*नोनी गठिया को ठीक करने में कैसे मदद कर सकता है...??*
100 से अधिक विभिन्न प्रकार के आमवाती रोग हैं जिन्हें अक्सर गठिया के रूप में गलत माना जाता है।
ऐसी बीमारियों की सूची में बर्साइटिस, टेंडिनाइटिस, सिस्टमिक ल्यूपस और संयोजी और कोमल ऊतक रोग शामिल हैं। चाहे कोई भी बीमारी से पीड़ित हो, पुराना दर्द अक्सर उसका साथी होता है।
सामान्य गठिया, जिसे ऑस्टियोआर्थराइटिस या अपक्षयी संयुक्त रोग कहा जाता है, शरीर के जोड़ों में पाया जाता है, सबसे आम क्षेत्र घुटने और उंगलियां हैं।
लगातार टूट-फूट से ये जोड़ सूज जाते हैं और दर्द करते हैं।
कार्टिलेज जो सामान्य रूप से जोड़ों को कुशन करता है, पतित हो जाता है, कच्चे जोड़ों को एक दूसरे के खिलाफ रगड़ने के लिए छोड़ देता है।
अक्सर एक व्यक्ति की स्थिति लगातार टूट-फूट के कारण उम्र के साथ बढ़ जाती है।
दूसरी ओर, रुमेटाइड गठिया किसी भी उम्र में हमला कर सकता है।
यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसके कारण शरीर शरीर के ऊतकों को नष्ट कर देता है जैसे कि वे विदेशी आक्रमणकारी हों।
रुमेटाइड गठिया के लक्षणों में हल्के से गंभीर जोड़ों की शिथिलता, बुखार, वजन कम होना, जकड़न, दर्द और ऊर्जा की हानि शामिल हैं। कई बार रुमेटीयड जोड़ के आसपास एक लाल, दर्दनाक गांठ होती है।
गठिया से जुड़े ऑटोइम्यून रोग के एक रूप में, सोजोग्रेन सिंड्रोम, आंखें और मुंह बहुत शुष्क हो सकते हैं क्योंकि लार ग्रंथियां भी प्रभावित होती हैं।
हाल के वर्षों में कुछ रोमांचक अध्ययन प्रकाशित किए गए हैं जो इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि गठिया का अधिक सुरक्षित रूप से मुकाबला कैसे किया जाए।
यह रोग शरीर में COX-2 एंजाइम नामक एंजाइम के अत्यधिक उत्पादन के कारण होता है।
वास्तव में शरीर में दो COX एंजाइम होते हैं। वे COX-1 और COX-2 हैं।
COX-1 को अच्छा COX एंजाइम कहा जाता है, जबकि COX-2 ने खराब एंजाइम के रूप में अप्रभावी नाम अर्जित किया है।
COX-1 आसानी से पहचाना जा सकता है और सेल फ़ंक्शन को विनियमित करने में महत्वपूर्ण है।
दूसरी ओर, COX-2, आमतौर पर अधिकांश ऊतकों में पता नहीं चलता है, लेकिन तीव्र सूजन के दौरान उच्च स्तर तक बढ़ जाता है।
COX-1 एंजाइम, या अच्छा एंजाइम, प्रोस्टाग्लैंडीन बनाता है जो पेट की परत और शरीर के अन्य भागों की रक्षा करता है।
COX-2 एंजाइम प्रोस्टाग्लैंडीन बनाता है जो जोड़ों, मांसपेशियों और अन्य क्षेत्रों में सूजन का कारण बनता है।
रक्त के थक्के जमने और पेट की सुरक्षा के लिए COX-1 आवश्यक है।
COX-2 सूजन, दर्द और बुखार में प्रमुख खिलाड़ी है। NSAIDs और अन्य गठिया की दवाएं दोनों एंजाइमों के शरीर के उत्पादन को काफी कम कर देती हैं, जिससे सूजन कम हो जाती है जबकि साथ ही पेट और उसके अस्तर को नुकसान होता है।
आदर्श स्थिति यह होगी कि एक ऐसा पदार्थ खोजा जाए जो केवल COX-2 को बाधित करे, लेकिन COX-1 को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित न करे। एक ऐसा पदार्थ है और वह है नोनी।
एक स्वतंत्र शोध सुविधा के शोधकर्ताओं ने पाया कि वास्तव में नोनी COX-2 का एक चयनात्मक अवरोधक था।
इसके अलावा, नोनी ने COX-1 एंजाइम को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया।
जब वैज्ञानिकों ने नोनी COX-2 के प्रिस्क्रिप्शन गठिया दवाओं के निषेध अनुपात की तुलना की, तो उन्होंने पाया कि नोनी ने नुस्खे वाली दवाओं के लिए "बहुत अनुकूल" की तुलना की।
