Thursday, 31 August 2023

भाई साहब,भारत ने चांद पर चंद्रयान को उतार कर नया इतिहास रच दिया,दिल खुश हो गया,पर हम जैसे गंजे लोगों की मुश्किलें बहुत बढ़ गई है,पहले करवा चौथ,और आखरी रमज़ान पर छत पर जाने में डर लगता था,कहीं कोई बहन मेरा गंजा सिर देखकर,उनको गलतफहमी न हो जाए की चांद निकल आया और वे अपना करवा चौथ व्रत समय से पहले खोल न ले,या लोग मेरी खोपड़ी को चांद न समझ ले और लोग ईद के चांद की मुबारकबाद देना शुरू न कर दे,

*जो बीत गया है,अब वो दौर* 
            *न आएगा ।* 
           *सिर पर चांद* 
           *निकल आया है,* 
 *अब कंघा काम न आएगा।*

 भाई साहब,भारत ने चांद पर चंद्रयान को उतार कर नया इतिहास रच दिया,दिल खुश हो गया,पर हम जैसे गंजे लोगों की मुश्किलें बहुत बढ़ गई है,पहले करवा चौथ,और आखरी रमज़ान पर छत पर जाने में डर लगता था,कहीं कोई बहन मेरा गंजा सिर देखकर,उनको गलतफहमी न हो जाए की चांद निकल आया और वे अपना करवा चौथ व्रत समय से पहले खोल न ले,या लोग मेरी खोपड़ी को चांद न समझ ले और लोग ईद के चांद की मुबारकबाद देना शुरू न कर दे,भाई साहब बहुत डर लगता है, ऐसे मौकों पर मेरे घर वालों ने मुझे हिदायत दे रखी है,चाहे कुछ भी हो जाए रात के समय,इन दिनों छत पर जाना तुम्हारे लिए वर्जित है,मोहल्ले के बच्चे मुझे चांद मामू, चांद मामू कहकर पुकारते हैं,चलो मैं भी सोचता था,प्यार से मुझे मामा कह रहे हैं,जब हमारे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को सभी महिलाएं एवं बच्चे मामा - मामा कह कर पुकारते हैं, तो यह बच्चे मुझे चांद मामू कहते हैं,तो मुझे गर्व महसूस होता था,चलो मुझे भी मुख्यमंत्री की तरह बच्चे मामा या मामू तो कहते हैं,पर एक दिन टेंशन बहुत ज्यादा बढ़ गया,चंद्रयान का बच्चों पर नया-नया जोश है,यही मेरे लिए आफत का सबब बन गया,मैं सुकून से अपने आंगन में बैठा था,मोबाइल पर व्हाट्सएप - व्हाट्सएप खेल रहा था,अचानक मेरी खोपड़ी पर एक मक्खी आकर बैठ गई,मोहल्ले का एक नटखट बच्चा,मुझे बहुत देर से घूर रहा था,जैसे ही मक्खी मेरे सिर पर बैठी,बच्चा ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगा चांद पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग हो गई,बच्चे की आवाज़ सुनकर मोहल्ले के दस बीस बच्चे और इकट्ठा हो गए, भाई साहब बच्चों ने तो अब मेरी खोपड़ी का खेल बना लिया है, पूरे मोहल्ले के बच्चे छुप-छुप कर मेरी खोपड़ी को घूरते रहते हैं, जैसे ही कोई मक्खी, मेरी खोपड़ी पर बैठ जाएं, तो बच्चे झाड़ियों से चीखते हुए निकलते है,चंद्रयान चांद पर लैंड हो गया है,बच्चों के हाथों में कागज के छोटे-छोटे तिरंगे जिसमें ऑलपिन लगा हुआ मेरी तरफ दौड़ते हैं,और मेरी खोपड़ी पर ऑलपिन लगे हुए झंडे को लगाने की कोशिश करते हैं,भाई साहब,मैं इतना डरा हुआ हूं,सोच रहा हूं,अब नकली बालों का विग बनवा लूं,
 यह तो बात हुई बच्चों की,अब मैं आपको गंजेपन का फायदा भी बता दूं,भाई साहब जब मुंह धोता हूं,पता ही नहीं चल पाता चेहरा कहां तक है,मुंह धोने के चक्कर में आधा सिर भी धो लेता हूं,नहाने की छुट्टी हो जाती है।
एक वो ज़माना था,जब सिर पर जुल्फें लहराती थी,हम भी अपने आप को किसी नायक से कम नहीं समझते थे,अपना अब वो दौर आ गया है,नायक तो छोड़िए, अब खलनायक के लायक भी नहीं बचे हैं, अब अपना चेहरा शीशे में देखते हैं तो शीशे में से आवाज़ आती है चांद मामू शीशे के सामने से हट जाओ,शीशा तुम्हारे लिए नहीं बना है,जब बाल धीरे-धीरे झड़ रहे थे,जवानी में भी लड़कियां अंकल कह कर पुकारती थी,भाई साहब अब तो लोग दादाजी कहकर पुकारने लगे हैं,आपको विश्वास नहीं होगा,मेरी आयु सलमान खान,आमिर खान शाहरुख खान के बराबर है, लड़कियां इन को डार्लिंग कह कर  बुलाती है,और हम बदनसीब जिन्हें लड़कियां दादाजी कहती है। 
यह व्यंग्य मैंने अपने ऊपर लिखा है,कोई गंजा इसको अन्यथा न ले, दूसरों पर व्यंग करना आसान है, सोचा आज खुद के ऊपर व्यंग कर के देखूं,जब हम दूसरों पर व्यंग करते हैं,आपने कभी सोचा है,उसके दिल पर कितनी बड़ी चोट लगती है,बहुत सारे सेलिब्रिटी है,जो दूसरों का मज़ाक उड़ा कर,पैसे कमाते हैं,ऐश की जिंदगी जीते हैं,
यह मेरा प्रयास है,हो सकता है आपको यह मेरा प्रयास पसंद आए ।
धन्यवाद
🙏🙏🙏🙏
 *मोहम्मद जावेद खान* 
 *संपादक* 
 *भोपाल मेट्रो न्यूज* 
  9009626191
  30/8/2023

Wednesday, 30 August 2023

अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खान अपनी भारतीय बहन से रक्षाबंधन के त्योहार पर राखी बंधवाते हुए। *यही है भारतीयों की अनेकता में एकता का संदेश*

अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खान अपनी भारतीय बहन से रक्षाबंधन के त्योहार पर राखी बंधवाते हुए। *
यही है भारतीयों की अनेकता में एकता का संदेश*

Monday, 28 August 2023

उम्र से क्या अंदाजा लगाना इंसान की समझदारी का*,!------*हकीकत तो हरकत बताएगी ठोकरों का तजुर्बा कैसा है*!

*सम्पादकीय*
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*उम्र से क्या अंदाजा लगाना इंसान की समझदारी का*,!------
*हकीकत तो हरकत बताएगी ठोकरों का तजुर्बा कैसा है*!!
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ज़िन्दगी की राहों में रंजोगम के मेले है!आज भी अकेला हूं कल भी अकेले थे! यह लाईन जीवन की प्रासंगिकता को प्रदर्शित करती है। इन्सान हर वक्त तन्हा है! उसका उद्भव भी तन्हाई के वातावरण से ही प्रस्फुटित हुआ है!वक्त का खेल है साहब कदम कदम पर ठोकरों के बाद भी शिकायतों का दौर जारी रहता! एक दुसरे को नीचा दिखाने की आदत से शुमार आदमी दुसरे के सुख को देखकर बीमार हो जाता है। कितनी शिद्दत से मुद्दत बाद मानव जीवन मिला लेकिन इस जीवन के अनमोल लम्हों को सत्कर्म के बजाय मतलबी इन्सान व्यर्थ अनर्थ के राह पर चलकर गंवा देता है।इतिहास गवाह है तमाम बलशाली इस धरती को खाली कर गये! जिनके गुर्राहट से थर्रआहट मच उठती थी!जिनकी तलवार की चमक से आसमान धमक उठता था! आज वो राजमहल विरान हैं! जिनके कदमों की आहट से अकुलाहट बढ़ जाती थी! जिनके गौरव की शौर्य पताका गगन भेदी अट्टहास करती थी! जिनके बाजुओं में हाथियों का बल था! जिनके भुजाओं में वह कौशल था की दुश्मन पल भर में धाराशाई  हो जाते थे!आज इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह गये है!धरती वही है! गगन वहीं है!दिशाएं वहीं है! मगर हालात इस कदर बदल गये की अब हर तरफ विरानी का पहरा है! न कहीं वह कौतूहल है! न कहीं वह दरबार है! न वह राजसी महल है!सब कुछ समय के गर्त में समा गया। साहब
यह तो आनी जानी दुनियां है! प्रारब्ध से उपलब्ध उम्र को इस नश्वर संसार में निर्धारित अवधि तक गुज़राना है। यह तो अपने कर्म पर निर्भर करता है कौन कितना समाज में अपनी पहचान बना पाता है।वक्त बदलता है यह तो हर किसी को पता है! मौत निश्चित है यह भी सार्वभौम सत्य है! इस जहां से कुछ भी साथ नहीं जायेगा यह भी अकाट्य सत्य है !फिर भी जब तक इस लोक में स्वयं के निहितार्थ स्वार्थ की बस्ती में समय गुजारना है तब तक भाग्य की जमीन पर कर्म की उपयोगी खेती कर पारलौकिकता के बाजार में प्रारब्ध के तराजू पर वजन कायम कर पारितोषिक प्राप्त करना ही पड़ता है!यह एक निश्चित तय सुदा प्रकृति का निर्धारित नियम है! इससे कोई नहीं बच सका है!मगर‌ मतलबी मानव इससे इतर हटकर द्वेश के दरख्तों के तरह सामाजिक धरातल पर काटे बोने से बाज नहीं आता!विश्वास की धरती पर जब गद्दारी का विषाक्त पानी तेजाबी बाणी का वर्षांत बनकर बह निकलता है उस समय 
अनर्थ का एहसास हो ही जाता है!भरोशा की मेढ़ टूट ही जाती है! नदी और मनमुटाव का उद्गम बहुत छोटा होता है मगर जैसे जैसे आगे बढ़ते हैं बिशाल रूप धारण कर लेते हैं। ऐसे में मनुष्य की सहनशीलता और सम्वेदन शीलता उसकी मानसिक शक्ति व बौद्धिक सामर्थ्य के सर्वोच्च स्तर को प्रतिबिंबित करती है।ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है यह दुःख और सुख का मेल है दुःख आए तो टूटना मत सुख आए तो उड़ना मत, ठहराव में रहना ही असली ‌‌जीवन है।इन्सान सौ सुख पाकर भी सुखी नही हो पाता है पर एक ग़म का दुःख हमेशा मानता है! तभी तो ऐसी करामात करती है कुदरत लाश तो तैर जाती है पानी में पर जिन्दा आदमी डूब जाता है। चन्द पल भी अपना नहीं फिर घमंड इतना की सारा जहां हमारा! अकड़ जलन इन शब्दों में कोई मात्रा नहीं होती लेकिन एक अलग अलग मात्रा में हर ब्यक्ति में पाई जाती है। उम्र को देखकर अन्दाज़ किसी का भी नहीं लगाया जा सकता जब बाणी मुख से प्रस्फुटित होती है तब संयम सद विचार अहंकार का पता चलता है। कुछ भी अपना नहीं है मुगालते से बाहर निकलिए। इन्सानियत के राह का अनुगामी बने साथ कुछ नहीं जायेगा! हमेशा याद रखें ज़िन्दगी में दो ब्यक्ति जीवन को नई दिशा दे जाते हैं! एक वह जो मौका देता है! दुसरा वह जो धोखा देता है।
🙏🙏 🕉️🙏🙏

Sunday, 27 August 2023

एनडीए 2024 में हैट्रिक लगाने जा रही है**इंडिया गठबंधन में शामिल हुए दल लंबे समय तक सत्ता से सरकार से दूर रहने के कारण हतास व निराशा है*

*एनडीए 2024 में हैट्रिक लगाने जा रही है*

*इंडिया गठबंधन में शामिल हुए दल लंबे समय तक सत्ता से सरकार से दूर रहने के कारण हतास व निराशा है*

*2024 के चुनाव के पहले ओमप्रकाश राजभर की एंट्री पर केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा की राजभर जी एनडीए के साथी रहे थे और वो फिर से वापस अपने घर मे आ गए और उनकी और उनके पार्टी की अलग ताकत है उनके आने से एनडीए और मजबूत हुआ है,वही अपना दल व भाजपा के गठबंधन पर केंद्रीय मंत्री ने बोला कि हम 2014 से 4 चुनाव लड़ चुके है,उत्तर प्रदेश की जनता ने भाजपा व अपना दल को अपना भरपूर प्रेम दे रही है,फिलहाल और 2024 के चुनाव में अभी हमारा सीटो का बंटवारा नही हूआ है उचित समय आने पर सीटो के बंटवारे पर भी बात हो जाएगी,वही इंडिया गठबंधन के सवाल पर बोलती हुई अनुप्रिया पटेल ने कहा की inida गठबंधन में जितने भी दल शामिल है वो सब लंबे समय से सरकार से बाहर है,सत्ता से दूर रहने का इन सभी दलों में हताशा है निराशा हताशा है जो इन दलों को साथ लेकर आई है लेकिन मोदी जी के सरकार ने पिछले 9 सालों में देश की जनता के लिए काम किया है चाहे वो गरीब कल्याण की योजना हो चाहे वो देश में बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर की बात हो सब पर सरकार ने काम किया है और अब तो लूनर मिशन पर भारत ने चांद के।दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कर विश्व भारत की सराहना कर रही है,जिस तरीके से चांद पर भारत ने तिरंगा फहराया है,देश का अंतराष्ट्रीय मान सम्मान विश्व मे बढ़ा है।एनडीए 2024 में हैट्रिक लगाने जा रही है*

*बाईट-अनुप्रिया पटेल,केंद्रीय राज्य मंत्री*

भगवान श्रीकृष्ण बोले : राजन् ! प्राचीन काल की बात है । द्वापर युग के प्रारम्भ का समय था ।

*🌹 पुत्रदा - पवित्रा एकादशी : 27 अगस्त 2023 🌹*
 
*🌹 युधिष्ठिर ने पूछा : मधुसूदन ! श्रावण के शुक्लपक्ष में किस नाम की एकादशी होती है ? कृपया मेरे सामने उसका वर्णन कीजिये ।*
 
*🌹 भगवान श्रीकृष्ण बोले : राजन् ! प्राचीन काल की बात है । द्वापर युग के प्रारम्भ का समय था । माहिष्मतीपुर में राजा महीजित अपने राज्य का पालन करते थे किन्तु उन्हें कोई पुत्र नहीं था, इसलिए वह राज्य उन्हें सुखदायक नहीं प्रतीत होता था । अपनी अवस्था अधिक देख राजा को बड़ी चिन्ता हुई । उन्होंने प्रजावर्ग में बैठकर इस प्रकार कहा: ‘प्रजाजनो ! इस जन्म में मुझसे कोई पातक नहीं हुआ है । मैंने अपने खजाने में अन्याय से कमाया हुआ धन नहीं जमा किया है । ब्राह्मणों और देवताओं का धन भी मैंने कभी नहीं लिया है । पुत्रवत् प्रजा का पालन किया है । धर्म से पृथ्वी पर अधिकार जमाया है । दुष्टों को, चाहे वे बन्धु और पुत्रों के समान ही क्यों न रहे हों, दण्ड दिया है । शिष्ट पुरुषों का सदा सम्मान किया है और किसीको द्वेष का पात्र नहीं समझा है । फिर क्या कारण है, जो मेरे घर में आज तक पुत्र उत्पन्न नहीं हुआ? आप लोग इसका विचार करें ।’*
 
*🌹 राजा के ये वचन सुनकर प्रजा और पुरोहितों के साथ ब्राह्मणों ने उनके हित का विचार करके गहन वन में प्रवेश किया । राजा का कल्याण चाहनेवाले वे सभी लोग इधर उधर घूमकर ॠषिसेवित आश्रमों की तलाश करने लगे । इतने में उन्हें मुनिश्रेष्ठ लोमशजी के दर्शन हुए ।*
 
*🌹 लोमशजी धर्म के त्तत्त्वज्ञ, सम्पूर्ण शास्त्रों के विशिष्ट विद्वान, दीर्घायु और महात्मा हैं । उनका शरीर लोम से भरा हुआ है । वे ब्रह्माजी के समान तेजस्वी हैं । एक एक कल्प बीतने पर उनके शरीर का एक एक लोम विशीर्ण होता है, टूटकर गिरता है, इसीलिए उनका नाम लोमश हुआ है । वे महामुनि तीनों कालों की बातें जानते हैं ।*
 
*🌹 उन्हें देखकर सब लोगों को बड़ा हर्ष हुआ । लोगों को अपने निकट आया देख लोमशजी ने पूछा : ‘तुम सब लोग किसलिए यहाँ आये हो? अपने आगमन का कारण बताओ । तुम लोगों के लिए जो हितकर कार्य होगा, उसे मैं अवश्य करुँगा ।’*
 
