Saturday, 31 December 2022

मुनक्का"..**कब्ज, कमर दर्द, दुबलापन, गैस, बुखार के लिये...*



*आज के स्वास्थ्य टिप्स*

*"मुनक्का"..*
*कब्ज, कमर दर्द, दुबलापन, गैस, बुखार के लिये...*
1⃣ कब्ज के रोगियों को रात्रि में मुनक्का और सौंफ खाकर सोना चाहिए। कब्ज दूर करने की यह रामबाण औषधि है।

2⃣ भूने हुए मुनक्के में लहसुन मिलाकर सेवन करने से पेट में रुकी हुई वायु (गैस) बाहर निकल जाती है और कमर के दर्द में लाभ होता है।

3⃣ यदि किसी को कब्ज़ की समस्या है तो उसके लिए शाम के समय 10 मुनक्कों को साफ़ धोकर एक गिलास दूध में उबाल लें फिर रात को सोते समय इसके बीज निकाल दें और मुनक्के खा लें तथा ऊपर से गर्म दूध पी लें, इस प्रयोग को नियमित करने से लाभ स्वयं महसूस करें। इस प्रयोग से यदि किसी को दस्त होने लगें तो मुनक्के लेना बंद कर दें।

4⃣ पुराने बुखार के बाद जब भूख लगनी बंद हो जाए तब 10 -12 मुनक्के भून कर सेंधा नमक व कालीमिर्च मिलाकर खाने से भूख बढ़ती है।

5⃣ बच्चे यदि बिस्तर में पेशाब करते हों तो उन्हें 2 मुनक्के बीज निकालकर व उसमें एक एक काली मिर्च डालकर रात को सोने से पहले खिला दें, यह प्रयोग लगातार दो हफ़्तों तक करें, लाभ होगा!

6⃣ मुनक्के के सेवन से कमजोरी मिट जाती है और शरीर पुष्ट हो जाता है।

7⃣ मुनक्के में लौह तत्व की मात्रा अधिक होने के कारण यह खून के लाल कण (हीमोग्लोबिन) को बढ़ाता हैै।

8⃣ 4-5 मुनक्के पानी में भिगोकर खाने से चक्कर आने बंद हो जाते हैं।

9⃣ 10 -12 मुनक्के धोकर रात को पानी में भिगो दें। सुबह को इनके बीज निकालकर खूब चबा चबाकर खाएं, तीन हफ़्तों तक यह प्रयोग करने से खून साफ़ होता है तथा नकसीर में भी लाभ होता है।

🔟 5 मुनक्के लेकर उसके बीज निकल लें, अब इन्हें तवे पर भून लें तथा उसमें कालीमिर्च का चूर्ण मिला लें। इन्हें कुछ देर चूस कर चबा लें, खांसी में लाभ होगा।

*मीठे अमरूद के यह नुस्खे आपको शर्तिया हैरान कर देंगे* 
 
1. कच्चे अमरूद को पत्थर पर घिसकर उसका एक सप्ताह तक लेप करने से आधाशीशी (आधे सिर का दर्द) का दर्द समाप्त हो जाता है। यह प्रयोग प्रातःकाल करना चाहिए। 
2. अमरूद के ताजे पत्तों का रस 10 ग्राम तथा पिसी मिश्री 10 ग्राम मिलाकर 21 दिन प्रातः खाली पेट सेवन करने से भूख खुलकर लगती है और शरीर सौंदर्य में भी वृद्धि होती है।
3. ताजे अमरूद के 100 ग्राम बीजरहित टुकड़े लेकर उसे ठंडे पानी में 4 घंटे भीगने दीजिए। इसके बाद अमरूद के टुकड़े निकालकर फेंक दें।इस पानी को मधुमेह के रोगी को पिलाने से लाभ होता है।
4. अमरूद के ताजा पत्ते में एक छोटा-सा टुकड़ा कत्था लपेटकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
5. सुबह-शाम एक अमरूद भोजन के पश्चात खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही चिड़चिड़ापन एवं मानसिक तनाव दूर होता है।

*मुंह के छाले और जीभ के छाले* 
 
मुलेठी का काढ़ा बनाकर ठंडा कर व छानकर दिन में ३-४ बार गरारा करने से मुंह व जीभ के छाले ठीक हो जाते है।हरे धनिया का रस मुंह के छालो पर लगाने और सूखे धनिये को पानी में उबालकर उस पानी को छान कर व ठंडा कर उससे गरारे करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते है।शहद को पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते है।इलायची चूर्ण को शहद में मिलाकर छालो पर लगाने और लार टपकाने से छाले ठीक हो जाते है।चमेली की पत्तियां चबाने से मुंह के छाले दूर होते है।अमरुद की पत्तियों को उबाल कर कुल्ला करने से गला-जीभ साफ़ होता है और मुंह के छाले ठीक होते हैं।हल्दी को पानी में डालकर कुछ देर रख दे. इस पानी को छान कर उससे कुल्ले करने से मुंह के छाले नष्ट होते है।मिश्री की डली, इलायची या गोंद की डली को पूरे दिन चूसते रहने से भी छाले ठीक होते है।

घुटनों के दर्द के उपाय ⇨

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★ घुटनों का दर्द – उपाय 1
नीचे बताई गयी सामग्री को मिला कर हल्दी का एक दर्द निवारक पेस्ट बना लीजिये….
1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
1 छोटा चम्मच पीसी हुई चीनी, या बूरा या शहद
1 चुटकी चूना (जो पान में लगा कर खाया जाता है)
आवश्यकतानुसार पानी

इन सभी को अच्छी तरह मिला लीजिये.
एक लाल रंग का गाढ़ा पेस्ट बन जाएगा.

यह पेस्ट कैसे प्रयोग करें:-
सोने से पहले यह पेस्ट अपने घुटनों पे लगाइए.
इसे सारी रात घुटनों पे लगा रहने दीजिये.
सुबह साधारण पानी से धो लीजिये.
कुछ दिनों तक प्रतिदिन इसका इस्तेमाल करने से सूजन, खिंचाव, चोट आदि के कारण होने वाला घुटनों का दर्द पूरी तरह ठीक हो जाएगा.

★ घुटनों का दर्द – उपाय 2
1 छोटा चम्मच सोंठ का पाउडर लीजिये और इसमें थोडा सरसों का तेल मिलाइए.
इसे अच्छी तरह मिला कर गाड़ा पेस्ट बना लीजिये.
इसे अपने घुटनों पर मलिए.
इसका प्रयोग आप दिन या रात कभी भी कर सकते हैं.
कुछ घंटों बाद इसे धो लीजिये.
यह प्रयोग करने से आपको घुटनों के दर्द में बहुत जल्दी आराम मिलेगा.

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★ घुटनों का दर्द – उपाय 3
नीचे बताई गयी सामग्री लीजिये:-
4-5 बादाम
5-6 साबुत काली मिर्च
10 मुनक्का
6-7 अखरोट
प्रयोग:
इन सभी चीज़ों को एक साथ मिलाकर खाएं और साथ में गर्म दूध पीयें.
कुछ दिन तक यह प्रयोग रोजाना करने से आपको घुटनों के दर्द में आराम मिलेगा.

★ घुटनों का दर्द – उपाय 4
खजूर विटामिन ए, बी, सी, आयरन व फोस्फोरस का एक अच्छा प्राकृतिक स्रोत है. इसलिए, खजूर घुटनों के दर्द सहित सभी प्रकार के जोड़ों के दर्द के लिए बहुत असरकारक है.
प्रयोग:
एक कप पानी में 7-8 खजूर रात भर भिगोयें.
सुबह खाली पेट ये खजूर खाएं और जिस पानी में खजूर भिगोये थे, वो पानी भी पीयें.
ऐसा करने से घुटनों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, और घुटनों के दर्द में बहुत लाभ मिलता है.

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घुटनों का दर्द – उपाय 5
नारियल भी घुटनों के दर्द के लिए बहुत अच्छी औषधी है.
नारियल का प्रयोग:
रोजाना सूखा नारियल खाएं.
नारियल का दूध पीयें.
घुटनों पर दिन में दो बार नारियल के तेल की मालिश करें.
इससे घुटनों के दर्द में अद्भुत लाभ होता है.
आशा है आपको इन आसान घरेलू उपायों की मदद से घुटनों के दर्द से छुटकारा मिलेगा और आपकी ज़िंदगी बेहतर हो सकेगी।


 सर्दी में मुनक्का( Raisins ) कसे है फायदेमंद और क्या है इसके फायदे ?
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सर्दियों में लाभदायक है
1.सर्दी के मौसम में मुनक्कों का नित्य सेवन अधिक लाभदायक है। बीस मुनक्कों को गर्म पानी से धोकर रात को भिगों दें। प्रात: उसके पानी को पी लें तथा दोनों को खा लें। इस तरह नित्य प्रयोग करने से कमजोरी दूर हो जाती है। रकत और शक्ति उतपत्र होती है। फेफड़ों को बल मिलता है। दुर्लब रोगी को मुनक्कों का पानी नित्य पिलाएं।
2. सर्दी के मौसम में बीस मुनक्के 250 ग्राम दूध में उबालकर खाएं और दूध पी जाएं। ऐसा पुरे सर्दी के मौसम में करें। इससे ज्वर जनित दुर्बलता भी दूर हो जाती है। ज्वर जो ठीक नही हो स्का हो, वह भी ठीक हो जाता है।
3. 25 ग्राम किशमिश, 6 बादाम, 6 मुनक्का, दो अंजीर रात को कांच के गिलास में इतने पानी में भिगोएं की ये उसे भीग कर सोख लें। प्रात: इन सबको खाकर बचा हुआ पानी भी पी जाएँ। इससे दुर्बल व्यक्ति शीघ्र ही बलवान हो जाते है।

विश्व गुरु बनने की राह पर भारत*

👉 *विश्व गुरु बनने की राह पर भारत*


👉  *बिना शिक्षक विश्व गुरु बनने का सपना* 
👉 *इसका कोई औचित्य नहीं कि प्राथमिक विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय तक शिक्षकों की कमी का सामना करते रहें*
 👉 *हर नया वर्ष नई आशाएं लेकर आता है !! इससे अच्छा और कुछ नहीं कि घरेलू और बाहरी मोर्चे पर अनेक समस्याओं के बीच देश में यह भाव है कि भारत आने वाले वर्ष में द्रुत गति से प्रगति के पथ पर बढ़ता रहेगा!! इसी भाव के तहत कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों की ओर से यह कहा जाता है कि भारत विश्व गुरु बनने की दिशा में बढ़ रहा है!! भिन्न-भिन्न लोगों के लिए विश्व गुरु का मंतव्य अलग - अलग हो सकता है,, लेकिन इस साझा राय पर शायद ही किसी की आपत्ति हो कि भारत प्रगति के पथ पर बढ़ने के साथ विश्व की समस्याओं के समाधान में सहायक बनेगा और उसे  राह भी दिखाएगा!! पता नहीं यह कब होगा,, लेकिन इसमें संदेह नहीं कि देश के आगे बढ़ने का एक रास्ता हमारे विद्यालयों और विश्वविद्यालयों से होकर निकलता है!! देश को आगे ले जाना है तो शिक्षा में सुधार सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए!! यह प्राथमिकता केवल तय ही नहीं की जानी चाहिए,, बल्कि धरातल पर अमल होती दिखनी भी चाहिए!! शिक्षा ही किसी देश की भावी पीढ़ी को उन मूल्यों से लैस करती है,, जो उसकी चतुर्दिक प्रगति में सहायक बनती है!! बिना शिक्षक शिक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती!! एक ऐसे समय जब देश को विश्व गुरु बनाने की बातें हो रही हैं,, तब यह देखना दु:खद है कि देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों और आईआईटी एवं आईआईएम मे शिक्षकों के 11 हजार से अधिक पद रिक्त हैं!! संसद के शीतकालीन सत्र में बताया गया कि 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्वीकृत 18, 956 पदों में से प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के कुल 6, 180 पद खाली हैं!! भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में स्वीकृत 11, 170 पदों में से 4, 502 पद खाली हैं!! इसी तरह भारतीय प्रबंध संस्थानों में 1, 566 पदों में से 493 पद खाली पड़े हुए हैं!! हालांकि केंद्रीय शिक्षा मंत्री की ओर से यह दावा किया गया कि एक अभियान के तहत रिक्त पदों को भरने का काम किया जा रहा है!!! लेकिन यह मानने के अच्छे- भले कारण हैं, यह अभियान उतना गतिशील नहीं,, जितना होना चाहिए,, क्योंकि इसी साल जुलाई में संसद में ही यह बताया गया था कि देश की  43 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 6, 549 पद रिक्त हैं!! इनमें से कुछ विश्वविद्यालय ऐसे थे,, जिनमें शिक्षकों के सैकड़ों पद खाली थे !! अब क्या स्थिति है,, पता नहीं,, लेकिन यह किसी से छिपा नहीं कि कई बार कुलपतियों से लेकर शिक्षकों की नियुक्तियों में आवश्यकता से अधिक समय लगता है!! कई बार अनावश्यक देरी के कारणों के बारे में कुछ पता भी नहीं चलता*!!

👉 *जब केंद्रीय विश्वविद्यालय और आईआईटी एवं आईआईएम के शिक्षकों के तमाम पद रिक्त हैं!! तब अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है कि राज्यों के विश्वविद्यालयों और तकनीकी एवं मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों की क्या स्थिति होगी*!! 
 👉 *यह सही है कि कोविड- महामारी ने  अन्य क्षेत्रों की तरह शिक्षा के क्षेत्र पर भी असर डाला है!! लेकिन एक ऐसे समय, जब नई शिक्षा नीति पर अमल किया जा रहा है!! तब इसका कोई औचित्य नहीं कि प्राथमिक विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय तक शिक्षकों की कमी का सामना करते रहें*!! 
👉 *जैसे बेहतर शिक्षा के लिए पर्याप्त शिक्षक आवश्यक है,, वैसे ही पाठ्यक्रम की गुणवत्ता भी यह बार-बार सुनने को मिलता है!! यह की गलत इतिहास पढ़ाया गया है, लेकिन इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं कि, अब ऐसा इतिहास नहीं पढ़ाया जा रहा है*!! 
 👉 *क्या यह विचित्र नहीं कि मोदी सरकार के साडे 8 साल और 4 शिक्षा मंत्रियों के बाद भी इतिहास के पाठ्यक्रम में ऐसे संशोधन नहीं किए जा सके!! जिससे छात्रों को गलत इतिहास पढ़ाने की शिकायत दूर हो सके!! क्योंकि ऐसी शिकायतों का समाधान नहीं हो रहा!! इसलिए🤔 दावे पर संदेह होता है कि भारत विश्व गुरु बनने की राह पर है*!! 

#हिजाब और नकाब मजहबी दायरे में, संगोष्ठी का आयोजन* #Aum TV,Rampur

*हिजाब और नकाब मजहबी दायरे में, संगोष्ठी का आयोजन* 

मुस्लिम महासंघ द्वारा मदरसा जमीअतुल अंसार में  किया गया ! जिसमें वक्ताओं ने हिजाब और नकाब  के मतलब को समझाया , इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर शरीफ अहमद कुरेशी ने कहा कि कुछ बाहरी असफल शक्तियां हमारे मुल्क में कानून व्यवस्था और अमन अमान को बिगाड़ने का काम कर रही हैं ! जिसमें मुसलमानों को  होशो हवास के साथ रहने की जरूरत है ! इस वक्त में सोशल मीडिया तरह-तरह से उकसाने का काम कर रही हैं ! हमें इनसे भी होशियार रहने की जरूरत है ! मजहबी दायरे में नकाब और हिजाब कहीं पर भी मुस्लिम महिलाओं पर पाबंदी नहीं लगाता ! भारत में कानून और व्यवस्था का सही से पालन करना कौम  की खिदमत करने के बराबर है ! *मुल्क कि अमन नोआमान पहले हैं और सारी परंपराएं बाद में* , इसी विषय पर डॉक्टर सैयद अजीम नक्वी, डॉक्टर आमिर मसूद, राष्ट्रीय मार्शल आर्ट प्लेयर महजबी सैयद ,राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी मारिया खान ,समाजसेवी नदीम खान, एन आर आई सोहेल खान, सौलत अली खान, रेहान जमीर खान, खुर्र्रम खान ,फैसल कमाल खान ,यासीन खान ,राबिया खान ,रजिया सुल्ताना ,मन्नत आदि उपस्थित रहे गोष्ठी की अध्यक्षता खालिद अंसारी ने की संचालन फरहत अली खान ने किया !

