Friday, 1 July 2022

देश मे आज से सिंगल यूज़ प्लास्टिक हुई बैन, 500 से 2000 रुपये तक का लग सकता है जुर्माना/अब झोला ले के चलो,प्लास्टिक पर आज से बैन, मार्केट जाने से पहले दें ध्यान

अब झोला ले के चलो,प्लास्टिक पर आज से बैन, मार्केट जाने से पहले दें ध्यान
सिंगल-यूज प्लास्टिक आमतौर पर ऐसी वस्तुएं होती हैं जिन्हें केवल एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है और रीसाइक्लिंग प्रक्रिया के लिए नहीं जाता है। प्लास्टिक प्रदूषण में इनका बड़ा योगदान है।

 July 1, 2022
अब झोला ले के चलो,प्लास्टिक पर आज से बैन, मार्केट जाने से पहले दें ध्यान


 प्लास्टिक की बर्बादी को कम करने के लिए केंद्र द्वारा चुनिंदा सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध आज से लागू हो गया है। सिंगल-यूज प्लास्टिक आमतौर पर ऐसी वस्तुएं होती हैं जिन्हें केवल एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है और रीसाइक्लिंग प्रक्रिया के लिए नहीं जाता है। प्लास्टिक प्रदूषण में इनका बड़ा योगदान है।

राज्य सरकारें एक अभियान शुरू कर ऐसी वस्तुओं के निर्माण, वितरण, भंडारण और बिक्री से जुड़ी इकाइयों को बंद कराने की पहल करेंगी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत जुर्माना, जेल की अवधि या दोनों शामिल हैं।

अधिकारियों ने कहा कि प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। प्रतिबंधित एसयूपी वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग की जांच के लिए विशेष प्रवर्तन दल गठित किए गए हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी प्रतिबंधित एसयूपी वस्तु की अंतरराज्यीय आवाजाही को रोकने के लिए सीमा चौकियां स्थापित करने का भी आदेश दिया गया है
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने लोगों की मदद लेने के लिए एक शिकायत निवारण ऐप भी शुरू किया है। अधिकारियों ने कहा कि एफएमसीजी क्षेत्र में पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इसे विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व (ईपीआर) दिशानिर्देशों के अंतर्गत रखा जाएगा। पिछले साल 12 अगस्त को इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई थी।

ये वस्तुएं शामिल :
एसयूपी वस्तुओं में ईयरबड, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक की छड़ें, झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर और स्टिरर रैपिंग या पैकेजिंग शामिल हैं।

पीएम मोदी ने किया था आह्वान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 तक एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को चरणबद्ध करने के आह्वान के अनुरूप पर्यावरण मंत्रालय ने 12 अगस्त 2021 को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 को जारी किया था






देश मे आज से सिंगल यूज़ प्लास्टिक हुई बैन, 500 से 2000 रुपये तक का लग सकता है जुर्माना

देश में आज यानि 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक की कुल 19 वस्तुओं पर यह प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें थर्माकोल से बनी प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, मिठाई के बक्सों पर लपेटी जाने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारे की छड़ें और आइसक्रीम पर लगने वाली स्टिक, क्रीम, कैंडी स्टिक और 100 माइक्रोन से कम के बैनर शामिल हैं।


अगस्त 2021 में अधिसूचित नियम और 2022 के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध रूप से समाप्त करने के भारत के प्रयासों के तहत 31 दिसंबर, 2022 तक प्लास्टिक कैरी बैग की न्यूनतम मोटाई को मौजूदा 75 माइक्रोन से 120 माइक्रोन में बदल दिया जाएगा। मोटे कैरी बैग सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करने के उद्देश्य से लाए जाएंगे। मंत्रालय ने कहा कि प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे और अधिकारियों की टीम को प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के अवैध उत्पादन, आयात, वितरण, बिक्री रोकने का काम सौंपा जाएगा।

भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक

सालाना 2.4 लाख टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है
भारत में 18 ग्राम प्रति व्यक्ति खपत है
वैश्विक स्तर पर 28 ग्राम प्रति व्यक्ति खपत है
60 हजार करोड़ रुपये का है प्लास्टिक उद्योग
इसके निर्माण में 88 हजार इकाइयां लगी हैं
प्लास्टिक उद्योग से 10 लाख लोग जुड़े हैं
सालाना एक्सपोर्ट 25 हजार करोड़ रुपये


500 से दो हजार रुपये का जुर्माना होगा
एक जुलाई से आम लोगों पर प्रतिबंधित उत्पादों का इस्तेमाल करने पर 500 से दो हजार रुपये का जुर्माना होगा। वहीं, औद्योगिक स्तर पर इसका उत्पाद, आयात, भंडारण और बिक्री करने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत दंड का प्रावधान होगा। ऐसे लोगों पर 20 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर पांच साल की जेल या दोनों सजा भी दी जा सकती है। उत्पादों को सीज करना, पर्यावरण क्षति को लेकर जुर्माना लगाना, इनके उत्पादन से जुड़े उद्योगों को बंद करने जैसी कार्रवाई भी शामिल है।

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