Saturday, 31 December 2022
मुनक्का"..**कब्ज, कमर दर्द, दुबलापन, गैस, बुखार के लिये...*
विश्व गुरु बनने की राह पर भारत*
#हिजाब और नकाब मजहबी दायरे में, संगोष्ठी का आयोजन* #Aum TV,Rampur
Friday, 30 December 2022
गाँधी_के_नाम_पर_गुंडा_गर्दी_और_आतंक
गले का संक्रमण हो या गले की खराश, ये उपाय आएंगे आपके काम* /जानिए, क्या होता है चिरायता, चमत्कारी है इसका असर,/शरीर से हर तरह का विकार निकालता है। #चिरायता,
कृष्ण लला हम आयेंगे मंदिर जन्म स्थान बनायेंगे और अयोध्या तो हुई हमारी है अब मथुरा की है बारी, कृष्ण लला के वास्ते खाली कर दो रास्ते : राष्ट्रीय संयोजक अनिल पांडे*धामपुर ( बिजनौर)
बाईबल शब्द यूनानी मूल शब्द 'बिबलिया' से निकला है, जिसका अर्थ है 'पुस्तकें' यानि बाईबल माने पुस्तकों का संकलन।
दवाई की शीशी🙏
खुले स्थान पर मैरिज लॉन का कूड़ा कचरा फेंकने से जनता में आक्रोश*
लखनऊ - शिक्षक एमएलसी चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने जारी किया नोटिफिकेशन#
भारत में हिन्दू समाज बहु संख्यक होकर भी अल्पसंख्यक है?* बोलता है भारत मित्रों भारत में हिन्दू समाज जो है बहुसंख्यक होकर कॉमन सिविल कोड की मांग करता है और
आज और कल का दिन खास/ आज का राशिफल व पंचांग************************31 दिसम्बर, 2022, शनिवार==================
क्या है सोलह संस्कार और क्यों आवश्यक है सब के लिए
यूथ वेलफेयर सोसायटी की ओर से जरूरतमंदों को लिहाज बांटे गए!स्योहारा। (डॉ०उस्मान ज़ैदी
Thursday, 29 December 2022
एक ऐसा षड्यंत्र जो देश विरोधी भी है*
👉 *सुनियोजित षड्यंत्र का खुलासा*
👉 *एक ऐसा षड्यंत्र जो देश विरोधी भी है*
👉 *आतंक........ की...... चिंतित करती चुनौती*
👉 *कन्हैया लाल और उमेश कोहले की हत्या के आरोपपत्र उनके लिए चेतावनी है,, जो इन हत्याओं को हल्के में ले रहे थे*!!
👉 *नूपुर शर्मा विवाद के बाद दो हत्याओं ने पूरे देश में सनसनी फैला दी थी!! अब उनसे संबंधित आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए जा चुके हैं!! महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोहले और राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या से संबंधित आरोपपत्रों से स्पष्ट हो जाता है कि यह तत्कालिक गुस्से में की गई हत्याए नहीं थी! हत्यारे और हत्या की साजिश रचने वाले कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा वाले समूहों से जुड़े थे!! कोहले की हत्या में राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने पाया कि सभी आरोपी तबलीगी जमात से जुड़े थे जो कन्हैया लाल के हत्यारे दावत - ए - इस्लामी से!! यह आतंकी माड्यूल की तरह काम कर रहे थे!! कन्हैया लाल की हत्या में 2 पाकिस्तानियों का नाम भी आरोपपत्र में है!! वास्तव में यह आरोपपत्र उन लोगों के लिए चेतावनी जैसे होने चाहिए,, जो ऐसे जघन्य हत्याकांडो पर भी राजनीति कर रहे थे!! कुछ लोगों ने यह कहकर इसे हल्का करने का प्रयास किया कि नूपुर की पैगंबर साहब पर टिप्पणी से गुस्से में आकर उन्होंने ऐसा किया होगा!! हालांकि सामान्य अवस्था में इस तरह कोई गला नहीं काटता!! यह वही करने की हिम्मत जूटाएगा, जिसमें यह भाव भरा गया हो कि इस्लाम के विरोध को सहन करना मजहब विरोधी आचरण है तथा ऐसे विरोधियों की हत्या ही मजहब की सेवा है!! ऐसा वही कर सकते हैं,, जो पुरजोर तरीके से यह नारा लगाते हैं कि "गुस्ताख- ए - रसूल" की एक ही सजा,, सिर तन से जुदा,,!! इन दोनों हत्याओं की अभी तक हुई जांच के आधार पर प्रस्तुत आरोपपत्रों ने इस बात को सच साबित किया है*!!