Friday, 30 December 2022

गाँधी_के_नाम_पर_गुंडा_गर्दी_और_आतंक

गाँधी_के_नाम_पर_गुंडा_गर्दी_और_आतंक                                              
कुछ साल पहले की बात है मैं पुणे गया था,समय था सोचा मेरे लक्षित हीरो रहे स्व नाथूराम गोडसे जी के बारे में जो मुझे नही मालूम वो पता किया जाए तो उनके घर गया,वहाँ मेरी मुलाकात नाथूराम गोडसे जी के छोटे भाई गोपाल गोडसे जी के सुपुत्र स्व श्री नारायण गोडसे की धर्मपत्नी से हुई,उन्होंने मुझे बड़े ही प्रेम और सम्मान से घर में बिठाया,नाश्ता वगेरह दिया व काफी सारी इधर उधर की बातें हुई,मैं तो उन से ये जानना चाहता था देश के सबसे बड़े गद्दार ठरकी गाँधी के वध बाद उनके परिवार पर क्या गुजरी...?
उन्होंने जो बताया आप सब के बीच सांझा कर रहा हु ज्यो का त्यों,जिस समय गाँधी वध हुआ उस समय उनके पिता गोपाल गोडसे जी इंडियन आर्मी में सेवारत थे,उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध में ईरान,इराक की धरती पर अंग्रेजी फौज की तरफ से युद्ध में भी भाग लिया था,गाँधी वध के तुरंत बाद नाथू राम गोडसे और नाना आप्टे को घटनास्थल से गिरफ्तार कर लिया गया,गोपाल गोडसे जी को भी पुणे से गिरफ्तार किया गया,निसंदेह गाँधी का वध नाथूराम गोडसे ने किया था,और नाथूराम गोडसे और नाना आप्टे ने घटनास्थल से भागने की भी कोई कोशिश नहीं की थी, गोपाल गोडसे जी पुणे में थे उनका इस घटना से संबंध नहीं था लेकिन इस वधकांड के लिए अठारह साल की सजा दी गई...?                                                        नाथूराम गोडसे की एक इंश्योरेंस पालिसी थी ₹5000 की,जिस में कि गोपाल गोडसे की धर्म पत्नी सिंधु ताई गोडसे नॉमिनी थी,                                                   
क्योंकि नाथूराम गोडसे जी तो अविवाहित थे उन्होंने अपने छोटे भाई की धर्मपत्नी को नॉमिनी बनाया था बस इसे आधार बनाते हुए काndग्रेस सरकार ने गोपाल गोडसे को अठारह वर्ष जेल में रखा,गाँधी वध के तुरंत बाद पुणे और आसपास इलाकों में चित पावन ब्राह्मणों की सामूहिक हत्या शुरू हो गई,सिंधु ताई गोडसे अपने तीन छोटे छोटे बच्चों को लेकर जान बचाने के लिए इधर उधर भागती रही,ऐसे कठिन वक्त में नाते रिश्तेदारों ने भी उनसे हाथ खींच लिया,उनके पूरे घर को आग के हवाले कर जलाकर खाक कर दिया गया...?
जीविकोपार्जन के लिए सड़क के किनारे लोहार का काम शुरू किया,स्वर्गीय नारायण गोडसे ने अपना हाथ मेरे हाथ में दिया व दबाने को कहा,उनका हाथ पत्थर के माफिक कठोर था,उन्होंने कहा बारह साल की उम्र से लोहे पीट रहे थे अपनी माता जी के साथ,बहनें बड़ी होती जा रही थी,कहीं भी रिश्ते की बात होने से काndग्रेसी नेता लड़के वाले को भड़का देते थे,विवाह होने नही देते थे,उन की माता जी के साथ अभद्र व्यवहार सरे आम होता था,दो बार तो ऐसा भी हुआ जब पुलिस थाने से लड़के वाले को विवाह ना करने को कहा गया,अंजाम भुगतने की धमकीयां तक दी गयी विवाह करने की स्थिति में,आखिर में वीर सावरकर जी अपने छोटे भाई के बेटे से उनकी एक बहन का विवाह करवाया जो कि बाद में हिमानी सावरकर के नाम से अभिनव भारत की प्रेसिडेंट हुई...? 
क्या लगता है कितने ब्राह्मणों की हत्या की गई होगी जब मैंने ये उनसे पूछा,उनकी आँखों में आँसू आ गए और उन्होंने कहा,दिन तो किसी तरह गुजर जाता था लेकिन रात होते ही चुन-चुन कर चितपावन ब्राह्मणों के घर पर पेट्रोल से हमला होता था,घर और उसमें रहने वालो को साथ जलाकर राख कर दिया जाता था,ना कोई मामला दर्ज व ना ही पड़ोस के लोग काndग्रेसियों के डरके मारे कोई मदद कर पाते थे मदद करने वाले को अंजाम भुगतने की धमकी दी जाती थी,कुछ जगह पर तो मदद करने वालों की सार्वजनिक हत्या भी की गई,ऐसी हालत में उनकी माता अपने दोनों छोटे बच्चों को लेकर गाँव चली गई और एक गाँव से दूसरे गाँव तक भटकते रहे,लोगों ने सलाह दी कि वह अपने आप को नाथूराम का संबंधी ना बताएं,अन्यथा जान से मारे जाएंगे,किसी तरह से दंगा समाप्त हुआ...?
लगभग आठ हजार से भी ज्यादा निर्दोष चितपावन ब्राह्मणों की सरेआम हत्या कर गाँधी वध का बदला लिया गया...?
उन्होंने एक लंबी साँस ली,एक घूँट पानी पिया,उनकी आंखों से झर झर आँसू बह रहे थे,आगे कहना शुरू किया,जीवन कठिन हो चला था,दो वक्त का भोजन असंभव,माता जी ने लोहार का काम शुरू किया,सड़क के किनारे बैठ लोहे के छोटेमोटे औजार बना कर बेचना शुरू किया,1962 युद्ध के दौरान उन्होंने अपनी सेवाएं केंद्र सरकार को देने के लिए पत्र भी लिखा,जिसका उन्हें कोई जवाब नहीं मिला,1965 युद्ध के दौरान भी उन्होंने अपनी सेवाएं केंद्र सरकार को देने के लिए पत्र लिखा जिसका भी कोई जवाब नहीं मिला,स्व नाथूराम गोडसे की फाँसी के बाद परिवार ने उनके मृत शरीर की माँग की थी ताकि वे हिंदू रीति रिवाज से उनका अंतिम क्रिया कर्म कर सकें लेकिन सरकार ने पत्र का भी कोई जवाब नहीं दिया,अंबाला जेल में ही उन दोनों को फाँसी दे
कर उनकी लाश को भी वही जला दिया गया,अस्थियाँ को घग्गर नदी में फेंक दिया गया,किसी तरह से उनके परिवार को स्व नाथू राम गोडसे व स्व नाना आप्टे की अस्थियाँ मिली,जिसको उन्होंने आज भी सहेज कर घर के एक कमरे में रखा हुआ है,क्योंकि ये स्व नाथूराम गोडसे की अंतिम इच्छा थी कि उनकी अस्थियों को सिंधु नदी में बहाया जाय वो भी तब जब सिंधु नदी हिंदुस्तान के झंडे तले बह रही हो,चाहे इसके लिए कितना भी समय क्यो ना लग जाए,कितनी भी पीढ़ियाँ क्यो ना गुजर जाए...?
नाथूराम गोडसे जी का कहना था,यहूदियों को 1600 साल लगे इसराइल को पाने में,हमें भी सो दो सौ वर्ष लग सकते है इंतजार और संघर्ष करना होगा हमे,नाथूराम गोडसे जी ने एक बात और कही थी कि क्रांतिकारियों और उनके परिवार वालो को सम्मान भी मिलेगा,धन भी मिलेगा,लोग उनसे जुड़ कर गर्व भी महसूस करेंगे,वे देशभक्त भी कहलाए जाएंगे,लेकिन मेरे परिवार को ना तो कोई सम्मान मिलेगा,न ही धन मिलेगा,लोग उनसे जुड़ने तक से परहेज करेंगे उन्हें देशद्रोही भी कहा जाएगा,अंग्रेजों के समय में तो सिर्फ क्रांतिकारीयों को फाँसी दी जाती थी,उनके परिवार तो सुरक्षित रहते थे,लोगो को मेरे मरने के सो साल बाद समझ आएगा मेरा बलिदान,तब तक मोहम्मद गाँधी का मुखौटा उतर चुका होगा,लेकिन तब तक मेरे परिवार को भीषण कष्ट सहने होंगे,साथियो आजादी के बाद ना सिर्फ नाथूराम गोडसे व नाना आप्टे को फाँसी दी गई बल्कि उनके पूरे परिवार को तबाह और बर्बाद कर दिया गया,साथ में तबाह हुए 8000 से ज्यादा निर्दोष परिवार...?
लम्पट ठरकी मोहम्मद गाँधी की छद्दम अहिंसा की बहुत ही बड़ी कीमत चुकानी पड़ी निर्दोष ब्राह्मणों को,ये सब सुन कर 1984 सिख परिवारों के साथ हुये भयावह मंजर की तस्वीरो मन पटल पर चलचित्र की तरह चलने लगी,स्व नाथूराम गोडसे और नाना आप्टे की अस्थियों को मैंने प्रणाम किया,दोपहर हो चुकी थी उन के साथ भोजन कर चलने की इजाजत माँगी,भीगी आंखों से वो मुझे गेट तक छोड़ने आये,नम आँखें मेरी भी थी लेकिन सीने में दबी मामूली चिंगारी को हवा लग चुकी थी,कहने को कुछ था ही नहीं,फिर भी उन्होंने कहा,फिर आना और अबकी बार यहां घर पर ही रुकना...?
मैंने भी हाँ में सिर हिलाया और सीने में एक अनबुझी सुलगती चिंगारी और अनतुले बोझ को छाती पर रख चल दिया,साथियो स्वर्गीय नत्थूराम गोंड़से व उनके परिवार का बहुत बड़ा कर्ज है हम सब हिन्दुओ पर,शायद हम उसे उतार पाए...???

गले का संक्रमण हो या गले की खराश, ये उपाय आएंगे आपके काम* /जानिए, क्या होता है चिरायता, चमत्कारी है इसका असर,/शरीर से हर तरह का विकार निकालता है। #चिरायता,

 जानिए, क्या होता है चिरायता, चमत्कारी है इसका असर,

जुलाई-अगस्त-सितंबर के महीनों में बीमारी ज्यादा फैलती है। इन दिनों बीमारियों से बचने के लिए महंगी दवाओं के स्थान पर घरेलू नुस्खे आजमाएं। बरसों से हमारी दादी-नानी कड़वे चिरायते से बीमारियों को दूर भगाती रही है।
दरअसल यह कड़वा चिरायता एक प्रकार की जड़ीबूटी है जो कुनैन की गोली से अधिक प्रभावी होती है। पहले इस चिरायते को घर में सूखा कर बनाया जाता था लेकिन आजकल यह बाजार में कुटकी चिरायते के रूप में उपलब्ध है।
 
घर में चिरायता बनाने की विधि -

घर में चिरायता बनाने की विधि - 100 ग्राम सूखी तुलसी के पत्ते का चूर्ण, 100 ग्राम नीम की सूखी पत्तियों का चूर्ण, 100 ग्राम चिरायते की सूखी टहनी का चूर्ण लीजिए। इन तीनों को समान मात्रा में मिलाकर एक बड़े डिब्बे में भर कर रख लीजिए। 

 
यह तैयार चूर्ण मलेरिया या अन्य बुखार होने की स्थिति में दिन में तीन बार दूध से सेवन करें।
 
मात्र दो दिन में आश्चर्यजनक लाभ होगा। 
 
बुखार ना होने की स्थिति में इसका एक चम्मच सेवन प्रतिदिन करें। यह चूर्ण किसी भी प्रकार की बीमारी चाहे वह स्वाइन फ्लू ही क्यों ना हो, उसे शरीर से दूर रखता है। 
इसके सेवन से शरीर से सारे रोगाणु-कीटाणु झर जाते हैं।

रक्त एवं त्वचा संबंधी समस्त विकार दूर होते हैं। 

गर्भवती महिला और कमजोर पाचन शक्ति के लोग विशेषज्ञ से पूछ कर ही इसका सेवन करें। 

शरीर से हर तरह का विकार निकालता है।
 #चिरायता
आपने चिरायता (chirata in hindi) के बारे में जरूर सुना होगा। घरों के बूढ़े-बुजुर्ग लोग अक्सर कहा करते हैं कि खुजली हो तो चिरायते का सेवन करो, खून से संबंधित विकार को ठीक करने के लिए चिरायते का उपयोग करो। क्या आप जानते हैं कि चिरायते की केवल यहीं दो खूबियां नहीं हैं बल्कि इसके इस्तेमाल से अनेक लाभ मिलते हैं। 
आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, चिरायता बुखार, कुष्ठ रोग, डायबिटीज (chirata for diabetes), रक्त विकार, सांसों से संबंधित बीमारी, खांसी, अधिक प्यास लगने की समस्या को ठीक करता है। यह शरीर में होने वाली जलन, पाचनतंत्र के विकार, पेट के कीड़े की समस्या, नींद ना आने की परेशानी, कंठ रोग, सूजन, दर्द में काम आता है। इसके अलावा चिरायता घाव, प्रदर (ल्यूकोरिया), रक्तपित्त (नाक-कान आदि से खून बहने की समस्या), खुजली और बवासीर आदि रोगों में भी प्रयोग में लाया जाता है। इसके पौधे कैंसर में भी फायदेमंद होते हैं। आइए जानते हैं कि चिरायता किन-किन रोगों में फायदेमंद होता है।
चिरायता का पौधा बाजार में आसानी से मिल जाता है। चिरायता (chirata in hindi) स्वाद में तीखा, ठंडा, कफ विकार को ठीक करने वाला है। कई विद्वान कालमेघ को चिरायता मानते हैं, लेकिन यह दोनों पौधें आपस में भिन्न हैं। असली चिरायता अपनी जाति के अन्य चिरायतों की तुलना में बहुत ही कड़वा होता है। चिरायते की कई प्रजातियां होती हैं, जिनका प्रयोग चिकित्सा में किया जाता है।

यह 60-125 सेमी ऊँचा, सीधा, एक साल तक जीवित रहने वाला होता है। इसके पौधे में अनेक शाखाएं होती हैं। इसके तने नारंगी, श्यामले या जामुनी रंग के होते हैं। इसके पत्ते सीधे, 5-10 सेमी लम्बे, 1.8 सेमी चौड़े होते हैं। नीचे के पत्ते बड़े तथा ऊपर के पत्ते (chirota leaf) कुछ छोटे व नोंकदार होते हैं।

इसके फूल अनेक होते हैं और ये अत्यधिक छोटे, हरे-पीले रंग के होते हैं। इसके फल 6 मिमी व्यास के, अण्डाकार, नुकीले होते हैं। चिरायता की बीज संख्या में अनेक, चिकने, बहुकोणीय, 0.5 मिमी व्यास के होते हैं। चिरायते के पौधे में फूल और फल आने का समय अगस्त से नवम्बर तक होता है।

चिरायता का वानस्पतिक नाम Swertia chirayita (Roxb. ex Fleming) Karst. (स्वर्टिया चिरायता) Syn-Gentiana chirayita Roxb. ex Fleming है और यह  Gentianaceae (जेन्शिएनेसी) कुल का पौधा है। चिरायता को देश-विदेश में अन्य इन नामों से भी जाना जाता है।
आंखों के रोग में चिरायता का प्रयोग फायदेमंद।
चिरायता के फल में पिप्पली पेस्ट और सौवीराञ्जन मिलाकर रख लें। एक सप्ताह के बाद मातुलुंग के रस में इसे पीस लें। इसे रोजाना काजल की तरह लगाने से आंखों की बीमारी (पिष्टक) में लाभ होता है।