*🌹 प्रजाजनों ने कहा : ब्रह्मन् ! इस समय महीजित नामवाले जो राजा हैं, उन्हें कोई पुत्र नहीं है । हम लोग उन्हींकी प्रजा हैं, जिनका उन्होंने पुत्र की भाँति पालन किया है । उन्हें पुत्रहीन देख, उनके दु:ख से दु:खित हो हम तपस्या करने का दृढ़ निश्चय करके यहाँ आये है । द्विजोत्तम ! राजा के भाग्य से इस समय हमें आपका दर्शन मिल गया है । महापुरुषों के दर्शन से ही मनुष्यों के सब कार्य सिद्ध हो जाते हैं । मुने ! अब हमें उस उपाय का उपदेश कीजिये, जिससे राजा को पुत्र की प्राप्ति हो ।*
 
*🌹 उनकी बात सुनकर महर्षि लोमश दो घड़ी के लिए ध्यानमग्न हो गये । तत्पश्चात् राजा के प्राचीन जन्म का वृत्तान्त जानकर उन्होंने कहा : ‘प्रजावृन्द ! सुनो । राजा महीजित पूर्वजन्म में मनुष्यों को चूसनेवाला धनहीन वैश्य था । वह वैश्य गाँव-गाँव घूमकर व्यापार किया करता था । एक दिन ज्येष्ठ के शुक्लपक्ष में दशमी तिथि को, जब दोपहर का सूर्य तप रहा था, वह किसी गाँव की सीमा में एक जलाशय पर पहुँचा । पानी से भरी हुई बावली देखकर वैश्य ने वहाँ जल पीने का विचार किया । इतने में वहाँ अपने बछड़े के साथ एक गौ भी आ पहुँची । वह प्यास से व्याकुल और ताप से पीड़ित थी, अत: बावली में जाकर जल पीने लगी । वैश्य ने पानी पीती हुई गाय को हाँककर दूर हटा दिया और स्वयं पानी पीने लगा । उसी पापकर्म के कारण राजा इस समय पुत्रहीन हुए हैं । किसी जन्म के पुण्य से इन्हें निष्कण्टक राज्य की प्राप्ति हुई है ।’*
 
*🌹 प्रजाजनों ने कहा : मुने ! पुराणों में उल्लेख है कि प्रायश्चितरुप पुण्य से पाप नष्ट होते हैं, अत: ऐसे पुण्यकर्म का उपदेश कीजिये, जिससे उस पाप का नाश हो जाय ।*
 
*🌹 लोमशजी बोले : प्रजाजनो ! श्रावण मास के शुक्लपक्ष में जो एकादशी होती है, वह ‘पुत्रदा’ के नाम से विख्यात है । वह मनोवांछित फल प्रदान करनेवाली है । तुम लोग उसीका व्रत करो ।*
 
*🌹 यह सुनकर प्रजाजनों ने मुनि को नमस्कार किया और नगर में आकर विधिपूर्वक ‘पुत्रदा एकादशी’ के व्रत का अनुष्ठान किया । उन्होंने विधिपूर्वक जागरण भी किया और उसका निर्मल पुण्य राजा को अर्पण कर दिया । तत्पश्चात् रानी ने गर्भधारण किया और प्रसव का समय आने पर बलवान पुत्र को जन्म दिया ।*
 
*🌹 इसका माहात्म्य सुनकर मनुष्य पापों से मुक्त हो जाता है तथा इहलोक में सुख पाकर परलोक में स्वर्गीय गति को प्राप्त होता है ।*
 
*🌹व्रत खोलने की विधि : द्वादशी को सेवापूजा की जगह पर बैठकर भुने हुए सात चनों के चौदह टुकड़े करके अपने सिर के पीछे फेंकना चाहिए । ‘मेरे सात जन्मों के शारीरिक, वाचिक और मानसिक पाप नष्ट हुए’ - यह भावना करके सात अंजलि जल पीना और चने के सात दाने खाकर व्रत खोलना चाहिए ।*

ज्योतिष ज्योतिरविज्ञान चंद्रयान-3 भारत और इसरो डॉ दिलीप कुमार सिंह ज्योतिष शिरोमणि*

*ज्योतिष ज्योतिरविज्ञान चंद्रयान-3 भारत और इसरो डॉ दिलीप कुमार सिंह ज्योतिष शिरोमणि*
 *भारत का चंद्रयान-3 बिल्कुल चंद्रमा के निकट की कक्षा में पहुंच चुका है और इसका अंतिम चरण वेग घटाने का काम डीबूस्टिंग पूरी तरह सफल रहा है अब यह चंद्रमा के चारों ओर 25 किलोमीटर गुण 134 किलोमीटर की परिधि में चक्कर लगा रहा है इसका अर्थ है कि चंद्रमा का चक्कर लगाते समय जब चंद्रमा के सबसे अधिक निकट होता है तब यह केवल 25 किलोमीटर की दूरी पर रहता है और जब सबसे दूर होता है तब इसकी दूरी चंद्रमा से 134 किलोमीटर होती है यह कक्षा पूरी तरह गोलाकार ना होकर दीर्घवृताकार या अंडाकार है*

*इसके पहले भारत का chandrayaan-2 चंद्रमा के बिल्कुल पास पहुंचकर केवल 1 किलोमीटर दूर से अंतिम पल में असफल होकर चंद्रतल से टकराकर बेकार हो चुका था जिसके बाद भारत ने अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना बनाई और उस बेहद ठंडे घने अंधेरे और पृथ्वी से ना दिखने वाले दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 के उतारने का निर्णय लिया जहां तक अभी कोई भी देश सफल नहीं हुआ है वैसे भी अभी तक केवल अमेरिका रूस और चीन चंद्रमा पर मृदु अवतरण अर्थात सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल हुए हैं जबकि दक्षिणी ध्रुव पर अभी कोई देश अपना अंतरिक्ष यान उतर नहीं सका है*

*भारत को एक झटका उसे समय लगा था जब अचानक ही 1976 में लूना 24 के बाद सोवियत संघ ने लूना 25 को चंद्रयान-3 के पहले उतारने के लिए भेजा और वह चंद्रयान 3 के पहले ही चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया और 21 अगस्त 2023 को उतारने वाला था लेकिन अंतिम पलों में वह इस तरह चंद्र तल से टकराकर चकनाचूर हो गया जिस तरह भारत का चंद्रयान दो अनियंत्रित हो गया था और अपना वेग संभाल नहीं पाया था अर्थात अब चंद्रयान-3 पूरे विश्व का पहला ऐसा यान होगा जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरकर विश्व की कीर्तिमान बनाएगा कुछ लोगों को कहना था कि वह चंद्रयान-3 को चंद्रयान-2 की तरह विफल करने के लिए गया था लेकिन खुद ही विफल हो गया*

*चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव अत्यंत महत्वपूर्ण क्यों है चंद्रमा हमारे सौरमंडल का सबसे अद्भुत उपग्रह है जिसमें ग्रह और उपग्रह दोनों के लक्षण पाए जाते हैं इसका एक दिन धरती के 15 दिन के बराबर होता है यहां सबसे बड़ी बात यह है की बर्फ के रूप में ढेर सारा पानी इकट्ठा है जो अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भविष्य में पीने के कम से लेकर ऑक्सीजन बनाने तक के लिए प्रयोग किया जा सकता है दक्षिणी ध्रुव की मिट्टी की रासायनिक प्रक्रिया और उसमें उपस्थित जीवन के लक्षणों का खोज लगाना इसका दूसरा मुख्य कार्य है गहरे अंतरिक्ष के लिए चंद्रमा एक बहुत सुनहरा बिंदु है जहां स्टेशन के रूप में अंतरिक्ष में रॉकेट अंतरिक्ष यान भविष्य में भेजे जा सकते हैं इसके अलावा दक्षिणी ध्रुव पर दुर्लभ मृदा तत्व रेडियम प्लैटिनम और अन्य खनिज पदार्थ मौजूद हैं जो धरती पर नहीं है या बहुत अल्प मात्रा में है इसके अलावा वहां उपस्थित अंतरिक्ष से आए परग्रही एलियंस की उपस्थिति का पता लगाना भी है जिसको लोग प्रकट नहीं करते हैं ऐसा माना जाता है कि रूस चीन अमेरिका को उन्नतशील टेक्नोलॉजी इन्हीं परग्रही एलियंस के द्वारा मिली और माना जाता है कि यह तीनों देश या नहीं चाहते हैं कि भारत भी इस रहस्य और इस टेक्नोलॉजी को जान जाए*

*23 अगस्त को शाम के 6:04 पर ही क्यों उतारा जा रहा है chandrayaan-3 chandrayaan-3 कार और और प्रज्ञान शाम को 6: 04 पर इसलिए उतारा जा रहा है कि इस समय चंद्रमा पर सूर्योदय शुरू होता है इसके पहले इसका समय 5:45 पर रखा गया था लेकिन बाद में उसकी 17 मिनट विलंबित किया गया जिसका कारण यह है कि उतारने के पहले इसकी गहरी आंतरिक जांच होगी ताकि इसका हल चंद्रयान दो या लूना 25 जैसा ना हो और सूर्य की रोशनी में यह पूरे 15 दिन काम करेगा और इसके सोलर पैनल आवश्यक ऊर्जा सूर्य से देते रहेंगे इसके तुरंत बाद 14 दिन से लंबी रात शुरू हो जाएगी जब चंद्रमा का तापमान शून्य से भी नीचे 100 डिग्री सेल्सियस चला जाएगा इस स्थिति में कोई भी यंत्र कम करने में अक्षम हो जाएगा इसीलिए चंद्रयान तीन का समय अवधि 14 दिन रखा गया है*

*क्या इस बार चंद्रमा पर सफल अवतरण हो सकेगा ज्योतिष और विज्ञान दोनों के आंकड़ों के अनुसार इस बार chandrayaan-3 के चंद्रतल पर धीमे से उतरने की प्रक्रिया जिसे अंग्रेजी में सॉफ्ट लैंडिंग कहा जाता है पूरी तरह सफल होने की 99% संभावना है देशकाल परिस्थितियों ग्रह नक्षत्र सभी इसके अनुकूल हैं चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान रहने वाला ग्रह है और सावन का महीना भी चल रहा है 23 अगस्त को देशकाल परिस्थितियों ज्योतिष के अनुसार पूरी तरह अनुकूल हैं इसलिए chandrayaan-3 के कुशलतापूर्वक चंद्रमा पर उतर जाने में कोई बाधा नहीं दिख रही हैं अगर इसमें कोई छेड़छाड़ वहां पर उपस्थित परग्रही एलियंस के द्वारा रूस चीन अमेरिका के द्वारा की गई तो इस बार गारंटी के साथ chandrayaan-3 चंद्रतल पर उतर कर दुनिया को आश्चर्यचकित कर देने वाली हैरतअंगेज जानकारियां देगा*

*रहस्यों का खजाना है चंद्रमा चंद्रमा के बारे में जितना ही अधिक अध्ययन किया जा रहा है इसका रहस्य उतना ही गहरा होता चला जा रहा है कुछ लोग इस पृथ्वी पर किसी बड़े ग्रह या तारे के आकर्षण के द्वारा तो कुछ लोग प्रशांत महासागर से किसी ग्रह के टकराने के फल स्वरुप इसके जन्म को बताते हैं चंद्रमा का व्यास पृथ्वी का एक चौथाई है इसमें चंद्र जैसे 81 उपग्रह धरती में समा सकते हैं यह सबसे निकट सबसे चमकीला उपग्रह है भारत के ज्योतिष के अनुसार यह भी एक नक्षत्र है और इसको एक ग्रह माना जाता है भारत के ज्योतिष ग में यह मन से उत्पन्न माना गया है जहां पर अमृत विद्यमान है इसलिए शिवजी इसे अपने जाता में धारण करते हैं और वैसे भी वहां जाने वाले मनुष्य मानसिक रूप से पागल हो जाते हैं यह पृथ्वी का एक चक्कर लगभग 30 दिन में लगा लेता है इसका एक ही छोर हमेशा दिखता है यह पृथ्वी से 384 हजार किलोमीटर दूर है यहां पर दिन में तापमान उबलते हुए पानी से अधिक हो जाता है तो रात में इसका तापमान शून्य से भी 100 डिग्री नीचे चला जाता है जब 1981 82 में मैंने तिलकधारी सिंह इंटर कॉलेज की वह वल्लरी पत्रिका में लिखा कि चंद्रमा मंगल ग्रहपर हवा पानी जीव जंतु वनस्पतियां है तब सब लोग हंसी उड़ाते थे लेकिन आज वह बात सच हो गई* 

*इस बात को अमेरिका रूस चीन भारत से छुपाते रहे लेकिन चंद्रयान-1और2 ने हमारी तथा भारत के ज्योतिष ग की बात को सही सिद्ध किया अगर धरती पर कोई 10 फीट ऊंचा उछल सकता है तो चंद्रमा पर वह 60 फीट ऊंचा उछल सकता है इसलिए वहां पर चलते समय उछल-उछल कर लोग चलते हैं अभी तक केवल 12 अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर उतरे हैं और सब के सब अमेरिका के हैं अब आगे देखना है और क्या-क्या रहस्य भारत का चंद्रयान तीन उजागर करता है डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह*


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प्रयागराज। यूपी की बहुचर्चित PCS ज्योति मौर्या और उनके सफाई कर्मी पति आलोक कुमार मौर्या के बीच विवाद का मामला*पारिवारिक कोर्ट प्रयागराज में आज भी नहीं पेश हुई PCS ज्योति मौर्या,

*प्रयागराज। यूपी की बहुचर्चित PCS ज्योति मौर्या और उनके सफाई कर्मी पति आलोक कुमार मौर्या के बीच विवाद का मामला*

पारिवारिक कोर्ट प्रयागराज में आज भी नहीं पेश हुई PCS ज्योति मौर्या,

आज कोर्ट में आलोक मौर्या भी नहीं हुए थे पेश,

पीठासीन अधिकारी के ट्रेनिंग पर होने और अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने के चलते टली मामले की सुनवाई,

अब 22 सितंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई,

आलोक मौर्य और ज्योति मौर्य दोनों के  वकीलों ने कोर्ट में हाजिरी माफी की अर्जी दी,

अगली सुनवाई पर आलोक मौर्य के वकील ज्योति मौर्य की ओर से दाखिल वाद का जवाब दाखिल करेंगे,

पिछली सुनवाई पर जवाब दाखिल करने के लिए ज्योति मौर्या की ओर से दाखिल वाद की कॉपी मांगी थी,

ज्योति मौर्या ने पति आलोक कुमार मौर्या से अलग होने के लिए फैमिली कोर्ट में दाखिल की है अर्जी,

पीसीएस अफसर बनने के बाद ज्योति मौर्या और आलोक मौर्या के बीच संबंधों में दरार आ गई थी,

आलोक ने ज्योति मौर्या पर होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे से संबंध होने का आरोप लगाया था,

ज्योति मौर्या ने पति आलोक कुमार मौर्या और उनके परिवार के लोगों पर दहेज उत्पीड़न का धूमनगंज थाने में केस दर्ज करा रखा है,

दोनों के बीच विवाद का मामला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ है,

ज्योति मौर्या और आलोक मौर्या के बीच विवाद का मामला सुर्खियों में बना हुआ है,

आलोक मौर्या और ज्योति मौर्या की वर्ष 2010 में शादी हुई थी,

बाद में 2015 में यूपीपीएससी में एसडीएम के पद पर ज्योति मौर्या का चयन हो गया,

ज्योति मौर्या ने एसडीएम के पद पर 16 वी रैंक हासिल की थी,

ज्योति मौर्या इन दिनों बरेली में चीनी मिल में जीएम के पद पर तैनात हैं,

जबकि पति आलोक कुमार मौर्या ग्राम पंचायत विभाग में प्रतापगढ़ जिले में चपरासी के पद पर कार्यरत हैं।


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बाल्मीकि रामायण और तुलसीकृत रामायण में इस कथा का वर्णन नहीं है, पर तमिल भाषा में लिखी *महर्षि कम्बन की #इरामावतारम्# में यह कथा है.!*http://aumtv786.blogspot.com। http://aumtv786.blogspot.com

*लंकाधीश रावण कि मांग..!*
*(अद्भुत प्रसंग, भावविभोर करने वाला प्रसंग जरुर पढ़ें)*

*बाल्मीकि रामायण और तुलसीकृत रामायण में इस कथा का वर्णन नहीं है, पर तमिल भाषा में लिखी *महर्षि कम्बन की #इरामावतारम्# में यह कथा है.!*

*रावण केवल शिवभक्त, विद्वान एवं वीर ही नहीं, अति-मानववादी भी था..! उसे भविष्य का पता था..! वह जानता था कि श्रीराम से जीत पाना उसके लिए असंभव है..!*

*जब श्री राम ने खर-दूषण का सहज ही बध कर दिया, तब तुलसी कृत मानस में भी रावण के मन भाव लिखे हैं--!*

   *खर दूसन मो   सम   बलवंता.!*
  *तिनहि को मरहि बिनु भगवंता.!!*

*रावण के पास जामवंत जी को #आचार्यत्व# का निमंत्रण देने के लिए लंका भेजा गया..!*

*जामवन्त जी दीर्घाकार थे, वे आकार में कुम्भकर्ण से तनिक ही छोटे थे.! लंका में प्रहरी भी हाथ जोड़कर मार्ग दिखा रहे थे.! इस प्रकार जामवन्त को किसी से कुछ पूछना नहीं पड़ा.! स्वयं रावण को उन्हें राजद्वार पर अभिवादन का उपक्रम करते देख जामवन्त ने मुस्कराते हुए कहा कि मैं अभिनंदन का पात्र नहीं हूँ.! मैं वनवासी राम का दूत बनकर आया हूँ.! उन्होंने तुम्हें सादर प्रणाम कहा है.!*