👉 *समाचार के कुछ प्रमुख हेडिंग्स*✍️
👉 *दोनों जगह पहले राज्य पुलिस ने जांच आरंभ की, लेकिन इसमें कट्टर इस्लामी आंतकवाद की भूमिका सामने आने के साथ मामला एनआईए को सौंप दिया*!
👉 *जबकि दोनों मामलों में आरंभिक जांच में जितने तथ्य सामने आए, उससे अनुमान लग गया था कि यह कोई सामान्य मामले नहीं*!!
👉 *तबलीगी जमात एक सुन्नी संगठन है,, लगभग 100 वर्ष पहले उसकी स्थापना भारत में ही हुई थी! इसका घोषित उद्देश्य मजहबी प्रचार और लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करना है*
👉 *उसकी कट्टरता को देखते हुए, सऊदी अरब ने 2 वर्ष पहले ही उसे प्रतिबंधित कर दिया बंद कर दिया*
👉 *इसलिए अब देश को विचार करना होगा!! इस स्थिति को खत्म कैसे किया जाए, अगर उनका खात्मा नहीं हुआ तो यह आगे बड़ी वारदातें करने से भी नहीं हिचकैगे*
👉 *स्वतंत्र पत्रकार की कलम से यदि मेरी लेखनी ✍️से किसी के दिल को ठेस लगे तो मैं हृदय से क्षमा चाहता हूं*🙏
29दिसंबर से 5 जनवरी तक प्रचंड ठंड का मौसम जौनपुर सहित संपूर्ण उत्तर भारत में रहेगा डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि निदेशक*
शुक्रवार को होगा स्योहारा यूथ वेलफेयर सोसायटी का लिहाफ वितरण कार्यक्रम-अमीन अहमदस्योहारा।(डॉ उस्मान ज़ैदी)
Wednesday, 28 December 2022
ससुरालियों पति सहित पत्नी को गंभीर रूप से घायल किया!मुल्जिमान पुलिस की गिरफ्त से बाहर:सुमैया की हालत नाजुक!स्योहारा/सहसपुर (डॉ०उस्मान ज़ैदी)ऐसे दहेज लोभी समाज को कलंकित कर रहे हैं जिससे समाज में लगातार स्तर गिरता जा रहा है
भ्रष्टाचार पर चोट....... आखिर कैसे*... ❓👉 *सशक्त अभियोजन जरूरी*👉 *सरकार भ्रष्टाचार के प्रकरण में जितनी गंभीरता से जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है,, उतनी ही प्रमुखता से अभियोजन तंत्र को भी सशक्त बनाना होगा*
भ्रष्टाचार पर चोट....... आखिर कैसे*... ❓
👉 *सशक्त अभियोजन जरूरी*
👉 *सरकार भ्रष्टाचार के प्रकरण में जितनी गंभीरता से जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है,, उतनी ही प्रमुखता से अभियोजन तंत्र को भी सशक्त बनाना होगा*
👉 *भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस को प्रदेश सरकार अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में सम्मिलित बताती है !! दो मत नहीं कि इस दिशा में कई कदम भी उठाए गए हैं,, लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी हो जा रही हैं,, जो चिंताजनक है!! बरेली की एक पुलिस चौकी पर तैनात कर्मियों में रिश्वत की धनराशि बंटवारे को लेकर बेधड़क नोकझोंक हुई!! बात वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची एक सिपाही और 2 दरोगा निलंबित हुए!! संत कबीर नगर जिले में एक अधिकारी सांसद निधि से कराए गए कार्य में अपना कमीशन इस दबंगई से मांगता सुना गया,, जैसे पैतृक संपत्ति पर दावा जता रहा हो!! ऑडियो वायरल होने पर इस अधिकारी का भी निलंबन हुआ!! इन घटनाओं के साथ स्वाभाविक प्रश्न उठता है कि सरकार की सख्ती के बाद भी इस तरह के प्रकरण कैसे घटित हो रहे हैं!! ऐसा करने वालों के मन में कानून का भय क्यों नहीं पैदा हो रहा है!! कहीं ऐसा तो नहीं कि यह कानून के कटघरे तक पहुंचने से पहले ही येन केन प्रकारेण स्वयं को मुक्त कराने में सफल हो जा रहे है!! इस आशंका को अस्वीकार नहीं किया जा सकता!! लखनऊ में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने ₹300 रिश्वत लेने के मामले में एक लिपिक को 1 साल के कारावास की सजा सुनाई है!! स्पष्ट है कि आरोपित को कानून के कठघरे तक पहुंचाने में पूरी प्रक्रिया सफल रही,, तभी उसके विरुद्ध सजा सुनाई गई,, लेकिन सभी प्रकरणों में ऐसा नहीं होता!! अधिकांश मामलों में पहले निलंबन की कार्रवाई होती है और फिर जांच,, उसके बाद विभागीय स्तर पर ही निर्दोष घोषित कर दिया जाता है!! यदि प्रकरण न्यायालय तक पहुंचा तो साक्ष्य का अभाव और अभियोजन के स्तर पर कमजोरी आरोपितों को दोष मुक्त कराने में सहायक साबित होती है!! आशय यह है कि सरकार भ्रष्टाचार के प्रकरण में जितनी गंभीरता से जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है,, उतनी ही प्रमुखता से अभियोजन तंत्र को भी सशक्त बनाना होगा!! जितने अधिक प्रकरणों में सजा होगी,, उतना ही प्रभावी संदेश जाएगा!! क्योंकि किसी भी बड़े से बड़े प्रकरण में केवल निलंबित कर देना या लाइन हाजिर कर देना,, की नीति अभी तक जनता के गले उतरने वाला कानून नहीं है*!!
