलिए यदि जो आप चाह रही है वो आपकी भाभी आपके साथ करे तो बुरा नही लगना चाहिए...

आपको अपनी ननद उनके बच्चों का आना बुरा लगता है तो आप भी सोच लीजिये आप की भाभी भी आपके आने से खुश नही होगी....

कभी सोचा है आपने अपनी मां को घर मे पीहर की तरह महसूस करवाया है....

यदि नही तो आप कैसे उम्मीद करती है कि आपको महसूस हो....

क्या माँ ने कभी ये शिकायत की कि मुझे जल्दी उठना पड़ता था...

काम करना पड़ता था....

शायद कभी नहीं .......

वो तो सर दर्द होने पर भी आप लोगो के लिए खाना बनाती थी.....

हर जगह का अपना महत्व है इसलिए दोनों को महत्व दीजिये....

और जो लड़कियां समझती है वो तारीफ के काबिल है वही घर परिवार और सांमजस्य की परिभाषा को समझती है.....

3 प्रकार की स्त्रियाँ होती हैं- कन्या, पुनर्भु और वेश्या

3 प्रकार की स्त्रियाँ होती हैं- कन्या, पुनर्भु और वेश्या।
          
आचार्य वात्स्यायन के अनुसार इन तीनों प्रकार की स्त्रियों से पुरुष को प्रेम संबंध जोड़ने चाहिए। पहली स्त्री अर्थात कन्या को सबसे अच्छा माना जाता है। पुनर्भु स्त्री को उससे नीचा और वेश्या स्त्री को सबसे नीचा माना गया है। जिस लड़की का विवाह नहीं होता उसे कन्या कहा जाता है। जो लड़की विवाह से पहले किसी पुरुष के साथ संभोग करती है तो उसे पुनर्भु तथा कई पुरूषों के साथ संबंध बनाने वाली स्त्री को वेश्या कहा जाता है।

आचार्यों ने कामसूत्र के अलावा दूसरे ग्रंथों में भी कई प्रकार की स्त्रियों के लक्षण बताए हैं-

1- चित्रिणी                
2- परकीया
3- सामान्या               
4- स्वकीया
5- पदमिनी               
6- हस्तिनी
7- शंखिनी                
8- मुग्धा
9- ज्ञातयौवना             
10- मध्यमा
11- प्रौढ़ा                  
12- आरूढ़ यौवना मुग्धा
13- नवलअनंग            
14- लज्जाप्रिया मुग्धा
15- लुब्धपत्ति प्रौढ़ा         
16- प्रगल्भव चना मध्या
17- आक्रमिता प्रौढ़ा         
18- सुरतविचित्रा मध्या
19- विचित्र-विभ्रमा प्रौढ़ा     
20- समस्तरत कोवि प्रौढ़ा
21- कलहातरिता           
22- धीरा
23- उत्कण्ठिता            
24- धीरा-धीरा
25- स्वाधीन पतिका        
26- प्रादुर्भतमनोभवा मध्या
27- सम्सयाबन्धु           
28- खंडिता
29- स्वयंदूतिका           
30- प्रोषितापतिका
31- लक्षिता
32- लघुमानवती           
33- मुदिता
34- अयुशयना            
35- मध्य मानवती
36- अनूढ़ा                
37- गुरू मानवती
38- रूपगर्विता             
39- गर्विता
40- अन्य संभोग दुःखिनी    
41- कुलटा
42- कनिष्ठा               
43- अदिव्या
44- वचनविदग्धा          
45- क्रियाविदिग्धा
46- दिव्या                
47- दिव्या दिव्या
48- कामगर्विता           
49- मध्यमा
50- उत्तमा                
51- प्रेमगर्विता

Wednesday, 6 March 2024

महाशिवरात्रि के दिन स्नान करके श्वेत वस्त्र या हल्के वस्त्र पहने स्त्रियां लाल वस्त्र पहने इसके बाद बेलपत्र भांग धतूरा कनेर और मदार के फूल गाय का दूध दही और घी मिट्टी का बना शिवलिंग रखकर गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें यह सामान्य विधि है वैसे तो आप इसके साथ-साथ दूध से दही से गुड से बने हुए रस से मिश्री से मसान की भस्म से और घी से भी अभिषेक कर सकते हैं अगर पास में शिव जी का मंदिर है तो शिवलिंग बनाने की आवश्यकता नहीं है वहीं जाकर पूजा पाठ करना चाहिए भगवती पार्वती के लिए श्रृंगार और सुहाग की चीज भी रख ले तो और अच्छा होगा ओम नमः शिवाय 108 बार पढें मनोकामना पूरी होगी इसके अलावा शुद्ध और सच्चे मन से केवल श्रद्धा से 108 बार ओम नमः शिवाय पढ़ने पर भी संपूर्ण फल प्राप्त होगा*

[3/6, 7:33 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: [6/3, 6:52 am] drdileepsingh768: भविष्यवाणियों का मूल्यांकन और आने वाली भविष्यवाणी डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह

*जब हमारे केंद्र के द्वारा जुलाई 2023 में यह भविष्यवाणी किया गया थकी इस वर्ष के भीषण ठंड देश-विदेश के सभी कीर्तिमान को तोड़कर सैकड़ो वर्ष की सबसे लंबी भीषण ठंड सिद्ध होगी तब बड़े-बड़े धीर धुरंधर  सरकारी मौसम वैज्ञानिकों गैर और वैज्ञानिकों ने इसकी हंसी उड़ाई थी उनसे बढ़कर तमाम बड़े मीडिया के पालतू तथा कथित मौसम वैज्ञानिकों ने कहा था यह असंभव है लेकिन मुझे पूरा विश्वास था कि इस वर्ष 2023 में सितंबर से ठंड शुरू होगी जो 15 मार्च 2024 तक लगातार 6 महीने तक चलेगी और वह पूरी तरह ईश्वर की कृपा से सत्य सिद्ध हो गई इस वर्ष का मार्च महीना सैकड़ो वर्ष में सबसे ठंडा सिद्ध हुआ इसके पहले कभी भी जौनपुर और आसपास मार्च महीने में न्यूनतम तापमान 7 से 9 डिग्री के बीच नहीं दर्ज किया गया था यहां तक की उत्तरी भारत में भी रिकॉर्ड ठंडक दर्ज की गई यह हाल मध्य भारत महाराष्ट्र मुंबई का भी रहा*