*रावण ने सविनय कहा --*
*आप हमारे पितामह के भाई हैं.! इस नाते आप हमारे पूज्य हैं.!  कृपया आसन ग्रहण करें.! यदि आप मेरा निवेदन स्वीकार कर लेंगे, तभी संभवतः मैं भी आपका संदेश सावधानी से सुन सकूंगा.!*

*जामवन्त ने कोई आपत्ति नहीं की.! उन्होंने आसन ग्रहण किया.! रावण ने भी अपना स्थान ग्रहण किया.! तदुपरान्त जामवन्त ने पुनः सुनाया कि वनवासी राम ने सागर-सेतु निर्माण उपरांत अब यथाशीघ्र महेश्व-लिंग-विग्रह की स्थापना करना चाहते हैं.! इस अनुष्ठान को सम्पन्न कराने के लिए उन्होंने ब्राह्मण, वेदज्ञ और शैव रावण को आचार्य पद पर वरण करने की इच्छा प्रकट की है.!*
*"मैं उनकी ओर से आपको आमंत्रित करने आया हूँ.!"*

*प्रणाम.! प्रतिक्रिया, अभिव्यक्ति उपरान्त रावण ने मुस्कान भरे स्वर में पूछ ही लिया..!*

  *"क्या राम द्वारा महेश्व-लिंग-विग्रह स्थापना लंका-विजय की कामना से किया जा रहा है..?"*

*"बिल्कुल ठीक.! श्रीराम की महेश्वर के चरणों में पूर्ण भक्ति है..!"*

*जीवन में प्रथम बार किसी ने रावण को ब्राह्मण माना है और आचार्य बनने योग्य जाना है.! क्या रावण इतना अधिक मूर्ख कहलाना चाहेगा कि वह भारतवर्ष के प्रथम प्रशंसित महर्षि पुलस्त्य के सगे भाई महर्षि वशिष्ठ के यजमान का आमंत्रण और अपने आराध्य की स्थापना हेतु आचार्य पद अस्वीकार कर दे..?*

*रावण ने अपने आपको संभाल कर कहा –"आप पधारें.! यजमान उचित अधिकारी है.! उसे अपने दूत को संरक्षण देना आता है.! राम से कहिएगा कि मैंने उसका आचार्यत्व स्वीकार किया.!"*

*जामवन्त को विदा करने के तत्काल उपरान्त लंकेश ने सेवकों को आवश्यक सामग्री संग्रह करने हेतु आदेश दिया और स्वयं अशोक वाटिका पहुँचे, जो आवश्यक उपकरण यजमान उपलब्ध न कर सके जुटाना आचार्य का परम कर्त्तव्य होता है.! रावण जानता है कि वनवासी राम के पास क्या है और क्या होना चाहिए.!*

*अशोक उद्यान पहुँचते ही रावण ने सीता से कहा कि राम लंका विजय की कामना से समुद्रतट पर महेश्वर लिंग विग्रह की स्थापना करने जा रहे हैं और रावण को आचार्य वरण किया है..!*

*"यजमान का अनुष्ठान पूर्ण हो यह दायित्व आचार्य का भी होता है.! तुम्हें विदित है कि अर्द्धांगिनी के बिना गृहस्थ के सभी अनुष्ठान अपूर्ण रहते हैं.! विमान आ रहा है, उस पर बैठ जाना.! ध्यान रहे कि तुम वहाँ भी रावण के अधीन ही रहोगी.! अनुष्ठान समापन उपरान्त यहाँ आने के लिए विमान पर पुनः बैठ जाना.!"*

*स्वामी का आचार्य अर्थात स्वयं का आचार्य.!*
 *यह जान, जानकी जी ने दोनों हाथ जोड़कर मस्तक झुका दिया.!*
 *स्वस्थ कण्ठ से "सौभाग्यवती भव" कहते रावण ने दोनों हाथ उठाकर भरपूर आशीर्वाद दिया.!*

*सीता और अन्य आवश्यक उपकरण सहित रावण आकाश मार्ग से समुद्र तट पर उतरे.!*

*" आदेश मिलने पर आना"* *कहकर सीता को उन्होंने  विमान में ही छोड़ा और स्वयं राम के सम्मुख पहुँचे.!*

*जामवन्त से संदेश पाकर भाई, मित्र और सेना सहित श्रीराम स्वागत सत्कार हेतु पहले से ही तत्पर थे.! सम्मुख होते ही वनवासी राम आचार्य दशग्रीव को हाथ जोड़कर प्रणाम किया.!*

*" दीर्घायु भव.! लंका विजयी भव.!"*

*दशग्रीव के आशीर्वचन के शब्द ने सबको चौंका दिया.!*
 
*सुग्रीव ही नहीं विभीषण की भी उन्होंने उपेक्षा कर दी.! जैसे वे वहाँ हों ही नहीं.!*

 *भूमि शोधन के उपरान्त रावणाचार्य ने कहा..!*

*"यजमान.! अर्द्धांगिनी कहाँ है.? उन्हें यथास्थान आसन दें.!"*

 *श्रीराम ने मस्तक झुकाते हुए हाथ जोड़कर अत्यन्त विनम्र स्वर से प्रार्थना की, कि यदि यजमान असमर्थ हो तो योग्याचार्य सर्वोत्कृष्ट विकल्प के अभाव में अन्य समकक्ष विकल्प से भी तो अनुष्ठान सम्पादन कर सकते हैं..!*

 *"अवश्य-अवश्य, किन्तु अन्य विकल्प के अभाव में ऐसा संभव है, प्रमुख विकल्प के अभाव में नहीं.! यदि तुम अविवाहित, विधुर अथवा परित्यक्त होते तो संभव था.! इन सबके अतिरिक्त तुम संन्यासी भी नहीं हो और पत्नीहीन वानप्रस्थ का भी तुमने व्रत नहीं लिया है.! इन परिस्थितियों में पत्नीरहित अनुष्ठान तुम कैसे कर सकते हो.?"*

*" कोई उपाय आचार्य.?"*

                            
 *"आचार्य आवश्यक साधन, उपकरण अनुष्ठान उपरान्त वापस ले जाते हैं.! स्वीकार हो तो किसी को भेज दो, सागर सन्निकट पुष्पक विमान में यजमान पत्नी विराजमान हैं.!"*

*श्रीराम ने हाथ जोड़कर मस्तक झुकाते हुए मौन भाव से इस सर्वश्रेष्ठ युक्ति को स्वीकार किया.! श्री रामादेश के परिपालन में, विभीषण मंत्रियों सहित पुष्पक विमान तक गए और सीता सहित लौटे.!*
            
  *"अर्द्ध यजमान के पार्श्व में बैठो अर्द्ध यजमान .."*

*आचार्य के इस आदेश का वैदेही ने पालन किया.!*
*गणपति पूजन, कलश स्थापना और नवग्रह पूजन उपरान्त आचार्य ने पूछा - लिंग विग्रह.?*

*यजमान ने निवेदन किया कि उसे लेने गत रात्रि के प्रथम प्रहर से पवनपुत्र कैलाश गए हुए हैं.! अभी तक लौटे नहीं हैं.! आते ही होंगे.!*

*आचार्य ने आदेश दे दिया - " विलम्ब नहीं किया जा सकता.! उत्तम मुहूर्त उपस्थित है.! इसलिए अविलम्ब यजमान-पत्नी बालू का लिंग-विग्रह स्वयं बना ले.!"*

                      
 *जनक नंदिनी ने स्वयं के कर-कमलों से समुद्र तट की आर्द्र रेणुकाओं से आचार्य के निर्देशानुसार यथेष्ट लिंग-विग्रह निर्मित किया.!*

     *यजमान द्वारा रेणुकाओं का आधार पीठ बनाया गया.! श्री सीताराम ने वही महेश्वर लिंग-विग्रह स्थापित किया.!*

 *आचार्य ने परिपूर्ण विधि-विधान के साथ अनुष्ठान सम्पन्न कराया.!*

*अब आती है बारी आचार्य की दक्षिणा की..!*

     *श्रीराम ने पूछा - "आपकी दक्षिणा.?"*

*पुनः एक बार सभी को चौंकाया ... आचार्य के शब्दों ने..*

 *"घबराओ नहीं यजमान.! स्वर्णपुरी के स्वामी की दक्षिणा सम्पत्ति नहीं हो सकती.! आचार्य जानते हैं कि उनका यजमान वर्तमान में वनवासी है.."*

 *"लेकिन फिर भी राम अपने आचार्य की जो भी माँग हो उसे पूर्ण करने की प्रतिज्ञा करता है.!"*

*"आचार्य जब मृत्यु शैय्या ग्रहण करे तब यजमान सम्मुख उपस्थित रहे ....." आचार्य ने अपनी दक्षिणा मांगी.!*
          

*"ऐसा ही होगा आचार्य.!"* *यजमान ने वचन दिया और समय आने पर निभाया भी-----*
          
       *" रघुकुल रीति सदा चली आई.!*
       *" प्राण जाई पर वचन न जाई.!!"*
                       
*यह दृश्य वार्ता देख सुनकर उपस्थित समस्त जन समुदाय के नयनाभिराम प्रेमाश्रुजल से भर गए.! सभी ने एक साथ एक स्वर से सच्ची श्रद्धा के साथ इस अद्भुत आचार्य को प्रणाम किया.!*
                  

*रावण जैसे भविष्यदृष्टा ने जो दक्षिणा माँगी, उससे बड़ी दक्षिणा क्या हो सकती थी.? जो रावण यज्ञ-कार्य पूरा करने हेतु राम की बंदी पत्नी को शत्रु के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है, वह राम से लौट जाने की दक्षिणा कैसे मांग सकता है.?*
*( रामेश्वरम् देवस्थान में लिखा हुआ है कि इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना श्रीराम ने रावण द्वारा करवाई थी )*
         
                *"ऊँ नमः शिवाय"*

🙏🙏🙏🙏🙏


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*विद्युत संबंधी समस्याओं का होगा अति शीघ्र निस्तारण: उपभोक्ता समिति*

*विद्युत संबंधी  समस्याओं का होगा अति शीघ्र निस्तारण: उपभोक्ता समिति*

विद्युत उपभोक्ता समन्वय समिति के पदाधिकारी विद्युत अधिकारियों से आज भेंट कर विद्युत उपभोक्ताओं को आने वाली समस्याओं पर चर्चा की जैसे बिजली का बिल ज्यादा आना सही समय पर कनेक्शन न मिलना बिना बताए विद्युत आपूर्ति ठप कर देना जैसी छोटी-छोटी शिकायतो को लंबे समय तक लटकाए रखना जैसी कई समस्याओं को विद्युत अधिशासी अभियंता नगर श्री इमरान अली खान के सामने रखा जिस पर विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने निस्तारण का भरोसा दिलाया विद्युत उपभोक्ता  समिति ने सम्मानित उपभोक्ताओं से अपील की  हर संभव चोरी रोकने में विद्युत विभाग का सहयोग करें समिति ने विद्युत विभाग को आश्वस्त किया की हमेशा सम्मानित उपभोक्ताओं और विद्युत विभाग से समन्वय स्थापित करने में सहयोग करेंगे विद्युत समन्वय समिति के फरहत अली खान वेद प्रकाश आहूजा श्रीमती संजू यादव सैयद नदीम शन्ननू खान वार्ता में उपस्थित रहे।






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Thursday, 24 August 2023

मुंगराबादशाहपुर नगर में स्थित हिंदू इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य पर सूचना आयोग ने सूचना न देने पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। संस्थापक पौत्र व आजीवन सदस्य हिंदू हाई स्कूल सोसायटी बृजेश कुमार गुप्त ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत कॉलेज के प्रबंध समिति के चुनाव से संबंधित सूचना मांगी थी। समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी आवेदक को सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई।*

*मुंगराबादशाहपुर नगर में स्थित हिंदू इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य पर सूचना आयोग ने सूचना न देने पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। संस्थापक पौत्र व आजीवन सदस्य हिंदू हाई स्कूल सोसायटी बृजेश कुमार गुप्त ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत कॉलेज के प्रबंध समिति के चुनाव से संबंधित सूचना मांगी थी। समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी आवेदक को सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई।*

*तब सूचना उपलब्ध कराने के लिए द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग लखनऊ में किया गया था। सूचना देने के मामले को गंभीरता से न लेने, सूचना को छिपाने, समय सीमा के तहत सूचना न देने और निर्धारित सुनवाई के दौरान जनसूचना अधिकारी द्वारा आयोग के सम्मुख उपस्थित न होने पर राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने 25 हजार का अर्थदंड प्रधानाचार्य के ऊपर लगाया है। आयोग ने अर्थदंड की वसूली करने के लिए प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा, जिलाधिकारी व मुख्य कोषाधिकारी जौनपुर को आदेश की प्रति भेजा है।*

यह खबर न तो सेना के हवाले से और न ही सरकार के हवाले से छपी है। सुबह अखबार बाजार में आने के कुछ ही घंटों बाद भारतीय सेना ने इस खबर का खंडन किया और इसे फेक न्यूज करार दिया। मगर सवाल है कि 'इतनी बड़ी खबर’ रक्षा मंत्रालय या सैन्य अधिकारियों से पुष्टि किए बगैर छपी कैसे?

*देश के अखबार और टीवी चैनल किस तरह अपने पाठकों और दर्शकों को फेक न्यूज बेच रहे हैं...*

*इसका ताजा उदाहरण है _आज का दैनिक जागरण और नई दुनिया अखबार!*

देश में सबसे ज्यादा छपने और बिकने वाले हिंदी अखबार 'दैनिक जागरण’ और इसी समूह के एक अन्य अखबार 'नईदुनिया’ के सभी संस्करणों में आज पहले पन्ने पर सात कॉलम में खबर छपी है कि भारत ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक किया। 

यह खबर न तो सेना के हवाले से और न ही सरकार के हवाले से छपी है। सुबह अखबार बाजार में आने के कुछ ही घंटों बाद भारतीय सेना ने इस खबर का खंडन किया और इसे फेक न्यूज करार दिया। मगर सवाल है कि 'इतनी बड़ी खबर’ रक्षा मंत्रालय या सैन्य अधिकारियों से पुष्टि किए बगैर छपी कैसे? 

आमतौर पर अखबार का संवाददाता जब ऐसी कोई खबर लिख कर देता है तो उसे अखबार में कई स्तरों पर जांचा जाता है। संवाददाता की लिखी हुई खबर को ब्यूरो चीफ, उप संपादक, मुख्य उप संपादक और समाचार संपादक के साथ ही पदनामधारी स्थानीय संपादक, प्रधान संपादक और अखबार के मालिक तक देखते हैं और विभिन्न माध्यमों से तथ्यों की पुष्टि करने के बाद ही वह खबर छपती है। 

चूंकि सेना की ओर से दैनिक जागरण और नईदुनिया में छपी खबर को फर्जी करार दिया जा चुका है, लिहाजा जाहिर है कि अखबार ने जान-बूझ कर गलत इरादे से यह फर्जी खबर छापी है। यह बताने की जरूरत नहीं कि ऐसी फर्जी खबरों से किस पार्टी को फायदा होता है।

इसलिए तय मानिए कि अखबार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। कोई आश्चर्य नहीं कि यह अखबार किसी यह खबर भी छाप दे कि भारत ने चीन पर हमला कर तिब्बत को आजाद कराया और कैलास मानसरोवर पर कब्जा किया।

मैंने दिल्ली में रहते हुए नईदुनिया में करीब चार साल तक काम किया है और मौजूदा प्रबंधन के खिलाफ अभी भी मेरा मुकदमा अदालत में विचाराधीन है, इसलिए तकनीकी तौर पर मैं अभी भी नईदुनिया से संबद्ध हूँ। लेकिन मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी इस अखबार का इस कदर पतन हो जाएगा।

*बहरहाल एक बार फिर सभी से निवेदन है कि देशहित में और अपने स्वयं के हित में भी टीवी चैनल देखना और अखबार पढ़ना बंद कर दीजिए।*

*घर पर अखबार उसी स्थिति में मंगवाइए जब आपके यहां दो-तीन साल के छोटे बच्चे हो, ताकि अखबार का उचित उपयोग हो सके।*✍🏻

पहली योजना सबसे आवश्यक चीज बिजली है और बिजली की हालत यह है कि गैरवाह पश्चिम का पूरा अरगूपुर अरसिया बाजार साड़ी बंदगांव अखंड नगर संसार पत्ती असैथा और आसपास के सैकड़ो गांव में शनिवार रविवार 2 दिन मिलाकर कुल 4 घंटे बिजली आई और कम से कम 100 बार कटी कभी भी 5 मिनट से अधिक एक साथ नहीं रही भयंकर गर्मी में जनता को कितना अधिक कष्ट हो रहा है और फसलें सूख रही हैं और बिजली विभाग की यह हालत है*

