Thursday, 13 March 2025

यह एक विज्ञान से जुड़ी पोस्ट है...शुक्राणुओं की दौड़ से जुड़ी...लेकिन कमाल है...एक अच्छे स्तर का मोटिवेशन मिला इससे...

यह एक विज्ञान से जुड़ी पोस्ट है...
शुक्राणुओं की दौड़ से जुड़ी...

लेकिन कमाल है...
एक अच्छे स्तर का मोटिवेशन मिला इससे...

शुक्रिया मोनिका जी...
इस ख़ूबसूरत पोस्ट को ड्राफ्ट करने,हम तक पहुंचाने के लिए...

#पी_बी_सी_क्रिएशन_भारत 

■ विज्ञान कहता है कि एक नवयुवक स्वस्थ पुरुष यदि सम्भोग करता है तो, उस समय जितने परिमाण में वीर्य निर्गत होता है उसमें चालीस से नब्बे करोड़ शुक्राणु होते हैं। 
यदि इन्हें स्थान मिलता, तो लगभग इतने ही संख्या में बच्चे जन्म ले लेते ! 

वीर्य निकलते ही ये अस्सी नब्बे करोड़ शुक्राणु पागलों की तरह  गर्भाशय की ओर दौड़ पड़ते हैं...
भागते भागते लगभग तीन सौ से पाँच सौ शुक्राणु पहुँच पाता है उस स्थान तक...

बाकी सभी भागने के कारण थक जाते हैं... बीमार पड़ जाते हैं और मर जाते हैं.

और यह जो जितने डिम्बाणु तक पहुंच पाया, उनमे से केवल मात्र एक महाशक्तिशाली पराक्रमी वीर शुक्राणु ही डिम्बाणु को फर्टिलाइज करता है यानी कि अपना आसन ग्रहण करता है.

और यही परम वीर शक्तिशाली शुक्राणु ही आप हो, मैं हूँ , हम सब हैं !!

कभी सोचा है इस महान घमासान के विषय में ? 
इस महान युद्ध के विषय में ? 

आप उस समय भाग रहे थे...तब जब आपकी आँखें नहीं थी, हाथ पैर सर दिमाग कुछ भी नहीं था...
फिर भी आप विजय हुए थे !!

आप तब दौड़े थे जब आप के पास कोई सर्टिफिकेट नहीं था। किसी नामी दामी कॉलेज का नाम नहीं था...
आप का कोई पहचान ही नहीं था।

फिर भी आप जीत गए थे !!!

आप तब दौड़े थे...
जब आप न हिन्दू थे न मुसलमान... 
न भक्त न भगवान...

फिर भी आप जीत गए !!

बिना किसी से मदद लिए बिना किसी के सहारे खुद अपने बलबूते पर विजय को प्राप्त हुए थे ! 

उस समय आप भागे थे दौड़े थे जब आप का एक निर्दिष्ट गन्तव्य स्थल था...उसी की ओर लक्ष्य था...आप का संकल्प बस उस तक पहुंचना था...थके बिना एकाग्र चित्त से आप भागे दौड़े और उद्देश्य पूरा किये, गन्तव्य तक पहुंच गए !

अस्सी नब्बे करोड़ शुक्राणुओं को आप ने हरा दिए थे ! 
हैं न ? 

और आज देखो ? 

थोड़ा बहुत भी तकलीफ या परेशानी आई, और आप घबरा जाते हैं...निराश हो जाते हैं...हाल छोड़ बैठ जाते हैं...

क्यों आप अपना उस आत्मविश्वास को गँवा बैठते हैं ?? 

अभी तो सब हैं आप के पास हाथ पैर से मष्तिष्क दिमाग से लेकर परिवार भाई बहन सब हैं !
 मेहनत करने के लिए हाथ पैर हैं... 
प्लानिंग के लिए दिमाग है...
 बुद्धि है... शिक्षा है...सहायता के लिए लोग हैं !

फिर भी आप निराश हो जीवन को नरक बना बैठे हैं !!

जब आप जीवन के प्रथम दिन...प्रथम युद्ध नहीं हारे तो आज भी हार मत मानिये !

आप पहले भी जीते थे...
आज भी और कल भी जीतेंगे...

ऐसा मुझे विश्वास है...आप पर 🙏

Monnika Johari साभार 🙏

प्रस्तुति...

#पी_बी_सी_क्रिएशन_भारत 

के लिए...

#प्रदीप_इटावा_वाला 

(9761453660)

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