* *हमारे केंद्र के द्वारा यह भी कहा गया था कि इस वर्ष जाड़े में हर महीने लगातार वर्षा होने से फसलों को सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़ेगी जिनका विश्वास करने वालों को हर एक खेती किसानी वालों को हजारों से लाखों रुपए तक का फायदा हुआ जैसा की दुनिया में होता है हमारे गिनती के मुट्ठी भर चंद और आलोचक आस्तीन के सांप शत्रु के वश में छिपे मित्रों और सगे संबंधियों बाहर से मित्र अंदर से शत्रु बने लोगों ने इन तमाम पोस्ट को सुरक्षित कर लिया था जिससे भविष्यवाणी गलत होने पर जमकर आलोचना किया जा सके जैसा कि वह हमेशा कृपा करते रहते हैं *प्रख्यात राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियां ईर्ष्या तू न गई मेरे मन से* उनके ऊपर पूरी तरह सही बैठती है क्योंकि उनको लगा था कि यह सब होना संभव है लेकिन सच को आज नहीं हो सकती जैसा की 47 वर्षों से लगातार होता रहा है और सभी भविष्यवाणी 47 वर्षों से 99 % के अदभुत आश्चर्यजनक औसत के साथ-साथ हो रही है जबकि कीरो नास्ट्रेडेमोंस बाबा बेंगा और अन्य भीषण भयंकर भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी मुश्किल से औसतन 30 से 40% सही होती है अब इन सभी महान आलोचकगण शत्रु गण तथा कुछ सगे संबंधी रिश्तेदारों को सोच नहीं रहा है कि क्या है ऊपर से चारों तरफ भविष्यवाणियों के सच होने की चर्चा से बहुतों को भीषण हर्ट अटैक होने का खतरा हो गया है*
 *अब आगे क्या होगा मौसम में हमारे जुलाई 2023 की भविष्यवाणी के अनुसार 15 मार्च तक ठंड लगातार कायम रहेगी जिसमें 2 मार्च से लेकर 12 मार्च तक ठंड बहुत अधिक रहेगी दिन में मौसम सुहावना रहेगा 15 मार्च के बाद मौसम में गर्मी बुलेट ट्रेन की रफ्तार से आगे बढ़ेगी और मार्च बिताते बीते या 40 डिग्री सेल्सियस के भयानक स्तर को पार कर लेगी अभी 15 मार्च तक वर्षा की कोई विशेष संभावना नहीं है इसलिए खेती किसानी का काम किया जा सकता है छुटपुट बूंदाबांदी भले हो अप्रैल में जून में भयंकर ठंडी गर्मी ठंड की तरह सभी कीर्तिमान तोड़ देगी और जौनपुर सहित प्रदेश में गर्मी में 47 से 49 डिग्री और भारत में 49से51 डिग्री का तापमान दर्ज किया जाएगा हमारे जैसे कुछ असली भारतीय ज्योतिष परंपरा के लोगों के कारण लोगों का ज्योतिष पंचांग वास्तु रत्न और भारतीय दर्शन पर अटूट विश्वास फिर से बढ़ता जाएगा*
[6/3, 7:14 am] drdileepsingh768: *इस वर्ष गर्मी का मौसम बहुत ही भयानक और प्रलयंकारी रहेगा तेज तूफान चक्रवाती हवाई आंधी काली आंधी लंगडी आंधी बहुत ही विनाशकारी सिद्ध होगी और अरब सागर बंगाल की खाड़ी के महा चक्रवात भी भीषण धन जनहानि करेंगे गर्मियों में देश का भाग्य पूरी तरह बदल जाएगा और एक अप्रत्याशित स्थिति वाली सरकार बिल्कुल नए सिरे से काम करना शुरू कर देगी लोगों को विश्वास नहीं होगा देश विदेश में ढेर सारे परिवर्तन आंधी तूफान चक्रवात ज्वालामुखी विस्फोट जल थल नभ दुर्घटनाओं में भयंकर वृद्धि होगी अप्राध्य अपराध घोष करी भ्रष्टाचार लाल पिता शाही संवेदनहीनता पर थोड़ा बहुत अंकुश लगेगा अपार दौलत कमाई भ्रष्टाचारी घूसखोरी भाजपा में शामिल होते जाएंगे जून जुलाई तक बहुत से अधिकारी कर्मचारी नेता भ्रष्टाचार घूसखोरी में पकड़े जाएंगे आतंकवादी उग्रवाद विदेशी षड्यंत्र और विदेशी वस्तु प्रेस पर भी नए सिरे से कम होगा सनातन धर्म का प्रचार प्रसार और तेज हो जाएगा अनेक सनातनी धर्म स्थान सुरक्षा से सनातन धर्म को सौंप दिए जाएंगे लेकिन महंगाई और भ्रष्टाचार पुलिस प्रशासन की घूसखोरी पर अंकुश नहीं लग पाएगा प्रेस पत्रकारिता और मीडिया का महत्व और उपयोगिता बढ़ेगी और उनके लिए कुछ योजनाएं सरकार चालू करेगी लोग नए सिरे से गंभीरता से देसी जड़ी बूटियां आयुर्वेद के बारे में घर के बने भोजन के बारे में सोचना शुरू कर देंगे और दुराचारी स्त्री पुरुषों की संख्या घटेगी क्योंकि लोगों को महत्व ज्ञात हो जाएगा की घर से बाहर का बना भोजन और जूठन चाटने से ही अधिकांश रोग बीमारियां होती हैं यही हाल दुराचारी स्त्री पुरुषों का भी होता है देश-विदेश में ऐसे ऐसे आश्चर्यजनक घटनाएं घटेंगे की लोग हाहाकर कर उठेंगे परग्रही एलियंस और अंतरिक्ष के ऐसे ऐसे राज खुलेंगे की दुनिया आश्चर्यचकित हो जाएगी भारत अर्थ वित्त सैनिक शक्ति में बहुत तेजी से आगे बढ़ेगा और जून तक यह विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था हो जाएगा लेकिन इसका लाभ सामान्य जनता को ना मिलकर कुछ चुनिंदा लोगों को ही मिलेगा भारत के अंतरिक्ष अभियान एक को छोड़कर सभी सफल होंगे जून जुलाई तक चीन और पाकिस्तान के साथ भयानक झड़प हो सकती है लेकिन दुनिया में कोई भी विश्व युद्ध और परमाणु युद्ध नहीं होगा चीन रूस अमेरिका पूरी दुनिया को लड़ा कर हथियार बेचकर मालामाल होते रहेंगे और यूक्रेन इजरायल युद्ध में अपने सभी नवीनतम टेक्नोलॉजी का परीक्षण कर लेंगे भाजपा गठबंधन 335 से 375 सीटों के बीच रहेगा जौनपुर में भाजपा एक सीट पाएगी उत्तर प्रदेश में 67 से 71 सीटों के बीच रहेगी डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर*
[3/6, 7:33 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: *महाशिवरात्रि और भगवान शिव की अनंत महिमा डॉक्टर दिलीप कुमार सिं*

 मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक भगवान शिव और भगवती पार्वती की महिमा अनंत है जड़ चेतन चर अचर काल और कालातीत हर जगह भगवान शिव भगवती पार्वती एक-एक कण परमाणु इलेक्ट्रान न्यूट्रॉन प्रोटोन फोटोन और प्रकाश की लहरों में विद्यमान है इसीलिए भगवान शिव को आदि देव और माता पार्वती को आदि देवी कहा जाता है सृष्टि के पहले जब कुछ नहीं था तब भी भगवान शिव भगवती पार्वती विद्यमान थे आज भी है और समस्त ब्रह्मांडों का महा प्रलय हो जाने पर भी विद्यमान रहेंगे सृष्टि की हर सभ्यता हर धर्म में भगवान शिव विद्यमान है कहीं मक्केश्वर महादेव है तो कहीं शिवलिंग के रूप में है तो कहीं अन्य रूप में विद्यमान है*
[3/6, 7:33 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: *भगवान शिव के नाम और उनकी महिमा दोनों अनंत है वह परम विस्मयकारी है अश्चार्य का केंद्र है उनके समस्त कार्यों में सही प्राचंद विरोधाभाष है एक तरफ संसार में सबसे सुंदर स्वरूप दूसरी तरफ चिता में भस्म लपेट कर सामासन में रहने वाले सिर पर अमृत वर्षा करने वाला चंद्रमा तो गले में पूरे ब्रह्माण्ड का सबसे भयानक हलाहल विष एक ओर स्वामी कार्तिकेय का वाहन मोर तो दूसरी तरफ गले में नाग की माला वहीं गणेश जी का वाहन चूहा सब एक दुसरे के परम शत्रु हैं एक तरफ बैल की सवारी तो दूसरी तरफ देवी पर्वती की सिंह की सवारी शरीर पर बाघंबर तो त्रिशूल और डमरू जैसे महान दिव्यास्त्र और वाद्य यंत्र जिनके बजाने से तीनों लोकों में निनाद होता है और उस कंपन के फल स्वरूप ब्रह्माण्ड में हलचल मच जाती है तारागण टूट टूट कर गिरने लगते हैं सारे विश्व में महा प्रलय मच जाती है और एक तरफ अल्फा बीटा गामा किरणों से युक्त उनके मस्तक के तीनों नेत्र तो दूसरी ओर लेजर और क्वासर की शक्तियों से युक्त उनकी अनंत शक्ति वे समस्त संसार में परम ब्लैक होल अर्थात महाकाली का नियंत्रण करने वाले व्हाइट होल अर्थात श्वेत विवर हैं जब महाकाली सब का वध करते हुए अपनी जिह्वा निकाल कर समग्र विश्व को जलाना चाहती हैं तब भगवान शिव उनके पैरों के नीचे लेट कर उनको अपने में समाहित कर लेते हैं*