*इस तरह से सरकारी कर्मचारी और अधिकारी सरकारी विभाग और संस्थान योगी मोदी अमित शाह और भाजपा की योजनाओं में पलीता लगाकर उसे जन विरोधी बनाकर भाजपा और मोदी योगी की सत्ता को उलटने का प्रयास कर रहे हैं जिसकी लंबी चौड़ी गाथा है लेकिन कुछ चीजों को मैं आपके सामने प्रमाण के साथ और चित्र के साथदे रहा हूं*
*पहली योजना सबसे आवश्यक चीज बिजली है और बिजली की हालत यह है कि गैरवाह पश्चिम का पूरा अरगूपुर अरसिया बाजार साड़ी बंदगांव अखंड नगर संसार पत्ती असैथा और आसपास के सैकड़ो गांव में शनिवार रविवार 2 दिन मिलाकर कुल 4 घंटे बिजली आई और कम से कम 100 बार कटी कभी भी 5 मिनट से अधिक एक साथ नहीं रही भयंकर गर्मी में जनता को कितना अधिक कष्ट हो रहा है और फसलें सूख रही हैं और बिजली विभाग की यह हालत है*

*इसके बाद का चित्र देखिए गौरवाह गांव के स्टेडियम का है 5 वर्ष से बन रहा है और कहीं कुछ नहीं है*

*अगला चित्र इसी गांव की गौशाला का है जिसमें एक भी गाय नहीं है करोड़ रुपए खर्च हो चुका है लावारिस हालत में पड़ा हुआ है*

*अगला चित्र महिलाओं के शौचालय का है जो रसिया बाजार में बस स्टॉप पर निकट है जिसमें अपार गंदगी है और ताला बंद है भला महिलाएं कहां जाएंगे शौचालय के लिए ऊपर से वीडियो बनाते समय कुछ लोग विरोध करना चाह रहे थे मैंने डांट कर भगा दिया*

*अगला चित्र गैरवाह गांव में श्मशान घाट का है जहां पर जाने के लिए सड़क नहीं है घुटने भर पानी में चलकर जाना होता है जबकि यह स्थान मुख्य सड़क से केवल 300 मीटर की दूरी पर है आप चित्र देखकर कुछ समझ लीजिए उसे स्थान पर सड़क तो है नहीं ऊपर से जलने के स्थान पर लोगों ने कब्जा करके धान लगा दिया है*

*व्यापक रूप से विश्वास में लेकर सर्वे करने पर ज्ञात हुआ की पत्रों को कुछ नहीं मिल रहा है सरकारी कॉलोनी से लेकर हैंडपंप में पहले कमीशन लेकर तब अलर्ट किया जा रहा है लगभग हर योजनाओं का यही हाल है शौचालय नहीं है ऊपर से सरकार गैस लाइन बिजली पाइपलाइन पानी के लिए खींच रही है जिसका कोई मतलब नहीं है अगर यह सब बातें मोदी जी योगी जी अमित शाह जांच करें तो अपने आप पता चल जाएगा सभी योजनाएं बहुत अच्छी है सरकार द्वारा धन भी दिया जा रहा है लेकिन सबका बंदर बांट हो रहा है डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह*

डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान भारतीय एवं पाश्चात्य ज्योतिष और ज्योतिर्विज्ञान कीरो नास्त्रेदमस बाबा बेंगा ब्रह्म ऋषि भृगु रावण पाराशर नारद संहिता एवं अन्य ज्योतिष ज्योतिर्विज्ञान ग्रंथों के विशेषज्ञ केंद्र साथ में डॉ श्रीमती पद्मा सिंह (देसी कहावतें की बादलों की विशेषज्ञ)डॉ मानवेंद्र ज्योतिष विशेषज्ञ डॉ श्वेता सिंह राजकुमार मौर्य सुरेश कुमार वर्मा दिव्येंदु सिंह(कंप्यूटर सॉफ्टवेयर उपग्रह के मॉडल गणितीय मॉडल के विशेषज्ञ) कन्हैयालाल पांडे और मनीष पांडे ज्योतिष के ए राय एसके उपाध्याय (देसी कहावतों के विशेषज्ञ घाघ भद्दरी एवं अन्य अनुमानों के विशेषज्ञ) तथा नन्ही भविष्यवक्ता वैष्णवी सिंह बिटानू*

[8/19, 06:28] Dr. Dileep Singh: *हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर द्वारा 16 अगस्त से 21 अगस्त तक लगातार वर्षा की भविष्यवाणी कम या अधिक मात्रा में 16 से लेकर आज तक पूरी तरह सही हुई है और ईश्वर की कृपा से आगे भी सही होगी मर रहे पशु पक्षी प्राणी फसलों और व्यक्तियों को एक नया जीवनदान मिला है इस वर्ष सबसे अधिक वर्षा सितंबर महीने में होगी यह भी हम लोगों ने जनवरी में ही कह दिया था आंशिक सूखा पड़ने की भविष्यवाणी भी पूरी तरह सही हुई आज जौनपुर सहित प्रतापगढ़ सुल्तानपुर कुंडा बाजार प्रयागराज फूलपुर वाराणसी चंदौली मिर्जापुर भदोही दीनदयाल नगर गाजीपुर चंदौली आजमगढ़ शाहगंज जौनपुर पूर्वांचल में मध्यम से भारी कहीं-कहीं बहुत भारी वर्षा होगी जो तेज हवाओं और बिजली की चमक गरज के साथ होगी पूर्वोत्तर भारत में भारी से भारी वर्षा होगी मुंबई और आसपास और पश्चिमी घाट में हल्की वर्षा होगी दक्षिणी पठार की वर्षा होगी अभी वर्षा का क्रम जारी रहेगा डॉ दिलीप कुमार सिंह एवं समस्त विद्वान सदस्य गण*
[8/22, 05:54] Dr. Dileep Singh: *डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान भारतीय एवं पाश्चात्य ज्योतिष और ज्योतिर्विज्ञान कीरो नास्त्रेदमस बाबा बेंगा ब्रह्म ऋषि भृगु रावण पाराशर नारद संहिता एवं अन्य ज्योतिष ज्योतिर्विज्ञान ग्रंथों के विशेषज्ञ केंद्र साथ में डॉ श्रीमती पद्मा सिंह (देसी कहावतें की बादलों की विशेषज्ञ)डॉ मानवेंद्र ज्योतिष विशेषज्ञ डॉ श्वेता सिंह राजकुमार मौर्य सुरेश कुमार वर्मा दिव्येंदु सिंह(कंप्यूटर सॉफ्टवेयर उपग्रह के मॉडल गणितीय मॉडल के विशेषज्ञ) कन्हैयालाल पांडे और मनीष पांडे ज्योतिष के ए राय एसके उपाध्याय (देसी कहावतों के विशेषज्ञ घाघ भद्दरी एवं अन्य अनुमानों के विशेषज्ञ) तथा नन्ही भविष्यवक्ता वैष्णवी सिंह बिटानू*
[8/22, 06:45] Dr. Dileep Singh: *जौनपुर के गौरव और महान विभूतियां भाग 314 राजनाथ सिंह चौहान वरिष्ठ अधिवक्ता और फौजदारी मामलों के विशेषज्ञ राजनाथ सिंह चौहान जौनपुर के महान विभूतियां में शामिल है धीर वीर गंभीर विनम्र और मृदु भाषी होने के साथ-साथ उन्हें व्यवहारिक फौजदारी मामलों का बहुत ही अच्छा और सटीक ज्ञान है राजनाथ सिंह चौहान भूतपूर्व सहायक शासकीय अधिवक्ता भी रह चुके हैं और अपने उत्तरदायित्वों को भली भांति निभाया है पतहना ग्राम थाना सराय ख्वाजा जिला जौनपुर के निवासी राजनाथ सिंह चौहान कभी किसी को आगे धकेल कर उन्नति करने में विश्वास नहीं रखते हैं अपने इन्हें गुणों के कारण में चार तरफ ख्याति प्राप्त कर रहे हैं*

*राजनाथ सिंह चौहान का चयन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जौनपुर के मध्यस्थता अधिकारी के रूप में भी हुआ था लेकिन तत्कालीन समय में एडीजीसी रहने के कारण उन्होंने उपर्युक्त पद से त्यागपत्र दे दिया अपनी जन्म भूमि मातृभूमि और देश तथा आदि गंगा गोमती से जी जान से प्रेम करने वाले राजनाथ सिंह चौहान को उतना महत्व आदर सम्मान नहीं मिला जिसके वास्तव में वह पात्र हैं सभी का सम्मान करना कोई इनसे सीखे यह दीवानी न्यायालय अधिवक्ता संघ जौनपुर के लिए कई चुनाव लड़ चुके हैं और चयनित भी हुए हैं इनका परिवार भी बहुत ही उत्कृष्ट और अतिथि सत्कार प्रेमी तथा सभ्य है अपने कार्यों को शांत भाव से और उत्कृष्टता से करने वाले ऐसे बहुत कम ही लोग हैं जो परोपकार दया क्षमा करना जैसे उच्च गुणों से भरे हुए हैं ऐसे व्यक्तित्व के धनी राजनाथ सिंह चौहान के स्वर्णिम और सुखद जीवन की कामना करते हुए मैं आशा करता हूं कि भविष्य में भी और भी उच्च स्थान पर विराजमान होंगे*

अगर ईश्वर पूरी तरह से रूठ नहीं गए या जानबूझकर हमारी भविष्यवाणी गलत करने की ठान नहीं लिया तो यह निश्चित है कि इन 24 घंटे में लगभग हर जगह इतनी वर्षा तो हो जाएगी की मारते हुए पशु पक्षी व्यक्तियों और फसलों को नया जीवनदान अवश्य मिल जाएगा और हर प्रकार गर्मी उमस पसीने से भी राहत मिल जाएगी अब देखना है कि यह भविष्यवाणी कितना सही कितना गलत होती है वैसे तो हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड से लेकर नेपाल भूटान गोरखपुर बस्ती देवरिया बिहार बंगाल बांग्लादेश पूर्वोत्तर भारत में भारी से बहुत भारी वर्षा होगी लेकिन जौनपुर और आसपास का क्षेत्र ही संदेह और शंका का क्षेत्र बन गया है लेकिन अभी कुछ देर बाद यह शंका भी समाप्त हो जाएगी डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी पर्यावरणविद ज्योतिष शिरोमणि और निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान और विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर और साथ में समस्त विद्वान सदस्यगण*

*सभी को प्रसन्न करने वाली एक और बड़ी भविष्यवाणी जौनपुर और आसपास इस समय प्रचंड गर्मी भयंकर सूखा और प्रलयंकारी उमस तथा विकट पसीने से जूझ रहा है ऐसे में अगर कोई अत्यंत ही साहस के साथ वर्षा की भविष्यवाणी करें तो वह एक चमत्कार से कम नहीं है*

*अभी 2 महीने पहले हमारे केंद्र के द्वारा गारंटी के साथ चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक चंद्र तल पर उतरने की भविष्यवाणी चमत्कारिक रूप से सही सिद्ध हुई है घनघोर परिश्रम और ईश्वर की कृपा के द्वारा ऐसे में एक और बड़ी भविष्यवाणी ईश्वर की कृपा से आज सही होने जा रही  हैं*

*जौनपुर और इसके आसपास के सभी पड़ोसी जनपदों में और अगल-बगल स्थित जनपदों में आज रात 9:30 बजे से कल रात 9:30 बजे 24 घंटे के कालखंड में हर जगह हल्की माध्यम से लेकर तेज वर्षा हनी गारंटी के साथ ईश्वर की कृपा से निश्चित है यह अध्यक्ष अभी जौनपुर में आसमान पूरी तरह साफ है लेकिन 9:30 बजे मौसम पूरी तरह बदल जाएगा घने बादलों की आवाज आए दक्षिणी दक्षिणी पश्चिमी हवाएं बिजली की चमक गरज और वज्रपात का अद्भुत दृश्य होगा हां कहां पर कितनी वर्षा होगी यह बता पाना अत्यंत कठिन है*

*अगर ईश्वर पूरी तरह से रूठ नहीं गए या जानबूझकर हमारी भविष्यवाणी गलत करने की ठान नहीं लिया तो यह निश्चित है कि इन 24 घंटे में लगभग हर जगह इतनी वर्षा तो हो जाएगी की मारते हुए पशु पक्षी व्यक्तियों और फसलों को नया जीवनदान अवश्य मिल जाएगा और हर प्रकार गर्मी उमस पसीने से भी राहत मिल जाएगी अब देखना है कि यह भविष्यवाणी कितना सही कितना गलत होती है वैसे तो हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड से लेकर नेपाल भूटान गोरखपुर बस्ती देवरिया बिहार बंगाल बांग्लादेश पूर्वोत्तर भारत में भारी से बहुत भारी वर्षा होगी लेकिन जौनपुर और आसपास का क्षेत्र ही संदेह और शंका का क्षेत्र बन गया है लेकिन अभी कुछ देर बाद यह शंका भी समाप्त हो जाएगी डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी पर्यावरणविद ज्योतिष शिरोमणि और निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान और विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर और साथ में समस्त विद्वान सदस्यगण*

चांद सी महबूबा हो मेरी तुम,* *ऐसा मैंने सोचा था ।* *हां तुम बिलकुल वैसी हो,* *जैसा मैंने सोचा था ।।*

*चांद सी महबूबा हो मेरी तुम,* 
       *ऐसा मैंने सोचा था ।* 
 *हां तुम बिलकुल वैसी हो,* 
      *जैसा मैंने सोचा था ।।* 
तौबा मेरी तौबा,अब ये पंक्तियां अपनी पत्नी के लिए कभी नहीं गाऊंगा,आज मैंने कसम खाई है, अब पत्नी को चांद नहीं कहूंगा, उसको रानी,महारानी,चंपा,जूही के नामो से संबोधित करूंगा, पर चांद नहीं कहूंगा,क्योंकि किसी ने सही कहा है,दूर के ढोल सुहाने होते हैं,जिस दिन से मेरी पत्नी ने चंद्रयान 3 के भेजे हुए चित्र  टेलीविजन पर देखे हैं,उसी दिन से मेरी आफत बढ़ गई है,पहले जब जब मैंने अपनी पत्नी को चांद कहा,तो वो खुश होकर मेरे लिए विभिन्न प्रकार के पकवान तैयार करती थी,मुझे नहीं मालूम था,उसने चंद्रयान 3 के भेजे हुए चित्र टेलीविजन पर देख लिए हैं,भाई अब नौबत ये आ गई है, पकवान तो छोड़िए,अब चटनी रोटी के भी लाले पड़ गए हैं,पत्नी गुस्से में तमतमाई हुई है,उसका कहना है,तुम मुझे चांद क्यों कहते थे,आज मुझे समझ में आ गया, तुम मुझे पसंद नहीं करते हो इसलिए,तुम मुझे चांद कहते हो,मैं उसे कैसे समझाऊं,इसमें मेरी गलती नहीं है,गलती तो हमारे चंद्रयान विक्रम की है,उसने न जाने कितने प्रेमियों का दिल तोड़ा है,अक्सर प्रेमी अपनी प्रेमिकाओं के लिए गानें की यह पंक्तियां गाया करते थे,चौदहवी का चांद हो,या आफताब हो,जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजवाब हो,अगला गाना जिसको सुनकर प्रेमिकाओं के चेहरों पर मुस्कान आ जाती थी,यह चांद सा रोशन चेहरा जुल्फों का रंग सुनहरा,जब प्रेमी को अपनी प्रेमिका की याद आती थी,तो उसके लबों पर यह गीत अक्सर होता था,चंदा रे चंदा कभी तो ज़मीन पर आ,बैठेंगे बातें करेंगे,मगर आज चंद्रयान-3 विक्रम ने चांद की हकीकत खोल दी,न जाने कितने प्रेमियों का दिल टूटा,न जाने कितनी प्रेमिकाएं है, जो अपने प्रेमियों से नाराज़ हुई होगी, इसलिए कहते हैं,दूर के ढोल सुहाने लगते हैं ।
मेरी पत्नी के गुस्से का आलम यह है,खाना बनाते-बनाते खुद ही बात करती रहेगी और कहती है, बड़े आए,मुझे चांद कहने वाले,वह तो भला हो चंद्रयान-3 का जिसने मेरी आंखों के सामने से,मेरे पति के झूठ का पर्दा हटा दिया,मेरे पति मुझसे कहते थे,तुम बोलो तो तुम्हारे लिए चांद तोड़ कर ले आऊं,मैं ही बेवकूफ थी,जो मैं अपने पति की बातों में आकर खुश हो जाती थी,पति की बातों से ऐसा लगता था,चांद कोई फल है,जिसको हाथ बढ़ाकर तोड़कर जेब में मेरे पतिदेव रख लेंगे,वह तो भला हो टीवी वालों का, जिन्होंने बताया चांद पर पहुंचने के लिए हमारे देश ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं,जिस पर पहुंचने के लिए महीनों लग गए,मेरे पति मुझसे झूठ बोलते थे,तुम बहुत सुंदर हो,तुम बिल्कुल चांद की तरह हो,वह तो भला हो हमारे चंद्रयान 3 का इसने हमें बताया चांद पर गहरे गड्ढे और उबड़ खाबड़ जमीन है,चांद पर ना पानी है,ना सांस लेने के लिए हवा,चारों तरफ गहरे गड्ढे और रेगिस्तान हैं,पेड़ पौधों का नामोनिशान नहीं है,चांद पर ऐसा लगता है,जैसे कोई डरावनी फिल्म का दृश्य हो,चांद के दक्षिणी ध्रुव पर करीब ढाई हजार किलोमीटर चौड़ा और 8 किलोमीटर गहरा गड्ढा है,इतना खतरनाक है,चांद का दक्षिणी ध्रुव और मेरे पति मुझे चांद कहते थे, अब तो मैं रोज अपने पति को तेज़ मिर्च वाली चटनी खिलाऊंगी और बोले मुझे चांद ।
भाई साहब हम भी हिंदुस्तानी है, चटनी खाते रहेंगे,पर यह दुआ करते रहेंगे,अब हम मंगल ग्रह, सूरज पर, हमारे वैज्ञानिक  सैटेलाइट भेजते रहे और चंद्रयान 3 की तरह सफलता अर्जित करते रहे ।
चंद्रयान-3  सफलतापूर्वक चांद की धरती पर उतर गया,हमारे देश भारत ने पूरे विश्व में अपनी सफलता का झंडा फहराया,आप सबको  बधाई चंद्रयान 3 के सफलतापूर्वक चांद पर उतरने की।
 *मैं तुम्हारे चेहरे को* 
 *चांद कह नहीं सकता ।* 
 *चांद की हकीकत को* 
 अब सभी समझते हैं।।
🙏🙏🙏🙏
मोहम्मद जावेद खान 