चिरायता के इस्तेमाल से शुद्ध होता है स्तनों का दूध।
चिरायता (chirata patanjali), कटुरोहिणी, सारिवा आदि का काढ़ा बना लें। इसे 15-30 मिली की मात्रा में सेवन करने से स्तनों का दूध शुद्ध होता है।

चिरायता के सेवन से खांसी का इलाज ।
चिरायता का पौधा (Chirata plant) खांसी के इलाज में भी काम आता है। चिरायते का काढ़ा 20-30 मिली की मात्रा में पिएं। इससे खांसी में लाभ होता है। इससे आंत के कीड़े खत्म होते हैं।

पेचिश रोग में चिरायता का उपयोग लाभदायक।
आप पेचिश रोग में भी चिरायता के फायदे ले सकते हैं। 2-4 ग्राम किराततिक्तादि चूर्ण (chirata patanjali) में दोगुना मधु मिला लें। इसका सेवन करने से पेचिश रोग ठीक  होता है।

भूख को बढ़ाने के लिए करें चिरायता का सेवन।
चिरायता का काढ़ा बनाकर 20-30 मिली मात्रा में पिलाने से भूख बढ़ती है। पाचन-शक्ति बढ़ती (chirata ke fayde) है।

अत्यधित प्यास लगने की परेशानी में करें चिरायता का सेवन ।
चिरायता, गुडूची, सुगन्धबाला, धनिया, पटोल आदि औषधियों का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली मात्रा में सेवन  करने से पिपासा/अत्यधिक प्यास लगने की परेशानी में लाभ होता है।

पेट के कीड़े को खत्म करने के लिए करें चिरायता का प्रयोग।
चिरायता के गुण पेट के कीड़ों को भी खत्म करते हैं। सुबह भोजन के पहले (5-10 मिली) चिरायता के रस में मधु मिश्रित कर सेवन करने से आंत के कीड़े खत्म हो जाते हैं।

आमाशय से रक्तस्राव की बीमारी में चिरायता के सेवन से लाभ।
चिरायता का पौधा (Chirata plant) रक्तस्राव को रोकने में भी काम आता है। 1-2 ग्राम चंदन के पेस्ट के साथ 5 मिली चिरायता का रस मिला लें। इसका सेवन करने से आमाशय से रक्तस्राव की समस्या ठीक होती है।
कई और बीमारियों में उपयोग है जैसे पेट दर्द, लिवर विकार, पीलिया व अनीमिया रोग , खूनी बवासीर का इलाज, चर्म रोग,बुखार,सूजन,रक्तपित्त (नाक कान से खून आना) , कुबड़ापन की परेशानी आदि।साभार🙏🏼

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🍂उच्च रक्तचाप(High Blood Pressure)🍂

रक्त चाप बढने से तेज सिर दर्द, थकावट, टांगों में दर्द, उल्टी होने की शिकायत और चिडचिडापन होने के लक्षण मालूम पडते हैं। यह रोग जीवन शैली और खान-पान की आदतों से जुडा होने के कारण केवल दवाओं से इस रोग को समूल नष्ट करना संभव नहीं है। जीवन चर्या एवं खान-पान में अपेक्षित बदलाव कर इस रोग को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।

👉हाई ब्लड प्रेशर के मुख्य कारण--

१) मोटापा
२) तनाव(टेंशन)
३) महिलाओं में हार्मोन परिवर्तन
४) ज्यादा नमक उपयोग करना

अब यहां ऐसे सरल घरेलू उपचारों की चर्चा की जायेगी जिनके सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करने से बिना गोली केप्सुल लिये इस भयंकर बीमारी पर पूर्णत: नियंत्रण पाया जा सकता है-

१) सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रोगी को नमक का प्रयोग बिल्कुल कम कर देना चाहिये। नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है। नमक दिन भर में 2 ग्राम से ज्यादा न लें।

२) उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारण है रक्त का गाढा होना। रक्त गाढा होने से उसका प्रवाह धीमा हो जाता है। इससे धमनियों और शिराओं में दवाब बढ जाता है।

लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार घरेलू वस्तु है।यह रक्त का थक्का नहीं जमने देती है। धमनी की कठोरता में लाभदायक है। रक्त में ज्यादा कोलेस्ट्ररोल होने की स्थिति का समाधान करती है।

३)एक बडा चम्मच आंवला का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह -शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।

४) जब ब्लड प्रेशर बढा हुआ हो तो आधा गिलास मामूली गरम पानी में काली मिर्च पाउडर एक चम्मच घोलकर 2-2 घंटे के फ़ासले से पीते रहें। ब्लड प्रेशर सही मुकाम पर लाने का बढिया उपचार है।

५) तरबूज का मगज और पोस्त दाना दोनों बराबर मात्रा में लेकर पीसकर मिला लें। एक चम्मच सुबह-शाम खाली पेट पानी से लें। हफ़्ते तक या जरूरत मुताबिक लेते रहें।

६) बढे हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा निंबू निचोडकर 2-2 घंटे के अंतर से पीते रहें। हितकारी उपचार है।

७) तुलसी की 10 पती और नीम की 5 पत्ती पानी के साथ खाली पेट 7 दिवस तक लें।(मधुमेह रोगियों के लिए भी लाभकारी है।)

८) पपीता आधा किलो रोज सुबह खाली पेट खावें। बाद में 2 घंटे तक कुछ न खावें। ये पेट को सही रखने का सबसे बेहतरीन प्रयोग हैं। एक माह तक प्रयोग से बहुत लाभ होगा।

९) नंगे पैर हरी घास(जिस पर औंस पड़ी हो) पर 15-20 मिनिट चलें। रोजाना चलने से ब्लड प्रेशर नार्मल हो जाता है। कुछ और भी आशातीत लाभ शरीर मे होते है।

१०) उबले हुए आलू खाना रक्त चाप घटाने का श्रेष्ठ उपाय है।आलू में सोडियम(नमक) नही होता है।
पालक और गाजर का रस मिलाकर एक गिलास रस सुबह पीयें। करेला और सहजन की फ़ली उच्च रक्त चाप-रोगी के लिये परम हितकारी हैं।
अन्य सब्जियों के रस भी लाभदायक होते हैं।

११) अण्डा और मांस ब्लड प्रेशर बढाने वाली चीजें हैं। ब्लड प्रेशर रोगी के लिये वर्जित हैं।

१२) मिठाई और चाकलेट का सेवन बंद कर दें।

१३) चावल:-(भूरा) उपयोग में लावें। इसमें नमक ,कोलेस्टरोल,और चर्बी नाम मात्र की होती है। यह उच्च रक्त चाप रोगी के लिये बहुत ही लाभदायक भोजन है। इसमें पाये जाने वाले केल्शियम से नाडी मंडल की भी सुरक्षा हो जाती है।

१४)अदरक:- प्याज और लहसून की तरह अदरक भी काफी फायदेमंद होता है। बुरा कोलेस्ट्रोल धमनियों की दीवारों पर प्लेक यानी कि कैलसियम युक्त मैल पैदा करता है जिससे रक्त के प्रवाह में अवरोध खड़ा हो जाता है और नतीजा उच्च रक्तचाप के रूप में सामने आता है। अदरक में बहुत हीं ताकतवर एंटीओक्सीडेट्स होते हैं जो कि बुरे कोलेस्ट्रोल को नीचे लाने में काफी असरदार होते हैं। अदरक से आपके रक्तसंचार में भी सुधार होता है, धमनियों के आसपास की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है जिससे कि उच्च रक्तचाप नीचे आ जाता है।

 *गले का संक्रमण हो या गले की खराश, ये उपाय आएंगे आपके काम* 
 
1 गले को आराम देने का सबसे सही समय होता है रात का वक्त। रात को सोते समय दूध में आधी मात्रा में पानी मिलाकर पिएं। इससे गले की खराश कम होगी। साथ ही गर्म हल्दी वाला दूध भी बहुत फायदेमंद होगा।

2 एक कप पानी में 4 से 5 कालीमिर्च एवं तुलसी की 5 पत्तियों को उबालकर काढ़ा बना लें और इस काढ़े को पिएं। इसे रात को सोते समय पीने पर लाभ होगा। इसके अलावा भोजन में आप साधारण चीजें ही खाएं तो बेहतर होगा।

3 गले में खराश होने पर गुनगुना पानी पिएं। गुनगुने पानी में सिरका डालकर गरारे करने से गले की खराश दूर होगी और गले का संक्रमण भी ठीक हो जाएगा। इसके अलावा गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करना एक अच्छा इलाज है।

4 पालक के पत्तों को पीसकर इसकी पट्टी बनाकर गले में बांधे और 15 से 20 मिनट तक इसे बांधे रखने के बाद खोल लें। इसके अलावा धनिया के दानों को पीसकर उसका पाउडर बनाएं और उसमें गुलाब जल मिलाकर गले पर लगाएं। इससे भी आराम होगा।

5 गले की खराश के लिए कालीमिर्च को पीसकर घी या बताशे के साथ चाटने से भी लाभ होता है। साथ ही कालीमिर्च को 2 बादाम के साथ पीसकर सेवन करने से गले के रोग दूर हो सकते हैं।

: *दांतों का पीलापन हटाने का कारगर नुस्खा, सेब का सिरका* 
 
चाहे चेहरा कितना ही सुंदर हो लेकिन असली सुंदरता तो मुस्कुराते चेहरे से ही आती है, और मुस्कान तभी खूबसूरत लगती है जब दांत साफ-सुथरे दिखें। अगर दांतों पर पीलापन जमा हो, तो मुस्कान की खूबसूरती कम हो जाती है। हम आपको बता रहे हैं दांतों का पीलापन दूर करने का कारगर नुस्खा, इसके लिए आपको इस्तेमाल करना है 'एप्पल साइडर विनेगर' यानी कि सेब का सिरका।

* सेब का सिरका गहराई और कोमलता के साथ आपके दांतों की आंतरिक सफाई करने में सक्षम होता है।
* इससे आपके अम्लीयता होने पर भी पीएच की समानता बनी रहती है, और दांत पहले से अधि‍क साफ, सफेद और चमकदार दिखाई देते हैं।
* इतना ही नहीं, यह आपके मसूढ़ों को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है।
* इस सिरके से अपने दांत चमकाने के लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। बस लगभग एक कप पानी में आधा चम्मच सेब का सिरका लें और अपने टूथब्रश की सहायता से दांतों पर इससे तब तक ब्रश करें, जब तक आपके दांत पूरी तरह से साफ न हो जाएं। दांतों के दाग हटने के साथ ही धीरे-धीरे आपके दांतों पर चमक भी आ जाएगी।

*हेल्दी और फिट रहना है तो पिएं टमाटर सूप, होंगे 7 गजब के फायदे* 
 
1 हड्डियों के लिए फायदेमंद -टमाटर सूप में विटामिन K और केल्शियम होता है जो हड्डियों को मजबूत रखता है। इसके अलावा शरीर में लाइकोपीन की कमी होने से भी हड्डियों पर तनाव बढ़ता है और टमाटर में काफी मात्रा में लाइकोपीन होता है, जो हड्डियों के लिए अच्छा होता है। 
2 दिमाग को रखें दुरुस्त -टमाटर सूप में भरपूर मात्रा में कॉपर और पोटेशियम पाया जाता है, जिससे नर्वस सिस्टम ठीक रहता है और दिमाग को मजबूती मिलती है। 
3 विटामिन की कमी करे पूरी -टमाटर सूप में विटामिन A और C अच्छी मात्रा में होता है। विटामिन A, टिशू के विकास के लिए जरूरी होता है। कहते है कि शरीर में रोजाना 16% विटामिन A और 20% विटामिन C की जरूरत होती है और टमाटर सूप इसकी जरूरत को पूरा करता है। 
4 वजन करे कम -टमाटर सूप को अगर ऑलिव ऑयल से बनाया जाए तो यह वजन घटाने में सहायक होता है, क्योंकि इसमें पानी और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे आपको काफी समय तक भूख नहीं लगती। 
5 कैंसर का खतरा करे कम -टमाटर सूप में लाइकोपीन और कैरोटोनॉयड जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जिससे कैंसर की आशंका कम हो जाती है। 
6 ब्ल्ड शुगर को करे नियंत्रण -डायबिटीज के मरीजों को डाइट में टमाटर सूप जरूर लेना चाहिए। इसमें क्रोमियम होता है, जो ब्ल्ड शुगर को नियंत्रण में रखने में सहायक होता है। 
7 रक्त प्रवाह को बढ़ाएं -टमाटर में सेलेनियम होता है, जो रक्त प्रवाह को बढ़ाता है जिससे एनिमिया का खतरा कम हो जाता है।

*तेजी से करना है वजन कम, तो डाइट में शामिल करें विटामिन-सी रिच फूड* 
 
1 शिमला मिर्च -शिमला मिर्च में कई जरूरी विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। ये न्यूट्रिएंट्स कई बीमारियों को दूर करने के साथ वजन भी कम करने में मदद करते हैं।
2 पपीता -पपीता पाचन को दुरुस्त रखकर लिवर को डीटॉक्सीफाई करता है। साथ ही इसमें फाइबर के अलावा विटामिन-ए और विटामिन-सी भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता हैं।
3 स्ट्रॉबेरीज -स्ट्रॉबेरीज में भी विटामिन और फाइबर की भरमार होती है। दरअसल, फाइबर के सेवन से भूख कम लगती है जिससे आप अनहेल्दी और अत्यधिक खाने से बच जाते हैं, जिससे आपको वजन कम करने में मदद मिलती है।
4 किवी -वजन कम करने के लिए किवी को सुपरफूड में शुमार किया जाता है। इसमें फाइबर, विटामिन्स और कई न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। इसके सेवन से शरीर को एनर्जी मिलती है और वजन भी कम होने में मदद मिलती है।
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*सर्दी में कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए इन चीजों को सेवन करें* 
 
1. सरसों की साग - सरसों में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम होता है। जिसका सेवन करने से कैल्शियम की कमी दूर होगी। वही सर्दी के दिनों में सरसों के साग का बहुत सेवन किया जाता है। खासतौर पर मक्की की रोटी और सरसों की साग का सेवन शौकिया तौर पर किया जाता है। यह कैल्शियम की कमी दूर करने में मदद करता है।

2. सफेद तिल - ठंड के दिनों में सफेद तिल का इस्तेमाल किया जाता है। इसका सेवन करने से ठंड में शरीर में कैल्शियम की पूर्ति होती है। आप तिल के लड्डू खा सकते हैं, कच्चा तिल भी सेहत के लिए अच्छा होता है। कई लोग तिल को सेक कर सौंफ के साथ सेवन करते हैं।

3. संतरा - संतरा विटामिन सी का सबसे अच्छा अच्छा स़्त्रोत है। कैल्शियम की पूर्ति होेने के साथ ही इम्युनिटी बूस्ट करता है। ठंड के मौसम में भी जिसे संतरा कहते हैं दरअसल, उसका नाम किन्नू होता है। यह बेहद मीठी होती है। प्राकृतिक रूप से मीठी होने पर भी डायबिटीज के मरीजों को भी इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।

4. अंजीर - ठंड के दिनों में अंजीर का सेवन भी किया जाता है। ऐसे में आपकी बॉडी में कैल्शियम की पूर्ति हो रही है। जी हां, अंजीर मंे कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसका नियमित सेवन करने से हड्डियां संबंधित बीमारियों दूर हो जाती है। साथ ही इसमें मौजूद तत्व हड्डियों के विकास का काम करते हैं।

5. टमाटर - टमाटर में विटामिन के होने के साथ कैल्शियम की भी मात्रा भरपूर होती है। इसलिए रोज सलाद में एक टमाटर का सेवन जरूर करें। इससे आपको कैल्शियम की कमी नहीं होगी। और लगातार हो रहे हड्डियों के दर्द में भी आराम मिलेगा।


 
अजवाइन का उपयोग सब्जियों में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। दिन में अजवाइन खाने से पाचन शक्ति बढ़ जाती है। रात में अजवाइन नहीं खाना चाहिए। इसका सेवन करने से पेट दर्द, गैस, उल्टी, खट्टी डकार और एसिडिटी में आराम मिलता है। अजवाइन को लोग सर्दी-ज़ुकाम के इलाज में काढ़ा बनाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि यह गर्म होती है। यदि आप मधुमेह से पीड़ित हैं तो अजवाइन आपके लिए लाभदायक हो सकती है।