भगवान शिव अत्यंत सी तीनों लोकों में भगवान शिव सबसे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और वरदान देने में सबसे आगे हैं इसीलिए उनको आशुतोष शिव शंकर भोला भंडारी अवढरदानी कहा जाता है अत्यंत ही सुंदर सोने से बनी लंका रावण को दान कर दिया भस्मासुर को अपने ही भस्म होने का वरदान दे दिया जालंधर सहित तारकासुर और अनंत बल विक्रमवाली राक्षस और दानववीरों का संघार किया संसार को राक्षसी अत्याचारों से मुक्ति दिलाई महा ऋषि मार्कंडेय को यमराज से बचकर उन्हें अमर कर दिया वही क्रोध आने पर वीरभद्र और महाकाली के द्वारा आतंक और अन्य की प्रतिरूप दक्ष का सिर काटकर उनके यज्ञ का विध्वंस कर दिया तीनों लोकों में कोई भी उनकी रक्षा नहीं कर पाया

दुनिया के सभी तिरस्कृत और बहिष्कृत लोग उनके गण हैं जिनकी विचित्र वेशभूषा है और जो भगवान शिव के लिए हमेशा मर मिटने को तैयार रहते हैं नदी और भृंगी महाकाली और भैरव तथा वीरभद्र जैसे तीनों लोकों का विनाश करने वाले अनंत बलशाली योद्धा हैं भगवान शिव ने ही संसार के सभी दिव्यास्त्र त्रिशूल डमरू हर प्रकार के गीत संगीत वाद्य यंत्रों और कला कौशल का निर्माण किया है एक से बढ़कर एक दिव्य अस्त्र-शस्त्र भगवान विष्णु ब्रह्मा देव और देवी देवताओं को प्रदान किया है जब-जब संसार पर विपत्ति पड़ी है तब तक उन्होंने संसार का उद्धार किया है जब हलाहल विष के प्रभाव से तीनों लोक जलने लगा तब उन्होंने उसे हलाल विश्व को पी लिया वह देश काल जीवन मृत्यु दिशा और हर प्रकार से हर चीजों से परे हैं उनके मोहिनी रूप को देखकर भगवान विष्णु भी मोहित हो गए थे

विश्व की जितनी सभ्यताएं और जितने धर्म हैं सब में किसी न किसी रूप में भगवान शिव की पूजा होती है चाहे वह सनातनी धर्म हो मुस्लिम हो क्रिश्चियन हो या यहूदी धर्म हो सिंधु घाटी चीन यूनान रोम मिश्र मेंसोपोतामियां अफ्रीका अजतेक माया सभ्यता हर जगह भगवान शिव माता पार्वती को ही पूजनीय माना गया है वैदिक सभ्यता से लेकर पुराण और आधुनिक काल तक भगवान शिव परम बंदनीय हैं उनके 11 अवतार हैं
[3/6, 7:33 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: जिस तरह भगवान शिव भोला भंडारी है उसी प्रकार उनकी पूजा भी अत्यंत सरल है शुद्ध मन से केवल भगवान शिव को पुकार लेने पर ही वे साक्षात प्रकट हो जाते हैं अगर व्यक्ति अपने पाप बुराई छोड़कर भगवान शिव का आवाहन करता है तो उसे तत्काल परम पद की प्राप्ति होती है वह बेल के पात्र बर भांग और धतूरा भांगजैसी चीजों से ही परम प्रसन्न हो जाते हैं वैसे तो उनको श्वेत वस्त्र और श्वेत पुष्प बहुत ही प्रिया हैं क्योंकि सभी रंगों को मिलने पर श्वेत रंग बनता है वैसे ही सारी पूजा अर्चना यज्ञ हवन अनुष्ठान अंत में भगवान शिव में ही समाहित हो जाती है वैसे तो सबसे बड़ी पूजा महा रुद्राभिषेक माना जाता है जो भगवान शिव की ही पूजा है दुनिया भर की जो चीज कोई नहीं छूता वही भगवान शिव को पूजा में चढ़ाया जाता है धतूरा और कनेर का फूल भी उनको अत्यंत ही प्रिय है
[3/6, 7:33 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: जिस तरह भगवान शिव परम आश्चर्य के केंद्र हैं इस तरह भगवती पार्वती भी परम आश्चर्य के स्रोत में से हैं जिनका कोई आदि अंत नहीं है शक्ति के बिना शिव और शिव के बिना शक्ति अधूरे हैं अपनी परम तपस्या द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करके उन्होंने भगवान शिव की अर्धांगिनी बनने का गौरव प्राप्त किया और भगवान कार्तिकेय और भगवान गणेश जैसे पुत्रों की मां बनी आठों सिद्धि और नव निधि इनके रूप हैं नौ देवियां भी इन्हीं की रूप हैं जो काम त्रिदेव और सभी देवी देवताओं के लिए असंभव हो जाता है वह काम माता पार्वती कभी दुर्गा जी कभी महाकाली कभी चंडमुंडविनाशिनी का रूप धारण करके पूरा करते हैं
[3/6, 7:33 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: भगवान शिव सरल से सरल और अत्यंत गन से गुण हैं उनमें ही सामग्र ब्रह्मांड मटर एंटीमैटर एनर्जी एंटी एनर्जी ब्लैक होल व्हाइट होल यूनिवर्स एंटी यूनिवर्स इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन न्यूट्रॉन अल्फा बीटा गामा सब कुछ समाहित है उनके डमरू में जहां क्वांटम किरणें निकलते हैं वही उनके पास पाठ अस्त्र से सामग्र विश्व का विनाश हो जाता है जाता झूठ धारी आकाशगंगा से गिरती हुई गंगा के अनंत वेज को संभालने वाले सर पर गंगा और हृदय पर पार्वती जी को धारण करने वाले रावण का मान मर्दन करने वाले और उसे वरदान देने वाले भगवान श्री राम के भक्त और भगवान श्री राम के द्वारा वंदनीय भगवान भोलेनाथ को जो मन वचन कर्म से याद करता है यह शुद्ध मन से उनकी पूजा पाठ करता है उसको भगवान शिव के शिवलोक की प्राप्ति होती है हिमालय पर्वत पर स्थित कैलाश शिखर और मानसरोवर झील का रहस्य आज तक ना कोई जान पाया है और ना इसका था पता ले पाया है इसीलिए तो उन्हें देवों के देव आदि देव महादेव कहा जाता है भगवान शिव भोलेनाथ आशुतोष कैलाशपति भोला भंडारी रूद्र महारुद्र महाकाल कालांतक  त्रिपुरारी जैसे उनके असंख्य नाम है जो हर प्रकार की ऊर्जा और बंधन से मुक्त हैं अपने में ही ली है और उनके अंदर सब कुछ ली है*
[3/6, 11:14 AM] Dileep Singh Rajput Jounpur: *महाशिवरात्रि के दिन स्नान करके श्वेत वस्त्र या हल्के वस्त्र पहने स्त्रियां लाल वस्त्र पहने इसके बाद बेलपत्र भांग धतूरा कनेर और मदार के फूल गाय का दूध दही और घी मिट्टी का बना शिवलिंग रखकर गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें यह सामान्य विधि है वैसे तो आप इसके साथ-साथ दूध से दही से गुड से बने हुए रस से मिश्री से मसान की भस्म से और घी से भी अभिषेक कर सकते हैं अगर पास में शिव जी का मंदिर है तो शिवलिंग बनाने की आवश्यकता नहीं है वहीं जाकर पूजा पाठ करना चाहिए भगवती पार्वती के लिए श्रृंगार और सुहाग की चीज भी रख ले तो और अच्छा होगा ओम नमः शिवाय 108 बार पढें मनोकामना पूरी होगी इसके अलावा शुद्ध और सच्चे मन से केवल श्रद्धा से 108 बार ओम नमः शिवाय पढ़ने पर भी संपूर्ण फल प्राप्त होगा*