Wednesday, 23 August 2023

कैसे होगी बदमाशों की निगरानी, पिहानी की तीसरी आंख मोतियाबिंद की शिकारपिहानी की तीसरी आंख खराब: दस लाख रुपए से लगे सीसीटीवी कैमरे बने शोपीस, वारदात होने पर निजी कैमरों का लेना पड़ता है सहारा

 पिहानी को जल्द मिलेगी अर्बन हेल्थ सेंटर सौगात --मुख्य चिकित्सा अधिकारी

 पिहानी (हरदोई)

विशेष संवाददाता - नवनीत कुमार 'राम जी'

 कस्बे के एक लाख से अधिक लोगों को जल्द ही अर्बन पीएचसी की सौगात मिलने वाली है। मोहल्ला मिश्राना में शिब्बू मिश्रा नवनिर्मित भवन में अर्बन पीएचसी खुलेगा। जिसका स्थलीय निरीक्षण बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने किया। इस दौरान सीएमओ ने अस्पताल का भी निरीक्षण किया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर जितेंद्र श्रीवास्तव ने ओपीडी में मरीजों की संख्या अधिक होने व डॉक्टरों की कमी होने पर सीएमओ से डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की मांग की । सीएमओ ने बताया कि अर्बन हेल्थ सेंटर पर ओपीडी से लेकर दवा, टीकाकरण और जांच की यहां व्यवस्था होगी। रोटेशन के आधार पर डाक्टर और नर्स की ड्यूटी लगाई जाएगी। सीएमओ  ने बताया कि विभाग में कर्मचारियों और अधिकारियों की कमी के बावजूद रोटेशन के आधार पर सभी की ड्यूटी लगाई जाएगी। पीएचसी की सभी सुविधाएं अस्पताल में मौजूद रहेगी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि अब नई पीएचसी खुलने से लोगों को और सहूलियत होगी। उन्हें इलाज के लिए लंबी दौड़ नहीं लगानी होगी।  बताया कि अर्बन पीएचसी खोलने का प्रस्ताव एनएचएम को भेजा गया है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को मुफ्त और अच्छा इलाज मिल सके, इस पर जोर दिया जा रहा है।
योजना के तहत 50 हजार की आबादी पर एक अर्बन पीएचसी स्थापित की जाएगी। इनके खुलने से बड़े अस्पतालों में मरीजों की भीड़ भी कम होगी। हर अर्बन पीएचसी पर चार बेड होंगे और डे केयर की सुविधा मरीजों को दी जाएगी। यहां ओपीडी सुबह के साथ-साथ शाम को भी चलेगी। मरीजों को एक रुपये के पर्चे पर चिकित्सीय परामर्श दिया जाएगा। दवाएं मुफ्त में दी जाएंगी। खून के साथ-साथ अन्य पैथोलाजी जांच की सुविधा होगी। बच्चों व महिलाओं के टीकाकरण की भी सुविधा होगी।

 
फोटो परिचय-- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिहानी का निरीक्षण करते सीएमओ व साथ में अधीक्षक डॉक्टर जितेंद्र श्रीवास्तव


: कैसे होगी बदमाशों की निगरानी, पिहानी  की तीसरी आंख मोतियाबिंद की शिकार

पिहानी  की तीसरी आंख खराब: दस लाख रुपए से लगे सीसीटीवी कैमरे बने शोपीस, वारदात होने पर निजी कैमरों का लेना पड़ता है सहारा

पिहानी (हरदोई)

विशेष संवाददाता - नवनीत कुमार 'राम जी'

पिहानी नगर पालिका ने लाखों रुपए खर्च कर नगर में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगवाए, लेकिन कैमरे पूरी तरह खराब हो चुके हैं। जब बात किसी वारदात के बाद सीसीटीवी चेक करने की आती है, तो पुलिस को आम लोगों के घरों पर लगे कैमरों का सहारा लेना पड़ता है। जबकि नगर पालिका ने दस लाख रुपए खर्च कर यह सीसीटीवी कैमरे लगवाए। जिन्हें कहने को तो  5 वर्ष हो गए हैं, लेकिन लगता नहीं है कि वह 1 वर्ष भी सही से चले होंगे। इस समय चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं। कहीं-कहीं तो शो पीस भी नहीं रह गए हैं।

आपको बता दें कि शहर के प्रमुख चौराहों और बाजारों में अपराध नियंत्रण और वारदातों पर अंकुश लगाने के साथ-साथ शहर की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। जिससे आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों की पहचान हो सके और वारदात को अंजाम देकर भागने वाले बदमाशों के फुटेज सीसीटीवी कैमरे में कैद हो सके।

ऐसी सोच के साथ लगभग 5 वर्ष पहले नगर पालिका परिषद ने शहर के प्रमुख चौराहों और बाजारों में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। लेकिन इसे जिम्मेदारों की लापरवाही ही कहा जाएगा कि शहर की निगरानी के लिए लाखों रुपए खर्च कर लगाई गई, तीसरी आंख की रोशनी भ्रष्टाचार के चलते खराब हो गई।

आज तक कैद नहीं हुआ जरूरी फुटेज

शहर के हर चौराहे पर लगे यह सीसीटीवी कैमरे शहर के सुरक्षा तंत्र की मजबूती की गवाही तो दे रहे हैं, लेकिन आम जनता को अनभिज्ञ है कि उनकी सुरक्षा के लिए नगर पालिका ने जो कैमरे लगवाए हैं, वह बेकार है। इसका प्रमुख कारण यह है कि कैमरे लगने के बाद आज तक इन कैमरा में ऐसा कोई फुटेज कैद नहीं हुआ। जिससे पुलिस को अपराधी तक पहुंचने का सुराग हाथ लगा हो।

इन जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे

अपराध नियंत्रण एंव शहर की निगरानी के लिए शहर के प्रमुख चौराहों और रास्तों सीसटीवी कैमरे लगवाए थे। यह कैमरे बंदर पार्क, पुरानी पुलिस चौकी ,जामा मस्जिद, रौजा गेट,गौपामऊ चुंगी, कस्बा पुलिस चौकी, कंजड तिराहा, बस स्टैंड आदि स्थानों पर लगवाए थे।

पुलिस को लेना पड़ता है निजी कैमरों का सहारा

नगर के प्रमुख चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे देखने से तो ऐसा लगता है, जैसे हर घटना को यह कैद कर रहे हो पर जब कोई वारदात होती है। तब पता लगता है कि नगर पालिका ने लगाए सभी कैमरे खराब हो चुके हैं।कुछ दिन पूर्व हुई वारदात में पुलिस को निजी कैमरों का सहारा लेना पड़ा था, यदि नगरपालिका के कैमरे सही होते तो सभी अपराधियों के चेहरे बहुत आसानी से कैद हो चुके होते।

जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने त्रिदिवसीय प्रदर्शनी का किया शुभारंभ।⏩ विवादों में घिरे ब्लॉक बाबू का हुआ तबादला, ऊंचाहार में थे तैनात।⏩ रायबरेली जेल में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन।⏩ अश्लील हरकत करने वाले युवक को पुलिस ने दबोचा, नसीराबाद का मामला।

✍🏻 *Aum  TV न्यूज़........*

जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने त्रिदिवसीय प्रदर्शनी का किया शुभारंभ।
⏩ विवादों में घिरे ब्लॉक बाबू का हुआ तबादला, ऊंचाहार में थे तैनात।
⏩ रायबरेली जेल में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन।
⏩ अश्लील हरकत करने वाले युवक को पुलिस ने दबोचा, नसीराबाद का मामला।
⏩ रायबरेली के सत्य संतोष विहार कॉलोनी कन्नावा में हुआ रुद्राभिषेक।
⏩ हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास द्वारा सपा प्रमुख अखिलेश पर की गई टिप्पणी पर सपाई खफा।
⏩ जमोलिया गांव ने निभाई अखाड़े की परंपरा, पहलवानों ने की जोर आजमाइश।
⏩ महराजगंज क्षेत्र में नाग पंचमी पर शिव मंदिरों में भक्तों का लगा रहा तांता।
⏩ एनएसपीएस सलेथू में हर्षोल्लास से मनाया गया नाग पंचमी का त्यौहार।
⏩ बुधवार को यानी आज परिषदीय स्कूलों के छात्र देखें चंद्रयान-3 के उतरने का प्रसारण।
⏩ युवक ने नाबालिक के साथ की छेड़छाड़, नसीराबाद का मामला।
⏩ फिजिकल फिटनेस और फाइटिंग स्पिरिट शो का माध्यम है नाग पंचमी का त्यौहार-आशुतोष प्रताप सिंह।
⏩ लोक संस्कृति का जीवंत रूप है गुड़िया का त्यौहार-रितेश चौहान।
⏩ ताइक्वांडो के खिलाड़ियों ने हैरतंगेज प्रदर्शन से जीता सभी का दिल।
⏩ नाग पंचमी के दिन घर व मंदिरों में हुआ रुद्राभिषेक, अर्पित किया दूध व लावा।
⏩ विद्युत कटौती व विद्युत बिलों में हो रही धांजलि को लेकर सपाइयों ने उप जिलाधिकारी महराजगंज को सोपा ज्ञापन।
⏩ प्रधान व बीडीसी एवं वार्ड सदस्यों के लिए हुआ नामांकन।

*

*महराजगंज/रायबरेली/उत्तर प्रदेश*

Tuesday, 22 August 2023

गुमनाम नायक: मातृभूमि के लिए मुस्लिम सैनिकों के बलिदान की गाथा*

*गुमनाम नायक: मातृभूमि के लिए मुस्लिम सैनिकों के बलिदान की गाथा*

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने हालिया "मन की बात" संबोधन में 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान की घोषणा की, जिसके माध्यम से पूरे देश में शहीद वीरों को सम्मानित और याद किया जाएगा। 'अमृत मोहत्सव' की शानदार  अवसर और आगामी 15 अगस्त की पृष्ठभूमि में, प्रधान मंत्री ने 'मेरी माटी मेरा देश' नामक एक महत्वपूर्ण राष्ट्रव्यापी प्रयास की शुरुआत की घोषणा की, जिसमें पूरे विस्तार में विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों की सतर्कतापूर्वक व्यवस्था की जाएगी जो भारत राष्ट्र, की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वालों द्वारा प्रदर्शित अदम्य भावना और अटूट समर्पण के प्रमाण के रूप में रहेगा। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए, "इन विभूतियों की स्मृति में देश भर की लाखों ग्राम पंचायतों में विशेष शिलालेख स्थापित किये जायेंगे।"
यह प्रयास दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई में शहीद हुए मुस्लिम सैनिकों के बलिदान पर भी प्रकाश डालेगा। अन्य लोगों की तरह, मुस्लिम सैनिकों का सम्मान करना उन लोगों के चेहरे पर तमाचा होगा जो उनकी देशभक्ति, राष्ट्रवाद और अपनी मातृभूमि के सम्मान के लिए दिए गए बलिदान की निंदा करते हैं। ऐसे चरमपंथी तत्व हैं जो जानबूझकर मुस्लिम सैनिकों के बलिदान की उपेक्षा करते हैं जबकि उन मुस्लिम युवाओं को मनोवैज्ञानिक क्षति पहुंचाते हैं जो सशस्त्र बलों में सेवा करने की इच्छा रखते हैं। भारतीय सेना में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व कम है। यह जरूरी है कि मुस्लिम बहादुरों की शहादत को अन्य सैनिकों की तरह सम्मानित किया जाए और इसे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बनाया जाए ताकि भारतीय मुसलमानों की राष्ट्रीयता पर सवाल उठाते हुए नुकसान पहुंचाने वाली विभाजनकारी ताकतों का मुकाबला किया जा सके और उन्हें शक्तिहीन किया जा सके। कश्मीर क्षेत्र से आने वाले 22 वर्षीय भारतीय सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फ़ैयाज़ जैसे सैनिक ध्यान आकर्षित करते हैं। वह जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में एक पारिवारिक शादी में शामिल होने के लिए अस्थायी छुट्टी पर थे, जब वह एक घृणित कृत्य का शिकार हो गए। रिपोर्टों से पता चलता है कि उन्हें पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी संगठनों, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े छह आतंकवादियों के एक समूह द्वारा उनके एक रिश्तेदार के घर से जबरन ले जाया गया और वहीं करीब में ही बेरहमी से मार डाला गया। इसके बाद, उनके निर्जीव शरीर को शोपियां में मुख्य सार्वजनिक सड़क पर बेरहमी से फेंक दिया गया। इसी तरह, उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारत की अखंडता, सम्मान और सुरक्षा के लिए लड़ते हुए अकेले 31 मुस्लिम पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं।
ऐसे और भी कई गुमनाम मुस्लिम सैनिक हैं जिन्होंने भारत की सीमाओं पर लड़ते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं, जिनकी शहादत को अवश्य ही सम्मानित किया जाए ताकि नई पीढ़ी बलिदानियों पर गर्व महसूस करे। साथ ही जब उन्हें सम्मानित किया जाता है और याद किया जाता है तो अगली पीढ़ी को भी वर्दी में सेवा के लिए तैयार किया जाता है। यह पहल प्रशंसनीय है; गांवों और कस्बों में उन शहीदों के स्मारक विभाजन के बादलों को सुखाने में मदद करेंगे और एकीकृत भारत के निर्माण में समान योगदान को प्रतिबिंबित करेंगे।
फरहत अली खान
एम ए गोल्ड मेडलिस्ट

Sunday, 20 August 2023

अब इसे संयोग कहेंगे या करपात्री जी महाराज का श्राप कि इंद्रा का शरीर ठीक गोपाष्टमी के दिन उसी प्रकार गोलियों से चालनी हुआ जैसे करपात्री जी महाराज ने श्राप दिया था और अब नरेंद्र दामोदर दास मोदी के रूप में वह तपस्वी भी मौजूद है जो कांग्रेस का विनाश कर रहा है और जिसका खुला आव्हान है "कांग्रेस मुक्त भारत"।

[8/20, 3:42 PM] : सीआईए के गुप्त दस्तावेजों से खुलासा होता है कि एक तरफ जॉन केनेडी, अमेरिका के राष्ट्रपति जहां लोकतांत्रिक भारत को साम्यवादी चीन के मुकाबले परमाणु शक्ति सम्पन्न देश बनाना चाहते थे, तो दूसरी तरफ वामपंथी सोच रखने वाले पंडित नेहरु इसे लेकर जरा भी गंभीर नही थे।

नवंबर 1961 में प्रधानमंत्री नेहरू अमेरिका गये। नेहरू अपने साथ बेटी इंदिरा और अपने एक अन्य भाई ब्रजकुमार नेहरू को साथ ले गए, जिन्हें अमेरिका में भारत के नए राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया था।

गिलबर्थ (केनेडी व नेहरू के साथ बैठक में मौजूद व भारत मे तत्कालीन अमेरिकी राजदूत) ने अपनी डायरी में लिखा है कि नेहरू केनेडी के साथ बातचीत में किसी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त नही कर रहे थे। प्रश्न दर प्रश्न वह एक दो शब्द या वाक्य बोलते थे। राष्ट्रपति केनेडी नेहरू के इस आचरण से बेहद निराश हुए। बाद में केनेडी ने गिलबर्थ से कहा कि उनके कार्यकाल में इससे बुरा दौरा किसी भी राष्ट्राध्यक्ष का नहीं रहा।

शीत युद्ध के दौर में जब नेहरू की पूरी विदेश नीति गुट निरपेक्षता की आड़ लेकर साम्यवादी दुनिया के पक्ष में दिख रही थी और जब नेहरू सोवियत संघ व चीन, दोनों के ही द्वारा विश्वासघात के शिकार हुए, उस वक्त अमेरिका का एक राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी अपने देश में विरोध झेलकर और अपने परंपरागत मित्र पाकिस्तान को अंधेरे में रखकर भारत को परमाणु शक्ति, सैन्य व आर्थिक रूप से मजबूत करने का निजी प्रयास कर रहा था। इसी कारण जॉन एफ केनेडी ने एक बार भारत का दौरा किया था किंतु नेहरू जी ने सोवियत संघ और चीन के साथ अपनी नजदीकियों को ऊपर रखते हुए जॉन एफ कैनेडी के प्रयासों को महत्वपूर्ण नहीं माना।

जब भारत पर चीनी हमले का गंभीर खतरा मंडरा रहा था, उस समय भारत के प्रधानमंत्री पंचशील सिद्धांतों के क्रियान्वयन के दिवास्वप्न में डूबे हुए थे जो उनकी रणनीतिक सूझबूझ की सफलता का तथ्यगत उदाहरण है।

यहीं कारण है कि अमेरिकी राष्ट्रपति यह कहने तक पर मजबूर हुए कि उनके पूरे कार्यकाल में नेहरू के साथ हुई बैठक से खराब बैठक कभी नही हुई।

महाराजा रसगोत्रा ने लिखा है, "एक बात तो सत्य है कि भारत जॉन एफ केनेडी के परमाणु परीक्षण करने के प्रस्ताव को यदि मान लेता तो चीन 1962 में भारत पर हमले की बात स्वप्न में भी नही सोच सकता था।"

संदर्भ स्रोत: द सीआईए एंड द सिन्यो-इंडियन वार: ब्रुस राइडेल, हार्पर कॉलिन्स पब्लिशर्स।

चित्र: पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा जॉन एफ कैनेडी के सम्मान में दिए गये राजकीय भोज की तस्वीरें।



[8/20, 3:42 PM] +: विश्व इतिहास में एकलौती सच्ची "अमर प्रेम" कथा

हमने सुनी कहानी थी "हाड़ी रानी"

"सिसोदिया कुलभूषण, क्षत्रिय शिरोमणि महाराणा राजसिंह को रूपनगर की राजकुमारी का प्रणाम। महाराज को विदित हो कि मुगल औरंगजेब ने मुझसे विवाह का आदेश भेजा है। आप वर्तमान समय में क्षत्रियों के सर्वमान्य नायक हैं। आप बताएं, क्या पवित्र कुल की यह कन्या उसका वरण करे? क्या एक राजहंसिनी एक गिद्ध के साथ जाए?