- इसमें फाइबर की अधिकता होती है। इसलिए मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी है।

- अजवाइन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, इसलिए मधुमेह में असरकारी है।

- अजवाइन मेटाबॉलिज्म को बूस्ट अप करता है, इससे मधुमेह को नियंत्रित करना आसान होता है।

- इसे नियमित रूप से आहार में शामिल करें।
- 1 कप पानी में 1 चम्मच अजवाइन को उबालकर उसे छान लें और भोजन के 50 मिनट बाद इसका सेवन करें।

- आप रोजाना इस पानी का सेवन कर सकते हैं।

- इसके अलावा अजवाइन के तेल को भी आहार का हिस्सा बना सकते हैं।


*पेट दर्द, भारीपन और कब्ज से तुरंत आराम दिलाते हैं ये 5 आयुर्वेदिक नुस्खे* 
 
1. गर्म पानी में अजवायन के बीज (अजवायन के बीज) और काला नमक का एक मिश्रण तैयार करें। इसे भोजन के तुरंत बाद ग्रहण करें। इसे दिन में एक बार लें या तो, दोपहर के भोजन पश्चात अथवा रात के खाने के बाद लें।

2. यदि आप सुबह उठते ही भारीपन और आलस्य महसूस करते हैं, नाश्ता छोड़ते हैं, तो जितना संभव हो उतना गर्म पानी पीते रहें। रात के खाने में खिचड़ी खाएं (हरे मूंग की दाल और चावल का एक बड़ा मिश्रण, अच्छी मात्रा में पानी में पकाये। यह आपको अपचन से राहत देगा।

3. नींबू को आधा काट लें और इसेमें काला नमक भरें। भोजन से पहले इसे चाटें। यह एक भूख जगाने वाले कारक के रूप में काम करता है। बहुत से लोग मानते हैं कि नींबू प्रकृति में अम्लीय है, लेकिन नींबू में मौजूद पोटेशियम शरीर में अम्ल को निष्क्रिय करता है।

4. कभी-कभी अम्ल प्रतिवाह का कारण भी बन सकता है। अम्ल पाचन रस के अपर्याप्त स्राव का परिणाम है जो भोजन के साथ बहुत अधिक पानी पीने से हो सकता है। पानी पाचन रस को पतला करता है। इसके लिए सबसे अच्छा इलाज जामुन (जंबुल) है। खाने के ठीक बाद 5 से 10 जामुन खाने से अम्ल में बड़ी राहत मिलती है। पपीता खाने से भी इस स्थिति में मदद मिलती है। 

5. 3 ग्राम बारीक कटा हुआ अदरक, आधा नींबू का रस, और 1 ग्राम काला नमक मिलाएं और भोजन से पहले आधे घंटे पहले इसका उपभोग करें। इसे नियमित रूप से पीने से 3-7 दिनों के भीतर पाचन में सुधार आता है। यदि अन्य अवयव उपलब्ध नहीं हैं, तो पानी के साथ केवल काला नमक लें (1 ग्राम) यह भी काफ़ी फायदेमंद है।

कृष्ण लला हम आयेंगे मंदिर जन्म स्थान बनायेंगे और अयोध्या तो हुई हमारी है अब मथुरा की है बारी, कृष्ण लला के वास्ते खाली कर दो रास्ते : राष्ट्रीय संयोजक अनिल पांडे*धामपुर ( बिजनौर)

*कृष्ण लला हम आयेंगे मंदिर जन्म स्थान बनायेंगे और अयोध्या तो हुई हमारी है अब मथुरा की है बारी, कृष्ण लला के वास्ते खाली कर दो रास्ते : राष्ट्रीय संयोजक अनिल पांडे*
धामपुर ( बिजनौर)। चांदपुर निवासी हिंदू हृदय सम्राट गुरु जी के नाम से विख्यात  श्री अनिल पांडे जी को रविवार 25 दिसंबर को मथुरा में फूल मालाओं से भव्य स्वागत हुआ। देश के कौने कौने से आए पूज्य  अनेको संत अनेक हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं  द्वारा श्रीकृष्ण जन्म भूमि मुक्ति जन संघर्ष समिति का  राष्ट्रीय संयोजक श्री अनिल पांडे जी को सर्व सम्मति से बनाया गया। श्री अनिल पांडे जी के राष्ट्रीय संयोजक बनने से उनके गृह जनपद में खुशी की लहर दौड़ गई। शुभचिंतकों ने उनका हृदय की गहराइयों से हार्दिक अभिनंदन वंदन किया तथा श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा के लिए अंतिम सांस तक साथ देने का वचन देने का संकल्प लिया। 
 उधर श्रीकृष्ण जन्म भूमि मुक्ति जन संघर्ष समिति के नव मनोनीत राष्ट्रीय संयोजक श्री अनिल पांडे जी ने नारा दिया कि कृष्ण लला हम आयेंगे मंदिर जन्म स्थान बनायेंगे।  उन्होंने बताया कि 14 जनवरी से मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म भूमि के मंदिर को मुक्त कराने का अभियान चलेगा। 
दूरभाष पर उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर मस्जिद की मिनार खड़ी । श्री कृष्ण भगवान जी के जन्मस्थान का  जीणोंद्बार होगा। 
मुगलीया संतनत भारत के मुसलमानो का सबसे बड़ा दुश्मन रही है। छ : सौ वर्ष पहले देश में एक भी मुस्लिम नही था।उस समय मुगलों की बर्बरता के कारण करोड़ों हिन्दूओं का जनेऊ काटकर जबरन धर्म परिवर्तन कराकर उस समय इस्लाम की गोद में बैठाकर जबरन मुस्लमान बना दिया गया था। जिन लोगों ने विरोध किया उनका सिर धड़ से अलग कर के भयंकर आतंक बर्फाया था , इतिहास गवाह है 48 करोड़ हिन्दू समाज का कत्ल करने वाली मुगलिया सलनत थी । आज के भारत के मुसलमान 4 - 5 पिड़ी पहले अपने पूर्वजों के धर्म को जाने और तब के हिन्दुओं की बर्बरता और हिन्दुओं के जनेऊ औरंगजेब की बर्बरता ।
  श्रीकृष्ण जन्म भूमि मुक्ति जन संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक श्री अनिल पांडे ने कहा कि आज भारत के मुसलमानों को सोचना पड़ेगा कि चार-पांच कुड़ी पहले उनके पूर्वजों का धर्म कौन सा था पता किस कारण लोगों की बर्बरता के कारण उनके पूर्वजों की मकान , दुकान, कोठी, बेटी जिन लोगों के द्वारा लूटी गई अरे उनके पूर्वजों के साथ अत्याचार करने वाले कौन थे और यह बात सोचने के बाद अपने सनातन धर्म को भारत में सहयोग देने का मन बनाने का कार्य करना पड़ेगा  यही उनको अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धांजलि होगी। 
राष्ट्रीय संयोजक श्री अनिल पांडे ने नारा दिया कि " कृष्ण लला हम आयेंगे मंदिर जन्म स्थान बनायेंगे, और अयोध्या तो हुईं हमारी है अब मथुरा की बारी है, कृष्ण लला के वास्ते खाली कर दो रास्ते "।

बाईबल शब्द यूनानी मूल शब्द 'बिबलिया' से निकला है, जिसका अर्थ है 'पुस्तकें' यानि बाईबल माने पुस्तकों का संकलन।



बाईबल शब्द यूनानी मूल शब्द 'बिबलिया' से निकला है, जिसका अर्थ है  'पुस्तकें' यानि बाईबल माने पुस्तकों का संकलन। 

ये दो भागों में बंटा है, उसका पूर्व भाग पुराना-नियम (ओल्ड-टेस्टामेंट) तथा उत्तर भाग नया-नियम (न्यू टेस्टामेंट) के नाम से जाना जाता है। पुराने नियम में ईसा से पूर्व आये यहूदी पैगम्बरों तथा यहूदी इतिहास का वर्णन है तथा नया-नियम ईसा के जीवन, उनकी शिक्षाओं से संबंधित तो है ही साथ ही ईसाईयत के आरंभिक विस्तार के बारे में भी बताता है।

ईसा मसीह का जन्म, उनका अज्ञातवास, सूलीकरण, उनके पुनर्जीवन और फिर आसमान पर उठाये जाने या भारत आने की कथाओं को लेकर ईसा के आरंभिक शिष्यों में काफी मतभिन्नताएं थी। इसलिए सूलीकरण के बाद से ही उनके शिष्यों ने अपने-अपने हिसाब से उनकी जीवन-गाथाएँ लिखनी शुरू की और उनके उपदेशों का संग्रहण आरम्भ कर दिया। हुआ ये कि सूलीकरण के करीब तीन सौ साल के अंदर-अंदर ईसा के जीवन और उपदेशों पर आधरित करीब 104 सुसमाचार रचे गए, जिनमें आपस में जबर्दस्त मतभिन्नताएं थी। किसी भी दो सुसमाचार की विषय-वस्तु एक सी नहीं थी। परिणाम ये हुआ कि एक मत या पंथ के रूप में ईसाईयत को स्थापित करना असंभव हो गया। 325 ईसवी में ईसाईयत को धराशायी होता देखकर उसे फिर से एक करने हेतू उस समय के रोमन सम्राट Caesar Flavius Constantine ने Nicea नाम के स्थान पर ईसाई मत के तमाम विद्वानों की एक सभा बुलाई, जिसे इतिहास में Council of Nicea के नाम से जाना जाता है।

इस बैठक के बुलाने के एक उद्देश्य तो ईसाईयत के भीतर के झगड़ों का समाधान खोजना था और इसके बाकी उद्देश्यों में ईसा के धर्मशिक्षाओं में से सही और गलत का चुनाव करना था। यहाँ ये भी तय किया जाना था कि ईसा नबी थे या खुदा के बेटे या फिर कोई आम इंसान, साथ ही ईसा के जीवन तथा ईसाई त्योहारों की तिथियाँ भी निरुपित की जानी थी। नीसिया के इस धर्मसभा में 300 बिशप तथा 104 दस्तावेज मौजूद थे जिसमें हरेक का दावा था कि उसका सुसमाचार ही सबसे प्रमाणिक और सत्य के करीब है। इस धर्मसभा में झगड़े शुरू हो गए और सिर्फ 18 लोगों के बहुमत से बाईबल के नए स्वरुप को थोप दिया गया। इसमें केवल मैथ्यू, मार्क, लूका और जॉन नाम के चार लोगों के सुसमाचारों को ही शामिल किया गया और बाकी सुसमाचारों को Constantine ने नष्ट करवा दिया।

इसका अर्थ ये है कि वर्तमान बाईबिल मूल या प्रमाणिक है ऐसा दावा नहीं किया जा सकता क्योंकि बिना किसी आधार के निसिया की धर्मसभा में 100 सुसमाचारों को ख़ारिज कर दिया गया था। आज मध्यपूर्व के देशों से नीसिया धर्मसभा में खारिज किये गये स्क्रोल्स (गोस्पेल्स) मिल रहें हैं जिसका ईसाईयत के वर्तमान स्वरुप की कोई साम्यता नहीं है और इसलिये उनके स्तंभ एक के बाद एक धाराशायी होते जा रहे हैं। ईसाई जगत खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है क्योंकि ईसाईयत के जिन सिद्धांतों और मान्यताओं के ऊपर वो आज तक आँख बंद कर विश्वास करते रहे थे वो सबके सब भ्रम की तरह टूट रहें हैं। जुडास का विश्वासघात, ईसा का सूलीकरण, पुनर्जीवन, सदेह स्वर्गारोहण के दावे ज्यों-ज्यों खारिज हो रहें हैं त्यों-त्यों ईसाईयत की बुनियाद दरक रही हैं और वहां क्रिसमस की छुट्टी केवल विंटर वेकेशन बनकर रह गई है। इसी के कारण आज जिज्ञासु ईसाई जगत परम सत्य की खोज में योग और अध्यात्म के जरिये भारत और हिंदुत्व का रुख कर रहें हैं मगर प्रश्न ये है कि सेकुलरिज्म की अफीम चाटकर हिंदुत्व से दूर जा चुका भारत क्या उनका मार्गदर्शन कर सकेगा ?

कोलकाता के पार्क स्ट्रीट चर्च के बाहर कल उमड़ी भीड़ को देखकर तो कदापि नहीं।

 *सच्चे भाव का फल अवश्य मिलेगा,*
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एक वृद्ध महिला एक सब्जी की दुकान पर जाती है,उसके पास सब्जी खरीदने के पैसे नहीं होते है। वो दुकानदार से प्रार्थना करती है कि उसे सब्जी उधार दे दे पर दुकानदार मना कर देता है। उसके बार-बार आग्रह करने पर दुकानदार खीज कर कहता है,तुम्हारे पास कुछ ऐसा है जिसकी कोई कीमत हो तो उसे इस तराजू पर रख दो,मैं उसके वज़न के बराबर सब्जी तुम्हे दे दूंगा।वृद्ध महिला कुछ देर सोच में पड़ जाती है। क्योंकि उसके पास ऐसा कुछ भी नहीं था।कुछ देर सोचने के बाद वह,एक *मुड़ा-तुड़ा कागज़* का टुकड़ा निकलती है और उस पर कुछ लिख कर तराजू पर रख देती है। दुकानदार ये देख कर हंसने लगता है। फिर भी वह थोड़ी सब्जी उठाकर तराजू पर रखता है।
*आश्चर्य.!!!*
*कागज़ वाला पलड़ा नीचे रहता है और सब्जी वाला ऊपर उठ जाता है।*
इस तरह वो और सब्जी रखता जाता है पर कागज़ वाला पलड़ा नीचे नहीं होता। तंग आकर दुकानदार उस कागज़ को उठा कर पढता है और हैरान रह जाता है।
*🌹कागज़ पर लिखा था...''हे श्री कृष्ण, तुम सर्वज्ञ हो,अब सब कुछ तुम्हारे हाथ में है''।*
दुकानदार को अपनी आँखों पर यकीन नहीं हो रहा था। वो उतनी सब्जी वृद्ध महिला को दे देता है। पास खड़ा एक अन्य ग्राहक दुकानदार को समझाता है,कि दोस्त,आश्चर्य मत करो। केवल श्री कृष्ण ही जानते हैं की प्रार्थना का क्या मोल होता है।वास्तव में प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है।चाहे वो एक घंटे की हो या एक मिनट की। यदि *सच्चे मन* से की जाये,तो ईश्वर अवश्य सहायता करते हैं..!! 
अक्सर लोगों के पास ये बहाना होता है,की हमारे पास वक्त नहीं। मगर सच तो ये है कि ईश्वर को याद करने का कोई समय नहीं होता...!!
*🌹प्रार्थना के द्वारा मन के विकार दूर होते हैं,और एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।*
*🌹जीवन की कठिनाइयों का सामना करने का बल मिलता है।*
*🌹ज़रूरी नहीं की कुछ मांगने के लिए ही प्रार्थना की जाये।*
*🌹जो आपके पास है उसका धन्यवाद करना चाहिए।*
*🌹इससे आपके अन्दर का अहम् नष्ट होगा और एक कहीं अधिक समर्थ व्यक्तित्व का निर्माण होगा।*

*प्रार्थना करते समय मन को ईर्ष्या,द्वेष,क्रोध घृणा जैसे विकारों से मुक्त रखें..!!*
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*मनोज सिंह रावत*
*RSS प्रचारक*
*नागपुर महाराष्ट्र*
      🙏🙏
🌹🌹🌹🌹🌹🌹
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     💫💦  परमात्मा से सम्बन्ध  💫💦



एक बार एक पंडित जी ने एक दुकानदार के पास पांच सौ रुपये रख दिए।
उन्होंने सोचा कि जब मेरी बेटी की शादी होगी तो मैं ये पैसा ले लूंगा।
कुछ सालों के बाद जब बेटी सयानी हो गई,
तो पंडित जी उस दुकानदार के पास गए।

लेकिन दुकानदार ने नकार दिया और बोला- आपने कब मुझे पैसा दिया था?
बताइए! क्या मैंने कुछ लिखकर दिया है?