अभी मुझमें कहीं बाकी है, थोड़ी सी जिंदगी ।डोर से टूटी पतंग जैसी है, ये मेरी जिंदगी ।।यह पंक्तियां बिल्कुल सटीक बैठती है,हमारे देश के उन नन्हें बच्चों के लिए जो गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है,जिनके इलाज के लिए करोड़ों रूपए की जरूरत है,पर इनके मां

अभी मुझमें कहीं बाकी है,
      थोड़ी सी जिंदगी ।
डोर से टूटी पतंग जैसी है,
        ये मेरी जिंदगी ।।
यह पंक्तियां बिल्कुल सटीक बैठती है,हमारे देश के उन नन्हें बच्चों के लिए जो गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है,जिनके इलाज के लिए करोड़ों रूपए की जरूरत है,पर इनके मां बाप मध्य वर्ग से तालुक रखते हैं, इन बच्चों को इलाज के लिए जो इंजेक्शन लगना है,उसकी कीमत सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे,एक इंजेक्शन की कीमत 22 करोड रुपए है,अगर उनके माता-पिता अपने पूरे परिवार एवं खानदान की भी संपत्ति और अपने आप को गिरवी भी रख दें,तो भी यह इंजेक्शन नहीं खरीद सकते ।
मैं आपको कुछ बच्चों के नाम बताता हूं जो इस बीमारी से ग्रस्त है,उत्तर प्रदेश के प्रिंस, श्लोक, अनमय, प्रखर, प्रज्वल, तीरा कामत ये पांच माह की बच्ची जो मुंबई की निवासी है, यह सब बच्चे स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी बीमारी से ग्रस्त है, जिसके इलाज के लिए 22 करोड़ का इंजेक्शन लगना है, वही उत्तर प्रदेश के 10 मासूम बच्चे भी इसी बीमारी से ग्रस्त है, जिनके मां-बाप अपने बच्चों को तिल तिल मारते हुए देख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हमारे देश के सबसे धनी व्यक्ति अपने पुत्र की शादी में 1000 करोड रुपए खर्च कर रहे हैं,अंबानी परिवार के लिए यह 1000 करोड़ रुपए उनकी आमदनी का 0.1% भी नहीं है । अगर अंबानी परिवार अपने बेटे के सिर के ऊपर से 500 करोड रुपए घूमाकर 
न्यौछावर कर के इन बच्चों को दे देते तो शादी में चार चांद लग जाते,ये परेशान मां बाप जिंदगी भर अंबानी परिवार एवं उनके बेटे के लिए दुआएं करते रहते,पर अफसोस शानो शौकत हावी रही इन मजबूर मां बाप के आंसुओं पर, पर ऐसा नहीं हुआ,अब बात करें अंबानी  परिवार के शाही विवाह समारोह की ।
*नोटों के डमरु पर खूब थिरके* 
 *हॉलीवुड बॉलीवुड के भांड ।*
विवाह समारोह हर किसी के लिए  जीवन का एक खास मौका होता है,हर व्यक्ति इसे काफी खास और यादगार बनाना चाहता है । पर हम बात करें एक ग़रीब या मध्यवर्गीय परिवारों की जो अपने बेटा या बेटी की शादी में अपने जीवन की पूरी पूंजी लगा देता है, उधार लेता है,और विवाह समारोह संपन्न करते है,और जीवन भर उधारी को चुकाने में अपनी एड़ियां घिसते रहते है, दिन रात मेहनत करते है,पसीना बहाते है,पर कर्ज़ का पहाड़ कम होने का नाम ही नहीं लेता,यह आम आदमी अंबानी थोड़ी है,आइये बताएं भारत के सबसे धनी व्यक्ति में और हम और आप में क्या फर्क है ।
मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी के प्री वेडिंग समारोह में विदेशी गायिका रिहाना ने खूब  कमर मटकाई,गला फाड़ फाड़ कर अंग्रेजी गीत सुनाए
रिहाना ने इस कार्यक्रम के लिए 80 करोड़ लिए ।
हमारी  शादियों में रिहाना तो नहीं आती,पर किन्नर जरूर आते हैं, किन्नर खूब नाचते हैं, फूहड़ गाने गाते हैं, 1100 रुपए की मांग करते हैं,जिसको देने में हमें पसीने आ जाते हैं । 
अंबानी के बेटे की शादी में विश्व एवं भारत के धनवान लोग मेहमान बनकर आते हैं,अमिताभ बच्चन,अभिषेक बच्चन,शाहरुख खान,आमिर खान सलमान खान,रणबीर कपूर ऐश्वर्या राय, दीपिका पादुकोण,आलिया भट्ट और अनेक सितारों ने वेटर का काम बखूबी निभाया दुनिया के पैसे वालों के सामने नौकरों की तरह खाना परोसते दिखे, वह बात अलग है, इस काम के लिए इन लोगों ने करोड़ों रुपए अंबानी परिवार से वसूले ।
 हमारी शादियों में फूफा जी, काका जी,मामा जी,मामी जी, चाचा जी ,चाची जी मेहमानों का स्वागत करते हैं, एवं खाना परोसते हैं,और भगवान कसम एक पैसा नहीं लेते,उल्टा शगुन के रूप में लिफाफा देकर जाते हैं ।
अंबानी परिवार की बेटी ईशा अंबानी ने 90 करोड़ का लहंगा नीता अंबानी ने 150 करोड़ की साड़ी एवं 500 करोड़ का हीरो का हार पहना था ।
हमारी शादियों में बेटी की मां अपने पूरे गहने अपनी बेटी को पहना देती है, जिसकी कीमत कुछ हजारों या लाख में होती है,या अपने गहने गिरवी रखकर अपनी बेटी की शादी करवाती है। 
अनंत अंबानी की शादी में ढाई हजार व्यंजन, 500 तरीके के मीठे बने थे, करोड़ों रुपए की दारू पानी की तरह बाही गई थी ।
हमारी शादियों में मटर पनीर के साथ अगर मलाई कोफ्ता बन जाए तो हमारी छाती चौड़ी हो जाती है, मीठे में अगर गुलाब जामुन के साथ आइसक्रीम हो जाए तो सोने पर सुहागा । 
यह फर्क है,अंबानी में और हम में । आइये कुछ सच्चाई आपको बताएं हमारे देश की,हमारा देश भारत जहां पर 5 किलो राशन के लिए लोग घंटों लाइनों में लगते हैं, हमारी बेटी 90 करोड़ का लहंगा तो नहीं पहन सकती, पर फटी हुई चुनरी से अपना तन छुपा सकती है, अपनी बेटी, बेटे की शादी में 1000 करोड़ तो खर्च नहीं कर सकते, पर खुशी खुशी दस हज़ार रुपए में सम्मेलन में शादी करके उतनी ही खुशी मिलती है, जितनी अंबानी परिवार को 1000 करोड रुपए खर्च करके मिली होगी ।
*बेटी ने खत तो लिख दिया* 
      *पर पता क्या लिखे ।* 
    *पिता ने बेटी की शादी,* 
  *की थी अपना मकान बेचकर।*
🙏🙏🙏🙏
मोहम्मद जावेद खान 
संपादक
 भोपाल मेट्रो न्यूज