महाराज! मैं आपसे अपने पाणिग्रहण का निवेदन करती हूँ। मुझे स्वीकार करना या अस्वीकार करना आपके ऊपर है, पर मैंने आपको पति रूप में स्वीकार कर लिया है। अब मेरी रक्षा का भार आपके ऊपर है। आप यदि समय से मेरी रक्षा के लिए न आये तो मुझे आत्महत्या करनी होगी। अब आपकी..."

मेवाड़ की राजसभा में रूपनगर के राजपुरोहित ने जब पत्र को पढ़ कर समाप्त किया तो जाने कैसे सभासदों की कमर में बंधी सैकड़ों तलवारें खनखना उठीं।

महाराज राजसिंह अब प्रौढ़ हो चुके थे। अब विवाह की न आयु बची थी न इच्छा, किन्तु राजकुमारी के निवेदन को अस्वीकार करना भी सम्भव नहीं था। वह प्रत्येक निर्बल की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझने वाले राजपूतों की सभा थी। वह अपनी प्रतिष्ठा के लिए सैकड़ों बार शीश चढ़ाने वाले क्षत्रियों की सभा थी। फिर एक क्षत्रिय बालिका के इस समर्पण भरे निवेदन को अस्वीकार करना कहाँ सम्भव था! पर विवाह...? महाराणा चिंतित हुए।

महाराणा मौन थे पर राजसभा मुखर थी। सब ने सामूहिक स्वर में कहा, "राजकुमारी की प्रतिष्ठा की रक्षा करनी ही होगी महाराज! अन्यथा यह राजसभा भविष्य के सामने सदैव अपराधी बनी कायरों की भाँती खड़ी रहेगी। हमें रूपनगर कूच करना ही होगा।"

महाराणा ने कुछ देर सोचने के बाद कहा, "हम सभासदों की भावना का सम्मान करते हैं। राजकुमारी की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है, और हम अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटेंगे। राजकुमारी की रक्षा के लिए आगे आने का सीधा अर्थ है औरंगजेब से युद्ध करना, सो सभी सरदारों को युद्ध के लिए तैयार होने का सन्देश भेज दिया जाय। हम कल ही रूपनगर के लिए कूच करेंगे।"

महाराणा रूपनगर के लिए निकले, और इधर औरंगजेब की सेना उदयपुर के लिए निकली। युद्ध अब अवश्यम्भावी था।

सलूम्बर के सरदार रतन सिंह चुण्डावत के यहाँ जब महाराणा का संदेश पहुँचा, तब रतन सिंह घर की स्त्रियों के बीच नवविवाहिता पत्नी के साथ बैठे विवाह के बाद चलने वाले मनोरंजक खेल खेल रहे थे। उनके विवाह को अभी कुल छह दिन हुए थे। उन्होंने जब महाराणा का सन्देश पढ़ा तो काँप उठे। औरंगजेब से युद्ध का अर्थ आत्मोत्सर्ग था, यह वे खूब समझ रहे थे। खेल रुक गया, स्त्रियाँ अपने अपने कक्षों में चली गईं। सरदार रतन सिंह की आँखों के आगे पत्नी का सुंदर मुखड़ा नाचने लगा। उनकी पत्नी बूंदी के हाड़ा सरदारों की बेटी थी, अद्भुत सौंदर्य की मालकिन...


प्रातः काल मे मेघों की ओट में छिपे सूर्य की उलझी हुई किरणों जैसी सुंदर केशराशि, पूर्णिमा के चन्द्र जैसा चमकता ललाट, दही से भरे मिट्टी के कलशों जैसे कपोल, अरुई के पत्ते पर ठहरी जल की दो बड़ी बड़ी बूंदों सी आँखे, और उनकी रक्षा को खड़ी आल्हा और ऊदल की दो तलवारों सी भौहें, प्रयागराज में गले मिल रही गङ्गा यमुना की धाराओं की तरह लिपटे दो अधर, नाचते चाक पर कुम्हार के हाथ में खेलती कच्ची सुराही सी गर्दन... ईश्वर ने हाड़ी रानी को जैसे पूरी श्रद्धा से बनाया था। सरदार उन्हें भूल कर युद्ध को कैसे जाता?

रतन सिंह ने दूत को विश्राम करने के लिए कहा और पत्नी के कक्ष में आये। सप्ताह भर पूर्व वधु बन कर आई हाड़ी रानी से महाराणा का संदेश बताते समय बार बार काँप उठते थे रतन सिंह, पर रानी के चेहरे की चमक बढ़ती जाती थी। पूरा सन्देश सुनने के बाद सोलह वर्ष की हाड़ा राजकुमारी ने कहा, "किसी क्षत्राणी के लिए सबसे सौभाग्य का दिन वही होता है जब वह अपने हाथों से अपने पति के मस्तक पर तिलक लगा कर उन्हें युद्ध भूमि में भेजती है। मैं सौभाग्यशाली हूँ जो विवाह के सप्ताह भर के अंदर ही मुझे यह महान अवसर प्राप्त हो रहा है। निकलने की तैयारी कीजिये सरदार! मैं यहाँ आपकी विजय के लिए प्रार्थना और आपकी वापसी की प्रतीक्षा करूंगी।"

रतन सिंह ने उदास शब्दों में कहा, "आपको छोड़ कर जाने की इच्छा नहीं हो रही है। युद्ध क्षेत्र में भी आपकी बड़ी याद आएगी! सोचता हूँ, मेरे बिना आप कैसे रहेंगी।"

रानी का मस्तक गर्व से चमक उठा था। कहा, "मेरी चिन्ता न कीजिये स्वामी! अपने कर्तव्य की ओर देखिये। मैं वैसे ही रहूंगी जैसे अन्य योद्धाओं की पत्नियाँ रहेंगी। और फिर कितने दिनों की बात ही है, युद्ध के बाद तो पुनः आप मेरे ही संग होंगे न!"

रतन सिंह ने कोई उत्तर नहीं दिया। वे अपनी टुकड़ी को निर्देश देने और युद्ध के लिए  कूच करने की तैयारी में लग गए। अगली सुबह प्रस्थान के समय जब रानी ने उन्हें तिलक लगाया तो रतन सिंह ने अनायास ही पत्नी को गले लगा लिया। दोनों मुस्कुराए, फिर रतन सिंह निकल गए।

तीसरे दिन युद्ध भूमि से एक दूत रतन सिंह का पत्र लेकर सलूम्बर पहुँचा। पत्र हाड़ी रानी के लिए था। लिखा था,

"आज हमारी सेना युद्ध के पूरी तरह तैयार खड़ी है। सम्भव है दूसरे या तीसरे दिन औरंगजेब की सेना से भेंट हो जाय। महाराणा रूपनगर गए हैं सो उनकी अनुपस्थिति में राज्य की रक्षा हमारे ही जिम्मे है। आपका मुखड़ा पल भर के लिए भी आँखों से ओझल नहीं होता है। आपके निकट था तो कह नहीं पाया, अभी आपसे दूर हूँ तो बिना कहे रहा नहीं जा रहा है। मैं आपसे बहुत प्रेम करता हूँ। आपका, सरदार रतन सिंह चूंडावत।"

रानी पत्र पढ़ कर मुस्कुरा उठीं। किसी से स्वयं के लिए यह सुनना कि "मैं आपको बहुत प्रेम करता हूँ" भाँग से भी अधिक मता देता है। रानी ने उत्तर देने के लिए कागज उठाया और बस इतना ही लिखा, "आपकी और केवल आपकी..."

पत्रवाहक उत्तर ले कर चला गया। दो दिन के बाद पुनः पत्रवाहक रानी के लिए पत्र ले कर आया। इसबार रतन सिंह ने लिखा था, "उस दिन के आपके पत्र ने मदहोश कर दिया है। लगता है जैसे मैं आपके पास ही हूँ। हमारी तलवार मुगल सैनिकों के सरों की प्रतीक्षा कर रही है। कल राजकुमारी का महाराणा के साथ विवाह है। औरंगजेब की सेना भी कल तक पहुँच जाएगी। औरंगजेब भड़का हुआ है, सो युद्ध भयानक होगा। मुझे स्वयं की चिन्ता नहीं, केवल आपकी चिन्ता सताती है।"

रानी ने पत्र पढ़ा, पर मुस्कुरा न सकीं। आज उन्होंने कोई उत्तर भी नहीं भेजा। पत्रवाहक लौट गया। अगले दिन सन्ध्या के समय पत्रवाहक पुनः पत्र लेकर उपस्थित था। रानी ने उदास हो कर पत्र खोला। लिखा था, "औरंगजेब की सेना पहुँच चुकी। प्रातः काल मे ही युद्ध प्रारम्भ हो जाएगा। मैं वापस लौटूंगा या नहीं, यह अब नियति ही जानती है। अब शायद पत्र लिखने का मौका न मिले,सो आज पुनः कहता हूँ, मैंने अपने जीवन मे सबसे अधिक प्रेम आपसे ही किया है। सोचता हूँ, यदि युद्ध में मैं वीरगति प्राप्त कर लूँ तो आपका क्या होगा। एक बात पूछूँ, यदि मैं न रहा तो क्या आप मुझे भूल जाएंगी? आपका, रतन सिंह।"

हाड़ा रानी गम्भीर हुईं। वे समझ चुकीं थीं कि रतन सिंह उनके मोह में फँस कर अपने कर्तव्य से दूर हो रहे हैं। उन्होंने पल भर में ही अपना कर्तव्य निश्चित कर लिया। उन्होंने सरदार रतन सिंह के नाम एक पत्र लिखा, फिर पत्रवाहक को अपने पास बुलवाया। पत्रवाहक ने जब रानी का मुख देखा तो काँप उठा। शरीर का सारा रक्त जैसे रानी के मुख पर चढ़ आया था, केश हवा में ऐसे उड़ रहे थे जैसे आंधी चल रही हो। सोलह वर्ष की लड़की जैसे साक्षात दुर्गा लग रही थी। उन्होंने गम्भीर स्वर में पत्रवाहक से कहा, "मेरा एक कार्य करोगे भइया?"

पत्रवाहक के हाथ अनायास ही जुड़ गए थे। कहा, "आदेश करो बहन।"

"मेरा यह पत्र और एक वस्तु सरदार तक पहुँचा दीजिये।"

पत्रवाहक ने हाँ में सर हिलाया। रानी ने आगे बढ़ कर एक झटके से उसकी कमर से तलवार खींच ली, और एक भरपूर हाथ अपनी ही गर्दन पर चलाया। हाड़ी रानी का शीश कट कर दूर जा गिरा। पत्रवाहक भय से चिल्ला उठा, उसके रोंगटे खड़े गए थे।

अगले दिन पत्रवाहक सीधे युद्धभूमि में रतन सिंह के पास पहुँचा और हाड़ी रानी की पोटली दी। रतन सिंह ने मुस्कुराते हुए लकड़ी का वह डब्बा खोला, पर खुलते ही चिल्ला उठे। डब्बे में रानी का कटा हुआ शीश रखा था। सरदार ने जलती हुई आँखों से पत्रवाहक को देखा, तो उसने उनकी ओर रानी का पत्र बढ़ा दिया। रतन सिंह ने पत्र खोल कर देखा। लिखा था,

"सरदार रतन सिंह के चरणों में उनकी रानी का प्रणाम। आप शायद भूल रहे थे कि मैं आपकी प्रेयसी नहीं पत्नी हूँ। हमने पवित्र अग्नि को साक्षी मान कर फेरे लिए थे सो मैं केवल इस जीवन भर के लिए ही नहीं, अगले सात जन्मों तक के लिए आपकी और केवल आपकी ही हूँ। मेरी चिन्ता आपको आपके कर्तव्य से दूर कर रही थी, इसलिए मैं स्वयं आपसे दूर जा रही हूँ। वहाँ स्वर्ग में बैठ कर आपकी प्रतीक्षा करूँगी। रूपनगर की राजकुमारी के सम्मान की रक्षा आपका प्रथम कर्तव्य है, उसके बाद हम यहाँ मिलेंगे। एक बात कहूँ सरदार? मैंने भी आपसे बहुत प्रेम किया है। उतना, जितना किसी ने न किया होगा।"

रतन सिंह की आँखों से अश्रुधारा बहने लगी। वे कुछ समय तक तड़पते रहे, फिर जाने क्यों मुस्कुरा उठे। उनका मस्तक ऊँचा हो गया था, उनकी छाती चौड़ी हो गयी थी। उसके बाद तो जैसे समय भी ठहर कर रतन सिंह की तलवार की धार देखता रहा था। तीन दिन तक चले युद्ध में राजपूतों की सेना विजयी हुई थी, और इस युद्ध मे सबसे अधिक रक्त सरदार रतन सिंह की तलवार ने ही पिया था। वह अंतिम सांस तक लड़ा था। जब जब शत्रु के शस्त्र उसका शरीर छूते, वह मुस्कुरा उठता था। एक एक करके उसके अंग कटते गए, और अंत मे वह अमर हुआ।

रूपनगर की राजकुमारी मेवाड़ की छोटी रानी बन कर पूरी प्रतिष्ठा के साथ उदयपुर में उतर चुकी थीं। राजपूत युद्ध भले अनेक बार हारे हों, प्रतिष्ठा कभी नहीं हारे। राजकुमारी की प्रतिष्ठा भी अमर हुई।

महाराणा राजसिंह और राजकुमारी रूपवती के प्रेम की कहानी मुझे ज्ञात नहीं। मुझे तो हाड़ी रानी का मूल नाम भी नहीं पता। हाँ! यह देश हाड़ा सरदारों की उस सोलह वर्ष की बेटी का ऋणी है, यह जानता हूँ मैं।

नमन कोटिश:नमन!



[8/20, 3:43 PM] +: जालसाजो ,ठग और धोखेबाजो Ecosystem पर मोदी सरकार की तगड़ी चोट, वह भी बिना पानी पिलाए. 

केन्द्र सरकार ने येसे "52 लाख" फोन नंबरों को, बंद किया है. जिन्होंने जाली कागज के आधार पर नंबर लिए थे !! 67,000 येसे डीलर प्रतिबंधित किए गए हैं जिन्होंने एसे सिम कार्ड बाँटे इनमें से 300 प्राथमिकियाँ रजिस्टर की गई हैं, और 66,000 WhatsApp 'अकाउंट ब्लॉक' किए गए हैं. इनमें से संभवतः जामताडा और मेवात के हजारों "सायबर फ्रॉड" वाले लोग भी होंगे. सरकार की यह कार्रवाई देश की सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. आप लोग सोचिए कि '52 लाख' नंबरों से किस स्तर का फ्रॉड चल रहा होगा, व देश विरोधी Propaganda चल रहे होंगे और पुलिस द्वारा ऐसे लोगों तक पहुँचना कितना दुष्कर होता होगा, क्योंकि इस तरह के लोग, केवल एक फोन नहीं, बल्कि कई फोन और कई नंबर प्रयोग करते होंगे. 

इन लोगों तक 'पहुँचने में' सरकार को काफी समय लगा होगा. इस कार्रवाई से उनका Ecosystem हिला हुआ है और उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि हर तरफ़ से उन्हें चोट किया जा रहा है. नूँह-मेवात हो या जामताड़ा, बिना 'संरक्षण' के ये सब नहीं हो सकता. इसलिए भी उन लोगों में बौखलाहट ज़्यादा है...

आप सोचीये की जामताड़ा मेवात और नूंह में कौन हो गए ऐसा करने वाले

आपको तो बस बिना सोचे समझे बिना अपने बुद्धि का उपयोग किए हुए एक ही शब्द कहना है

मोदी तो मौलाना है जी




[8/20, 3:43 PM]  साल 1915-1920 के दौरान अंडमान की सेल्युलर जेल में जिसे काला पानी कहा जाता था वहां भविष्य के हिन्दू महासभा के दो अध्यक्ष एक साथ उम्र कैद काट रहे थे ......