पंडित जी उस दुकानदार की इस हरकत से बहुत ही परेशान हो गए और बड़ी चिंता में डूब गए।
फिर कुछ दिनों के बाद पंडित जी को याद आया,
कि क्यों न राजा से इस बारे में शिकायत कर दूं।
ताकि वे कुछ फैसला कर देंगे और मेरा पैसा मेरी बेटी के विवाह के लिए मिल जाएगा।

फिर पंडित जी राजा के पास पहुंचे और अपनी फरियाद सुनाई।

राजा ने कहा- कल हमारी सवारी निकलेगी और तुम उस दुकानदार की दुकान के पास में ही खड़े रहना।

दूसरे दिन राजा की सवारी निकली।
सभी लोगों ने फूलमालाएं पहनाईं और किसी ने आरती उतारी।

पंडित जी उसी दुकान के पास खड़े थे।
जैसे ही राजा ने पंडित जी को देखा,
तो उसने उन्हें प्रणाम किया और कहा- गुरु जी! आप यहां कैसे?
आप तो हमारे गुरु हैं।
आइए! इस बग्घी में बैठ जाइए।

वो दुकानदार यह सब देख रहा था।
उसने भी आरती उतारी और राजा की सवारी आगे बढ़ गई।

थोड़ी दूर चलने के बाद राजा ने पंडित जी को बग्घी से नीचे उतार दिया और कहा- पंडित जी! हमने आपका काम कर दिया है।
अब आगे आपका भाग्य।

उधर वो दुकानदार यह सब देखकर हैरान था,
कि पंडित जी की तो राजा से बहुत ही अच्छी सांठ-गांठ है।
कहीं वे मेरा कबाड़ा ही न करा दें।
दुकानदार ने तत्काल अपने मुनीम को पंडित जी को ढूंढ़कर लाने को कहा।

पंडित जी एक पेड़ के नीचे बैठकर कुछ विचार-विमर्श कर रहे थे।
मुनीम जी बड़े ही आदर के साथ उन्हें अपने साथ ले आए।

दुकानदार ने आते ही पंडित जी को प्रणाम किया और बोला- पंडित जी! मैंने काफी मेहनत की और पुराने खातों को‌ देखा,
तो पाया कि खाते में आपका पांच सौ रुपया जमा है।
और पिछले दस सालों में ब्याज के बारह हजार रुपए भी हो गए हैं।
पंडित जी! आपकी बेटी भी तो मेरी बेटी जैसी ही है।
अत: एक हजार रुपये आप मेरी तरफ से ले जाइए,
और उसे बेटी की शादी में लगा दीजिए।

इस प्रकार उस दुकानदार ने पंडित जी को तेरह हजार पांच सौ रुपए देकर बड़े ही प्रेम के साथ विदा किया।

------ तात्पर्य ------
जब मात्र एक राजा के साथ सम्बन्ध होने भर से हमारी विपदा दूर जो जाती है, तो हम अगर इस दुनिया के राजा यानि कि परमात्मा से अपना सम्बन्ध जोड़ लें, तो हमें कोई भी समस्या, कठिनाई या फिर हमारे साथ किसी भी तरह के अन्याय का तो कोई प्रश्न ही नहीं उत्पन्न होगा।



दवाई की शीशी🙏

🙏दवाई की शीशी🙏

राजस्थान में भगवान श्री कृष्ण के एक दयालु भक्त थे, नाम था रमेश चंद्र। उनकी दवाइयों की दुकान थी। उनकी दुकान में भगवान श्री कृष्ण की एक छोटी सी तस्वीर एक कोने में लगी थी। वे जब दुकान खोलते, साफ सफाई के उपरांत हाथ धोकर नित्य भगवान की तस्वीर को साफ करते और बड़ी श्रद्धा से धूप इत्यादि दिखाते। उनका एक पुत्र भी था राकेश, जो अपनी पढ़ाई पूरी करके उनके ही साथ दुकान पर बैठा करता था। वह भी अपने पिता को ये सब करते हुए देखा करता और चूँकि वह नए ज़माने का पढ़ा लिखा नव युवक था लिहाजा अपने पिता को समझाता कि भगवान वगैरह कुछ नहीं होते, सब मन का वहम है।
शास्त्र कहते हैं कि सूर्य अपने रथ पर ब्रह्मांड का चक्कर लगाता है जबकि विज्ञान ने सिद्ध कर दिया कि पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है, इस तरह से रोज विज्ञान के नए नए उदाहरण देता यह बताने के लिए कि ईश्वर नहीं हैं!!
पिता उस को स्नेह भरी दृष्टि से देखते और मुस्कुरा कर रह जाते। वे इस विषय पर तर्क वितर्क नही करना चाहते थे।
समय बीतता गया पिता बूढ़े हो गए थे। शायद वे जान गए थे कि अब उनका अंत समय निकट ही आ गया है...
अतः एक दिन अपने बेटे से कहा, "बेटा तुम ईश्वर को मानो या मत मानो, मेरे लिए ये ही बहुत है कि तुम एक मेहनती, दयालु और सच्चे इंसान हो। परंतु क्या तुम मेरा एक कहना मानोगे?"
बेटे ने कहा, "कहिये ना पिताजी, जरुर मानूँगा।"
पिता ने कहा, "बेटा मेरे जाने के बाद एक तो तुम दुकान में रोज भगवान की इस तस्वीर को साफ करना और दूसरा यदि कभी किसी परेशानी में फँस जाओ तो हाथ जोड़कर श्रीकृष्ण से अपनी समस्या कह देना। बस मेरा इतना कहना मान लेना।" पुत्र ने स्वीकृति भर दी।
कुछ ही दिनों के बाद पिता का देहांत हो गया, समय गुजरता रहा...
एक दिन बहुत तेज बारिश पड़ रही थी। राकेश दुकान में दिनभर बैठा रहा और ग्राहकी भी कम हुई। ऊपर से बिजली भी बहुत परेशान कर रही थी। तभी अचानक एक लड़का भीगता हुआ तेजी से आया और बोला, "भईया ये दवाई चाहिए। मेरी माँ बहुत बीमार है। डॉक्टर ने कहा ये दवा तुरंत ही चार चम्मच यदि पिला दी जाये तो ही माँ बच पायेगी, क्या ये दवाई आपके पास है?"
राकेश ने पर्चा देखकर तुरंत कहा, "हाँ ये है।" लड़का बहुत खुश हुआ...और कुछ ही समय के लेन देन के उपरांत दवा लेकर चला गया।
परन्तु ये क्या!!! लड़के के जाने के थोड़ी ही देर बाद राकेश ने जैसे ही काउंटर पर निगाह मारी तो...पसीने के मारे बुरा हाल था क्योंकि अभी थोड़ी देर पहले ही एक ग्राहक चूहे मारने की दवाई की शीशी वापस करके गया था। लाईट न आने की वजह से राकेश ने शीशी काउंटर पर ही रखी रहने दी कि लाईट आने पर वापस सही जगह पर रख देगा। पर जो लड़का दवाई लेने आया था, वह अपनी शीशी की जगह चूहे मारने की दवाई ले गया और लड़का पढ़ा लिखा भी नहीं था!!!
"हे भगवान!" अनायास ही राकेश के मुँह से निकला, "ये तो अनर्थ हो गया!!" तभी उसे अपने पिता की बात याद आई और वह तुरंत हाथ जोड़कर भगवान कृष्ण की तस्वीर के आगे दुःखी मन से प्रार्थना करने लगा कि, "हे प्रभु! पिताजी हमेशा कहते थे कि आप है। यदि आप सचमुच है तो आज ये अनहोनी होने से बचा लो। एक माँ को उसके बेटे द्वारा जहर मत पीने दो, प्रभु मत पीने दो!!!"
"भईया!" तभी पीछे से आवाज आई... " भैया कीचड़ की वजह से मैं फिसल गया, दवा की शीशी भी फूट गई! कृपया आप एक दूसरी शीशी दे दीजिये...।"
भगवान की मनमोहक मुस्कान से भरी तस्वीर को देखकर राकेश की आँखों से झर झर आँसू बह निकले !!!
आज उसके भीतर एक विश्वास जाग गया था कि कोई है जो सृष्टि चला रहा है, जिसे कोई खुदा कहता है, तो कोई ईश्वर, कोई सर्वव्यापी कहता है तो कोई परमात्मा!
प्रेम और भक्ति से भरे हृदय से की गई प्रार्थना कभी अनसुनी नहीं जाती।
❀꧁ जय श्री कृष्णा ꧂


खुले स्थान पर मैरिज लॉन का कूड़ा कचरा फेंकने से जनता में आक्रोश*

*खुले स्थान पर मैरिज लॉन का कूड़ा कचरा फेंकने से जनता में आक्रोश*
अंबेडकरनगर
सार्वजनिक स्थानों पर कूडा फेंकने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) सख्त हो गया है। एनजीटी ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति या सरकारी या प्राइवेट एजेंसी या संस्था सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकता पाया गया तो उस पर 10 हजार रुपए जुर्माना  लगाया जाएगा।
एनजीटी ने कहा है कि सभी अथॉरिटी सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स, 2016 के तहत कचरे से बेहतर ढंग से संग्रहण, परिवहन और निस्तारण के लिए कानूनी तौर पर बाध्य है।  वर्तमान समय में गंदगी के कारण डेंगू का प्रभाव च तरफ फैल रहा है। इसके दृष्टिगत उत्तर प्रदेश शासन सफाई पर विशेष ध्यान दे रहा है, जिससे नागरिकों इस बीमारी से बचाया जा सके इस क्रम में कृष्णानगर कॉलोनी सहजादपुर, अंबेडकरनगर के वाशिंदे कृष्णानगर में स्थित मयूर रिशार्ट में प्रायः सामूहिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते जिसमें खाने पीने के बाद जुठे अवशिष्ट पदार्थ तथा नाली का गंदा पानी सड़क के किनारे ही छोड़ दि जाता है, जिनके सड़ने से उत्पन्न बदबू से वातावरण दूषित हो जाता है और इस गन्दगी में मच्छर पनपने संभावना बढ़ जाती है।मयूर रिसार्ट के सामने से होकर निकलने वाली सड़क पर प्रातः काल बहुत सारे नागरिक प्रातः भ्रम के लिए निकलते है और सड़क के किनारे की यह बदबू उनके नाकों में प्रवेश करती है, मच्छरों के काटने भी भय बना रहता है। साथ ही इसके बगल में ही भारतीय योग संस्थान के माध्यम से एक नि:शुल्क साधना केंद्र प्रतिदिन प्रातः काल चलता है, जिसमें बहुत सारे पुरुष और महिलाएं प्रातः योगाभ्यास लिए आते हैं, वे भी उस गंदगी के बीच से ही आते है और साधना स्थल पर भी वायु के साथ गंदगी: योगाभ्यास करने वालों के नाकों में पड़ती है, जो प्राणायाम में काफी हानिप्रद हो सकता है। उल्लेखनीय है कि महोदय से इस संबंध में इसके पूर्व भी दिनांक 6-12-2021 को और दिन 8-2-2022 को आवश्यक कार्यवाही के लिए अनुरोध किया था, परंतु इसके बावजूद भी मयूर रिसार्ट मालिक द्वारा निरंतर गंदगी की जा रही है, उन पर इन अनुरोधों का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। वार्ड वासियों ने अनुरोध किया है कि नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए वातावरण को रखने और डेंगू से होने वाली हानि से बचाव के लिए संबंधित को निर्देशित करने की कृपा करें कि सामूहिक कार्यक्रमों के बाद समस्त अवशिष्ट सामग्री और गंदे पानी का डिस्पोजल तत्काल प्रबन्ध करें, जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव न पड़े। केंद्र व्यवस्थापक द्वारा शासन प्रशासन से निवेदन किया गया है कि मामले का निस्तारण जनहित को देखते हुए अतिशीघ्र किया जाए।

लखनऊ - शिक्षक एमएलसी चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने जारी किया नोटिफिकेशन#

लखनऊ - शिक्षक एमएलसी चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने जारी किया नोटिफिकेशन

 12 जनवरी को विधान परिषद के तीन स्नातक खंड, 2 खंड शिक्षक  विधान परिषद का कार्यकाल समाप्त हो रहा है


 5 से 12 जनवरी के बीच में प्रत्याशी कर सकेंगे नामांकन

 13 से 15 जनवरी तक प्रत्याशियों द्वारा भरे गए पर्चे की होगी जांच


 16 जनवरी को नाम वापसी की आखिरी दिन


 30 जनवरी को होगा मतदान, सुबह 8:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक होगा मतदान 


2 फरवरी को सभी सीटों पर होगी मतगणना 


 गोरखपुर- फैजाबाद खंड स्नातक सीट पर होगा चुनाव


 कानपुर खंड स्नातक सीट पर होगा चुनाव 

 बरेली - मुरादाबाद खंड स्नातक सीट पर होगा चुनाव


 इलाहाबाद - झांसी खंड शिक्षक सीट पर होगा चुनाव


 कानपुर खंड शिक्षक की सीट पर होगा चुनाव

भारत में हिन्दू समाज बहु संख्यक होकर भी अल्पसंख्यक है?* बोलता है भारत मित्रों भारत में हिन्दू समाज जो है बहुसंख्यक होकर कॉमन सिविल कोड की मांग करता है और