फिर भी, नोनी ने उन नकारात्मक दुष्प्रभावों में से कोई भी प्रदर्शित नहीं किया, जिनके कारण डॉक्टर के पर्चे की दवाएं जानी जाती हैं।
इसके बाद, शोधकर्ताओं ने नोनी COX-2 निषेध अनुपात की तुलना NSAIDs के COX-2 निषेध अनुपात से की।
इस श्रेणी में, नोनी ने काउंटर दवाओं से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया।
और फिर, नोनी ने NSAIDs (नॉन स्टेरॉयड एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग्स) से जुड़े किसी भी नकारात्मक दुष्प्रभाव को प्रदर्शित नहीं किया।
ऐसे कई अन्य तरीके हैं जिनसे नोनी गठिया के अवांछित लक्षणों को कम कर सकता है।
दर्द गठिया के साथ नंबर एक शिकायत है।
फ्रांस में एक प्रयोगशाला ने एक अध्ययन किया जिसमें दिखाया गया था कि चूहों को मोरिंडा सिट्रिफोलिया का तरल रूप दिया गया था, जिससे गर्म प्लेट में प्रतिक्रिया समय में काफी वृद्धि हुई थी।
शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि इस प्रयोग ने नोनी के एनाल्जेसिक गुणों का प्रदर्शन किया।
इसके बाद, मोरिंडा सिट्रिफ़ोलिया में स्कोपोलेटिन भी पाया गया है, जिसमें विरोधी भड़काऊ और हिस्टामाइन-अवरोधक प्रभाव होते हैं, जो दोनों चिकनी संयुक्त आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्ट हैं।
अंत में, नोनी के सेलुलर बढ़ाने वाले गुण जोड़ों और अन्य शामिल ऊतकों को होने वाले नुकसान को भी कम कर सकते हैं।
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*अंत्रवृद्धि (हर्निया- आंत उतरना) क्या है.?*
● हर्निया पेट की दीवार की दुर्बलता से होता हैं।
● आम बोलचाल की भाषा में हर्निया पेट के किसी भी हिस्से में पैदा होने वाले उभार को कहा जाता हैं।
● इसे आंत उतारना भी कहा जाता हैं।
● व्यक्ति जब लेटता हैं तो यह उभार गायब हो जाता हैं।
● विशेषज्ञ बताते हैं के ये रोग ज़्यादातर पुरुषो को होता हैं।
*आइये जाने इस का उपचार*
हर्निया के दर्जनो प्रकार पाये जाते हैं, लेकिन छोटी आंत के कारण पैदा होने वाले हर्निया इस प्रकार हैं।
1. उदरगत
2. इंग्वाइनल
3. मलद्वारगत
4. पुराने शल्यक्रिया के घाव वाले स्थान पर (इंसीजनल)
5. नाभिगत (अमबलाइकल)
लक्षण।
*●पेट में दर्द होना●*
● यह दर्द निरंतर या कभी कभी हो सकता हैं।
● नाभि क्षेत्र का किसी भी प्रकार से फूलना अथवा उसमे उभार महसूस होना।
● पुरुषो के अंडकोष में हवा या पानी भरने जैसा महसूस होना। उल्लेखनीय हैं के ये लक्षण लेटने पर समाप्त हो जाते हैं।
कारण।
● समय से पूर्व पैदा होने वाले बच्चे में ये अधिक होते देखा गया हैं।
*●अन्य कारण●*
● वृद्धावस्था
● मोटापा
● लम्बे समय से खांसी से पीड़ित रहना
● लम्बे समय से कब्ज से पीड़ित रहना
● लगातार खड़े रहना जैसे सेल्समैन, अध्यापक, बस कंडक्टर, सुपरवाइजर जैसे कार्य करने वाले लोग।
● कुपोषण श्रमिक अथवा अधिक वजन उठाने से।
*●घरेलु उपचार●*
(1). त्रिफला –
रात को सोते समय गुनगुने पानी के साथ १ चम्मच त्रिफला चूर्ण ले कर सोये।
(2). अरण्ड का तेल –
अगर अंडकोष में वायु भरी हुयी प्रतीत हो तो एक कप दूध में २ चम्मच अरण्ड का तेल डालकर एक महीने तक पिलाये, इस से हर्निया सही होता हैं। और 1 से 10 मिलिग्राम अरण्डी के तेल में छोटी हरड़ का 1 से 5 ग्राम चूर्ण मिलाकर दे
(3). कॉफ़ी –