इनमें पहला नाम विनायक दामोदर सावरकर का था जो 50 साल की सजा लिए काला पानी में 1910-11 से थे और दूसरा नाम था भाई परमानंद का जो आगे चल कर 1933 में हिन्दू महासभा के अध्यक्ष चुने गए ...!

तो वीर सावरकर के बारे में तो हम फिर थोड़ा बहुत जानते हैं लेकिन 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हमें एक बार भाई परमानंद का जीवन उठा कर देखना चाहिए ....

औरंगजेब के खिलाफ दिल्ली के चंदनी चौक में गुरू तेगबहादुर जी के साथ बलिदान देने वाले भाई मतिदास जी की गौरवशाली वंश परंपरा में झेलम जिले के ब्राह्मण परिवार में भाई परमानंद का जन्म हुआ। वो बचपन से ही आर्य समाज के संपर्क में आ गए। आर्य समाज का प्रचार करने के लिए 1905 में दक्षिण अफ्रीका गए जहां गांधी जी से मिले और वहां से बाद में लंदन में चले गए जहां उनका संपर्क इंडिया हाउस में विनायक दामोदर सावरकर और उनके साथी लाला हरदयाल से हुआ। दो साल बाद अंग्रेजों ने वीर सावरकर को 50 साल की सजा देकर काला पानी भेज दिया लेकिन लाला हरदयाल और भाई परमानंद अमेरिका चले गए जहां उन्होंने गदर पार्टी की शुरूआत की ....!


1913 में वो भारत लौटे और पैशावर में गदर पार्टी के भविष्य के विद्रोह के लिए काम शुरू कर दिया। करतार सिंह सराबा, विष्णु गणेश पिंगले को साथ जोड़कर उन्होंने पैशावर में विद्रोह की योजना रची लेकिन विस्फोट से ठीक पहले 25 फरवरी 1915 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। करतार सिंह सराबा (जिन्हें भगत सिंह अपना आदर्श मानते थे) और विष्णु गणेश पिंगले को फांसी की सजा दी गई लेकिन भाई परमानंद को उम्र कैद देकर काला पानी भेज दिया गया। वैसे ही जैसे मदन लाल ढींगरा को फांसी हुई लेकिन सावरकर को दो उम्र कैद देकर काला पानी भेज दिया गया तो इस तरह 1915-20 तक भाई परमानंद काला पानी में रखा गया जहां के अपने अनुभवों पर उन्होंने एक किताब मेरी आपबीती लिखी ....!

यहां उनके पुराने नेता वीर सावरकर पहले से थे। 1920 में दोनों वीर सावरकर और भाई परमानंद काला पानी से रिहा हुए जिसके बाद सावरकर को 1937 तक रत्नागिरी में नजरबंदी में रखा गया इधर भाई परमानंद वापस लाहौर चले गए जहां लाला लाजपत राय ने उन्हें अपने नेशनल कॉलिज के कमान सौंप दी। इसी कालेज के पढ़ने वाले छात्रों भगत सिंह और सुखदेव ने आगे चलकर लाला लाजपत राय की मौत का बदला लिया ...! 

1909 में लाला लाजपत राय को लिख पत्र में भाई परमानंद ने लिखा कि अगर सिंध से पश्चिमी क्षेत्र की स्थिति नहीं सुधरी तो हिन्दुओं को निकाल कर यहां इस्लामिक देश बन जाएगा .....

बिल्कुल ये ही बात 1924 में लाला हरदयाल ने अपने दो पत्रों में लिखी। 1930 में ही उन्होंने यह भविष्यवाणी कर दी थी कि मुस्लिम नेताओं का अन्तिम उद्देश्य मातृभूमि का विभाजन कर पाकिस्तान का निर्माण करना है। उन्होंने जनता से अपील की कि कांग्रेसी नेताओं पर विश्वास न करो, ये किसी दिन विश्वासघात कर देश का विभाजन करायेंगे ....! 

आगे चलकर 1930 के दशक में भाई परमानंद कांग्रेस की तुष्टिकरणवादी राजनीतिक के मुखर आलोचक हो गए और 1933 में हिन्दू महासभा के अध्यक्ष चुने गए जिसका आगे चलकर 1937 में वीर सावरकर ने नेतृत्व किया। बाद में बता दिया गया कि विभाजन की बात सबसे पहले सावरकर ने 1937 में की थी जबकि उसका भविष्यवाणी भाई परमानंद 1909 में ही कर चुके थे और इसके बाद 1947 विभाजन की त्रासदी देखने और अपने शहर कस्बों को भारत से कटकर पाकिस्तान बनता देखते हुए उसी दुख में उनका स्वर्गवास हो गया। उनके बेटे भाई महावीर आगे चलकर जनसंघ से सांसद चुने गए लेकिन सावरकर या उनके परिवार से जुड़ा कोई व्यक्ति राजनीति में नहीं आया लेकिन उनका चित्र जरूर कांग्रेसी चित्कारों और विरोध के बावजूद संसद भवन में लगाया गया ....!

इस तरह हिन्दू महासभा के दो अध्यक्ष एक समय में एक साथ काला पानी में कोल्हू चलाने की निर्मम सजा काट रहे थे। इनमें वीर सावरकर के बड़े भाई गणेश सावरकर का नाम औऱ जोड़ लें तो ये तीन हो जाते हैं ....!

फिर 70 साल बता दिया कि हिन्दू राष्ट्रवादियों का स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं है
असली आजादी की लड़ाई उन्होंने लड़ी जिन्होंने इलाहाबाद की नैनी की जेल में घर का पका खाना खाया और पुणे अगा खां महल में नजरबंदी काटी ....

 “एक शब्द में इतना कह देना जरूरी है कि पंजाब में खालसा राज्य स्थापित करके सीमा-प्रान्त की तमाम पठान जातियों को अपने अधीन करना और अफ़गानिस्तान के पठानों को कई बार हरा देना, जो कि हमारी जाति के इतिहास में अचम्भा समझा जाता है, जाट जाति के वीरों का ही काम था। इस देश में क्षत्रिय के कर्त्तव्य का जाटों ने किसी से कम पालन नहीं किया है ...!”

भाई परमानंद

(तस्वीर में वीर सावरकर के साथ भाई परमानंद हैं)



 नोट_""जैसे कोई हिंदू मदरसे में नहीं पढ़ा सकता, वैसे ही कोई मुसलमान  परम्परागत विश्वविद्यालय में नहीं पढ़ा सकता""

श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय भारत की राजधानी दिल्ली स्थित एक विश्वविद्यालय है। वर्तमान कुलपति प्रोफेसर मुरली मनोहर पाठक हैं। 👆इनके द्वारा लिया गया मूर्खता पूर्ण निर्णय भारत विरोधी हिन्दु राष्ट्रविरोधी सनातन की परम्परा को कलंकित करने वाला काला कलुषित निर्णय।

श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय भारत की राजधानी दिल्ली स्थित एक परम्परागत संस्कृत  विश्वविद्यालय है। जिसमे  संस्कृत शिक्षा विभाग मुस्लिम यासीन खान की नियुक्ति सहायक अध्यापक पद पर की गयी है यह एक कलुषित मूर्खता वाला निर्णय कुलपति के द्वारा लिया गया है ।
यह निर्णय ऋषि परम्परा के साथ घोर अपराध है क्षमा करने योग्य नही है ।
संस्कृत शिक्षा विभाग में यासीन खान किस मानसिक्ता के साथ हिन्दु सनातन परम्परा के छात्रों को ज्ञान देगी । क्यों संस्कृत शिक्षा विभाग छात्रों को राष्ट्रवादी सर्वांगीण विकास के लिए संस्कृत साहित्य के उद्धरण देने पड़ेंगे तब मुस्लिम यासीन खान के धर्म में तो सारे संस्कृत साहित्य का नाम लेना ही ☪️"""हराम""" ☪️है यहाँ तक कि भारत माता या बन्दे मातरम कहना तक हराम है तब कक्षा में उद्धरण देने कुलपति जी आइगें जब ""यासीन खान""  छात्रों को पढ़ा रही होंगी ।

कुलपति जी यह सुन लो "एक मुस्लिम हमें हमारा धर्म नहीं सिखा सकता हमारे धर्म शास्त्रों के उद्धरण नही दे सकता ""  क्योंकि उनके यहाँ सब हराम है क्या यह गोरखपुर में पहले नही सुना था। यह कदापि सहन नही होगा यह तो सनातन संस्कृति की कमर तोड़ना रीढ़ की हड्डी तोड़ने वाला कलुषित निर्णय है ।
 
जैसे कोई हिंदू मदरसे में नहीं पढ़ा सकता, वैसे ही कोई मुसलमान गुरुकुल में नहीं पढ़ा सकता क्योकि ८०/ छात्र गुरुकुल से विश्वविद्यालय में पढ़ने आते है आप सनातनी छात्र को मुस्लिम मानसिक्ता वाली यासीन खान से गुरुकुल के छात्रों को शिक्षित कराना चाहते भारत को फिर से मुस्लिम मानसिक्ता थोपना चाहते हो ।


जैसे कोई हिंदू मदरसे में नहीं पढ़ा सकता, वैसे ही कोई मुसलमान गुरुकुल में नहीं पढ़ा सकता। यह परम्परागत विश्वविद्यालय है।  किसी गैर-हिन्दू को प्रवेश की अनुमति नहीं देता है।

हमारा गुरुकुल गुरु-शिष्य परंपरा का पालन करता है, जहां हम अपने गुरु के पैर छूते हैं और हवन में भाग लेते हैं। हम सहायक अध्यापक यासीन खान के पैर नहीं छू सकते । क्योंकि वह एक मुस्लिम हैं। परंपराओं का पालन करना हमारे लिए बहुत जरूरी है। हम ऋषि परम्परा के अनुगामी है संस्कृत देववाणी है देवता शब्द बोलना मुस्लिम अध्यापक यासीन खान को हराम है शैतान है।

 यह भ्रष्टाचार का स्पष्ट संकेत है. कथित भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने के लिए ही पूरे मामले को हिंदू-मुस्लिम एंगल दे दिया गया है। बेवजह हिंदुओं को बदनाम किया जा रहा है।
यह कलंकित कलुषित अपवित्र करने वाला निर्णय कुलपति  प्रोफेसर मुरली मनोहर पाठक हैं। यह ग़लत है ग़लत है ग़लत है क्या आपको कोई सनातनी छात्र नही मिला नियुक्ति के लिए।
☪️☪️❌❌❌❌ चाँद मियां कुलपति

निवेदन- समस्त सनातनी राष्ट्रवादी संगठनों तथा भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय श्रीमान प्राधानमन्त्री जी तथा वर्तमान सरकार के सभी मुख्यियाओं से निवेदन करता हूं इस निर्णय का संज्ञान लिया जाए इस चाँद मियां कुलपति को शीघ्रातिशीघ्र पद से हटाया जाए।❌❌❌

नोट_"" इस विज्ञप्ति को इतना शेयर करें कि इस मुस्लिम मानसिक्ता वाले व्यक्ति को सनातनी समाज के समाने कलुषित किया जाए""



[8/20, 7:04 PM] +91 खालि!स्तान की मांग पर इन्दिरा गांधी ने जान दे दी, फिर क्यों गांधी परिवार पर देश के टुकड़े करने का इल्ज़ाम लगता है ?*

*किस भ्रम में हो आप ?*

*पंजाब में भिंडरावाले को किसने खड़ा किया था ? और इंद्रा ने कब खालिस्तान के कारण जान "दी" थी?* 

*👉अगर आपकी स्मृति कमजोर नहीं है तो आपको याद होगा की इंदिरा गाँधी,...... करपात्री जी महाराज के पास पीएम बनने का आशीर्वाद लेने गई थी....... क्योंकि करपात्री जी महाराज का आशीर्वाद कभी निष्फल नहीं जाता था।*

*👉👉तब करपात्री जी ने कहा था कि मैं आशीर्वाद तो दे दूँगा लेकिन मेरी एक शर्त है कि पीएम बनते ही सबसे पहले गो हत्या के विरुद्ध कानून बना कर गौ हत्या बंद करनी होगी,*

*इंदिरा जी ने वादा किया कि पीएम बनते ही सबसे पहला कानून गौ हत्या के विरुद्ध बनाऊँगी और देश में गौ हत्या बिलकुल बंद कर दूँगी। करपात्री जी महाराज के आशीर्वाद से इंदिरा गाँधी पीएम बनी।*

इसके करीब दो महीने बाद करपात्री जी महाराज इंदिरा जी से मिले और उनका वादा याद दिला कर गौ हत्या के विरुद्द कानून बनाने के लिए कहा तो *इंदिरा जी ने कहा कि महाराज जी अभी तो मैं नई नई हूँ, कुछ समय दीजिए। कुछ समय बाद करपात्री जी फिर गए और कानून की मांग की लेकिन इंदिरा ने फिर टाल दिया।*

*कई बार मिलने और वादा याद दिलाने के बाद भी जब इंदिरा ने गौ हत्या बंद नहीं की, कानून नहीं बनाया तो........ 7 नवम्बर 1966, उस दिन कार्तिक मास, शुक्‍ल पक्ष की अष्‍टमी तिथि थी,* 

*जिसे हम-आप..... गोपाष्‍ठमी नाम से जानते हैं, को देश का संत समाज, शंकराचार्य, अपने छत्र आदि छोड़ कर पैदल ही, ने आम जनता के साथ, गायों को आगे आगे करके संसद कूच किया, करपात्री जी महाराज के नेतृत्व में जगन्नाथपुरी, ज्योतिष पीठ व द्वारका पीठ के शंकराचार्य, वल्लभ संप्रदाय के सातों पीठों के पीठाधिपति, रामानुज संप्रदाय, मध्व संप्रदाय, रामानंदाचार्य, आर्य समाज, नाथ संप्रदाय, जैन, बौद्ध व सिख समाज के प्रतिनिधि, सिखों के निहंग व हजारों की संख्या में मौजूद नागा साधुओं को पंडित लक्ष्मीनारायण जी चंदन तिलक लगाकर विदा कर रहे थे।* 

*लालकिला मैदान से आरंभ होकर नई सड़क व चावड़ी बाजार से होते हुए पटेल चौक के पास से संसद भवन पहुंचने के लिए इस विशाल जुलूस ने पैदल चलना आरंभ किया। रास्ते में अपने घरों से लोग फूलों की वर्षा कर रहे थे। हर गली फूलों का बिछौना बन गया था।*

यह हिंदू समाज के लिए सबसे बड़ा ऐतिहासिक दिन था। इतने विवाद और अहं की लड़ाई होते हुए भी सभी शंकराचार्य और पीठाधिपतियों ने अपने छत्र, सिंहासन आदि का त्याग किया और पैदल चलते हुए संसद भवन के पास मंच पर समान कतार में बैठे। 

*उसके बाद से आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ। नई दिल्ली का पूरा इलाका लोगों की भीड़ से भरा था। संसद गेट से लेकर चांदनी चौक तक सिर ही सिर दिखाई दे रहा था। कम से कम 10 लाख लोगों की भीड़ जुटी थी, जिसमें 10 से 20 हजार तो केवल महिलाएं ही शामिल थीं। जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक के लोग गो हत्या बंद कराने के लिए कानून बनाने की मांग लेकर संसद के समक्ष जुटे थे। उस वक्त इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी और गुलजारी लाल नंदा गृहमंत्री थे।*

*इस सिंहनाद को देख कर इंद्रा ने सत्ता के मद में चूर होकर संतों, साधुओं, गायों और जनता पर अंधाधुंध गोलियों की बारिश करवा दी, हजारों गाय, साधु, संत और आमजन मारे गए। गोरक्षा महाभियान समिति के तत्कालीन मंत्रियों में से एक मंत्री और पूरी घटना के गवाह, प्रसिद्ध इतिहासकार एवं लेखक आचार्य सोहनलाल रामरंग के अनुसार इस गोलीबारी में कम से कम 10 हजार लोग मारे गए थे। बड़ी त्रासदी हो गई थी और इंदिरा गाँधी के लिए इसे दबाना जरूरी था।*

*ट्रक बुलाकर मृत, घायल, जिंदा-सभी को उसमें ठूंसा जाने लगा। जिन घायलों के बचने की संभावना थी, उनकी भी ट्रक में लाशों के नीचे दबकर मौत हो गई। आखिरी समय तक पता ही नहीं चला कि सरकार ने उन लाशों को कहां ले जाकर फूंक डाला या जमीन में दबा डाला। पूरे शहर में कर्फ्यू लागू कर दिया,*

*तब करपात्री जी महाराज ने मारी हुई गायों के गले से लिपट कर रोते हुए कहा था कि "हम तो साधु हैं, किसी का बुरा नहीं करते लेकिन तूने माता समान निरपराध गायों को मारा है, जा इसका फल तुझे भुगतना पड़ेगा, मैं श्राप देता हूँ कि एक दिन तेरी देह भी इसी प्रकार गोलियों से छलनी होगी और तेरे कुल और दल का विनाश करने के लिए मैं हिमालय से एक ऐसा तपस्वी भेजूँगा जो तेरे दल और कुल का नाश करेगा"।*

*जिस प्रकार करपात्री जी महाराज का आशीर्वाद सदा सफल ही होता था उसी प्रकार उनका श्राप भी फलीभूत होता था।*

*इस घटना की चर्चा गावँ गावँ में बच्चे बच्चे की जुबान पर थी और सभी इंद्रा को गालियां, बददुआएं दे रहे थे कि "हत्यारी ने गायों को मरवा दिया इसका भला नहीं होगा, भगवान करे ये भी इसी प्रकार मरे। भगवान इसका दंड जरूर देंगे"।*

अब इसे संयोग कहेंगे या करपात्री जी महाराज का श्राप कि इंद्रा का शरीर ठीक गोपाष्टमी के दिन उसी प्रकार गोलियों से चालनी हुआ जैसे करपात्री जी महाराज ने श्राप दिया था और अब नरेंद्र दामोदर दास मोदी के रूप में वह तपस्वी भी मौजूद है जो कांग्रेस का विनाश कर रहा है और जिसका खुला आव्हान है "कांग्रेस मुक्त भारत"। 

*आपको शायाद पता होगा कि मोदी ने लगभग 6 साल हिमालय में तपस्या की हुई है और वे भगवान शंकर के अनन्य भक्त है।*

*अब आप खुद सोचिये क्या ये संयोग है ?*

*1- संजय गांधी मरे आकाश में तिथि थी गोपाष्टमी* 
*2- इन्दिरा गाँधी मरी आवास में तिथि थी गोपाष्टमी*
*3- राजीव गाँधी मरे मद्रास में तिथि थी गोपाष्टमी*

अब आप सोच कर बताइए कि क्या इंदिरा गाँधी ने वास्तव में खालिस्तान के लिए जान दी थी ?
[8/20, 9:19 PM] +:

 मोदी के प्रति ईर्ष्या की अग्नि में जलते 
कांग्रेसी रोते रोते ही दुनिया से उठ जाएंगे -
जयराम रमेश याद रहे -
मोदी की वजह से राहुल गांधी 
अपने Event Management 
करता फिरता है -

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति ईर्ष्या की अग्नि में इस कदर जल रहे हैं कांग्रेस के नेता कि जिसकी कोई सीमा नहीं है - सभी ने जैसे Specialized course किए हुए हैं कि किस तरह हर बात पर मोदी की निंदा करनी है लेकिन वो अकेला इन सब पर भारी है - ये मोदी विरोध में ऐसे अंधे हो चुके हैं कि इन्हें पता ही नहीं चलता कि  कब मोदी विरोध में ये देश विरोध करने लगते हैं - 

G20 की अध्यक्षता यदि 2023 के लिए भारत को मिलना भी कांग्रेस को रास नहीं आया - इस सम्मेलन के लिए भारत अलग अलग विषयों पर चर्चा देश के अनेक शहरों में करा रहा है लेकिन कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश को यह मोदी का Event Management दिखाई दे रहा है और 2024 का चुनाव प्रचार लग रहा है - इस  “वहम” का कोई इलाज किसी के पास नहीं हो सकता और उसे केवल पागलपन के लक्षण कहा जा सकता है -

यही जयराम रमेश था जिसने नए संसद भवन के लिए कहा था कि -” The  first of  personal vanity projects. Every dictator wants to leave behind his architecture legacy, Colossal waste of money".

मोदी के हर काम को कांग्रेस आज से नहीं शुरू से Event Management कहती रही है लेकिन खुद कम कोशिश नहीं करती ऐसे ही Event Management करने की - एक तो अभी “मणिपुर” का किया, इसके पहले अडानी, पेगासस, राफेल और न जाने क्या क्या ऐसे Event Management कांग्रेस ने किए हैं - क्या राहुल की सजा पर रोक के लिए Event Management नहीं किया कांग्रेस ने - कांग्रेस के लिए तो सबसे बड़ा Event Management वो नारा लगाना है - “मोदी तेरी कब्र खुदेगी”

राहुल गांधी जीवन में कभी न श्रीनगर गया और न कभी जाने का सोचा होगा मगर कथित “भारत जोड़ो यात्रा” का Event Management मोदी के 370 हटाने की वजह से कर सका और कश्मीर की वादियों में सैर सपाटा कर सका -

अभी दो दिन के लिए लद्दाख गया हुआ है जहां कांग्रेस के राज में सड़कों की खस्ता हालत थी लेकिन आज मोदी सरकार की बनाई हुई चमचमाती सड़कों पर मोटर साइकिलों की दौड़ लगा कर Event Management कर रहा है अपने 2 केन्याई मुस्लिम दोस्तों और एक इटालियन दोस्त के साथ - ये लोग राहुल के साथ हैं तो जाहिर है, भारत के तो मित्र होंगे नहीं -
राहुल के ये दोस्त है केन्या के Shakir Mohammad Nurali Merali, Sadiq Irfan Kimani Merali और इटली के Luigi Vinci -

राहुल गांधी ने कहा है कि उसके पिता राजीव गांधी कहते थे कि पैंगोंग त्सो झील दुनिया की सबसे सुन्दर जगह है और वो उसी जगह पर अपने पिता को श्रद्धांजलि देगा - राजीव जी की मृत्यु हुए 32 साल हो गए और न जाने उसके पहले उन्होंने कब यह बात राहुल से कही होगी लेकिन 32 साल से कभी राहुल इस पैंगोंग त्सो झील को देखने नहीं गया - अब जाकर Event Management कर रहा है -

दरअसल राहुल गांधी पैंगोंग त्सो झील  इसलिए देखने गया क्योंकि वह देखना चाहता था कि कोरोना काल में उसके साथ MOU Sign करने वाले चीनी दोस्त कहां तक पहुंच सके और शायद उनके भविष्य में आने के लिए Reiki करने गया है क्योंकि तभी उसने मोदी सरकार पर वहां पहुंच कर हमला बोलते हुए कहा कि चीन यहां तक आया था -

मेरा अनुमान है कि चंद्रयान - 3 की Landing को लेकर Left Liberal Gang का Ecosystem सब  तैयारी कर चुका है कि यदि चंद्रयान - 3 सफल हुआ (जैसी आशा है) तो पूरा मीडिया और ट्विटर ऐसे  भर दिया जाएगा कि इसमें मोदी का कोई योगदान नहीं है जिससे मोदी  को कोई Credit न मिल सके और यदि सफलता नहीं मिली (जिसकी उम्मीद विरोधी कर रहे हैं) तो कैसे मोदी पर सारी जिम्मेदारी थोप दी जाए -
(सुभाष चन्द्र)
“मैं वंशज श्री राम का”
20/08/2023

उत्तरकाशी में बड़ा हादसा, गंगोत्री धाम से लौट रहे श्रद्धालुओं की बस 50 मीटर गहरी खाई में गिरी, 8 की मौत, 27 घायल*

*NEWS UPDATES (3782)*
*Sun, 20th Aug, 2023 @22.15*
Aum TV Moradabad Uttar Pradesh India 
*LEAD NEWS*
1. *पाकिस्तान में अजीब संवैधानिक संकट: राष्ट्रपति अल्वी बोले- मैंने 2 बिल ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट और आर्मी अमेंडमेंट बिल पर हस्ताक्षर ही नहीं किए, स्टाफ ने धोखाधड़ी की*
2. *उत्तरकाशी में बड़ा हादसा, गंगोत्री धाम से लौट रहे श्रद्धालुओं की बस 50 मीटर गहरी खाई में गिरी, 8 की मौत, 27 घायल*

 *WEST BENGAL*
3. *आंखों का इलाज कराकर अमेरिका से वापस कोलकाता लौटे TMC सांसद अभिषेक बनर्जी*
4. *जादवपुर यूनिवर्सिटी में राज्यपाल द्वारा अंतरिम कुलपति की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची ममता सरकार, कल हो सकती सुनवाई*  
5. *पत्नी की हत्या के आरोपी SSKM अस्पताल के डॉक्टर ने थाने में किया सरेंडर, बगदा थाने की पुलिस कर रही मामले की जांच*
6. *तारकेश्वर में खेलने के दौरान पानी में गिरने से 2 किशोरों की मौत*  
7. *सिलीगुड़ी में दर्दनाक सड़क हादसे में 2 की मौत, पिकअप वैन ने स्कूटी को मारी टक्कर*

*NATIONAL*
8. *प्याज का बफर 3 से बढ़ाकर 5 लाख मीट्रिक टन किया गया, सोमवार से सरकार 25 रुपये किलो में बेचेगी*  
9. *कोटा-पटना एक्सप्रेस में फूड पॉइजनिंग से बिगड़ी यात्रियों की तबीयत: 2 की मौत, 8 की हालत नाजुक; मथुरा जा रहा था 90 लोगों का दल*
10. *दिल्ली में 2024 की तैयारी, BJP ने सभी सात सीटें जीतने के लिए तय किए लोकसभा प्रभारी*
11. *'एजेंसियों की जांच के दबाव में BJP में शामिल हुए हमारे कई लोग', शरद पवार ने NCP के बागी धड़े पर साधा निशाना*
12. *2022 में भ्रष्टाचार की 1.15 लाख शिकायतें सतर्कता आयोग पहुंचीं: गृह मंत्रालय कर्मचारियों की 46 हजार कंप्लेन, 2021 में भी सबसे ज्यादा इन्हीं की थीं*
13. *मुंबई एयरपोर्ट पर 15 करोड़ की ड्रग्स पकड़ाई, भारतीय नागरिक और युगांडा की महिला गिरफ्तार*
14. *फिर चर्चा में आया प्रयागराज का मुस्लिम हॉस्टल, पुलिस रेड में 30 बम बरामद, मचा हड़कंप*
15. *UP: घोसी विधानसभा उपचुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी प्रत्याशी पर फेंकी गई स्याही, दारा सिंह बोले- ये बौखलाहट*
16. *राम रहीम कड़ी सुरक्षा के बीच रोहतक के सुनारिया जेल में पहुंचा, 30 दिन की पैरोल हुई खत्म*

*CRICKET*
17. *2nd T20: भारत ने आयरलैंड को 186 का टारगेट दिया, रिंकू ने 21 बॉल पर 38 रन बनाए; सैमसन ने 40, गायकवाड ने 58 रन की पारी खेली*

*INTERNATIONAL*
18. *PM मोदी 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में 22 से 24 अगस्त तक करेंगे शिरकत, जोहान्सबर्ग में चल रही तैयारियां*

*MAHANAGAR MEDIA GROUP, KOLKATA*
*खरी खरी खबरों का खजाना*

राजनीतिक अस्थिरता की भेट चढ़ता एक और प्रदेश*👉 *अपराधी बेलगाम*🤔👉 *बिहार की कानून एवं व्यवस्था*👉 *बिहार में अपराधी एवं माफिया तत्व जिस तरह

👉🤔 *राजनीतिक अस्थिरता की भेट चढ़ता एक और प्रदेश*
👉 *अपराधी बेलगाम*🤔
👉 *बिहार की कानून एवं व्यवस्था*
👉 *बिहार में अपराधी एवं माफिया तत्व जिस तरह जधनय घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, उससे यदि कुछ स्पष्ट हो रहा है!! तो यही कि इस राज्य में कानून एवं व्यवस्था को खुली चुनौती दी जा रही है!! अभी चंद दिन पहले पशु तस्करों ने एक दरोगा  की गोली मारकर हत्या कर दी थी और अब ओररिया में दैनिक जागरण के पत्रकार विमल कुमार यादव को अपराधियों ने उनके घर जाकर उन्हें गोलियों से भून दिया!!🤔 वह अपने भाई की हत्या के मामले में इकलौते गवाह थे !! यह मानने के अच्छे भले कारण हैं कि उनके भाई के हत्यारो ने ही उनकी जान ली !!🤔 कायदे से उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराई जानी चाहिए थी, लेकिन कोई नहीं जानता कि इसकी मांग करने के बावजूद उन्हें सुरक्षा क्यों प्रदान नहीं की गई!!❓🤔 हाल के दिनों में बिहार में अपराधी तत्व जिस तरह बेखौफ हुए हैं और उन्होंने अपने दुस्साहस का जैसा परिचय दिया है , उससे राज्य की कानून एवं व्यवस्था लचर ही दिखने लगी है!! इस पर हैरानी नहीं की हत्या और लूट की बढ़ती घटनाओं के चलते विपक्षी दलों के नेता बिहार में जंगल राज की वापसी की बात कर रहे हैं*!!
👉 *यह एक विडंबना ही है की बिहार में अपराधी तत्वों की बढ़ती गतिविधियों के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह कह रहे हैं की विरोधी दलों के नेता कानून एवं व्यवस्था की खराब होती स्थिति को लेकर फर्जी दावे कर रहे हैं!!?❓🤔 उनका आकलन कुछ भी हो, गंभीर अपराध की बढ़ती घटनाएं कुछ और ही बयां कर रही है!!🤔 बिहार में केवल पशु तस्करी में लिपत माफिया ही बे लगाम नहीं है ,🤔बल्कि खनन माफिया के साथ-साथ शराब माफिया भी बेखोफ हैं!!🤔 बिहार सरकार कुछ भी दावा  करें, शराब माफिया ने शराबबंदी को पूरी तरह विफल कर दिया है!! राज्य में अवैध तरीके से शराब बिक्री का एक पूरा नेटवर्क  बन गया है!! एक तथ्य यह भी है कि बेलगाम अपराधी पुलिस को भी निशाना बना रहे हैं!! हाल में बिहार के अपर महानिदेशक ने स्वीकार किया था की पुलिस पर हमले के मामले बढ़े हैं!!🤔 उन्होंने माना कि यह हमले तब अधिक होते हैं जब पुलिस किसी बड़े अपराधी को पकड़ने जाती है या फिर शराब माफिया के खिलाफ छापेमारी होती है!!🤔 एक समय था जब नीतीश कुमार का शासन सुशासन के लिए जाना जाता था ,लेकिन आज ऐसी स्थिति नहीं है !!🤔इसके पीछे के कारणों की न केवल पहचान करनी होगी, बल्कि उनका निवारण भी करना होगा !!वास्तव में बिहार ही नहीं, अन्य अनेक राज्यों को भी कानून एवं व्यवस्था के प्रति और अधिक सजग सक्रिय होना होगा!!🤔 कानून एवं व्यवस्था पूरी तरह राज्यों का विषय है, इसलिए उसे ठीक रखना भी राज्य सरकारों का ही दायित्व है!! बिहार समेत जिन भी राज्यों में अपराधी तत्व कानून एवं व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं, वहां के शासको को यह समझना ही होगा कि जब ऐसा होता है तो आम लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ती ही है !!🤔आर्थिक प्रगति भी बाधित होती है*!!🤔
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👉 *जिंदगी से खिलवाड़* 🤔
👉 *यदि किसी निजी अस्पताल में पूर्णकालिक डॉक्टर नहीं है , तो उसकी मान्यता रद्द की जानी चाहिए* !!
👉 *यह प्रशासनिक स्तर की लापरवाही और उदासीनता ही है की राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मानकों के विपरीत निजी अस्पतालों के खिलाफ जोर-शोर से अभियान चलाया गया ,🤔लेकिन स्थिति में सुधार न हो सका !! यह तो बहुत ही गंभीर मामला है की एक निजी अस्पताल में इंटर पास छात्राएं अस्पताल चलाती मिली !!🤔 वस्तुत: यह सिर्फ राजधानी का यह हाल नहीं है, प्रदेश के अन्य नगरों में भी कई अस्पतालों ने नामी डॉक्टरों की नेम प्लेट और उनकी डिग्रीया तो लटकी रखी है,🤔 लेकिन उनकी उपस्थिति नहीं होती!!🤔 मानकों के पालन के प्रति भी कोई गंभीरता नहीं पाई जाती!! लखनऊ में सीएमओ की टीम ने जांच की तो 2 अस्पतालों में किसी पूर्णकालिक डॉक्टर की नियुक्ति तक नहीं पाई गई और मरीज भर्ती थे!!?❓🤔 निश्चित तौर पर यह मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ है!! यदि किसी निजी अस्पताल में पूर्णकालिक डॉक्टर नहीं है ,तो उन की मान्यता रद्द की जानी चाहिए !!🤔कुछ माह पहले   (❓ स्टिंग ऑपरेशन❓)   में भी ऐसे कई निजी अस्पतालों के बारे में भी बताया गया था जो ट्रामा सेंटर का बोर्ड लगाकर संचालित किए जा रहे थे ,🤔लेकिन वहां चिकित्सीय सुविधाएं सामान्य क्लिनिको जैसी भी नहीं थी*!!🤔 
👉 *निजी अस्पतालों पर शिकंजा कैसे जाने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की मशीनरी को भी और सक्रिय की जाने की जरूरत है ताकि लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े!! एटा में 15 बार एंबुलेंस सेवा 102 को फोन करने के बाद एक गर्भवती महिला को टेंपो से अस्पताल जाने के लिए मजबूर होने की घटना विभागीय कार्यशैली पर बहुत बड़ा सवाल है!!❓🤔 लोगों को चिकित्सीय सुविधा सहजता से उपलब्ध कराने के लिए ही राज्य सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है, लेकिन कुछ कर्मचारियों की लापरवाही पूरे विभाग को शर्मसार करती है!!🤔 रायबरेली में डलमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीज से अभद्रता का प्रकरण भी सामने आया!!🤔 उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए हैं,🤔 लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसा दोबारा ना हो!!?❓🤔 मरीजों के प्रति स्वास्थ्य कर्मियों का व्यवहार संवेदना पूर्ण होना चाहिए!! 🤔 उनसे दुर्व्यवहार तो कतई अनुचित कृतय है*
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