ऐसा लग रहा है कि समस्त प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और जन सामान्य की निगाहें भूतपूर्व सांसद धनंजय सिंह के सजा के ऊपर लगी हुई है और इसीलिए सजा में देरी हो रही है

*ऐसा लग रहा है कि समस्त प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और जन सामान्य की निगाहें भूतपूर्व सांसद धनंजय सिंह के सजा के ऊपर लगी हुई है और इसीलिए सजा में देरी हो रही है 
की कोई किसी को उठाता नहीं कोई किसी को डूबता नहीं उसके कर्म और कुकर्म ही उसको आगे या पीछे ले जाते हैं पूर्व सांसद और विधायक धनंजय सिंह के पास राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित होने का सुनहरा अवसर था जिसे उन्होंने एक नहीं अनेक बार गवा दिया जब भाजपा में हुए लगभग आ चुके थे तब न्यायालय और भाजपा हाई कमान के आदेशों की अवहेलना करके उन्होंने खुलेआम क्रिकेट का मैच खेला इसी तरह और भी बहुत सी बातें हैं जिसका लिखा जाना उचित नहीं है उनमें से एक यह भी है कि जब वादी मुकदमा इंजीनियर द्वारा अपने बयान को वापस ले लिया गया उसके बाद भी सजा का होना अपने आप में सारी कहानी कह देता है यहां तो तमाम नेता बयान होने के बाद भी बेदाग छूट जाते हैं एक समय वह जौनपुर के लोगों की धड़कन बन चुके थे लेकिन गलत साथ और गलत समय का चयन उनके लिए बर्बादी और विनाश का कारण सिद्ध हुआ भाजपा ने तो यहां तक सोचा था कि उनकी पत्नी श्रीकला धनंजय के द्वारा उत्तर और दक्षिण भारत का मेल होगा और भाजपा को वहां जमीनी पकड़ मिलेगी लेकिन इसका ठीक उलटा हुआ क्या बिना सत्ता पक्ष के उनकी पत्नी श्रीकला जिला पंचायत अध्यक्ष हो सकती थी यहां तक की बृजेश सिंह प्रिंसू का राजनीतिक कैरियर भी बिना सत्ता के ऊपर नहीं जा सकता था और किसी का भी नहीं जा सकता है योगी आदित्यनाथ पर तमाम आरोप प्रत्यारोप भी उनके अपने और विपक्षी लोग लगाते रहे थे इस सजा के द्वारा सबका पटाक्षेप हो जाएगा और 10 वर्ष तक धनंजय सिंह के राजनीतिक कैरियर पर ग्रहण लग जाएगा उसके बाद कुछ बचेगा नहीं यह हो सकता है कि श्रीकला धनंजय किसी दल से चुनाव लड़ जाएं यह और भी घटक तथा विनाशकारी होगा हां अगर वह भाजपा में शामिल हो जाती हैं तो बहुत संभव है की सारी परिस्थितियों बदल जाएं और धनंजय सिंह फिर से भाजपा के साथ जुड़ जाए यह निश्चित था कि अगर भाजपा से धनंजय सिंह टिकट लड़ते या निर्दल भाजपा के समर्थन से लड़ते तो उनकी विजय सुनिश्चित थी इसका नुकसान धनंजय सिंह के साथ-साथ भाजपा को भी उठाना पड़ेगा*

इस स्वर्ण सिक्के पर चक्रवर्ती महाराज समुद्रगुप्त हैं जिनके घोड़े ने चार समुद्रों का पानी पिया था, ये चार समुद्र हैं: हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और कैस्पियन सागर। महाराज समुद्रगुप्त का साम्राज्य बैक्ट्रिया, मध्य एशिया और अफगानिस्तान होते हुए ओडिसा असम और सिंहल द्वीप तक जाता था।

इस स्वर्ण सिक्के पर चक्रवर्ती महाराज समुद्रगुप्त हैं जिनके घोड़े ने चार समुद्रों का पानी पिया था, ये चार समुद्र हैं: हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और कैस्पियन सागर।  महाराज समुद्रगुप्त का साम्राज्य  बैक्ट्रिया, मध्य एशिया और अफगानिस्तान होते हुए ओडिसा असम और सिंहल द्वीप तक जाता था। 

ऐसे योद्धा जिन्होंने लगभग सौ युद्ध लड़े और कोई युद्ध नही हारा, ऐसे महामानव जिन्हे तलवार और वीणा दोनो में सिद्धि प्राप्त थी, उनकी तुलना मूर्ख इतिहासकार विंसेट स्मिथ नेपोलियन से करता है। नेपोलियन पचास युद्ध लड़ा और आखिर में वाटर लू में हार कर अत्यधिक दुर्दशा को प्राप्त हुआ। महाराज की कला, संस्कृति उन्हे असाधारण मनुष्य बनाती थी जो उन्हे पाशविक लड़ाकुओं से अलग करती है। 

महाराज समुद्रगुप्त के इस सिक्के बारे में लिखने का उद्देश्य यह है कि इस चित्र को ध्यान से देखा जाए, पिछली पोस्ट में जिन लोगों को मेरे द्वारा बताए गए प्राचीन भारतीय वस्त्र विन्यास से दिक्कत हुई वे इसे और ध्यान से देखें। महाराज ने ओवरकोट पहना है। अब ओवरकोट भी भारतीय राजा पहन रहे हैं। पश्चिम का कॉपीराइट ध्वस्त हुआ, जिन ग्रीन मैंगो मोर लोगों को मेरा लिखा लेख व्हाट्स यूनिवर्सिटी या कॉपी किया हुआ लगता है वे इस शैली में  ऐसा कहीं और लिखा दिखा दें। वे नही दिखा पाएंगे, क्योंकि वे जाहिल हैं इसलिए मैं उन्हें उत्तर नही देता या ब्लॉक कर देता हूं।

गुप्त राजा बूट भी पहनते थे, पगड़ी भी बांधते थे और हां खुर्रम के डार्क एरा को स्वर्ण युग कहने वाले हबीबी इतिहासकार इस सोने के सिक्के को देखें, अकबरी जलाल के शासन में कुल 26 सिक्के मिलावटी सोने में निकाले गए जो आजतक पूर्ण रूप से मिले भी नही जबकि महाराज समुद्रगुप्त चीकोलाइट  की तरह लकलक कर रहे हैं। 

पोस्ट का उद्देश्य वामपंथियों को आइना दिखाना और दक्खिन टोले  से कहना कि अपने इतिहास को जानों, तेजवान बनो और वर्तमान को प्रकाशित करो।

Tuesday, 5 March 2024

बाप_बेटी_के_प्यार_की_अद्भुत_दास्तान .............________ #नारी_शक्ति_को_प्रणाम_नमन् !विशेष निवेदन एक बार जरूर पढ़े ...

