Thursday 18 May 2023

कच्चे और पके आम 🥭 का ख़ास गणित

कच्चे और पके आम 🥭 का ख़ास गणित

कच्चे हरे आम के छिलके फेंकना नहीं है। कच्चे आमों को साफ धो लीजिये, सूखे कपड़े से पोछ लीजिये, छिलके उतारकर इसके पल्प का आमचूर, अचार, मुरब्बा बगैरह बना सकते हैं, रही बात इसके छिलकों की, तो इसके छिलकों को फेंकने की गलती ना कीजिएगा। छिलकों को धूप में 3-4 दिन उलतपुलटकर सुखा दीजिये और इन्हें ग्राइंड करके पाउडर बना लें। इस पाउडर की आधी चम्मच मात्रा हर दिन एक गिलास पानी के साथ पीना सेहत के हिसाब से बेहतरीन है। कच्चे आम के छिलको में एंटीऑक्सीडेंट कंपाउंड मैंजीफेरीन पाया जाता है, छिलकों का 70-80% हिस्सा फाइबर्स होता है और तो और इनमें पॉलीफिनॉल्स, कैरेटेनॉइड्स, विटामिन C, विटामिन E और कई अन्य महत्वपूर्ण प्लांट कंपाउंड्स पाए जाते हैं। हार्ट की समस्याओं के लिए इन नेचरल कंपाउंड्स की जरूरतों को लेकर ढेर भर रिसर्च पेपर्स पढ़े जा सकते हैं। आपके बालों, स्किन और आंखों के लिए भी ये कंपाउंड्स बड़े काम के हैं। इसके अलावा कच्चे आम के छिलकों में ट्रायटर्पिन और ट्रायटर्पिनॉएड्स पाए जाते हैं जो कि एंटीकैंसर और एन्टीडायबेटिक कंपाउंड्स हैं। इतना सब कुछ है इन छिलकों में फिर भी इन्हें डस्टबीन/ दुष्टबीन का रास्ता दिखा देना मूर्खता है, फेंकिये मत, कंज्यूम कीजिये बाबा। अब बात करते हैं पके आमों की🥭

आपको पता है ना  स्वघोषित आम राजा हैं 😊...राज गद्दी पर बैठकर टोकरीभर देसी आम पेट में उड़ेल देते हैं राजा बाबू...खैर...मुझे यकीन है कि आपके परिवार में कोई डायबेटिक है तो आम के नाम से ही दहशत मचे रहती होगी, क्यों? क्योंकि किन्ही डॉक्टर साहब ने बोल रखा है कि आम खाने से शुगर लेवल बढ़ जाएगा, आम डायबिटीज के रोगियों के लिए ज़हर है, ऐसा ही कुछ बोला गया ना? अरे दादा, अति करोगे तो सब ज़हर है...आम में बेशक नेचरल शुगर होती है और ये नेचरल शुगर बाकी अन्य फलों की तुलना में ज्यादा ही होती है। करीब 150 ग्राम आम में 25 ग्राम तक नेचरल शुगर...तो क्या ये किसी डायबेटिक के शुगर लेवल को बढ़ा देगी? कोई रिसर्च नहीं है, कोई प्रमाण नहीं है तो काहे इतना हो हल्ला? टेंटुआ मसक देने का मन करता है...अरे साहब, 150 ग्राम पके आम से दिनभर का 70% तक विटामिन C मिल जाता है और रिसर्च बताती हैं कि विटामिन C और केरेटिनोइड्स (जो पके आम में खूब होते हैं) डायबिटीज होने की संभावनाओं को कम कर देते हैं। तो कुलमिलाकर, कवि कहना चाहते हैं कि 150 ग्राम आम का पल्प बगैर चिंता के हर दिन खाया जा सकता है, 150 ग्राम पल्प यानी मध्यम आकार के 4 आम❤️ (गुठली और छिलके बगैर😁)...शुगर- वुगर है, तो रहने दो, आप आम खाएं, कोई फर्क नहीं पड़ेगा, बिंदास दबाएं 🥭 

कुछ और बातें हैं, ये जरूर दिमाग में डाल लें...◆ आम खरीदते समय सूंघकर चेक ना करें, केमिकल्स हो सकते हैं◆ आम को इस्तमाल करने से पहले 20 मिनिट तक पानी में डालकर रखें, एसिडिटी नहीं करेगा और केमिकल्स वगैरह इसकी स्किन पर हों तो निकल जाएंगे ◆पके आम का छिलका नहीं चबाना है वरना पेट दर्द कर सकता है ◆आम खाने के बाद आधा कप कच्चा या पका दूध पी लीजियेगा, जल्द पचेगा और गर्म नहीं करेगा◆ डायबिटीज वालों को आमरस, जूस या शेक नहीं पीना है, इसमें शक्कर डाली जाती है, जूस वैसे भी नहीं लेना चाहिए ◆ डायबिटीज वालों को आम एक दिन में उतना ही खाना जितना बताया, इतने आम खाकर शुगर शूट नहीं करेगा ◆ डायबेटिक्स लोग आम खाकर रोस्टेड मूंगफली या रोस्टेड चने खाएंगे तो मूंगफली और चने के प्रोटीन शुगर स्पाइक कम करने में मदद करेंगे... अभी इतना ही, फिर जब जैसा याद आएगा, पंचायत कर लूंगा...फिलहाल अब बस, इतना कहकर कवि अपना स्थान ग्रहण करते हैं😁

No comments:

Post a Comment