👉 *क्या इस प्रकार से विभाग द्वारा निलंबन या लाइन हाजिर कर देना वास्तव में सजा का पटाक्षेप है*...❓
एक बार एक पंडित जी ने एक दुकानदार के पास पांच सौ रुपये रख दिए।
💐💐किसान की समझदार बेटी💐
एक गरीब किसान अपनी बेटी के साथ झोपड़ी में रहता था।
उसके पास खेती करने के लिए थोड़ी सी जमीन थी। फसल बेचकर थोड़े रुपए ही मिलते थे। उन से वे दो समय का खाना भी नहीं खा पाते थे। एक दिन वह राजा के पास अपनी समस्या लेकर गया। राजा बहुत दयालु था।
उसने किसान को खेती करने के लिए अपनी जमीन में से थोड़ी सी जमीन दे दी।
राजा ने कहा 'यह जमीन तो हमारी ही रहेगी, परन्तु इस पर उगने वाली फसल तुम्हारी होगी। किसान बहुत खुश हुआ और राजा को धन्यवाद देकर अपने गांव लौट आया।
एक दिन वह खेत की जुताई कर रहा था। तभी उसका हल एक कठोर चीज से जा टकराया। उसने खोदकर देखा तो उसे सोने की एक ओखली मिली। किसान बहुत ईमानदार था। उसने अपनी बेटी से कहा कि हमें यह ओखली राजा के खेत से मिली हैं, जिसकी जमीन है, उसी की यह ओखली भी है। इसलिए हमे यह ओखली राजा को लौटा देनी चाहिए।
लेकिन किसान की बेटी बोली कि नहीं, पिताजी आप ऐसा ना करें। आपको केवल ओखली ही मिली है, अगर राजा ने आपसे इसकी सोने की मूसली भी मांगी तो आप क्या करेंगे? इसीलिए आप इस ओखली को अपने ही पास रख लिजिए। परन्तु किसान को अपनी बेटी की यह बात अच्छी नहीं लगी।
वह राजा के पास ओखली लेकर जा पहुंचा। दरबार में वैसा ही हुआ, जैसा कि उसकी बेटी ने कहा था।
राजा ने सोचा कि किसान ने लालच में आकर मूसल अपने पास रख ली है। किसान, राजा को सोने की मूसल कहां से लाकर देता।
नतीजा यह हुआ कि किसान को जेल में डाल दिया गया। भोले किसान को ऐसी गलती की सजा मिली थी, जो उसने की ही नहीं थी। लेटे-लेटे वह दिन रात रोता रहता और यही कहता था कि काश मैंने अपनी बेटी की बात मान ली होती।
एक दिन राजा ने उसे यह कहते हुए सुन लिया। फिर उन्होंने किसान से पूछा कि आखिर वह ऐसा क्यों कह रहा है। किसान ने राजा को पूरी बात बताई। यह सुनकर राजा को अपनी गलती का अहसास हुआ और किसान को फौरन छोड़ दिया गया।
उसकी बेटी को राजा ने अपने दरबार में बुलाया। उससे बातें करने के बाद राजा को पता चल गया कि वह बहुत ही बुद्धिमान है। राजा ने उस को राज्य के खजाने का मंत्री बना दिया, उन्हें रहने के लिए घर और सारी सुख-सुविधाएं भी दी। इसके बाद से किसान और उसकी बेटी हमेशा सुख से रहें।
*अंत में जीत सदैव सच्चाई की ही होती है
सदैव प्रसन्न रहिये।
जो प्राप्त है, वहीं पर्याप्त है।।
🙏🙏🙏🙏
*इस तरह की धार्मिक कथाएं प्राप्त करने के लिए यह चैनल 💫💦 परमात्मा से सम्बन्ध 💫💦
*🕉️🌄🌅शुभ प्रभात🌅🌄🕉️*
एक बार एक पंडित जी ने एक दुकानदार के पास पांच सौ रुपये रख दिए।
उन्होंने सोचा कि जब मेरी बेटी की शादी होगी तो मैं ये पैसा ले लूंगा।
कुछ सालों के बाद जब बेटी सयानी हो गई,
तो पंडित जी उस दुकानदार के पास गए।
लेकिन दुकानदार ने नकार दिया और बोला- आपने कब मुझे पैसा दिया था?