#बाप_बेटी_के_प्यार_की_अद्भुत_दास्तान .............
________ #नारी_शक्ति_को_प्रणाम_नमन् !
विशेष निवेदन एक बार जरूर पढ़े ...
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इस फोटो को देखकर आप सबके मन मे तरह तरह के विचार आयेंगे, लेकिन इस फोटो की सच्चाई जानकर आपकी आँखो मे आँसू आ जायेंगे...!
ये फोटो यूरोप के एक पेंटर "मुरीलो" ने बनाया है! यूरोप के एक देश मे एक आदमी को भूखे मरने की सजा मिली,उसे एक जेल मे बंद किया गया, सजा ऐसी थी की जब तक उसकी मौत नही हो जाती तब तक उसे भूखा रखा जाय! उसकी बेटी ने अपने पिता से मिलने के लिये सरकार से अनुरोध किया कि वह हर रोज अपने पिता से मिलेगी! उसे मिलने की इजाजत दे दी गयी, मिलने से पहले उसकी तलाशी ली जाती कि वह कोई खाने का सामान न ले जा सके।उसे अपने पिता की हालत देखी नही गयी! वो अपने पिता को जिंदा रखने के लिये अपना दूध पिलाने लगी! जब कई दिन बीत जाने पर भी वो आदमी नही मरा तो पहरेदारों को शक हो गया और उन्होंने उस लड़की को अपने पिता को अपना दुध पिलाते पकड़ लिया, उस पर मुकदमा चला, और सरकार ने कानून से हटकर भावनात्मक फैसला सुनाया, उन दोनो को रिहा कर दिया गया। 
ये पेंटिंग युरोप की सबसे महँगी पेंटिंग है...!!
नारी कोई भी रूप में हो चाहे माँ हो चाहे पत्नी हो चाहे बहन हो चाहे बेटी...हर रूप में वात्सल्य त्याग और ममता की मूरत है। नारी का सम्मान करो।

नोट:- प्रत्येक बात के दो पहलु होते है,इसलिए मेरा निवेदन किसी भी विषय पर टिप्पणी करने या आरोप लगाने से पहले बात को सिद्ध जरूर करे।

मीडिया* *सीईओ कार्यालय, दिल्ली द्वारा जारी दिनांक 19/01/2024 के एक पत्र का हवाला देते हुए आ रही हैं, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि क्या 16/04/2024 लोकसभा चुनाव 2024 के लिए संभावित मतदान दिवस है।*

*प्रेस नोट (स्पष्टीकरण)*

*नई दिल्ली*

*दिनांक: 23.01.2024*

*मीडिया* *सीईओ कार्यालय, दिल्ली द्वारा जारी दिनांक 19/01/2024 के एक पत्र का हवाला देते हुए आ रही हैं, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि क्या 16/04/2024 लोकसभा चुनाव 2024 के लिए संभावित मतदान दिवस है।*

 *इस संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले, चुनाव से संबंधित बड़ी संख्या में गतिविधियों की योजना बनाना और उन्हें पूरा करना आवश्यक है।  ईसीआई प्लानर ऐसी सभी महत्वपूर्ण गतिविधियों को सूचीबद्ध करता है और उन गतिविधियों को शुरू करने और पूरा करने के लिए संदर्भ बिंदु के रूप में एक काल्पनिक मतदान तिथि के संदर्भ में आरंभ तिथि और समाप्ति तिथि प्रदान करता है।*
*चूंकि, अधिकांश गतिविधियां सभी जिला चुनाव अधिकारियों/रिटर्निंग अधिकारियों के स्तर पर की जानी हैं, इसलिए चुनाव योजना के अनुसार गतिविधियों को समय पर शुरू करने और पूरा करने के लिए उन्हें संवेदनशील बनाने के लिए, सीईओ दिल्ली के कार्यालय ने एक पत्र जारी किया है। सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिनांक 19.01.2024, जिसमें 16.04.2024 को आगामी लोकसभा आम चुनाव 2024 से संबंधित गतिविधियों की अग्रिम योजना, तैयारियों और समापन के उद्देश्य से एक अस्थायी मतदान तिथि के रूप में दर्शाया गया है।*

*इसलिए, पत्र में अस्थायी मतदान तिथि के रूप में उल्लिखित दिनांक 16.04.2024 केवल चुनाव अधिकारियों के लिए ईसीआई के चुनाव योजना के अनुसार गतिविधियों की योजना बनाने के लिए संदर्भ उद्देश्य के लिए थी और इसका चुनाव के वास्तविक कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ता है जिसे ईसीआई द्वारा घोषित किया जाएगा।  एक उचित समय पर*


राणा सांगा का बाबर के खिलाफ युद्ध▪️

▪️राणा सांगा का बाबर के खिलाफ युद्ध▪️
वीरता की प्रत्यक्ष मूर्ति महाराणा संग्राम सिंह जिन्हें इतिहास में सांगा के नाम से जाना जाता हैं का जन्म 12 अप्रैल 1484 को मेवाड़ रियासत में हुआ। ये महाराणा कुम्भा के पौत्र एवं महाराणा रायमल के पुत्र थे । ये बचपन से ही वीर एवं बुद्धिमान थे। इनकी राजयोग की भविष्वाणी बचपन में ही कर दी गयी थी जिससे इनका बचपन बेहद मुसीबत भरा रहा एवं इस संघर्ष में इनको अपनी एक आँख खोनी पड़ी एवं राज्य छोड़ना पड़ा । ये अपने मुसीबत के समय अजमेर के करमा पवार के पास रहे थे । अपने बड़े भाई की मृत्यु के बाद ये मेवाड़ लोटे एवं 1509 में राजगद्दी पे बैठे।जब ये राजगद्दी पे बैठे उस समय मेवाड़ की स्थति नाजुक थी। अतः इन्होंने पडोसी राजाओं को अपना मित्र बनाया। महाराणा सांगा हिन्दूपत के नाम से जाने जाते थे। ये राजपूताने के अन्तिम शासक थे जिनके झंडे के नीचे सारा राजपुताना लड़ा। इन्होंने अपने जीवन में अनेकों युद्ध लड़े एवं 1 को छोड़कर सभी में विजयी हुए।

खानवा का युद्ध:-
1526 में इब्राहिम लोदी को हराने के बाद बाबर एक शक्तिशाली शासक बन चूका था।
महाराणा सांगा के जो उस समय उत्तरी भारत के सबसे शक्तिशाली शासक थे के साथ बाबर का युद्ध होना अवश्यम्भावी था। यह वो युद्ध था जो भारत की तस्वीर बदलने वाला था। अतः महाराणा सांगा नेराजपूतो की पोती परवन की पुरानी परम्परा को पुनः जीवित किया एवं राजपूताने के सभी शासको को अपने साथ युद्ध में मिलाया।
राजपूत शासक जो महाराणा के साथ लड़े:-
अलवर महाराजा -हसन खा मेवाती
आमेर महाराजा-पृथ्वीराज
बीकानेर युवराज-कल्याणमल
जोधपुर युवराज -मालदेव
ईडर राजा - भारमल
चंदेरी राजा -मेदनीराय
राव वीरम देव -मेड़ता
डूंगरपुर महारावल -उदयसिंह
महमूद लोदी

महाराणा सांगा एवं बाबर के मध्य पहला युद्ध फरवरी 1527 में हुआ जब महारणा सांगा ने बयाना के किले पर हमला किया एवं बाबर की सेना को भगा दिया।
अतः बाबर महाराणा की और भड़ा एवं उसने खानवा के मैदान में डेरा डाला।
लेकिन महाराणा ने छोटा रास्ता छोड़कर लंबा रास्ता अपनाया जिससे बाबर को तैयारी का वक़्त मिल गया।17 मार्च 1527 में दोनों की सेना आमने सामने हुई। राजपूतो को अपने सामने देखकर तुर्को में खलबली मच गई एवं उनके पैर उखड़ने लगे उस समय बाबर ने घबराकर मदिरा ना पीने की शपथ ली एवं युद्ध को जिहाद घोषित किया। इस युद्ध में उसने तुलगमा पद्धति एवं तोपखाने का प्रयोग किया जिससे राजपूत अनजान थे.भयंकर युद्ध चला रहा था की अचानक एक तीर महाराणा के सिर में लगा एवं वो बेहोश हो गए एवं उनको युद्ध मैदान से ले बाहर ले जाया गया एवं उनका स्थान झाला अज्जा ने लिया।राजपूतो को इस युद्ध में हर झेलनी पड़ी एवं बाबर ने युद्ध के पश्चात राजपूतो के सिर की मीनार बनवाई।
महाराणा को बसवा (दौसा) ले जाया गया जहा पे होश आने पर उन्होंने मेवाड़ लौटने से इंकार कर दिया एवं दूसरे युद्ध की तैयारी करना शुरु कर दिया अतः वो सरदार जो नए युद्ध के विरोधी थे उन्होंने महाराणा को जहर दे दिया एवं 30 जनवरी 1528 को महाराणा वीरगति को प्राप्त हुए। इनकी समाधी मांडलगढ़ (भीलवाड़ा ) में बनी हुई है। रायसीन के राजा सिह्लदी तंवर ने महाराणा के साथ धोखा किया एवं वो बाबर के साथ मिल गया ।

