Monday 8 May 2023

औषधि माफियाओं व नकली कॉस्मेटिक प्रोडक्ट विक्रेताओं के आगे नतमस्तक दिख रहे हैं औषधि निरीक्षक खीरी**-------------------------------*जुनून सच लिख दिखाने का,* *मोहम्मदी-खीरी।**--------------------------------*

*औषधि माफियाओं व नकली कॉस्मेटिक प्रोडक्ट विक्रेताओं के आगे नतमस्तक दिख रहे हैं औषधि निरीक्षक खीरी*
*-------------------------------*जुनून सच लिख दिखाने का,*    *मोहम्मदी-खीरी।*
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*मोहम्मदी -खीरी।* क्षेत्र के गांव गांव में मेडिकल स्टोर व झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है चाय की गुमटियों जैसी दुकानों में बिना रजिस्ट्रेशन के मेडिकल स्टोर की आड़ में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मरीज चाहें उल्टी, दस्त, खांसी बुखार से पीड़ित हो या फिर अन्य कोई बीमारी सभी बीमारियों का इलाज यह मेडिकल स्टोर पर झोलाछाप डॉक्टर करने को तैयार हो जाते हैं। खास बात यह है कि अधिकतर मेडिकल स्टोर के संचालकों व झोलाछाप डॉक्टरों को किसी न किसी राजनैतिक व्यक्त,औषधि निरीक्षक एवं सीएचसी का संरक्षण प्राप्त है। शायद इसीलिए झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद हैं जो गांव-गांव कस्बा मोहल्लों के गली-गली में छोटे बड़े मेडिकल स्टोर, क्लीनिक व हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन व मानक/ नियमों को पूर्ण कर बेरोकटोक धड़ल्ले से खोलकर संचालन कर इलाज के नाम पर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे ही सुंदरता की चाह रखने वाले युवा लड़कियां एवं महिलाओं को नामी-गिरामी कंपनियों के नकली प्रोडक्ट बाजार की थोक व फुटकर दुकानें पटी पड़ी है और बेरोकटोक धड़ल्ले से दुकानदारों द्वारा बिक्री की जा रही है। इन नकली प्रोडक्टों के इस्तेमाल से त्वचा संबंधित रोग एवं बालों का गिर जाना तेजी से देखा जा रहा है। लेकिन इन सब बातों से औषधि निरीक्षक है अनजान या इनके संरक्षण से क्षेत्र में बेरोकटोक धड़ल्ले से क्षेत्र में संचालित हैं मेडिकल स्टोर व मेडिकल स्टोर नुमा क्लीनिक एवं नकली कॉस्मेटिक प्रोडक्ट की थोक व दुकानें व बड़े-बड़े शोरूम। मीडिया कर्मी द्वारा किये गए एक सर्वे के मुताबिक पहले हम बात करते हैं मेडिकल स्टोर व मेडिकल स्टोर नुमा क्लीनिक की तो मोहम्मदी क्षेत्र में अनेकों कुकुरमुत्तों की तरह उगे मेडिकल स्टोर, मेडिकल स्टोर युवा क्लीनिक एवं हॉस्पिटल नगर व गांवों के गली मोहल्लों में बेखौफ,बेरोकटोक एवं धड़ल्ले से संचालित है। अधिकतर मेडिकल स्टोर पर बिना डॉक्टर के लिखें पर्चे और बिल बनाए दवाओं की बिक्री एवं बिना फार्मासिस्ट के उपस्थित में मरीजों को हर प्रकार की बीमारियों में हरी,लाल,पीली,नीली दवाइयों की धड़ल्ले से पुड़िया बनाकर बिक्री की जाती है। कई मेडिकल स्टोर और क्लिनिको में अंतर ही नहीं दिखाई  देता यहां तो मरीजों को हर मर्ज की दवा दी जाती है और साथी ही इंजेक्शन लगाने के साथ बोतलें भी चढ़ाई जाती है बिना डॉक्टर और फार्मासिस्ट के। एक मेडिकल स्टोर संचालक ने नाम ना छापने की शर्त पर  दबी जुबान बताया कि मोहम्मदी क्या पूरे जनपद में 90 परसेंट मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट नहीं बैठते हैं मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट के शीशे में मड़े हुए सर्टिफिकेट तो टंगे हुए दिखाई तो देते हैं लेकिन 60 हजार रुपए सालाना के पैकेज लेने वाले फरमासिस्ट कभी कभार ही मेडिकल स्टोर पर दिखाई देते हैं वह भी एक दो घंटों के लिए ही। अधिकांश तो बिलकुल ही दिखाई ही नहीं देते। इसके एवज में औषधि निरीक्षक को  मोहम्मदी क्षेत्र के ही दलाल मेडिकल स्टोर संचालक के द्वारा क्षेत्र के सभी मेडिकल स्टोर से निर्धारित चढ़ावा वसूल कर दिया जाता है। ठीक इसी प्रकार त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले नकली कॉस्मेटिक प्रोडक्ट जैसे लक्मी,फेरन लवली जैसे आनेको प्रोटेक बाजारों की थोक व फुटकर दुकानों में उपलब्ध है और धड़ल्ले से इनकी बिक्री की जा रही है और इसके भी है एवज में औषधि निरीक्षक को छमाही और सालाना का चढ़ावा दलालों द्वारा पहुंचाया जाता है। औषधि निरीक्षक को सोचना चाहिए  क्या जनपद में जितने भी मेडिकल स्टोर संचालित है उतनी ही फार्मासिस्ट डिग्री धारक भी मौजूद है जनपद में या नहीं। यह जांच का विषय है।
 पक्ष जानने के लिए सुनील रावत औषधि निरीक्षक खीरी के मोबाइल नंबर 8009144740 से संपर्क करना चाहा लेकिन फोन नहीं उठा।

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*मेडिकल स्टोर के लिए नियम व शर्तें*

मेडिकल स्टोर के लिए कुछ आवश्यक नियम व शर्तें होती हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है। इन नियमों और शर्तों की जानकारी कुछ इस प्रकार है:-
 मेडिकल स्टोर संचालक के पास व्यवसाय का GST रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है।
 मेडिकल स्टोर पर रेफ्रीजिरेटर होना अति आवश्यक है।
 मेडिकल स्टोर के वर्किंग हॉर्स के दौरान फार्मासिस्ट का स्टोर में मौजूद होना बहुत जरूरी है।
आपके पास फार्मासिस्ट की डिग्री होना आवश्यक होता है।

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