*🚩भारत में हिन्दू समाज बहु  संख्यक होकर भी अल्पसंख्यक है?* बोलता है भारत मित्रों भारत में हिन्दू समाज जो है बहुसंख्यक होकर कॉमन सिविल कोड की मांग करता है और मुस्लिम अल्प संख्यक के नाम पर विरोध करता है। पाकिस्तान में अल्प संख्यक हिन्दू कॉमन सिविल कोड की वकालत करता है जबकि वहां के बहुसंख्यक मुसलमान इसको सिरे से खारिज कर देता है। इसलिए की सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि कॉमन सिविल कोड की मांग या विरोध अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक के सिद्धांत से परे है। वास्तविकता यह है कि मुसलमान अल्प संख्यक हो या बहु संख्यक,वह समान नागरिक कानूनों को कभी स्वीकार नहीं करता है।वह जहां अल्पसंख्यक है वहां अल्पसंख्यक के नाम पर अपने शरई कानूनों की रखवाली करता है लेकिन जहां बहुसंख्यक है वहां गैर मुस्लिमों को अपने बराबर नागरिक अधिकार देने से मना कर देता है। दुनिया के ज्यादातर वो देश जहां मुसलमान बहु संख्यक है वहां कुरान और हदीसों की शरई रोशनी में संविधान या कानून बना दिये गये हैं।इसलिए मुसलमान अल्प संख्यक हो या बहुसंख्यक कभी भी गैर मुस्लिमों को अपने बराबर मानने को तैयार नहीं होता।जब आप इस मर्म को समझने जाएंगे तो पायेंगे कि इस्लाम में गैर मुस्लिमों को लेकर बहुत खराब बातें कही गयी हैं जबकि मुसलमानों को संसार की सबसे आला दर्जे की कौम ठहराया गया है।कुरान में तो गैर मुस्लिम इंसान को नजिस(गंदा,नापाक),काफिर (अल्लाह और नबी पर ईमान न लानेवाला) मुशरिक (मुर्तिपूजा करनेवाला) बदतरीन मखलूख (सबसे खराब प्रजाति) कहा गया है। स्वाभाविक है अपने कुरान की हर बात मानने वाला मुसलमान यह बात अच्छी तरह से जानता है कि गैर मुस्लिम उसके लिए क्या हैसियत रखते हैं।ऐसे में दोस्तों भला वह उनके समान नागरिक अधिकारों पर कैसे राजी हो सकता है?इसलिए मुसलमान जहां अल्प संख्यक है वहां किसी न किसी तरीके से समान नागरिक अधिकारों का विरोध करता है। इसके लिए वह हमेशा यह तर्क देता है कि उस देश का संविधान उसके नागरिक अधिकारों की रक्षा की गारंटी देता है। लेकिन वह यह बात कभी जाहिर नहीं होने देता कि असल में वह गैर मुस्लिमों को गंदा और नापाक तथा अपने आप को श्रेष्ठ समझता है।वह अपने इस्लामिक रिवाजों को बाकी समाजों के रीति रिवाज से श्रेष्ठ मानता है। वह ऐसा मानता है कि वह जो जीवन जी रहा है वैसा जीवन जीने के लिए उसके अल्लाह ने खुद कुरान में हुक्म दिया है। की अगर मुसलमान गैर मुस्लिम के बराबर नागरिक अधिकारों को स्वीकार कर लेगा तो यह उसका अपने अल्लाह के साथ किया गया गुनाह होगा। इसीलिए जहां वह बहुसंख्यक है,वहां वह गैर मुस्लिम को कभी मुसलमानों के बराबर दर्जा दे ही नहीं सकता। जहां अल्पसंख्यक है वहां संविधान की आड़ में अपनी इस्लामिक शरीयत का बचाव करता है।इस मामले में एक बार टीवी शो में जब  सुजानों ने पाकिस्तान के इस्लामिक जानकार डॉ इसरार अहमद से एक सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कहा था कि पाकिस्तान में अकलियत (अल्पसंख्यकों) को कभी भी मुसलमानों के बराबर अधिकार नहीं दिया जा सकता। उन्होंने तो यहां तक कहा था कि जिस दिन पाकिस्तान में सही मामलों में इस्लामिक शरीयत लागू हो जाएगी, सभी गैर मुस्लिमों को दोयम दर्जे का शहरी (नागरिक) बना दिया जाएगा।सुनने में शायद हमको बुरा लगे लेकिन डॉ इसरार अहमद कुछ भी गलत नहीं बोल रहे थे। पाकिस्तान बनाने के बाद वहां का जो संविधान बनाया गया उसमें इस्लामिक सिद्धांतों का पूरा पालन किया गया था।जबकि हिंदुराष्ट्र भारत में सेकुलर का सिध्दांथ को लागू किया गया।साथियों पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 41 और 91 में क्रमश: राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री पद के लिए गैर मुस्लिमों को अयोग्य करार दे दिया गया है। पाकिस्तान का राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री संवैधानिक रूप से सिर्फ मुसलमान ही बन सकता है।गैर मुस्लिम हिन्दू,सिख या ईसाई इस पद पर कभी बैठ ही नहीं सकता है।भाईयों 2019 में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के एक ईसाई सांसद डॉ नावेद अमीर जीवा ने प्राइवेट मेम्बर बिल पेश किया था।इस बिल में प्रस्ताव था कि पाकिस्तान के शीर्ष पदों पर गैर मुस्लिमों के बैठने पर लगी रोक हटा ली जाए।लेकिन इस बिल का उस समय के संसदीय राज्य मंत्री अली मुहम्मद ने ही विरोध किया था।और उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान इस्लामिक मुल्क है और यहां शीर्ष पदों पर सिर्फ मुसलमान ही बैठ सकता है।दोस्तो स्वाभाविक ही यह प्राइवेट मेम्बर बिल सदन में गिर गया था।
इधर भारत में अभी कुछ ही दिन पहले राजस्थान के भाजपा सांसद किरोणी लाल मीणा ने एक प्राइवेट मेम्बर बिल राज्यसभा में पेश किया है।उन्होंने किसी का नागरिक अधिकार छीनने नहीं बल्कि समान नागरिक अधिकार की मांग करते हुए यह प्राइवेट मेम्बर बिल राज्यसभा में प्रस्तुत किया था।लेकिन इस प्राइवेट मेम्बर बिल का विरोध उन्हीं दलों ने किया जो मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं।राज्यसभा में इस पर चर्चा कराने के लिए हुई वोटिंग में 63 वोट समर्थन में तो 23 वोट खिलाफ में पड़े इसका मतलब यह है मित्रों कि संसद में इस समय जो लोग बैठे हैं वो भी चाहते हैं कि देश में समान नागरिक संहिता लागू होना चाहिए।ऐसा चाहने वालों के पीछे कोई गलत भावना भी नहीं है।देश को एक साथ सेकुलर और अल्पसंख्यक बहुसंख्यक में नहीं बांटा जा सकता। साथियों भारत के संविधान निर्माताओं ने जब भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यक के अधिकारों की बात की थी तब संविधान को सेकुलर नहीं बताया था। संविधान निर्माता जानते थे कि सेकुलर और अल्प संख्यक दोनों विरोधा भाषी बातें हैं।जब किसी देश में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक मान लिया गया है तब वह सेकुलर कैसे हो सकता है?अगर कोई देश सेकुलर हो गया है तो वहां अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक का क्या तुक होता है?भारतीय संविधान में सेकुलर शब्द जान बूझकर सोच समझ कर षडयंत्र रचकर इंदिरा गांधी के शासन काल में 1976 में डाला गया था। भाईयों बयालिसवां संविधान संशोधन करके 1976 में संविधान की मूल प्रस्तावना में सोशलिज्म और सेकुलरिज्म शब्द जोड़ दिया गया था। लेकिन मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति के कारण अल्प संख्यक और बहुसंख्यक की नीति को बरकरार रखा गया था। इसीलिए भाजपा द्वारा लगातार देश में समान नागरिक संहिता की बात की जाती है। दोस्तों अब समय आ गया है कि मुसलमान भी अगर देश के सेकुलर ढांचे को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो समान नागरिक संहिता का समर्थन करें। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो परोक्ष रूप से वो भारत के हिन्दूराष्ट्र होने का समर्थन करते हैं। वो किसी सेकुलर देश में अल्प संख्यक होने का लाभ भला कैसे ले सकते हैं? अगर उन्हें अल्पसंख्यक होने का ही लाभ चाहिए तो भारत को हिन्दूराष्ट्र बनाने का समर्थन करना चाहिए। सूत्रधार श्री संजय तिवारी जी। *🙏जय श्रीराम बोलिए✍️ सूत्रों से कुबेरराम सपहा प्रधानसंपादक समाचार जागो छत्तीसगढ़ भारत ?🚩*

आज और कल का दिन खास/ आज का राशिफल व पंचांग************************31 दिसम्बर, 2022, शनिवार==================

आज का राशिफल व पंचांग
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31 दिसम्बर, 2022, शनिवार
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आज और कल का दिन खास 
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31 दिसम्बर 1984 को राजीव गाँधी आज ही के दिन 40 वर्ष की उम्र में भारत के सातवें प्रधानमंत्री बने।

01 जनवरी 2023 : ईस्वी सन् 2023 का आगाज।
01 जनवरी 1862 को भारतीय दंड संहिता लागू हुई।

आज का राशिफल
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31 दिसम्बर, 2022, शनिवार
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मेष राशि :- मेष राशि वालों के कार्यों में विघ्न आने के योग हैं। कार्यक्षेत्र में कुछ उथल-पुथल की स्थिति रहेगी। मन अस्थिरता से भरा रहने का योग है। यात्रा में आज आपको असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। इससे मन भी अस्थिर और विचलित हो सकता है। गुरु मंत्र का जप करना शुभ रहेगा। 

वृषभ राशि :- आज की गई यात्रा से आपको लाभ के अवसर मिलेंगे। विरोधी परास्‍त होंगे। कार्यक्षेत्र में सहयोगियों का साथ मिलेगा। रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने के योग हैं। अधूरी इच्‍छाओं की भी पूर्ति होने के योग हैं। 

मिथुन राशि :- आज आपके जीवन में उतार-चढ़ाव और बाधाओं के बावजूद भी आपको धनलाभ होने का योग है। इसके अलावा आज आप जो भी कार्य करेंगे, उसका प्रतिफल आने वाले समय में मिलेगा। यह आपके लिए काफी सुखद अनुभव साबित हो सकता है। इसके अलावा आज परिवार के साथ आपका दिन शुभ रहने का योग है। 

कर्क राशि :- आज आपके प्रभाव और कार्यक्षेत्र में मान-प्रतिष्‍ठा में वृद्धि का योग बन रहा है। विशिष्‍ट लोगों से संपर्क बनने के भी अवसर सामने आएंगे। आज के दिन सुखद यात्रा का भी योग बन रहा है। इसके अलावा उन्‍नति का भी योग है। शत्रु भी परास्‍त होंगे। 

सिंह राशि :- आज अगर आपको यात्रा करनी पड़े तो सोच-समझकर ही करें। अन्‍यथा हो सकता है कि असुविधा का सामना करना पड़े। खानपान में भी आज सावधानी बरतने की जरूरत है। अन्‍यथा तबियत बिगड़ सकती है। इसके अलावा आज लापरवाही के चलते प्रिय वस्‍तु के खोने की भी आशंका है। ऐसे में जरूरी है कि प्रत्‍येक कार्य में सावधानी बरतें। 

कन्या राशि :- आज आपके मन में सकारात्मक विचार आएंगे। इससे प्रत्‍येक कार्य में आपको सफलता प्राप्त होने का योग बन रहा है। शत्रु भी परास्‍त होंगे। मित्र और परिवार के सभी सदस्‍यों का भरपूर सहयोग मिलेगा। आपकी मदद से आज किसी की जिंदगी में सुख के क्षण भी आ सकते हैं। 

तुला राशि :- आज आपको कार्यक्षेत्र के चलते आस-पास की यात्रा करना पड़े। यह आपके लिए सुखद भी हो सकती है। मित्रों का सहयोग मिलेगा इससे आप प्रसन्‍नता का अनुभव करें। इसके अलावा परिवार के वरिष्‍ठों का सहयोग और आशीर्वाद मिलने से भी प्रसन्‍नता का योग है। किसी उपहार मिलने का भी योग है। 

वृश्चिक राशि :- आज आपको प्रेम संबंधों में निराशा लगने के आसार हैं। इसके अलावा हो सकता है कि आपको किसी वजह से निराशा हो। लेकिन मन को शांत रखें और भविष्‍य की चिंता न करें। ईश्‍वर का स्‍मरण करें सब बेहतर होगा। आज आपको कर्मक्षेत्र में धनार्जन के लिए अधिक प्रयास करना पड़ेगा। व्‍यर्थ की भागदौड़ भी हो सकती है। 

धनु राशि :- आज किसी शुभ समाचार के मिलने से मन प्रसन्‍न होगा। आपके मान-सम्मान में वृद्धि होने का भी योग है। इसके अलावा नए अवसरों की संभावनाएं भी दस्‍तक दे रही हैं। जरूरत बस इन्‍हें समझने की है। अन्‍यथा अवसर आपके हाथ से निकल सकता है। इसलिए सतर्क रहें और अवसर का लाभ लें। 

मकर राशि :- आज आपके कार्यक्षेत्र में वृद्धि होने के योग हैं। आज आप जो भी कार्य सोचेंगे वह पूरा कर सकते हैं। लेकिन जरूरी है कि कार्य को पूरी मेहनत और लगन से करें। नौकरी में उच्‍चाधिकारी का समर्थन मिलने से मन प्रसन्‍न रहेगा। किसी बड़ी जिम्‍मेदारी का उत्‍तरदायित्‍व भी आपको सौंपा जा सकता है। अचानक धनलाभ भी हो सकता है। 

कुंभ राशि :- आज किसी से भी वाद-विवाद करने से बचें। अन्‍यथा खुद का ही नुकसान कर बैठेंगे। इसके अलावा आज व्‍यय अधिक और आय कम की भी स्थिति नजर आ रही है। ऐसे में सोच-समझकर व्‍यय करना बेहतर होगा। स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें। नियमित रूप से चिकित्‍सीय परामर्श लेते रहें। 

मीन राशि :-आज के दिन आपको सफलता और विफलता दोनों का ही सामना करना पड़ सकता है। लेकिन परेशान न हों, ईश्‍वर और माता-पिता का स्‍मरण करें, आपको सफलता मिलेगी। विरोधी आपको नुकसान पहुंचाने के बारे में विचार कर सकते हैं लेकिन कोई भी आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे।

 
आज का पंचांग
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31 दिसम्बर 2022, शनिवार
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तिथि      नवमी     06:35 PM
नक्षत्र      रेवती     11:47 AM
करण      कौलव    06:35 PM
              तैतिल    06:50 AM
पक्ष          शुक्ल 
योग         परिघ  08:18 AM
वार          शनिवार
सूर्योदय    07:13 AM
सूर्यास्त     05:34 PM
चन्द्रमा      मीन   11:47 AM
राहुकाल    09:48 - 11:06 AM
विक्रमी संवत्  2079
शक सम्वत  1944 (शुभकृत)
मास     पोष
शुभ मुहूर्त 
अभीजित     12:03 - 12:44 PM


क्या है सोलह संस्कार और क्यों आवश्यक है सब के लिए

क्या है सोलह संस्कार और क्यों आवश्यक है सब के लिए
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संस्कार का सामान्य अर्थ है- किसी को संस्कृत करना या शुद्ध करके उपयुक्त बनाना। किसी साधारण या विकृत वस्तु को विशेष क्रियाओं द्वारा उत्तम बना देना ही उसका संस्कार है। इसी तरह किसी साधारण मनुष्य को विशेष प्रकार की धार्मिक क्रिया-प्रक्रियाओं द्वारा श्रेष्ठ बनाना ही सुसंस्कृत करना कहा जाता है।

संस्कार के पालन से मिलती है आयु-आरोग्यता। । भारतीय संस्कृति में सोलह संस्कार बताए गए हैं। इन संस्कारों के अनुसार जीवन-यापन करने से मनुष्य जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। इसमें उपनयन संस्कार की विशेष महत्ता है। इस संस्कार के साथ ही बालक ब्रह्मचर्य आश्रम में प्रवेश करता है। ब्रह्मचर्य के नियम कायदों का पालन करने से आयु-आरोग्यता और जीवन में सफलता मिलती है। आज अभिभावकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे उपनयन संस्कार के नियमों का पालन करें।

संस्कृत भाषा का शब्द है संस्कार। मन, वचन, कर्म और शरीर को पवित्र करना ही संस्कार है। हमारी सारी प्रवृतियों और चित्तवृत्तियों का संप्रेरक हमारे मन में पलने वाला संस्कार होता है। संस्कार से ही हमारा सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन पुष्ट होता है और हम सभ्य कहलाते हैं। व्यक्तित्व निर्माण में हिन्दू संस्कारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। संस्कार विरुद्ध आचरण असभ्यता की निशानी है। संस्कार मनुष्य को पाप और अज्ञान से दूर रखकर आचार-विचार और ज्ञान-विज्ञान से संयुक्त करते हैं। मुख्यत: तीन भागों में विभाजित संस्कारों को क्रमबद्ध सोलह संस्कार में विभाजित किया जा सकता है। 
ये तीन प्रकार होते हैं- (1) मलापनयन, (2) अतिशयाधान और (3) न्यूनांगपूरक।

(1) मलापनयन -उदाहरणार्थ किसी दर्पण आदि पर पड़ी हुए धूल, मल या गंदगी को पोंछना, हटाना या स्वच्छ करना मलापनयन कहलाता है।

(2) अतिशयाधान- किसी रंग या पदार्थ द्वारा उसी दर्पण को विशेष रूप से प्रकाशमय बनाना या चमकाना 'अतिशयाधान' कहलाता है। दूसरे शब्दों में इसे भावना, प्रतियत्न या गुणाधान-संस्कार भी कहा जाता है।

(3) न्यूनांगपूरक- अनाज के भोज्य पदार्थ बन जाने पर दाल, शाक, घृत आदि वस्तुएँ अलग से लाकर मिलाई जाती हैं। उसके हीन अंगों की पूर्ति की जाती हैं, जिससे वह अनाज रुचिकर और पौष्टिक बन सके। इस तृतीय संस्कार को न्यूनांगपूरक संस्कार कहते हैं।

अत: गर्भस्थ शिशु से लेकर मृत्युपर्यंत जीव के मलों का शोधन, सफाई आदि कार्य विशिष्ट विधिक क्रियाओं व मंत्रों से करने को संस्कार कहा जाता है। हिंदू धर्म में सोलह संस्कारों का बहुत महत्व है। वेद, स्मृति और पुराणों में अनेकों संस्कार बताए गए है किंतु धर्मज्ञों के अनुसार उनमें से मुख्य सोलह संस्कारों में ही सारे संस्कार सिमट जाते हैं अत: इन संस्कारों के नाम है-

(1)गर्भाधान संस्कार, 
(2)पुंसवन संस्कार,
(3)सीमन्तोन्नयन संस्कार,
(4)जातकर्म संस्कार,
(5)नामकरण संस्कार,
(6)निष्क्रमण संस्कार,
(7)अन्नप्राशन संस्कार, 
(8)मुंडन संस्कार, 
(9)कर्णवेधन संस्कार,
(10)विद्यारंभ संस्कार,
(11)उपनयन संस्कार,
(12)वेदारंभ संस्कार,
(13)केशांत संस्कार,
(14)सम्वर्तन संस्कार,
(15)विवाह संस्कार और
(16)अन्त्येष्टि संस्कार।

संस्कार का अभिप्राय उन धार्मिक कृत्यों हैं जो किसी व्यक्ति को अपने समुदाय का योग्य सदस्य बनाकर उसके शरीर, मन और मस्तिष्क को पवित्र करें। संस्कार ही मनुष्य को सभ्यता का हिस्सा बनाए रखते हैं। लेकिन वर्तमान में हिंदुजन उक्त सोलह संस्कार मनमाने तरीके से करके मत भिन्नता का परिचय देते हैं, जो कि वेद विरुद्ध है।

वेदों के अलावा गृहसूत्रों में संस्कारों का उल्लेख मिलता है। स्मृति और पुराणों में इसके बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है। वेदज्ञों अनुसार गर्भस्थ शिशु से लेकर मृत्युपर्यंत जीव के मलों का शोधन, सफाई आदि कार्य को विशिष्ट विधि व मंत्रों से करने को संस्कार कहा जाता है। यह इसलिए आवश्यक है कि व्यक्ति जब शरीर त्याग करे तो सद्गति को प्राप्त हो।

कर्म के संस्कार- हिंदू दर्शन के अनुसार, मृत्यु के बाद मात्र यह भौतिक शरीर या देह ही नष्ट होती है, जबकि सूक्ष्म शरीर जन्म-जन्मांतरों तक आत्मा के साथ संयुक्त रहता है। यह सूक्ष्म शरीर ही जन्म-जन्मांतरों के शुभ-अशुभ संस्कारों का वाहक होता है। ये संस्कार मनुष्य के पूर्वजन्मों से ही नहीं आते, अपितु माता-पिता के संस्कार भी रज और वीर्य के माध्यम से उसमें (सूक्ष्म शरीर में) प्रविष्ट होते हैं, जिससे मनुष्य का व्यक्तित्व इन दोनों से ही प्रभावित होता है। बालक के गर्भधारण की परिस्थितियां भी इन पर प्रभाव डालती हैं।

ये संस्कार ही प्रत्येक जन्म में संगृहीत (एकत्र) होते चले जाते हैं, जिससे कर्मों (अच्छे-बुरे दोनों) का एक विशाल भंडार बनता जाता है। इसे संचित कर्म कहते हैं। इन संचित कर्मों का कुछ भाग एक जीवन में भोगने के लिए उपस्थित रहता है और यही जीवन प्रेरणा का कार्य करता है। अच्छे-बुरे संस्कार होने के कारण मनुष्य अपने जीवन में प्रेरणा का कार्य करता है। अच्छे-बुरे संस्कार होने के कारण मनुष्य अपने जीवन में अच्छे-बुरे कर्म करता है। फिर इन कर्मों से अच्छे-बुरे नए संस्कार बनते रहते हैं तथा इन संस्कारों की एक अंतहीन श्रृंखला बनती चली जाती है, जिससे मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण होता है।

उक्त संस्कारों के अलावा भी अनेकों संस्कार है जो हमारी दिनचर्या और जीवन के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों से जुड़े हुए हैं, जिन्हें जानना प्रत्येक हिंदू का कर्तव्य माना गया है और जिससे जीवन के रोग और शोक मिट जाते हैं तथा शांति और समृद्धि का रास्ता खुलता है। यह संस्कार ऐसे हैं जिसको निभाने से हम परम्परागत व्यक्ति नहीं कहलाते बल्कि यह हमारे जीवन को सुंदर बनाते हैं।


यूथ वेलफेयर सोसायटी की ओर से जरूरतमंदों को लिहाज बांटे गए!स्योहारा। (डॉ०उस्मान ज़ैदी

यूथ वेलफेयर सोसायटी की ओर से जरूरतमंदों को लिहाज बांटे गए!
स्योहारा। (डॉ०उस्मान ज़ैदी)परंपरागत रूप से सभी धार्मिक और सामाजिक कार्यों में बड़े पैमाने पर हिस्सा लेने वाली जानी मानी समाजिक संस्था स्योहारा यूथ वेलफेयर सोसायटी की तरफ से आज एमक्यू इंटर कॉलेज में 51 जरूरमंद लोगो को लिहाफ दिए गए।
संस्था की तरफ से आयोजित इस खास कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव चोधरी,समाज वर्मा मेटरनिटी नर्सिंग एंड होम सुप्रसिद्ध चिकित्सक एवं वरिष्ठ समाजसेवी सेवी डॉ मनोज वर्मा ने कहा कि यह संस्था पिछले काफी समय से पुण्य का कार्य कर रही है इस कड़कड़ाती सर्दी में किसी गरीब व असहाय लोगों तथा महिलाओं की कंबल कपड़े लिहाफ आदि जैसी वस्तुओं से मदद करना आत्मा से शांति और सुकून मिलता है यह अपने आप में काबिले तारीफ है जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता मेजर रईस चोधरी व चोधरी शहबाज जमाल ने की,कार्यक्रम का सफल संचालन मास्टर फहीम सिद्दीकी ने किया । वरिष्ठ समाजसेवी चौधरी साहब जमाल ने पदाधिकारियों की तारीफ करते हुए इस काम को नेक काम बताते हुए उनकी हौसला अफजाई की, एमक्यू इंटर कॉलेज के रिटायर्ड प्रिंसिपल मेजर रईस अहमद चौधरी ने कहा यह संस्था पिछले काफी लंबे समय से सराहनीय कार्य कर रही है इस टीम के लोगों की हिम्मत व हौसला की दाद देते इसके अलावा थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव चोधरी ने भी संस्था के इस काम को पुण्य भरा बताते हुए तारीफ की। संस्था के संरक्षक अमीन अहमद ने कहा कि कड़कड़ाती सर्दी बचाव हेतु गरीब लोगों महिलाओं की मदद करके जो दिली सुकून मिलता है उसका हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते लोगों की दुआओं का आशीर्वाद बना रहे!
कार्यक्रम में आये सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया इसके वरिष्ठ पत्रकार डॉ उस्मान जैदी के अलावा पत्रकारों भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रममें  संस्था की ओर से सरंक्षक अमीन चौधरी मेडिकल स्टोर के प्रोपराइटर एवं संरक्षक असजदचौधरी अहमद,अध्यक्ष तनवीर अहमद,फ़िरोज़,शब्बू, कायम,संजय शर्मा,डॉ सौरभ वर्मा, कमर,आदि के अलावा मुस्तकीम अहमद,फरहा,नईम अहमद,कारी नाज़िर,आदि भी मौजद रहे!

Thursday, 29 December 2022

एक ऐसा षड्यंत्र जो देश विरोधी भी है*

👉 *सुनियोजित षड्यंत्र का खुलासा*
👉 *एक ऐसा षड्यंत्र जो देश विरोधी भी है*
👉 *आतंक........ की...... चिंतित करती चुनौती*
👉 *कन्हैया लाल और उमेश कोहले की  हत्या के आरोपपत्र उनके  लिए चेतावनी है,, जो इन हत्याओं को  हल्के में ले रहे थे*!!
👉 *नूपुर शर्मा विवाद के बाद दो हत्याओं ने पूरे देश में सनसनी फैला दी थी!! अब उनसे संबंधित आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए जा चुके हैं!! महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोहले और राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या से संबंधित आरोपपत्रों से स्पष्ट हो जाता है कि यह तत्कालिक गुस्से में की गई हत्याए नहीं थी! हत्यारे और हत्या की साजिश रचने वाले कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा वाले समूहों से जुड़े थे!! कोहले की हत्या में राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने पाया कि सभी आरोपी तबलीगी जमात से जुड़े थे जो कन्हैया लाल के हत्यारे   दावत - ए - इस्लामी से!! यह  आतंकी माड्यूल की तरह काम कर रहे थे!! कन्हैया लाल की हत्या में 2 पाकिस्तानियों का नाम भी आरोपपत्र में है!! वास्तव में यह आरोपपत्र उन लोगों के लिए चेतावनी जैसे होने चाहिए,, जो ऐसे जघन्य हत्याकांडो पर भी राजनीति कर रहे थे!! कुछ लोगों ने यह कहकर इसे हल्का करने का प्रयास किया कि नूपुर की पैगंबर साहब पर टिप्पणी से गुस्से में आकर उन्होंने ऐसा किया होगा!! हालांकि सामान्य अवस्था में इस तरह कोई गला नहीं काटता!! यह वही करने की हिम्मत जूटाएगा, जिसमें यह भाव भरा गया हो कि इस्लाम के विरोध को सहन करना मजहब विरोधी आचरण है तथा ऐसे विरोधियों की हत्या ही मजहब की सेवा है!! ऐसा वही कर सकते हैं,, जो पुरजोर तरीके से यह नारा लगाते हैं कि "गुस्ताख- ए - रसूल" की एक ही सजा,, सिर तन से जुदा,,!! इन दोनों हत्याओं की अभी तक हुई जांच के आधार पर प्रस्तुत आरोपपत्रों ने इस बात को सच साबित किया है*!!

👉 *समाचार के कुछ प्रमुख हेडिंग्स*✍️

👉 *दोनों जगह पहले राज्य पुलिस ने जांच आरंभ की, लेकिन इसमें कट्टर इस्लामी आंतकवाद की भूमिका सामने आने के साथ मामला एनआईए को सौंप दिया*!
👉  *जबकि दोनों मामलों में आरंभिक जांच में जितने तथ्य सामने आए, उससे अनुमान लग गया था कि यह कोई सामान्य मामले नहीं*!!
👉 *तबलीगी जमात एक  सुन्नी संगठन है,, लगभग   100  वर्ष पहले उसकी स्थापना भारत में ही हुई थी! इसका घोषित उद्देश्य मजहबी प्रचार और लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करना है*
👉 *उसकी कट्टरता को देखते हुए, सऊदी अरब ने 2 वर्ष पहले ही उसे प्रतिबंधित कर दिया बंद कर दिया*
👉 *इसलिए अब देश को विचार करना होगा!! इस स्थिति को खत्म कैसे किया जाए, अगर उनका खात्मा नहीं हुआ तो यह आगे बड़ी वारदातें करने से भी नहीं हिचकैगे*

👉 *स्वतंत्र पत्रकार की कलम से यदि मेरी लेखनी ✍️से किसी के दिल को ठेस लगे तो मैं हृदय से क्षमा चाहता हूं*🙏
   

29दिसंबर से 5 जनवरी तक प्रचंड ठंड का मौसम जौनपुर सहित संपूर्ण उत्तर भारत में रहेगा डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि निदेशक*

*29दिसंबर से 5 जनवरी तक प्रचंड ठंड का मौसम जौनपुर सहित संपूर्ण उत्तर भारत में रहेगा डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि निदेशक*

हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम और विज्ञान अनुसंधान केंद्र के विद्वानों के अनुसार शब्द से 30 दिसंबर तक तेज पछुआ हवाएं अत्यधिक गलन के साथ भयंकर कोहरा छाया रहेगा और 29 दिसंबर से जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश हरियाणा उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में घने बादलों के साथ वर्षा की प्रबल संभावना है जौनपुर जनपद में भी और आसपास के जिलों में 29 और 30 दिसंबर को घनघोर भयंकर कोहरा और शीतलहर चलने की संभावना है

30 दिसंबर और 31 दिसंबर को जौनपुर और आसपास भी हल्की बदली होगी और कहीं-कहीं घने बादल बिछाएंगे कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी संभव है और इसी के साथ मौसम साफ होते ही भयंकर शीत लहरी और प्रचंड ठंड पर से जोर पकड़ लेगी तापमान तेजी से गिरेगा और पाला भी पड़ेगा कहीं सहित तेज हवाए भी शीत को और बढ़ा देंगे इसी दौरान हवा में जहरीले तत्व पी एम और पीएम 2.5 एवं कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अत्यधिक बढ़ जाएगी और वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से लेकर 360 तक बना रहेगा पराबैंगनी किरणों का स्तर भी माध्यम से खतरनाक स्तर पर बना रहेगा और  वायु की गति 7 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा कैसा दिखता उत्तर उत्तर पश्चिम रहेगी

जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख कारगिल हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड नेपाल भूटान सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में महा भयंकर ठंड और हिमपात होगा और यहां का तापमान गिरकर -11 से -35 डिग्री तक पहुंच जाएगा जबकि पंजाब हरियाणा गुजरात के उत्तरी भागों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा शिलांग के आसपास के क्षेत्रों में भी भयंकर ठंड पड़ेगी और यहां अनेक क्षेत्रों में तापमान -5 डिग्री सेल्सियस या इससे भी नीचे चला जाएगा और यहां पर भी भयंकर शीतलहर का प्रकोप होगा कहीं-कहीं बर्फबारी भी हो सकती हैं और कहीं-कहीं हालात बहुत अधिक खराब हो सकते हैं

मध्य पूर्वी उत्तर प्रदेश संपूर्ण मध्य प्रदेश बिहार बंगाल उड़ीसा आंध्र के उत्तरी भागों महाराष्ट्र के उत्तरी पूर्वी भागों छत्तीसगढ़ झारखंड भयंकर ठंड शीतलहर के साथ-साथ तेज हवाएं और कोहरा के कारण तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से लेकर 0 तक पहुंच सकता है और यहां कहीं-कहीं भयानक कोहरा है 29 से लेकर 10 जनवरी के बीच छाया रहेगा स्थानों पर बूंदाबांदी हो सकती है जबकि दक्षिणी पठार तमिलनाडु केरल रहेगा यहां औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 35 डिग्री सेल्सियस रहेगा कर्नाटक और तेलंगाना में मौसम सुहाना रहेगा जबकि गोवा और दक्षिणी महाराष्ट्र उससे और आदर रहेगा लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार दीप समूह में वर्षा और गर्मी का मौसम रहेगा

जहां तक विश्व के मौसम की बात है तो इस दौरान कनाडा संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और मेक्सिको का उत्तरी भाग प्रचंड हिमपात और भयानक बर्फ के तूफानों के द्वारा पूरी तरह बर्फ से ढक जाएगा केवल मैक्सिको और पनामा में हल्की सी गर्मी रहेगी ग्रीनलैंड आइसलैंड पूरा यूरोप सोवियत रूस यूक्रेन मंगोलिया चीन जापान कोरिया तिब्बत तेज बर्फीली हवाओं बर्फ के तूफान और भयंकर बर्फबारी से प्रचंड शीतलहर की चपेट में रहेगा यहां पर तापमान माइनस 15 डिग्री सेल्सियस से लेकर माइनस 75 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा कहीं कहीं तो है माइनस 85डिग्री सेल्सियस या उसके भी नीचे चला जाएगा जबकि अरब का प्रायद्वीप भी प्रचंड ठंड से ग्रस्त रहेगा बाकी बची हुई दूरियां दक्षिण पूर्वी एशिया दक्षिण अमेरिका संपूर्ण अफ्रीका ऑस्ट्रेलिया में गर्मी का मौसम रहेगा न्यूजीलैंड में मौसम सुहावना होगा जबकि अंटार्कटिका था दक्षिणी ध्रुव महाद्वीप में भयंकर ठंड जारी रहेगी आने वाले दिनों में मौसम का यही हाल होगा डॉ दिलीप कुमार सिंह

शुक्रवार को होगा स्योहारा यूथ वेलफेयर सोसायटी का लिहाफ वितरण कार्यक्रम-अमीन अहमदस्योहारा।(डॉ उस्मान ज़ैदी)

शुक्रवार को होगा स्योहारा यूथ वेलफेयर सोसायटी का लिहाफ वितरण कार्यक्रम-अमीन अहमद
स्योहारा।(डॉ उस्मान ज़ैदी)
सभी धार्मिक और समाजिक कामो में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाली जानी मानी समाजिक संस्था स्योहारा यूथ वेलफेयर सोसायटी का लिहाफ वितरण कार्यक्रम कल यानी शुक्रवार 30 दिसम्बर को 3 बजे एमक्यू इंटर कालेज में आयोजित होने जा रहा है जिसकी जानकारी देते हुए संस्था के सरंक्षक अमीन अहमद ने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी ये लिहाफ वितरण कार्यक्रम संस्था के साथियो द्वारा अपने निजी खर्च से करने जा रहा है संस्था के इस पहले लिहाफ कार्यक्रम में नगर भर से 51 ज़रूरतमंदों को चिन्हित करके उन्हें लिहाफ देकर सर्दी में कुछ राहत देने का प्रयास किया जाएगा।
अमीन अहमद ने आगे बताया कि कार्यक्रम में थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव चौधरी, समाज सेवी डॉ मनोज वर्मा व अधिशासी अधिकारी एपी पांडे आदि मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
संस्था के अध्यक्ष तनवीर चोधरी व समस्त टीम ने कार्यक्रम में उपस्थित रहने की अपील की हैं।

Wednesday, 28 December 2022

ससुरालियों पति सहित पत्नी को गंभीर रूप से घायल किया!मुल्जिमान पुलिस की गिरफ्त से बाहर:सुमैया की हालत नाजुक!स्योहारा/सहसपुर (डॉ०उस्मान ज़ैदी)ऐसे दहेज लोभी समाज को कलंकित कर रहे हैं जिससे समाज में लगातार स्तर गिरता जा रहा है

ससुरालियों पति सहित पत्नी को गंभीर रूप से घायल किया!
मुल्जिमान पुलिस की गिरफ्त से बाहर:सुमैया की हालत नाजुक!
स्योहारा/सहसपुर (डॉ०उस्मान ज़ैदी)ऐसे दहेज लोभी समाज को कलंकित कर रहे हैं जिससे समाज में लगातार स्तर गिरता जा रहा है आखिरकार यह सिलसिले कब तक चलेंगे बहू/बेटियों को दहेज के नाम पर जलाया मारना पीटना तथा प्रताड़ित किया जा रहा है! आए दिन ऐसी घटनाओं  के समाचार प्रकाशित होते रहते हैं! दबंगों के हौसले बुलंद है ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है! लगभग 5 वर्ष पूर्व उस्मान अली निवासी सहसपुर ने अपनी बेटी सुमैया की शादी सुभान अली पुत्र शौकत अली के साथ दान दहेज बड़े अरमानों से विदा किया था! 
          
          दहेज लोभी समाज में गंदगी फैला रहे हैं! गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं! ससुरालिया दहेज की डिमांड पर डिमांड करते रहते हैं! जिंदगी को नर्क बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते! बहू/बेटियों को प्रताड़ित करते रहते हैं! सुमैया का विवाह लगभग 5 वर्ष पूर्व सुभान अली पुत्र शौकत अली निवासी सहसपुर के साथ हुआ था! शादी के बाद ही से ससुरालियों में अनबन शुरू कर दी और दहेज की डिमांड करते रहे! लड़की का बाप उस्मान अली उधार कर्जा करके ससुरालियों की डिमांड पूरी करता रहा! लेकिन हवस किसी कि कहां पूरी हुई है! किसी ना किसी बात को लेकर सुभान अली ने अपनी पत्नी को आए दिन बेदर्दी से मारता पीटता रहता था कई बार फैसला हुआ! और गणमान्य लोगों के द्वारा भिजवा दिया गया! किंतु इस बार तो हद ही हो गई सुभान अली ने अपनी पत्नी को 23, तारीख की मध्य रात्रि में पैसों को लेकर गाली गलोच लाठी-डंडों तथा नल के लोहे के पाइप अनगिनत प्रहार किए जिससे पीड़िता सुमैया के सर में 12 टांके आए हैं! उधर सुभान अली पुत्र शौकत अली सास अफरोज जहां अपनी बहू को बेदर्दी  गंभीर रूप से घायल के पश्चात भी देखने नहीं पहुंचे और लड़की के सगे संबंधियों से फैसला करने के लिए निरंतर दबाव बना रहे हैं! और धौस दे रहे हैं कि हमारा क्या बिगाड़ लोगे ऐसे प्रवृत्ति के लोग समाज के लिए कलंकित है!

  दो वर्ष का मासूम बच्चा बीच में आने से फैजुल का भी हाथ टूट गया अगर मोहल्ले वासी या रिश्तेदार बचाते नहीं तो ससुरालियों ने जान से मारने कि कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी! पीड़िता को आनन-फानन स्थानीय थाने में लाया गया थानाध्यक्ष राजीव चौधरी ने हालत गंभीर देखते हुए शीघ्र ही ससुरालियों सुभान पुत्र शौकत अली व अफरोज जहां पर कानूनी कार्यवाही का आश्वासन दिया और कांस्टेबल को साथ सरकारी अस्पताल में मेडिकल के लिए भेजा जहां सुमैया की गंभीर हालत देखते हुए डॉक्टरों ने तुरंत जिला अस्पताल रेफर कर दिया अभी सुमैया हालत नाजुक है 5 दिन बीत जाने के बाद भी मुलजिम पुलिस की गिरफ्त से बाहर है! और लड़की के रिश्तेदारों से फैसला करने को लेकर हर प्रकार के हथकंडे अजमा रहे हैं! आरोपियों के हौसले किस कदर बुलंद है! साफ देखने को मिल रहे हैं!

भ्रष्टाचार पर चोट....... आखिर कैसे*... ❓👉 *सशक्त अभियोजन जरूरी*👉 *सरकार भ्रष्टाचार के प्रकरण में जितनी गंभीरता से जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है,, उतनी ही प्रमुखता से अभियोजन तंत्र को भी सशक्त बनाना होगा*

भ्रष्टाचार पर चोट....... आखिर कैसे*... ❓

👉 *सशक्त अभियोजन जरूरी*
👉 *सरकार भ्रष्टाचार के प्रकरण में जितनी गंभीरता से जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है,, उतनी ही प्रमुखता से अभियोजन तंत्र को भी सशक्त बनाना होगा*

👉 *भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस  को प्रदेश सरकार अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में सम्मिलित बताती है !! दो मत नहीं कि इस दिशा में कई कदम भी उठाए गए हैं,, लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी हो जा रही हैं,, जो चिंताजनक है!! बरेली की एक पुलिस चौकी पर तैनात कर्मियों में रिश्वत की धनराशि बंटवारे को लेकर बेधड़क नोकझोंक हुई!! बात वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची एक सिपाही  और 2 दरोगा निलंबित हुए!! संत कबीर नगर जिले में एक अधिकारी सांसद निधि से कराए गए कार्य में अपना कमीशन इस दबंगई से मांगता सुना गया,, जैसे पैतृक संपत्ति पर दावा जता रहा हो!! ऑडियो वायरल होने पर इस अधिकारी का भी निलंबन हुआ!! इन घटनाओं के साथ स्वाभाविक प्रश्न उठता है कि सरकार की  सख्ती के बाद भी इस तरह के प्रकरण कैसे घटित हो रहे हैं!! ऐसा करने वालों के मन में कानून का भय क्यों नहीं पैदा हो रहा है!! कहीं ऐसा तो नहीं कि यह कानून के कटघरे तक पहुंचने से पहले ही येन केन  प्रकारेण स्वयं को मुक्त कराने में सफल हो जा रहे है!! इस आशंका को अस्वीकार नहीं किया जा सकता!! लखनऊ में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने ₹300 रिश्वत लेने के मामले में एक लिपिक को 1 साल के कारावास की सजा सुनाई है!! स्पष्ट है कि आरोपित को कानून के कठघरे तक पहुंचाने में पूरी प्रक्रिया सफल रही,, तभी उसके विरुद्ध सजा सुनाई गई,, लेकिन सभी प्रकरणों में ऐसा नहीं होता!! अधिकांश मामलों में पहले निलंबन की कार्रवाई होती है और फिर जांच,, उसके बाद विभागीय स्तर पर ही निर्दोष घोषित कर दिया जाता है!!  यदि प्रकरण न्यायालय तक पहुंचा तो साक्ष्य का अभाव और अभियोजन के स्तर पर कमजोरी आरोपितों को दोष मुक्त कराने में सहायक साबित होती है!! आशय यह है कि सरकार भ्रष्टाचार के प्रकरण में जितनी गंभीरता से जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है,, उतनी ही प्रमुखता से अभियोजन तंत्र को भी सशक्त बनाना होगा!! जितने अधिक प्रकरणों में सजा होगी,, उतना ही प्रभावी संदेश जाएगा!!  क्योंकि किसी भी बड़े से बड़े प्रकरण में केवल निलंबित कर देना या लाइन हाजिर कर देना,, की नीति अभी तक जनता के गले उतरने वाला कानून नहीं है*!!
👉 *क्या इस प्रकार से विभाग द्वारा निलंबन या लाइन हाजिर कर देना वास्तव में सजा का पटाक्षेप है*...❓

एक बार एक पंडित जी ने एक दुकानदार के पास पांच सौ रुपये रख दिए।

💐💐किसान की समझदार बेटी💐
एक गरीब किसान अपनी बेटी के साथ झोपड़ी में रहता था।

उसके पास खेती करने के लिए थोड़ी सी जमीन थी। फसल बेचकर थोड़े रुपए ही मिलते थे। उन से वे दो समय का खाना भी नहीं खा पाते थे। एक दिन वह राजा के पास अपनी समस्या लेकर गया। राजा बहुत दयालु था।

उसने किसान को खेती करने के लिए अपनी जमीन में से थोड़ी सी जमीन दे दी।

राजा ने कहा 'यह जमीन तो हमारी ही रहेगी, परन्तु इस पर उगने वाली फसल तुम्हारी होगी। किसान बहुत खुश हुआ और राजा को धन्यवाद देकर अपने गांव लौट आया।

एक दिन वह खेत की जुताई कर रहा था। तभी उसका हल एक कठोर चीज से जा टकराया। उसने खोदकर देखा तो उसे सोने की एक ओखली मिली। किसान बहुत ईमानदार था। उसने अपनी बेटी से कहा कि हमें यह ओखली राजा के खेत से मिली हैं, जिसकी जमीन है, उसी की यह ओखली भी है। इसलिए हमे यह ओखली राजा को लौटा देनी चाहिए।

लेकिन किसान की बेटी बोली कि नहीं, पिताजी आप ऐसा ना करें। आपको केवल ओखली ही मिली है, अगर राजा ने आपसे इसकी सोने की मूसली भी मांगी तो आप क्या करेंगे? इसीलिए आप इस ओखली को अपने ही पास रख लिजिए। परन्तु किसान को अपनी बेटी की यह बात अच्छी नहीं लगी।

वह राजा के पास ओखली लेकर जा पहुंचा। दरबार में वैसा ही हुआ, जैसा कि उसकी बेटी ने कहा था।

राजा ने सोचा कि किसान ने लालच में आकर मूसल अपने पास रख ली है। किसान, राजा को सोने की मूसल कहां से लाकर देता।

नतीजा यह हुआ कि किसान को जेल में डाल दिया गया। भोले किसान को ऐसी गलती की सजा मिली थी, जो उसने की ही नहीं थी। लेटे-लेटे वह दिन रात रोता रहता और यही कहता था कि काश मैंने अपनी बेटी की बात मान ली होती।

एक दिन राजा ने उसे यह कहते हुए सुन लिया। फिर उन्होंने किसान से पूछा कि आखिर वह ऐसा क्यों कह रहा है। किसान ने राजा को पूरी बात बताई। यह सुनकर राजा को अपनी गलती का अहसास हुआ और किसान को फौरन छोड़ दिया गया।

उसकी बेटी को राजा ने अपने दरबार में बुलाया। उससे बातें करने के बाद राजा को पता चल गया कि वह बहुत ही बुद्धिमान है। राजा ने उस को राज्य के खजाने का मंत्री बना दिया, उन्हें रहने के लिए घर और सारी सुख-सुविधाएं भी दी। इसके बाद से किसान और उसकी बेटी हमेशा सुख से रहें।

*अंत में जीत सदैव सच्चाई की ही होती है

सदैव प्रसन्न रहिये।
जो प्राप्त है, वहीं पर्याप्त है।।

🙏🙏🙏🙏

*इस तरह की धार्मिक कथाएं प्राप्त करने के लिए यह चैनल 💫💦  परमात्मा से सम्बन्ध  💫💦

*🕉️🌄🌅शुभ प्रभात🌅🌄🕉️*

एक बार एक पंडित जी ने एक दुकानदार के पास पांच सौ रुपये रख दिए।
उन्होंने सोचा कि जब मेरी बेटी की शादी होगी तो मैं ये पैसा ले लूंगा।
कुछ सालों के बाद जब बेटी सयानी हो गई,
तो पंडित जी उस दुकानदार के पास गए।

लेकिन दुकानदार ने नकार दिया और बोला- आपने कब मुझे पैसा दिया था?
बताइए! क्या मैंने कुछ लिखकर दिया है?

पंडित जी उस दुकानदार की इस हरकत से बहुत ही परेशान हो गए और बड़ी चिंता में डूब गए।
फिर कुछ दिनों के बाद पंडित जी को याद आया,
कि क्यों न राजा से इस बारे में शिकायत कर दूं।
ताकि वे कुछ फैसला कर देंगे और मेरा पैसा मेरी बेटी के विवाह के लिए मिल जाएगा।

फिर पंडित जी राजा के पास पहुंचे और अपनी फरियाद सुनाई।

राजा ने कहा- कल हमारी सवारी निकलेगी और तुम उस दुकानदार की दुकान के पास में ही खड़े रहना।

दूसरे दिन राजा की सवारी निकली।
सभी लोगों ने फूलमालाएं पहनाईं और किसी ने आरती उतारी।

पंडित जी उसी दुकान के पास खड़े थे।
जैसे ही राजा ने पंडित जी को देखा,
तो उसने उन्हें प्रणाम किया और कहा- गुरु जी! आप यहां कैसे?
आप तो हमारे गुरु हैं।
आइए! इस बग्घी में बैठ जाइए।

वो दुकानदार यह सब देख रहा था।
उसने भी आरती उतारी और राजा की सवारी आगे बढ़ गई।

थोड़ी दूर चलने के बाद राजा ने पंडित जी को बग्घी से नीचे उतार दिया और कहा- पंडित जी! हमने आपका काम कर दिया है।
अब आगे आपका भाग्य।

उधर वो दुकानदार यह सब देखकर हैरान था,
कि पंडित जी की तो राजा से बहुत ही अच्छी सांठ-गांठ है।
कहीं वे मेरा कबाड़ा ही न करा दें।
दुकानदार ने तत्काल अपने मुनीम को पंडित जी को ढूंढ़कर लाने को कहा।

पंडित जी एक पेड़ के नीचे बैठकर कुछ विचार-विमर्श कर रहे थे।
मुनीम जी बड़े ही आदर के साथ उन्हें अपने साथ ले आए।

दुकानदार ने आते ही पंडित जी को प्रणाम किया और बोला- पंडित जी! मैंने काफी मेहनत की और पुराने खातों को‌ देखा,
तो पाया कि खाते में आपका पांच सौ रुपया जमा है।
और पिछले दस सालों में ब्याज के बारह हजार रुपए भी हो गए हैं।
पंडित जी! आपकी बेटी भी तो मेरी बेटी जैसी ही है।
अत: एक हजार रुपये आप मेरी तरफ से ले जाइए,
और उसे बेटी की शादी में लगा दीजिए।

इस प्रकार उस दुकानदार ने पंडित जी को तेरह हजार पांच सौ रुपए देकर बड़े ही प्रेम के साथ विदा किया।

------ तात्पर्य ------
जब मात्र एक राजा के साथ सम्बन्ध होने भर से हमारी विपदा दूर जो जाती है, तो हम अगर इस दुनिया के राजा यानि कि परमात्मा से अपना सम्बन्ध जोड़ लें, तो हमें कोई भी समस्या, कठिनाई या फिर हमारे साथ किसी भी तरह के अन्याय का तो कोई प्रश्न ही नहीं उत्पन्न होगा।