महाराणा के शरीर पर 80 घाव थे उनके एक आँख ,एक हाथ व एक पैर देश की रक्षा में कुर्बान हुए किन्तु उन्होंने अंतिम दम तक देश सेवा की।
कर्नल जेम्स टॉड ने महाराणा को सैनको का भग्नावशेष कहा है।
महाराणा सांगा राजपूताने के वो शासक थे जिनके सेनापतित्व में लड़ना अन्य राजपूत राजा अपना गौरव समझते थे।

शिक्षा और खेल युवाओं का गहना नारायणा* जिला एथलेटिक्स संघ के द्वारा गुजरात अहमदाबाद जिला नेशनल एथलेटिक्स चैंपियन में भाग लेकर आए युवा खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया

*शिक्षा और खेल युवाओं का गहना नारायणा* जिला एथलेटिक्स संघ के द्वारा गुजरात अहमदाबाद जिला नेशनल एथलेटिक्स चैंपियन में भाग लेकर आए युवा खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया

 साथ ही ऐसे खिलाड़ियों को भी जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर रामपुर जिले का नाम रोशन किया सम्मानित किया गया। इस अवसर नारायण ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन के एजीएम एस यू कमर मुख्य अतिथि रही ।उन्होंने कहा की शिक्षा के साथ-साथ जीवन में खेल की महत्वपूर्ण भूमिका है उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए खेल वह गहना है जो बचपन से लेकर बुढ़ापे तक साथ रहता है । डॉक्टर अनूप सिंह ने कहा की खेल प्रोत्साहन से खिलाड़ियों के हौसले बढ़ते है। एथलेटिक्स संघ के जिला सचिव फरहत अली खान ने कहा की अति शीघ्र जिला एथलेटिक्स चैंपियन शिप आयोजित की जाएगी जिसमें सब जूनियर जूनियर और सीनियर प्रतिभावान खिलाड़ी भाग लेंगे इस अवसर पर महावीर सिंह मनोज सिंह जीशान अहमद शादाब अंसारी अरमाना अंकिता सोनिया ने भी खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए विचार व्यक्त किया अंत में सभी का आभार जॉइंट सेक्रेटरी एथलेटिक संघ श्री रणदीप सिंह जी ने किया

माना जाता है कि जीभ आपकी सेक्स लाइफ में दस गुना तक ऊर्जा भर सकती है। अगर उसका सही तरीके से प्रयोग किए जाए।

माना जाता है कि जीभ आपकी सेक्स लाइफ में दस गुना तक ऊर्जा भर सकती है। अगर उसका सही तरीके से प्रयोग किए जाए।

किस के दौरान एक-दूसरे की जीभ को सक करके आप न सिर्फ प्यार की गहराइयों में उतर सकते हैं बल्कि इससे आप किस के प्लेजर को सातवें आसमान पर भी पहुंचा सकते हैं।

किसी भी इंसान का गला और कान काफी सेंसेटिव होता है. सेक्स के लिए पार्टनर को उत्तेजित करने के लिए इन जगहों पर जीभ से लिक करना चाहिए. इन जगहों पर आप अपनी जीभ का इस्तेमाल करके प्यार की चिंगारी को भड़का सकते हैं.

आप अपने पार्टनर के पैरों पर भी अपने जीभ से लिक कर सकते हैं. पैरों के अंगूठे और उंगलियों पर लिक करने से आपके और आपके पार्टनर के बीच रोमांस और ज्यादा बढ़ जाएगा.

फोरफ्ले के दौरान अपने पार्टनर के चेस्ट या ब्रेस्ट पर अपने जीभ से लिक करके आप न सिर्फ उन्हें सेक्स के लिए उत्तेजित कर सकते हैं बल्कि इससे उस खास लम्हे को आप पैशन से भी भर सकते हैं.

पेट पर जीभ से लिक करने से भी आपका पार्टनर उत्तेजित हो जाएगा. पेट और नाभि के आस-पास जीभ से लिक करने पर आपके पार्टनर पर मदहोशी छाने लगेगी और वो आपके प्यार में मदहोश होने को बेताब हो जाएंगे.

और अंत में यो नी और लिं ग को चूसे चाटे॥

Saturday, 2 March 2024

चलो एक मुहिम चलाएं,देश को भ्रष्टाचार एवं कचरा मुक्त बनाए ।व्यर्थ ही सम्मान दिया,व्यर्थ ही दिया प्यार,खुद को हीरा समझ बैठाएक कचरे का ठेकेदार।

चलो एक मुहिम चलाएं,
देश को भ्रष्टाचार एवं
 कचरा मुक्त बनाए ।
व्यर्थ ही सम्मान दिया,
व्यर्थ ही दिया प्यार,
खुद को हीरा समझ बैठा
एक कचरे का ठेकेदार।
कैसा यह नसीब, सही कहा गया है इज्जत देना ऊपर वाले के हाथ में,जब आपको दूर से हूटर,या सायरन की आवाज़ आए तो आप क्या समझेंगे,एक पल के लिए आप यह सोचेंगे किसी नेता की गाड़ी आ रही है,या पुलिस या एंबुलेंस की गाड़ी आपके पास से गुज़रने वाली है ।
भाई साहब आज तो हद हो गई, मेरे कानों में सायरन की आवाज़ आई तो,मैंने गाड़ी को साइड में लगाकर रोक दी,मुझे लगा कोई बड़ा नेता गुज़रने वाला हैं, मैंने सोचा चलो बहुत दिन हो गए नेताओं को सड़कों पर देखे हुए, चुनाव गुज़र गए,सरकार बन गई, कुछ नेताओं के दिल टूट गए, किसी के हत्थे चांदी आई, कोई मंत्री बना, तो किसी के पास निराशा आई, मैंने सोचा चलो आज नेताजी के दर्शन उनकी चमचमाती गाड़ी में हो जाएंगे ।
एक बदबू के झोंके ने मेरा भरम तोड़ा मेरे पास से नगर निगम की कचरे की गाड़ी सायरन बजाते हुए गुज़र गई,गाड़ी में पड़ा कचरा मुझे मुंह चिढ़ा रहा था, और ज़ोर-ज़ोर से कह रहा था क्यों भैया कैसी रही,तुम ही मुझे सुबह नाक पर कपड़ा बांधकर इसी गाड़ी में डालकर भाग जाते हो मेरी तरफ पलट कर भी नहीं देखते हो,आज मेरे लिए अपनी गाड़ी को साइड में लगाकर मेरे आने का इंतजार कर रहे हो, तो किसी ने ठीक कहा है इज्जत जिसको मिलती है उसे कोई रोक नहीं सकता । सायरन बजाते हुए कचरे की गाड़ी को देखकर मेरे मन में यह विचार आया यही आपका भ्रम है,दुनिया की चकाचौंध से हम बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं, गाड़ियों के सायरन की आवाज़ को सुनकर हम बड़े सम्मान से एक तरफ खड़े होकर इंतजार करते हैं,हमारे नेता जी अपनी चमचमाती हुई गाड़ी से गुज़रने वाले हैं, जब गाड़ी गुज़र जाती है,तो पता चलता है इस गाड़ी में कचरा जा रहा है,कचरा भी वो,जो भ्रष्टाचार से दूषित, कुर्सी के लिए कुछ भी करने को तैयार,पुराने साथियों को धोखा देकर राजनीति की रबड़ी को चाट चाट कर खाना, पौने पांच साल तक सुख विलास का जीवन व्यतीत करना, क्षेत्र की जनता को मुंह ना लगाना,चुनाव के ऐन वक्त पर फिर से क्षेत्र की जनता की याद आना,हाथ जोड़ जोड़कर माफी मांगना,झूठी कसमें खाना, चुनाव जीत कर भूल जाना ।
आप ही बताएं आप इनको नगर निगम की गाड़ी में रखा हुआ कचरा ही समझेंगे या ------- ।