बताइए! क्या मैंने कुछ लिखकर दिया है?
पंडित जी उस दुकानदार की इस हरकत से बहुत ही परेशान हो गए और बड़ी चिंता में डूब गए।
फिर कुछ दिनों के बाद पंडित जी को याद आया,
कि क्यों न राजा से इस बारे में शिकायत कर दूं।
ताकि वे कुछ फैसला कर देंगे और मेरा पैसा मेरी बेटी के विवाह के लिए मिल जाएगा।
फिर पंडित जी राजा के पास पहुंचे और अपनी फरियाद सुनाई।
राजा ने कहा- कल हमारी सवारी निकलेगी और तुम उस दुकानदार की दुकान के पास में ही खड़े रहना।
दूसरे दिन राजा की सवारी निकली।
सभी लोगों ने फूलमालाएं पहनाईं और किसी ने आरती उतारी।
पंडित जी उसी दुकान के पास खड़े थे।
जैसे ही राजा ने पंडित जी को देखा,
तो उसने उन्हें प्रणाम किया और कहा- गुरु जी! आप यहां कैसे?
आप तो हमारे गुरु हैं।
आइए! इस बग्घी में बैठ जाइए।
वो दुकानदार यह सब देख रहा था।
उसने भी आरती उतारी और राजा की सवारी आगे बढ़ गई।
थोड़ी दूर चलने के बाद राजा ने पंडित जी को बग्घी से नीचे उतार दिया और कहा- पंडित जी! हमने आपका काम कर दिया है।
अब आगे आपका भाग्य।
उधर वो दुकानदार यह सब देखकर हैरान था,
कि पंडित जी की तो राजा से बहुत ही अच्छी सांठ-गांठ है।
कहीं वे मेरा कबाड़ा ही न करा दें।
दुकानदार ने तत्काल अपने मुनीम को पंडित जी को ढूंढ़कर लाने को कहा।
पंडित जी एक पेड़ के नीचे बैठकर कुछ विचार-विमर्श कर रहे थे।
मुनीम जी बड़े ही आदर के साथ उन्हें अपने साथ ले आए।
दुकानदार ने आते ही पंडित जी को प्रणाम किया और बोला- पंडित जी! मैंने काफी मेहनत की और पुराने खातों को देखा,
तो पाया कि खाते में आपका पांच सौ रुपया जमा है।
और पिछले दस सालों में ब्याज के बारह हजार रुपए भी हो गए हैं।
पंडित जी! आपकी बेटी भी तो मेरी बेटी जैसी ही है।
अत: एक हजार रुपये आप मेरी तरफ से ले जाइए,
और उसे बेटी की शादी में लगा दीजिए।
इस प्रकार उस दुकानदार ने पंडित जी को तेरह हजार पांच सौ रुपए देकर बड़े ही प्रेम के साथ विदा किया।
------ तात्पर्य ------
जब मात्र एक राजा के साथ सम्बन्ध होने भर से हमारी विपदा दूर जो जाती है, तो हम अगर इस दुनिया के राजा यानि कि परमात्मा से अपना सम्बन्ध जोड़ लें, तो हमें कोई भी समस्या, कठिनाई या फिर हमारे साथ किसी भी तरह के अन्याय का तो कोई प्रश्न ही नहीं उत्पन्न होगा।
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ज्योतिष के दर्पण में भारत पाकिस्तान के युद्ध का परिणाम -डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्य...
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एक फोटो कॉपी की दुकान पर एक लड़का, उम्र लगभग 22 वर्ष, एक लड़की, उम्र लगभग 19 वर्ष, और एक व्यक्ति, उम्र लगभग 35 वर्ष, दाखिल हुए। वे बहुत जल्द...
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--- खंड विकास कार्यालय ए डी ओ आई एस बी दिनेश कुमार सेवानिवृत्त होने पर विदाई समारोह! ----स्योहारा/डॉ०उस्मान ज़ैदी--- खंड विकास...