कॉफ़ी ज़्यादा पीने से भी इस रोग में बहुत लाभ मिलता हैं।
(4). नारायण तेल :
नारायण तेल से मालिश करना चाहिए। मात्रा 1 से 3 ग्राम दूध के साथ पीना चाहिए।
(5). मैगनेट बेल्ट –
मैगनेट का बेल्ट बाँधने से हार्निया में लाभ होता है।
(6). चुम्बकीय चिकित्सा से भी बहुत लाभ मिलता हैं। इसके लिए आप किसी चिकित्सक से परामर्श करे।
(7). नए रोग में कदम्ब के पत्ते पर घी लगाकर उसे आग पर हल्का सा सेक कर अंडकोष पर लपेट दे तथा लंगोट से बाँध ले।
(8). नियमित रूप से दस ग्राम अदरक का मुरब्बा सवेरे खाली पेट सेवन करने से हर्निया रोग ठीक होता हैं। एक से दो महीने सेवन करने से ही प्रयाप्त लाभ होJता हैं।
(9). नोनी का लगातार प्रयोग करना चाहिये।
●आयुर्वेदिक उपचार●
■ वृद्धिबाधिका वटी दो दो गोलिया दिन में दो बार ताज़ा पानी या बड़ी हरड़ के काढ़े के साथ ले।
● आयुर्वेद में इस औषिधि की बड़ी महिमा हैं, इसके नियमित सेवन से हर्निया तथा अंडकोष में वायु भरना, दर्द होना, पानी भरना इत्यादि लक्षण शांत होने लगते हैं।
● नए रोग की तो ये रामबाण दवा हैं।
● यदि इस औषधि के सेवन से किसी का जी मिचलता हो या बेचैनी होती हो तो निम्बू की शिकंजी या काला नमक मिलायी हुई छाछ के साथ औषिधि ग्रहण करवाये।
● इस औषिधि के तुरंत बाद गर्म तासीर वाले कोई भी आहार ना ले जैसे चाय कॉफ़ी गरमा गर्म दूध इत्यादि।
● अगर सेवन करना हो तो एक घंटे के बाद ही कुछ सेवन करे।
● यदि साथ में कब्ज रहता हो तो वृद्धिबाधिका वटी के साथ साथ आरोग्यवर्धनी वटी दो दो गोलिया दिन में दो बार अवश्य ही सेवन करे।
रखे ध्यान।
● शरीर का वजन नहीं बढ़ने दे।
● मोटापे पर लगाम रखे।
● क्षमता से अधिक वजन भूलकर भी ना उठाये।
● खांसी को बढ़ने नहीं दे तथा आयुर्वेदीय पथ्य का पालन करते हुए समय रहते ही इसका इलाज कराये।
● ऐसा ऑपरेशन चीरा लगा हो उसमे पर्याप्त आराम करे।
● अंडरवियर हमेशा टाइट अथवा लंगोट धारण करे।
हर्निया के बीमारो को कम खाना चाहिए।
● कब्ज़ न रहने दे।
● मल त्यागते समय मल बाहर निकालने के लिए ज़ोर नहीं लगाये।
*साथ में नोनी जूस जरूर पियें ताकि आंत एक जगह ठहर जाये।*
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*महिलाओं की हार्ट प्रोब्लम् (हृदय रोग)*
*संकेत व बचाव...*
मौजूदा वैश्विक आंकड़ों के अनुसार हर साल करीब 17.3 मिलियन लोगों की हृदय रोगों के कारण मृत्यु हो जाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इनमें से लगभग 8.6 मिलियन महिलाएं हैं।
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं अपना ज्यादातर समय प्रोफेशनल कैरियर संभालने में बिता देती हैं तथा अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाती हैं, जिसके कारण वह हृदय रोग का शिकार हो जाती हैं।
*हृदय रोग से कैसे बचें महिलाएं..*
*Prevention...*
हृदय रोग से बचने के लिए अपने स्वास्थ्य की नियमित जाँच करानी चाहिए। इससे किसी भी तरह की समस्या का शुरूआत में ही पता चल जाता है, हालांकि कुछ एहतियात बरतकर भी हृदय रोग से बचा जा सकता है।
*जो निम्नलिखित हैं...*
यदि आप धूम्रपान करती हैं तो तुरंत छोड़ दें क्योंकि इससे हाई ब्लड प्रेशर होने की संभावना होती है, जिससे आपको हार्ट अटैक हो सकता है।
अगर आप मोटी हैं तो शारीरिक गतिविधियों द्वारा अपने बढ़ते वजन को रोकने का प्रयास करें तथा खाने में केवल पौष्टिक भोजन ही खाएं।
खाने में पालक, गाजर, आड़ू और जामुन जैसे एंटीऑक्सीडेंट फलों और सब्जियों का प्रयोग करें।
*महिलाओं को अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर का खास ध्यान रखना चाहिए...*
जिन महिलाओं का कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है उनमें हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है।
*हृदय रोग के लक्षण* *Symptoms...*
हृदय रोग का पहला लक्षण यह है कि इसमें सीने के बीचो बीच दर्द उठता है तथा कुछ समय बाद बंद हो जाता है और उसके बाद फिर शुरू हो जाता है।
व्यक्ति को बेचैनी महसूस होती है, एक या दोनों हाथों में झनझनाहट और दर्द के अलावा पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट में दर्द होना भी हृदय रोग के लक्षण हैं।
सांस लेने में किसी भी प्रकार की तकलीफ होती है। इसके अलावा जी मिचलाना और सिर में लगातार हल्का दर्द रहना भी हृदय रोग का लक्षण है।
*समय रहते जांच आवश्यक..*
डॉक्टरों के अनुसार 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को अपना नियमित हेल्थ चेकअप अवश्य करवाना चाहिए।
मार्केट में कई कंपनियां हृदय रोग की जांच के लिए विशेष पैकेज उपलब्ध करवाती हैं।
: *सारी बीमारियाँ वात, पित्त और कफ के बिगड़ने से ही होती हैं..*
सबसे पहले आप हमेशा ये बात याद रखें कि शरीर मे सारी बीमारियाँ वात, पित्त और कफ के बिगड़ने से ही होती हैं !
*अब आप पूछेंगे ये वात-पित्त और कफ क्या होता है ???*
*बहुत ज्यादा गहराई मे जाने की जरूरत नहीं...*
*आप ऐसे समझे की सिर से लेकर छाती के बीच तक जितने रोग होते हैं वो सब कफ बिगड़ने के कारण होते हैं !*
*छाती के बीच से लेकर पेट और कमर के अंत तक जितने रोग होते हैं वो पित्त बिगड़ने के कारण होते हैं !*
*और कमर से लेकर घुटने और पैरों के अंत तक जितने रोग होते हैं वो सब वात बिगड़ने के कारण होते हैं !*
*हमारे हाथ की कलाई मे ये वात, पित्त और कफ की तीन नाड़ियाँ होती हैं !*
भारत मे ऐसे ऐसे नाड़ी विशेषज्ञ रहे हैं जो आपकी नाड़ी पकड़ कर ये बता दिया करते थे कि आपने एक सप्ताह पहले क्या खाया या एक दिन पहले क्या खाया या फिर दो पहले क्या खाया और नाड़ी पकड़ कर ही बता देते थे कि आपको क्या रोग है !
आजकल ऐसी बहुत ही कम मिलते हैं !
*शायद आपके मन मे सवाल आए ये वात, पित्त, कफ दिखने मे कैसे होते हैं ???*
*तो फिलहाल आप इतना जान लीजिये कि कफ और पित्त लगभग एक जैसे होते हैं !*
आम भाषा मे नाक से निकलने वाली बलगम को कफ कहते हैं !
कफ थोड़ा गाढ़ा और चिपचिपा होता है !
*मुंह मे से निकलने वाली बलगम को पित्त कहते हैं !*
ये कम चिपचिपा और द्रव्य जैसा होता है !!
*और शरीर से निकले वाली वायु को वात कहते हैं जो अदृश्य होती है !*
*कई बार पेट मे गैस बनने के कारण सिर दर्द होता है तो इसे आप कफ का रोग नहीं कहेंगे इसे पित्त का रोग कहेंगे !!*
*क्यूंकि पित्त बिगड़ने से गैस हो रही है और सिर दर्द हो रहा है !*
*ये ज्ञान बहुत गहरा है खैर आप इतना याद रखें कि इस वात, पित्त और कफ के संतुलन के बिगड़ने से ही सभी रोग आते हैं !*
और ये तीनों ही मनुष्य की आयु के साथ अलग अलग ढंग से बढ़ते हैं !
*बच्चे के पैदा होने से 14 वर्ष की आयु तक कफ के रोग ज्यादा होते है !*
बार बार खांसी, सर्दी, छींके आना आदि होगा !
*14 वर्ष से 60 साल तक पित्त के रोग सबसे ज्यादा होते हैं*
बार बार पेट दर्द करना, गैस बनना, खट्टी खट्टी डकारे आना आदि !!
*और उसके बाद बुढ़ापे मे वात के रोग सबसे ज्यादा होते हैं घुटने दुखना, जोड़ो का दर्द आदि।*
*सावधान बेहद पढ़ी लिखी महिलाओं...*
*जानिये, अपने प्यारे नवजात शिशुओं के लिए आपके फेवरिट जॉन्सन बेबी आयल का काला सच...*
*हमारे देश में बहुत सी माताएं बहनें अपने नवजात शिशुओ छोटे बच्चों की मालिश जॉन्सन बेबी तेल से करती है।*
सुदूर गाँव में रहने वाली बहनें एवं शहरी बेहद पढ़ी लिखी माताएं भी इस तेल के जाल में भ्रमित हैं।
*टी.वी. पर प्रचार की वजह से ये तेल लोगो के दिमाग में छा गया है।*
*अधिकांश पढ़े लिखे लोग भी ये विश्वास नहीं करेंगे कि इस जॉन्सन बेबी तेल में सिर्फ मिट्टी का तेल है।*
*जी हाँ "केरोसिन"- "घासलेट"*
*यकीन नहीं होता तो बोतल पर कम्पोजीशन पढ़िए अभी।*
*पढ़िए क्या लिखा है...*
*Mineral oil, Vitamin-E, बस और कुछ नहीं।*
दाम भी देखिये
दो सौ रुपये में दो सौ मिली लीटर यानी हजार रुपये लीटर।
माँ बहने इस तेल से मालिश करने में गर्व महसूस करती है
क्योंकि प्रचार के बल पर ब्रेन वाश कर दिया है विदेशी कम्पनी ने।
इसके प्रचार में टीवी पर गोरे मोटे बच्चे जो दिखाया जाता है।
*आँखे खोलो देशवासियों...*
पोषण वनस्पति तेल की मालिश से मिलता है।
मिनरल आयल खनिज तेल जमीन के नीचे से निकले तेल से नहीं।
खनिज तेल (Mineral oil) का मतलब होता है पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल।
*जॉन्सन बेबी तेल बनता कैसे है..?*
मिटटी तेल या केरोसिन (kerosine oil) की गंध हटा कर उसमे खुसबू मिलायी जाती है एवं अलग से नाममात्र का विटामिन "इ" मिलाया जाता है।
इसके बाद बोतल में भरकर बाजार में बेचा जाता है।
इस विदेशी कम्पनी द्वारा हिन्दुस्तानियों की गाढ़ी कमाई लूटकर विदेश ले जाती है जॉन्सन।
वनस्पति तेल में प्राकृतिक रूप में विटामिन-इ रहता है।
प्रति ग्राम वनस्पति तेल से नौ कैलोरी (9 calories) उर्जा मिलती है, पोषण मिलता है।
वनस्पति तेल का मतलब होता है जो पेड़ पौधों से मिलता है
जैसे सरसों, नारियल, मूंगफली, सूरजमुखी, अंडी, महुआ, तिल तेल, अलसी तेल, निम् तेल, जैतून तेल आदि।
इन तेलों की मालिश से शरीर को पोषण मिलता है और थोड़ी चिपचिपाहट रहती है।
तो मालिश के बाद गीले कपडे से या सूखे कपडे से बदन पोछ दे, चिपचिपाहट गायब हो जाएगी।
जॉन्सन तेल या मिटटी का तेल घासलेट मालिश करते करते उड़ जाता है यानि नो चिपचिप और माताएं खुश।
पर ये नहीं पता की पोषण बच्चे को तो मिला ही नहीं।
वनस्पति तेल की कीमत नब्बे, सौ, डेढ़ सौ या दो सौ रुपये लीटर और जॉन्सन मिट्टी का तेल (johnson kerosine oil) हजार रुपये लीटर।
अब सब कुछ जानकर भी अनजान बने रहना है तो आपकी मर्जी..!
अन्यथा प्रचार के मकडजाल से बाहर आइये,
जॉन्सन तेल को बाहर का रास्ता दिखाइये नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ की एक अपील खुद जाने और औरो को भी बताएं ।
ऐसे कई और षड्यंत्रों को समझने के लिये श्री राजीव दीक्षित जी के व्याख्यान सुनें....
गूगल पर आसानी से मिल जायेंगे।
*आहार क्या होता है.?*
*शरीर और भोजन...*
*शरीर और भोजन का गहरा सम्बंध होता है।*
हर व्यक्ति को सादा और विटामिन युक्त भोजन करना चाहिए।
ऐसा भोजन शरीर की सभी धातुओं को लाभ पंहुचाता है।
*व्यक्ति को भोजन हमेशा भूख से थोड़ा कम ही करना चाहिए।*
कम भोजन करना स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होता है।
भोजन उतना ही करना चाहिए जितना कि आसानी से पचाया जा सके।
शुद्ध व प्राकृतिक भोजन शरीर का पोषण करने वाला, जल्द ही शक्ति देने वाला, शांति देने वाला, साहस, मानसिक शक्ति और पाचनशक्ति को बढ़ाने वाला होता है।
*भोजन से ही शरीर में सप्त धातुएं बनती हैं।*
*आयुर्वेदाचार्य महर्षि चरक ने भी लिखा है कि `देहो आहारसंभव:´ अर्थात शरीर भोजन से ही बनता है।*
*`उपनिषद´ में भी कहा गया है।*
*`आहार शुद्धौ सत्वाशुद्धि: सत्व-शुद्धौ।*
*ध्रुवा स्मृति:, स्मृतिलम्भे सर्वग्रंथीनां विप्रमोक्षा:,*
अर्थात शुद्ध भोजन करने से सत्व की शुद्धि होती है।
सत्वशुद्धी से बुद्धि शुद्ध और निश्रयी बन जाती।
फिर पवित्र एवं निश्रयी बुद्धि से मुक्ति भी सुगमता से प्राप्त होती है।
ज्यादा भारी भोजन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
अच्छी तरह भूख लगने पर ही भोजन करना चाहिए।
इससे अच्छा लाभ मिलता है।
*भोजन हमेशा शांतिपूर्वक करना चाहिए।*
अपने भोजन और भोजन करने की आदत को सुधारकर मनुष्य सभी रोगों से दूर रह सकता है।
इसीलिए कहा गया है भोजन ही दवा है।
अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन के लिए आवश्यक भोजन करना चाहिए।
हम जैसा भोजन करते हैं वैसा ही हमारे शरीर पर प्रभाव पड़ता है।
*जानकारी-*
व्यक्ति जिस देश में और जिस मौसम में रहता है।
उसे वहां के फल और सब्जियों का भरपूर सेवन करना चाहिए क्योंकि प्रकृति ने उन्हें मौसम और जगह के हिसाब से उत्पन्न किया है।
*भोजन के द्वारा हमारे शरीर को पंचतत्वों की प्राप्ति होती है-*
*आकाशतत्व,*
मिताहर द्वारा
*वायुतत्व,*
साग सब्जियों द्धारा
*अग्नितत्व,*
फलों द्वारा
*जलतत्व,*
सब्जियों
*एवं अन्न कण द्वारा पृथ्वीतत्व।*
*गीता में तीन प्रकार के आहार बताए हैं...*
*सात्विक, राजसी, तामसी।*
*सात्विक आहार-*
सात्विक भोजन आयु, बुद्धि, बल, आरोग्य प्रेम को बढ़ाने वाला और मन को भाने वाले होता है।
*राजसी आहार-*
राजसी भोजन कड़वा, खट्टा, नमकीन, बहुत गर्म, तीखा, दाहकारक तथा चिन्ता और रोगों को उत्पन्न करने वाला होता है।
*तामसी आहार-*
तामसी भोजन अधपका, रसरहित, दुर्गन्ध, बासी और अपवित्र होता है।
आगे आपकी मर्जी, जैसा चाहें, जो चाहें, उसे खायें।
: *मोटापा नाशक*
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*प्रोडक्ट कोड 2/10/F2F*
*हो जाइये स्लिम, ट्रिम एंड ब्यूटीफुल या हैंडसम...*
*एक जबरदस्त ऑफर के साथ...*
*100% नेचुरल*
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*अब नया इम्प्रूव्ड..*
*फ्लैब टू फैब चूर्ण*
*FLAB to FAB churna*
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सौ बीमारियों की जड़ होती है मोटापा और उसके ऊपर लॉक डाउन जैसे हालात, इम्युनिटी तो वैसे भी कमजोर होना शुरू हो जाती है।
*कुछ बेबाक प्रश्न?*
*उत्तर स्वयं को दीजिये..*
(1). क्या आप सुंदर होने के बावजूद भी परेशान हैं.?
(2). क्या ढेर सारा खर्च करने के बावजूद परेशान हैं..?
*तो पेश है आपके लिए...*
*एकदम नेचुरल*
*वेट लॉस और इंच लॉस के लिए अद्भुत..*
*न्यूली इम्प्रूव्ड*
*फ्लैब टू फैब चूर्ण*
*Not Fat 2 Fitness*
*But newly improved*
*FLAB to FAB*
*Flabbiness to Fabulous*
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*पहले समझिये कि...*
*मोटापा क्या बला होती है.?*
● मोटापा आपके शरीर में जमा हुए विषैले तत्व या टॉक्सिन्स होते हैं।
● जिसका शरीर से निकास नही हो पाता, चाहे वो बाहर का नान वेज हो या फास्ट फूड।
● ऐसे केमिकल से भरपूर भोजन को गलने मे 48 से 72 घटे लगते है।
● पर हम उसके उपर भी कुछ ना कुछ खाते रहते है। क्यों है न.?
● और ये गन्ध या टॉक्सिन्स शरीर में ही जमा होता रहता है और रिज़ल्ट या परिणाम स्वरूप वजन बढता ही चला जाता है।
*साथ ही वजन बढने के कुछ और भी कारण कारण हो सकते हैं जैसे...*
(1). शादी के बाद,
(2). बच्चा होने के बाद,
(3) किसी बीमारी के कारण,
(4). किसी गलत दवा के कारण,
(5). बैठने का काम करने की वजह से।
ऐसे ढेर सारे कारण है वजन बढ़ने के।
काफी लोग मार्केट में आ रही कई प्रकार की दवायें भी इस्तेमाल करते हैं जो ठीक नही होते है।
क्योंकि उस मे स्टेरॉयड्स भी हो सकता है जो आपका वजन तो कम कर देती है पर उसके साइड इफेक्ट बाद मे ही पता चलते हैं...
कुछ लोगों को वजन कम करने की ज्यादा जल्दी होती है, जो सही नही है।
*कारण...*
जो चीज काफ़ी मतलब चर्बी सालों से हमारे शरीर में पनप रही है उसको निकलने के लिए हमें थोड़ा समय तो देना चाहिये.?
*तो फिर... क्या करे.?*
हम आप के लिए लाये हैं बिल्कुल कुदरती तरीके से बनाया हुआ, चर्बी घटाने का एकदम कुदरती चूर्ण,
जिस से आपका वजन और आपकी चर्बी आराम से अपने आप कम हो जाएगा।
*इंग्रेडिएंट्स / घटक...*
*(1). सौंफ*
*(2). सनाया*
*(3). छोटी हरड़*
*(4). फूल गुलाब*
*(5). करी पत्ता*
*(6). अलसी*
*(7). जीरा*
*(8). देसी अजवाइन*
ये एकदम नेचुरल बिना किसी साइड इफेक्ट के घर की किचन में उपलब्ध वस्तुओं से बनाया हुआ है।
इस का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है मतलब कोई भी नुकसान नही है।
अब तक बहुत से लोगों का वजन कम किया है इस चूर्ण से।
*मात्रा*
सुबह, दोपहर
ब्रेकफास्ट, लंच से आधा घण्टे पहले और डिनर से आधा घंटे बाद, सलाह के अनुसार एक चम्मच एक गिलास गरम पानी के साथ।
*पूरा कोर्स 4 महीनें का*
*~कीमत ₹4400/~* *लेकिन अब ऑफर की कीमत सिर्फ ₹2500/-*
*कोरियर सेवा मुफ्त*
पेट्रोल और डीज़ल की कीमत बढ़ने से जड़ी बूटियों की कीमत बढ़ने से फैट-2-फिटनेस की भी कीमत बढ़ सकती है।
: *घर का डॉक्टर,*
*घर की चीजों से बना...*
•••••••••••••••••••
*कायाकल्प चूर्ण*
•••••••••••••••••••
*निरोगी, स्वस्थ, सुखमय एवं सुरक्षित जीवन के लिए अपनाइये...*
*प्रोडक्ट कोड 1/10/KK*
*🤗काया कल्प चूर्ण🤗*
*_"हर उम्र के लिए"_*
*लेकिन क्यों..?*
*30 पार करते करते हवा, पानी और भोजन का प्रदूषण हमारे शरीर की इम्युनिटी को कमजोर करना शुरू कर देता है..*
*विशेषतः आज आज के माहौल की वजह से पूरी दुनियां एक अनजाने भय के बीच मे जी रही है।*
*पूरा विश्व एक ही बात पर जोर दे रहा है कि अपनी इम्युनिटी बढ़ाइये या अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाइये।*
*अभी तक कोई भी वैक्सीन नहीं बन पाई है लेकिन भारत एक प्राकृतिक धन संपदा सम्पन्न देश है जहां पर हर रोग का प्राकृतिक निदान पहले से ही हो रखा है।*
*अगर आप प्राकृतिक आपदा या कहर से बचना चाहते हैं तो घबराने की कोई बात नहीं, हमारा अद्भुत जादुई काया कल्प चूर्ण पर्याप्त है क्योंकि...*
*_स्वस्थ रहना सबकी मूलभूत आवश्यकता है_*
*अगर आप डाक्टरों के चक्कर लगा लगा के परेशान हो चुके हैं तो एक बार ज़रूर पढ़ें फिर आजमा के देखें, आप मायूस नही होंगे..*
*जानिये ऐसा क्यूं होता है..?*
*हमारा शरीर, पंचतत्व...*
*✅ भूमि,*
*✅ गगन,*
*✅ वायु,*
*✅ अग्नि एवं*
*✅ जल के* *सामंजस्य एवं योग से निर्मित होकर काया कल्प चूर्ण शरीर के वात, पित्त और कफ को बैलेंस करके स्वास्थ्य को नियंत्रित करता है।*
*घरल या घराट पद्धति से निर्मित चूर्ण, वो करिश्मा है जिसे आज नहीं तो कल लेना ही होगा, कारण एलोपैथी के साइड इफेक्ट। क्योंकि ये हमारी जरूरत भी है और समय की पुकार भी है।*
*😢काया कल्प चूर्ण😊*
*हज़ारों वर्ष पुराना नुस्खा आपकी जिंदगी की खुशियां दुबारा पा सकते हैं.!*
*लाख दवा की एक दवा,*
*थोड़ा जल्दी असर करने वाली,*
*हर मुश्किल का हमसफ़र,*
*जीवन वर्धक, रोग हर्ता, विघ्न विनाशक चमत्कारिक...*
*😢कायाकल्प चूर्ण😊*
*काया कल्प चूर्ण लेने से क्या होगा..??*
*रात को सोते समय एक छोटी चम्मच (सिर्फ 5 ग्राम) काया कल्प चूर्ण, हल्के गर्म पानी के साथ लेना है।*
*ये चूर्ण 10 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी ले सकता है।*
*रोज़ाना लेने से शरीर के कोने कोने में लगातार जम रही गंदगी और कचरा, मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी।*
*पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा।*
*हर प्रकार का ब्लोकेज खुल जायेगा।*
*चमड़ी की झुर्रियां अपने आप दूर हो जाएगी।*
*शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा।*
*अनिवार्य...*
*दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पीना है।*
*"काया कल्प चूर्ण के अद्भुत फायदे..."*
*1. गठिया तो दूर होगा ही साथ मे गठिया जैसे जिद्दी रोग भी दूर हो जाएंगे।*
*2. हड्डियां मजबूत होगी।*
*3. आंखों की रोशनी बढ़ेगी।*
*4. बालों का विकास होगा।*
*5. पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति मिलेगी।*
*6. शरीर में खून जवानों की तरह दौड़ने लगेगा।*
*7. कफ से मुक्ति मिलेगी।*
*8. हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी।*
*9. थकान जरा सी भी नहीं रहेगी, घोड़े की तरह दौड़ने लग जाएगें।*
*10. स्मरण शक्ति बढ़ेगी।*
*11. स्त्री का शरीर, शादी और बच्चों के बाद हुआ बेडोल की जगह स्लिम, ट्रिम और सुंदर बनेगा।*
*12. कानों का बहरापन दूर होगा।*
*13. पहले ली हुई एलोपैथी दवाओं के साईड इफेक्ट्स से मुक्त हो जायेंगें।*
*14. खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी।*
*15. शरीर की सभी खून की नलिकायें शुद्ध हो जाएगी।*
*16. दांत मजबूत बनेगें और इनेमल जींवत रहेगा।*
*17. नपुसंकता जड़ से दूर होगी।*
*18. डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है।*
*जरूरी जानकारी..*
*कायाकल्प चूर्ण का असर 30-40 दिन तक लेने के बाद दिखने लगेगा।*
*आपका जीवन... निरोग, आनंददायक, चिंता रहित, स्फूर्ति दायक और आयुष्यवर्धक बनेगा।*
*जीवन जीने योग्य बनेगा क्योंकि बुढ़ापा, बुढ़ापे की समस्याएं और टेंशन से दूर रहेगा।*
*पूरा कोर्स 3 महीने का*
*मात्रा 450 ग्राम*
*सेवा शुल्क ₹1500/-*
*ट्रायल पैक एक महीनें के लिए भी उपलब्ध है..*
*मात्रा 150 ग्राम*
*सेवा शुल्क ₹600/-*
*कोरियर सेवा मुफ्त और साथ में आजीवन निःशुल्क स्वास्थ्य सलाह।*
*पेट्रोल और डीज़ल के रेट बढ़ने से जड़ी बूटियों की कीमतें आसमान छू चुकी हैं और इन्हीं कारणों से इलाज़ महंगे होते जा रहे हैं।*
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