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मोहम्मद जावेद खान 
संपादक 
भोपाल मेट्रो न्यूज

Friday, 1 March 2024

1 मार्च से 15 मार्च तक मौसम और अन्य भविष्यवाणियां*

*1 मार्च से 15 मार्च तक मौसम और अन्य भविष्यवाणियां*

 *1 मार्च से लेकर 15 मार्च तक का मौसम अनिश्चित अनियमित और अस्थिर रहेगा जौनपुर और आसपास 1 मार्च से 3 मार्च तक अधिकतम तापमान लगातार बढ़ेगा और 31 डिग्री सेल्सियस पर कर जाएगा जबकि 3 से लेकर 6 मार्च तक न्यूनतम तापमान घटेगा और 11 से लेकर 13 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा जबकि 6 मार्च से लेकर 9 मार्च तक अधिकतम तापमान घटेगा और 27 से 30 डिग्री सेल्सियस तक आ जाएगा जबकि न्यूनतम तापमान इस दौरान लगभग स्थिर रहेगा 7 मार्च से लेकर 15 मार्च तक मौसम बहुत तेजी से गर्म होगा और यह 37 डिग्री सेल्सियस के भयानक स्तर को पार कर जाएगा*

 *जिसके कारण प्रचंड गर्मी का अनुभव होगा न्यूनतम तापमान भी इस कालखंड में बढ़कर 12 से 15 डिग्री सेल्सियस हो जाएगा 1 मार्च से लेकर 3 मार्च तक गुजरात राजस्थान दिल्ली पंजाब हरियाणा पश्चिमी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश लेह लद्दाख जम्मू कश्मीर नेपाल के अधिकांश भागों में हल्की से मध्यम वर्षा और हिंदू कुश कश्मीर नेपाल भूटान से अरुणाचल प्रदेश तक तीव्र हिमपात होगा जबकि 3 मार्च से 6 मार्च के बीच मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश के अधिकांश भागों में बिहार में गोदाबादी हल्की वर्षा होगी लेकिन जौनपुर और आसपास के जिलों में इसका प्रभाव बहुत कम रहेगा हल्के बादलों के साथ कहीं-कहीं बूंदाबांदी या हल्की वर्षा तक ही सीमित रहेगा पूरे देश में तेज हवाएं चलती रहेंगी* 

*दक्षिणी भारत में महाराष्ट्र दक्षिणी मध्य प्रदेश उड़ीसा आंध्र प्रदेश तेलंगाना पांडिचेरी तमिलनाडु केरल कर्नाटक गोवा मुख्य रूप से सुख रहेगा और कर्नाटक महाराष्ट्र के अनेक भागों में जल की भीषण कमी हो जाएगी 15 मार्च के आसपास मौसम एक बार फिर से उत्तरी भारत में परिवर्तित होगा* 

*हिमालय पर जोरदार बर्फबारी होने के कारण एक बार फिर से सुबह और रात की ठंड येन केन प्रकारेण 15 मार्च तक चलेगी इसके बाद 15 सितंबर से प्रारंभ हुआ ठंड का मौसम 15 मार्च तक पूरी तरह समाप्त हो जाएगा अन्य भविष्यवाणी में हमारे केंद्र के द्वारा पहले ही कहा गया था कि अप्रैल मई में लोकसभा के आम चुनाव होंगे राजनीति का चरमपतन देखने को मिलेगा* 


*न्यायालय द्वारा बार-बार अनावश्यक हस्तक्षेप और चुनाव के बाद कॉलेजियम सिस्टम समाप्त करने का सफल प्रयास होगा अर्थ वित्त मामलों में सुधार होगा फलों फसलों सब्जियों की अच्छी पैदावार होगी भारत का मान सम्मान और प्रतिष्ठा अंतर्राष्ट्रीय पटेल पर लगातार बढ़ेगा सऊदी अरब के सुधारात्मक कदम से पाकिस्तान सहित इस्लामी देशों में हाहाकार मचेगा* 

*रूस चीन अमेरिका खरबों डॉलर के हथियार देश को लड़ा कर बेच देंगे और मालामाल हो जाएंगे मार्च में भारत चीन भारत पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ेगा कहीं कहीं हल्की झड़प भी होती दिख रही है अमेरिका यूरोप और उत्तरी एशिया में प्रचंड बर्फबारी भयंकर चक्रवातों और बर्फीले तूफानों का दौर चलेगा* 

*भारत में आश्चर्यजनक राजनीतिक परिवर्तन होंगे और राजनीति का चरमपतन देखने को मिलेगा अनेक दलों के नेता दल बदल करेंगे लेकिन सबसे अधिक विपक्षी दलों के नेता भाजपा में शामिल होंगे इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन को 350 से 405 और भाजपा को 315 से 335 सीटें मिलने की संभावना बन रही है दो फिल्मी हस्तियों और तीन बड़े राष्ट्रीय राजनेता स्वर्गवासी हो जाएंगे* 


*दक्षिण भारत में भाजपा 50 सीटों का जादू यहां कड़ा छू सकती है 2025 में भारत के शीर्ष नेतृत्व में परिवर्तन आश्चर्यजनक रूप से होगा भारत में पुलिस प्रशासन और सरकारी तंत्र का भ्रष्टाचार घूसखोरी और संवेदनहीनता भाजपा को नुकसान पहुंचा सकती है विपक्षी एकता के प्रयास कहीं सफल तो कहीं असफल होंगे दिल्ली में भाजपा को नुकसान हो सकता है* 

*भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र में डंका बजेगा और एक अभियान छोड़कर बाकी सभी सफल होंगे जबकि यूरोप अमेरिका इंग्लैंड चीन जापान के कई अंतरिक्ष अभियान बुरी तरह असफल होंगे अमेरिका को अपना चंद्र अभियान रोकना पड़ेगा दो मध्यम और एक तेज ज्वालामुखी विस्फोट तथा एक भयानक भूकंप और कई हल्के भूकंप इस कालखंड में आएंगे जिसमें एक भूकंप भारत में रहेगा जो महाराष्ट्र या हिमालय क्षेत्र में रहेगा* 

*रूस यूक्रेन अरब इजरायल युद्ध होता रहेगा कुछ अन्य राष्ट्रों में युद्ध और गृह युद्ध होने की संभावना है भारत में बड़ी संख्या में विदेशी एजेंट और गुप्तचर तथा देशद्रोही गद्दार पकड़े जाएंगे इस दौरान मीडिया का महत्व और प्रतिष्ठा बढ़ेगी बंगाल और दिल्ली में कुछ आश्चर्यजनक घटनाएं होंगी* 

*इस तरह 1 मार्च से 15 मार्च तक कब वातावरण पूरी तरह अनिश्चित अनियमित और अस्थिर रहेगा भारत सहित पूरी दुनिया में अपराध यौन अपराध उग्रवाद आतंकवाद तेजी से बढ़ेगा हिंदी का बढ़ावा मोदी और भाजपा द्वारा केवल एक नाटक सिद्ध होगा और अंग्रेजी का महत्व लगातार बढ़ता जाएगा इसके विरुद्ध देश में आक्रोश पैदा होगा* 

*डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि और निर्देशक अलका  शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान और विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर*